अगर जीवन में सफलता चाहिए तो पढने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है ?

जीवन में सफलता , पढाई से आती है। यह एक दम सत्य है । परन्तु पढाई का रास्ता हर किसी को नहीं मिलता है । यह भी सत्य है । फिर भी पढाई जीवन में बहुत अधिक महत्व है । यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
जीवन में सफलता पढ़ने से ही मिलती है, यह कथन सत्य है किन्तु पूर्ण सत्य नहीं है।हमने जीवन में देखा है कि शिक्षा जरूरी है।शिक्षा से संस्कार, प्रेरणा, आत्मबल,स्वावलंबन आदि गुणों से युक्त होकर व्यक्ति सफल होता है।किन्तु पढ़ने से ही सफलता मिल जायेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकता है। 
   कम पढ़ने से भी लोग सफल होते हैं। हमारे पास ऐसे हजारों उदाहरण हैं कि कार्य से ,अनुभव से,पुश्तैनी व्यवसाय से ,अच्छी सोहबत से नामचीन कलाकार, सफल व्यवसायी,उद्योगपति, गुणीजन बनकर उन्होंने अपना नाम अमर कर लिया है। 
     उनकी सफलता उनके कार्य के प्रति निष्ठा से समाज को, नवीन दिशा और प्रेरणा प्राप्त हुई है। 
    कम पढ़ने वालों के कार्य को उच्च शिक्षित लोग पढ़कर,सफलता के नये आयाम स्थापित कर रहे हैं। हर जगह ऐसे उदाहरण मिल जायेंगे। 
    अब सवाल यह है कि पढ़ाई अगर साधारण है तो जीवन में बड़ी सफलता कैसे मिल सकती है। सफलता भी उसी पैमाने में आंकी जायेगी। 
    मात्र किताबी ज्ञान ही प्रायोगिक जीवन में सफलता की गारंटी नहीं हो सकती ।अर्थात पढ़ाई भी आज के जमाने के हिसाब से होनी चाहिये, तभी आशातीत सफलता मिलेगी। 
- डॉ•मधुकर राव लारोकर 
   नागपुर - महाराष्ट्र
शिक्षा से विकास संभव है शिक्षा ही सार्वभौमिक है*जीवन में कई मार्ग प्रशस्त करती है
शिक्षा से मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति प्रगति करता जाता है शिक्षा से ज्ञान विज्ञान का क्षेत्र विस्तृत होता है
शिक्षा से उसको बहुत सारे अवसर प्रदान होते हैं शिक्षा इसके लिए कोई उम्र निश्चित नहीं आप आजीवन विद्यार्थी बनकर शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं ज्ञान हमेशा मनुष्य के जीवन में काम आता है शिक्षा वह ही नहीं जो केवल विद्यालय में डिग्रियों के साथ ली जाए
वह शिक्षा भी मानव के जीवन में उतना ही महत्व रखती है नई किताबों को पढ़ना नई जानकारियों को हासिल करना वेद पुराण धर्म शास्त्र ग्रंथ आदि को निरंतर पढ़ते रहना आपकी ज्ञान की वृद्धि होती है सफलता के साथ-साथ आपके मन में सकारात्मक विचारों को उत्पन्न करती है और आपके जीवन में एक नया परिवर्तन भी करती हैं एक दिन आपको अपने आप ही एक नए मुकाम तक पहुंचा देती है जहां पहुंचकर आप मां सरस्वती को बारंबार धन्यवाद देते हैं माता पिता गुरु का आशीष आपको ऊंचाइयों तक ले जाता है सफलता के लिए पढ़ाई शिक्षा अत्यंत आवश्यक है रोजगार के अवसर वाणिज्य व्यापार कला कोई ‌भी क्षेत्र हो पढ़ाई नितांत आवश्यक है।
*शिक्षा का दर्द पूछो जिन्हें पढ़ने का अवसर न मिला हो*
- आरती तिवारी सनत
 दिल्ली
आज के विषय,अगर जीवन में सफलता चाहिए तो पढ़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है? पर प्रश्नवाचक चिह्न लगा होना ही बता रहा है कि अतिरिक्त मार्ग भी हैं। इसमें पहली बात तो यह कि सफलता किसे मान रहे हैं,धन कमाने को, सामाजिक प्रतिष्ठा को, परिवार को सबल बनाने को,आत्मनिर्भरता को, अध्यात्मिक उन्नति को, राजनीति में पद प्रतिष्ठा को या ज्ञानार्जन को।
जैसा कि मैंने हाल ही में एक परिचर्चा में पहले भी कहा था कि सफलता का कोई निश्चित फार्मूला नहीं है। पढ़ाई ,सफलता प्राप्त करने में सहायक होती है लेकिन सबकुछ हो ऐसा नहीं। यदि ऐसा होता तो हाल ही में सफाई कर्मियों और भिश्तियों की भर्ती में पी. एच. डी. कर चुके युवा आवेदन न करते। यह सत्य है कि जीवनयापन के लिए धन जुटाना जरुरी है, लेकिन यही सफलता है, कहना संदिग्ध है।सफल व्यक्ति आनंद लेता है,आत्महत्या नहीं करता,जबकि हाल ही में कई धनवानों की आत्महत्याओं की घटनाएं सामने आई है। मेरा मानना है कि हम जो सपना देख  रहे हैं, उसको साकार करना ही हमारी सफलता है। वर्तमान समय में तो पढ़ाई न करने वाले,या कम करने वाले भी अपने सपनों को साकार कर सफल जीवन यापन करने वालों के अनेक उदाहरण है, जिनके सामने पढ़ें लिखे हाथ बांधे उनके आदेश का पालन करने को खड़े देखें जाते हैं। 
