बीजेन्द्र जैमिनी मेरी नजर में एक समर्पित लघुकथाकार : कान्ता रॉय

           साक्षात्कार के जरिए जो सर्वे आपने किया है वह सभी के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए बहुत बहुत बधाई। एवं मुझे जो मान आप सभी ने दिया है उसके लिए भी कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ।
      बहुत दिनों से बीजेन्द्र जैमिनी जी के लिए मन में कुछ बातें घूम रही थी। आज इस मौके पर कहना उचित प्रतीत हो रहा है।
बीजेन्द्र जैमिनी : मेरी नजर में एक समर्पित लघुकथाकार
लघुकथा के प्रति रुचि होना, पढ़ते हुए अच्छी लघुकथाओं का सार सम्भाल करने की इच्छा जागृत होना, उसके लिए विभिन्न तरीकों से विचार करने के उपरांत मूर्त रूप देने के लिए उस पर चल पड़ना, लघुकथा के लिए काम करते हुए नवीन ऊर्जा का संचार महसूस करना ही लघुकथा के लिए समर्पित एक अच्छे कार्यकर्ता की पहचान है।  यह पहचान आज के कार्यों को देखते हुए नहीं बल्कि हमने बीजेंद्र जैमिनी के कार्यों में विविधता और निरंतरता देखने के बाद बनाया है।
     पिछले 7 सालों से लगातार लघुकथा के क्षेत्र में कुछ ना कुछ करते हुए उन्हें पाया है। कभी तो वह किसी विषय विशेष को लेकर लोगों से लघुकथाएं मंगवाते हैं और कभी अन्य जानकारी।  फिर उन सामग्रियों को संयोजित कर तरीके से अपने ब्लॉग पर स्थान देना। सालों निर्बाध गति से बिना किसी अपेक्षा के अपने काम में लगे हुए बीजेन्द्र जैमिनी मुझे दशरथ मांझी के समान लगते हैं।
       पूर्व में लघुकथा में कार्य करते हुए कई बार ऐसा भी हुआ कि जब कभी मुझे किसी व्यक्ति विशेष की लघुकथा पर बात करने की जरूरत महसूस हुई थी तब मैंने गूगल क्रोम में जाकर उस व्यक्ति के नाम से लघुकथाएं ढूंढने की कोशिश की। सर्च करने पर वह लघुकथा जो सोशल मीडिया पर समूहों में नहीं मिल रहा था जो मुझे ओपन बुक्स ऑनलाइन में उपलब्ध नहीं हो पाया था वह मुझे बीजेंद्र जैमिनी के ब्लॉग पर आसानी से मिल गया। उस दिन यह एक बड़ी बात थी मेरे लिए।
 उस दिन मैंने इस ब्लॉग पर संकलित लघुकथाओं की उपादेयता को समझा था।  कुछ ऐसे रचनाकार जो फेसबुक, वेबसाइटों पर बहुत कम या नहीं के बराबर सक्रिय होते हैं, उनकी रचनाएँ व्हाट्सएप पर सम्पर्क कर उनसे मांगी जाती है तो वे आसानी से प्रेषित कर देते हैं।
 ये रचनाएं पाठकों, शोधकर्ताओं, संपादकों के साथ ही आलोचना के लिए सामग्री तलाशने वालों को भी सहज सुलभ हो जाया करती है।
      हम सब जानते हैं कि किसी भी संग्रह, संकलन, पत्र पत्रिकाओं का उद्देश्य पाठकों तक रचनात्मक कार्यों को पहुंचाया जाना ही मुख्य रूप से है। हम सब जानते हैं कि प्रिंट मीडिया में प्रकाशन का खर्च हम लेखकों पर बहुत भारी पड़ता है। प्रकाशन चाहे में प्रिंट मीडिया के माध्यम से हो अथवा अंतर्जाल पर उपलब्ध माध्यमों से, रचनाओं को सुरक्षित रखना ही प्रमुख उद्देश्य होता है। सामग्रियों का दस्तावेजीकरण होना महत्वपूर्ण है। उसे किस तरह से किया जा रहा है वह उतना महत्वपूर्ण नहीं है।
        बीजेद्र जैमिनी का कार्य इस लिए भी अधिक महत्व रखता है कि उनका उद्देश्य लघुकथा है। वे व्यक्ति विशेष के लिए काम नहीं करते। वे अपनी योजनाओं के संदर्भ में विज्ञप्ति जारी करते हैं। उनके साथ जो जुड़ता है, वे उन्हें साथ में लेकर आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए चलते रहते हैं। आपने जिस तरह से अपने कार्य को अंजाम दिया है यह बात मुझे बहुत प्रभावित करती है। मैं अपनी व्यस्तता के चलते आपको अपना साक्षात्कार नहीं भेज सकी इसका मुझे अफसोस है।
आपने जिस पथ का चुनाव किया है उस पथ पर सदा अग्रसर रहें यह कामना करती हूँ।
 - कान्ता रॉय , भोपाल - मध्यप्रदेश
  ( कान्ता रॉय की फेसबुक से साभार )
  16 सितम्बर 2021 

