सितम्बर - 2019

- चंद्रयान - 2 के आँबिटर ने बढ़ा दीं उम्मीदें 
- सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढाने की याचिका खारिज 
- स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों के भारतीयों के खातों से जुड़ी जानकारी सौपी 
- सुरेन्द्र वाजपेयी को " हिन्दी प्रचारक शताब्दी सम्मान - 2019 " सम्मान
- लता मंगेशकर को जन्मदिन पर डॉक्टर आँफ द नेशन से सम्मानित करने का फैसला 
- चार अक्टूबर को दिल्ली - लखनऊ रूट पर दौड़ेगी पहली प्राईवेट ट्रेन तेजस 
- वैष्णो देवी तीर्थ को स्वच्छता हेतु राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार
- आकाश मिसाइल परियोजना को मिलें पांच हजार करोड़ 
- आन्ध्रप्रदेश में 74 वर्षीय महिला ने आईवीएफ तकनीक से दिये जुडवां बच्चों को दिया जन्म 
- भारत - रूस ने रखा तीस अरब डाँलर के व्यापार का लक्ष्य
- जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रसीद के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज 
- अमेरिका - भारत की सेना ने वाशिंगटन में दो सप्ताह का सैन्य अभ्यास शूरू
- एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष में पांचवीं बार 0.10 फीसद ब्याज दर घटाई 
- श्रीलंका के टी-20 कप्तान लसित मलिंगा सहित दस क्रिकेटरों ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान दौरे से हटने का फैसला लिया 


- हरियाणा प्रदेश की 76 फीसदी महिलाएं व 79 फीसद पुरुष आज भी दूध - दही  को देते प्राथमिकता
- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने आनन - फानन में रिजल्ट जारी कर के 195 क्लकों को ज्वाइन कराया 
- एक महीने में ही टूटा बसपा व जजपा का गठबंधन
- राखीगढ़ी में मिलें मानव कंकालों की डीएनए से स्पष्ट हुआ कि आर्य ही भारत के मूल निवासी
- ढाबा , डेयरी और पोल्ट्री फार्म को व्यावसायिक प्रापर्टी  टैक्स से बाहर किया 
- भाजपा का 19441 वाट्सएप ग्रुपों से संचालित होगा विधानसभा चुनाव
- करनाल में पूर्व मंत्री सुरजीत मान के घर पर डकैती पड़ीं 
- हुड्डा मनाने पहुंचे  किरण चौधरी के घर 
- झज्जर के एक्स आर्मी आँफिसर नवीन गुलिया ने कौन बनेगा करोडपति में जीतें 12.5 लाख 
- नारायणगढ़ के पूर्व विधायक राम किशन गुज्जर की चुनाव लड़ने की अर्जी हाई कोर्ट ने खारिज कर दी 


सीमा का प्रहरी

                                                       डॉ मुक्ता
                                                गुरुग्राम - हरियाणा

सीमा पर लड़ने वाला
हर प्रहरी जवान
भारत माता का सपूत होता
और उसके प्राण
देश की धरोहर
देश पर मर-मिटना
उसका दायित्व

वास्तव में वह दाता है--
अमनो-चैन का
सुक़ून का,स्वतंत्रता का
परन्तु उसके शहीद होने पर
क्या हम दे पाते हैं प्रतिदान
उसकी शहादत का
व्यवस्था कर पाते हैं
उसके परिवार व बच्चों के लिये
सुरक्षित भविष्य की
और मूलभूत आवश्यकताओं की
पूर्ति के निमित्त पेंशन की
जिससे मिल सके उन्हें
सम्मान-पूर्वक
जीवन बसर करने का ह़क

हमारे नुमाइंदे कब समझते हैं
उस गरीब सैनिक
व उसके परिवारजनों पर 
टूटते दु:खों के पहाड़ का दर्द
उसकी विधवा पत्नी की
सूनी मांग व कलाइयां देख
उनके भीतर का लावा
क्यों फूट नहीं जाता
विरहाग्नि की टीस,कसक
वेदना में तिल-तिल कर 
जलती-मरती

