कलानाथ शास्त्री स्मृति सम्मान -2025
कर्म और भाग्य जीवन के दो ऐसे मर्म हैं जिन्हें हम सतही तौर पर भले ही अपनी उपलब्धियों या असफलताओं को इनमें से किसी एक को नामजद कर देते हैं। परंतु गहराई से यानी सूक्ष्मत: कभी इसको लेकर चिंतन-मनन नहीं करते, न करना चाहते। इसका एक कारण यह भी है कि हम इसके मर्म के गणित को समझना नहीं चाहते। हम में से बहुत कम ही ऐसे हैं, जो कर्म और भाग्य के इस मर्म को समझते हैं।असल में जीवन जीने का जो सलीका है, वह नैतिकताओं की सीमा से बंधा होता है। क्या उचित है, क्या अनुचित ? यह हम सभी समझते हैं परंतु प्रलोभन ,स्वार्थ और दंभ में सही या यूँ कहें कि निष्पक्षता यानी नैतिक दायित्वों के पक्ष में निर्णय नहीं ले पाते। गणित की भाषा में इसे यूँ समझें कि हमारे जो निर्णय सही यानी नैतिकता के अनुकूल होते हैं, उनसे भाग्य सकारात्मक रूप में बदलता है और जो निर्णय गलत होते हैं यानी नैतिकता के विपरीत होते हैं, उनसे भाग्य नकारात्मक रूप में बदलता है। इस तरह हमारी पूरी दिनचर्या कुछ सही,कुछ गलत के रूप में चलती रहती है और तदनानुसार भाग्य में उतार-चढ़ाव होता रहता है। कुछ के परिणाम त्वरित मिलते हैं और कुछ के देर से। मेरे मतानुसार समय के साथ भाग्य भी बदलना और अच्छे कर्म से बहुत कुछ बदलना , इसी को कहते हैं। इसलिए संत,ऋषियों, महर्षियों, विद्वानों ने कहा है कि " अच्छे कर्म करो।" इसका भाव यही है कि अच्छे यानी नैतिकता से निभाए गए कर्म आपका भाग्य अच्छे परिणाम देने वाले होंगे।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
समय के साथ भाग्य बदलता है सत्कर्म से सबकुछ बदलता है दिनकर जय शंकर की क़लम अंधकार दूर कर विश्वास उजाला भर पारस की तरह चल मनोभाव को चलती भाग्य को चमकाती हैं इंसान को इंसानियत दिखा अपनी ताकत आधिपत्य स्थापित समय आने पर वार कर अपना वर्चस्व दिखा न्याय शांति बनाना चाहिए बुरी आदत इंसान ख़ुद को दोषी मान समझ से आगे बढ़े विश्वास के आग़ोश में खोने का डर नही पाने की चाह ही प्रेम है बारिश की बूँदे मिट्टी पर पड़ते ही वृक्षों को मूर्त रूप दे रिश्ते जीवंत बनाते चहकाते मुस्काते घर मधुबन गुलजार बनाते जिंदगी की कश्ती झूठ सच का सहारा ले उम्मीद से जीने का इल्म सीखा नसीहत दे मंज़िल क़रीब ला दम लेते कश्ती किनारा लगाती है
- अनिता शरद झा
रायपुर - छत्तीसगढ़
हाँ , सही कथन , कहावत है कि घूरे के दिन बदल जाते हैं।बुरे दिन चले जाते हैं अच्छे दिन यानी भाग्य आपका साथ देता है। हर समय अच्छे कर्म करना प्रभु श्री कृष्ण ने गीता के द्वारा संसार को बताया है।परोपकार मेहनत लग्न कोशिशें अच्छे कर्म के आधार हैं।सन्त धर्म ग्रंथ ने इसी की महिमा बतायी ।
- डॉ. मंजु गुप्ता
मुंबई - महाराष्ट्र