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
जीवन में सफलता पाने के लिए साक्षर होने से अधिक जीवन को पढ़ना, समझना आवश्यक है l कबीरदास जी तो बिना पढ़े ही अपने जीवन उद्देश्य में सफल हो गये l उन्होंने कहा -"तू कहता कागद की लेखी, मैं कहता आँखिन की देखी l "
    अपने जीवन उद्देश्य को जानना और उसे प्राप्त करने के लिए ढृढ़ विश्वास रखना, यही है सफलता की ओर पहला कदम l 
मैं अवश्य सफल होऊंगा और इस पर पूरा विश्वास ही सफलता पाने का मूल मंत्र है l विचार संसार की सबसे महान शक्ति है l अच्छे विचार रखिये, सद्कर्म करिये और जरुरतमंदों  की निःस्वार्थ भाव से सहायता करिये l मार्ग में आने वाली कठिनाइयों, बाधाओं और दूसरों की कटु आलोचनाओं से अपने मन को अशांत न होने दीजिये l आप में प्रतिभा है, कौशल है, हुनर है, आप अपने काम का सम्मान करिये l  
    पढ़ाई ही सब कुछ नहीं, जीवन कौशल,जीवन जीने का सलीका, तरीका जिसे आ गया वही सफल है l  
     -डॉo छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
जीवन मे सफलता चाहिये तो पढ़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता नही है। मै नही मानता क्योकि प्रश्न यह उठता है हम पढ़ क्या रहे है? वही अंग्रेजो द्वारा थोपी गई पढ़ाई यह पढ़ाई ने हमे दुनियां मे कहा लाकर खड़ा कर दिया है  कल हम कहा विश्वगुरू के खिताब से सम्मानित थे दुनियाँ हमारी शिक्षा और शिक्षा व्यवस्था का लोहा मान्ती थी हमारी गुरूकुल शिक्षा व्यवस्था ने दुनियाभर मे अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की थी। मै कैसे मान लु की आज की पढ़ाई सफलता का केन्द्र बिन्दु है। वेसे भी कई बिना पढे लिखे लोग लाखो रूपये कमा रहे है कम और बिना पढ़े लिखे लोग सांसद विधायक महापौर बन जाते है मंत्री बन जाते है राष्ट्रपती तक बन जाते है कैसे मान ले जी की सफलता पढ़ने का एक मात्र रास्ता है यह आज की पढ़ाई ही रटने वाली पढ़ाई बन कर रह गई है। 
- कुन्दन पाटिल 
देवास - मध्यप्रदेश
जीवन में सफलता चाहिए हेतु पढ़ना या शिक्षा प्राप्त करना एक अच्छा विकल्प है, पर यह नहीं कहा जा सकता कि जीवन में सफलता चाहिए हेतु पढ़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता ही नहीं है. सफलता के लिए ज़रूरी है खुद को जानना. सफलता क्या है? हर किसी की सफलता की परिभाषा दूसरों से भिन्न है, इसलिए हर किसी की सफलता की व्याख्या अलग होती है. कुछ के लिए यह मन की एक अवस्था है, कुछ के लिए भौतिक सुख, तो कुछ के लिए एक निश्चित पद को पाना और कुछ के लिए समाज में कुछ बड़ा कर नाम और शोहरत पाना. मेरे विचार से सफलता कभी पूर्ण नहीं होती है बल्कि यह सापेक्ष होती है. सफलता के लिए अपने गुण, अपनी सामर्थ्‍य, अपनी कमजोरी का पूरी ईमानदारी से, शान्‍त चित्‍त होकर मनन करें. इस सम्‍बन्‍ध में अपने बुजुर्गों से भी राय ले सकते हैं. अपने अच्‍छे शुभचिन्‍तक मित्रों से भी राय- मशविरा किया जा सकता है, लेकिन ध्‍यान रहे, आप का स्‍वयं का आकलन, आप से अच्‍छा कोई नहीं कर सकता है. जीवन में सफलता, अपनी पसन्‍द के व्‍यवसाय-प्रोफेशन में ही सम्‍भव है, इस बात को बहुत अच्‍छी तरह समझ लेना चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. यही सकारात्मक ऊर्जा सफलता दिला सकती है. यह अवश्य है, कि कोई भी काम करने में सफलता चाहिए हेतु पढ़ना  एक अतिरिक्त योग्यता हो सकती है और लाभकारी भी. मसलन व्यवसाय, खेती,कुटीर उद्योग आदि में पठन-पाठन से तकनीकी ज्ञान भी मिल सकता है और नई-नई जानकारियां भी. इनसे सफलता मिलने में सहयोग मिलता है. अतः यह कहना तर्कसंगत होगा, कि जीवन में सफलता चाहिए हेतु पढ़ने के अतिरिक्त और भी बहुत-से रास्ते हैं, लेकिन जीवन में सफलता चाहिए हेतु केवल मात्र  पढ़ना ही एक रास्ता नहीं है,और भी कई रास्ते हैं. 
