क्या एक असफलता से सब कुछ समाप्त हो जाता है ?

असफलता भी जीवन में बहुत कुछ मायने रखती है । असफलता से हीन भावना से ग्रस्त नहीं होना चाहिए । इससे बाहर निकल कर नये सिरे से प्रयास करना चाहिए । कोई एक असफलता से आपके कर्म का अन्त नहीं होता है । यहीं जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा "  का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को भी देखते है : -
असफलता मन में निराश के भाव उत्पन्न करती है। मनुष्य को लगता है कि सब कुछ समाप्त हो गया परन्तु असफलता के पश्चात ही मनुष्य के धैर्य, पुरुषार्थ और बुद्धि-विवेक की असली परीक्षा होती है। इसलिए एक असफलता से कभी भी सब कुछ समाप्त नहीं होता। हां यह अवश्य हो सकता है कि पुन: शून्य से प्रारम्भ करना पड़े। बाधायें बार-बार मन को नकारात्मकता की ओर धकेलें। लेकिन जब तक मनुष्य का जीवन है सब कुछ समाप्त होने के भाव मन में नहीं आने चाहियें। 
संसार में एक नहीं अनेक उदाहरण है जब असफलता ने मनुष्य को निराश किया, परन्तु वे नकारात्मक नहीं हुए अर्थात् उन्होंने सकारात्मक सोच से विफल होने के कारणों पर विचार किया। असफल होने के कारणों से सीख लेते हुए पुन: प्रयास किया और अंतत: सफलता का वरण किया। 
"हवा का रुख सदा अनुकूल होता नहीं, 
प्रयासों को दोष न देना कभी असफलता के लिए। 
ऊंची उड़ान में तूफान रोकेंगे रास्ता तेरा, 
हृदय में जुनून चाहिए तूफानों से टकराने के लिए। 
सीखता असफलताओं से जो गिरकर उठना, 
नहीं चाहिए कुछ और उसे सफलता पाने के लिए।"
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड 
बिल्कुल नहीं ! डा. छाया शर्मा के मत से मैं भी सहमत हूं !असफलता सफलता की पहली सीढ़ी है! किसी लक्ष्य को प्राप्त करने में यदि हम असफल होते हैं तो हम आत्म-मंथन द्वारा स्वयं से ही प्रश्न करते हैं कि इतने संघर्ष करने के बाद भी मुझे सफलता क्यों नहीं मिली ! अपनी मिली असफलता की कार्य प्रणाली का जब हम आत्म विश्लेषण करते हैं तब हमे अपनी कमियां दिखाई देती है ! सकारात्मक सोच के साथ जब हम पुनः उस कार्य को करते हैं तो हमें अवश्य सफलता मिलती है ! बस हताश नहीं होना चाहिए !असफल होने से हम कुछ खोते नहीं बल्कि अनुभव प्राप्त होता है ! संघर्ष यदि हमारा मूलधन है तो अनुभव हमें ब्याज के तौर पर मिलता है अतः हमें हार नहीं मानना चाहिए ! परिश्रम से आये पसीने की कीमत तो भगवान को भी चुकानी पड़ती है असफल होने पर कुछ भी समाप्त नहीं होगा यदि साकारात्मकता के साथ प्रयास और संघर्ष करते हैं तो जीत अवश्य मिलती है !
- चंद्रिका व्यास
 मुंबई - महाराष्ट्र
जी नहीं। एक असफलता सब कुछ समाप्त नहीं कर सकती।कारण यह है कि जीवन बहुत लंबा होता है और हमें किसी भी कार्य में सफलता मिलती है या असफलता। यह नैसर्गिक नियम भी है। 
    जिनका आत्मविश्वास, संस्कार, संघर्ष करने की क्षमता कमजोर होती है।वे एक असफलता को झेल नहीं सकते हैं। वे इतने असहज हो जाते हैं कि उन्हें लगता है कि उनके पास अब कुछ नहीं रहा। मानसिक तनाव से वे इतने ग्रस्त हो जाते हैं कि ऐसे लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। 
  हमें ऐसे तमाम उदाहरण दिख जाते हैं। जीवन में मिली असफलता ही हमें सफलता का मार्ग दिखाती है। हम उन तथ्यों पर विचार करते हैं कि हम असफल क्यों हुए।ये नहीं सोचते कि आब हमारे पास कूछ नहीं बचा।
   सभी यही सोचते हैं कि कोई बात नहीं। हम फिर से सफल होंगे।परंतु प्रयास में सकारात्मक सोच, परिश्रम आवश्यक है। ऐसे व्यक्ति सफल होकर खोया हुआ सभी प्राप्त कर लेते हैं,अपने पुरुषार्थ के दम पर। ।
- डॉ•मधुकर राव लारोकर 
   नागपुर - महाराष्ट्र
असफलता सफलता का प्रथम पायदान है l असफल होने पर असफलता सोचने को विवश करती है कि हमारी कहां कमी रही और उस कमी को दूर कर आगे बढे l कहा गया है -करत करत अभ्यास से जड़मति होत सुजान.... बार बार कोशिश करने पर तो चींटी भी ऊपर चढ़ने में सफल हो जाती है l बशर्ते हम निराश न हो, संघर्ष कर नित आगे बढ़ें l हम जैसा बनना चाहते हैं उसी सोच के अनुरूप कार्य करें, अवश्य सफलता मिलेगी l ईश्वर भी उन्हीं की मदद करता है जो स्वयं की करते हैं l 
   जीवन है तो सफलता और असफलता भी साथ है l हमें धीरता के साथ ही कदम बढ़ाना है l ताकि सफल हो सकें l 
    -डॉo छाया शर्मा
अजमेर -  राजस्थान
बिलकुल नहीं | एक असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता है | बल्कि असफलता से हिम्मत मिलती है पुनः नए जोश से काम करने की प्रेरणा मिलती है फिर जब उसके बाद जो सफलता मिलती है उसका स्वाद अनोखा ही होता है , आसानी से यदि सब कुछ मिल जाए तो उसका आनन्द फीका रहता है और हम उसकी उतनी कदर भी नहीं करते हैं | एक और महत्व पूर्ण बात ये है कि हर काम में सफलता मिले ही मिले ये संभव नहीं, क्योकि हर काम हर किसी के बस के भी नहीं | एक कहावत है **
