क्या मध्यप्रदेश की तरज पर सभी राज्य को लव जिहाद् पर कानून बनाना चाहिए ?

इस समय लव जिहाद् पर चारों ओर पर चर्चा हो रही है । मध्यप्रदेश ने तो कानून बन कर देश के सभी राज्य का मार्गदर्शन कर दिया है । बाकी तो अपने - अपने राज्य में कानून बनाने के लिए स्वतंत्र है । यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते है : -
आज की चर्चा में जहां तक यह प्रश्न है कि क्या मध्य प्रदेश की तर्ज पर लव जिहाद पर सभी राज्यों में कानून बनना चाहिए तो इस पर मैं कहना चाहूंगा कि केवल लव जिहाद ही नहीं ऐसे सभी कार्यों पर जिनसे देश की अखंडता और एकता को हानि पहुंचती है सभी पर कुछ दंडात्मक कार्यवाही से संबंधित कानून अवश्य होना चाहिए तथा आपसी सामंजस्य एवं भाईचारा बनाए रखने के प्रयासों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए देश की सांस्कृतिक विरासत एवं विचारों को बढ़ावा मिलना चाहिए कट्टरवाद चाहे वह किसी भी धर्म से संबंधित क्यों ना हो कभी भी किसी का भला नहीं कर सकता इससे यथासंभव बचा जाना चाहिए और यदि कोई इस तरह का कृत्य करता है तो ऐसी मानसिकता वाले लोगों पर अवश्य ही कार्यवाही की जानी चाहिए जिन से समाज को हानि पहुंचती है और सामाजिक ताना-बाना खराब होता है .....
- प्रमोद कुमार प्रेम 
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
'लव' ऐसा शब्द है जो आज की पीढ़ी को तेजी से अपने चपेट में ले रही है। सोचना समझना कुछ नहीं है, बस 'लव' हो गया। बाद में इसी की आड़ में अनेकों गलत काम किये जा रहे हैं। 
मुझे तो लड़कियों पर तरस आता है जो इसके झांसे में आकर अपना सब कुछ गवां देती हैं और फिर जिंदगी भर का घाव लेती हैं। यहाँ धर्म और जाति की कोई पाबंदी नहीं है, पाबंदी तो उस रिश्ते की सच्चाई पर है। यह रिश्ता ही शक के दायरे में आता है।
 अंतर्जातीय विवाह पहले भी हुए हैं और आज भी हो रहे हैं। कुछ में परिवारवालों ने शुरू में ही उन्हें अपना लिया और कुछ नकार दिए गए। परन्तु धोखा, देह व्यापार वगैरह की अब ज्यादा घटनाएं हो रही हैं। जिसके परिणामस्वरूप 'लव' शब्द ही असुरक्षित होता जा रहा है। इसलिए अब कानून के द्वारा सुरक्षा प्रदान करना जरूरी हो गया है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
मध्य प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा लव जिहाद को रोकने के लिए नए कानून म.प्र. फ्रीडम आॅफ रिलीजन एक्ट 2020 लाया गया है। इससे पहले यह उत्तराखंड में लागू है।  लगभग एक दशक से अधिक ऐसे मामले सामने आये हैं जिनसे निष्कर्ष निकल कर आता है कि लव जिहादियों का मनोबल बढ़ गया है। यह संगीन अपराध है। इसे रोकने का समय यही है। मां-बाप, भाई-बहन या खून का रिश्ता रखने वाले संबंधी की शिकायत पर फैमिली कोर्ट शादी निरस्त कर सकती है। प्रलोभन, बलपूर्वक, धोखे और बहकावे का प्रयोग कर की गई ऐसी शादियां अपराध हैं। इन्हें रोकने के लिए मध्य प्रदेश कानून लाया है। अन्य सभी राज्यों को तुरन्त लव-जिहाद कानून बनाना चाहिए जिससे कैंसर की भांति अनवरत बढ़ते इस भयंकर रोग लव-जिहाद को रोका जा सके।
- सुदर्शन खन्ना
 दिल्ली 
मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लव जिहाद पर कानून बनाने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार लव जिहाद पर जल्द ही विधेयक लाने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश सरकार की घोषणा से पहले भाजपा शासित हरियाणा और कर्नाटक कि राज्य सरकारों ने भी लव जिहाद को लेकर नवजात को लेकर कानून बनाने की बातें कर चुकी है। मध्य प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद लव जिहाद को लेकर देश में खासकर बॉलीवुड में चर्चा खूब हो रही हैं। वॉलीवुड एक्टर जीशान अयूब ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद पर कानून बनाए जाने की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि प्यार करने पर अब जेल जाना पड़ेगा। या तो प्यार करने से पहले धर्म देखना पड़ेगा ? घबराइए मत नफरत करने पर कोई नहीं रोकेगा  बल्कि तालियां बजाई और बजवाई जाएगी ? वैसे भी जिहान सामाजिक सरोकार के मसलों पर बेबाकी के साथ अपनी राय रखते हैं उनका कहना है कि झूठ पर कानून बनाया जा रहा है ? वह सही नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार इस विधेयक में नियम सख्त रखा जाएगा की शादी के लिए अपेक्षा से धर्म परिवर्तन करने के लिए एक माह पहले कलेक्टर के यहां आवेदन करना अनिवार्य होगा।
मध्य प्रदेश सरकार को लव जिहाद को लेकर कानून बनाए जाने की क्या जरूरत पड़ी। इसको बनाने से पहले सरकार की ओर से बहुत ही धन विचार विमर्श किया गया। देश में प्यार करने पर स्वेच्छा से यदि कोई अपना धर्म परिवर्तन करता है तब तो ठीक लेकिन धर्म परिवर्तन करने के लिए जो जोर जबरदस्ती की जा रही है वह गलत है। देश में दर्जनों नहीं बल्कि हजारों ममामले सामने आए, जिसमें लव जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन करने के लिए जो जबरदस्ती की गई।  जिसको लेकर मध्य प्रदेश सरकार सक्रिय हुई सही बात है कि लव जिहाद को लेकर सभी प्रदेशों में कानून बनाए जाने की आवश्यकता है।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
मध्य प्रदेश से पहले यूपी हरियाणा "लव जिहाद" पर कानून बनाने के पक्षधर हैं। इसका जो नियम बन रहा है:-गैर जमानाती होगा और दोषियों को 5 साल का सजा होगा साथ में जो व्यक्ति इस घिनौने काम के लिए प्रेरित करते हैं उन्हें भी सजा होगी। समाचारों से पता चल रहा है अगले सत्र में यूपी हरियाणा मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश किया जाएगा।  समाचार पत्रों से जानकारी मिल रही है जहां जहां बीजेपी की सरकार या सहयोगी का है शायद वहां जल्दी ही लागू  करेंगे।
मेरा सुझाव है केंद्र सरकार इस विषय पर विचार करें और पूरे देश के लिए कानून बना दें।
 हमारा देश हिंदू बहुल है इसमें कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
लेखक का विचार:-हमारे पड़ोसी देश इंडोनेशिया, अफगानिस्तान मैं हिंदू अधिक थे लेकिन लव जिहाद के कारण मुस्लिम देश घोषित हो गए ।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
जो कानून सुरक्षा प्रदान करती हो धर्म संप्रदाय से संबंधित सुरक्षा यदि कानून बनने से प्राप्त हो रहे हैं तो सभी राज्य में यह कानून बनाना होगा काठी सिर्फ एक दो राज्य स्तर पर इस तरह के अपराध को नहीं रोका जाए सार्वजनिक तौर पर इस प्रकार के घटना पर प्रतिबंध लगना अति आवश्यक है क्योंकि कई घटनाओं में यह देखा गया है कि धोखा लालच जबरदस्ती या अन्य कई असामाजिक कारण है जिसके फलस्वरूप रिश्ते बनाए जाते हैं और उन रिश्तो का फिर गलत इस्तेमाल किया जाता है जनता की सुरक्षा संप्रदाय की सुरक्षा धर्म की सुरक्षा देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कानून बनाना आवश्यक है
