लॉक डाउन के चलते घरों में अपना समय कैसे बिताये ?

लॉक डाउन के समय को कैसे काटा जाऐं । इसके लिए सभी बैचेन नजर आ रहे हैं । जिसके पास समय नहीं होता था । वह आज समय बिताने के लिए एक दूसरे को फोन कर के अपनी समस्या को साझा कर रहे हैं । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
मै तो समझता हुआ  इस से अच्छा समय कभी मिलेगा नही क्योंकि लाक डाउन मे घर मे रहकर अपने आपको समाज को देश को बचाना है । रही बात समय कटने की। एक साहित्यकार होने के नाते मै समझता हू इस से अच्छा समय कभी मिलेगा नही क्योंकि एेसे समय मे अच्छी पुस्तकें पढना  मोबाइल पर अच्छे साहित्य पढना और सबसे अच्छी बात बता देना चाहता हुू अभी ऐसा समय मिला है आप लिखना चाहते हो लिखिये दिल से क्योंकि भरपुर समय मिला है कुछ लिखने को चाहे जितना लिख सको यह समय भी हम जैसे लोगो के लिए वरिष्ठ नागरिक वरिष्ठ साहित्यकार के लिए  बहुत हि अच्छा समय मिला है समय काम सदुपयोग करना चाहिए । और क्या होना चाहे तो एक बुक नोट्स तैयार कर लो 
मै तो यही कर रहा हू अभी योग पर लिखने काम काम शुरू है  समय रहते समय काम सदुपयोग नही किया  वयरथ समय ना बीताये 
- जयप्रकाश सूर्य वंशी 
 नागपुर - महाराष्ट्र
लॉक डाउन की वजह से हम सभी अपने घरों में हैं बाहर नहीं जा सकते हैं तो सवाल यह है कि घर में ही अपना समय कैसे बितायें? तो दोस्तों क्या कुछ नहीं है घर में बैठकर करने के लिये.....बस सकारात्मक सोच, उमंग, उत्साह अपने में जगायें और सुबह की शुरूआत ध्यान और योगा से करें। नवरात्रा चल रहे हैं पूजा पाठ करें और विष्व कल्याण के लिये एक सच्ची प्रार्थना जिससे हम सब पहले वाली स्थिति में आ सकें। सभी सदस्य धर के काम को बांट कर करें ताकि घर की महिला पर काम का अतिरिक्त दबाव ना हो। व्यस्त जीवन में कितने ही ऐसे काम होते हैं जो हम रूचि होने हुए भी नहीं कर पाते थे लेकिन आज इस त्रासदी में भी हमारे पास एक सकारात्मक अवसर है कि हम हमारे रूचि के काम कर सकें। जिन्हें पढ़ने का शौक है वे अपनी रूचि के विषय जैसे धार्मिक ग्रंथ उपन्यास, या शोधपत्र या साहित्य कुछ भी पढ़ सकते हैं यदि आपके पास पढ़ने के लिये किताबें नहीं हैं तो आप गुगल पर जाकर ईबुक्स के माध्यम से भी पढ़ सकते हैं। आप अपनी रूचि के अनुसार डायरी लेखन कर सकते हैं जिसमें इन अनमोल पलों को संजो कर रख सकते हैं। अपने रूचि के संगीत का आनन्द ले सकते हैं। प्रकृति प्रेमी अपने बगीचे या पेड़ पौधों की देखभाल में बिता सकते हैं और ऐसे अभिभावक जो अपनी व्यावसायिक व्यस्तता के कारण अपने बच्चों को पूरा समय नहीं दे पाते थे उनके लिये तो यह एक सुनहरा अवसर है कि वे अपने बच्चों के साथ घर मंे बिता सकते हैं उनके साथ घर में खेले जाने वाले खेल कैरम, लूडो, बिजनेस या पिक्षनरी आदि खेल सकते हैं। सकते हैं।  जिन लोगों को खाना बनाने या अच्छा अच्छा खाना खाने का शौक है वे भी कुकिंग मेेें समय बिता सकते हैं और इसके लिये यू ट्यूब का सहारा  भी ले सकते हैं। और जिन लोगों को सिलाई का शौक है वे इस कठिन परिस्थिति में मास्क बनाकर अपने आस पास के इलाके में बांट सकते हैं इससे आप को शौक भी पूरा हो जायेगा और समाज को आपकी मदद भी मिलेगी। अन्त में मैं यही कहना चाहूंगी कि परिस्थिति कैसी भी हो सकारात्मक सोच रखें और इस समय का पूरा सदुपयोग करें।  
- ज्योति वाजपेयी 
अजमेर - राजस्थान
     हम सब हमेशा जाने अनजाने जीवन में दो प्रकार की स्वतंत्रता को पाने के लिए प्रयास करते रहते हैं - १. पैसे की स्वतंत्रता २. समय की स्वतंत्रता 
       विडंबना है कि परिस्थितियाँ विपरीत हैं और समय की स्वतंत्रता हमारे पास है ऐसे में बाहर तो नही घूम सकते परन्तु अपनी हॉबी के अनुसार घर के अंदर ही रहकर समय का सदुपयोग जरूर कर सकते हैं । पुस्तक पढ़िए, लेखन करिए, आर्टिस्ट कोई नया डिज़ाइन बना सकते हैं । आध्यात्मिक चिंतन करने के लिए बहुत अच्छा अवसर है । घर वाले जैसे बूढ़े माता-पिता के साथ बैठकर अनुभवों की दौलत बटोरें, पति-पत्नी मिलकर एक दूसरे के साथ साथ बच्चों को भरपूर समय दें । धार्मिक कथाओं के शौक़ीन इस समय टी०. वी० पर रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिकों का आनंद ले सकते हैं । बिज़नेस मैन अपने खाता बुक का मिलान कर सकते हैं आने वाले समय के लिए गूगल ऐप्स के माध्यम से जानकारी हासिल कर सकते हैं ।      
     कहते हैं जब सब लोग कुछ न कर सकते हो तो तुम कुछ ऐसा करो कि जब सब लोग कुछ करें तो तुम्हें कुछ न करना पड़े और समय की स्वतंत्रता का आभास हो ।
  लॉक डाउन के चलते घर में बैठकर पुस्तकों का अध्ययन करने से जो लाभ मिलेगा शायद ही दूसरे साधनों से मिले, जो भी आपको उचित जान पड़े करें । करें चाहे जो भी बस समय का सदुपयोग करें ।          
-डॉ भूपेन्द्र कुमार 
 बिजनौर - उत्तर प्रदेश
