काशी के करोड़पति साहित्यकार का वृद्धाश्रम में निधन

साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल

       वाराणसी के मशहूर साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का वृद्धाश्रम में निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार करने बेटा और बेटी भी नहीं आए। वे 400 से अधिक किताबें लिख चुके हैं और 80 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक थे। बाहरी लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया है। विनम्र श्रद्धांजलि! 

     विश्वास तो नहीं हो रहा     

      वाराणसी के मशहूर साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का वृद्धाश्रम में निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार करने बेटा और बेटी भी नहीं आए। वे 400 से अधिक किताबें लिख चुके हैं और 80 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक थे। बाहरी लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया है। विनम्र श्रद्धांजलि! 

नौ महीने पहले बेटा-बेटी ने घर से निकाला: अंतिम संस्कार में भी नहीं आया परिवार

          साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का निधन हो गया। एक बार पत्रकार के पूछने पर  उन्होंने कहा था- पुराना कुछ नहीं पूछिएगा। वो सब अतीत था, जिसे मैंने खत्म कर दिया। अब नया खंडेलवाल है, जो सिर्फ किताबें लिख रहा है। जब तक सांस है, कलम चलती रहेगी। खंडेलवाल काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में 17 मार्च, 2024 से रह रहे थे। श्रीनाथ खंडेलवाल ने 28 दिसम्बर 2024 को सुबह 9 बजे वाराणसी के 'दीर्घायु अस्पताल' में अंतिम सांस ली। इसके बाद भी उनके घर से कोई नहीं आया।

      सूचना मिलते ही अमन कबीर दोस्तों के साथ अस्पताल पहुंचे। साहित्यकार को मुखग्नि दी और पिंडदान किया। ये श्रीनाथ खंडेलवाल की तीन महीने पुरानी तस्वीर है। तीन महीने में उन्हें कई बार अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ा था। अंतिम संस्कार में भी नहीं आया परिवार अमन कबीर ने ही हीरामनपुर के काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में खंडेलवाल को रखवाया था। खंडेलवाल मार्च 2024 से यहां रह रहे थे। वृद्धाश्रम के केयर टेकर रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने बताया, उन्हें 25 दिसंबर को सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत और किडनी की समस्या के कारण अस्पताल में एडमिट कराया गया। यहां इलाज के दौरान उनका  देहांत हो गया। रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने तुरंत इसकी सूचना अमन कबीर को दी। अमन कबीर ने बताया- यहां आने के बाद सबसे पहले कमिश्नर कौशल राजा शर्मा को घटना की जानकारी दी गई। जिस पर उन्होंने परिजनों को सूचना देने को कहा। श्रीनाथ खंडेलवाल के बेटे को फोन किया गया तो उसने आने में असमर्थता जताई। कहा- मैं बाहर हूं, नहीं आ सकता है। इसके बाद उनकी बेटी को फोन किया गया, लेकिन उसने भी फोन नहीं उठाया। न ही मैसेज का कोई जवाब दिया। अमन कबीर ने बताया, इसके बाद हम लोग शव लेकर सराय मोहना घाट पहुंचे और उनका अंतिम संस्कार किया। मैंने पिडंदान किया, इसके बाद अजय कुमार के साथ उन्हें मुखाग्नि दी।

      श्रीनाथ खंडेलवाल ने पत्रकार को बताया था कि ​​​​​उनका बेटा बड़ा बिजनेसमैन और बेटी सुप्रीम कोर्ट में वकील है। दामाद भी वकील है। उनके पास करीब 80 करोड़ की प्रॉपर्टी है। जिसे हड़प कर बेटे-बेटी ने उन्हें घर से निकाल दिया।अमन कबीर ने बेटा बनकर किया अंतिम संस्कार और पिंडदान।

      काशी में जन्म व सैकड़ों किताबें ऑनलाइन खंडेलवाल की उम्र 80 साल थी। गुलाम भारत में पैदा हुए खंडेलवाल ने बताया था- 10वीं फेल हूं और 15 साल की उम्र से किताबें लिख रहा हूं। ज्यादातर किताबें, अन्य किताबों और पुराणों का ट्रांसलेशन है। इसमें मुझे महारथ है।अभी तक 400 किताबें लिख चुका हूं। जिनमें कई पुराण भी हैं। शिव पुराण के 5 वॉल्यूम हैं, जो ऑनलाइन हैं। उसकी कीमत 6 हजार से ज्यादा है। ऐसी ही सैकड़ों किताबें ऑनलाइन हैं, लेकिन फिर भी घर से बेघर हूं।कहा ये भी जा रहा था कि इन्होंने पद्मश्री सम्मान लेने से मना कर लिया था।

है। 

        घर वाले थे अब नहीं हैं, उसे भूतकाल कर दें आप वृद्धाश्रम आने के बाद  पत्रकार से उन्होंने बताया था- प्रभु ने भेजा है, इसलिए यहां हूं। सबको प्रभु भेजता है। कोई अपने से कहीं नहीं जा सकता। अब यहां रहना है और यहीं लेखन करना है। जब उनसे घर के बारे में पूछा तो बोले- मना किया था न आप को, घर-वर न पूछिए। उन्हें अब भूतकाल कर दीजिए। अब उसके बारे में कुछ मत पूछिए।

3000 पन्नों का लिखा है मत्स्य पुराण कितनी किताबें लिखी हैं, कौन-कौन सी बताऊं। मत्स्य पुराण लिखी है, जो 3000 पन्नों की है। इसके अलावा शिव पुराण, पद्म पुराण लिखा। हिंदी, संस्कृत के अलावा असमी और बांग्ला में भी लिखा। अभी नरसिंह पुराण का अनुवाद हिंदी में कर रहा हूं। जल्द ही वह भी छप जाएगी। परन्तु यह इच्छा उनकी अधूरी रह गयी।



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