ऑंसूओ का संबंध भावनाओं से जुड़ा है। जिस का धर्म से कोई संबंध नहीं है। बल्कि कर्म का परिणाम है। फिर भी कहते हैं कि ऑंसू बहुत कुछ कहते हैं। बाकि तो ऑंसूओ के विभिन्न कारण हो सकते हैं। यही कुछ जैमिनी अकादमी की चर्चा परिचर्चा का प्रमुख विषय है। अब आयें विचारों में से कुछ विचारों को पेश करते हैं :- तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती गालिब वजह यही की आंसू भी नमकीन होते हैं, आईये आज चन्द किस्से आंसूओं पर कह देते हैं कि आंसू वास्तव में क्या हैं अगर सत्यता की तरफ चलें तोआंसूओं के खारे पानी में वह आग होती है जो दिल पर, जमी बर्फ को पिघला देती है जिसके वाद इंसान अपने आपको हल्का और तरोताजा महसूस करता है,इसके अतिरिक्त भी आंसू बहुत कुछ कह जाते हैं क्योंकि इनका कोई धर्म नहीं होता बल्कि कई कर्म दिखला कर बह जाते हैं तो आईये आज की चर्चा इसी बिषय पर करते हैं कि आंसूओं का कोई धर्म नहीं होता सिर्फ कर्म होता है, मेरा मानना है कि आंसू इंसानी जज्बातों का वो हिस्सा हैं जो गमी,खुशी,मिलन बिछुडन को दिखलाते हुए छलक जाते ह...