जिसका काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे** 
   जीव की मानसिकता को समझ पाना कठिन कार्य है | जितने प्रकार के जीव हैं, उतनी ही मानसिक्तायें इस सृष्टि में व्याप्त हैं, प्रत्येक जीव अपने प्रारब्ध से जुड़ा हुआ आचरण करता है | भौतिकवाद की परवर्जनाओँ  के दीर्घगामी प्रकल्पों के चलते अनन्य भ्रांतियां जीव के मानस का दोहन करती रहती हैं तथा उसपर अपनी ऋणात्मक व् घनात्मक छाया अंकित करती जाती हैं | जिसके नागपाश में जीव किंकर्तव्यविमूढा सा इस जीवन को व्यतीत करता है | कोई विरला ही इसके बाहुपाश से निर्लिप्त जीवन जी प|ता है | 
मनुष्य का मानस अत्यंत विकसित है | उसी अनुरूप उसका सोच, सफलता की अनुशंसा उसका धेय | असफलता को स्वीकार करना उसके लिए उतना आसान नहीं | *मानसिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार ये सब व्यवहारिक ऑक्यूपेशनल क्रियात्मकता का एक हिस्सा है* असफलता को स्वीकार करना व् सफलता आने से  सय्यम रखना एक संतुलन बनाये रखना सीखना होता है |   
जीवन का आधार यथार्थ में कुछ और है धीरे २ जब प्राणी इस संतुलन का मापदंड समझने लगता है तो वो असफलता को भी एक प्रेरणा के रूप में समझ पुनः नए उत्साह से प्रयास करता है वो जान जाता है कि सफलता व् असफलता  दोनों इस जीवन के अंग संग हैं |   
- डॉ. अरुण कुमार शास्त्री
दिल्ली 
असफलता ही सफलता तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करती है। जब हम किसी मुकाम पर पहुंचने के प्रयास में असफल साबित होते हैं तो अपनी कमियों और खामियों को दूर करते हुए दृढ़ संकल्प के साथ फिर से आगे बढ़ते हैं और उस मुकाम पर पहुंचने में सफल हो पाते हैं।
बचपन से हम पढ़ते आ रहे हैं ----
करत-करत अभ्यास से जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।
   बार-बार अभ्यास और प्रयास से हम हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।
   असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता।
   हिम्मत को बनाए रखें और आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ सही दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करें। सही मार्गदर्शन के अभाव में भी हम मंजिल तक पहुंचने में असमर्थ हो जाते हैं। आर्थिक मदद के साथ-साथ सही मार्गदर्शन और इच्छाशक्ति का होना अति आवश्यक है।
   जीवन बहुमूल्य है अगर एक क्षेत्र में सफलता नहीं मिलती तो हम अपने ध्येय को समयानुसार, परिस्थिति अनुसार थोड़ा बदलाव करते हुए दूसरे क्षेत्र में भी मुकाम हासिल कर सकते हैं पर सब कुछ समाप्त होने वाली अनुभूति हृदय में नहीं लानी चाहिए। सकारात्मक सोच के साथ सतत प्रयत्नशील रहें।
                - सुनीता रानी राठौर 
                ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
       भाषणबाजी करने का प्रयास करूं या जगबीती सुनाऊं तो एक असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं होता बल्कि वह एक असफलता भविष्य की सफलताओं का आधार बनती है। चूंकि उस असफलता से ज्ञानवर्धक जानकारियां मिलती हैं। जिन जानकारियों से आगामी सफलताओं को प्राप्त करने में शक्ति मिलती है। जिस शक्ति से हम आगे की रणनीति तय करते हैं और एक के बाद एक सफलता प्राप्त करते हैं।
       परंतु यदि आपबीती कहूं तो मेरी एक असफलता ने मेरा सारा जीवन बर्बाद कर दिया था। चूंकि मेरे भ्रष्ट एवं क्रूर अधिकारियों ने माननीय उच्च न्यायालय में मुझे हरा कर मुझे पागल सिद्ध कर दिया था। जिसके कारण मुझे बार-बार असफलता का सामना करना पड़ा। जिसके लिए पिछले 27 वर्षों से निरंतर न्यायिक संघर्ष करने में व्यस्त हूं और अब विजयश्री की इच्छा में माननीय जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की खंडपीठ (डबल बेंच) में अपील दायर करने की तैयारी में जुटा हुआ हूं। 
       अतः अपने अनुभव से बताना चाहता हूं कि कभी-कभी पहली एक असफलता में भी सब कुछ समाप्त हो जाता है? परंतु इसके साथ-साथ प्रकृति, परिश्रम एवं पराक्रम पर दृढ़ विश्वास रखते हुए हमें विजयश्री के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। क्योंकि प्रयास करने वाले कभी असफल नहीं होते।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
असफलता जीवन की सबसे महत्वपूर्ण सीख है फिर सब कुछ समाप्त कैसे हो सकता है? असफलता से शिक्षा लेकर ही व्यक्ति मजबूत बनता है  संघर्षशील बनता है और अपने आप को बेहतर बनाने की कोशिश करता है अंततः सफल भी होता है। सफलता और असफलता  के पीछे हमारा प्रयास काम करता है। कोई प्रयास ही नहीं करेंगे तो परिणाम भी नहीं होगा । यदि आपमें हिम्मत हौसला और दृढ़ इच्छाशक्ति है और आप हर असफलता की चुनौती का सामना कर आगे बढ़ने में सक्षम है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
