13 वर्षीय कृष्णेंदु का सुसाइड नोट


                  13 साल का कृष्णेंदु अब नहीं रहा
    उसका गुनाह? सड़क पर पड़ा  चिप्स पैकेट उठाना

“पश्चिम बंगाल के पंसकुरा में चोरी के आरोपी 13 वर्षीय किशोर ने आत्महत्या कर ली। दुकानदार ने उसे चोर कहा, थप्पड़ मारे, सार्वजनिक अपमान किया। 
      माँ ने भी डाँटा। मासूम बच्चा टूट गया। उसने सुसाइड नोट में लिखा: ‘माँ, मैंने चोरी नहीं की। मुझे कुरकुरे पसंद थे। मुझे माफ कर देना।’
       सीसीटीवी ने सच दिखाया - वो चोर नहीं था। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।  एक बच्चे की जान सिर्फ़ अपमान और ग़लतफ़हमी की भेंट चढ़ गई।
        हमारा समाज कब बदलेगा? बच्चों का मन कोमल होता है। उनकी ग़लतियों को प्यार से समझाओ, डाँट और मार से नहीं। कृष्णेंदु की माँ का दर्द, उसका सुसाइड नोट - ये हर माता-पिता के लिए सबक है। 

Comments

Popular posts from this blog

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

दुनियां के सामने जन्मदिन

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?