 जो व्यक्ति उपयोगिता को समझता है वह व्यक्ति उपयोगी होकर अपने समय को सदुपयोग कर लेता है कहने का तात्पर्य है समय को ऐसा ही  विताने के बजाय  कुछ अपने घर में व्यवस्था हेतु कार्य करके बिताएं घर में तीन अवस्था के लोग प्रायः देखा जाते हैं 1 बच्चे दूसरा युवा तीसरा वृद्धा बच्चों को खेलने जैसे केरल चेस लुका छुपी पेंटिंग बनाना पुराने कागजों का कटिंग कर सजावट के सामान बनाना कंप्यूटर सीखना और ना जाने कितने सारे बच्चों के लायक जो भी काम है करवाइए एवं वृद्धों के लिए और युवा अपने किचन गार्डन में काम कर सकते हैं घर के आंगन में फूल औषधि पौधा अधिकार देखभाल कर सकते हैं महिलाएं खाना बनाना के अलावा बड़ी पापड़ चीप्स एवं पुराने कपड़ों के विभिन्न प्रकार की सिलाई वाला काम प्रेस एवं कागज की टोकनी गुड़िया ना जाने ढेर सारी घर सजाने वाली एवं घर में उपयोग आने वाली सामान बना सकते हैं घर की साफ सफाई बर्तनों का मानना फर्श का पोछा लगाना बहुत से महिला या पुरुष को जैविक खेती करना आता है विभिन्न प्रकार की खाद एवं जिसके पास गौशाला हैं यह गौशाला में  उपलब्ध वस्तुओं का विभिन्न प्रकार का समान बनाकर अपना समय बिता सकते हैं कुछ टीवी देख कर कुछ पुस्तक पढ़कर कुछ कविता लिखा कर  कुछ सिलाई बुनाई कर अपने समय को बिता सकते  हैं बच्चों के साथ पूरे परिवार बैठकर उन्हें कविता कहानी एवं अंताक्षरी आदि करवा सकते हैं कुछ ऐसे भी काम करें जिसमें बच्चे सहयोग और वृत्त सहयोग दे पाएं ऐसे उपयोगी कार्य करने से आराम के साथ समय निकल जाता है जो हम दूसरों को करवाते हैं वह आज सब हमको करने की आवश्यकता आन पड़ी है अतः कार्य में लगे रहने से कोई बोरियत नहीं होता कपड़े धोना कपड़े तह करके रखना इस कार्य में घर के सभी सदस्य हाथ बता सकते हैं ऐसे करके देखने से कितना मजा आता है घर में खाली बैठने की वजह एक दूसरे का सहयोग करो और घर की व्यवस्था को बनाने में मदद करो आराम से लव डाउन के चलते घरों में अपना समय बीत जाएगी।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
महिलाएं घरेलू कामकाज में कुछ समय व्यस्त हो जाती हैं और यूं कहो उनका कुछ समय पसार हो जाता है बच्चे टीवी इंडोर गेम और अन्य तरह से खेलते हुए बिजी हो जाते हैं किंतु पुरुषों के लिए समय बिताना कुछ कठिन होता है! वैसे भी कुदरती पुरुषों और महिलाओं के स्वभाव में फर्क तो होता ही है किंतु आज समस्या और समय के अनुसार हमें घर पर इस महामारी के चलते बंद हो कर रहना ही होगा और वह भी अपने ही भले के लिए ताकि हमारा परिवार इस महामारी की जकड़ में ना आए ! लॉक डाउन में हमें कितना अच्छा मौका मिला है परिवार के साथ रहने का जो समय आप अपने बच्चे ,पत्नी, माता -पिता, के साथ बिताना चाहते थे, कार्य के चलते समय ना मिलने की वजह से नहीं दे पाते थे वह आप अभी दे सकते हैं ! जो शौक आप बचपन में पूरा ना कर सके जैसे पेंटिंग, ड्राइंग ,किताब पढ़ने का शौक, खाना बनाने का वह अभी आप कर सकते हैं वैसे भी किचन में पत्नी का हाथ बटाते हुए मीठी प्यारी बातें कर पत्नी के साथ समय बिता सकते हैं जो समय और प्यार हर पत्नी छुट्टियों में पति से चाहती है ! बच्चों के साथ खेलें, उन्हें कुछ सिखाएं ,पढ़ाएं, सभी साथ में बैठकर बातें करें अपने बचपन की यादें, स्कूल-कॉलेज के जमाने की याद ताजा कर सभी से शेयर करें ,माता-पिता साथ है तो बच्चे दादा-दादी से कहानियां सुने ,घर में पुरानी साफ सफाई करें, बाद में पुराने कपड़े हो तो उसे बाहर निकाल कर रखें ,(गरीबों को अथवा अनाथ आश्रम में देने के लिए ) आजकल मोबाइल फोन कंप्यूटर से भी समय पसार कर सकते हैं यदि लिखने का शौक है तो लिखें ,फोन से हम मैसेज देखकर अपनों को लॉकडाउन का पालन करने को कह कर अपना कर्तव्य पालन करें ,बच्चों के लिए क्यों बड़ों के लिए भी टीवी में रामायण महाभारत का प्रसारण किया गया है ताकि लॉक डाउन में रहकर भी हम बोर ना हो और बाहर ना निकले हमारे स्टार भी टीवी में प्रोग्राम दे रहे हैं हमें घर पर खुशी दे ,बांधे रखने की कोशिश करते हैं ताकि हम बाहर ना जाएं हमारी सेवा के लिए डॉक्टर पुलिस है खाने पीने की चीजें घर पर आ जाती है वह हमारी चिंता करते हैं तो हमें तो घर में रहकर नियम का पालन करना ही चाहिए !  प्रधानमंत्री ने घर में बैठ योग करने को कहा है! वे स्वयं घर में रहकर कार्य कर रहे हैं, पूरे देश की खबर रखते हैं!देश के प्रत्येक राज्य में वायरस न फैले उसके लिए हर उपाय कर रहे हैं! प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य की सोचते हैं तो हम क्यों नहीं ? हमें तो बस अपने परिवार को देखना है !
अंत में कहूंगी बहुत ही अच्छा अवसर मिला है परिवार के साथ खुशियां बटोरने का बच्चों के साथ कैरम ,लूडो ,पत्ते खेलो, बीवी के साथ मदद कर अधिक समय बिताएं ,वृद्ध माता-पिता को भी समय दें! प्रति दिन समय प्रबंधन का ध्यानकर उसका सफल उपयोग करें एवं यादगार पल बना लें... अवसर बार बार नहीं  मिलते अतः इस सुनहरे पल को जाया ना करें  लपक लें!
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
म्हाने कोरोना की नजरियां लागि ,
चाली म्हांका धीरज के तुताडी .
डग -मग मत होवो रे भाया ,
उखड़ न जावै धीरज री खूट्यां री.
राजस्थानी शब्दावली भावार्थ -
तुताडी -मिट्टी का पानी से भरा घड़ा कंकर मरने से प्रेशर से निकलता पानी ,धीरज -धैर्य खूट्यां -उद्देश्य की चारों तरफ से की गई किले बंदी हेतु लगाई गई कीलें l 
गौरवमयी भारत माता के सपूतों को कोरोना की नज़र लग गई है l हमारे धैर्य रूपी घड़े पर समाज कंटकों द्वारा लोकडाउन एवं आइसोलेशन की प्रधानमंत्री  जी ने हाथ जोड़कर किये गए निवेदन और प्रशासन की सख्ती के चलते हुए भी हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं लेकिन हमें अपना मानव धर्म ,राष्ट्र धर्म निभाना है l इस संकटकाल में हमारे कर्तव्य पथ से डगमग नहीं होना है ,धीरज की खूटियों को उखड़ने नहीं देना है l हमारी नागरिकता का परीक्षा काल है ,कोरोना जंग में हमें फ़ेल नहीं होना है l यह स्वाभाविक प्रश्न है कि लॉकडाउन me हम समय कैसे बिताएं -
हमें  समय का सदुपयोग करते हुए विचार करना है ,मंथन करना हैकि  इस जानलेवा राष्ट्रीय आपदा में मैं अपना क्या रचनात्मक सहयोग करते हुए राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन किस प्रकार कर सकती हूँ .