वह अभागिन अपने कंधों पर
बच्चों व माता-पिता का बोझ लादे
आजीवन मनचलों की
वासना भरी
दृष्टि का सामना करती
अपनी अस्मत को बचाती
पग-पग पर समझौता करती
हर-पल शून्य नेत्रों से निहारती
कर्त्तव्य-भाव के नीचे दबी रहती

काश!हमारे देश के कर्णाधार
समझ पाते उस विधवा की
आंखों से बहते
अजस्त्र आंसुओं का दर्द
माता-पिता की
इकलौती संतान के
खो जाने की 
हृदय-विदारक चीत्कार
अनुभव कर पाते
तो वे चंद सिक्कों के लिये
अपने देश की अस्मत का
सौदा कभी नहीं करते
 ===================================
                           प्रेम का घर बनाये                             
                           
                                         -  कालिका प्रसाद सेमवाल
                                              रूद्रप्रयाग  - उत्तराखंड
    
  चलो, आज कुछ अच्छा
   काम कर लें।
    किसी की दुआ से
    अपनी झोली भर लें।

     चलो हम कल्पना करें
     यहां धरा पर ऐसी दुनिया हो
     जहां शांति के हो सागर
     और प्रेम के पहाड़ हो।

      हम बनायेंगे ऐसा घर
      जिसकी दीवारें बुद्धि की ईंटों से हो
      विवेक के सीमेंट से
      प्रेम और त्याग की सुगंध घर में हो।

      मेरी लड़ाई किसी से नहीं
      सिर्फ बुरे विचारों से है
      भय मुक्त समाज हो
      मजहब ही जिनका इन्सानियत हो।
******************************************
कविता                                                                  

                                 प्यारे चाँद                                 
                                 
                                             - डॉ अवधेश कुमार अवध
                                                        मेघालय

ओ मेरे प्यारे चाँद!
मत घबराओ
सदियों से तुम 
सुंदरता के 
सबसे बड़े उपमान हो
भेद खुल जाने के बाद भी
हमारे लिए वही प्रतिमान हो
तीज ईद और करवा चौथ के
नायक हो
जवानी की दहलीज पर
कदम रखती
हर गोरियों के कोमल दिलों के
प्यारे अधिनायक हो
न सकुचाओ, न शर्माओ
हमारा चन्द्रयान टू 
बस तुम्हें प्यार से देखेगा
वर्षों की हसरत को
चंद लम्हों में समेटेगा
किन्तु छूएगा नहीं
पद दलित भी नहीं करेगा
क्योंकि
तुम्हारे भीतर हम
अपने प्रियतम की 
मोहक छवि पाते हैं
इसीलिए
समीप जाकर 
अपलक निहारकर
नयनों की प्यास बुझाते हैं।
==================================
कविता                                                                   
                          मिशन चंद्रयान -2                               
                                                   - डॉ. छाया शर्मा
                                                 अजमेर - राजस्थान

चंदा, मत इतरावो मन में 
विक्रम को आँचल में अपने, 
क्यों है तुमने छिपाया 
माता ढूंढ रही विक्रम को 
अश्रू क्यों छलकाया 
मिशन चंद्रयान होगा कामयाब 
सपना है ये सजाया
मामा बनकर, कंस के जैसा 
कैसा खेल रचाया 
तुमने कितनी विरहन के बिच दर्द है आज जगाया 
हमने सुना था, तुम शीतल हो 
छलिया रंग जमाया 
दीप इरादों के है जलाकर 
विश्वाश है आज जगाया 
श्रेष्ठ प्रतिभा का हमनें है 
इतिहास नया है रचाया. 
===================================
कविता                                                                  
                     गांव शहर दो भाई भाई                      

                                           - अनन्तराम चौबे अनन्त
                                               जबलपुर - मध्यप्रदेश

