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Showing posts from October, 2025

बिहार चुनाव की भाजपा की पहली लिस्ट जारी

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लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ स्मृति सम्मान - 2025

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          खुशियां को ढूंढते रहते हैं। ना ये पेड़ पर लगती हैं और ना ही बाजार में बिकती है। परन्तु खुशियां सभी को पसंद हैं। संसार बहुत बड़ा है। फिर भी खुशियों की कमी है। यही कुछ जैमिनी अकादमी की चर्चा परिचर्चा का प्रमुख विषय है। अब आयें विचारों में से कुछ को पेश करते हैं :-         छोटी-छोटी खुशियों को जीना सीखा नहीं और बड़ी खुशियों की प्रतीक्षा करते रह गये… कुछ ऐसा ही जीवन आज हर मनुष्य का हो गया है। जीवन की आपाधापी में लोग हँसना तक भूल गये हैं। हर समय तनाव ओढ़े असमय बीमारियों का शिकार बनते जा रहे हैं। क्या लाभ ऐसी खोखली सम्पन्नता का जो हमारी खुशियों को ही ग्रहण लगाती जाये। खुशियाँ अपने अंदर हैं बस आवश्यकता है अपने अंतर्मन में झाँकने की, भागदौड़ से भरे इस जीवन में से छोटी-छोटी खुशियाँ ढूँढ कर उन्हें भरपूर जीने की, किसी को खुशियाँ देने की…देखिये जीवन कितना सुंदर दिखाई देगा। - डा० भारती वर्मा बौड़ाई  देहरादून - उत्तराखंड ‌       जीवन का कटु सत्य यही है कि प्रसन्नता किसी पेड़ पर नहीं लगतीं औ...

पीएम मोदी से मिली कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद

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पोस्टमॉर्टम में गंभीर चोट से मौत की पुष्टि

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अब्बुरी छाया देवी स्मृति सम्मान - 2025

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      ऑंसूओ का संबंध भावनाओं से जुड़ा है। जिस का धर्म से कोई संबंध नहीं है। बल्कि कर्म का परिणाम है। फिर भी कहते हैं कि ऑंसू बहुत कुछ कहते हैं। बाकि तो ऑंसूओ के विभिन्न कारण हो सकते हैं। यही कुछ जैमिनी अकादमी की चर्चा परिचर्चा का प्रमुख विषय है। अब आयें विचारों में से कुछ विचारों को पेश करते हैं :-          तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती गालिब वजह यही की आंसू भी नमकीन होते हैं, आईये आज  चन्द किस्से आंसूओं पर कह देते हैं कि आंसू वास्तव में ‌क्या हैं अगर सत्यता की तरफ चलें तोआंसूओं के  खारे  पानी में वह आग होती है जो दिल पर, जमी बर्फ को पिघला देती है जिसके वाद इंसान अपने आपको हल्का और तरोताजा महसूस करता है,इसके अतिरिक्‍त भी आंसू बहुत कुछ कह जाते हैं क्योंकि इनका कोई धर्म नहीं होता बल्कि कई कर्म दिखला कर बह जाते हैं तो आईये आज की चर्चा इसी बिषय पर करते हैं कि आंसूओं का कोई धर्म नहीं होता सिर्फ कर्म होता है, मेरा मानना है कि आंसू इंसानी जज्बातों का वो हिस्सा हैं जो गमी,खुशी,मिलन बिछुडन को दिखलाते हुए छलक जाते ह...