मनोवैज्ञानिक जैम्स ने कहा -"यह सम्भव नहीं कि सदा अनुकूलता ही बनी रहे कभी प्रतिकूलता न आए "सूर्य उदय होता है ,शाम को अवसान होता है ,दोनों परिस्थितियाँ विपरीत हैं l हमारे सामने आज परिवर्तित पिस्थितियाँ हैं ,हमें इनका मुकाबला करनाहोगा l अपना और दूसरों का जीवन बचाने के लिए हर सम्भव योगदान देना होगा l राष्ट्र धर्म  निर्वाह के बाद भी यदि लॉकडाउन में समय हमारे पास है तो उसका सदुपयोग करें l योग ,प्राणायाम आसन करें ,पूजा अर्चना करें ,स्वाध्याय करें अपनी अभिरुचि के अनुसार कार्य करें आपका अपना समय है ,चित्रकारी करें ,गीत संगीत सुने एवं रचना करें ,बागवानी करें घर में ,संकट काल में लोक कल्याण के कार्यो की प्रथमिकी तैयार कर ध्यान रखें ,विपरीत परिस्थिति में सतर्कता ,लॉकडाउन की घोषणा का पालन हमारी पहली जिम्मेदारी है l अपनी रूचि के अनुसार लेखन ,साहित्य सृजन करें ऑन लाइन क्लास के माध्यम से अपनी जानकारी बढ़ाये l घर में रहकर घर के बहुत से पेंडिंग कार्य होते हैं जिन्हें हम पूरा कर सकते हैं l लक्ष्मण रेखा में आप .....चक्रव्यूह में कोरोना इस लक्ष्य का संधान करने के लिए जारी एडवाइजरी का पालन करना ही लॉकडाउन समय का सबसे बड़ा सदुपयोग है l 
रामधारी सिंह की  भावनाएं -
"निर्मम विनाश हँस रहा है 
सुषमाओं के कण कण में 
फूलों की लूट मची है 
माली सम्मुख आज उपवन में "
इस भारत भूमि के उपवन में कोरोना निर्मम विनाश हँस रहा है और इस उपवन का" बांगवां "
आपसे हाथ जोड़कर आपके और आपके प्रियजनों की "भीख "मांग रहा है l यह आप और हम पर निर्भर है ,आप स्व विवेकानुसार समय का सदुपयोग कीजिए l 
 मैं ढूंढ रही हूँ आज आकुल 
जीवन का कोना कोना 
पाया नहीं कुछ ,केवल देखा है किस्मत के कोरोना का ही रोना रोना
अपना अतीत है वीराना 
भटक रहा आज खंडर में भय आज हमें आज लग रहा है 
आते जाते अपने ही घर में l 
समय का सदुपयोग करें ,मानव धर्म निभाएं l
- डाँ. छाया शर्मा
अजेमर - राजस्थान
बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न है ।कैसे भी कर हमें यह समय मिला है ।उनके लिए तो बड़ा ही महत्वपूर्ण है जो अपने बच्चों परिवार को बहुत कम समय दे पाते हैं ।जो समय दे भी पाते हैं ।उनको भी इतना व इस तरह का समय शायद ही मिला हो।
अतः समय बिताने के लिए यही कहना चाहूंगा कि पूरा परिवार क्या चाहता है ।बच्चों के मन में क्या है ।हम सब क्या नहीं कर पा रहे थे ।किसका मन सबसे अधिक उदास है ।यह सब करने का अवसर है ।बच्चों को किसी न किसी प्रकार की शिक्षा देते ही हैं इस समय मूल्यांकन करें क्या कमी उसपर ध्यान दें।मोबाइल की दुनियां एकाकी पन ला रही है उसका विकल्प खोजें ।पुस्तकें अच्छी मित्र हैं उनसे स्वयं दोस्ती करें बच्चों की भी करवायें ।जिन नाते रिश्तेदारों मिलने वालों से सम्पर्क बात नहीं हो पा रही थी उनको समय दे स्वयं के साथ बच्चों को भी जोड़ें ।खाली समय का सदुपयोग कैसे हो उसके लिए कुछ रचनात्मकता की आदत व डलवायें।सुबह शाम अपने धर्म संस्कृति के अनुसार ईश्वर का स्मरण करें परिवार को भागीदार बनाये ।घर बागवानी फूलों की देखभाल आदि करें व इस अवसर पर कार्य में सामूहिकता के महत्व को दर्शाने का प्रयास करें ।
- शशांक मिश्र भारती 
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
लाॅक  डाउन  के  चलते  हमें  दैनिक  कार्यों  के  अलावा  सर्वप्रथम  स्वयं  के  व  परिवार  के  अन्य  सदस्यों  के  स्वास्थ्य  का  ध्यान  रखना  जरूरी  है  उसके  लिए  योगाभ्यास,  ध्यान,  घर  में  ही  टहलना  आदि  के  साथ-साथ  सादा  व  शीघ्र  पचने  वाला  भोजन  करना  चाहिए  । 
      समयाभाव  के  कारण  यदि घर  अव्यवस्थित  है  तो  उसे  मिलकर  व्यवस्थित  करें  । अनावश्यक  सामान  निकाल  दें। 
     अच्छा  साहित्य  पढ़ें, लिखने  में  रूचि  हो  तो  लिखें,  प्रयास  करें,  बच्चों  को  भी  कुछ  लिखने  के  लिए  प्रेरित  करें  साथ  ही  उनकी  पढ़ाई  भी  जारी  रखें,  जनरल  नाॅलेज  बढ़ाएं  ।  कम्प्यूटर  पर  काम  करना  सिखाएं  । 
      सामाजिक  जुड़ाव  बनाएं  रखें,  मित्रों-परिचितों  से  मोबाइल  पर  बात  कर  उनकी  कुशल-क्षेम  पूछते  रहें  । 
       बार-बार  सभी  लोग  समाचार  अवश्य  देखते  रहें  । 
       बच्चों  के  साथ  बच्चे  बनकर  खेलें , आपका  भी  बचपन  लौट  आएगा  ।  उन्हें  कहानियां  सुनाएं  । 
      सबसे  महत्वपूर्ण  बात  सकारात्मक  सोच  के  साथ  ईश्वर  से  प्रार्थना  करें  ।  तनाव  से  दूर  रहें  । 
         - बसन्ती पंवार 
          जोधपुर  - राजस्थान 
 हमें इस समय का बेहतर सदुपयोग कर जिंदगी को रोचक बनाने का प्रयास करना चाहिए।एक समय था जब लोग भाग_ दौड़ भरी जिंदगी से ऊब और थक जाते थे ,और आज ये आलम है कि लोग आराम करते_  करते घरों में ऊब रहें हैं। ऐसे में हमें धैर्य और संयम का पालन करना है, क्योंकि यह लाॅक डाउन में पूरे भारतवर्ष की सुरक्षा निहित है । हां ,यह एक कठिन दौर है ,जिससे हम सब रू-ब-रू हो रहें हैं ।मगर कुछ हीं दिनों की बात है और ये  कट  रहा है, और कट हीं जायेगा ।समय को हम अपनी पसंदीदा काम और पेंडिंग कार्यों को पूरा कर सकते हैं। आज हर किसी के पास फोन और नेटवर्क है जिसका सही सदुपयोग कर बहुत कुछ किया जा सकता है , जिससे हमारा टाइम पास भी हो जायेगा। टेलिविज़न पर बहुत सारे अच्छे कार्यक्रम अभी दिखाएं जा रहें हैं,उनका भरपूर आनन्द हम सब लें । समय बिताने का यह भी एक जरिया है। घरेलू सहयोगी अभी किसी के घर नहीं आ रहीं हैं,तो महिलाओं को इस कारण यूं भी काम बढ़ गया है ।पुरूष इच्छानुसार घरेलू कामकाज में सहयोग कर सकतें हैं। बागवानी, किताबें पढ़ना, बच्चों के साथ समय बिताना, उन्हें पढ़ाना,उनके साथ खेलना-कूदना। लूडो , कैरमबोर्ड,ताश आदि कुछ भी मनोरंजन हेतु । सबसे अच्छी बात है कि बड़ी मुद्दत के बाद आज ईश्वर ने हम सब को  समय हीं समय दिया है तो हम सब  उनका भी भजन कीर्तन बड़े आराम से कर सकतें हैं ।  सारांश यह है कि कोई भी काम बड़े आराम से कीजिए । हम सब के  पास फिलहाल समय  हीं समय है ।भूले बिसरे रिश्तेदार और दोस्तों को फोन करें,उनसे बातचीत करें,समय भी बितेगा और दिल को भी अच्छा लगेगा । फलत: हम सब  इसका भरपूर आनन्द और इस्तेमाल करें । १४ अप्रैल के बाद पुनः जिंदगी की गाड़ी अपनी पुरानी रफ्तार पर आ जायेगी ।हर रात की सुबह होती है इसकी भी होगी । समय कभी रुकता है नहीं ,बस हमें कुछ दिनों के लिए घर में रूकना है ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
