मां काली का प्राचीन मंदिर


मां काली का प्राचीन मंदिर
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ऐतिहासिक नाहन  शहर के मंदिर भी प्राचीन हैं। अधिकतर मंदिरों का निर्माण रियासतकाल के वक्त ही हुआ। पिछले तीन दशक की बात करें तो कुछ नए मंदिर भी बने हैं। हैरिटेज टाउन के उत्तर-पूर्व में काली का मंदिर है। इस प्राचीन मंदिर को कालीस्थान भी कहा जाने लगा है। 
क्षत्रियों में काली को युद्ध की देवी माना गया है। इस कारण भी हर जगह पूजा की जाती है। शहर में काली के मंदिर का निर्माण 1830 में राजा विजय प्रकाश ने करवाया था। इस मंदिर की मूर्ति को कुमाऊं वाली रानी साहिबा ही कुमाऊं से लेकर आई थी। इसके बाद ही राजा विजय प्रकाश ने मंदिर के निर्माण का फैसला लिया था।
मंदिर में पूजा के लिए जोगीनाथ महंत को गद्दी सौंपी गई थी। मंदिर परिसर में ही 24 भुजा देवी मंदिर का निर्माण राजा फतेह प्रकाश ने करवाया था। इसे आज श्रद्धालु बाला सुंदरी माता कहकर भी पूजते हैं। 24 भुजा वाली देवी के मंदिर के पहले महंत बाबा भृडंग नाथ कनफटा योगी थे। इसके बाद आमनाथ, फिर तोपनाथ महंत बने। इसके बाद ज्वाला नाथ व वीरनाथ ने भी गद्दी को संभाला।
महंत जगन्नाथ की मृत्यु के बाद उनका चेला कार्यवाहक के रूप मेें भी कार्य करता रहा। स्वभाव सही न होने की वजह से राजा ने उसे महंत नियुक्त नहीं किया था। राजा ने उन शक्तियों को मोतीनाथ नामक साधु को दे दिया, जो संस्कृत भाषा का ज्ञान भी रखता था। बताते हैं कि सिरमौर रियासत के शासकों द्वारा मंदिरों व धार्मिक अनुष्ठानों में गहरी रूचि ली जाती थी।
मां बाला सुंदरी माता त्रिलोकपुर का हूबहू मंदिर आज भी शाही महल में है। 
               - शबनम शर्मा
               नाहन - हिमाचल प्रदेश
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       जय माता दी
      

              अपने आसपास के  मन्दिर
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                          निवेदन
                      बीजेन्द्र जैमिनी
                    जैमिनी अकादमी
            पानीपत - 132103 हरियाणा
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