घर - घर तिरंगा



तिरंगा बेहद महत्वपूर्ण और गौरव का विषय है.  इस में इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफेद और हरा. इसके मौजूदा स्वरूप  को 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. 

देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए. प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है.  वहीं  अशोक चक्र में 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं.

किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए. बताया जाता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे. रांची का पहाड़ी मंदिर भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहां तिरंगा फहराया जाता हैं. 
पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला. राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया है. 



Comments

  1. हर हर गंगे
    दर दीवार तिरंगे

    बधाई

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  2. हर घर फहराए तिरंगा
    पवन वेग लहराए तिरंगा
    जन मन का सदा चहेता
    सांसों की सां तक जाए तिरंगा।

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