108 गुण : 324 लघुकथाएँ

आज ही डाकं द्वारा प्राप्त हुई है । शीषर्क के अनुरूप लघुकथाओं का संकलन है। एक गुण पर तीन - तीन लघुकथाएं पेश किया गया है । हर गुण को किसी प्रसिद्ध विद्वान ने अपने विचारों सहित पेश किया है साथ ही चन्द्र भानु आर्य की तीन लघुकथाएं हैं । यही इस में विशेष है । इस तरह से 108 गुणों को शामिल किया गया है । कुल मिलाकर 324 लघुकथाओं को शामिल किया है । सभी लघुकथाएं में ऐतिहासिक पात्रों को लिया गया है । ऐसा लगता है कि बोधकथा को लघुकथा के रूप में पेश किया है । परन्तु विषय यानि गुण के अनुरूप लघुकथा लिखने में कामयाब हुए हैं । ऐतिहासिक पात्रों ने  रोचकता पैदा अवश्य हुई है । लगभग एक साल के अन्दर लघुकथा लिखकर विभिन्न विद्वानों द्वारा विशेष गुण पर आलेख तैयार करवा कर के संकलन का प्रकाशन हुआ है । यह बहुत बड़ी उपलब्धि है । यह सब कार्य लेखक ने स्वयं किया है ।

डॉ. राजेन्द्र दीक्षित, डॉ. राष्टबंधु, डॉ. निष्ठा विधालंकार, डॉ.गोपाल जी मिश्र, विकेश कुमार बाड़ोला, वी. के.जायसवाल, राम कुमार शुक्ल, डॉ. विश्राम, डॉ. राजेन्द्र दुबे, प. श्रीराम शर्मा आचार्य, डॉ. ओमप्रकाश भटनागर, भालचन्द सेठिया, श्री प्रकाश शर्मा, वीना जैन, छाया श्रीवास्तव, डॉ. मुमुक्ष दीक्षित, डॉ. सुरचना त्रिवेदी, ललित गर्ग, डॉ. राघवेद्र शुक्ल, डॉ. सरोजनी पांडेय, डॉ. हरि प्रसाद दुबे, श्रीश्री आंनदमूर्ति, सुधीर कुमार, डॉ. गदाघर त्रिपाठी, अशोक वाजपेयी, डॉ. दिनेश चमोली शैलेन्द्र, डॉ. विजय प्रकाश त्रिपाठी, गणि राजेन्द्र विजय, महायोगी पायलट बाबा , सलित पाण्डेय, आचार्य अनिल वत्स, डॉ. दुर्गा दत्त पाण्डेय, सीता राम गुप्त, डॉ. कन्हैयालाल पाण्डेय, डॉ. विजय नारायण गुप्त, कविता विकास, आशा द्विवेदी, सन्त राजिदर सिंह महाराज, महेश चन्द्र त्रिपाठी , अजय गौड़वी, सरिता बंसल, अवध बिहारी शुक्ल, अनिल विधालंकार, ए. सी. भक्ति वेदान्त प्रभुपाद, डॉ. प्रणव पण्डया, डॉ. पूर्णिमा अग्रवाल, शम्भूनाथ पाण्डेय, डॉ. सत्येन्द्र पाल सिंह, कृष्ण कांत वैदिक,  आचार्य विनोद कुमार अरोड़ा, हरीश बड़थ्वाल , डॉ. महेश भारद्धाज, रेणु सैनी, डॉ. राजेन्द्र दुबे, आचार्य विनोद कुमार ओझा आदि ने अलग - अलग विषय (गुण) पर 108 आलेख लिखे है । जो विषय की बरीकी से व्याख्या करते हैं । जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को समझने में काफी लाभदायक है । प्रत्येक लेख का प्रतिनिधित्व करते हुई लेखक चन्द्र भानु आर्य की तीन -तीन लघुकथाएं दी गई है । लघुकथाओं का अपना ही अलग स्तर हैं। जो ऐतिहासिक धटनाओं का समावेश है ।


        108 गुण : 324 लघुकथाएँ
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        लेखक : चन्द्र भानु आर्य
       प्रकाशक : न्यामती शिक्षा कल्याण समिति ( रजि. )
      जी- 102 , न्यामती सदन, सिग्नेचर व्यू अपार्टमेण्ट ,
        डॉ. मुखर्जी नगर , दिल्ली - 110009
               मूल्य : ₹ 200/- मात्र

इस संग्रह को भारतीय लघुकथा विकास मंच  द्वारा लघुकथा रत्न सम्मान - 2021 प्रदान किया जाता है । चन्द्र भानु आर्य को हार्दिक बधाई । 
- बीजेन्द्र जैमिनी

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