श्री हनुमान जन्मोत्सव - 2025

जैमिनी अकादमी द्वारा श्री हनुमान जन्मोत्सव - 2025 के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन फेसबुक पर रखा है । जिसमें अनेक काव्य रचनाएं आई । जिन में कुछ रचनाएं विषय अनुकूल नहीं पाईं गईं हैं । बाकि रचनाएं श्रेष्ठ व संतोषजनक पाई गई।‌ अतः विषय अनुकूल रचनाओं को डिजिटल सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया।‌ रचनाओं के साथ डिजिटल सम्मान पत्र पेश हैं :-

          राम भक्त हनुमान


पवनपुत्र हनुमान तुम बल बुद्धि के दाता।

हर समय राम राम जपते राम ही भाग्य विधाता।।

 जानकी को हर ले गया रावण दुखी भये राम भ्राता। 

खोजते खोजते जानकी को अंजनी गिर पंहुचे दाता।। 

पवनपुत्र ब्राह्मण भेष धारण कियो निकट पंहुचे विधाता। 

भेद लिन्हों जब सामने मिला आराध्य सिर झुक जाता।। 

पवनपुत्र का हर पल हर रोम रोम जय श्रीराम गाता। 

भक्त भगवान का मिलन पंपा में आनन्दमयी हो जाता।।

हनुमान हर कार्य में अपने आराध्य को पहल दे जाता।

श्रद्धा विश्वास भक्त हनुमान का श्री राम को खुशी दे जाता।। 

राम जानकी खोज के लिए हनुमान से मदद मांगता। 

हनुमान निज को तुच्छ मानकर काम होने का वर मांगता।।

निज अंगूठी राम पवनपुत्र को दे जानकी को पहचान बताता।

अंगूठी ले हनुमान राम दूत बनकर आनंदमयी हो जाता।। 

सीता मैया की तलाश में सागर पार कर पंहुच जाता।

खोजा मैया को लंका में हर जगह पंरतु अशोक वाटिका में पाता ।। 

मैया को राम दूत बता अंगूठी दिखा विश्वास दिलाता । 

भूख लगने पर उछल कूद कर सारी वाटिका के फल खा जाता।। 

राम दूत ने राम शक्ति दिखा रावण सूत अक्षय मार डाला। 

पवनपुत्र ने राम कृपा से विभीषण को अपना सखा लिया बना।।

हनुमान की पूंछ को लगी आग तो सारी लंका को दिया जला।

राम रावण युद्ध में लक्ष्मण मूर्छा में राम का दिल दुखी हुआ।। 

विभीषण ने वैद्य सूरसेन को बुला मूर्छा जागृति हल चाहा।

हिमालय की बूटी संजीवनी प्राण रक्षा का हल वैद्य बोला।। 

हर मुसीबत हल करने वाले मारुति को यह भार सौंपा।

मारुति ने औषधि समय से ला भ्राता के लिए प्राण बचा।। 

मारुति नंदन राम राम जपते हर समय हर पल गुण गाता । 

काम खुद करें राम को सर्वस्व अर्पित कर मारुति नम्र हो जाता।। 


 - हीरा सिंह कौशल 

 सुंदरनगर - हिमाचल प्रदेश 

     

           घनाक्षरी



अंजनी के लाल तुम

पापियों के काल तुम

राम काज करने को 

सदा ही तैयार है।


जानकी की खोज कर

राम काज पूर्ण कर

राम राम सुमर के 

सिंधु किया पार है ।


लंका को है जार दिया 

बाटिका उजाड़ दिया 

रावण को घर में ही 

दिया ललकार है ।


हरे राम हरे राम

राम राम हरे हरे

राम नाम शक्ति  सदा 

भरत हुंकार है


- बबिता चौबे शक्ति

दमोह - मध्यप्रदेश                

     

  जय श्री राम जय हनुमान 


हस्त जोड़  करते नमन, नित्य  करें  गुणगान।

जन-जन तुम्हें पुकारता, कृपा करो  हनुमान।।        


पूजें   पवन पुत्र   चरण, जन्मोत्सव पर आज।

विघ्न बाधा सबहिं मिटे, बन जायें सब  काज।। 

आज समय विपरीत है, हारे   सभी    सुजान।

जन-जन तुम्हें पुकारता, कृपा  करो  हनुमान।।


पाप करे जो भी मनुज, उसको देना दंड। 

दुष्टों के संहार को, हनु ही हुए प्रचण्ड।। 

जब जग पर विपदा पड़ी, आये तुम ही ध्यान। 

जन-जन तुम्हें  पुकारता, कृपा करो  हनुमान।।


मानव  जीवन  के  प्रभो, तुम ही अब आधार।

मन-वचन-कर्म  से तुम्हें, वन्दन       बारम्बार।।

कलयुग में  रक्षक तुम्हीं, सबको   दो  वरदान।।

जन-जन तुम्हें पुकारता, कृपा  करो  हनुमान।।


    - सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'