 जीवन में सफलता के लिए लक्ष्य और योजना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी  है सफलता का सामना करने की हिम्मत । मन की शक्ति को जगाना  । क्योंकि 'मन के हारे हार मन के जीते जीत' मन में यदि निराशा का भाव बैठ जाता है तो उत्साह में कमी आ जाती है फिर सफलता कैसे प्राप्त की जा सकती है?  अनेकों ऐसे उदाहरण है जिन्होंने असफल होने पर बार-बार प्रयास किया और अपने उद्देश्य प्राप्ति में सफल हुए। बचपन में राजा और मकड़ी की कहानी बहुत सुनी जाती थी-  एक राजा जब युद्ध लड़ता लड़ता हार मान लेता है तो वह कहीं गुफा में जाकर छुप जाता है एक मकड़ी जो बार-बार ऊपर को चढ़ रही थी लेकिन बार-बार गिर जाती परंतु प्रयास नहीं छोड़ती और अंततः अपने उद्देश्य में सफल हो जाती है राजा यहीं से सीख ग्रहण करके दोबारा अपनी सैन्य सेना इकट्ठी करता है और वीरता से लड़ कर विजय प्राप्त करता है । 
अतः असफलता ही सफलता की सीढ़ी तक पहुंचाती है। कर्म को कभी न त्यागेे सफलता एक दिन अवश्य मिलती है। Walt Disney को अखबार के संपादक ने यह कहकर निकाल दिया था कि उनके पास कल्पनाशीलता और नए विचार नहीं हैं। उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया लेकिन बुरी तरह से दिवालिया हो गए फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी प्रयास किया सफल हो गए और उनके नाम से एक पूरा साम्राज्य चलता है यह सभी जानते हैं। भारत की ओर से नोबेल पुरस्कार जीतने वाले महान कवि और साहित्यकार रविंद्र नाथ टैगोर स्कूल में बार-बार फेल हो जाते थे क्योंकि शिक्षक की नजर में वह पढ़ाई में ध्यान न देने वाले छात्र के तौर पर पहचाने जाते थे ।बाद में वही टैगोर देश का गर्व साबित हुए।  
इतिहास में ऐसे अनेकों उदाहरण भरे पड़े हैं जिन्होंने असफलता से सीख लेकर सफलता के शीर्ष को स्पर्श किया है । जरूरत है -हौसलों की उड़ान की ,मन की शक्ति की, दृढ़ इच्छा -शक्ति निश्चय- प्रतिज्ञा की, काम और समय की महत्ता की।
-  शीला सिंह 
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
प्रत्येक इंसान अपने जीवन में बहुत सी गलतियां करते है और असफल होते हैं।अगर आप निरंतर प्रयास कर रहे हैं तो आपके लिए असफल होना बुरी नहीं है, बल्कि अच्छी बात है क्योंकि हर सफल व्यक्ति ने माना है कि:-"
**असफलता सफलता तक पहुंचने का पहला कदम है**।" 
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि हम गलतियों से सबक लें। अपने 
नाकामयाबी को स्वीकार करें ।अगर आपके अंदर बदलाव की जरूरत है न की संसार को बदलने का। असफलता के बाद अधिक साहसी बने। अपने सपनों का पीछा करें।
*समय सबसे मूल्यवान है*। 
जीवन की यात्रा का आनंद लीजिए।
लेखक का विचार:--असफल होने के बाद सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता कोई भी इंसान ऐसा नहीं होगा जो बिना किसी कठिनाइयों और असफलताओं के बिना सफल हुआ हो आप असफलता के सीडी पर पैर रखकर ही सफलता की ओर बढ़ते हैं।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
“असफलता, सफ़लता तक पहुँचने का पहला कदम है”.
इस दुनिया में शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा, जो कि बिना किसी कठिनाइयों और असफलताओं के सफल हुआ हो| आप असफलता की सीढ़ी पर पांव रखकर ही सफलता की ओर आगे बढ़ते है. असफल होने पर सबसे पहले अपनी नाकामयाबी को स्वीकार करना आवश्यक होगा. ऐसा करने पर ही हम अधिक साहसी बनकर अपने सपनों का पीछा कर सकेंगे. सफलता जिंदगी में केवल उसी को मिलती है. जिसने साहस से संघर्ष किया हो. किसी की प्रेरणा भी सफलता की राह रोशन कर सकती है. स्कूल से मानसिक दिव्यांग घोषित कर थॉमस ऐल्वा एडिसन को स्कूल से निकाल दिया गया. मां की लगन और प्रेरणा का ही प्रभाव था, कि बल्ब को बनाने में थॉमस ऐल्वा एडीसन 10000 बार से भी ज्यादा बार असफल हुए फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और प्रकाश देने वाले बल्ब का आविष्कार किया, जिसने सबकी जिन्दगी में एक तरह से प्रकाश से भर दिया. बचपन में मंदबुद्धि वाला बालक अपने जीवन काल में 1093 आविष्कारों का जनक बने जो कि शायद एक विश्व रिकॉर्ड है. इतने अधिक आविष्कार इनके अलावा अब तक किसी ने नही किया है. एक असफलता से हार मानने पर ऐसा होना संभव ही नहीं था. 
अंत में यह कहना तर्कसंगत होगा, कि एक असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता है. ''हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है. सफल होने के लिए एक निश्चित तरीका है एक और बार प्रयास करना.''