- लीला तिवानी 
दिल्ली
जीवन में सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति प्रयास करता है । वह सदैव चाहता है कि उसकी गिनती सफलतम व्यक्तियों में हो अतः अपनी मेहनत, क्षमता , समझ के अनुसार मेहनत करके सफल जीवन पाता है । पढ़ाई यदि सफलता का मूलमंत्र है तो उसका आधार केवल और केवल मेहनत, लगन और कठिन परिश्रम है।  जीवन में लक्ष्य प्राप्ति हेतु पढ़ाई जरूरी माने जा सकती हैं। लेकिन इतिहास में ऐसे भी कई उदाहरण है जिन्होंने अनपढ़ होते हुए भी अपने विलक्षण बुद्धि का परिचय देते हुए, अनुभव के आधार पर जीवन में सफलता प्राप्त की है । मैं एक छोटा सा उदाहरण देने का दुस्साहस करूंगी। मैं हिमाचल  निवासी हूं। शिमला- कालका रेलवे लाइन के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बाबा भलकुूराम  को भला कौन भूल सकता है  ।अंग्रेज इंजीनियरों ने बाबा भलकुराम  के सहयोग से ही इस रेलमार्ग को पूरा किया था। गांव का एक अनपढ़ नौजवान श्रमिक विलक्षण प्रतिभा का धनी था जब सारे अंग्रेज इंजीनियर कालका- शिमला रेल लाइन का सर्वे करने में असफल हो गए तब बाबा  भलकू राम की सलाह और सहयोग से अंग्रेज इंजीनियर शिमला- कालका रेलवे लाइन के निर्माण में सफल हो पाए थे। हिंदुस्तान तिब्बत रोड के निर्माण के वक्त भी बाबा भलकू के मार्ग निर्देशन में न केवल सर्वे हुआ बल्कि सतलुज नदी पर कई पुलों का निर्माण भी हुआ था, जिसके लिए उन्हें ब्रिटिश सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा ओवरसीर की उपाधि से नवाजा था । वह नौजवान बिल्कुल अनपढ़ था लेकिन पढ़े-लिखे अंग्रेज इंजीनियर उसके समक्ष फेल हो गए ।उस अनपढ़ ग्रामीण ने एक छड़ी के सहारे इस मुश्किल कार्य को अंजाम दिया। उसके पास पढ़ाई की बड़ी-बड़ी डिग्रियां तो नहीं थी परंतु तीक्ष्ण बुद्धि और विलक्षण प्रतिभा का धनी था। इसी प्रकार एक अनपढ़ किसान सदियों सदियों से अपने अनुभव और विलक्षण प्रतिभा के बल पर कृषि करते हुए जीवन यापन करता आया है।  हर पढ़े-लिखे व्यक्ति को समझदार भी नहीं माना जा सकता । पढ़ाई है परंतु बुद्धि ,तरीका, ज्ञान, विलक्षणता, लग्न, कर्मठता,  अनुभव नहीं है। जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है इसकी कोई गणितीय विधि या ज्योतिष्य मंत्र नहीं है।  अशिक्षित गुरु जो सभी को जीवन जीने के उपदेश देता है, अशिक्षित  कृषक जो अपने अनुभव के आधार पर खेती-बाड़ी के हर तरीके को जानता है अशिक्षित समाज सेवक जो सत्य की राह पर चलता है। एक अनपढ़  गरीब महिला जो  अपने  कला -कौशल  के आधार पर कपड़े सिलने का काम करती है  अपनी रोजी-रोटी कमाती है ।किताबी ज्ञान और व्यवहारिक ज्ञान दोनों ही मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारते हैं लेकिन किताबी ज्ञान से भरे लोगों में जब व्यवहारिक ज्ञान की कमी होती है तो ऐसे लोगों को पढ़े लिखे अनपढ़ कहा जा सकता है। अतः  जीवन में सफलता पाने के लिए पढ़ाई के अतिरिक्त अपने ज्ञान कौशल, प्रतिभा ,बुद्धि  और अनुभव के आधार पर भी सफलता प्राप्त की जा सकती है । कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं है जरूरत है तो केवल लग्न, श्रम भाव ,कर्मठता की । अनेकों व्यवसायिक कार्य पारिवारिक देन है जो अनुभवों के आधार पर ही किए जाते हैं।
 - शीला सिंह
 बिलासपुर -  हिमाचल प्रदेश
"अगर टूटने लगे हौंसला तो याद रखना, 
बिन मेहनत किये तख्तो ताज नहीं मिलते, 
अंधेरे में भी अपनी मंजिल ढूंढ लेते हैं क्योंकी जुगनु कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते"। 
आईये आज चर्चा करते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए पढ़ाई के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है, 
 शिक्षा जीवन  के लिए अति आवश्यक हैऔर इसे हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए, बहुत से ऐसे लोग हैं जो यह मानते हैं कि अच्छे कालेज की डीग्री के बिना जीवन में सफलता नहीं मिलती, लेकिन यह बात सच  नहीं है। 
जीवन में सफलता के लिए  पढ़ाई के अतिरिक्त  भी बहुत से रास्ते हैं, अगर आप में कुछ कर गुजरने   व मेहनत करने की हिम्मत है, 
सफलता के लिए सिर्फ अक्षर ज्ञान होना काफी नहीं। 
सफलता के लिए इंसान के अन्दर जूनून और आगे वढ़ने की भूख होनी चाहिए फिर दुनिया का कोई लक्ष्यअसंभव नहीं है। 