    देहरादून - उत्तराखंड      

 

         जय श्री राम 


हिरदय बसाए राम ,  मेरे हनुमान जी।

जपते सियावर राम ,मेरे हनुमान जी।।


शंकर सुवन कपि श्रेष्ठ,करते प्रभु गान है ।

बाधा करे हर पार ,जब उर हरि ध्यान है ।।

सागर लिए वे लाँघ,   मेरे हनुमान जी।

पर्वत लिये शुभ हाथ,मेरे हनुमान जी।।


बजरँगबली पिंगाक्ष ,अगणित प्रभु नाम है ।

हनुमत अनघ प्रज्ञाय,सेवक अभिराम है ।

जिस घर सुने हरि नाम ,मेरे हनुमान जी ।

उस घर दिए हैं मान,मेरे हनुमान जी।।


प्रभवे वही शूराय,यात्रा अविराम है ।

हर युग हृदय श्री राम,रघु उर के धाम है।

तन पर लगा सिंदूर, मेरे हनुमान जी।

कहते हृदय में राम, मेरे हनुमान जी।।


भज मन सियावर राम,सुनते हनुमान जी।

पूरे करे सब काम ,   मेरे हनुमान जी।।

जो उर जपे श्रीराम, पाये हनुमान जी।

भोले सदा भगवान,मेरे हनुमान जी।।


- वर्तिका अग्रवाल 'वरदा'

वाराणसी - उत्तर प्रदेश 

   बजरंगबली हनुमान जी 


अति  बलशाली  वीर  हैं, महावीर  हनुमान।

राम कृपा  मुझ  पर  रहे, ऐसा ‌ दो  वरदान।।


पवन तनय मेरी सुनो, इतनी  सी  फरियाद।

आप और प्रभु राम जी, रखना मुझको याद।।


मारुति नंदन नाम  है, बालवीर  हनुमान।

भक्तों पर करिए कृपा, रहे मान सम्मान॥


तुम सेवक प्रभु राम के, लीला बड़ी अनंत।

चरण-शरण की कामना, पूर्ण करो हनुमंत॥


विनय हमारी आप से, सुनो‌ रुद्र अवतार।

पाप पुण्य जानूँ नहीं, देना  मुझको  तार।।


राम दूत हनुमानजी, हर लेते सब कष्ट।

नाम सुमिरता आपका , संकट होते नष्ट।।


राम भक्त हनुमान जी, करते सदा सहाय।

भूत  प्रेत  सब दूर  से, करते  रहते  हाय।।


भक्त श्रेष्ठवर आप हैं, प्रभु जी हनुमत आप।

पवनपुत्र जी आप  ही, हर  लो  मेरे  पाप।।


लंका  जारी  आपने, सीता  माँ  को  खोज।

जमकर तांडव संग में, किया  वाटिका भोज।।


लंका तक थे तुम गये, करने प्रभु का काम।

रावण को बतला दिया, हनुमत मेरा  नाम।।


राम सहारे मैं रहा, रामहिं  मम  आधार।

बस इतना ही जानिए,  मेरा जीवन सार।।


राम खजाना चाहिए, रटो  राम  का  नाम।

यदि मन में  विश्वास तो, बन जायें सब काम।।


राम भक्ति का है नशा, चढ़ा आप के शीष। 

लख सिंदुरी यह बदन, पाओ माँ आशीष।।


संकट मोचक आ हरो ,सबके मन की पीर।

जाप आपका जो करे, होये  नहीं अधीर।।


विपदा हरते आप हैं, करते  पूरण  काज।

राह दिखाते हैं सदा, रखते सबकी लाज।।


पवनपुत्र हनुमान जी, मुझको भी दो ज्ञान।

सियाराम  के  नाम  का, कैसा  है  विज्ञान।।


विनय करूँ कर जोर मैं, माँ अंजनि  के लाल।

क्षमा दान अब दीजिए, हाल  हुआ बेहाल।।


दिल में जिसके था छपा, सियाराम का चित्र।

सीना चीर दिखा दिया, कैसे कहें  विचित्र।।


शरण आपके आ गया, अब तो दे दो ध्यान।

विनती इतनी मैं करूँ, कर दो मम कल्याण।।


हृदय बसाओ राम को,धरो पवनसुत ध्यान।

मिले कृपा तब राम की, करिए हनुमत गान।।


शिव अंशी अवतार हो, रूद्र कहाते आप।

सूर्य गुरु हैं आपके, दुष्ट  रहे  सब  कांप।।


संकट हो कितना बड़ा, कर हनुमत का ध्यान।

राम दास हनुमान का, अद्भुत  है‌  विज्ञान।।


संकट में जो जप करें, पवन पुत्र का नाम।

मिलती है हनुमत कृपा बन जाते सब काम।।


हनुमत का सुमिरन करो, राम कृपा मिल जाय।

भक्त  राम  के  चाहते,  सबके  राम   सहाय।।


श्री हनुमत शनिदेव जी, कृपा कीजिए आप।

मिट  जाएं  मेरे  सभी, रोग   शोक  संताप।।


- सुधीर श्रीवास्तव

   

