ब्रेन ट्यूमर दिवस पर पानीपत में संवाददाता सम्मेलन

पानीपत -   वल्र्ड ब्रेन ट्यूमर दिवस पर जागरूकताबढ़ाने के लिए मैक्स सुपर स्पैशिएलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली ने पानीपत में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर डॉ.सोनल गुप्ता, डायरेक्टर, न्यूरो सर्जरी, मैक्स सुपर स्पैशिएलिटी हॉस्पिटल, और डॉ.अमरदीप कोहली, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट उपस्थित थे।

मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ.सोनल गुप्ता ने कहा कि ‘‘ब्रेन ट्यूमर, एक ऐसा ट्यूमर है, 
जिसके बारे में अधिक लोग नहीं जानते हैं। ये मस्तिष्क के किसी भी हिस्सें में ट्श्यिूज (ऊतक) के असामान्य विकास का प्रारूप है। कुछ अज्ञातकारणों से मस्तिष्क की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढऩे लगती हैं और इन ट्यूमर्स को निर्मित करती हैं। ये ट्यूमरमस्तिष्क के किसी भी हिस्से में, रीढ़ की हड्डी में या तंत्रिकाओंके किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकते हैं। ट्यूमर घातक हो सकता है यानि ये कैंसर भी हो सकता है या कैंसर रहित (सौम्य) हो सकता है। सौम्य ट्यूमर को हटाया जा सकता हैऔर वे शायद ही कभी आगे बढ़ते हैं जबकि घातक मस्तिष्कट्यूमर आम तौर पर अधिक गंभीर होते हैं और अक्सर जानको जोखिम में भी डाल देते हैं।’’ डॉ.सोनल ने बताया कि ‘‘ब्रेनट्यूमर कोई भेदभाव नहीं करते हैं। ये किसी भी आयु वर्ग, सामाजिक स्तर या किसी भी लिंग के व्यक्ति को अपनाशिकार बना सकते हैं, पर इसे अक्सर बच्चों और बुजुर्गों मेंकाफी अधिक देखा जाता है।’’

‘ब्रेन ट्यूमर्स को डॉक्टर द्वारा मरीज की मेडिकल हिस्टरी औरशारीरिक जांच और कई विशेषकृत टेस्ट्स के परिणामों केआधार पर पहचान कर निदान  किया जाता है। इन टेस्टों मेंसीटी स्कैन, एमआरआई और घावों  की बायोप्सी आदि शामिल हैं। ब्रेन ट्यूमर का कोई विशेष कारण नहीं है।

पारिवारिक इतिहास और एक्स-रेज या विकिरण की अधिकडोज भी इसके आम जोखिम कारक हैं। इस प्रकार हमलगातार ‘‘शीघ्र पहचान और निदान’’ के तथ्य पर ध्यान दे रहेहैं क्योंकि इससे मरीज के जीवित रहने की संभावना काफीबढ़ जाती है। विशेषकर मेडुलोब्लास्टोमा के मामलों (बच्चों मेंहोने वाला ब्रेन ट्यूमर) में से 90 प्रतिशत मामलों का इलाजहो सकता है, अगर उनकी पहचान जल्द हो जाए औरउपचार प्रोटोकॉल का ठीक  से पालन किया जाता है।’’

ब्रेन ट्यूमर के साथ लोगों में सिरदर्द के कारणों के बारे मेंविस्तार से जानकारी देते हुए डॉ.मनोज खनाल ने बताया किइनक्रीज्ड इंट्राकैरेनियल प्रेशर (आईआईसीपी) बढऩे कीप्रक्रिया में मस्तिष्क पर दबाव बढ़ जाता है और इसका मुख्यकारण अत्याधिक तरल बढ़ जाना, मस्तिष्क में सूजन या एकमॉस हो सकते हैं, जिसके चलते ब्रेन ट्यूमर हो सकता है।सिरदर्द, किसी व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर होने का आम शुरुआतीलक्षण है। अन्य लक्षणों में दौरे, नजर या सुनने की क्षमता मेंबदलाव, चक्कर आना, मतली और उल्टी, हथियारों और पैरोंमें कमी या होश हवास बार-बार गुम होना जैसे लक्षण इनमेंशामिल हैं।’’

डॉ.सोनल गुप्ता ने बताया कि ‘‘किसी भी प्रकार के ब्रेन ट्यूमरका मुख्य इलाज सर्जरी है। जिसमें प्रभावित ऊतकों को हरसंभव तौर पर हटा दिया जाता है। पर, अधिकांश मामलों मेंये संभव नहीं है कि इस प्रक्रिया में प्रभावित टिश्यू को पूरीतरह से निकाल दिया जाए और इसलिए इसके बाद केइलाज में रेडिएशन थैरेपी का उपयोग किया जाता है औरकीमोथैरेपी का उपयोग किया जाता है या इन इलाजप्रद्धतियों का मिश्रण उपयोग में लाया जाता है।’’ उन्होंनेसलाह दी कि ‘‘ ऐसी कोई सावधानी नहीं है जिस पर अमलकर ब्रेन ट्यूमर को रोका जा सकता है। ये भी सलाह दी जातीहै कि इसकी जल्द पहचान के लिए नियमित जांच करवाईजाए क्योंकि जल्द पहचान से इलाज में अधिक जटिलताओंसे बचा जा सकता है।’’

इस मौके पर डॉ.अमरदीप कोहली, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट,ऑप्ररेशंस, मैक्स सुपर स्पैशिएलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि मैक्स सुपर स्पैशिएलिटी हॉस्पिटल,  हरियाणा सरकार, ईसीएचएस, सीजीएचएस, डीजीएचएस और सभी प्रमुख कॉर्पोरेट्स के साथ इम्पैनल्डहैं और न्यूरो और स्पाइन एलीमेंट्स के लिए सभी प्रकार कीनॉन-इनवेसिव एवं सर्जीकल इलाज को मैक्स में एक ही जगह पर प्रदान किया जा रहा है।



     

       

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