सच कहा है, 
"जिंदगी में कुछ पाना है तो खुद पर ऐतबार रखना, 
सोच पक्की और कदमों पर रफ्तार रखना, कामयावी मिल जाऐगी  जरूर तुम्हें, 
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना"। 
 अगर आप के पास ऐजुकेशन नहीं है लेकिन आप के पास  टैलेंट  जनून व हिम्मत है तो आप जिंदगी में कामयाब इंसान बन सकते हैं, 
आईये कुछ ऐसी महान हस्तियों की बात करते हैं जो पढ़े लिखे कम  हैं लेकिन उन्होनें अपना नाम कमाया है, 
जिनके पास कोई डिग्री नहीं  है लेकिन वो दूनिया के सबसे अमीर व जाने पहाचाने चेहरे हैं, 
इनमें  शुमाल बिल ग्रेटस माइक्रोसाफट कंपन्नी के स्स्थापक सिर्फ तेरह बर्ष की आयू में साफ्टवेयर बनाने शूरू कर दिए इतने पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन दूनिया के अमीर लोगों में आते हैं, 
स्टीब जाब्स ने अपनी मेहनत और वढ़ते जनून से एप्पल कम्पनी की स्थापना की, 
माइकल डैल भी इतने पढ़े लिखे नहीं जिन्होंने डैल कम्पनी की स्थापना की, मुकेश अंबानी दूनिया का पांचवा सबसे अमीर आदमी भी इतने पढ़े लिखे नहीं, सचिन तेंदुलकर, मैरी काम अमीरखान, अक्षयकुमार इत्यादी इन सभी ने अपने अपने हुनर में कौशल दिखलाए और किसी मुकाम पर पहुंच गए, 
कहने का मतलब अगर आप में पढ़ने लिखने की कावलियत नहीं भी है इसका यह मतलब नहीं की आप जीवन में सफल इन्सान नहीं बन सकते, आप कोई हुनर सीखीए और लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मेहनत किजिए आप एक सफल इन्सान बन सकते हैं। 
जीवन मूल रूप में हमारी  उर्जा और समय का ही एक संयुक्त रूप होता है जिसमें हमें सही समय पर सही कार्य करने होते हैं जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं, 
हमें एक विषेश मानसिक तैयारी करनी होती है चाहे हमारा लक्ष्य कुछ भी हो कहने का मतलब जीवन में सही  समय पर निर्णय लेने से सफलता जरूर मिलती है मगर यह हमें समझना है हमें कैसा बनना है। 
आखिरकार यही कहुंगा जीवन को स़फल बनाने के लिए आपको सरल और सुगम बनना होगा क्योंकी सरलता जितनी आपके अन्दर होगी आपको जीवन के लक्ष्य उतने ही  वेहतर मिलेंगे बस अपना धैर्य मत खोइए, हमेशा वड़ा सोचिए, वड़ा करने की कोशिस किजिए, आपका जोखिम वड़ा होगा तो सफलता भी वड़ी होगी यही बातें आपको सफल बनाती हैं। 
सच है, 
बेहतर से बेहतर की तलाश करो, मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो, 
टुट जाता है शीशा पत्थर की चोट से, 
टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो। 
कहने का मतलब अगर आप जीवन मे  सफलता चाहते हैं और पढ़े लिखे नहीं हैं तो भी आप के लिए अनेक रास्ते खुले हैं अपने हुनर को जगांए और जीवन को सुखमय व सफल बनाएं। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
सफलता अर्थात अनुभव, अनुभव अर्थात ज्ञान, ज्ञान अर्थात शिक्षा, तो निश्चित है कि यदि जीवन में हर क्षेत्र में सफलता पानी है तो शिक्षा अतिउत्तम मार्ग है शिक्षा का अर्थ बड़े बड़े पोथे पढ़ना नहीं हर परिस्थिति में अपने आप पर संयम रखते हुए उसका सामना करना और जीवन की कठिनाइयों में डगमगाना नहीं चाहिए इसका ज्ञान हो हमें शिक्षा हमें धन कमाने के साथ साथ सही गलत की पहचान करवाती है बड़े बड़े महापुरुषों की कहानियां पढ़कर उनसे कुछ सीख सकें और उनको अपना रोल-मॉडल बना सकें।  देश के प्रति जागरूकता पैदा कर देती है शिक्षा अतः शिक्षा सफलता की कुंजी है और सफल इंसान सुन्दर देश का निर्माण कर सकता है।।
- ज्योति वधवा "रंजना"
बीकानेर - राजस्थान
       सफलता और पढ़ाई का कोई संबंध ही नहीं है। क्योंकि बेकार और बेरोजगार मात्र पढ़े-लिखे ही होते हैं। जबकि अनपढ़ तो कोई न कोई काम सीख कर धंधा आरंभ कर देते हैं और सफलता की ओर अग्रसर हो जाते हैं।
        उदाहरणार्थ उद्योगपतियों की सूची में आपको कई नाम ऐसे मिल जाएंगे जो पढ़ाई में इतने ऊंचे नहीं उठे और जीवन की दौड़ में आगे बढ़ गए। उनमें से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के संस्थापक स्वर्गीय धीरूभाई अम्बानी जी सफलता का एक प्रमाण हैं।
       अतः जीवन की सफलता के लिए स्वच्छ एवं शुद्ध वातावरण, स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मस्तिष्क, ईश्वर का आशीर्वाद, अपनों का सहयोग, दृढ़ संकल्प और पारिवारिक शांति के साथ-साथ अनुकूल परिस्थितियों की अति आवश्यकता होती है।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
