एक मुलाक़ात : अनुप भार्गव से

                मैं ( बीजेन्द्र जैमिनी ) App के माध्यम से 29 मार्च को हिन्दी साहित्य अकादमी का सदस्य बन गया । मैंने सदस्य बढाने के उद्देश्य से हिन्दी साहित्य अकादमी के App का लिंक WhatsApp ग्रुप साहित्यकार तिथिवार ((ST) व समाचार और उपलब्धियाँ HSP2 में 30 मार्च की सुबह - सुबह लगभग पांच बजें डाल दिया । थोड़ी ही देर इन दोनों WhatsApp ग्रुप ( साहित्यकार तिथिवार ((ST) व समाचार और उपलब्धियाँ HSP2 ) के एडमिन श्री अनुप भार्गव का WhatsApp फोन आया । मैं योगा कर रहा था ।  मैने काट दिया । बार - बार फोन आने  पर , मैंने फोन उठा लिया । बातचीत हुई । परन्तु अनुप जी बहुत गुस्से में बोले - ये साहित्य अकादमी का App है ? मैंने स्पष्ट किया कि ये साहित्य अकादमी का App नहीं है । यह हिन्दी साहित्य अकादमी का App है । फिर भी अनुप जी ने अपने दोनों WhatsApp ग्रुप ( साहित्यकार तिथिवार ((ST) व समाचार और उपलब्धियाँ HSP2 ) में यह सदेंश डाला : -

मेरी बिजेंद्र जी से बात हुई। वह मुझे आश्वस्त नहीं कर सके कि यह लिंक क्या है , इस का साहित्य अकादमी से क्या सम्बन्ध है ? उन की इस समूह से सदस्यता निरस्त की जा रही है । सदस्यों  से आग्रह है कि इस लिंक पर क्लिक न करें।

WhatsApp ग्रुप के अन्य सदस्यों ने , मुझे सूचित किया कि आपके खिलाफ ग्रुप में सदेंश डाला गया है । मैंने सदेंश को पढ़ा और अनुप जी को फोन किया । इस समय सुबह के लगभग नौ बजें रहें हैं ।  नरम स्वभाव से बातचीत हुई  और साहित्य अकादमी तथा हिन्दी साहित्य अकादमी के अन्तर को स्वीकार किया ।

       ये  " एक मुलाक़ात : अनुप भार्गव से " मैंने यहां पर साझा करना आवश्यक समझा । 
              - बीजेन्द्र जैमिनी
                दिनांक : 30 मार्च 2022

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