लॉक डाउन के चलते बच्चें करें ऑनलाइन पढाई ?

आज शिक्षा का  आधुनिकीकरण हो चुका है । जिससे ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। वर्तमान में लॉक डाउन चल रहा है ।जिससे बच्चें समय का उपयोग करते हुए ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब देखते हैं आये विचारों को : -
आज तकनीकी युग है; हर कार्य इंटरनेट के माध्यम से आसानी से संचालित हो रहे हैं । इसी कड़ी में स्कूलों ने भी ऑन लाइन पढ़ाई शुरू कर दी है । बच्चे भी अपनी सुविधानुसार पढ़ाई कर रहे हैं , जहाँ समझ में नहीं आता वहाँ टीचर से  व्हाट्सएप मैसेज के द्वारा पूछ लेते हैं । जब भी कोई समस्या आती है तो वो अपने साथ समाधान भी लाती है ये बात पूर्णतया सत्य है ।
जैसे ही एक चैप्टर पूरा हुआ वैसे ही टेस्ट की डेट भी घोषित कर दी गयी है  । अब बच्चे मन लगाकर पढ़ रहे हैं क्योंकि परीक्षा भी होगी व इसका मूल्यांकन भी होगा जो आगे जाकर वार्षिक रिजल्ट में जुड़ेगा ।
कुछ प्रायवेट स्कूल तो 24 मार्च से ही सक्रिय हो गए हैं । कुछ 1 अप्रैल से हो रहे हैं । सरकारी स्कूल भी रेडियो के माध्यम से आज से ही शिक्षा शुरू कर रहे हैं ।  अर्थात बच्चों की पढ़ाई संचार माध्यम द्वारा होती रही ऐसी योजना सभी राज्य सरकारें अपने- अपने अनुसार कर रहीं हैं ।
इसका एक लाभ ये भी है कि बच्चों के पास कार्य हो गया है अन्यथा वे इस समय  बाहर खेलने न जाने के कारण बोर हो रहे थे । अधिक गर्मी के प्रभाव से वैसे भी 15 अप्रैल से स्कूल बंद होने लगते थे अब ये लाभ है कि पूरे 30 अप्रैल तक पढ़ाई चल सकती है क्योंकि ऑन लाइन जो है ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
  सवाल ऐसा है कि सवाल में ही सवाल खड़ा कर रहा है कारण सब बच्चों में से बहुत कम बच्चों को ही आनलाइन पढाई की समझ है ।मोबाइल लगभग सभी के हाथों में है ।सोशल मीडिया से जुड़े भी सभी हैं पर जो उद्देश्य होना चाहिए अथवा जिसके लिए मोबाइल हाथ पकडा है या पकड़ाया गया है ।वह नहीं हो पा रहा ।कल किसी बच्चे का सवाल था पढाई कैसे करें हालांकि मोबाइल हाथ में था ।
इसीलिए कहता हूँ कि बच्चों के लिए आनलाइन पढाई आसान नहीं है ।रास्ते में बहुत कंकड़-पत्थर हैं ।उनको रास्ता दिखाने वालों की संख्या न्यूनतम है ।परिणामतः आनलाइन यह ऊटपटाँग व अनावश्यक सवाल अधिक करते हैं ।मै स्वयं ज्ञानएप व वोकल एप पर अनुभव कर रहा हूं ।
- शशांक मिश्र भारती  
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
आजकल आधुनिक युग में बच्चे ज्यादातर पढ़ाया ऑनलाइन नहीं करते हैं आजकल ज्यादातर एग्जाम प्रमाण पत्र ऑनलाइन ही भरे जाते हैं। गूगल में पूछने पर बच्चों की सारे सवालों के जवाब मिल जाती हैं बहुत सारे प्राइवेट स्कूल व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों को सभी सब्जेक्ट के नोट्स भेज देते हैं टीचर भी अपनी सुविधा के लिए सारे नोट्स और सारे मैसेज बैलेंस तक व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा ही भेजते हैं आजकल तकनीकी युग में बच्चे भी बहुत तेज हो गए हैं वह मोबाइल और गूगल से तरह-तरह की जानकारियां प्राप्त कर लेते हैं पर समय यह ध्यान देना है कि इसका दुरुपयोग ना करें मोबाइल के जरिए पर अच्छी किताबें कहानी की भी पढ़ सकते हैं  ।
 छुट्टियों में बच्चे अपने गणित का कोर्स मोबाइल में ऐप के थ्रू कंप्लीट कर सकती हैं।
