बीजेन्द्र जैमिनी द्वारा सम्पादित लघुकथा संकलन चांद की चांदनी

बीजेन्द्र जैमिनी के सम्पादन में " चांद की चांदनी " लघुकथा संकलन का प्रकाशन जनवरी - 1990 में जैमिनी पांकेट बुक्स, पानीपत द्वारा प्रकाशन  हुआ है।
     यह संकलन हरियाणा की प्रसिद्ध लघुकथाकार स्वर्गिय श्रीमती  सरती देवी को समर्पित किया गया है
     संकलन में शामिल लघुकथाकार :-
 01. स्व. श्रीमती सरती देवी  -  तरकीब
 02. डॉ अशोक लव  -  दरार
 03. बीजेन्द्र जैमिनी  -  फैशन
 04. डॉ सुनीता शास्त्री  - ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌अग्नि परीक्षा
 05. डॉ सतीश राज पुष्करण  -  गद्दार
 06. सत्य प्रकाश भारद्वाज  - ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ आदमी
 07. प्रद्युम्न भल्ला  -  गरीब
 08. मनोज कुमार ' प्रीत '  -  नया उपाय
 09. रोहित गर्ग  -  मदारी का खेल
 10. नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी  -  पुर्जा 
 11. सोहन लाल व्यास   -  काश साहिब का कुत्ता
 12. कांशीराम शर्मा  -  धारणा
 13. डॉ रामकुमार घोटड़  -  दंश का दायरा
 14. कुल भूषण शर्मा ' कुल '  -  विडम्बना
 15. राहुल  -  भगवान के लिए
 16. मालीवाल यादव  -  चांद और रोटी
 17. हरिवंश प्रभात  -  छोटी बेगम
 18. कवि कांति बोड़ा  - ‌‌‌‌‌‌‌धर्म 
 19. रोशन ' विक्षिप्त '  -  पुलिस वाला
 20. हनुमान प्रसाद मिश्र  -  लेकिन खुद
 21. नरेन्द्र राज जाटव  -  नया जमाना
 22. तरुण कुमार राय  -  भाग्य
 23. डॉ विधा प्रकाश ' असीम '  -  आंसू
 24. संकल देव पुष्प  -  महामूर्ख
 25. रामनिवास पंथी - कविता, कहानी और उपन्यास
 26. रामयतन प्रसाद यादव  -  फितरत
 27. स्नेह लता गुप्ता  - साहित्यगत और व्यक्तिगत
 28. टेक चन्द गुलाटी -  पुरुष वेश्या
 29. डॉ बलदेव सिंह  -  महिला दिवस
 30. सुरेन्द्र कुमार ' अंशुल ' - चौराहे की बत्तियां
 31. प्रदीप नील  -  औकात
 32. मनोहर लाल ' रत्नम '  -  दो पार्टी के बीच में
 33. प्रताप सोमवंशी  -  बम
 34. आनन्द बिल्थरे  -  शौर्य गाथा
 35. विनोद कुमार  -  जान की बाजी
 36. केवल कृष्ण शर्मा  -  मां और ममता
 37. अजय गोरखपुरी  -  नौकरी
 38. हरीश चन्द्र सिंह कुलौरा  -  गारंटी
 39. वेद हिमांशु  -  पुष्पदंश
 40. डॉ उपेन्द्र प्रसाद राय  -  कर्मठता
 41. साधु रामपुरी ' दर्शक '  -  प्रमाण - पत्र
 42. घनश्याम पौदार  -  मुगें महंगें हुए
‌ 43. उमाशंकर  -  भौंरा
 44. प्रो इन्दिरा खुराना  - पीड़ा जब सहनी पड़ी
 45. रमेशचन्द्र जलोनया -दुर्धटना, पुलिस और डाक्टर
 46. कन्हैया लाल विधार्थी - शिक्षा
 47. डॉ बेताब अलीपुरी - मम्मा हया, पापा हाय
 48. अशोक गुप्त अजनबी  -  अंधा
 49. विजय कुमार झांब  -  अमर फल
 50. शराफत अली खान  - पागल
 51. मधुसूदन शर्मा  -  सेंधमार

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                      विद्वानों के विचार
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    चांद की चांदनी ( सम्पादित लघुकथा संकलन )
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1. आपके संकलन में कोई लघुकथा निरर्थक नहीं है । इनमें मदारी का खेल , पुर्जा , दंश का दायरा , चांद और चकोर , मुंगे महगें हुए , फैशन आदि सराहनीय लघुकथाएं हैं ।
           - डॉ. के एल. सोनकर , वाराणसी

2. एक बार की बैठक में ही पढ़ गया । अति रोचक लगा । सराहनीय काम है ।
                  - डॉ. बलदेव सिंह , राजपुरा - पंजाब

3.' चांद की चांदनी ' में संग्रहीत लघुकथाएं मन को उद्देजिल्त करती हैं ।
                      - अशोक शर्मा ' भारती ' , इन्दौर

4. चांद की चांदनी में जिन 51 लघुकथाओं का संकलन किया गया है । सभी अपने कथ्य , शिल्प और भाव सप्रेषण में अपने लक्ष्य को भेदती हैं ।
                        - तरुण कुमार राय , दिल्ली 

5. संकलन के भीतर की रचनाएं सामान्य तथा वर्तमान की सामाजिक , राजनैतिक व आर्थिक विषमता को समर्पित है । सरल भाषा तथा शैली व्यंग्यात्मक व प्रतीकात्मक जैसी लगी । 
                   - हरीश चन्द सिंह कुलौरा , नैनीताल

6. ' चांद की चांदनी ' में अधिकतर लघुकथाएं साधारण है ।देश का दायरा , फितरत , साहित्यगत और व्यकितगत , पुष्पदश , शिक्षा लघुकथा स्तरीय है ।
                      - प्रो. रूप देवगुण , सिरसा - हरियाणा

7. ' चांद की चांदनी ' को यहां पर काफी सराहना हुई है।
                    - उमाशंकर , पूर्णिया - बिहार

8. स्वर्गीय श्रीमती सरती देवी को समर्पित संकलन को निकालने पर बधाई । 
                       - सत्य प्रकाश भारद्धाज , दिल्ली 

                        ( साभार )
     डॉ. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी : बिम्ब - प्रतिबिम्ब
              सम्पादक : संगीता रानी
           प्रथम प्रकाशन : 25 मई 1999 

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