राष्ट्र सर्वो प्रिय है सरकार के आदेशों का पालन घर मे बैठकर करे । समय मिला है घर की साफ़ सफ़ाई करे । घर के अन्य लम्बित काम करे । बच्चों के साथ खेले उन्हें पढायें ।भगवान का भजन करे।
- मुरारी लाल शर्मा
पानीपत - हरियाणा
समय तो अपनी रफ़्तार से गुजरता जाएगा उसमें कहीं भी कोई ठहराव नहीं है। अब सवाल यह है कि दैनिक क्रिया कलापों में थोड़ा विश्राम मिल गया है यह तो कोरोना की नटखट लीला है ।जिस समय के लिए हम सभी तरसते थे आहें भरते थे आज़ वह समय आपके पास है अब समय को सुनियोजित प्रबंधन कर उसका जीवन में आनंद उठाना है
अपनी जीवनशैली बदल दे 
घर के पुरुष परिवार की महिलाओं के कामों में व्यस्त रखें ।
प्रतिभागी एवम् प्रतियोगिता का आयोजन करें। संगीत का लुत्फ उठाएं। घर के कपड़ों को प्रेस कर डाले।बच्चों के साथ खेल खेलें ।आनलाइन पर काम करे। पुरानी तस्वीर को देखकर अपनी याद ताजा करें।
- डाँ. कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
आजकल कोरोना के चलते लोग लॉकडाउन के कारण घरों में कैद हो गए हैं जिस कारण अब समय बिताना भारी पड़ रहा है। आखिर हम एेसा क्या करे जिससे हमारा समय भी व्यतीत हो जाये तथा हम लॉकडाउन के सार्थक प्रयास को पूर्ण कर पाये।
ये समय ज्यादातर व्यापारी वर्ग के लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है क्योंकि वह वर्ग पूरी तरह से अपने व्यवसाय में व्यस्त रहता था परंतु कोरोना के कारण वह बाहर भी नहीं निकल सकता अतः हमे कुछ ना कुछ सार्थक उपाय निकालने होंगे जिससे न सिर्फ़ व्यापारी वर्ग को फ़ायदा हो अपितु सेवा वर्ग एवं विद्यार्थी सभी को इसका पूर्ण लाभ मिल सके।
इसके लिए सबसे पहले मैं बात करूंगा विद्यार्थियो एवं प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे प्रतियोगिओ की।
विद्यार्थीगण एवं प्रतियोगी छात्र इस समय Online Education के माध्यम से इस न सिर्फ़ लॉकडाउन का फ़ायदा उठा सकते है बल्कि घर बैठे बैठे फ़्री में बहुत कुछ Knowledge अर्जित कर सकते हैं। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बहुत सारी वेबसाइट फ़्री कॉर्सेज के लिए ओपन कर दी है, साथ ही पुस्तक के शौकीनो के लिए NBT ने भी फ़्री कॉमिक्स, मैगजीन, बुक्स डाउनलोड करने की अनूठी पहल शुरु की है। प्रतियोगी परीक्षा वाले छात्र भी You Tube की मदद से अपनी तैयारी जारी रख सकते हैं।
यदि अब हम बात करे सेवा वर्ग एवं व्यापारी वर्ग की, जिनकी हमेशा समय न होने की शिकायत रहती है, उन्हें भगवान ने मौका दिया है कि वे इस समय का सदुपयोग करते हुए अपने परिवार को अपना सारा समय दे जिससे उनकी ये शिकायत भी दूर हो जाये। साथ ही वे अपने बच्चों के साथ मिलकर इन्डोर गेम्स खेल सकते हैं, रामायण जैसे सीरियलस के माध्यम से बच्चों को अच्छे संस्कार दे सकते है। पुराने फोटो अल्बम निकाल करके उन्हें देखकर अपनी यादें ताजा करके सभी के बारे मे अपने बच्चों को बता सकते हैं तथा दिनभर बैठकर इन्टरनेट सर्फ़िन्ग तो आप करते ही रहते हैं।साथ ही आप अपने कुछ ऎसे शौक भी पूरे कर सकते हैं जो आज तक ।समयाभाव के कारण पूरे नहीं हो पाये थे।
रसोई में जाकर परिवार की मदद करके भी अपना समय व्यतीत कर सकते हैं। पर एक बाद याद रखियेगा कि घर से बाहर नहीं निकलना है और कोरोना को हराना है।
- विभोर अग्रवाल
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
हम लॉक डाउन में घर के भीतर,रहकर अपने  मनचाहे काम करते हुए ,जब जी चाहे, खाएं पीएं। जब जी चाहे, आराम करे। लेकिन इस के चलते हम मेडिटेशन,योग,स्नान,ध्यान,प्रभु आराधना को न भूलें।प्रभु से विनती करते हुए सभी यह प्रार्थना अवश्य करते रहिए,कि हे प्रभु
 ये कोरोना नामक दुश्मन बीमारी समाप्त हो।हम सोशल मीडिया से भी जुड़े रहे और अपने मित्रों, परिजनों की कुशलक्षेम खबर लेते रहे। हम सब  घर में ही सुरक्षित रहे ।यह लॉक डाउन एक अवसर लेकर आया है हमारे लिए। कुछ नया सीखने का अवसर, इसमें हमें वह काम स्वयं अब कर देखने चाहिए जिनके लिए हम औरों पर निर्भर रहते हैं। हम अपनी रुचि अनुसार कार्य यथालेखन,वादन,गायन,नर्तन,चित्रकला,पाक
कला  जो भी मन को भाये उसे समय देकर
अपनी प्रतिभा को चमकायें। अपनी प्रतिभा से, जनजागरण में अपना योगदान करें। ये संकट काल हमें सिखाने आया है तो हम सीखें और लॉक डाउन का सम्मान करते हुए अपने घरों में रहकर सृजनात्मक कार्यों में समय व्यतीत करें।
-  डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
         धामपुर - उत्तर प्रदेश
*लाॅक डाउन के  चलते घरों में* *अपना समय कैसे बिताएं?*