जिन बच्चों को जेल और नेट की एग्जाम देने हैं वह भी तैयारी करने के लिए समय बहुत अच्छा है जैसी भी परिस्थितियों से सकारात्मक रूप में लेना चाहिए और इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए बच्चों को तैयारी करने के लिए बहुत अच्छा टाइम है जितने भी कॉन्पिटिशन एग्जाम देने हैं।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर -मध्य प्रदेश
एक भारत के अंदर ही दो-दो भारत बसते हैं| एक भारत रहता है पॉस इलाके में| एक रहता है झुग्गी बस्ती व झोपड़पट्टी में| आनलाइन पढ़ाई पॉस इलाके में संभव है| झोपड़पट्टी व झुग्गी बस्ती में नहीं| दोनों ही जगह आचार-व्यवहार, रहन-सहन व संस्कृति में दिन-रात का अंतर है| भारत की जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग ग्रामीण इलाके व झोपड़पट्टी-झुग्गी बस्तियों में रहता है| ग्रामीण व झुग्गी बस्ती- झोपड़पट्टी इलाकों के बच्चे मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते हैं| जो लैपटॉप, कम्प्यूटर, एंड्रॉयड मोबाइल व महंगा डाटा उपभोग करने में सक्षम नहीं हैं| ऐसे में आनलाइन शिक्षण की बात करना बेमानी है| अनलाइन शिक्षण की बात पूरी तरह अव्यवहारिक है|
- विनोद सिल्ला
टोहाना - हरियाणा
जी हाँ , मैं तो शिक्षिका , लेखिका  होने के नाते बच्चों को
लाकडाउन के चलते  ऑनलाइन पढ़ाई करनी की समर्थक हूँ । बच्चों को किसी भी माध्यम से पढ़ना चाहिए । महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के दसवीं के एक पेपर  होने से रह गया । इस कारण  कहीं - कहीं विद्यार्थी ऑन लाइन पढ़ाई कर रहे हैं ।
आर्थिक रूप से संपन्न कॉन्वेंट  स्कूलों में तो ऑनलाइन पढ़ाई हो रही  है । क्योंकि वहाँ छात्रों  को ई मेल से होमवर्क मिलता है ।पूरे भारत में अधिकतर जगह  विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं । लॉकडाउन में विद्यालयों के बन्द होने से पढ़ाई नहीं हो रही है । वहीं कुछ शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने में लगे  हैं। बच्चों को पहले से सिखाए गए ऑनलाइन एप  ई-पाठशाला एवं राष्ट्रीय मुक्त शैक्षिक संसाधन आदि के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई हो रही  है । छात्राओं ,  छात्रों का समय का सदुपयोग होगा और  भविष्य बढ़िया बनेगा ।और  उनमें पढ़ाई करने की भावना बनी रहेगी । इस तरह से विद्यालय  में ई- पाठशाला भी खुल जाएगी ।   बच्चे इसके जरिये पढ़ाई में भी जुटे हुए हैं। 
मैं खुद ही ऑनलाइन द्वारा हिंदी व्याकरण सिखाती हूँ ।
  लॉक डाउन के चलते  शिक्षक बच्चों के लिए  वीडियो 
अपलोड करके संबंधित विषय की पढ़ाई सिखा रहे  हैं ।
विद्यार्थी जीवन ही पढ़ने के लिये होता है । 
 तकनीकी युग में  इस तरह ऑनलाइन पढ़ना आज की जरूरत है । 
- डॉ मंजु गुप्ता 
 मुंबई - महाराष्ट्र
लाॅक डाउन के चलते बच्चों की आॅनलाइन पढ़ाई मजबूरी  बन गंई है । यह सत्य है कि स्कूल की पढ़ाई से ये भिन्न है ।स्कूल में आपस का समूह स्पर्धा जगाता है ।बात ही बात में बच्चे एक दूसरे से बहुत कुछ सीख लेते हैं जो रुचिकर होता है ।लेकिन आज के महौल में नेट से पढ़ना उपयुक्त है इससे बच्चों की आपसी दूरी बनी हुई है । यह इन्हें कोरोना से बचाने में मददगार है  ।इनके समय काअच्छा उपयोग हो रहा है ।साथ ही माता- पिता इनके बाहरजाने की जिद से निज़ाद पारहे हैं ।एक विषय को लेकर मित्रों से भी बच्चों का संपर्क बन रहा है कुछ तो इसी बहाने नेट पर पढ़ाई सीख रहे हैं ।वैसे भी हम सभी गुगल को भी गुगल गुरु कहते हैं ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
आजकल कोरोना के चलते बच्चो की पढ़ाई भी अस्त व्यस्त हो गयी हैं, कारण है लॉकडाउन।