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
     देश में समय-समय पर हमेशा ही किसी न किसी रूप में कानून बनना आम बात हो गई हैं, किन्तु उसका परिपालन में बुरी तरह से सामना करना पड़ता हैं, क्योंकि आमतौर पर जो कानून बनाता हैं, उसी का परिणाम प्रत्यक्ष राजनैतिक उदाहरण होता हैं, जो अनंत: एक कठपुतलियों की भांति सामान्यतः हो जाता हैं। मध्यप्रदेश में विगत दिनों लव जिहाद् पर कानून बना हैं, यह उनकी पहली सोच का दूरगामी पहल हैं। मध्यप्रदेश में सभी राज्यों में कानून बनाना उनकी सोच पर निर्भर करता हैं। पहले परिणामों का आकलन कर लेना चाहिए ताकि भविष्य में कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आये।  यह भारत हैं, जहाँ स्वार्थों के बिना कोई इच्छा तंत्र, विचार तंत्र  प्रभावशाली नहीं होता?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
लव जिहाद रोकने के लिए मध्य प्रदेश
राज्य सरकार ने कानून बनाया है मध्य प्रदेश फ्रीडम रिलिजन एक्ट 2020
लव जिहाद मामले में दोषी पाए जाने वाले को 5 साल की सजा मिलेगी पहले पहले उसके सगे संबंधी को मामला दर्ज कराना होगा और पहले हुए लव जिहाद पर फैमिली कोर्ट में
उसका फैसला लिया जाएगा।
लव जिहाद रोकने के लिए मध्य प्रदेश राज्य शासन जिस प्रकार कानून की प्रारूप रूपरेखा तैयार की है उसी प्रकार से हर एक राज्य को लव जिहाद रोकने के लिए कानून बनाना चाहिए।
तभी लव जिहाद पर नियंत्रण पाया जा सकता। पुराने कानून में संशोधन करने की अतिशीघ्र आवश्यकता है।
- आरती तिवारी सनत
 दिल्ली
आपने समसामयिक मुद्दा उठाया है, इस के चलते एक संदेश एक  जागृति हमारे समाज के भटके हुए तबके को अवश्य पहुंचेगा।  एक बात।  दूसरी बात आपके दिए गए आज के प्रश्न पर , मेरा उत्तर है**** हाँ ******
अब रही बात क्यों मैं आपके इस ज्वलंत प्रश्न से सहमत हूँ इसका जबाब है कि आज का हमारा युवा चारो तरफ से भरपूर सुबिधाओं से घिरा हुआ है उनकी मानसिकता भ्रमित है विकेन्द्रित परिवार अपने अपने बच्चों का लालन पालन सुसंस्कारित विधि विधान से करने में अक्षम या यूँ कहिये असमर्थ हैं समाज में इन्ही कुछ कारणों  से चरित्र हनन , भ्र्ष्टाचार , नैतिक हनन संस्कार अवनति , व्यक्तिगत स्वार्थ , आदि आदि ऋणात्मक शक्तियां सर उठाये खड़ी है और उसका शिकार असय्यमित युवा आसानी से होता जा रहा है। 
मध्य प्रदेश की सरकार ने अपने दायित्व को निभाने व् समाज में सभी वर्ग के युवा , युवतियों को मानसिक शारीरिक नैतिक चारित्रिक अवनति की ओर जाने से रोकने का बहुत सुंदर व् ठोस कदम उठाया है।  
इस कानून का सबसे बड़ा लाभ सीधे २ उन परिवारों को सापेक्ष भाव् से तुरंत मिलेगा जिनके बच्चे अभी इन बुराइयों के चलते अपना जीवन बर्बाद होने से बचा पाएंगे।  बशर्ते इस कानून का बेजा फायदा या इसकी आड़ में बेगुनाह परिवार व् बच्चों को प्रताड़ित न किया जाये।  
भारत के धर्मनिरपेक्ष देश है। व् १८ साल के किसी भी युवा को अपने वयस्क हो जाने पर भारतीय संविधान के अंतर्गत अपना जीवन साथी अपनी इच्छा से वरण करने का अधिकार है।  
