क्या जीवन में आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत है ?

जीवन मे आशावादी होना बहुत जरूरी है । यह इंसान का सकारात्मक रूप है । जो जीवन में कुछ बन पाने की क्षमता देता है । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब देखते हैं आये विचारों को : -
      नि:संदेह आशावादी होना जीवन की सबसे बड़ी ताकत है।क्योंकि जब सब ओर से जीवन की नाव डूब रही हो तब आशा की एक किरण भी जीवन को बचा लेती है।तभी 'डूबते को तिनके का सहारा' वाली कहावत चरितार्थ होती है।
     अध्यात्मिक एवं विज्ञानिक मान्यता है कि आशा सकारात्मक सोच को जन्म देती है।जिससे मनोबल बढ़ता है और जीव जीत जाता है।क्योंकि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत होती।  धर्मग्रंथ भी कहते हैं कि ईश्वर भी उसी की सहायता करते हैं।जो स्वयं अपनी सहायता करता है।इसलिए आशा विश्वास की वह ऊर्जा है।जो नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा को जन्म देती है।  प्राकृति साक्षी है कि जिसके पास आशावाद की सकारात्मक ऊर्जा का शस्त्र है।वह जीवन के प्रत्येक युद्धक्षेत्र में हमेशा विजयी ही होता है।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
बिलकुल, जीवन में आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत है और सारी समस्याओं का समाधान भी है।हमें जब सफलता मिलती है तो हम खुश हो जाते हैं ।हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है और हमारी कार्य करने की क्षमता में उर्जा का संचार हो जाता है ।हम पहले से कार्य करने लगते हैं और हमारे उत्साह और आत्मविश्वास में वृद्धि हो जाती है ।इसके विपरीत जब असफलता का सामना होता है तो आत्मविश्वास की धज्जियां उड़ जाती हैं ।इन्सान निराशा और गहरे डिप्रेशन से घिर जाता है ।वह शक्तिहीन बेजान सा हो जाता है ।ऐसे में हल्की सी आशा की किरण भी शरीर में  उर्जा का संचार करने लगती है ।जिन्दगी के प्रति सकारत्मक सोच और जिन्दगी के प्रति आशावादी व्यक्ति अपने कर्म पथ की हर बाधाओं को फांद कर ,अपने अरमानो की मंजिल पा सकता है 
    - रंजना वर्मा
रांची - झारखण्ड
आशावादी होना जीवन में सबसे बड़े सुखी और सकारात्मक सोच का परिचय देती है इस सोच के सहारे हमारे जीवन में कुछ कमी नहीं रहती है धन भले कम है पर फिर भी हम सुखी रहते हैं यदि आप आत्मविश्वास और आशा सहित सकारात्मक दिशा में आगे बढ़े तो ना केवल कुछ उत्तम और शानदार उपलब्धि कर लेंगे बल्कि अपने  दोषों पर भी विजय प्राप्त कर लेंगे आप अपनी योग्यताओं और गुणों को जो आपको अन्य जनों की अपेक्षा वशिष्ठ था प्रदान करता है बिना घमंडी हुए पहचाने जाएंगे उनका पोषण करेंगे जितना आप कर सके ताकि आप एक स्वस्थ व्यक्ति का विकास कर सकेंगे उत्तम आकांक्षाओं को पूर्ण कर सकेंगे आपको अपने दोषों पर अत्यधिक संताप करने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि धैर्य और साहस से आप अपने मार्ग के कांटे को आसानी से उखाड़ कर फेंक देंगे सफलता प्राप्ति के रास्ते छोटे नहीं होते किंतु विफलताओं के रास्ते छोटे होते हैं जैसे जीवन में छोटे रास्ते नहीं होते और मृत्यु बहुत छोटा रास्ता है आप सफलता से सफलता से शक्ति के साथ आगे बढ़ेंगे यदि आप घृणा प्रेम क्रोध से ईशा स्वार्थ को त्याग देंगे लोग एवं संतोष रहेगा तब आप अकर्मण्यता को कर्म से स्थापित करेंगे तभी आप दिव्य शक्ति को भी आवाहन कर सकना सीख लेंगे आपको मोक्ष की भी प्राप्ति हो जाएगी आशावादी सदा सुखी रहता है।
आशावादी रहने का गुण मनुष्य से ज्यादा अच्छे से प्रकृति और जानवर समझते हैं।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
क्या जीवन में आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत है?
 आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत है। यह वाक्य बिल्कुल सही है मनुष्य बिना आशावादी के कोई भी कार्य नहीं कर पाएगा। कोई भी कार्य या व्यवहार करता है तो उसके साथ आशा लगी रहती है बिना आशा के कोई भी व्यक्ति व्यवहार कार्य नहीं करता आशावादी होना  ही उसे सफलता की ओर प्रेरित करता है। बिना आशा के कोई भी कार्य नहीं किया जाता हर कार्य के पीछे आशा छिपी रहती है जीने की आशा से मनुष्य   जिंदा रहने के लिए हर पल हर क्षण कुछ ना कुछ  कार्य में लगा रहता है उस कार्य में सफलता पाने की आशा छिपी रहती है जब मनुष्य आशा के अनुरूप उसे उपलब्धि मिलता है तो वह खुश होता है आदमी आशावादी ही है आशावादी के बजाय निराशावादी होकर भी मनुष्य क्या उपलब्धि कर लेगा इसलिए जिंदगी में हर पल हर क्षण जो भी व्यवहार कार्य करता है आशातीत होकर के करता है। और यही आशा वादी उसे उपलब्धि की ओर अग्रेषित करता है उपलब्धि से ही मनुष्य संतुष्टि होता है संतुष्टि मनुष्य का लक्ष्य है इसी लक्ष्य को पाने के लिए मनुष्य आशातीत है। अतः कहा जा सकता है कि जीवन में आशावादी होना मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
आशा कहो या उम्मीद कहो यह हमारी ताक़त को बढ़ाता है आशा के भरोसे ही आदमी दुख का समय काट लेता है कल अच्छा होगा .....यही विश्वास उसे दुख सहने की ताक़त देता है ..
निराश होने पर भी हम आशा करते ही है न ..
आशा करना बड़ी खुशी की बात है; शायद दुनिया में सबसे बड़ी खुशी भी; लेकिन आपको आशा के लिए भुगतान करना होगा, किसी भी खुशी की तरह: हमें जितनी अधिक उम्मीदें हैं, उतनी अधिक निराशा हमें महसूस होती है ... 
मनुष्य को अपना सुखी जीवन जीने के लिए सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। जीवन में 'रात व दिन' की तरह आशा व निराशा के क्षण आते जाते रहते हैं। आशा जहां जीवन में संजीवनी शक्ति का संचार करती है वहीं निराशा मनुष्य को पतन की तरफ ले जाती है। निराश मानव जीवन में उदासीन और विरक्त होने लगता है। उसे अपने चारों तरफ अंधकार नजर आता है। निराशा का संबंध एकतरफा सोच भी है। साथ ही मनुष्य के दृष्टिकोण पर भी आधारित है, मनुष्य जिस तरह की भावनाएं रखता है वैसी ही प्रेरणाएं मिलती हैं। जो लोग स्वयं के लाभ के लिए जीवन भर व्यस्त रहते हैं उन्हें जीवन में निराशा, अवसाद, असंतोष ही परिणाम में मिलता है। यह एक बड़ा सत्य है कि जो लोग जीवन में परमार्थ सेवा एवं जनकल्याण का कार्य करते हैं उनमें आशा उत्साह होता है, जिसके आधार पर वह कठिन से कठिन कार्यो में सफलता प्राप्त करता है। मनुष्य दूसरे की सेवा करके निराशा से बचता रहता है। परोपकार करने वाले लोगों पर कभी भी निराशा अपना दबाव नहीं बना पाती। निराशा तो एक ऐसी व्यथा है जो स्वयं को तो परेशान रखती है साथ दूसरों का भी कल्याण नहीं कर पाती। जहां आशा है उत्साह है वहीं सफलता है। मनुष्य विजयश्री तो पाता है, किंतु जीवन में आशा उत्साह से कार्य पूरे होते हैं। कार्य कैसा भी हो, यदि मनुष्य आशा और उत्साह के साथ करेगा तो पूरा होगा और यदि आशा व उत्साह की कमी है तो असफलता ही हाथ लगेगी। आशा को लेकर जीवन जीने में सफलता व आनंद, दोनों