पत्रकार


कालिया के सामने एक्सीडेंट हो जाता है। पत्रकारों ने एक बेहोश घायल व्यक्ति को जबरन कालिया की कार मे डाल कर अस्पताल ले जाने का निवेदन करते हैं। 
     कालिया अस्पताल ले जाता है । बेहोश घायल व्यक्ति को भर्ती करवाता है। तभी पुलिस आ जाती है और कालिया से पुछताछ करती है। परन्तु कालिया को जाने नहीं देती है । कालिया को कार सहित थाने ले आती है। कालिया सारी रात थाने मे रहता है । सुबह होने पर कालिया ने पुलिस से निवेदन किया :-
     " मैं सारी रात से भुखा हूँ  मुझे नाश्ते के लिए बाहर जाने दे । "
     पुलिस - " ठीक है ! आप की कार थाने मे ही रहेगी । " कालिया बाहर आ कर नाश्ता करता है तभी पत्रकार मिल जाते है । कालिया सारी बातें पत्रकारों को बता देता है। पत्रकार भी एसपी , डीएसपी आदि से सम्पर्क कर के सारी घटना की जानकारी देते हैं । तभी थाने से पुलिस वाला आया और कालिया से कहने लगा - " आप अपनी कार लेकर जा सकते है । " कालिया तुरन्त अपनी कार थाने से लेकर बाहर आता है। पत्रकार बताते है कि वह बेहोश घायल व्यक्ति ने अभी अभी दम तोड़ दिया है । 
     कालिया सोचने लगता है कि पत्रकार नहीं मिले होते तो मेरा क्या होता ?  ००


Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

लघुकथा - 2023 ( ई - लघुकथा संकलन )