- लीला तिवानी 
दिल्ली
नहीं जी,एक असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं होता,वरन सफलता की संभावनाओं को नये आयाम मिलते हैं।संभावनाएं कभी भी समाप्त नहीं होती। किसी भी काम में सफलता पाने के लिए किये गये प्रयासों में यदि कहीं कमी रह जाती है तो फिर उसके लिए अगला प्रयास करते हुए वह कभी तो नहीं रहती। यदि असफलता से निराशा का भाव लेकर सब कुछ समाप्त होने की बात होती तो यह दुनिया इतनी प्रगति न करती।कौन है इस जग में ऐसा, जिसने असफलता का स्वाद न चखा हो। बस यह अलग बात है कि किसी की असफलता का प्रतिशत कम रहा था किसी की असफलता का प्रतिशत अधिक रहा। संसार में जो भी सफलता की कहानी है,उनके पीछे असफलता भी है। सफलता पाकर,असफलता को भूल जाना मानवीय स्वभाव है। यह भी सत्य है कि हम जिसे एक क्षेत्र में असफलता मान रहे होते हैं,वह हमारे लिए दूसरे क्षेत्र में सफलता की नींव होती है। 
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
यह बात बिल्कुल गलत है कि एक असफलता से सब कुछ समाप्त हो जाता है। यह कहना गलत ना होगा कि असफलता तो सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। हमारे विज्ञानी, महापुरुष और विद्वान लोगों की जीवनी पढ़ें तो पता लगता है कि वो अनेकों बार असफल हुए हैं। अगर एक असफलता पर ही कोशिश करना छोड़ दें तो कभी भी सफलता नहीं मिल सकती।जितने भी अविष्कार हुए हैं वो एक दिन या एक बार का नतीजा नहीं है। पता नहीं एक निर्णय पर पहुंचने से पहले कितनी बार असफलता हाथ लगी हो।
     इस लिए हम कह सकते हैं कि असफलता तो सफलता का रास्ता दिखाती है। जीतने वाले कभी हार नहीं मानते,हार मानने वाले कभी जीत नहीं सकते ।कुछ लोग असफलता मिलने पर भाग्य को कोसने लगते हैं। अगर किसी काम में असफल हो भी जाएँ तो क्या हुआ तो ये अंत तो नहीं है। फिर कोशिश करनी चाहिए कयोंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। 
     असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि पूरे जोश के साथ फिर से कोशिश करनी चाहिए। सफलता अवश्य मिलेगी। 
- कैलाश ठाकुर 
नंगल टाउनशिप -  पंजाब
एक असफलता से सबकुछ खत्म नहीं होता है बल्कि और जोश के साथ सफलता पाने के लिए कदम बढ़ाना पड़ता है। एक असफलता ही सबकुछ नहीं है। असफलता ये सिद्ध करती है कि हमने सफलता के लिए सही प्रयास नहीं किये हैं। सफलता के लिए प्रयास तबतक करनी चाहिए जब तक सफलता नहीं मिल जाती। सफलता का प्रयास अंत तक करनी चाहिए।
महाभारत में शकुनि  पांडवों के विरुद्ध सफलता पाने के लिए  एक पर एक कोशिश करते रहता है। एक असफलता क्यों वो बार-बार असफल होता है फिर भी कोशिश जारी रखता है। एक असफलता से उसका सबकुछ खत्म नहीं हो जाता है। उसी तरह से हमें कोशिश जारी रखनी चाहिए कभी न कभी तो सफलता मिलेगी ही जाएगी कहाँ।
जिस तरह से तिलक जी ने कहा था स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है उसी तरह सफलता भी हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। मरते दम तक सफलता के लिए कोशिश करते रहना चाहिए।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
 कलकत्ता - पं बंगाल
 नहीं कोई एक और सफलता से सब कुछ समाप्त हो जाता है ऐसा कहना उचित नहीं  है । मनुष्य के अनेक कार्य होते हैं इन कार्यों में से किसी एक कार्य में सफल नहीं होता है तो सब कुछ समाप्त हो जाता है  ऐसा नहीं है किसी एक कार्य सफल हो जाने से कोई भी मनुष्य जी नहीं सकता ऐसा बात नहीं है एक कार्य असफल हो जाने से उसके विकल्प और मैं और कई कार्य करने पड़ते हैं जिससे मन तन धन लगाकर करने से सफलता जरूर मिलती है असफलता को पुनः सफल बनाया जा सकता है आता अंत में यही कहता बनता है कि किसी एक असफलता से मनुष्य का सबकुछ समाप्त नहीं होता वह पुनः सफलता के लिए प्रयास करता है।
 - उर्मिला सिदार 
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
असफलता ही तो संघर्ष की जननी है। असफलता तो सफलता को प्राप्त करने का प्रयास है। चलते हुए पानी की राह में अगर रुकावट आ जाती है तो वह भी संघर्ष कर इधर उधर से रास्ता बना कर आगे बढ़ जाता है। इस विषय में नैतिक ज्ञान देती अनेक कहानियां और घटनाएं हैं। मगर अफसोस और दुःख की बात है कि कुछ इन्सान असफलता को ही अपना अन्त मानते हुए आत्महत्या कर अपने जीवन का अन्त कर लेते हैं। ऐसा करते हुए वे भूल जाते हैं कि एक असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता।
- सुदर्शन खन्ना 
 दिल्ली
नही असफलता और सफलता जीवन की एक डोर है ।और असफलता तो सीख का एक पाठ है।जीवन मे सफलतापूर्वक आगे बढ़ने से जीवन की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जाता है।जिंदगी मे हमे अपनी असफलता से हार नही माननी चाहिए और जीवन की हर जंग को बेहद ही धैर्यवान होकर जीना चाहिए।एक असफलता जीवन को खत्म नही कर सकता जीवन की कठिन हालातों मे एक सबक बनकर असफलता उजागर होता है कभी कभी असफलता जीनकी राह देती है और हम अपनी सफलता से कम और असफलता से जयादा सीखते है।असफलता कभी कभार हमें जीनकी नयी आयाम स्थापित करने मे अपनी भूमिका निभाती है।जीवन बेहद खूबसूरत और बेहद मार्मिक होती है उतारचढ़ाव और असफलता सफलता एक दुसरे का साथ  देती है।जब भी हम सफलता और असफलता का दामन थामते है तब जिंदगी हमे नये नये सीख देती है । एक असफलता  जीवन को  समाप्त नही कर सकती जीवन को नयी राह देती है समाप्त होने का या निराशाजनक होने से जीवन समाप्त नही हो सकता है।असफलता ही जीवन को मंजिल तक ले जाती है।कभी भी एक असफलता से हम मानव को हार नही मानना चाहिए असफलता को अपनी ढाल बना कर जीवन को जीने की कोशिश करनी चाहिए।जीवन की हर परिस्थितियों में हमें असफलता का सामना करना उचित है पंरतु हम अपनी असफलता से हार नही सकते है ।अतः एक असफलता हमें और हमारे जीवन को तोड़ नही सकती समाप्त नही कर सकती ।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
क्या एक असफलता से सब कुछ समाप्त हो जाता है?