सिर्फ पढ़ाई जीवन की सफलता में सहायक नहीं हो सकते हैं यह कथन अंशत  सही है जो नहीं पढ़े लिखे होते हैं वह भी अपने जीवन में बहुत सफल रहते हैं जीवन की सफलता कई बातों पर निर्भर करती है यह अवश्य है कि पढ़ाई एक कारक है उसके साथ साथ परिश्रम धैर्य जीत जाने की मानसिकता साथ ही साथ अपनी कला कौशल को सही प्लेटफॉर्म मिलने अवसर का तलाश निर्णय शक्ति व्यवहारो में मधुरता इत्यादि अनेक ऐसे कारक हैं जो सफलता के मार्ग दिखाते हैं
पढ़ाई एक महत्वपूर्ण कारक है और इसी कारक से सब कारक  का जन्म होता ह।
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
अगर जीवन में सफलता चाहिए तो पढ़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है यह सही है। जीवन में औपचारिक पढ़ाई करते समय जितने शिक्षकों से ज्ञान प्राप्त करते हैं वह किताबी ज्ञान तो होता ही है परन्तु जिन अनुभवों के आधार पर वो किताबें लिखी गई हैं वह अनुभव भी हमारे अन्दर ज्ञानरूपी जाग्रति लाता है और ज्ञान के साथ-साथ हमारा विवेक भी जाग्रत होता है। पढ़ाई के साथ-साथ गुड़ाई भी चाहिए तभी तो पढ़ना सफल है और पढ़ना सफल हो गया तो वही तो एक रास्ता बन जाता है जीवन में सफलता प्राप्त करने का। सफल वे भी होते हैं जो पढ़ नहीं पाते क्योंकि उन्होंने औपचारिक शिक्षा तो प्राप्त नहीं की होती परन्तु जीवन के अनेक अनुभव उन्हें पढ़ा देते हैं। वह भी एक तरह की पढ़ाई है। दोनों ही स्थितियों में पढ़ाई ही काम आई अतः यही कहना सही होगा कि अगर जीवन में सफलता चाहिए तो पढ़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है।
- सुदर्शन खन्ना 
दिल्ली 
अगर हम जीवन मैं सफलता चाहतें हैं तो पढ़ाई एक सहायक साधन बनती है पर हम इस बात को भी नकार नहीं सकते की अनपढ़ व्यक्ति अथवा कम पढ़ा लिखा व्यक्ति अपनी योग्यता
 कार्यकुशलता सूझ बूझ से सफलता प्राप्त क्र सकता है
यहाँविचारणीय बात ये है की हम किस सफलता की बात कर रहे हैं ?सफलता यदि नौकरी की है अथवाज़िन्दगी मैं उच्च पद प्राप्त करने की तो निस्संदेह पढ़ाई सहायक होती है
सफलता यदि जीवन मैं वांछित मुकाम हासिल करने की है तो वह निस्संदेह परिश्रम योग्यता व बुद्धिमता से प्राप्त की जा सकती है
- नंदिता बाली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
आज के युग में पढ़ाई पर ही सब आधारित है। बगैर पढ़ाई के कुछ नहीं होने वाला । जीवन के किसी भी क्षेत्र में यदि सफल होना है तो उसके लिए पढ़ाई अति आवश्यक है। किसी बड़े काम की बात छोड़िए छोटे-छोटे कामों के लिए भी पढ़ाई जरूरी है। सब्जी बेचने के लिए भी हिसाब जोड़ने घटाने की जरूरत पड़ती है। नहीं तो कोई ठग कर जा सकता है। आज कल खेती भी उन्नत तकनीक से होती है इसलिए उसमें भी पढ़ाई की जरूरत है। एक सफल व्यवसायी  बनने के लिए,एक सफल पत्रकार, लेखक, दुकानदार ,खिलाड़ी इत्यादि कुछ भी बनने के लिए पढ़ाई एक दम आवश्यक है। एक ड्राइवर के लिए भी पढा- लिखा होना जरूरी है। तभी वह रास्ते के निर्देशों का सही सही पालन कर सकता है।
इसलिए कहा जा सकता है कि अगर जीवन में सफलता चाहिए तो पढ़ने के अतिरिक्त और कोई रास्ता नहीं है।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" 
कलकत्ता - पं. बंगाल
इस में कोई संदेह नहीं कि 
जीवन में पढ़ाई-लिखाई जरूरी है ।आज आधुनिकता के दौर में साक्षर होना जरूरी है लेकिन यह बात बिल्कुल सही नहीं है कि अगर जीवन में सफलता चाहिए तो पढ़ाई के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है ।
         हम समाज में अक्सर देखते हैं कि कई व्यापारी जो करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक हैं, अपने व्यापार में कामयाब हैं, बहुत ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है। दूसरी ओर कई बहुत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी जिंदगी में  कामयाब नहीं होते।धीरूभाई अंबानी बहुत पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन अपनी मेहनत के बलबूते भारत में सब से अमीर व्यकित बने।अभी भी उनकी सल्तनत दुनिया भर के अमीरों की सूची में है।सफलता किये गये कार्य की प्रगति पर होती है। 