 गोण्डा - उत्तर प्रदेश                                                        


           वीर हनुमान 



सारी विपदा मिटा के जाओ,

मुझको भी तो ज्ञान बताओ।

हे महावीर, बजरंगबली हनुमान,

अब मेरे भी घर तो आ जाओ।।


राम की भक्ति करने वाले,

जग के दुखड़े हरने वाले।

नाम से तेरे शत्रु है कांपे,

राम नाम के हो मतवाले।।


भूत पिशाच का नाश करो तुम,

जग का सारे संताप हारो तुम।

ऐसी विपदा जो आप न टालें,

बस रामचरण में रहे परो तुम।।


केसरी पुत्र अंजना के लाला हो तुम, 

मेहंदीपुर के प्यारे बाला हो तुम।

परेशान अगर कभी नर हो जावे,

नाम लेवे प्रगट तत्काला हो तुम।।



- प्रभात सनातनी "राज" गोंडवी

गोंडा - उत्तर प्रदेश


            हनुमान 

   हर घर रावण  बस रहे 

 तुम सोए हुए  श्री हनुमान 

 कदम कदम पर सह  रहे 

 सनातनी मानव अपमान 

 राक्षसी प्रवृत्ति  से ग्रस्त  हैं

 भारत का    गौरव नौजवान 

 सऺकट मोचक कहलाते हो

कब होंगे दुष्टों का धरा से भारत

 राम भक्त कहलाते हो तुम 

 क्यो आज मानव  है परेशान 

 साधू संत  व्यापारी बनें है 

  गाऺव बन रहे सुन सान 

पवन पुत्र  तुम नारायण बुलाओ

 अखऺड भारत को पुनः जगाओ

 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम 

पुनः धरा पर  राज ले आओ।

 सनातन धर्म को स्थापित करके

 धर्म ध्वजा फिर से लहराओ।

 - मदन हिमाचली 

   सोलन - हिमाचल प्रदेश 

        हनुमान जन्मोत्सव


पापियों का अंत करने

कष्टों का करने हरण ,

श्री राम की भक्ति करने

हुआ श्री हनुमान जन्म!!


बनकर श्रीराम की ढाल,

धरा रूप अति विकराल !

हर विपत्ति में सदा उपस्थित

रामभक्ति से सदा प्रेरित !!


वायु से ज्यादा वेग वाले

पवनपुत्र बली हनुमान !!

श्रीराम हित की इन्होने

सदा संभाली कमान !!


जो दिल से करें याद

सुनते उनकी फरियाद !!

हर लेते उनके कष्ट ,करते

दुखों का निवारण !!


