क्या सरकारी व प्राईवेट स्कूलों की शिक्षा एक जैसी नहीं होनी चाहिए ?

" आज की चर्चा " में विषय की उपयोगिता युवा पीढ़ी से सम्बंधित है । फिर भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है ।
सरकारी व प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा एक जैसी होनी चाहिए । तभी देश में समानता आयेगी । परन्तु वर्तमान में स्थिति एक दम उलट है । आप सभी का इस ओर ध्यान आकर्षित करना ही उद्देश्य है :-

  होना तो चाहिए पर कैसे हो जब दशकों से सत्ता में बैठे या उसके आसपास के लोगों ने  गगन चुम्बी शून्य सितारा से लेकर पांच सितारा तक मार्ग सुगम किया हो सरकारी स्कूलों व उसके पाठ्यक्रम में अनावश्यक हस्तक्षेप कर कम किया हो शिक्षण के अतिरिक्त अन्य कार्य वरीयता में हों तब प्रश्न सबके लिए
                                              - शशांक मिश्र भारती

शिक्षा का महत्व सभी के लिए समान होता है।प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम एक ही होना चाहियें।बदलती परिस्थितियों में प्रतियोगिता का दौर काफी प्रबल है, ऐसे में सरकारी स्कूल के बच्चों में हीनभावना का संचार होता है।चाहे वह कितने भी होशियार हो।अनुशासन, एकता,और समरसता की भावना को देखते हुये।सरकारी स्कूलों में शिक्षा को समानता का पूर्ण अधिकार हो।और आरक्षण जैसे मुद्दों को जातिवाद से ना जोड़कर एकता की भावना हो।ताकि एक समाज एक राष्ट्र और एक देश एक शिक्षा, एक अधिकार के साथ बढ़े,पढ़े और एक उज्ज्वल भविष्य में देश के लिए सहायक बने ।इस कड़ी में जितने भी आई. ए.एस और आई.पी.एस और राजनेताओ के बच्चों को भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा अनिर्वाय करना चाहिए।ताकि सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का स्तर समान हो जाएगा ऐसा मेरा विचार है।
                                     -  वन्दना पुणतांबेकर
                                         इंदौर (म.प्र)

सरकारी और प्रायवेट स्कूल में शिक्षा समान होनी चाहिये पर हो कैसे? क्योंकि एक हिन्दी और दूसरा अंग्रेजी भाषा में है और हिन्दी से तो बच्चे ऐसे नाक-भौं सिकोड़ते हैं मानो वह अपनी नहीं विदेशी भाषा हो!
                              - दर्शना जैन
                खण्डवा - मध्यप्रदेश
 दोनों की शिक्षा एक होनी चाहिए, बशर्ते उसे एक रहने दिया जाए। निजी स्कूल की बनिस्पत सरकारी विद्यालय में गैर शैक्षिक कार्यों का बोझ अधिक रहता है। शिक्षा की गुणवत्ता और निजी विद्यालयों से तुलना की बात करने से पहले इस ओर ध्यान दिया जाना अत्यावश्यक है।
                                         - अजय गोयल
गंगा सिटी - राजस्थान 

मै इस बात से पुरी तरह सहमत हूँ कि सरकारी और प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा एक जैसी होनी ही चाहिए ताकि प्रतियोगिता के इस दौर में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने आप को किसी भी तरह कम न आंके 
                 - नीलम नारंग
हिसार - हरियाणा
सरकारी व प्राईवेट स्कूलों की शिक्षा एक जैसी होना ही चाहिये।
दुःख होता है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर जिम्मेदार लोग गंभीर  नहीं दिखाई देते। सरकारी और प्राईवेट में सिर्फ फीस का हीअंतर रहे तो उचित होगा।सरकारी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा दी जानी चाहिए।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव

स्कूल सरकारी हो या गैर-, सरकारी,पाठ्यक्रम के.माध्यम से शिक्षा का पक्षपात क्योंकर होना चाहिए ?
 प्राइवेट स्कूलों को विशेषाधिकार देकर सरकार कई नई- नई समस्याओं से जूझना मःजूर करती है।ये स्कूल अपने विशेष नियम बनाकर छात्रों और शिक्षकों दोनों का आर्थिक शोषण करते हैं।एक ही जगह के छात्रों में ं भावनात्मक
 विघटन पैदा करते हुए एक गहरी खाई.खोदने का काम करते हैं।लोकतंत्र मे ं शिक्षा की यह दुर्दशा खुद को आइना दिखाने जैसा है।
                              - डा. चंद्रा सायता, इंदौर - मध्यप्रदेश

Twitter पर भी विचार दियें गयें हैं । पढ़ने के लिए लिंक को क्लिक करें : -



Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

लघुकथा - 2023 ( ई - लघुकथा संकलन )