गांव शहर दो भाई भाई
एक बड़ा एक छोटा भाई ।
आपस में कभी न मिलते है
मर्यादा रहती है इनकी भाई ।

गांव शहर में अंतर रहता
शहर बड़ा इनका है भाई ।
आपस में दूरी रहती है
गांव है इनका छोटा भाई ।

दोनो ही खुशहाल रहते हैंं
अपने ही स्तर से रहते हैं ।
गांव में सब मिलकर रहते
भाई चारा बनाकर रखते ।

किसान का गांव से रिश्ता है
मेहनत से खेती करता है ।
भरपूर अनाज पैदा करता है
जो खाने को सबको मिलता है ।

शहर से सब व्यापार चलता है
जो गांव शहर में फैला रहता है ।
गांव शहर दो भाई का रिश्ता है  
छोटे बड़े भाई के,जैसा होता है ।

गांव शहर में भेद न करना
दोनों का अपना मतलब है ।
गांव शहर दो भाई भाई हैं
बस छोटे बड़े का अन्तर है ।
==================================
लघुकथा                                                                     
                                  बचत                                        
                                  
                                          - सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा
                                         साहिबाबाद - उत्तर प्रदेश

अन्य  दिनों की अपेक्षा , सुमेर के चेहरे पर तनाव की जगह संतोष झलक रहा था . उनके मन में पत्नी के प्रति क्रतज्ञता के भाव बार - बार उभर कर , शब्दों के माध्यम से निकलना चाहते थे . " बहुत बार तुम जटिल सिचुऐशन को भी बड़े अच्छे से टेकल कर लेती हो . मुझे जरा भी उम्मीद नहीं थी कि इस मामले में इतनी आसानी से सफलता मिल जाएगी .वरना भागीरथ - बाबू ने तो डरा ही दिया था .”  खाने की थाली में चपाती की मांग के साथ उसने  पत्नी की तारीफ़ की . 
 " लो यह क्या बात हुई , जी ! हम उस पुलिसीए को कुछ दे ही रहे थे , उससे ले क्या रहे थे ?"
 " सरला रिश्वत को यह लोग अनुकम्पा नहीं , अधिकार मानते हैं और वह  भी अपनी शर्तों पर . देखा नहीं कैसे कह रहा था  कि जी पास -पोर्ट आपके बेटे का  बनेगा ....... वह  विदेश जायेगा ,पैसा कमाएगा ….विदेश में  घूमेगा और कलम की जिम्मेदारी हम लेंगे ........मुझे  क्या मिलेगा ! आपके दिए दो हजार में से  , पाँच सौ दरोगा जी  और पाँच सौ मुंशी के पास चले जाएंगे , मेरे हिस्से तो सिर्फ एक ही हजार आएंगें . भगीरथ बता रहा था कि उसने अपने बेटे के पास -पोर्ट के लिए पच्चीस सौ दिये हैं .यह तो तुम थीं जो कह  - सुन कर उसे पन्द्रह - सौ में ही राज़ी कर लिया वरना मैं तो पूरे दो हजार ही  देता ."
 " जाने दो जी , अगर आप बीच में न बोल पड़ते  तो मैं तो मरे को मुश्किल से एक हजार ही देती ."
 “ चलो कोई बात नहीं हमारा काम हो गया और पाचँ सौ रूपये बच भी गये .." 
 " आजकल आपकी भूख को क्या हो गया है ! एक चपाती और लीजिए न !"
   सुमेर ने चपाती लेते हुए कहा , “ अब हमारा अंगद कभी भी विदेश जा सकेगा ." सुमेर बाबू ने पानी का गिलास मुहँ से हटाते हुए सन्तोष की सांस ली, " और सुनो इस बात का जिकर भगीरथ की मीस्सिज से मत करना , उसे तो पच्चीस सौ ही बताना , नहीं तो खामखा जलेगी .”
 " मैं मुर्ख हूँ क्या ,उसे तो पच्चीस सौ ही कहूँगी ."
 खाना खाकर सुमेर बाबू आराम से टी .वी पर पुराने जमाने की क्लासिक फिल्म देखने लगे.****
 ===================================
 कविता                                                                      
                                  चन्द्रयान                                   
                                  