  मेरा ऐसा मानना है कि एक असफलता से सब कुछ समाप्त हो भी जाता है और नहीं भी। यह पीड़ित पर निर्भर होति है कि वह आशावादी है या निराशावादी। यदि वह आशावादी हुआ तो वह पुनः प्रयास करेगा और अपनी उन कमियों और खामियों को दूर करने का प्रयास करेगा और यदि वह निराशावादी हुआ तो एक ही बार में असफलता पाकर उसका मनोबल टूट जायेगा। उसका मनोबल टूटना उसे बुरी तरह झकझोर देगा कि फिर उस पर हताशा का इतना बुरा प्रभाव पड़ेगा कि फिर उसका किसी काम में मन नहीं लगेगा याने उसका सब कुछ समाप्त हो जायेगा। इसीलिए  तो सभभी को प्रेरणा दी जाती है कि असफलता से कभी भी निराश न हों बल्कि और मेहनत करें। परिजन और मित्रों से भी कहा जाता है कि ऐसे लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हुए उनका मनोबल बढ़ाएं। उनको हिम्मत दें, सहयोग दें, उत्साह वर्धन करें। उनकी उपेक्षा न करें। ऐसे अनेक उदाहरण मिलेंगे जो एक बार में सफल नहीं हुए किईंतु दोबारा ... तिबारा... चौबारा में सफलता के शिखर पर पहुंचे। अतः कभी भी असफलता से नहीं घबराना चाहिए बल्कि धैर्य, आत्मविश्वास के साथ निरंतर मेहनत करते रहना चाहिए। यह धारणा बना लेनी चाहिए कि चाहे कुछ हो जाए, मैं सफलता अवश्य पाकर रहूंगा और फिर सफलता मिलती भी है।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
 गाडरवारा - मध्यप्रदेश
सफल और असफल होना सब नज़रिए का ही खेल है | हर असफलता हमें कुछ ना कुछ सिखा कर जाती है | असफल व्यक्तियों के पास तज़ुर्बा होता है और वही तज़ुर्बा इंसान को जीवन में सफलता की और लेकर जाता है |
शीर्षक पर तो एक ही रहता है, बाकी सब तो उसके पीछे रहते हैं तो क्या पीछे रहने वाले आगे बड़ना या साझेदारी देना छोड़ देंगे | जितना या हारना ज़रूरी नहीं है ज़रूरी है तो बस भागीदारी करना |
कवि वृंद ने कहा है, "करत करत अभ्यास के जद्मती होत सुजान रसरि आवत- जात के, सिल पर परत निशान |
असफलता के माथे में कील ठोक कर अफलता पाई जा सकती है |
गलतियों से ही हम सीखते हैं | असफलताएं ही हमें सफलता की एहमियत बतलाती हैं | असफलता के बाद मिली सफलता हमेशा याद रहती है |
- मोनिका सिंह 
डलहौजी - हिमाचल प्रदेश
     मानव जीवन में असफलता का महत्वपूर्ण योगदान हैं। एक बार असफलता लग गई तो उससे उबरने के लिए काफी समय लग जाता हैं। घरेलू जीवन की हो या समसामयिक या राजनैतिक पराकाष्ठा का? जो विनाशकारी का खेल प्रारंभ हो जाता हैं। परिस्थितियों का विपरीत प्रतिक्रिया होती हैं। इसलिए कहा जाता हैं, कि समयसीमा में सम्हलते रहना चाहिए। यह सब इच्छा शक्ति, वाक शक्ति  पर निर्भर करता हैं, किस परिस्थितियों से गुजरना हैं। यह सत्य हैं, कि सफलता या असफलता एक चुनौती हैं, जहाँ स्वार्थों के बिना कोई भी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
 बालाघाट - मध्यप्रदेश
  क्या एक असफलता से सब कुछ समाप्त हो जाता है।
      असफलता और सफलता के बीच मात्र एक" अ "
का अंतर है।यह अ हमारे स्वर का पहला स्वर है। 
यह हमे सिखाता है आगे बढ़ना। हमारा जीवन तो झूले के समान कभी ऊपर और कभी नीचे दोलायमान होता ही रहता है।बस यही है असफलता और सफलता को समझने का सरलतम सूत्र है। एक असफलता तो हमे यह आश्वासन दे जाती है कि थोड़ा प्रयास और ,थोड़ी हिम्मत और दिखाओ। सच कहें तो सब कुछ समाप्त तो मरने के बाद भी नहीं होता है। भारतीय संस्कृति और धर्म तो आत्मा को अजर अमर मानता है। अब शरीर के जलने के बाद आत्मा जीवित है तो एक असफलता से सबकुछ समाप्त कैसे हो सकता है ?  हम तो बचपन से ही नन्हीं चींटी, खरगोश और कछुआ,की कहानियाँ सुनकर बड़े हुए है तो हार तो हम सकते ही नहीं। असफलता को सफलता में बदलने के लिए अंदर की ताकत को ,आत्मबल को ,एकत्र कर के ,गल्ती को समझ कर पुनः सही दिशा में, सही सलाह और सही विश्वास के साथ चलना होता है।
  -  ड़ा.नीना छिब्बर
    जोधपुर - राजस्थान
