रत्ना का पेड़ ( कहानी संग्रह )

      कहानी संग्रह के लेखक श्री रमेश चन्द्र जलोनिया है। संग्रह में दस कहानियों को स्थान दिया गया है।
      " जिज्ञासा " कहानी का प्रमुख बिंदु डॉ भीमराव अम्बेडकर है कहानी के माध्यम से डॉ अम्बेडकर के विचारों को पेश किया है यही कहानी की सफलता है।
      " रत्ना का पेड़ " पुस्तक का शीर्षक भी है। इससे स्पष्ट है कि संग्रह में कहानी उच्च कोटि की अवश्य होगी। वास्तव में कहानी में पेड़ के माध्यम से साधु ने जात-पात का भेद भाव भूलने की प्ररेणा दी है।
         उक्त दोनों कहानी के अतिरिक्त परिवर्तन, जीने का अधिकार, महक फूलों की, आबरू के लिए, हितकारी फैसला, एकता की जीत, नोट सूटे बिल दलित साहित्य की कहानियां  कहीं जाती हैं। एक मात्र कहानी  " नींबू पानी " दलित साहित्य की कहानी नहीं है।
          " मेरी दृष्टि में " भाषा बहुत ही सरल है । पात्रों के नाम भी कथा अनुसार दिये गये हैं। जैसे :- दीनू, घन्शू, कनवर, बच्चा आदि ।
संग्रह सार्थक प्रयास का परिणाम है। लेखक ने कुल मिलाकर समाज में व्याप्त बुराईयों को कहानियों के माध्यम से पेश किया है। यही लेखक की उपलब्धि है।
                       प्रकाशक
                नवभारत प्रकाशन
डी - 626, गली नं. 1 ( निकट ललिता मन्दिर )
       अशोक नगर, दिल्ली - 110094
            प्रथम संस्करण : 2016
                                  - बीजेन्द्र जैमिनी
                                        समीक्षक

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