Comments

  1. बिजेन्द्र जैमनी साहित्य के क्षेत्र में ऐसा नाम है जो कि नि:स्वार्थ भाव से साहित्य के प्रति पूर्णत: समर्पित हैं। नवोदित से लेकर वरिष्ठ साहित्यकारों के प्रति समान व्यवहार रखने की उनकी शैली उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उच्रच पर आसीन करने के लिए पर्याप्त कारण है । साहित्य के क्षेत्र में वे ध्रुव तारे की तरह अपनी छटा बिखरते रहें एवं उन पर माँ वीणावादिनी की सदैव कृपा बनी रहे यही कामना है ।
    निहाल चन्द्र शिवहरे (झाँसी )

    ReplyDelete
  2. कान्ता रॉय जी ने जो कहा, सच कहा, दिल से कहा। मैं स्वयं भी जैमिनी जी का लघुकथा के प्रति गहन समर्पण देखकर प्रभावित हूँ। विविध आयामी लेखन और कुछ संस्थाओं के दायित्व निर्वहन की वजह से मैं लघुकथा समूह के पटल पर उतना सक्रिय नहीं हो पाता, जितना कि होना चाहिए परंतु यह बीजेन्द्र जैमिनी जी की आत्मीयता और सदाशयता है जो मुझे जोड़ रखा है।
    श्री जैमिनी जी की लघुकथा के प्रति यह निष्ठा प्रणम्य है। आप उत्तरोत्तर विकास के नए आयाम स्थापित करें। मेरी और से हार्दिक शुभकामनाएं, आशीर्वाद।

    गोकुल सोनी, भोपाल

    ReplyDelete
  3. मैं कान्ता रॉय जी की बातों से सहमत हूँ! बिजेंद्र जी एक सुलझे हुए व्यवहार सुलभ व्यक्तित्व को धारित करते हैं ! स्वभाव में उनकी निखालसता सभी साहित्य प्रेमियों को उनकी ओर आकर्षित करती है! लघुकथा के क्षेत्र में उनका सहयोग , लघुकथा के प्नति उनका समर्पण भाव अप्रतिम है !
    बिजेंद्र जी ने देश के सभी प्रांतों के विशिष्ठ मनकों को( साहित्यकारों को ) पिरो माला बना अपने ब्लॉग में स्थान दे मान तो दिया साथ ही साक्षात्कार ले उनका परिचय भी करवाया! इतने लोगों का साक्षात्कार ले हर प्रांत के लेखकों को जोड़ना आसान काम नहीं है जो जैमिनी जी ने किया... ! जैमिनी जी के ब्लॉग में स्थान प्राप्त कर मैं गौरव महसूस करती हूँ! आप लेखन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करें... अनेक शुभकामनाएं

    चंद्रिका व्यास
    खारघर नवी मुंबई


    ReplyDelete
  4. खूब खूब अभिनंदन 🌷 🌷 🌷
    डॉ गुलाब चंद पटेल अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधीनगर Mo 8849794377

    ReplyDelete
  5. Apke baare mein padh kar bahut accha laga. Apne kitna kuch kiya hai aur bina koi niji swarth ke aap nirantar karya kar rahe hain. Apke aage hath jodh apna mastak jhukati hoon.
    Prabhu apko lambi umar pradan karein🙏🙏
    - Anjali Dewan
    Panipat ( Haryana )
    ( By WhatsApp )

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

लघुकथा - 2023 ( ई - लघुकथा संकलन )