आज की चर्चा में जहाँ  तक यह प्रश्न है कि क्या एक असफलता से सब कुछ समाप्त हो जाता है तो इस पर मैं कहना चाहूँगा कि ऐसा नहीं है कि एक बार असफल हो जाने के बाद सब कुछ समाप्त हो जाता है और कोई रास्ता ही नहीं होता ऐसे समय में धैर्य से काम लेना चाहिए और ऐसी विपत्ति किसी भी आदमी के जीवन में किसी भी समय आ सकती है जब वह बिल्कुल हताश होने लगता है और उसे कोई रास्ता दिखाई नहीं देता परंतु कहते हैं कि ़समय हर जख्म का मरहम है ़और समय बीतने के साथ-साथ समस्याएं भी धीरे-धीरे कम होती है और एक समय ऐसा जरूर आता है जब परिस्थितियां आपके अनुकूल होने लगती है परंतु इस समय का धैर्य के साथ इंतजार करना बहुत आवश्यक है जो एक कठिन कार्य है और हम यदि अपना धैर्य खो देते हैं तो और समस्याओं से गिर जाते हैं और नुकसान उठा बैठते हैं यदि कोई घोर विपत्ति है आती है तो ऐसे समय में अपने मित्रों बंधुऔ पारिवारिक व्यक्तियों और माता-पिता से जरूर विचार विमर्श करें बातचीत करने से किसी भी समस्या का कुछ हल निकल आता है कभी-कभी ऐसा भी होता है की समस्या का हल हमारे आस पास ही होता है और वह तरीका हमारे विचार में नहीं आता आता लेकिन जब कोई दूसरा समस्या से निकलने के तरीके को हमें सुझाता है तो हमें लगता है अरे यह मैंने पहले क्यों नहीं सोचा इसलिए एक असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि असफल होने के कारणों की तलाश करनी चाहिए और फिर एक-एक करके उन सभी कारणों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए यह ही असफलता से बाहर निकलने का और सफलता के रास्ते पर चलने का मूल मंत्र है ......................
-  प्रमोद कुमार प्रेम 
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
पहली असफलता अनुभव की पहली सीढ़ी होती है
मनुष्य का जीवन निरंतर चलता रहता है सफलता असफलता यह सब जीवन में साथ साथ चलते हैं  एक असफलता से जीवन में सब कुछ समाप्त नहीं होता है आपको आगे और दुगने जोश उत्साह से बढ़ने की हिम्मत देता है कहां पर गलती हुई वहां सुधार कर और सीखने समझने की परख देता है
ऐसे समाज में कई उदाहरण है जो पहली कई असफलताओं के बाद जीवन में बहुत सफल हुए हैं और
समाज के लोगों के लिए दिशा निर्देश करते हुए प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं।
असफलता सफलता तक पहुंचने
का सुगम मार्ग प्रशस्त करता है
- आरती तिवारी सनत
 दिल्ली
नही ऐसा कदापि नही हो सकता ,असफलता तो सफलता की पहली सीढ़ी है ,असफल व्यक्ति को यह विचार  आत्मसात करने की आवश्यकता है।यद्यपि असफलता से झटका तो लगना स्वाभाविक ही है परन्तु हिम्मत नही हारनी चाहिए और फिर से सम्भलकर असफलता को सकारात्मकता के साथ स्वीकार करते हुए फिर से आगे बढ़ना चाहिए । मेहनत करने वाले को सफलता एक दिन अवश्य मिलती है ।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
*असफलता हीं सफ़लता की सीढ़ी होती है*। यह बात बहुत हद तक सही कही गई है, क्योंकि असफलता मिलने पर व्यक्ति और भी दुगने उत्साह और मेहनत लगाता है सफ़लता प्राप्त हेतु। वह आत्ममंथन करता है कि आखिर क्या बात है या मेरे काम में क्या कमियां रह गई हैं जिसके कारण मैं असफल रह गया ? इसी बात को सोचते हुए वह व्यक्ति अपनी कमियों को दूर कर पुनः उस कार्य को सम्पन्न करने की चेष्टा करता है और अंततः उसे सफ़लता हासिल हो जाती है। इसलिए सफलता हमारे हौसले और प्रयास का प्रतिफल होता है। अगर एक असफलता से व्यक्ति निराश हो जाए कि सब कुछ समाप्त हो गया तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। अतः हमें हमेशा सकारात्मक सोच और उर्जा बनाए रखनी चाहिए सफ़लता और असफलता मिले इस डर से परे होना चाहिए। बार- बार गिरने के बावजूद भी मकड़ी अंततः अपने जाले और अपना घर बुन हीं लेती है  अगर बार -बार गिरने के डर से वह मकड़ी भी अपना कार्य छोड़ देती तो फिर वह सफ़लता का स्वाद कभी ना चख पाती । इसलिए हमें भी जीवन में सदैव प्रयासरत रहना चाहिए सफ़लता- असफलता से कभी हताश और नकारात्मक सोच मन में नहीं आने देना चाहिए।
- डॉ पूनम देवा
पटना -  बिहार
         असफलता भी एक प्रकार से सफलता प्राप्त करने का एक सोपान है। एक ही बार की असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं होता। नए सिरे से तैयारी के साथ सतत प्रयत्न एवं निष्ठा के साथ कार्य करने से निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है। एक बार असफल होने पर इंसान उसके लिए पुनः प्रयास करता है तो कुछ नई उपलब्धियां भी हासिल हो जाती हैं। जैसे वैज्ञानिक खोजों एवं भूगर्भ शास्त्रियों की खोजों में भी यही साबित हुआ है किसी चीज विशेष की खोज करते समय उसको तो खोजा ही गया पर बीच में भी कुछ नई जानकारियां हासिल हुईं। जिससे लक्ष्य प्राप्ति के अलावा कुछ नया ज्ञानवर्धक भी हुआ।
          अतः एक असफलता से सब कुछ समाप्त होने का सोचने की बजाय नए सिरे से उसके लिए नए संकल्प के साथ प्रयासरत होना चाहिये। निश्चित रूप से सफलता हासिल होगी। प्रथम प्रयास में जो कमी रह गई वह दूसरे प्रयास में पूर्ण हो जाएगी ऐसा सोच कर काम करना चाहिए।