- नंदिता बाली 

सोलन - हिमाचल प्रदेश



           वीर हनुमान


सच्चे भक्त हनुमान हैं  राम के,

हम तो भक्त हैं  वीर हनुमान के ।

कर जोड़े सम्मुख खड़े तुम्हारे ,

भर दो झोली अब तुम हमारे ।

आंखों के तारे हो श्री राम के ,

हम तो भक्त है वीर हनुमान के ।


शरण में आकर कोई निराश ना होता ,

तेरे दर से कोई खाली ना जाता ।

मैं मूर्ख हूँ और मैं हूँ अज्ञानी ,

तुम हो ज्ञाता, तुम मेरे स्वामी ।

तुम ही रखवाले हो इस जहान के ,

हम तो भक्त हैं वीर हनुमान के ।


माता पिता और भाई बंधु,

मैं मानूँ आपको ही मेरे प्रभु ।

थामा है हाथ तो कभी ना छोड़ना ,

हर मुश्किल को तुम पार लगाना ।

तुम हो रक्षक मेरी जान के,

हम तो भक्त हैं वीर हनुमान के ।


जहाँ जाऊँ भगवान साथ रहना ,

बीच भंवर में ना अकेला छोड़ना ।

सारे रस्मे निभाऊँ हँसते हँसते ।

बल ,बुद्धि ,हिम्मत है तुम से ।

इस दुनिया से जाऊँ मैं शान से ,

हम तो भक्त हैं वीर हनुमान के।


          - रंजना वर्मा उन्मुक्त 

           रांची - झारखंड 



        कुंडलिया छंद


भक्त अनूठा राम का, धीर वीर हनुमान। 

सीना जिसने चीर कर,दिखा दिया श्रीमान

दिखा दिया श्रीमान, वहाँ थे राम  विराजे। 

सेवा में रह लीन, लाल तन  चोला  साजे। 

कहे जैमिनी बात, भाग्य रावण का रूठा। 

किया लंका विनाश,मिला जो भक्त अनूठा


- कृष्णा जैमिनी

गुरुग्राम - हरियाणा


         राम भक्त 


राम भक्त जो इस धरती पर बने स्वयं भगवान

वो हैं सब भक्तों के प्यारे महावीर हनुमान 

भक्त और भगवान का होता कैसा प्रेम निराला

राम ने अपने भक्त को इक वरदान अमर दे डाला

कलयुग में पूजे जाएँगे बजरंगवली महान

युगों युगों श्रीराम सहित उनके होंगे गुणगान।


- मंजू सक्सेना 

लखनऊ - उत्तर प्रदेश 



      श्री हनुमान जन्मोत्सव 


संकटमोचक हनुमान हैं, कहलाते रामभक्त 

अवतरित हुए,रामकाज सेवा हेतु।

शिवशंकर भोलेनाथ,का है प्रतिरूप 

प्रभु नारायण के हर अवतार में, सहायता हेतु।


रामभक्त हनुमान जी कहलाते 

सिद्धीदायक, मंगलकर्ता श्री हनुमान।

भक्तों के करते, सभी मनोरथ पूर्ण 

जो पूजते उन्हें,कृपा करते श्री हनुमान।


सज्जनों के सहायक, प्रभु राम 

के सच्चे सेवक हैं श्री हनुमान।

कलियुग के हैं, शाश्वत भगवान 

प्रभु के अंग लगे, श्री हनुमान।


प्रातः वंदनीय श्री हनुमान, शनिदेव 

के सारे कष्टों से, मुक्ति देते।

सुरक्षित और संरक्षित करते हैं,सभी

को, भक्तों की विपदा को सदा हरते।


- डॉ.मधुकर राव लारोकर

नागपुर - महाराष्ट्र


       हनुमान जन्मोत्सव 


सबके मन का डर दूर करें 

सबके मन तन में शक्ति भरें 

सबके मन में राम भक्ति भरें 

ऐसे हनुमान जी को बारम्बार प्रणाम है 


भूत पिशाच को दूर भगाते

कष्टों से मुक्ति दिलवाते 

हृदय में इनके राम बसे हैं 

ये सबके हृदय में बस जाते 

ऐसे हनुमान जी को बारम्बार प्रणाम हैं 


नित्य नियम से जो सात बार 

बजरंग बाण का करता पाठ 

भोले पवन पुत्र होते हैं प्रसन्न 

रहते अपने भक्तों के सदा साथ 

ऐसे हनुमान जी को बारम्बार प्रणाम है 


कृपा सभी पर अपनी करना 

भक्ति शक्ति बुद्धि से भरना 

जो भी सुमिरे नाम आपका 

उसे भव सागर से पार करना 

ऐसे हनुमान जी को बारम्बार प्रणाम है।


अंजनी माता के सुत हैं आप 

जानकी माता के पुत्र समान 

राम जी के सर्वाधिक प्रिय हो 

हम भक्तों के हो तारणहार 

ऐसे हनुमान जी को बारम्बार प्रणाम है 


हम राम नाम नित सुमिरेंगे

राम कथा का श्रवण करेंगे 

राम आपके परम आराध्य हैं 

राम संग आपको उर धरेंगे 

ऐसे हनुमान जी को बारम्बार प्रणाम है।


- डॉ. भारती वर्मा बौड़ाई

देहरादून - उत्तराखंड


         जय हनुमान



शुभ दिन चैत्र पूर्णमासी को 

जनम लिये थे कृपा निधान

पितु केसरी मुदित हुए थे

अंजनी माँ के जागे भाग

जय जय हनुमान 

*ठुमक,-ठुमक पग पैंजन बाजत

सकल जगत को अति मन भावत

पर्वत नापे, लाँघे जंगल