विद्यार्थियो एवं प्रतियोगी छात्रों के लिए ये समय अत्यन्त महत्वपूर्ण है । 8th क्लास से ऊपर के बच्चो की पढ़ाई को विशेष रुप से नुकसान हो रहा है क्योंकि आगे अच्छी पढाई के लिए उन्हें विभिन्न परीक्षाओ में बैठना पड़ता है परंतु विद्यालय एवं कोचिंग सेंटर के बन्द होने के कारण उनका बहुत नुकसान हो रहा है अतः इस समय ऑनलाइन पढाई एक उपयुक्त माध्यम बन सकता है जिससे उनके बर्बाद होते समय का सदुपयोग किया जा सके।
विद्यार्थीगण एवं प्रतियोगी छात्र इस समय ऑनलाइन पढाई के माध्यम से इस न सिर्फ़ लॉकडाउन का फ़ायदा उठा सकते है बल्कि घर बैठे बैठे फ़्री में बहुत कुछ Knowledge अर्जित कर सकते हैं। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बहुत सारी वेबसाइट फ़्री कॉर्सेज के लिए ओपन कर दी है, साथ ही पुस्तक के शौकीनो के लिए NBT ने भी फ़्री कॉमिक्स, मैगजीन, बुक्स डाउनलोड करने की अनूठी पहल शुरु की है। प्रतियोगी परीक्षा वाले छात्र भी You Tube की मदद से अपनी तैयारी जारी रख सकते हैं।
साथ ही राज्य सरकारे भी अब अपनी सभी पुस्तकें ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध करा रहे हैं जैसे कि उत्तर प्रदेश में , बेसिक शिक्षा विभाग की पुस्तकों को दीक्षा एप के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। इसी प्रकार CBSE Board भी NCERT के माध्यम से सभी पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध करा रहा है अतः हमे इसका पूर्ण फ़ायदा भी उठाना चाहिए।
आजकल ऎन्ड्रायड मोबाइल सबके पास उपलब्ध हैं अतः 21वी सदी की इस तकनीक का फ़ायदा अवश्य उठाना चाहिए। साथ ही याद रखियेगा कि हम सबको मिलकर कोरोना को हराना है।
- विभोर अग्रवाल 
धामपुर - उत्तर प्रदेश
हॉं जी लॉक डाउन के चलते जब सभी कार्य घरों से ही हो रहे हैं, तो ऐसे में यह प्रयोग शिक्षा विभाग के द्वारा भी किया जा सकता है। बच्चों की पढ़ाई लॉक डाउन के चलते प्रभावित ना हो और हर साल की तरह सुचारू रूप से चलती रहे, समय की यही मांग है। आज सभी स्कूलों में अभिभावकोेें या छात्रों के मोबाईल नंबर उपलब्ध हैं ऐसे में स्कूलों के पास उपलब्ध डाटा एवं आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए बच्चों को ऑनलाईन पढ़ाई की सुविधा दी जा सकती है। स्कूल प्रशासन के पास छात्रों के उपलब्ध मोबाईल पर वॉट्सऐप्प ग्रुप के माध्यम से या स्काईप के माध्यम से पढ़ाया जा सकता है। इसके लिए एक समय सुनिश्चित कर शिक्षक एवं छात्रों को अपने घर में बैठे बैठे ही तकनीक के माध्यम से मिलाया जा सकता है। आजकल तो बाजार में भी ऑन लाईन पढ़ाई के कई एप्प उपलब्ध हैं जिनकी सदस्यता लेकर आप पढ़ाई कर सकते हैं। लेकिन आज जब घर में रहने की ऐसी आपदा से हम और आप जूझ रहे हैं तो ऐसे में ऑनलाईन पढ़ाई अर्थात चाहे वह वॉटसएप्प के माध्यम से हो स्काईप के माध्यम से हो या व्यावसायिक एप्प के इस्तेमाल से हो कारगर हो सकती है। 
- ज्योति वाजपेयी
 अजमेर - राजस्थान
लॉक डाउन के चलते बच्चों को घर में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है ऐसे में समय व्यतीत करना बड़ा कठिन होता है परन्तु वर्तमान में इन्टरनेट की सुविधा मिलने से एक बात तो है कि बच्चों और बड़ों सभी को भरपूर मनोरंजन से लेकर ज्ञानबर्धन के सामग्री मिलने लगी है ऐसी गंभीर स्थिति में जहां बड़े अपनी जिज्ञासाओं के अनुसार देखने के लिए इन्टरनेट का प्रयोग कर सकते है वहीं बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इन्टरनेट का उपयोग कर सकते हैं ।