कोरोना वायरस (covid-19) के संक्रमण की समस्या व खतरे के कारण भारत में लाॅक डाउन किया गया है और ऐसी स्थिति में लोगों के सामने यह समस्या उठ खड़ी हुई है कि  पूरे समय अपने घरों में रहकर अपने समय को किस प्रकार बिताएं ।इसके लिए कुछ योजना या रूपरेखा का होना आवश्यक है।इस रोगार्त  दौर में सबसे अधिक कठिनाई 7 से 11 वर्ष की आयु  अथवा वयः संधि के बच्चों को आती है।उनके लिए दूरदर्शन के ज्ञानवर्धक व रोचक कार्यक्रम, इंटरनेट सर्फिंग या इन्डोर गेम्स जैसे-शतरंज ,कैरम ,लूडो  आदि ,चित्रकला या अंताक्षरी समय बिताने का साधन बन सकते हैं ।लड़कियां रसोई व अन्य गृह कार्यों में मां का सहयोग व कुछ नयी रेसिपी तैयार करने में लगा सकती हैं ।विषय की तैयारी, प्रेरक पुस्तकों का अध्ययन  व बड़ों के साथ उनके अनुभव हासिल करना भी समय बिताने का उत्तम साधन बन सकता है ।इसमें घर के बुजुर्ग भी अच्छा महसूस करेंगे ।संगीत  ,साहित्य व स्वस्थ परिचर्चा पूरे परिवार के लोग एक साथ   दैनिक कार्यक्रम में समाविष्ट कर सकते हैं ।कहा जाता है-'समय बिताने के लिए करना है कुछ काम'।बस हम कुछ न कुछ काम में जुटे रहें, समय का पता ही नही चलेगा।
- डाँ. अरविंद श्रीवास्तव 
दतिया - मध्यप्रदेश
लॉक डाउन के चलते हम सभी नागरिकों को एक छुट्टी मिलता ही है अपनी रोज की दिनचर्या से यह अवसर को हमें आशावादी दृष्टिकोण से सोचना चाहिए हमें अपने मन में जो भी शौक या जो कुछ करने की इच्छा है।
 हम अपने काम के चलते पूरे नहीं कर पाते थे।
*हम अच्छा साहित्य पर सकते हैं परी बड़े लेखकों की बुक, रचनाएं ,लेख आदि पढ़ सकते हैं।
*हम संगीत सुन सकते हैं गाना गा सकते हैं।
*चित्रकारी कर सकते हैं।
*अपने पुराने दोस्तों से बातें कर सकते हैं ।
*अपने बच्चों के साथ समय बिताने का अच्छा मौका है उन्हें अपने संस्कृति का ज्ञान दे सकते हैं कहानियां सुना सकते हैं और उनके साथ खेल भी सकते हैं।
*भोजन पका सकते हैं नई नई रेसिपी भी बना सकते हैं।
आशावादी बनकर यह जो समय हमें मिला है उसे सत्कर्म में लगाना चाहिए दूसरों की मदद खुद को बचाते हुए कोरोना वायरस से बच बचाव के तरीके, साफ सफाई
अपने आप को हमारे पुराने आयुर्वेदिक ज्ञान की किताबें भी पढ़ सकते हैं और उससे हमें लाभ मिलेगा एलोवेरा जूस आंवला गिलोय। आयुर्वेदिक काढ़ा भी घर में बना सकते हैं तुलसी अदरक काली मिर्च।
कृपया आप सभी लोग घर में रहे लोग डाउन का पालन करें भारत को करुणा से लड़ने में मदद करें ।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
लॉकडाउन के वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिससे कि वो समाज से कटे-कटे महसूस कर रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग तो इस लॉकडाउन के वजह से बहुत दुखी हो गए हैं और खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं। ऐसे में आज मै आपको ऐसे तरीके बताऊगी , जिसके इस्तेमाल से आप दरवाजे के बाहर कदम रखे बिना भी खुद को समाजिक बनाए रखेंगे।और ख़ुशी ख़ुशी कब यह समय कट जायेगा पता ही नहीं चलेगा । 
मैंने तो आन लाईन कविसममेलन शुरु किया है रोज़ दो घंटे आराम से अपना व सबका टाइम पास होरहा है 
पर आप के लिये कई तरीक़े है 
लॉक डाउन के बोरियत को कम करते हुए आप अपने दोस्तों के साथ बहुत ही बढ़िया समय बिता सकते हैं। आप दोस्तों के साथ मल्टीप्लेयर गेम खेल सकते हैं। ऐसे कई ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम है, जिसमें आप कई दोस्त एक साथ मिलकर खेल सकते हैं। आप इन गेमों को प्ले स्टोर या एप्पल के एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
सिनेमा का प्लान कर ेंस
वैसे तो आप हमेशा छुट्टी के दिन सिनेमा देखने का प्लान बनाते हैं। लेकिन लॉकडाउन में आप घर पर हैं। ऐसे में आप किसी भी दिन परिवार के साथ रात में फिल्म देखने का प्लान कर सकते हैं। घर में पापकार्न के साथ थियेटर का आन्नद ले , यदि आप दोस्तों के साथ रहते हैं तो नेटफ्लिक्स पार्टी मोड ऑन कर सकते हैं। ऐसा करने से लॉकडाउन की बोरियत कई हद तक कम हो जाएगी।
आपस में पत्ते , कैरम , आदि खेल सकते है , 
अपनों के लिए सही समय
आपकी मौसी जी आपको कितना प्यार करती थी। केवल आप ही उनके लाडले थे। या फिर आपकी बुआ जी का आपसे कितना लगाव था या फिर बचपन का दोस्त जिसके साथ आपका पूरा बचपन बिता। ऐसे कई लोग होंगे जो आपके बेहद करीबी होंगे लेकिन समय के अभाव के कारण आपकी उनसे लंबे समय तक बात नहीं हुई होगी। लॉकडाउन सही समय है। आप इसकी बोरियत को कम करते हुए उन सभी लोगों से बात कीजिए जो आपके बेहद करीबी हैं।
छोटी-छोटी चीजें
ऐसा जरूरी नहीं है कि आप प्रतिदिन वीडियो कॉल यह कॉल के माध्यम से ही अपने दोस्तों से जुड़े। दोस्तों से जुड़ने के लिए आप कई छोटी-छोटी चीजों को कर सकते हैं। आप उन्हें किसी पोस्ट में टैग कर सकते हैं, उनके किसी पोस्ट पर कमेंट कर सकते हैं या फिर किसी मेमोरी को फेसबुक पर अपलोड कर सकते हैं। इन छोटी-छोटी चीजों से आप लॉक डाउन के बोरियत को कम कर सकते हैं।
आप अपने जीवन की कुछ सुंदर घटनाओ को कलम बंद कर सकते है । 
कोई बुरा अनुभव को संस्मरण के रुप में लिखे
कुछ समय पढ़ने में लगाये । 
और जो काम करने के लिये आप को समय नहीं मिलता था 
वह पुरा कर ले । 
दिन कितना छोटा होता है कैसे कट जायेगा पता नहीं चलेगा
कुछ सीखे 
आज कल आनलाईन बहुत कुछ सिखाते हैं आप मन पंसद चीजे सिखे , 
ज्ञान वर्धक या अपने प्रिय लेखक को पढे , 
मन के भाव काग़ज़ पर उतारे 
अपने अंदर नया जीव पैदा करे 
अरे बहुत कुछ है , हम करेंगे समय कम पड़ेगा  दावा है मेरा । 
और कुछ नहीं तो , 
आप मेरे साथ मेरे आनलाईन कवि सम्मेलन में जुड़े 
अग्निशिखा के संग , काव का रंग में 
मज़ा आयेगा , समय पास होगा 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
