ये बात लगभग 1986 की है । जब मै आई . बी .कालेज में पढता था । मेरे पिताजी ने मेरे नाम से स्टेट बैंक आफ इण्डिया , इडस्ट्रीज एरिया , पानीपत से लोन ले रखा था । मेरे पिताजी ने मुझे दस हजार रुपये बैंक में जमा करवाने के लिए दिये और मैंने कालेज के खाली पीडें मे बैंक में जाकर जमा करवा दियें । कुछ दिनों के बाद मेरे पिताजी बैंक में चल गये थे । बैंक कर्मचारी विनोद लिखा ने खाता देखकर बताया कि खाते में दस हजार रुपये जमा नहीं है । तुरंत मेरे पिताजी घर आये और मुझे से पूछताछ शुरू हुई । मैंने बैंक में जमा रसीद का हवाला दिया । परन्तु बैंक रसीद मेरे और मेरे पिताजी के बीच गुम हो गई । काफी ढूंढने पर भी नहीं मिली और मुझे मेरे पिताजी ने बहुत पीटा , जिसके कारण से मुझे बुखार भी हो गया । शाम को मेरा छोटा भाई नरेन्द्र , जो नीलोखेड़ी पढता था । वह भी आ गया । उसे भी सारी बात का पता चल । वह काफी सोचने के बाद , मम्मी से बोला कि मेरा मन नहीं मानता कि भाई ने चोरी की है । मम्मी से बोला कि आप एक बार भाई को लेकर बैंक अवश्य जाये और भाई , जो ...