अन्य प्रान्त / राज्य अपनी अपनी सामाजिक व्यवस्था व् धार्मिक परिपाटी , राज्य में उक्त विषय सम्बन्धित अपराध व् उनसे जुड़ी शिकायतों व् समस्याओं के निस्तारण हेतु अपना निर्णय ले सकते है।  जिसके लागू होने से कमजोर तबके के बच्चों व् परिवारों को अवश्य सहारा मिलेगा जो उक्त अपराध के चलते अपनी रक्षा करने में अक्षम हैं ।    
             - डॉ. अरुण कुमार शास्त्री
दिल्ली
जी हाँ, जब लव के नाम पर गलत कार्य होने लगे तो मध्य प्रदेश की तर्ज पर लव जिहाद क़ानून तो बनना ही चाहिए l लव जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन जबरन करवाना, अत्याचार करना ऐसी घटनाएँ आम होती जा रही हैं l जिस पर काबू पाना नितांत आवश्यक है l लव नाम को बिगाड़ कर असामाजिक तत्व लालच, लूट, आतंक में लगे हैं प्यार और संरक्षण को तिलांजलि दे रखी है l ऐसा प्यार किस काम का?असुरक्षा का वातावरण समाज में व्याप्त है अतः ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है l
     - डॉo छाया शर्मा
अजमेर -  राजस्थान
लव जिहाद याने मुस्लिम पुरूषों द्वारा गैर मुस्लिम महिलाओं से जबरदस्ती या बलपूर्वक, इस्लाम धर्म अपनाने के लिए बाध्य करना।चाहे रास्ता कितना भी अमानवीय, बर्बर,जघन्य हो,लव जिहाद कहलाता है। 
   मध्यप्रदेश पहला राज्य है जिसने लव जिहाद कानूनी रूप से रोकने(नियंत्रित करने)कानून बनाया है।
   चूंकि यह देश की समस्या है तो भारतीय संसद को लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाना चाहिए। सभी राज्यों को मध्यप्रदेश राज्य की तरह लव जिहाद कानूनी रूप से प्रतिबंधित कर अनुपालित भी करवाना चाहिए। 
    सभी सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी कानून का साथ देना चाहिए और पीड़ित को न्याय दिलवाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। 
     वस्तुतः हमारे देश में कानून की स्थिति लचर है। गरीबों तक न्याय नहीं पहुंच पाता या विलंब से पहुंचता है। 
     देश के सभी राज्य लव जिहाद रोकने कानून बना भी ले तो आशातीत सफलता मिलने की गुंजाइश कम ही रहेगी।क्योंकि कानून बनाने वाले ही कानून ज्यादा तोडते हैं। सभी नागरिकों को लव जिहाद के विरुद्ध खड़े होना होगा।यह मामला सामने दिखते ही एक्शन में आना होगा।
     लव जिहाद को रोकने या पीडित को न्याय दिलवाने की दिशा में सभी का सहयोग मिलेगा तभी लव जिहाद रूकेगा।सिर्फ़ कानून बनाना पर्याप्त नहीं होगा,चाहे केन्द्र सरकार बनाये या राज्य सरकारें। 
- डॉ•मधुकर राव लारोकर 
नागपुर - महाराष्ट्र
मध्यप्रदेश राज्य में सबसे पहले लव जिहाद का कानून बनाने की पहल की गई है. लव जिहाद यानी जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराना और फिर विवाह करना. जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने से पीड़ित को मानसिक और शारीरिक पीड़ा से तो पीड़ित होना पड़ता ही है, साथ ही देश-समाज का नैतिक पतन भी होता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए ही मध्यप्रदेश राज्य ने सबसे पहले लव जिहाद का कानून बनाने की पहल की है. ध्यान रखने योग्य बात है कि इस कानून में 'लव जिहाद' शब्द को रखना तर्कसंगत व कानूनसम्मत होगा या नहीं, अभी इस पर भी विचार किया जा रहा है. नए कानून में शादी