       सफलता पाने के लिए लक्ष्य तय करना बहुत जरूरी है। लक्ष्य तय करने के बाद उसी दिशा में मेहनत करने से मंजिल तक पहुँचा जा सकता है। निर्धारित लक्ष्य के बिना जीवन में सफल होना कठिन है। इस लिए हम कह सकते हैं कि अगर अपना लक्ष्य ही निर्धारित नहीं है तो पढ़ाई भी किस काम की। जैसे हम सफर के लिए चलते हैं तो अगर हमें पता होगा कि हम ने किस जगह जाना है तभी वहाँ पहुँचें गे।जिंदगी भी एक सफर है। पढ़ाई के साथ लक्ष्य सामने होना अति आवश्यक है। 
- कैलाश ठाकुर 
नंगल टाउनशिप - पंजाब 
जीवन में सफलता के लिए पढ़ाई के अतिरिक्त कई रास्ते हैं। निर्भर करता है आप किस रास्ते को चुनते हैं। इसलिए यह बात भी मायने रखती है कि वह रास्ता आपके लिए कितना उपयुक्त है। सफल लोगों में एक बात समान होती है कुछ खास आदतें विकसित करते हैं। जिन्हें हर रोज दोहराते हैं फिर परिस्थितियां कुछ भी हो  आपके लिए सफलता के दरवाजे खोल देती है। एक छोटा सा उदाहरण:-
जमशेदजी टाटा पारसी बिहार अब झारखंड राज्य के घनघोर जंगल के रास्ते पर काठी नट बोल्ट जो भी गिरा रहता था उसे उठा लेते थे और अपने झोला में डाल लेते थे अधिक मात्रा में होने के बाद  उसे गलाकर जरूरत के अनुसार नट बोल्ट बनाने  लगे। धीरे-धीरे ब्रिटिश राज कुछ जंगल के जमीन को उन्हें लीज पर दिया और टाटा लोकोमोटिव का स्थापना किए। वह जगह जमशेदजी टाटा से जाना जाता है अभी की स्थिति यह वहा हर ओर औद्योगिक प्रतिष्ठान जंगल के तरह फैला हुआ है। इससे साबित होता है पढ़ाई के अलावा कुछ आदतें आपकी सफलता के दरवाजा खोल देते हैं।
दूसरा चेहरा धीरूभाई अंबानी पेट्रोल पंप में कार्यरत अपने लगन से मानसिक ऊर्जा बढ़ाते हुए जानकारी को बढ़ाए, सात्विक खानपान नियमित व्यायाम,योगा ,अच्छा व्यवहार जीवन के मकसद जाने और सही दिशा में काम करने लगे अपनी जरूरत को प्राथमिकता दिए और आज उनकी दूसरी पीढ़ी सफल कारोबारी साबित हुए।
 लेखक के विचार:--जीवन में सफलता के लिए पढ़ाई के अलावा व्यवहारिक ज्ञान का होना बहुत जरूरी है। अगर आप व्यवहारिक जीवन अच्छा व्यवहार और जीवन का मकसद, अपनी जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए सफल बन सकते हैं।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - राजस्थान
जीवन में सफलता चाहिए तो पढऩे के अतिरिक्त और अन्य रास्ते है।जीवन मे संयम और धैर्यपूर्वक आगे बढ़ा जा सकता है खुद को जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए हरदम मुश्किलों का सामना करना अनिवार्य है।जीवन की सफलता सच्चाई और ईमानदारी पर अडिग रहती है हम अगय पढ़ाई करें परिश्रम करें तो सफलता प्राप्त हो सकती है सिर्फ किताबों के माध्यम से सफलता प्राप्त हो ये जरूरी नही इसके लिए हमें अपने कर्म को परिश्रमी बन करना होगा चाहे कितने भी बाध्य बने राहों मे मुश्किलें पर धैर्यवान बन कर सफलता पाने की हौसला होनी चाहिए।जीवन की सफलता पढ़ने के अतिरिक्त अन्य भी रास्ता है।जीवन की गतिविधियों को आसानी तरिकों से जीने के लिए हमेशा आशावादी होना चाहिए।पढने से ज्ञानवर्धक बातों को हम समझते है परंतु पुरी तरह से सफलता प्राप्त के लिए ये उक्त नही इसके लिए ईमानदारी परिश्रम, सहनशीलता आदि गुणों को अभिव्यक्ति जरूरी है । पढ़ना ही सफलता की सीढी़ नहीं है।सफलता की सीढी़ किताब से मिल जाये बेहद मुश्किल है लोगों को कुछ बनने और सफलता पाने के लिए जीवन मे पढ़ाई बेहद अनिवार्य है।पर खुद को जीवन मे सफल बनाने के लिए काफी हद तक मेहनत करना उचित मूल्य है।जीवन मे हम निराशा से निकलने का प्रयास करना चाहिए।हर कदम जिंदगी नयी इम्तेहान लेती है पढ़ाई करके सफलता प्राप्त कर सकते पर अन्य और रास्ते पर चलकर भी सफलता का दामन थाम सकते हैं।बहुत सारे रास्ते हैं जो हमारे राहों को आसान बना सकते हैं और सफलता को हम पा सकते है
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमेशदपुर - झारखंड
पढ़ाई का हमारे जीवन में जो महत्व है उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। चाहे पढ़ाई शैक्षिक हो या तकनीकी, यदि निपुणता हासिल है तो सफलता अवश्य प्राप्त होती है। 
जीवन में बहुत से मनुष्य परिस्थितियोंवश पढ़ाई से वंचित रह गये परन्तु फिर भी उन्होंने सफलता का वरण किया है। संसार में ऐसे बहुत से उदाहरण हैं जब कम पढ़े लिखे होने के बावजूद मनुष्य की सफलता स्वर्णाक्षरों में अंकित हुई है। 