- श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
 नरसिंहपुर -  मध्य प्रदेश
"चमक रहा हुं जो सूरज की तरह तो सब हैरान हैं क्यों, 
मेरी कामयावी से सब  इतने परेशान हैं क्यों, हर रात टकराया हुं  मैं एक नई मुसीबत से नई सुबह के लिए, 
   सबको दिखा हुनर मेरा
लेकिन किसी ने न पूछा की यह जख्मों के निशान हैं क्यों"। 
इस शेयर से साफ जाहिर है कि हर सफलता के पीछे असफलता का हाथ होता है, 
तो  आईये दोस्तो आज बात करते हैं कि  हमें असफलता देखकर यह सोच लेना चाहिए  की अब सब कुछ समाप्त हो  गया है और अब आगे नहीं वढ़ना चाहिए। 
मेरा मानना है कि एक असफलता से सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता केवल समय सारी असफलताओं को सफलता में बदल सकता है, 
अगर आप असफलता से नाराज हो चुके हैं और सोच रहे हैं कि सब कुछ खत्म हो चुका है तो सफल व्यक्तियों  के जीवन से सीख लें तो आपको पता चल जायेगा वो कैसे सफल हुए व उन्होंने कितनी असफलताओं का सामना किया था, 
यही नहीं जब हम किसी सफल व्यक्ति को देखते हैं तो हम केवल उसकी सफलता के देखते हैं लेकिन यह नहीं देखते कि इस सफलता को पाने के लिए वह कितनी वार असफल रहा जबकि असफलता का सामना किए बिना शायद ही कोई सफल हुआ हो। 
इसलिए असफलता से कभी निराश नहीं होना चाहिए इससे हमें सीख मिलती है क्योंकी विफलता के बाद ही अपवी कमजोरी मालूम होती है और उसके बाद ही उसका समाधान संभव होता है, 
जैसे ही आप अपनी कमजोरी का समाधान कर लेंगे स़फलता आप के कदम चुमेगी, 
असल में विफलता ही सफलता की पीढ़ी है और बिना विफलता सफलता नहीं मिलती। 
देखा जाए तो हर दिन नया होता है कल अच्छा नहीं बीता तो आने  वाला कल जरूर अच्छा आयेगा विफलता के बाद मिली सफलता अच्छी होती है और वड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होती है। 
हमें असफलता से  सीख लेते हुए आत्मचिंतन की जरूरत है कि हमसे कहां चूक हो गई फिर हमें नये उत्साह और नये उमंग के साथ आगे वढ़ना चाहिए। 
हमें कई महान हस्तियों जैसे आईस्टीन, महात्मा गांधी, थामस एल्वा एडिसन इत्यादी से सीख लेनी चाहिए की वो कैसे असफलता के बाद सफल हुए। 
आखिरकार यही कहुंगा अगर आप को पूर्व में कोई असफलता मिली हो तो उससे मत घबराइए लेकिन जिंदगी में अपना लक्ष्य जरूर चुनें और उसी लक्ष्य को आगे लेकर वढ़ें सफलता जरूर मिलेगी। 
इसलिए असफलता को देखकर मत सोचिए कि अब सब कुछ समाप्त हो गया है, 
कुछ लोग असफलता को देखकर दुगुनी मेहनत करते हैं और खुद की कमियों को सुधारते हैंअपने आत्मविश्वाश और धैर्य को बढाते हैं ऐसे लोग निश्चित ही सफलता पाते हैं हमें भी यही रास्ता अपनाना चाहिए। 
सच है, 
"चमक रहा हुं जो सूरज की तरह तो सब हैरान हैं क्यों
 मेरी कामयाबी से सब इतना परेशान हैं क्यों, 
हर रात टकराया  हुं मैं एक  नई मुसीबत से नई सुबह के लिए। " 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
यह सरासर गलत है कि एक असफलता से सब कुछ समाप्त हो जाता है।यह सही कि सफलता अपने संग खुशी,उल्लास और उमंग लाता है तथा वहीं असफलता से इंसान हतोत्साहित एवं निराशा से भर उठता है।लेकिन यह भावना क्षणिक होती है।अगर असफलता से एक मार्ग बंद होता है तो आगे बढ़ने के लिए अनेक मार्ग प्रशस्त होता है।इंसान को सदैव हर चीज का सकारात्मक पक्ष को जरूर देखना चाहिए ।अगर वह किसी कार्य में असफल हुआ है तो भी उसे उस कार्य से जो अनुभव प्राप्त होता है वह बहुमूल्य होता है। यदि वह अपने उस अनुभव के साथ पूरी मेहनत और जोश से पुनः उसे करता है तो उसे सफलता अवश्य होती है।अर्थात जो जंग में  दौड़ते वही गिरते हैं और उन्हें ही मंजिल की प्राप्ति होती है।
-  रंजना वर्मा उन्मुक्त
रांची - झारखण्ड
  सफल व्यक्ति वही होता है जो एक बार जरूर हारा हो हार का अर्थ ही...सीखना है क्योंकि उसने उस छोर तक जाना तय कर लिया...है, हार हो या जीत मंजिल को पाना ही लक्ष्य है।वही अधिकतम दूरी तय करता है और उस सफलता में मिठास है।
   असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो...यहाँ मेहनत का मैदान छोड़कर भाग न जाना यही परीक्षा का केंद्र है आज इसका फैसला हो जाने दो।बहुत से पत्थर पड़े होंगे तेरे पथ पर बस तू चलता चल हो अग्रसर यही सफलता है।
            - तरसेम शर्मा
         कैथल - हरियाणा