                                             - महेश गुप्ता जौनपुरी


गिरते सम्भलते उठते रहेंगे
चांद की गली में पहुंच कर रहेंगे
सम्पर्क टूटने से रिस्ते खत्म नहीं होते
कामयाबी की सीढ़ी चढ़ कर रहेंगे

हौसले में अभी जान है बाकी
दीपक बुझने से रोशनी मर नहीं जाती
प्रयास प्रयोग करते रहेंगे
सफलता की दुरी तय करके रहेंगे

असफलता ही तो हैं सफलता की सीढ़ी
एक ना एक दिन सफल होंगे
चांद की सुन्दरता का राज
एक दिन हम पढ़ कर रहेंगे

कोशिश रहेगी चन्द्रयान 3 में
लक्ष्य को हम भेद कर रहेंगे
सब्र करना धीरज रखना देशवासियों
एक इतिहास हम एक दिन रच कर रहेंगे
- लायंस क्लब द्वारा ज्योति हाई स्कूल में चार सौ बच्चों के नेत्रों की जांच की गई । 
- कौशल्या आर्य ने सर्व शिक्षा अभियान का जिला परियोजना का संयोजक ( डी पी एस ) के रूप में कार्यभार सभाला
- हिन्दी दिवस पर " सरहद पार से आई खुशबू " का विमोचन
- इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के प्रदेश स्तरीय समरोह में आर्य कालेज के प्रधानाचार्य डाँ. जगदीश गुप्ता सम्मानित
- शहीद डाँ. महेन्द्र रंजन की पुण्यतिथि पर एक सौ एक ने किया रक्तदान
- संदीप भारद्धाज खलीला ने ग्रामीण विधानसभा से चुनाव लड़ने की ताल ठोकी 
- स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अग्रसैन वाटिका में बीस से अधिक प्रतिभाशाली , प्रबुद्ध व जागरूक महिला एवं पुरुषों को सम्मानित किया गया ।
- गांव नैन स्थिति गो- अभयारण्य में राहगीरी का आयोजन 
- संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नई सोसायटी को मिला समाज रत्न अवार्ड
- पूर्व मन्त्री ओमप्रकाश जैन की ग्रामीण विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी 
- सनौली रोड़ देवेंद्र भोजनालय में रक्तदान शिविर मे तीन सौ दस यूनिट रक्त एकत्रित हुआ 
- पानीपत रिफाइनरी टाऊनशिप में विदुषी क्लब के तत्वावधान में उमंग - 2019 मेले का आयोजन 
- असंल सोसाइटी स्थित होटल में महिला स्प्रिंग उत्सव और महिला सशक्तिकरण अवार्ड समारोह मे पच्चीस महिलाएं सम्मानित
- बिजली निगम ने 33 केवी की 16 किलोमीटर लाइनें होगी शिफ्ट 
- नारी कल्याण समिति की ओर से मदान अस्पताल में चार सौ पंचास रोगियों की नि:शुल्क जांच की गई 
- अनाज मंडी में बनेगा पांच करोड़ से 33 केवी का पावर हाउस
=====================================





Comments

  1. वैरी नाईस, हार्दिक शुभ कामनायें💐

    ReplyDelete
  2. बहुत बढियाँ। क्या मासिक पत्रिका निकाल रहे है ?

    ReplyDelete
  3. डॉक्टर ऑफ़ नेशन या डॉटर ऑफ़ नेशन?

    ReplyDelete
  4. www.bhaskar.com
    Web results
    लता मंगेशकर को 90वें जन्मदिन पर डॉटर ऑफ द नेशन का खिताब देगी केंद्र ...

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

लघुकथा - 2023 ( ई - लघुकथा संकलन )