प्राप्त होते हैं। निराश मनुष्य अपने कर्तव्यों को हीनभावना से देखता है और इस तरह से उसका जीवन दुखी रहता है। उसे सफलता की मंजिल नहीं मिलती। जितने भी महापुरुष, वैज्ञानिक हुए हैं वे सब आशा व उत्साह से भरे थे। जो आशावादी उत्साही हैं उन्हें उनके जीवन में कभी भी दुख नहीं मिलता। जीवन संघर्षो से लड़कर जीने में ही मजा है और उसी में आनंद है, क्योंकि संघर्ष मनुष्य आशा को लेकर करता रहता है। आशा ही विजय, सफलता, सुख व आनंद सब कुछ दिलाती है।आशावान होना चाहिये आशा अपने आप पर रखना चाहिए दूसरों  से नहीं दूसरों से की गई आशा दुख का कारण बनती है । 
-डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
जीवन में आशावादी होना अपने आप में ही बड़ी ताकत है ।मनुष्य की सोच कार्य के प्रति पहल का साथ पाकर सबसे बडी ताकत हो जाती है।निराशावादियों कुण्ठा हीनभावना से युक्त लोगों से आशावादी अधिक सफल होते दिखे हैं ।इनकी सफलता का प्रतिशत नये नये लोगों के लिए आशा का द्वार खोलता है ।नूतन संभावनाओं को पैदा करता है ।
- शशांक मिश्र भारती
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
जीवन में आशावादी ........आत्मविश्वास में वृद्धि होती है"। मैं इससे बिल्कुल सहमत हूँ । लेकिन हर कार्य या समस्या का समाधान आशाजनक और निराशाजनक होता ही है। व्यक्ति का  आशावादी होना ताकत देता है, लेकिन निराश नहीं हो सकता । आशा का दामन पकड़ने वाले हमेशा उजाले की एक किरण खोज निकलते हैं। यही उनकी खासियत और शक्ति है । आशा की किरण हमेशा दूसरों के लिए उदाहरण बनती है । ऐसे व्यक्ति बाधाओं से घबड़ाते नहीं हैं। वे यहां से भी रास्ता ढूंढ निकालने में सक्षम होते हैं।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
आशा, जीवन के लिए हवा, पानी, स्वास, नींल की तरह अति आवश्यक है ।मानव हर परिस्थिति में समस्याओं के हल निकालने के अपने तरीके बनाता है और हिम्मत और आशा के सहारे असंभव को भी संभव कर देता है ।जीवन तो उतार चढ़ाव का खेल है। आशावादी व्यक्ति हर काम को मन में सरात्मक सोच के साथ आरंभ करता है और जैसे जैसे काम में कठिनाईयां आती हैं वो आशा के सहारे ही दृढ़ता से लगा रहता है और पार उतरता है। हम ने ऐसे अनेक रोगियों को देखा है जो आशावादी होते हैं और अपनी ही नहीं आस पास के माहौल को भी खुशनुमा बना देते हैं।   रोग भी उनसे ड़र कर भाग जाता है ।हर परिस्थिति मेंआशावादी होना कठिन है पर जीता वही है जो  सयंम का साथ नहीं छोड़ता है। सुख -दुख को आशावादी सम भाव देखता है। कविवर हरिवंश राय बच्चन जी ये पंक्तियां मन को हमेशा आशावान और ऊर्जावान बनाती है। मन को हो तो अच्छा मन का ना हो तो और भी अच्छा क्योंकि तब उसके (ईश्वर) मन का होता है।
- ड़ा.नीना छिब्बर
  जोधपुर - राजस्थान
*क्या जीवन में आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत है?* 
:- जी हां! आशावादी व्यक्ति ही मंजिलों को छूने की ताकत रखता है। व्यक्ति रात्रि में सारा काम निपटा कर सुबह उठने की आशा से निश्चिंत होकर सोता है। सुबह फिर आशाओं की एक लंबी उड़ान भरता हुआ सोचता है कि आज मैं कल से अच्छा कार्य करूंगा। आशावादी व्यक्ति बड़े से बड़े कष्ट के क्षणों को आसानी से सहन कर सुख की मुंडेर पर जा बैठता है। 
