हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी
अब तक का सबसे बड़ा ई- लघुकथा संकलन , आपके सामने है । जो एक सौ एक (101) लघुकथाकारों की ग्यारह सौ ग्यारह (1111) लघुकथाओं का ई - संकलन तैयार हुआ है । यह भारतीय लघुकथा विकास मंच की " एक लेखक की ग्यारह लघुकथाएं श्रृंखला " के अन्तर्गत सम्पादन किया गया है । जिसमें , इस संकलन के अतिरिक्त " ई - लघुकथा संकलन " इस प्रकार है : - महाराष्ट्र के प्रमुख हिन्दी लघुकथाकार मुम्बई की प्रमुख हिन्दी महिला लघुकथाकार मध्यप्रदेश के प्रमुख लघुकथाकार हिन्दी की प्रमुख महिला लघुकथाकार हरियाणा के प्रमुख लघुकथाकार दिल्ली के प्रमुख लघुकथाकार भोपाल के प्रमुख लघुकथाकार राजस्थान के प्रमुख लघुकथाकार उत्तर प्रदेश के प्रमुख लघुकथाकार झारखंड के प्रमुख लघुकथाकार ...
जय माता दी 🙏💐
ReplyDelete. नवरात्रि का पहला दिन माता का पहला स्वरूप
Delete🌹"माँ शैलपुत्री" 🌹
देवी शैल पुत्री का वर्णन हमें ब्रह्म पुराण में मिलता है। पुराण के अनुसार चैत्र प्रतिपदा के प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्मा ने संसार की रचना की थी। माना जाता है कि इसी दिन श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था।
नवरात्र की प्रथम देवी शैलुपुत्री मानव मन पर अपनी सत्ता रखती हैं। उनका चंद्रमा पर भी आधिपत्य माना जाता है। शैलपुत्री पार्वती का ही रूप हैं। पर्वतराज हिमालय के घर में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
कथा है कि देवी पार्वती शिव से विवाह के पश्चात हर साल नौ दिन अपने मायके यानी पृथ्वी पर आती थीं। नवरात्र के पहले दिन पर्वतराज अपनी पुत्री का स्वागत करके उनकी पूजा करते थे, इसलिए नवरात्र के पहले दिन मां के शैलपुत्री रुप की पूजा की जाती है।
श्वेतवर्ण शैलपुत्री के सर पर सोने के मुकुट में त्रिशूल सुशोभित है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल, बाएं हाथ में कमल सुशोभित है।
मान्यता है कि शैलपुत्री की पूजा से व्यक्ति को सुख, सुविधा, माता, घर, संपत्ति, में लाभ मिलता है। मनोविकार दूर होते हैं। इन्हें सफेद फूल चढ़ाएँ, गाय के घी का दीपक जलाएँ। दूध-शहद और खोए की मिठाई का भोग लगाएँ।
🌹🙏 "जय माता दी"🙏🌹
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जय हो
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