रवि निगले हैं,मारुतिनंदन

*सीताहरण सुने जब हनुमत

पहुँचे सीधे लँकाधाम

देखि दूत हर्षित भई माते

मीठे फल की मिली सौगात

*तहस-नहस हुई  स्वर्णलंका 

बरपा चहुँ ओर महाकहर

महल बन गए सारे खंडहर

कहाँ से आया ये बन्दर

*लखन ह्रदय जब लागा तीर

संजीवनी ले आए थे वीर

दशानन-संहार हुआ तब

ताज विभीषण ने पाया

*रामकथा जहाँ नित होवे

रामनाम की जलती जोत

हो अच्छे मन वचन कर्म तो 

कृपा हनु की होवे रोज



- सरला मेहता

इंदौर - मध्यप्रदेश 



       जय हो मेरे हनुमान 


जय हो मेरे हनुमान की 

राम नाम की ध्वजा लराय 

लक्ष्मण के प्राण बचाए 

राक्षसों को मार गिराये 

लंका में हाहाकार मचाएं 

जय हो मेरे हनुमान की 

झटपट लंका में पहुंच गए 

सीता को राम की निशानी पहुंचाएं 

सुमिरो इनको संकट से बचाएं 

बजरंगबली वीर मेरे हनुमान 

जय हो मेरे हनुमान की 

राम नाम की माला फेरते

हृदय में इनके सीता राम रहते 

तुलसी दास इनकी आरती करते

हाथ ये गदा धारण करते 

जय मेरे हनुमान की 

जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई


- अर्विना गहलोत 

नागपुर - महाराष्ट्र 


        बाल हनुमान 


बाल रूप अति सुंदर लागे ।

नाम लेत दुःख संकट भागे ।।

अति छविवंत मोहिनी मूरति ।

देखूं बार बार प्रभु सूरति ।।

जय जय जय अंजनि के लाला।

पिता पवन प्रभु राम कृपाला ।।

दीनदयाल राम प्रभु नामा ।

अंजनि लाल करें शुभ कामा ।।

रवि मुख निगल गये हनुमाना ।

प्रभु अर्चना किये सब जाना ।।

तात मात के प्रिय हनुमाना ।

राम भक्त हैं सब जग जाना ।।

राम राम जपते हनुमाना ।

राम भक्त को दुनिया जाना।।

जन्मदिवस अंजनि के लाला ।

किर्तन करत भक्त मतवाला ।।

सीता खोज किये हनुमंता ।

लंका दहन किये बलवंता ।।

भूत प्रेत सब डर से भागे ।

जय हनुमान नाम ले जागे ।।

रघुवर के तुम पुत हो प्यारे ।

जपते भक्त नाम ले सारे ।।

जय हनुमान जयति बलवाना ।

जय जय जय हे कृपा निधाना ।।


- डॉ. अर्चना दुबे 'रीत'

      मुंबई - महाराष्ट्र 




          वीर हनुमान



वीर हनुमान से, हम करें प्रार्थना,

 दें दरस वे हमें भी, कभी ना कभी।

भक्त की तो सदा दूर संकट करें,

हैं बली वे बहुत, जानते हैं सभी।


देखती राम की राह व्याकुल मना,

मन उदासी लिए वाटिका में सिया।

तब जलधि लाँघकर, जा मिले मातु से, 

मुद्रिका प्रभु निशानी, सिया को दिया।

वाटिका नष्ट की, ध्वस्त लंका किया,

 लौट आए प्रभो की शरण में तभी।

हैं बली वे बहुत, जानते हैं सभी।


शीश नत ले खड़े, राम के सामने,

 मातु की थे निशानी, लिए हाथ में।

जो हुआ था घटित सब बताया उन्हें,

 मातु के दर्द की भी कथा साथ में।

वेदना सुन सिया की, सजल थे नयन,

रोष भी था बहुत, मन हुआ आर्द्र भी।

हैं बली वे बहुत, जानते हैं सभी।


हाथ में ले निशानी खड़े बुत बने,

नैन से बह रहे नीर, सुनकर कथा।

थे विकल, वीर हनुमान यह देखकर,

धीर खोने लगा, देख प्रभु की व्यथा।

हाथ में ले गदा, फिर कहा जोश में,

कूच लंका करें, प्रभु! चलें हम अभी।

हैं बली वे बहुत, जानते हैं सभी।


वीर हनुमान से, हम करें प्रार्थना,

 दे दरस वे हमें भी, कभी ना कभी।

भक्त की तो सदा दूर संकट करें,

हैं बली वे बहुत, जानते हैं सभी।


- रूणा रश्मि 'दीप्त'

दुर्गापुर - पश्चिम बंगाल 


        हनुमान जन्मोत्सव 


सूर्य रश्मियाँ  आ गयीं ,  खुशी भरी ले  भोर।

जन्मोत्सव हनुमान का , मचा रही ये  शोर।।


पुण्य दिवस शुभ आज है , प्रगट हुए  हनुमान ।

हुए मुदित धरती - गगन , आए हैं भगवान।।


राम दूत हनुमान -सा , हो मन सेवा भाव ।

भव सागर से पार हो  , तभी मनुज की नाव।।


अवध विराजे राम जी , दुनिया करती नाज।

भक्ति करें हनुमान प्रभु,  पूर्ण करें सब काज।।


 - डॉ मंजु गुप्ता,

 मुंबई - महाराष्ट्र 



             हनुमानाष्टक


बाल समय में किया मनमाना,

सूर्य को मीठा फल था जाना।

 तीनों लोक में हुआ अंधकार,

देवलोक में मचा हाहाकार! 