     लॉक डाउन के पहले जब बड़े मोबाइल और लैपटॉप के प्रयोग को मना करते थे वहीं आज बड़े ही बच्चों को मोबाइल और लैपटॉप पर पढ़ाई के लिए बोल रहे हैं मुझे लगता बच्चों के लिए एक अच्छा अवसर है जब बिना रोक टोक के खेलों के आनंद लेने के साथ पढ़ाई भी कर सकते हैं और बड़ों की कोई रोक भी नही चाहे जितना प्रयोग करें ।
      बच्चों के लिए इन्टरनेट वैसे तो पहले ही एक आसान खेल हो गया है फिर भी अब और अधिक नेट कम्प्यूटर मोबाइल सीखने के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखें । एक नयी शिक्षा पद्धति का मज़ा लें बैग टाँगने की झंझट ख़त्म हो गई है स्कूल आने जाने से छुट्टी मिल गई है आशय यह है कि सभी बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करने में सफल होंगे ।
- डॉ भूपेन्द्र कुमार 
 बिजनौर - उत्तर प्रदेश
आज इंटरनेट के युग में अॉनलाइनन क्लासेज का चलन कोई नयी बात नहीं। ये तो की वर्षों से पहले ही चल रही हैं। नयी बात तो यह है कि लॉक डाउन के चलते  सभी विद्यार्थी इस सुविधा का लाभ उठाये। इससे उनकी पढ़ाई का क्रम बाधित नहीं होगा। बड़ी कक्षाओं की तो बात क्या, प्राथमिक कक्षाओं की पुस्तकें और उनके पाठों का शिक्षण भी एप्स के माध्यम से इंटरनेट पर उपलब्ध है।इस तरह पढ़ने का एक सकारात्मक पक्ष यह है कि एक ही विषय पर विभिन्न टीचर्स की क्लासेज अलग अलग समय अटेंड कर सकते हैं। विद्यार्थियों को यह समय मिला है,इसका सदुपयोग करें अॉनलाइन क्लासेज अटेंड अवश्य करें।
- डॉ.अनिल शर्मा"अनिल"
 धामपुर -  उत्तर प्रदेश
वर्तमान समय में हमारे देश में लॉक डाउन की स्थिति के कारण बच्चों की पढ़ाई अतीव प्रभावित हुई है क्योंकि  बच्चे विद्यालय नहीं पहुँच पा रहे हैं । ऐसी सूरत में बच्चे  अपने घरों में ही रहकर  आॅन लाइन पढ़ाई का कार्य सुगमतापूर्वक  कर सकते हैं ।इस दौर  में ऑनलाइन पढ़ाई का महत्व भी बहुत  अधिक बढ़ चुका  है क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों के लिए बहुत सुगम तथा  लाभकारी साबित हुई  है। बहुत सारे ऐप्स ,ब्लॉग तथा वेबसाइट के माध्यम से यह पढ़ाई की जा सकती है। सुदूर क्षेत्रों के बच्चे भी आसानी से ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ सकते हैं । इसके लिए समय व स्थान की कोई बंदिश नहीं है ।वर्तमान समय में हमारी सरकार भी ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा दे रही है। ऑनलाइन पढ़ाई अपनी सुविधा के अनुसार लैपटॉप, मोबाइल अथवा  इंटरनेट एक्सेस के किसी भी माध्यम से घर पर ही की जा सकती है ।इस पढ़ाई का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे बच्चे अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं। चौबीस  घंटे में जब भी  उनके पास समय  उपलब्ध हो पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें बच्चों से लेकर बड़ी कक्षा  तक  के छात्रों के लिए भी पढ़ाई की गुणवत्ता पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है और हर व्यक्ति को यह अंगीकार करना होगा कि आज के समय में क्लासरूम से भी ज्यादा बेहतर ढंग से बच्चे अपने स्टडी रूम में बैठकर के इस पढ़ाई को पूरा कर सकते हैं। जिन बच्चों में शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की अभीप्सा है उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई बहुत बेहतर है। आजकल के बच्चे इंटरनेट का उपयोग करने में विज्ञ  होते हैं और उन्हें इस तरह के कोर्स से जुड़ने में किसी तरह की समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ता है। बस जरूरत होती है कि उनके पास लैपटॉप, मोबाइल या किसी तरह के इंटरनेट एक्सेस की डिवाइस  उपलब्ध कराई जाए और उन्हें अच्छे कोर्सेज के बारे में जानकारी दी जाए। इसके पश्चात बच्चे स्वयं ही उससे जुड़ करके अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा सकते हैं। 