जब हम अच्छे कर्म करते हैं और वह जमा होते जाते हैं तब हमारा भाग्य बदलता है जिसको हम समय के साथ भाग्य बदलना कहते हैं. क्योंकि अच्छे कर्म जमा होने में भी वक्त लगता है. और जब कर्म अच्छे होते हैं तब अपने आप हमारे पुर्वार्ध के कष्ट कट जाते हैं. जिससे हमारी तकलीफ कम हो जाती हैं और हम कहते हैं कि समय के साथ भाग्य बदल गया।
- अर्चना मिश्र
भोपाल - मध्यप्रदेश
अच्छे कर्मों से ही सब कुछ बदलता है। समय तो कभी धूप कभी छाॅंव सम चलता ही रहता है। हमारे अच्छे कर्म हमारा भाग्य बदल देते हैं। प्रारब्ध के भरोसे बैठे रहना ठीक नहीं। सही समय पर किया गया प्रयास सब कुछ बदल सकता है। कर्मों का हिसाब बैंक जैसा ही है, जितने अच्छे या बुरे कर्म जमा करोगे, ब्याज दर भी उसी हिसाब से प्राप्त होगी।
- रश्मि पाण्डेय शुभि
जबलपुर - मध्यप्रदेश
जैसे कर्म होंगे वैसा भाग्य होगा। इंसान को कर्म के अनुसार ही सब कुछ मिलता है। मिलता ही नहीं है और समय के साथ बहुत कुछ बदलता है भाग भी बदलता है मानव को सिर्फ ध्यान रखने की जरूरत है संयम और विश्वास के साथ काम किया जाए तो पूरी कायनात उसकी मदद करती है और वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है समय बहुत बलवान है वह कुछ भी कर दिखा सकता है इसीलिए समय के अनुसार चले
धैर्य और विश्वास के साथ सब कुछ हासिल किया जा सकता है
समय और भाग्य के भरोसे किसी भी कार्य को छोड़कर बैठ नहीं सकते । अगर अपने कर्म को मनोयोग से पूर्ण करते रहने से समय और भाग्य दोनों बदल जाते हैं।
ReplyDelete- अर्विना गहलोत
प्रयागराज - उत्तर प्रदेश
(WhatsApp से साभार)
कर्म से ही भाग्य का निर्माण होता है। अच्छे कर्म अच्छा भाग्य, बुरे कर्म बुरा भाग्य।
ReplyDeleteडॉ. अवधेश कुमार चंसौलिया
ग्वालियर - मध्यप्रदेश
(WhatsApp से साभार)
हम सबको जीवन में श्रेष्ठ कार्य करते रहना चाहिए.
ReplyDeleteहमारे अच्छे कार्य समाज के लिए भी प्रेरणादायक हो सकते हैं.
परिवर्तन के लिए यह कारगर प्रयास होगा.
- अतुल त्रिपाठी
ग्वालियर - मध्यप्रदेश
(WhatsApp से साभार)
वास्तव में समय और भाग्य दोनों हर क्षण परिवर्तनशील हैं और कर्म तो भाग्य से जुड़ा हुआ है ही।
ReplyDeleteमंजु सक्सेना
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
( WhatsApp ग्रुप से साभार)
समय के साथ भाग्य बदलता है !!
ReplyDeleteभाग्य बदलने के कई कारण हो सकते हैं पर मुख्यतः भाग्य हमारे कर्मों पर निर्भर करता है !!
सतत प्रयास करना व कर्म करना हमारा कर्तव्य है व समयानुसार भाग्य का बदलना नियति !!
नंदिता बाली
हिमाचल प्रदेश
( (WhatsApp से साभार)
समय उसी का बदलता है जो निरंतर कर्मशील रह कर अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होता है, असफलताओं से घबरा कर बैठ जाने वाले का भाग्य भी उसी की तरह बैठ जाता है। कर्मरत रहना ही अपने भाग्य को बदलने की एकमात्र मूलमंत्र है।
ReplyDeleteडा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखंड
( WhatsApp से साभार)