सब देवों ने जोड़ा हाथ,

पवनपुत्र अब कर दो माफ। 

अंजनी पुत्र को किसने ना जाना, 

संकट मोचन वीर हनुमाना।


बाली से सुग्रीव बचाये, 

वेश बदल प्रभुशरण में आये।

राम सुग्रीव की हुई पहचान, 

मित्रता का मिला वरदान। 

जग में कोई न है अंजान,

 संकट मोचन वीर हनुमाना।


अंगद, जामवंत, सुग्रीव पठाये,

सीता की सुधि जो ना लाये।

दूँगा सभी को ऐसा दंड,

होगी सब के प्राणों का अंत।

थके बानर समूद्र कछारे ,

हनुमत ने फिर पाँव पसारे।

लंका से सीता सुधि लाये, 

दूर किया संकट प्राण बचाये ।

जग में कोई न है अंजान, 

संकट मोचन वीर हनुमान ।


अशोक वाटिका बैठे माता, 

माँगे अग्नि बनाये चिता।

रावण दुःखों से ऐसी त्रस्त,

अपने प्राणों का चाहती अंत । 

सुन विलाप मन हुआ बेहाल,

रामनाम की दी मुद्रिका डाल।

किया माँ के दुःखों का निवारण,

वीर हनुमान बने संकट मोचन।


मेघनाद ने शक्ति लगायी, 

लखन धरा पर रोये भाई । 

लाये वैध सुषेण जाकर लंका, 

पर्वत उखाड़े संजीवनी में शंका। 

उबारे राम, बचाये लेखन के प्राण, 

 संकट मोचन वीर हनुमान ।


रामसेना पर संकट आयी,

 नाग पाश से बंधे दोउ भाई 

गरुड़ को ले पहुँचे हनुमान,

बंधन मुक्त हुए भगवान 

दूर किया संकट रखा प्रभुका मान,

 संकट मोचन वीर हनुमान।


युद्ध में छल किये अहिरावण, 

रामलखन का हुआ अपहरण।

बलि देने की थी जब बारी, 

पहुँचे, हनुमत कर तैयारी। 

प्रभु संग मिल मारे अहिरावण, 

पवनपुत्र बने संकट मोचन ।


देवों के हो आप दुलारे, 

हम सब भी हैं तेरे सहारे । 

 कर के देखो मन में विचार,

 आप हमारे हो रखवार । 

हरो मेरी संकट हनुमान, 

जग में जपते हैं सब नाम, 

संकट मोचन वीर हनुमान |


लाल-लाल है बदन तुम्हारा, 

उसपर शोभित सिन्दुर न्यारा । 

दानव दलन करे वज्र समान, 

जय-जय तेरी हो हनुमान ।


- अर्चना झा

 पानीपत - हरियाणा 


             मारुति नंदन 


मारुति नंदन, वीर बहुत बलवान।

भक्तों के क्षण में करें कार्य हनुमान।।


रखते हृदय में राम  सिया का रूप।

मम हृदय बसों ऐसे सुर भूप।।


भूत , पिशाच के तुम नाशक।।

संतो के तुम विपद विनाशक।।


- संध्या चतुर्वेदी 

बैंगलोर - कर्नाटक



          हनुमान जयंती 


राम के भक्त तुम 

अंजनी के लाल तुम 

भक्ति के स्रोत तुम 

कलयुग के भगवान तुम 

जय वीर बजरंगी 

तुमको प्रणाम,,,,,,,,,,,,,,

जानकी की खोज की

है राम के काज किए 

राम के तुम प्रिय बने 

और सिंधु को तुमने पर किया,,

लंका को जला दिया 

वाटिका उजाड़ दी 

रावण के घर में ही 

राम का संदेश पहुंचा दिया,,,,,,,

जो भी भक्त तुम्हारा नाम लेता 

 भूत पिचाशा पास नहीं आते 

अर्पिता से तुम जो टारते

 बनकर रघुनंदन के दास कहलाते।

कलयुग के साक्षात देवता

 केसरी पुत्र अंजनी के लाल

 परेशान अगर कभी हो जाए न 

सबके कष्ट हर लेते तत्काल,,

बार-बार विनती करूं 

सबको करना तुम कल्याण 

कभी ना किसके आंसू बहाना

 सबका करना बेड़ा पार,,,,


- डॉक्टर कुमारी चंदा देवी स्वर्णकार 

जबलपुर - मध्य प्रदेश


        हनुमान जन्मोत्सव


शिव अंश के रूप में,

पूरे जग में हैं विख्यात।

जहां खड़े हो हनुमान,

बदले जन की हालात।।


अजर अमर हैं जग में,

रामभक्त बड़ा हनुमान।

शक्ति में अपार जगत,

वीरता का ना अनुमान।।


सेवा में वो तल्लीन मिले,

जहां राम वहां हनुमान।

सेवा में नहीं ऐसा कोई,

अंजनी पुत्र है पहचान।।


हर युग में मिलते सदा,

करते जन का बेड़ा पार।

जीत मिले बस नाम से,

टल जाए पल में हार।।


-  डा. होशियार सिंह यादव

   कनीना -  हरियाणा


            मेरे हनुमान जी 



हिरदय बसाए राम, मेरे हनुमान जी 

ठुमक रिझाए राम , मेरे हनुमान जी 