    - डॉ अरविंद श्रीवास्तव       
दतिया - मध्यप्रदेश
आँन लाईन शिक्षण
  वर्तमान युग इंटरनेट का युग है आज के युग में हर व्यक्ति के पास मोबाइल है जो इंटरनेट कनेक्टेड है चाहे शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र हो ज्यादातर लोग आज इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं लाँक डाउन की स्थिति में इसका उपयोग कक्षा शिक्षण और बच्चों के शिक्षण में आसानी से किया जा सकता है हमारे मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान  जी ने भी 1 अप्रैल से शासकीय विद्यालयों में रेडियो के माध्यम से एवं व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों के नंबर मोबाइल में फीड करके ऑनलाइन शिक्षण की पूरी तैयारी करने के निर्देश प्रदान किए हैं| अभी वर्तमान में हेड मास्टर्स के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप तैयार भी किए जा रहे हैं तथा उन पर काम भी चल रहा है एवं उसमें अभिभावकों के एवं छात्र छात्राओं के नंबर फीड हो रहे हैं जो ऑनलाइन काम कर सकते हैं उदाहरण के लिए किसी भी विषय के छोटे से छोटे हल को हम व्हाट्सएप ग्रुप में डाल कर और उस हल को बच्चों के द्वारा हल करवा सकते हैं ये एक बहुत सरल प्रक्रिया है और इसमें बच्चे आसानी से उत्साह पूर्वक सीख सकते हैं जिन बच्चों के पास मोबाइल लैपटॉप आदि नहीं है वह अपने अभिभावकों के मोबाइल नंबर उस ग्रुप में जुड़वा कर और शिक्षण कार्य के द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का और जो- जो सवाल ग्रुप में डाले जाते हैं उन को आसानी से हल कर सकते हैंऔर यदि वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो अभिभावक व शिक्षक गण जो कि ग्रुप एडमिन का कार्य करेंगे वे बच्चों की समय समय पर मदद भी करेंगे|
 वर्तमान में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो मोबाइल का उपयोग न कर रहा हो आज साधारण से साधारण मजदूर के पास भी मोबाइल है जिसमें वह  इंटरनेट चलाता है वर्तमान में इंटरनेट बहुत कम मूल्य पर उपलब्ध है और लोग एक 1 माह का रिचार्ज भी आसानी से करा लेते हैं वर्तमान में मोबाइल सस्ते भी हैं और ज्यादातर मोबाइलों में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है आज के इस खाली समय में इंटरनेट के द्वारा शिक्षण कार्य सीखने सिखाने से सरल कार्य और कोई नहीं है क्योंकि बच्चों की भी मोबाइल में ज्यादातर रुचि रहती है और यह बच्चों की रुचि में दोहरी भूमिका निभा सकता है और खेल खेल में ही काफी जानकारी बच्चों को इसके द्वारा मिल सकती है बस आवश्यकता इस बात की है कि हम कैसे भी प्रयास करके उन बच्चों तक यह मैसेज और यह जानकारी अपने मोबाइल के माध्यम से अपने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से इंटरनेट के माध्यम से  और अन्य साधनों के द्वारा जैसे फोन आदि करके पहुंचा सके जिससे वह सक्रिय होकर के ग्रुप में जुड़ सकें और उस ग्रुप में जुड़ने के बाद वह आसानी से उसका उपयोग कर सकें और शासन की मंशा भी वर्तमान में ऐसी है कि लोग ज्यादा से ज्यादा लाँक डाउन का  उपयोग सीखने सिखाने में और खासकर बच्चों को सीखने सिखाने में किया जाए| कोई भी काम बड़ा नहीं होता बस थोड़ी सी आवश्यकता होती है मन से उस काम को करने की और सकारात्मक सोच की बस  प्रारंभ में थोड़ी मेहनत करना पड़ सकती है लेकिन इंटरनेट के माध्यम से हम एक ही 2 दिन में चाहे तो ग्रुप तैयार करके सीखने सिखाने का कार्य प्रारंभ कर सकते हैं ।