पढ़ाई से मनुष्य के लिए सफलता के माध्यमों में तो वृद्धि होती है लेकिन इससे कतई सहमत नहीं हुआ जा सकता कि सफलता प्राप्त करने के लिए पढ़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है। 
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड 
 कोई जरूरी नहीं है पढ़ने वाले ही सफलता पाते हैं। आज वर्तमान दुनिया में इतने सारे पढ़े लिखे लोग असफल होकर के बैठे हैं। सफलता वही पाता है जो अपने कर्मों पर भरोसा रखता है और उस कार्य को अंजाम देने के लिए लक्ष्य निर्धारित करता है और उस लक्ष्य को पाने के लिए तीव्र इच्छा शक्ति के साथ व्यवहार और कार्य करते हुए आगे बढ़ता है वह जरूर लक्ष्य तक पहुंचता है वही व्यक्ति सफल होता है।
- उर्मिला सिदार
 रायगढ़ - छत्तीसगढ़
     जीवन में पढ़ें-लिखों एक परम्परा प्रारंभ हैं, जिसके परिपेक्ष्य में विभिन्न पदों पर पदस्थ होकर अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल हो रहे हैं, ज्ञानवर्धक जानकारी से अवगत कराया जा रहा हैं, जिसे क्रियान्वित करने शासकीय, अर्द्धशासकीय संस्थानों द्वारा विद्यापति बनाया जा रहा हैं, आज के दौर में आजीविका हेतु पढ़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचता। योग्यताओं का बोलबाला होते जा रहा हैं। कई-कई तो अलग-अलग विषयों में डिग्री-डिप्लोमा लेकर सम्मान प्राप्त करते हैं, जिसे हावी कहों या शोक। शोध भी विभिन्न विषय-वस्तु में करते हैं। कई-कईयों को तो एक-एक कक्षाओं में बुरी तरह से सामना करना पड़ता हैं, जिसे हम मानसिक विकृति का परिणाम ही कह सकते हैं। माँ ही बच्चों की प्रथम गुरु पाठशाला हैं, जहाँ  बच्चों का भविष्य तय करता हैं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान का होना भी अति आवश्यक है। सफलता का अर्थ होता है आंतरिक खुशी हासिल होना। पेशेवर जिम्मेदारी और निजी जीवन के बीच अच्छा संतुलन ही सफलता का पर्याय है।
सफलता के लिए सर्वप्रथम हम अपना एक उद्देश्य तय करते हैं उस उद्देश्य के प्रति आंतरिक क्षमता को ऊर्जावान बनाते हुए आसपास के अनुभव के साथ बौद्धिक ज्ञान के द्वारा अपने मार्ग को प्रशस्त करते हैं। 
 हम सामाजिक माहौल से अपरिचित रह कर आसपास के वातावरण से अनभिज्ञ रहकर सिर्फ किताबी कीड़ा बन कर सफलता हासिल नहीं कर सकते।
 सफलता के लिए सार्वभौमिक ज्ञान का होना अनिवार्य है। ईश्वर पर विश्वास के साथ आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प,कड़ी मेहनत और सतत प्रयत्नशील रहना भी आवश्यक है। पढ़ाई के द्वारा हम अपने बौद्धिक ज्ञान को विकसित व सुदृढ़ बनाते हैं। डिग्रियां हमें उच्च पदों तक पहुंचाने का मार्ग प्रदान करती है।
 उच्च पदों पर आसीन होकर जब हम अपने सकारात्मक सोच के साथ अच्छे कर्मों के द्वारा लोगों के हृदय में और समाज में जब अपना स्थान बना पाते हैं तभी हम खुद को सफल महसूस करते हैं।
 इस तरह हम कह सकते हैं कि सफलता हासिल करने का पढ़ाई एक माध्यम है पर सार्वभौमिक ज्ञान का होना भी अनिवार्य है।
           - सुनीता रानी राठौर
             ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
ऐसा कहना बहुत हद तक ठीक है। जीवन में सफलता के लिए पढ़ने के अतिरिक्त भी रास्ते होते हैं। जिन्हें हम प्रतिभा या कला कहते हैं। संसार में या अपने आसपास भी ऐसे अनेक उदाहरण मिलेंगे जिन्होंने पढ़ाई नहीं की किंतु अपनी कला कौशल से वह काफी सफल हुए हैं। हाँ, काम कोई भी हो, दृढ़ संकल्प, लगन और श्रम की आवश्यकता तो पड़ती ही है। संघर्ष भी करना पड़़ता है। बाधाओं का सामना भी करना पड़ता है। एक बात और प्रतिभा के साथ पढ़ाई भी जुड़ेगी तो सोने में सुहागा जैसी बात होगी। उद्देश्य प्राप्ति में और सरल व सहजता होगी।अच्छा गुरू मिल जावे तो फिर कहना ही क्या... बात बन जाये।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