पलकों छवि निहारें प्रभु की 

पल को नही बिसारे प्रभु जी

विरह वेदना  विकट  स्थिति 

अमिट छाप उर धारे प्रभु की 

बिलख बुलाए राम, मेरे हनुमान जी  


करें निवेदन गणपति आए 

साथ में रिद्धि - सिद्धि लाए 

जो चाहे सो ले लो हनुमत 

बहु विधि कहकर समझाए 

भुला ना पाए राम, मेरे हनुमान जी 


शिव शंकर संग सती भवानी 

सतत समझाती हैं कल्याणी 

वीर शक्ति के संवाहक तुम 

बल  बुद्धि   विद्या  के ज्ञानी 

भव पार लगाए राम, मेरे हनुमान जी 


- डॉ भूपेन्द्र कुमार

 धामपुर - उत्तर प्रदेश 



           जय हनुमान


केसरी   घर जन्म  लियो, धन्य  अंजनी  मात।

हुये निहाल मात-पिता,   पा भगवन  साक्षात।


चैत पूर्णमासी दिवस ,    घर -घर   बाजे थाल।   

मन मोहक मुस्कान है, ठुमक-ठुमक सी चाल।


लीन रहे श्री भक्ति में,     बनाय  बिगड़े  काम।

राम नाम जपते सदा,     हनुमत  आठो  याम।


बन परछाई राम की,      रहे  सदा  ही   साथ।

सिया के वो लाल बने,    खड़े  जोड़ कर हाथ।


आप रूद्र अवतार हो,      राम भक्त  हनुमान।

विराजित पार्थध्वज में,    कलयुग के भगवान।   


हाथ जोड़ विनती करूँ,  पवन   पुत्र  हनुमान। 

मुश्किल घड़ी आन पड़ी,   करो विश्व कल्याण। 


- दीप्ति शर्मा" दीप"

जटनी - उड़ीसा



      राम भक्त हनुमान जी 


सबसे ऊँचा नाम भक्त में

हनुमान जिन्हें कहते हैं

राम राज सँवारें सारे 

राम चरण में रहते हैं।


नैनों में छवि प्रभु राम की

मुख में राम समाये हैं

रसना राम रटती निसदिन 

राम नाम उच्चारे है।


कर्म राम हित धर्म राम से 

मन मंदिर में राम हैं।

उर में जिनके राम जी बसते

रग-रग में राम लखाये हैं।। 


- सुखमिला अग्रवाल भूमिजा 

मुम्बई - महाराष्ट्र 



            हनुमान 


हाथ घुमा कर लल्ला कहता है 

मैया मेरी मै तेरा बाल हनुमान हूँ 

अंजनी पुत्र ,केशरी नंदन 

मारुति नंदन ,नाम है 


शिव वाटिका सुन्दर वन है

जहाजरानी भवसागर है 

 तेरी नैया पार लगी है 

लंका सैर कराऊँगा 


जल परियों से तुम्हें मिलाऊँ

सारे सपने पूरा कर रूप बदल 

सोने की लंका में आऊँगा   

जय हनुमान ज्ञान सुनाऊँगा 


लल्ला मेरा प्यारा  है 

छवि देख रंगीन सपने उसके है 

हाथ घुमा कर लल्ला कहता है 

मैया मेरी मै तेरा बाल हनुमान हूँ 



- अनिता शरद झा 

रायपुर - छत्तीसगढ़


           हनुमान 


अंजनिपुत्र 

महामनस्वी व्यक्ति

सत्य के पक्षधर

दुष्ट संहार 

सत्यार्पित जीवन

ज्ञानिनामग्रगण्य ।


विद्या के स्त्रोत 

राम भजन लीन

अद्भुत पराक्रमी 

रुद्रावतार 

वीर श्री हनुमान

 रामकथानुरागी ।


राम चरण के

भ्रमर हनुमान 

रोम-रोम में राम 

सिन्दूर स्नान 

श्री राम के सेवक 

मेरे शरण दाता।


विवेकशील 

वरदान तत्पर 

श्री मारुतनन्दन

कालस्वरूप 

त्रैलोक्य में विख्यात 

श्री हनुमदुपासना  


- डॉo छाया शर्मा

 अजमेर - राजस्थान



    श्री हनुमान जन्मोत्सव 


जय वीर हनुमान प्रभु जी, विनती सुनो हमारी

जय श्री राम, जय श्री राम, जय बोलो अवध बिहारी,


आप अजेय हों हनुमान,           

   प्रभु मारुती नंदन

हमसब मिलके करतें है,              

 प्रभु आपका वंदन

आपकी लीला है,                      

  हे लीलाधर अति न्यारी

               जय वीर हनुमान........


लाल लंगोटा, गदा हाथ में

माथे पर तिलक लगाते

झूम झूम और नाच नाच के

गीत राम के गाते

राम भक्त हनुमत मेरे

छबि लगे अति प्यारी

              जय वीर हनुमान.......


जहाँ राम का पूजन होता

वहाँ आप भी आते

अपने भक्तो पर हनुमत

कृपा अपनी वर्षाते

पवनपुत्र, बजरंगबली को

पूजे दुनियाँ सारी

             जय वीर हनुमान.........