करने या धर्म परिवर्तन पर रोक नहीं है. नया कानून लालच देकर, जबरदस्ती से, बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर, फ्रॉड या झूठ बोलकर शादी करने के खिलाफ है. इस कानून में धर्म परिवर्तन करने के लिए कलेक्टर से पहले इजाजत लेने को जरूरी किया जा रहा है. पहले ऐसा नहीं था. इसके अतिरिक्त पहले यह अपराध जमानती था, सजा का प्रावधान भी सख्त नहीं था. नए कानून में थाने की बजाय कोर्ट से ही जमानत मिल पाएगी. सजा भी सख्त और जुर्माना अधिक होगा. अब उत्तर प्रदेश में भी यह कानून बनाने पर काम शुरू हो चुका है, जबकि हरियाणा में इस पर विचार चल रहा है. अन्य राज्यों में अभी पुराने कानून ही हैं. वहां भी मांग उठ रही है. पीड़ित व उसके परिवार को मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए यह आवश्यक भी लग रहा है, 
- लीला तिवानी 
दिल्ली
जी हा! बिलकुल बनना ही चाहिये लव जिहाद धोखा है। जालसाजी है। प्रेम (लव) के नाम पर छल है। अभी मैने लव जिहाद पर कड़े कानुन को ओर सख्त बनाने की टिप्पनी की तो उस पर लव जिहाद के समर्थको ने बड़ी ही अभद्रता से अपना पक्ष रखा जो टिप्पनीयाँ कि वह यहा लीखी नही जा सकती है। इतनी अभद्र भाषा का उंहोने उपयोग किया है वै त्यार है लव जिहाद करने को और इसे रोकने के लिये ओर भी सख्त कानुन कि अवश्यकता है सर्वप्रथम तो लव जिहाद करने वालो को ना मर्द बनाना चाहिये फिर इन्हे कम से कम 20 वर्ष की सजा होनी चाहिये लव जिहाद किसी के हत्या करने से कम नही है यहा लव को छोड़ कर सभी बुराइया युक्त है। इसका उदेश्य भी  प्रेम के खिलाप ही है ।
- कुन्दन पाटिल
देवास - मध्यप्रदेश
'लव जिहाद'  के खिलाफ कानून की मध्य प्रदेश से तो शुरुआत हो चुकी है, लेकिन यदि इन मामलों को  लेकर पूरे भारत में कानून बन जाता तो उसके परिणाम कुछ हद तक संतोष पूर्ण मिलते ।  यद्यपि कानून लाने का ऐलान सबसे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किया था लेकिन मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने इस दिशा में सबसे पहले कदम बढ़ा दिया है, जो प्रशंसनीय है ।लव जिहाद नाम मीडिया का दिया हुआ नाम है मध्यप्रदेश में इसका नाम 'धर्म स्वतंत्र विधेयक' है । राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार जल्द ही इससे जुड़ा कानून विधानसभा में पेश किया जाएगा । ये गैर जमानती अपराध माना जाएगा और दोषियों के लिए 5 साल तक की कठाेर सजा का प्रावधान अवश्य होगा । इसके अलावा लव जिहाद में सहयोग करने वाले अन्य लोगों के खिलाफ भी सजा का प्रावधान होगा उन्हें भी दोषी माना जाएगा । शादी के लिए जबरन धर्मांतरण कराने वालों को भी सजा का प्रावधान रहेगा । जोर जबस्ती या बलपूर्वक की गई शादी, धोखे से पहचान छिपाकर की गई शादी रद्द मानी जाएगी । मेरी यह राय है कि हर राज्य में ऐसा कानून बनना चाहिए, ताकि  जबरन धर्मांतरण, प्रलोभन, बहकावा, धोखाधड़ी कर शादी पर रोक लग सके। विरोधी राय रखने वाले तो इसे प्यार की भाषा देते हैं मगर हर जगह प्यार नहीं जबरदस्ती होती है जान से भी हाथ धोना पड़ता है। अतः इसे संगीन जुर्म माना जाना चाहिए और सख्त से सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए।
-  शीला सिंह 
बिलासपुर-  हिमाचल प्रदेश
"जो खुद बर्बाद हैं, उन्हें सब बर्बाद नजर आता है, 
