जैमिनी अकादमी के नाम श्री प्रेम शर्मा का पत्र
दिनांक : 07 अप्रैल 2005
सख्या पी० ए० / डी ० एल ० सी ० / विविध - 3656
प्रिय श्री बीजेन्द्र जी ,
आपसे मेरी भेंट सुभद्रा कुमारी चौहान जयन्ती के अवसर पर जैमिनी अकादमी समारोह में हुई थी । उस दिन का समारोह अविस्मरणीय रहा और विशेषकर आप सभी प्रबुद्ध लेखकों , कवियों का सनिध्य मेरे लिए सुखकर रहा ।
आप द्वारा आयोजित यह समारोह वस्तुतः समस्त राष्ट्र के प्रबुद्धजनों को एक ही मंच पर लाकर परस्पर वैचारिक विनिमय का अदभुत मंच प्रदान करता है इसके लिए आप बधाई के पात्र है ।
आप द्वारा भेट की गई पुस्तक ' हरियाणा साहित्यकार कोश ' एवं ' संधर्ष के स्वर ' वास्तव में एक वैज्ञानिक तरीक़े से एकत्रित किये गये साहित्य का संग्रह है । जिससे कवियों एवं लेखकों के कृतित्व एवं सम्पर्क का मार्ग प्रशस्त हुआ है । समस्त भारत के बुद्धिजीवियों तथा हिन्दी एवं प्रान्तीय भाषाओं के लिए आप द्वारा किया जा रहा यह अदभुत प्रयास है जो आप साहित्य समारोह के माध्यम से कर रहे हैं । आप सदैव इस प्रकार का सदप्रयास करते रहेंगे एवं आपके आयोजन होते रहें , यही ईश्वर से कामना है ।
आपका ,
हस्ताक्षर
प्रेम शर्मा
निदेशक : भाषा एवं संस्कृति विभाग ,हिमाचल प्रदेश
शिमला - 171 009 हिमाचल प्रदेश
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