दर्शन दो अब मारुती

दो बल, बुद्धि व ज्ञान

हम तो सब है भक्त आपके

करतें है आह्वान

आओ राम दरबार लगा है

है पूजन की तैयारी

              जय वीर हनुमान.........


- डॉ अभिनव कुमार शर्मा

धामपुर - उत्तर प्रदेश



     हमें दर्शन देना हनुमंत 


हमें दर्शन देना हनुमंत आए हैं तेरे दर्शन को

तेरे दर्शन को तेरे दर्शन को आए हैं तेरे दर्शन को-


जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, कोई गुण तो दे दो

जय कपीस तिहुं लोक उजागर, राम-नाम धुन दे दो

हम भी अपना जन्म संवारें, हर्षित तन-मन हो- आए हैं- 


विद्यावान गुणी अति चातुर, विद्या का धन दे दो

रामकाज करिबे को आतुर, राम-नाम धन दे दो

हमको भी प्रभु-प्यार मिले तो, हर्षित तन-मन हो- आए हैं-

 

महावीर विक्रम बजरंगी, थोड़ा बल तो दे दो

कुमति निवार सुमति के संगी, सज्जन का संग दे दो

हम भी सत्संग-लाभ उठाएं, हर्षित तन-मन हो- आए हैं-


जय-जय-जय हनुमान गोसाईं, इतनी करुणा कर दो

कृपा करहु गुरुदेव की नांईं, भक्ति से मन भर दो

मन-मंदिर में डेरा कर लो, हर्षित तन-मन हो- आए हैं-


आज जन्मदिन तेरा हनुमत, हमरे अंगना आओ

प्रेम से पूजन पाओ हनुमत, लड्डुअन भोग लगाओ

आनंद की सरिताएं बहाओ, हर्षित तन-मन हो- आए हैं-


- लीला तिवानी

नई दिल्ली



     हाइकु -हनुमान जी पर


1) अंजनी सुत

    वीर श्रीहनुमान

    दुख हरते ।


2)जै हनुमान

संकट हरो अब

  रक्षक तुम ।


3) बाल्यावस्था में

   सूरज को निगला

   फल समझ ।


4)साथी सुग्रीव

   बना रामभक्त वो

   हनुमान संग ।


5)वानर सेना

    सभी पे पड़ी भारी

    लंका ढहाई ।


6) संदेश दूत

  राम का बनकर

   हुए प्रसन्न।


7) पर्वत उठा

  लक्ष्मण को बचाया

   भक्ति महान ।


8) बंधन मुक्त

    रामलखन किए

    नागपाश से ।


9) भक्ति अपार

    राम सीता संसार 

     हृदय द्वार।


10) संकटमोचन

   नाम तिहारा नेक

    कष्ट हरते ।


- आभा दवे

मुंबई - महाराष्ट्र 



            हनुमान

 

ध्यान करो हनुमान का,

हृदय राखि श्रीराम।

संकट मिटते हैं सभी,

बनते बिगड़े काम।।


मंगल दिवस लगता प्रिय,

राम-भक्त को खास।   

सुमरें जो हनुमान को,

हों पूरी सब आस।।


बिद्या,बुद्धि,शक्ति मिली,

सब भक्तों को आज।

हुई कृपा हनुमान की,

सफल हुये सब काज।।


राम-कृपा भी मिल गई।

रखें हृदय हनुमान।

सुख, संपत्ति संग मिलें,

मनचाहा सम्मान।।


बजरंगी महिमा बड़ी,

उनकी कृपा महान।

ध्यान सदा उनका करो,

राखि हृदय  सियराम।।


 - राज किशोर वाजपेयी "अभय"

      ग्वालियर - महाराष्ट्र 



      हनुमान जन्मोत्सव


अंजनी के लाल तुम, वीर बलवान तुम, 

राम काज सदा करें, तुमको नमन है।


 सुग्रीव को मिलाया था,विभीषण बचाया था,

 सीता को संदेश दिया, राम नाम चमन है ।


लंका को जलाए तुम, ग्यारहवें रूद्र तुम ,

शक्ति का भंडार सदा, ऊर्जा का गगन है ।


रावण दी चेतावनी, सुधार तू करनी,

राम प्रभु आएंगे तो, तेरा भी गमन है।




 राम गुण गाते जहाँ, हनुमत रहे वहाँ ,

बाधा कभी आए नहीं, गुणगान करिए।


 पवन जैसी गति से ,दौड़े आते हनुमान,

 देर उन्हें लगे नहीं, श्रद्धा भाव रखिए।


 आज तो जयंती प्रभु, भक्त याद कर रहे,

 सुनिए पुकार अब, प्रेम मन बंधिए।


संकट को मिटाइए ,भक्त शरण लीजिए,

 विनती यह 'सक्षम', नाम रक्षा कीजिए।


- गायत्री ठाकुर सक्षम 

   नरसिंहपुर - मध्यप्रदेश 

         




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