हर व्यक्ति की अपनी कोई ना कोई हॉबी जरूर होती है और हर हॉबी को पूरा करने के लिए हमें एक उचित समय की आवश्यकता होती है इस भागमभाग की दौड़ में और इस व्यस्ततम युग में वास्तव में अगर हम अपने पिछले समय पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि हमारी पूरी जिंदगी मैं हम कहीं ना कहीं किसी ना किसी कार्य को लेकर के व्यस्त  रहे हैं हमने देखा है कि कई महत्वपूर्ण कामों के कारण हम अपनी वास्तविक अभिरुचि से दूर रहे हैं प्रत्येक व्यक्ति की जन्म के समय से ही  नैसर्गिक रूप से कुछ मनोवृति हैं कुछ अभीरूचियाँ उसके मस्तिष्क में सहज रूप से अंकित होती हैं जिन्हें उचित वातावरण पाकर वह  विकसित कर सकता है वर्तमान समय लॉक डाउन का समय चल रहा है ऐसे में जो समय मिला है वह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है यदि  इस समय में हम अपनी पूरी एनर्जी उन कामों में लगावें  जो हमें मानसिक सुख प्रदान करें हमारे अंदर जो भी अभिरूचियाँ  रही हैं और जो वर्तमान में अभी हैं जैसे कि  म्यूजिक या किसी की रुचि अच्छा स्वादिष्ट भोजन बनाने में हो सकती है ,किसी की रुचि अच्छे लेखन में हो सकती है ,किसी की रुचि बच्चों को पढ़ाने में हो सकती है ,किसी की रुचि कोई अच्छा चित्र बनाने में हो सकती है किसी की रुचि पुराने मटेरियल से कुछ मॉडल्स बनाने की हो सकती है, और किसी की रुचि अपने घर को व्यवस्थित बनाने में भी हो सकती है, साफ सफाई में भी कई लोगों की ज्यादा रुचि होती है इस समय हम उसका उपयोग आसानी से कर सकते हैं और प्रत्येक समय को हम एक अच्छा अवसर मान करके उसका उपयोग कर सकते हैं अच्छे  साहित्य का अध्ययन कर सकते हैं ,बच्चों को शिक्षाप्रद कहानियां सुना सकते हैं हमारी जो सांस्कृतिक विरासत है उसके बारे में बच्चों को बता सकते हैं हमारे पूर्वजों का जो आधार है हमारे परिवार हमारे कुल की जो परंपरा है उसके विषय में हम अपने बच्चों को बता सकते हैं और कई घरेलू सामग्री भी हम ऐसे खाली समय में तैयार कर सकते हैं जैसै महिलाएं चाहें तो पापड़ ,अचार , चिप्स ऐसी महत्वपूर्ण  चीजों को बनाने में अपना समय व्यतीत कर सकती हैं और जिनकी रुचि योगा,मैडीटेशन,ऐरेबिक,डाँस,म्यूजिक आदि में है वे उसका भरपूर उपयोग कर सकते हैं
गिलास आधा खाली है
या आधा भरा है फर्क है सिर्फ हमारे दृष्टिकोण का|और कुछ न कर सकें तो अच्छा संगीत सुन सकते हैं और अच्छे से अच्छा साहित्य स्वंय पढ़कर साथ ही साथ बच्चों को भी पढ़ा सकते हैं
समय हम देखें तो अमृत की तरह इसकी एक-एक बूंद का उपयोग कर लें या फिर इसे यूं ही बर्बाद कर लें और सरकार को कोसते रहें मर्जी है आपकी आखिर समय है आपका 
- रवि भूषण खरे
दतिया - मध्यप्रदेश
दोस्तों लॉक डाउन में आप अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं I व्यायाम और साहित्य से अपने शरीर और मन को स्वस्थ कर सकते हैं I अपनी रुचियां के लिए समय निकाल सकते हैं I बागवानी कर वातावरण को स्वच्छ रख सकते हैं I वह सभी कार्य जो अब तक ना किए हैं करने का मन करता हो अब उन्हें करके अपने मन को खुश कर सकते हैं I बच्चों के साथ बचपन की खेल खेल कर फिर से बचपन में लौट सकते हैं I लॉक डाउन आनंद से बिता सकते है I 
- नीरू राव
अजेमर - राजस्थान
" कहा गया है दुनिया में सिकंदर कोई नहीं, वक्त सिकंदर होता है "  आज का जो वक्त है,उसे इसी आधार पर महत्वपूर्ण मानते हुए हम इसका उपयोग अपने घर में ही रहने की सीमा तय करते हुए अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार सजगता , धैर्यता और सावधानीपूर्वक  बेहतर उपयोग में ला सकते हैं।  हर घर में पुराना सामान,कबाड़ पड़ा होता है,आप चाहें तो सावधानी से उसे एक बार जाँच कर सकते हैं,उसमें अगर कुछ उपयोगी  ,या मरम्मत कराके ठीक होने वाली सामग्री अलग कर बाकी कबाड़ को कबाड़ी या जरूरतमंदो को देने की स्थिति में हो तो तदनानुसार तय कर सकते हैं। पुरानी अलमारी या बड़े बाक्स सावधानी से खोलकर उसमें रखे सामान, किताबें, पत्र,डायरी ,फोटो आदि निकाल कर उनका पुनः निरीक्षण करें तो आपको अनेक महत्वपूर्ण दुर्लभ सामग्री मिलेगी जिसे पाकर आप प्रसन्न हो जायेंगे।
एक बार पुनः याद कराना चाहता हूं, सावधानी रखें। कोई जहरीले जीवजंतु, कुछ पैनी या कमजोर, नाजुक चीजें आपकी लापरवाही से नुकसान पहुंचा सकती हैं और अभी आप बाहर की बंदिशों में है,इसीलिए उपचार या वांछित सहयोग मिलने की अपेक्षा करना बेईमानी और बेमतलब होगा।
इसीलिए जोखिम हरगिज़ न लें।
 इसके अलावा घर के जो काम आप फिर कभी देखेंगे... कहकर टालते रहे हैं,आज वह समय मिला है,उसे पूरा करने का समय है,क्योंकि अभी जैसी फुरसत मिलना दुर्लभ है। अभी वक्त ही वक्त है।  मेरा मानना है कि अभी के वक्त को सुनहरा अवसर मानकर अपने ऐसे लंबित काम निपटा लेने के हैं जो आपके लिए स्वर्णिम सिद्व हों। इसका चिंतन,मनन आप बेहतर समझ सकते हैं।अतः ईमानदारी, लगन,रुचि, सावधानी और धैर्य पूर्वक, परिवार के अन्य सदस्यों को बाधित किये वगैर निपटा लीजिए। या फिर अपने परिवार के सदस्यों को सहयोग कीजिए।
इस युक्ति के साथ
"काल करे सो आज कर,आज करे सो अब।"
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
 गाडरवारा - मध्यप्रदेश
आजकल समय के सदुपयोग के बहुत से साधन हैं जिनमें गूगल सहायता कर सकता है । आप अपनी पसंद का कोई कार्य ढूंढिए और उसे करिए ।
अधूरे कार्य जिनको आप आज नहीं कल पर टाल रहे थे उसे पूरा करने का इतना सुंदर अवसर दुबारा नहीं मिलेगा ।
हम सब अपनी संस्कृति  व धर्मग्रंथों से दूर होते जा रहे हैं । बहुत सी ऐसी जानकारी है जो देखने में तो सामान्य लगती है पर जब कोई प्रश्न पूछे तो हम निरुत्तर हो जाते हैं ।  स्वयं से प्रश्न पूछिये क्या आप  राम कथा , कृष्ण कथा, शिवाजी , महाराणा प्रताप ,झाँसी की रानी आदि के गौरवशाली इतिहास से परिचित हैं ?