नफरतों का बाजार उन्हें आबाद नजर आता है, 
मोहब्बत बांटते हैं हम तो रगों
 में भी अक्सर, 
धर्म के ठेकेदारों को सिर्फ जिहाद नजर आता है"।  
यह शेयर  लव जिहाद को वयां कर रहा है, क्योंकी आजकल लव जिहाद का मुद्दा चर्चा में बना ही रहता है
क्योंकी  यह किसी राज्यक्षेत्र या देश का मामला नहीं है मगर यह एक विश्वव्यापी मुद्दा है क्योंकी  जहां पर भी मुस्लिम समाज अल्पसंख्यक हैं वहां की आवादी अक्सर  आरोप लगाती है कि मुस्लिम युवक हमारी बेटियों को बहकाकर  विवाह कर लेते हैं और फिर उनको धमकाकर धर्म परिबर्तन करने पर मजबूर करते हैं जो एक चिन्ता का  विषय है क्योंकी मामले चाहे कम हों लेकिन इनसे दोनों समुदाओं के बीच नफरत की दिवार खड़ी हो रही है, 
तो आइयै चर्चा करते हैं कि  सभी राज्यों को लव जिहाद का कानून बनाना चाहिए
अगर मध्यप्रदेश ने इस कानून को लेकर कोई पहल की है तो क्या स़भी को उसी प्रकार का कानून बनाना चाहिए, 
 मेरे ख्याल में लव जिहाद को रोकने के लिए सबसे पहले एमपी सरकार प्रदेश में कानून ला रही है और लगभग इसको तैयार कर वैठी है, 
विधानसभा में इसी सत्र यह कानून लाया जायेगा, इस में कहा गया है कि  दोषी साबित होने पर दोषी को व उसको मदद करने वाले को ५बर्ष की सजा हो सकती है, और सजा होने पर शादी भी शुन्य हो जाऐगी तथा केस दर्ज होने पर पुलिस विना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती हैअथवा आरक्षण का लाभ भी समाप्त कर दिया जायेगा यह कानून शिवराज सरकार शीघ्र ही लागू करने जा रही है। 
राज्य  के ग्रह मंत्री नरोत्म मित्र ने ऐलान किया है कि जल्द ही इस कानून को विधानसभा में पेश करने के बाद लागू किया जायेगा, 
कथित लव जेहाद के मामलों को लेकर यूपी, हरियाणा और कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्य भी कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं जबकि कानून लाने का ऐलान सबसे पहले यूपी सीएम योगी आदित्यनाध जी ने किया था लेकिन मध्यप्रदेश के सीएम  शिवराज सिहं जी ने इस देश में पहला कदम वढ़ा दिया, 
यह एक सराहनिय कदम है, 
मेरे ख्याल में सभी राज्य कों ऐसा कानून बनाना चाहिए। 
 असल में लब जिहाद या रोमियो जिहाद कथित रूप में
मुस्लिम समुदायों से न जुड़ी महिलाओं को इस्लाम मेंधर्म परिवर्तन करने के लिए लक्षित करके प्रेम का ढोंग रचना है, इसमें जवरदस्ती धोखे से जबरन शादी करबा दी जाती है जो एक  अपराध है। 
अन्त में यही कहुंगा  हालांकि लव जिहाद के मामले कम आंके जा रहे हैं लेकिन फिर भी इससे दोनों समुदाओं के बीच नफरत ही फैल रही है जो एक चिन्ता का विषय है, 
इस पर लगाम लगाना  जरूरी है जिस तरह फ्रांस जिहादियों पर लगाम लगा रहा है भारत में भी जिहादी मानसिकता वाले लोगों पर लगाम लगाने की जरूरत है व मध्यप्रदेश की तर्ज पर सभी राज्य कों जल्द से जल्द लव जिहाद के खिलाफ कानून पारित करना चाहिए,  सच कहा है, 
"कोई आबाद  होकर बर्बाद है
                तो
कोई बर्बाद होकर आबाद है
ये इश्क इश्क नहीं है यह तो एक तरह का जिहाद है"। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
