जैमिनी अकादमी के चार पृष्ठ चार युगों , कालों एवं दिशाओं का बोधक है
आपकी अविरल साहित्य - साधना ने अनेक असहाय लेखकों और रचनाकारों को ,जो संजीवनी - मंत्र दिया है । वह हिन्दी साहित्य के इतिहास में सदा अमर रहेगा । मंत्र छोटे एवं सारगर्भित होते हैं फलतः उसी से मनो वंछित फल मिलता है । ठीक इसी प्रकार ' जैमिनी अकादमी ' पत्र छोटा है पर उस का दिल और साहित्य - प्रेम असीम है । इत्र एक बूंद ही सबको सुवासित कर देता है । इसी तरह जैमिनी अकादमी के चार पृष्ठ चार युगों , कालों एवं दिशाओं का बोधक है ।
- डॉ. कामता कमलेश
बड़ा बाजार , अमरोहा - उत्तर प्रदेश - 244221
दिनांक : 08 अप्रैल 2005
पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर : भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र ,
भारत का राजदूतावास , सूरीनाम , द. अमेरिका
हिन्दी सलाहकार : भारतीय विधा संस्थान ,
टिनीडाड , वेस्टइंडीज
सलाहकार : फीजी हिन्दी साहित्य समिति , फीजी
संपादक : हिन्दी अनुशीलन त्रैमासिक शोध पत्रिका
( प्राप्त पत्र से साभार )
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