- रवि भूषण खरे
दतिया - मध्यप्रदेश
लाॅक डाउन मे बच्चे निष्क्रीय  न होजाए इसलिए बच्चो को आन लाइन पढ़ाई करना है । बच्चो को आनंद दायक बीडीओ के माध्यम से खेल खेल मे सिखाऐगे । बच्चो को आन लाइन पढ़ाई मे आनंद आऐगा ।बच्चे इंटरनेट के माध्यम से अधिक शिक्षा ग्रहण करते है। हम गुरुजन बच्चो को आनंद दायक शिक्षा अब बिषम परिस्थिति मे आन लाइन देगे।
- बालकृष्ण पचौरी
भिण्ड - मध्यप्रदेश
  कुछ बच्चों के लिए लाभ डाउन के चलते ऑनलाइन पढ़ाई मजबूरी हो रही है और कुछ बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई एक कौतुहल और जिज्ञासा हो रही है। लेकिन सकारात्मक दृष्टि से देखा जाए तो एक सराहनीय आधुनिक पढ़ाई की व्यवस्था है अच्छी बात है लेकिन पढ़ने के लिए मन शांतऔर जिज्ञासा होने चाहिए अभी करोनावायरस के चलते सभी की मानसिकता उथल-पुथल है बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी टीवी पर पूरी दुनिया जहान का खबर सुन रहे हैं ।जिससे दिमाग स्थिर नहीं है ऐसी में बच्चों को पढ़ाई के लिए उसकी मानसिक संतुलन को ठीक कर पाना बहुत मुश्किल काम हो रहा है हां कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिसकी दुनिया जहान से मतलब नहीं रहता और अपनी पढ़ाई के प्रति उनका ध्यान बना रहता है ऐसे बच्चे जरूर इसका फायदा उठाइएगे ।ऐसे बच्चे बाहर जाने के लिए अपना मन नहीं बनाएंगे और ऑनलाइन पढ़ाई में ध्यान देंगे ।जिसका मन ऑनलाइन पढ़ाई में ध्यान नहीं है उनका मन बाहर निकलने का, कुछ और करने का, उस पर ध्यान जाता है ,लेकिन समय का सदुपयोग एक तो पढ़ाई करके बच्चे करें या तो कुछ  स्किल सीखे घर मे  लेकिन घर से बाहर ना जाएं ।आम के आम गुठलियों के दाम वाली कहावतों का लागू करें। लाक डाउन का उपयोग एक तो पढ़ाई में करें और घर से बाहर ना जाए चिंता से दूर रहे ऑनलाइन पढ़ाई करें।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
लॉक डाउन के चलते बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन की मजबूरी हो गई है किंतु सभी तो ऑनलाइन नहीं कर सकते क्योंकि पहली पाठशाला घर है और घर पर माता-पिता दोनों जो शिक्षा देते हैं वह फिर स्कूल से ही पूरी होती है !बच्चे स्कूल में जो पढ़ाई अपने मित्रों के साथ करते हैं एवं मित्रों से अपने विषय की कठिनाई और समस्या एक दूसरे से कर समाधान करते हैं उससे वे जल्दी सीखते हैं !माता-पिता भी जो उन्हें नहीं समझता उन्हें बताते हैं उनकी मदद करते हैं उन्हें स्कूल में मित्रों के साथ पढ़ने में आनंद आता है और वे मन लगाकर पढ़ते हैं किंतु लॉक डाउन के चलते उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है इसलिए बहुत सी शैक्षिक संस्थानों ने कई स्कूलों ने तो ऑनलाइन पढ़ाई चालू कर दी है और माता-पिता को मदद करने को कहा है !
आज का युग तकनीकी है और सभी इंटरनेट का उपयोग कर मोबाइल, कंप्यूटर से व्हाट्सएप ,गूगल से सभी जानकारी ले सकते हैं ! व्हाट्सएप पर स्कूल के प्रश्न उत्तर किए जा सकते हैं यह बहुत ही अच्छी बात है !ऐसे समय में ऑनलाइन पढ़ाई से हमारी पढ़ाई का नुकसान नहीं होता किंतु सभी इसका उपयोग नहीं कर सकते !
मोबाइल में व्हाट्सएप देखना, फोन करना, फेसबुक देखने तक ही ज्ञान सामान्य है कई माता-पिता बच्चों की इसमें मदद नहीं कर सकते   का उपयोग भी पूर्ण तौर से करना नहीं जानते! 
 बच्चों को समूह में पढ़ना और खेलना अच्छा लगता है जिससे मन प्रसन्न होने से उनके ज्ञान का विकास भी बढ़ता है और खुलकर ज्ञान बाहर आता है!