एमपी सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए मध्यप्रदेश धर्म स्वतंत्र विधेयक 2020 ला रही है। आगामी विधानसभा इसे सदन में पेश किया जाएगा। इस कानून के आने के बाद लव जिहाद के दोषियों पर गैर जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई होगी ,जिसमें धर्मांतरण और जबरन शादी करवाने वालों पर कार्रवाई होगी। तो एमपी सरकार की तर्ज पर ही पूरे देश में इस तरह के कानून को लाने की सख्त जरूरत है जिस से विवाह के नाम पर अमानवीय कृत्यों पर रोक लगेगी ।
- सुषमा दिक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
लव जिहाद पर कानून तो बनना ही चाहिए। भोली भाली मासूम लड़कियों को अपने प्रेम  जाल में फंसा कर  सब्जबाग दिखा कर उनकी अस्मत लूट लव जिहाद के नाम पर जो हो रहा है उसे तो बन्द होना ही चाहिए।
माँ -बाप अपनी लड़कियों को इतनी छूट नहीं देनी चाहिए जो पढ़ने के नाम पर घर से बाहर जाती हैं और प्रेम लीला में पड़ जाती हैं। 
किसी कारण वश मध्यप्रदेश में लव जिहाद के विरुद्ध  कौन सा कानून बना है ज्ञात नहीं हुआ है। फिर भी कानून बना है तो अच्छा के लिए ही बना होगा। इस मामले में बेहतर से बेहतर कानून बनना चाहिए। तभी इस पर रोक लगेगा।
इससे पहले लड़की के गार्जियन को सजग और सावधान रहना होगा कि उनकी लड़की कहाँ जा रही है किससे मिल रही है। रोज नहीं तो सप्ताह में उसकी खबर तो ले ही सकते हैं। पहले खबर रखते नहीं हैं और जब पानी सर के ऊपर बहने लगती है तब हाय तौबा मचाते है। केवल कानून बनने से कुछ नहीं होगा। बलात्कार का तो कानून बना है । फिर  बलात्कार रुक कहा रहा है। केवल कानून बनने से अपराध नहीं रुकते। उस पर सख्ती से अमल जरूरी है।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
 कलकत्ता - पं . बंगाल

प्यार की कोई भाषा,जाति या रंग नहीं होता। तो फिर ये बात  मुझे समझ नही आती कि प्यार और शादी में धर्म परिवर्तन कहां से आ जाता है।लव जिहाद की मैं कड़ी भर्त्सना करती हूं कि प्रेम और विवाह के लिए जबरन उसकी मर्ज़ी के विरुद्ध धर्म परिवर्तन करवाया जाय। कानून का इसमें बहुत दखल सही नही।
- संगीता राय
पंचकुला - हरियाणा
 सच में मध्यप्रदेश को शाबाशी देनी चाहिए। जिसने लव जिहाद पर कानून बनाया है। वास्तविकता यह है कि लव शब्द का अर्थ जिहाद से जुड़ता ही नहीं है। अर्थात प्रेम का अपमान है। उस पर किसी का बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करना और मना करने पर हत्या जैसा घृणित कार्य करना किसी को भी शोभा नहीं देता। 
       आत्मनिर्भर भारत में ऐसे कुकर्मों पर कानून लाना अति आवश्यक है बल्कि यह कहा जाए कि कड़े से कड़ा कानून सभी राज्यों को शीघ्र अतिशीघ्र बनाना चाहिए।
       उल्लेखनीय है कि कोई मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना तो फिर जिहादियों की जिहाद कहां से आ गई? अतः सभी राज्यों को बिना विलम्ब किए मध्यप्रदेश की तर्ज पर उससे भी अधिक कड़ी कानूनी व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि पवित्र प्रेम अपवित्र होने से बच सके।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर

" मेरी दृष्टि में " लव जिहाद् पर केन्द्र सरकार को कानून बना कर न्याय के लिए एकरूपता लानी चाहिए । तभी कानून से न्याय की उम्मीद सम्भव है ।  न्यायालय भी एकरूपता से चाहता है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी 

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