यदि इन प्रश्नों के उत्तर न में हैं तो आज से जुट जाइये इनकी न सिर्फ जानकारी एकत्र करें वरन उसे डायरी में नोट भी करें  क्योंकि जब आप कुछ लिखते हैं तो वो सीधे दिमाग़ में अंकित हो जाता है ।
इसी तरह जिस भी कार्य में सुकून मिले वो अवश्य करें । और हाँ योग की शक्ति को अनुभूत अवश्य करें क्योंकि वही तो आपको स्वस्थ और निरोगी रखेगा ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
जब देश समाज संकट के दौर से गुजर रहा है ,तब हम घर मे रह कर शक्ति की आराधना करे । मां दुर्गा की आराधना से इस महामारी पर बिजय मिलेगी ।ऐसे समय चिन्ता,टेन्शन रहित होने के लिए पुराण, ज्ञान वर्धक,पुस्तको का स्वाध्याय करना चाहिए । जिस ब्यति मे जो कला हो उसकी साधना करना चाहिए । व्यस्त रहो मस्त रहो सारी चिन्ताये छोड़ चिन्तन करे।
- बालकृष्ण पचौरी
भिण्ड - मध्यप्रदेश
चाइनीज वायरस COVID-19 के कारण लागू लोकडाउन ने सबको घरो में कैद करके रखा है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस बंद है, सारे इवैंट कैंसिल हो चुके हैं,ऐसे दहशत और तनाव भरे माहौल मैं अपने घरों में परिवार के साथ समय बिताने के लिए यह एक शानदार अवसर है, जब हम दिलेर बनें और आपस में प्रेम बाटें।सुबह एक से डेढ़ घंटे व्यायाम/योग करें जिससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, तनाव कम होता हैं और सकारात्मक मजबूती मिलती हैं।
घर के पेड़-पौधे बागवानी को सजाएं संवारे तथा उनके साथ अपने रचनाशीलता को आजमाएं।
अच्छी प्रेरणात्मक किताबें पढ़े और संगीत सुने जिन्हें आप व्यस्तता से भरी जिंदगी में कभी-कभी याद करते थे।
सतरंज, लूडो, कैरम जैसे इनडोर गेम खेल करके भी आप परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
अगर घर में छोटे बच्चे हो तो उनके बाल सुलभ क्रियावो का आनंद ले वे अकेले पुरे परिवार का मनोरंजन करने में सक्षम होते है साथ ही साथ वृद्धजनों के अनुभवों का लाभ ले।
घर की रसोई में मदद करे, मिलकर बनाये मिलकर खाये।      
अपने शौक जिसे आप घर के अंदर पूरा कर सकते है लेकिन व्यस्तता के चलते नही कर पाते जैसे कुकिंग-बेकिंग , सिलाई कढ़ाई, पेंटिंग ड्राइंग इत्यादि को पूरा करने का सुनहरा अवसर है।
आज संसाधन और तकनीक मौजूद हैं, जो हमें अकेलेपन का अनुभव नहीं करने देते हैं, हम अपने घरों में रहकर परिजनों, इष्ट-मित्रो से खूब बात करें।
परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है, बस हमे अपने धैर्य को नही खोना है।
आत्मबल बनाए रखे इस अवधि के बाद का जीवन सतरंगी है।
ये जंग अपने संयम संकल्प और धैर्य से हम ही जीतेंगे,अवश्य जीतेंगे.!
    
                -  राहुल दूबे
        वाराणसी - उत्तर प्रदेश
पहले हम छुट्टियों के लिए तरसते थे, इस वैश्विक महामारी संकट के चलते लॉक डाउन में जब घर में रहने को मिल रहा है तो इस मिले हुए अवसर को आशावादी दृष्टिकोण से अपना कर 
जियें।
        सबसे पहले तो यह समझ लेना चाहिए कि इस महामारी से बचने का जो युद्ध देश लड़ रहा है उसी युद्ध के हम  सब सैनिक हैं जो घर में रह कर इस युद्ध में अपना सहयोग दे रहें हैं। अतः बहुत आवश्यक होने पर ही सुरक्षा अपना कर बाहर जायें।
       अपनों के संग रहने के सुख को भरपूर जियें। समय के अभाव के चलते पढ़ने का समय नहीं मिलता था तो अब अपनी पसंद की पुस्तकें पढ़ें, अपने अंदर लिखने के शौक को विकसित करें, मनपसंद गाने सुनें, अपने धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें।
         टेलीविजन पर, नेटफ्लिक्स, अमेजॉन पर सबके साथ बैठ कर फिल्म देखें। योग और व्यायाम करें।
        सबसे बड़ी बात... समय का अच्छे और मनपसंद कामों में सदुपयोग करें।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
   देहरादून -उत्तराखंड
कोरोना के कारण संपूर्ण भारत में 21 दिन का लाकडाउन हुआ है ।हर कोई बड़े से लेकर बच्चा अपने घर में एक मीटर की दूरी रख के अपने रुचि के अनुसार रचनात्मक गतिविधियों से समय का सदुपयोग कर सकता है ।लाकडाउन को मैं पर्व मानती हूँ । क्योंकि हमारे पास समय होने से अपने मन के अनुरूप अपने सृजनात्मक को कर सकते हैं । बच्चों को ड्राइंग मकरने में रुचि होती है । वे बच्चे रंगों से अपनी कल्पनाओं को चार चाँद लगाएं ।
नानी , दादी की कहानी सुनाने की प्रथा खत्म हो गयी है ।
वे माता - पिता अपने  बच्चों को शिक्षाप्रद  कहानियाँ दूरियाँ बनाके  सुनाके  कथा वाचन शैली को पुनर्जीवित करें ।  ऐसे साहित्य की कविता , कहानी विधा सेबच्चों में रचनात्मक अभव्यक्ति को जागरूक कर सकेंगे ।
  हर किसी को परिवार में बढ़िया , सुस्वादिष्ट पौषक व्यंजन बनाकर खिलाएँ । बच्चों से भी काम करवाएँ । जिससे वे सीख सकें । क्योंकि आज के बच्चों को सब्जी , दाल ही नहीं मालूम है । कौन सी मूंग की दाल है और कौनसी  उड़द की दाल है । क्योंकि आजकल अधिकतर  पति , पत्नी दोनों ही काम पर जाते हैं । कौन खाना बनानेकी समस्या है । ऑन लाइन खाना मंगाने का चलन हो गया है । इसलिए आज की पीढ़ी को पाक कला सीखा के  वेे बेहतर  खाना बना सकें ।
हर कोई  स्वच्छता के प्रति जागरूक हो । बार , बार हाथ धोएं , मेडसरवेंट की छुट्टी हो गयी । सभी मिलके  घर  साफ , सुथरा करें । बच्चों को भी सफाई करना कस दायित्व समझ पाएगा । गांधी जी ने अपना काम खुद करने पर जोर दिया था । आज गांधी जी भारतीय संस्कृति प्रासंगिक हो गयी । 
नवरात्र पर्व के पहले दिन यानी 25/3/2020 के साथ ही संयोग से उसी दिन लॉकडाउन  देश में हुआ है ।  दोनों महापर्वों का आज 7 वां दिन है । नवरात्रे देवी के नो रूपों , शक्ति ऊर्जा का पर्व है । सारा परिवेश श्रद्धा , भक्ति के अनुष्ठान से  आध्यात्मिक बनाएँ । परिवार में देवी भवानी दुर्गा के तप त्याग की  कथा परिवार में बताएँ । तभी  बच्चे  इस पर्व का महत्त्व जान सकेंगे । घर में जो होता है । हर बच्चा उस संस्कृति पर्व से जुड़ जाता है ।
 लाकडाउन मेरे लिए महापर्व बनके आया है । पूरा विश्व कोरोना की वजह से लाकडाउन हुआ है । जिससे विश्व का पर्यावरणीय समस्याओं को हल मिलेगा । प्रदूषण के विकार नष्ट हुए हैं जैसे कार  वाहन आदि की गति थमी है । विनाश का जहरीला धुआँ  पर स्वतः ही वायरस ने नकेल कस दी है । वरना ये भौतिकता में लिप्त मानव  
मनमानी करने पर तुला हुआ था ।
कलकराखानों से मशीनों की , गाड़ियों की आवाज को ब्रेक लगा है । ध्वनि प्रदूषण में कमी आयी है । सभी सड़कें नगर , शहर खामोश हो गए हैं । पक्षियों की मीठी  चहचाहट मंगल मंत्रों की सुर लहरियों की तरह सुनायी देती हैं । 21 दिन के लाकडाउन से उन लोगों को भी सीख मिली होगी कि किस तरह इंसान अपने मनोरंजन करने के लिए  पक्षियों को कैद कर पिंजड़े में रखता है । वे पक्षी कैद न होकर उन्मुक्त गगन चाहते हैं । इंसान को घर में  बंद रहना पसन्द नहीं है । तो इन अनबोल पक्षियों पर जुल्म क्यों करते हो ?