 आज तकनीकी युग है और आगे विकास तकनीकी तरीके से हो मैं इसके विरुद्ध नहीं हूं किंतु इस मोबाइल और कंप्यूटर के युग में व्यक्ति का बचपना छीन लिया ,वे सामाजिक तौर से अलग-थलग हो गए हैं ,उनका पूर्ण विकास नहीं हो पा रहा है, बीमारी का बोझ अलग लेकर बैठे हैं रिश्तो में रुचि नहीं है !
,किंतु देश का आर्थिक विकास यदि करना है, विज्ञान की होड़ में आगे बढ़ना है तो या लॉक डाउन जैसी स्थिति आती है उसके लिए यह उचित है किंतु दसवीं के बाद ऑनलाइन से पढ़ने की बात सही लगती है क्योंकि तब तक उसे रिश्तो का महत्व बचपना माता-पिता का आदर आदि आदि अनेक बातें हैं जो उसे आदर्श और अनुशासन भी सिखाती है जो उसके व्यक्तित्व को निखारती है !
व्यक्ति का व्यक्तित्व ही उसका आचरण है 
बच्चे 15 -16 साल तक गीली मिट्टी ही होते हैं !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
लॉक डाउन को देखते हुए शिक्षण संस्थानों ,स्कूल कॉलेज, विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की है; जो विद्यार्थी वर्ग के लिए समयोपयोगी, सफलता दायक है। इससे उनकी पढ़ाई पिछड़ेगी नहीं। विद्यालय के शिक्षकों से भी वह इस पढ़ाई के द्वारा ऑनलाइन संपर्क में रहेंगे। कोर्स पूरा करने में भी मदद मिलेगी।शिक्षक विद्यालय के विद्यार्थी के ग्रुप बनाकर पढ़ाई का कार्य संपन्न कर रहे हैं; क्योंकि विद्यालय प्रशासन की ओर से भी टीचर्स को ऐसे निर्देश दिए जा रहे हैं।
     छोटे बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स को तो लगना पड़ेगा ही; पर समय की नाजुकता को देखते हुए यह कदम सराहनीय एवं उचित ही लगता है। मैं यह मानती हूं इसमें परफेक्शन के लिए बच्चों एवं टीचर्स दोनों को असुविधाएं होंगी, पर पूरी तरह विद्यालय के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई की भरपाई कराने में, कुछ नहीं से, कुछ तो बेहतर है। वह भी आज के तकनीकी एवं सूचना -क्रांति के दौर में। जो कि हम सबके लिए एक गर्व की बात है।
-  डॉ. रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
आनलाइन पढ़ाई एक सराहनीय कदम है । स्कूल कालेज विश्वविद्यालय  के विद्यार्थियों के लिए यह कदम  सराहनीय भी है और समयपयोगी है चूंकि ऐसे विद्यार्थियों में परिपक्वता होती है ।लेकिन जहां तक मेरा अनुभव है  प्राइमरी बच्चों ‌को तो ऐसे तरीके से आनंद ही आनंद मिलेगा।
सभी जन  को इ स माध्यम से
फायदा होगा परन्तु कुछ वर्गों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है चलिए उन्हें भी एक नयी शुरुआत का मौका मिलेगा। आनलाइन पढ़ाई एक आनन्द दायक अनुभूति होगी।
समय के साथ जितना जल्दी अपने व्यक्तित्व को बदलने का पहल करेंगे उतना ही संतोष मिलेगा
- डाँ.कुमकुम वेदसेन 
मुम्बई - महाराष्ट्र
बहुत सही,  सद् उपयोगी यह तरीका है ।अभी के समय के लिए तो यह अति उत्तम सराहनीय पद्धति है। अभी बच्चे घर बैठकर समय का सही इस्तेमाल भी कर रहे हैं और विद्या अर्जन भी, फिर यह विधि तो "सोने पर सुहागा" समान  कारगार सिद्ध हो सकती है । कोई बच्चा  कहीं से कहीं नेटवर्किंग साइट से जुड़ सकता है और कुछ भी जानकारी प्राप्त कर सकता है ।फलत: बच्चों का इसका सही सदुपयोग करना चाहिए,, दुरूपयोग से बचें और इसका भरपूर लाभ उठा सकतें हैं । ऑनलाइन पढ़ाई बहुत सही है आज इस बंदी के समय में ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
लॉक डाउन के चलते बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई आरंभ हो गई है तो इस तरह कम से कम उनकी पढ़ाई तो बाधित नहीं होगी और इस समय वे पढ़ने में व्यस्त रह सकेंगे। लंबे समय तक स्कूल नहीं जाने से पढ़ाई की तारतम्यता टूट जाती है। ऑनलाइन पढ़ाई होने से वाद तारतम्यता बनी रहेगी। घर में रहेंगे, बाहर नहीं जायेंगे। ऑनलाइन पढ़ाई का यह कदम सराहनीय ही कहा जाएगा।