पढ़ाई एक सफल मार्ग हो सकता है सफलता का, लेकिन यही एक मार्ग नहीं है सफलता प्राप्त हेतु  समस्त व्यक्तियों के लिए। आजकल ऐसे अनेक रास्ते हैं जिनपर चलकर व्यक्ति सफलता का परचम लहरा सकता है। इसलिए असल बात यह है कि आप का प्रयास और प्रयोग सही होना हीं सफलता की कुंजी होती है। बहुत से लोग कम पढ़े लिखे होकर भी बहुत ज्ञानी होते हैं अपने अनुभव और तजुर्बे से और उनके मार्गदर्शन में भी बहुत कुछ व्यक्ति पा और सीख सकता है। हां पढ़ाई हमें एक सही दिशा देती है अपनी सफ़लता हेतु। लेकिन यह भी देखा जाता है कि एक ही शिक्षा और एक हीं शिक्षक होने के बावजूद भी कोई छात्र अत्याधिक सफल तो कोई कम सफल होता है क्योंकि उसके बाद आपकी खुद  की तकदीर और तदबीर काम करती है भले श्रोत एक हीं  क्यूं ना हो। एक समय कहा जाता था *पढ़ोगे लिखोगे तो होगे नबाब , खेलोगे कूदोगे होगे खराब*।आज यह परिदृश्य बदल सा गया है अपने खेल के बलबूते पर सचिन,धोनी सफलता के परचम लहरा चुके हैं। सारांश में हम यह कह सकते हैं सफ़लता के अब अनेकों मार्ग हैं पढ़ाई के अलावा भी बस व्यक्ति को अपना पूर्ण समर्थन अपना देना होगा चाहे वह जो भी कार्य करें।अगर प्रयास और मेहनत सही दिशा में होंगे तो सफ़लता कदम चूमेगी हीं ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
 जीवन में सफलता के अशेष रास्ते हैं । बात तो इस बात की है कि व्यक्ति कौन से रास्ते को चुनता है । उसके कार्य, उसके कृतित्व, उसका कर्म व उसकी कार्यशैली किस प्रकार की रहती है । यहां पर मैं 4 उदाहरण देना चाहूंगा अपनी बात अपने विचार को बल देने के लिए, जिसमें बिना पढ़ाई के कोई भी व्यक्ति  सफलता के सोपान तय कर सकता है।
1 प्रथम रास्ता है , आस्था यदि आपके पास यह गुण हैं, तो आपको सफलता से कोई रोक नहीं सकता । 2  द्वितीय गुण है भरोसा,  यदि आपको अपनी कार्यक्षमता पर , आपके मानसिक विकास पर , आपकी मानसिक शक्ति पर,  आपकी सोच पर , भरोसा है तो आपको सफलता से कोई रोक नहीं सकता है यह बात दूसरी है कि सफलता आने में थोड़ा समय लग सकता है,  लेकिन सफलता मिलेगी इस बात की गारंटी मैं आपको इन दोनों गुणों के रास्ते दे सकता हूं । अब रही 3 तीसरी बात् सफलता का जो ये तीसरा तरीका है वह है सत्य का रास्ता , आप सच्चाई के रास्ते पर चलें तकलीफें आएंगी,  कष्ट आएंगे, अपमान भी मिल सकता , तिरस्कृत भी हो सकते हैं ,  लेकिन आपको सफलता मिलेगी ही मिलेगी । शिक्षा प्राप्त करना बहुत अच्छी बात है शिक्षित हो जाना भी बहुत अच्छी बात है,  लेकिन शिक्षा सफलता के लिए एकमात्र तरीका है ऐसा नहीं है , यह बिल्कुल भी नहीं है , सफलता के लिए आस्था , भरोसा,  सत्यता , यह बहुत जरूरी है इनके बिना शिक्षित व्यक्ति भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है । अब रही 4  चौथी बात चौथी बात का प्रमाण में सिर्फ इसी बात से दे सकता हूं कि आपकी अपनी दूर दृष्टि पक्का इरादा दृढ़ निश्चय आपको सफलता की सीढ़ियों पर ले जाने से पूरी तरह से मदद करता है । शिक्षित व्यक्ति के पास अगर यह व अन्य तीनों गुण नहीं है तो वह सफलता के लिए संशय में रह सकता है , यदि अशिक्षित व्यक्ति भी इन 4  गुणों के रास्ते कोशिश करता है तो सफलता की सीढ़ियां उसके कदम चूमने लगती हैं ।
- डॉ. अरुण कुमार शास्त्री
दिल्ली
            जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए निष्ठा, समर्पण व कठिन परिश्रम आवश्यक होता है ।जबकि पढ़ाई से किसी भी कार्य को करने का एक क्रमबद्ध तरीका मालूम होता है। पढ़ाई एक मानक गुणवत्ता या दक्षता निर्धारित करती है लेकिन ऐसा नहीं है कि पढ़ाई से ही जीवन सफल होता है न जाने कितने सफल व्यक्ति इस दुनिया में बिना पढ़ाई के सफल रहे जैसे कबीर दास रामकृष्ण परमहंस और सचिन तेंदुलकर आदि।
            जीवन को सिर्फ पढ़ाई से ही जोड़कर नहीं देखना चाहिए। अपने अंदर अंतर्निहित शक्तियों को बाहर लाकर उनका सदुपयोग कर जीवन में सफलता अर्जित की जा सकती है।पढ़ाई में असफल होने पर बिल्कुल घबराना नहीं चाहिए। हर एक व्यक्ति के पास क्षमता है बस उसे पहचानने की आवश्यकता है।किसी भी काम को समर्पण की भावना से करके सफलता प्राप्त की जा सकती है।
           अतः कहा जा सकता है कि सफलता के लिए पढ़ने के अतिरिक्त भी कई रास्ते हैं।
- सुरेंद्र सिंह
अफ़ज़लगढ़ - उत्तर प्रदेश

" मेरी दृष्टि में "  सफलता के लिए विषय अनुकूल कर्म  होना चाहिए । तभी सफलता मिलती है । विषय अनुकूल कर्म के लिए पढाई बहुत ही आवश्यक होती है । यही जीवन का अटूट सत्य है ।
  - बीजेन्द्र जैमिनी

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