मुझे अपना बचपन याद आ गया । हमारे माता - पिता ने हमारी दिनचर्या का टाइमटेबिल  बनाया था । सुबह के समय उठकर  छत पर या ग्राउंड पर 2 चक्कर लगाओ , नही तो योग करो । मनपसन्द खाने के साथ खेल , खेल में अंग्रेजी,  हिंदी के5 शब्दों को शब्दकोश में से देखकर लिखो । फिर याद करके बिना देखे लिख के कॉपी में दिखाओ । घर के बगीचे में पेड़ पौधे फूलों से बीज से फल बनने की प्रक्रिया रँग आदि का ज्ञान देना । 
पेड़ के द्वारा हिंदी , अंग्रेजी के कारक चिन्हों को समझाना । यही कारण दोनों भाषा में  व्याकरण की पकड़ का मजबूत होना है । गणित , साइंस के फार्मूले , संस्कृत के रूप आदि याद करने फिर शाम को दोस्तों के सङ्ग  मागम भाग , टीपू गर्म , लँगड़ी आदि की मस्ती में निकल जाता था ।
आज के माता - पिता नयी तकनीकों से घर पर पढ़ने , लिखने के प्रति रुचि जगाएँ । 
विधार्थी ऑन लाइन पढ़ाई , प्रोजेक्ट करें ।
मैं तो खुद शिक्षिका रही हूँ । हर बच्चा अपने माता - पिता की बदौलत ऊंचाइयों को छूता है । जो माता - पिता अपने बच्चों की पढ़ाई , संस्कार पर ध्यान नहीं देते हैं । वे बच्चे सफल नहीं हो पाते हैं । क्योंकि बच्चे हमारे हैं । किराए के पढ़ाने वाले शिक्षक क्या आपकी की तरहअंत बच्चों पर ध्यान दे पाएँगे ।जवाब न ही में न है ।
आज मेरी  दोनों बेटियाँ डाक्टर है । लाकडाउन में वायरस की परवाह किए  बिना  उन्हें सेवाएँ देने जाना पड़ता है । 
अंत में लाकडाउन अपने परिवार के संवेगात्मक, मनोवैज्ञानिक , पारिवारिक , रूप से दूरी बनाकर करीब आने का महापर्व है । अभी आप सबके के हाथ में 2 सप्ताह हैं । सभी जन - मन रचनात्मक से अपनी हॉबी से वक्त को सत्यं शिवं सुंदरम बनाएँ । नवरात्रि की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं । सब घर में रहें ।
- डॉ मंजु गुप्ता 
 मुंबई - महाराष्ट्र
लॉक डाउन में  अपने परिवार के साथ कुछ गेम खेल सकते हैं। पुरानी यादों को ताजा करके बिता सकते है। इस समय पेंडिंग काम करके बिता सकते है।जिसको साहित्य से लगाव है वो अच्छे लेखको का किताब पढ़कर बीता सकते हैं। जो लेखकगण हैं लघुकथा, लेख, कहानी, कविता, शेरों शायरी लिख सकते हैं।इस समय मनपसंद गाना सुने। अपने बच्चों को कहानी किस्सा सुनाये। अच्छी अच्छी बाते कहानी के माध्यम से समझाए।
फिल्म देखकर भी समय पास किया जा सकता हैं। ऑनलाइन गेम भी खेल सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात हम खुद को खुश रखें। ज्यादा चिंता से दूसरे बीमारी होने की चांस बढ़ जाता हैं। हमेशा सकारात्मक सोच रखे।
         - प्रेमलता सिंह
पटना - बिहार
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार द्वारा घोषित सम्पूर्ण लॉक डाउन यानि घरों से न निकलने का कड़ा आदेश सख़्ती से पालन करने का आग्रह किया है|
इससे घरों में पूरे परिवार को एक साथ मिल कर रहने का सुनहरा मौक़ा मिल गया है ,इस मौक़े का सदुपयोग करना चाहिए |पहले लोगों को शिकायत रहती थी कि परिवार के साथ समय गुज़ारने का मौक़ा नहीं मिलता तो आज इस माहौल में मिल-जुलकर घर के कार्यों में महिलाओं की मदद करें |व्यर्थ के कहा सुनी में न पड़कर घर का माहौल ख़ुशनुमा बनाए रखें |बच्चों के साथ अच्छा समय बिताएँ,कुछ अच्छी जानकारीयां साँझा करें |घर के कार्य में बच्चों से लेकर हर सदस्य सहयोग करें |
पुराने ग्रंथों का अध्ययन करें |जो शौक़ आप समयाभाव के कारण पूरी नहीं कर पाए उसे पूरी करें |घर के अंदर खेले जाने वाले खेल खेलें|योगा ,ऐरोबिक्स,कसरत नित्य करें|घर के अंदर ही टहलें |बागवानी करें |सब सदस्य मिलकर भजन ,कीर्तन करें |सकात्मक सोच रखें |काले बादल हैं कुछ समय में छट जाएँगे,फिर सब भागती दौड़ती जिन्दगी में खो जाएँगे इसलिए लॉक डाउन में अपने शौक़ को ज़िन्दा कर भरपूर सदुपयोग कर यादगार बनाइए|
           -  सविता गुप्ता 
            राँची - झारखंड
लाॅक डाउन के चलते घरमें रहकर बहुतों का समय बिताना मुश्किल हो रहा है ।इस निराशा के दौर में हम आशा की फसल ऊगायें तो अच्छा रहेगा ।आधुनिक जीवन शैली में कामकाजी महिलायें परिवार को कम वक्त दे पाती हैं । परिवार को संतुष्ट करने का आज अच्छा समय है । स्त्री ,पुरुष ,बूढ़े बच्चे साथ मिलकर समय को खुशहाल बनायें । भूली बिसरी यादों को दोहराने का अच्छा समय है । कहूँगी पुराने रिश्तों को रिचार्ज करें ।छूटे काम निपटाने  का अच्छा वक्त है ।अपने रोज के सहयोगियों को ना भूलें ,फोनकर उनकी समस्या जानें और सोशलमिडिया के जरिये उसे दूर करने की कोशिश करें ।अच्छी किताबें पढ़ें  ।कोरोना का समय हम सब को याद रहेगा ,लेकिन हमनें इसे कैसे बिताया इसको यादगार बनायें ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
लॉक डाउन में बिल्कुल बंद होकर रहना बहुत कठिन काम है । इस मुश्किल की घड़ी में वही हमारी रक्षा का एकमात्र साधन है । इसलिए संयम से समय का सदुपयोग करें । बच्चे अपनी रुचि के अनुसार पेंटिंग्स बनाना, कॉमिक्स पढ़ना, लूडो खेलने का कार्य कर सकते हैं। बड़े लोग किताब पढ़ना, लिखने में रुचि हो तो अनुभव लिखें । बच्चों के साथ उनके स्कूल के अनुभव को साझा करें, बागवानी वगैरह के शौक पूरे करें। 
मैं अपना समय अपने विद्यार्थियों को व्हाट्सएप्प के जरिये रोज एक लेसन तैयार करके भेजती हूँ। फिर उसे चेक करने का काम और इसी तरह समय बीत जाता है । उन्हें इसी अप्प से उनकी गलतियाँ बताती हूँ। 5 दिन तो इसी तरह निकल गया है । अपनी पुरानी ख्वाइशों को जिंदा करें । यह संबल देगा और कोरोना को हराने में कामयाबी भी ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार

" मेरी दृष्टि में " लॉक डाउन के चलते अपना समय काटने के लिए टीवी , मोबाइल , किताबें , घरेलु खेल , तथा परिवार के सदस्यों के साथ अच्छा समय बिताया जा सकता है । प्रतिदिन योगा अवश्य करें ।
                                                           - बीजेन्द्र जैमिनी








Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

लघुकथा - 2023 ( ई - लघुकथा संकलन )