      इस समय को विवशता न मान कर इसका सदुयोग बच्चों के और उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए किया जाए, ऑनलाइन पढ़ाई भी होती रहे तो मेरे हिसाब से यह इस समय का बेहतर ढंग से उपयोग होगा।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखण्ड
कोरोना के कारण देशभर में लॉकडाउन है। ऐसे में छात्रों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है। स्कूल—कॉलेज बंद हो चुके हैं। यूजीसी ने छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन माध्यम खोल दिया है।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के डर से स्कूलों को बंद किए जाने से वैश्विक स्तर पर करीब 30 करोड़ छात्रों को कई हफ्ते से घरों में ही रहना पड़ रहा है। इससे इनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। छुट्टी रहने के कारण बच्चों के सिलेबस को पूरा करने और अच्छी तरह तैयारी कराने में परेशानी होगी। लंबे समय तक स्कूल नहीं आने के कारण छोटे-छोटे बच्चे बहुत कुछ भूल भी जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स घर में ही बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढाई करवाए। अगर घर में बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे एक महीने में काफी पीछे हो जाएंगे
बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा असर 
बच्चों की वार्षिक परीक्षा के बाद नए सत्र की पढ़ाई शुरू होनी थी। स्कूल-कॉलेज ठीक से खुले भी नहीं थे कि उसके पहले ही छुट्टी कर दी गई। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर ही पड़ेगा। ऐसे में जरूरी है कि अभिभावक घर में ही बच्चों की पढाई पर ध्यान दें
यदि छात्र रद्द हुई बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए अच्छी तरह से तैयार नहीं हैं, तो घर पर बैठ कर ऑनलाइन और सिलेबस, नोट्स के माध्यम से बच्चे परीक्षाओं की तैयारी करें इससे आप आने वाले एग्जाम में अच्छे हासिल करने में कामयाब होंगे। 
ई-क्लास से कर सकेंगे स्टडी 
सरकार ने स्कूली छात्रों के लिए घर बैठकर पढ़ाई की सुविधा मुहैया करवाई है। छात्र स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल के माध्यम से घर बैठे ही ई-क्लास रूम में पढ़ाई कर सकेंगे। राज्यों को चार घंटे का टाइम स्लोट दिया गया है। अब छात्र घर बैठकर भी अपनी पढ़ाई से जुड़े रहेंगे और उनकी पढ़ाई का किसी भी प्रकार से कोई भी नुकसान होगा। 
स्वयं' एप है नि:शुल्क
सरकार द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की गई है, जिससे किसी भी कारण से पढ़ाई से वंचित छात्र पढ़ाई जारी रख सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई की जा सकेगी। इस योजना की खास बात ये है कि ये पढ़ाई नि:शुल्क होगी यानी इसके लिए छात्रों को कोई शुल्क अदा नहीं करना होगा। इस एप की मदद से मैनेजमेंट स्टडीज, अंडर-ग्रेजुएट विषय, इंजीनियरिंग, पोस्ट ग्रेजुएट विषय पढ़े जा सकेंगे। 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
लॉक डाउन ऐसी स्थिति है जिसमें बाहर निकलने का कोई भी बहाना कारगर नहीं होगा । बच्चों का दिमाग चंचल होता है, वे एक जगह ठहर नहीं सकते । साथ हीं पढ़ाई का भी हर्ज होगा । इसलिए उनकी दिनचर्या को व्यवस्थित करने के लिए उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने की आवश्यकता है। जिससे अपने विषय की जानकारी वे भूल न सकें और पढ़ाई में दिलचस्पी बानी रहे ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार


" मेरी दृष्टि में " हर तरफ़ ऑनलाइन का जमाना है । लॉक डाउन के चलते बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए ऑनलाइन की तरह ध्यान देना चाहिए । जिससे समय के साथ - साथ चतते हुए शिक्षा में आगे बढ सके ।
                                                           - बीजेन्द्र जैमिनी




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