या निराशावादी व्यक्तियों का एक भ्रम है। असफलता से निराशा हत उत्साह अवश्य होता है पर उससे उत्पन्न निराशा के घेरे में नहीं उलझना है बल की समीक्षा करने के बाद यह सूचना है किन कमियों के कारण मुझे असफलता मिली है और उन कमी को दूर करके फिर पूरे उत्साह लगन से कार्य को करना है असफलता इस बात को याद दिलाता है इस कार्य में पूरी लगन से तुमने मेहनत नहीं की है नए-नए तरीके समझ में आने लगते हैं रास्ता खुलने लगता है कहा गया है कि असफलता सफलता का पहला पायदान है यह व्यक्ति के नजर और नजरिए के ऊपर निर्भर करता है कि असफलता से सब कुछ समाप्त करना है या फिर से उठकर आगे बढ़ना है
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
नहीं! कदापि नहीं! एक असफलता सफल होने के कई द्वार खोल देती है। जब तक व्यक्ति कभी ठोकर नहीं खाता तब तक वह किसी ऊंचाई को छू नहीं पाता। असफलता ही समाधान देती है। असफलता ही कुछ नया करने का मार्ग दिखाती है। जितने भी बड़े व्यक्ति हुए हैं, विद्वान हुए हैं वह असफलता के कारण ही बड़े-बड़े कलाकार बने हैं। ऐसा होता तो बाल्मीकि जी रामायण और तुलसीदास जी रामचरितमानस लिख न पाते।  जीवन में एक बार असफल होना अर्थात् यह हमारे अहंकार को तोड़ने के लिए होता है।
राजा बलि के 99 यज्ञ सफल हुए और वह 100वाँ यज्ञ नहीं कर पाए। एक बार असफल हुए तो क्या उनका सब कुछ समाप्त हो गया?  नहीं! एक बार असफल होने से उन्हें भगवान का दर्शन हुआ और भगवान उनके द्वारपाल भी बने।
राजा बलि का अहम् समाप्त हुआ.. तो एक बार असफल होने से सब कुछ नहीं समाप्त होता बल्कि उन्नति के कई द्वार खुलते हैं।
- संतोष गर्ग
मोहाली - चंडीगढ
इंसान को असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। असफ़लता ही सफलता की सीढ़ी होती है । लुटेरा मोहम्मद गोरी ने सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण करके असफल हुआ था लेकिन 18 वीं बार मंदिर को लूटने में सफल हो गया था ।
एक नन्हीं सी चींटी हजारों बार गिरती है लेकिन वह अपनी हार नहीं मानती है । अंत में चींटी दीवार पर चढ़ ही जाती है । कोशिश करने वालों की हार नजिन होती है।
आज बच्चे , बड़े असफल हो जाने पर निराश होने पर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं । जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं ।
असफलता ही हमें आत्मविश्लेषण करना सिखाती है ।हमने किधर गलती की है , किधर मेहनत में कमी रह गयी है ।अगली बार उस कमी को मेहनत करके सफलता को प्राप्त करने कस जज्बा इंसान में होना चाहिए ।
परिवार में सकारात्मक माहौल होना चाहिए जिससे वह व्यक्ति अपने को अकेला , तनावग्रस्त महसूस नहीं करे।
भारत की सबसे शिखर की नोकरी को प्राप्त करने के लिए लाखों में बैठते हैं ।  इन में से कितने असफल हो जाते हैं  जब वे कठोर मेहनत लक्ष्य प्राप्ति हेतु एकाग्रचित्त होकर करते हैं तो वे सफल हो जाते हैं ।
मैं कहती हूँ असफलता ही सफलता की जननी है।
- डॉ मंजु गुप्ता
 मुंबई - महाराष्ट्र
                नहीं,ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक असफलता ही सब कुछ समाप्त कर देती है। जीवन में सफलता और असफलता दोनों ही महत्वपूर्ण है। असफलता तो एक चुनौती की तरह है, उसे स्वीकार करना चाहिए। कभी-कभी व्यक्ति जीवन में किसी कार्य के पूर्ण न  होने पर क्रोधित, कुंठित व तनाव ग्रस्त हो जाता है, और कभी तो असफल होने पर जीवन लीला ही समाप्त कर लेता है, जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता।        
             जीवन में सफलता व असफलता आती - जाती रहती हैं।कुछ भी अंतिम नहीं होता है। आज असफलता मिली तो कल सफलता भी मिल सकती है। हमें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। हालांकि पहले असफल होने पर फिर उसी कार्य में मिली सफलता का आनंद और अधिक होता है। एक बार असफल होने पर पुनः अगले अवसर पर पूर्ण मनोयोग से सफलता प्राप्ति हेतु प्रयास अवश्य करना चाहिए।        
            अतः हम कह सकते हैं कि असफलता से कुछ भी समाप्त नहीं हो जाता है।
- सुरेंद्र सिंह 
अफ़ज़लगढ़ - उत्तर प्रदेश

" मेरी दृष्टि में "  असफलता भी जीवन में बहुत कुछ सिखाती है । बल्कि इंसान बनने का रास्ता साफ होता है । साथ ही अहंकारी होने से बचते हैं । यह जीवन का अभिन्न अंग है । 
- बीजेन्द्र जैमिनी
डिजिटल सम्मान


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