जीवन की बड़ी से बड़ी तरक्की आशावादी विचारों से ही जुड़ी है। आशावादी व्यक्ति के बहुत सारे मित्र भी होते हैं ऐसे व्यक्ति का हर कोई साथ देता है। आशावाद की ताकत के साथ ही व्यक्ति अपने जीवन में  बहुमंजिली इमारतें खड़ी करता है और एक-एक इमारत बहुत से व्यक्तियों की सफलताओं का कारण बनती है। आशावादी व्यक्ति का औरा- मंडल प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करता है।कई बार हम देखते हैं किसी एक व्यक्ति के आस-पास बहुत सारे व्यक्तियों का झुंड रहता है उसका एक ही कारण है वह नकारात्मक विचारों को पास नहीं फटकने देता। 
आशाओं के सहारे ही यह जगत टिका हुआ है। किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत आशावादी होना ही है। 
- संतोष गर्ग
मोहाली - चंडीगढ़
जीवन में आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत भी है और जीवन के लिये सार्थक भी। यह हमें निराश, और हताश होने से बचाते हुये हमें  उत्साहित भी किये रहता है। इससे हम अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित रहते हैं,अपनी कमियों और खामियों को दूर कर अपने ज्ञान और प्रतिभा को निखारने और संवारने में अपेक्षाकृत और अधिक मेहनत करने में प्रयास रहते हैं। हमारा आशावादी होना हमें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर हमारे आत्मबल और आत्मविश्वास को साधने में हमारी मदद करता है,हमें मजबूती देता है। जो हमारी सफलता का न केवल मार्ग प्रशस्त करता है बल्कि हमें मंजिल तक पहुंचाता है। सार यह कि जीवन में संघर्ष भी है और प्रतिस्पर्धा भी । इसीलिए यदि हम कभी यदि असफल होते हैं तो इसे सामान्य और स्वभाविक मानते हुये निर्भीकता से सामना करना चाहिए और आशावादी रहते हुये और दृढ़ता से संकल्पित और समर्पित भावना से सतत प्रयास करना चाहिए। यही ताकत बनकर हमें सफलता के शिखर तक पहुंचायेगी।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
हमारी भारतीय संस्कृति , साहित्य , दर्शन , अध्यात्म , सत्संग आदि में आशावादी चिंतन को महत्त्व दिया है । 
 जी हाँ ,आशा शब्द उम्मीद का पर्यायवाची है । इंसान की आशा सबसे बड़ी ताकत है । संकटों से बाहर निकालने में ही आशा ही ताकत होती है। जो अँधेरों से उजाले ओर ले जाती है । हमारे ख्वाबों को उम्मीद से ही बल  मिलता है । हमारी सोच की ताकत बनती है । जो साकारत्मक विचारों की  ऊर्जा बन हमें मंजिल तक पहुँचाने में सहायक बनती है । जिसके बल  हमारे सफलता , संभावनाओं के द्वार खुलते हैं । 
अगर हमारे मन में  नाउम्मीद , आशाविहीन के भाव उत्पन्न होंगे तो हम किसी भी कार्य में सफल नहीं ही सकते हैं । क्योंकि निराशा हमारे विचारों को नकारात्मकता से भर देती है । तो निराश व्यक्ति मुश्किलों का सामना नहीं कर सकेगा । असफलता ही जीवनभर उसके साथ रहेगी ।
इसके विपरीत आशा मानव को संकटों में संघर्ष करने को प्रेरित करती है ।  जीवन के रास्ते को आगे बढाने में सहायक बन आत्मविश्वास को हौंसला देती है । हमारे लक्ष्य प्राप्ति में सक्रियता की भूमिका निभाती है ।         आशावादी  चिड़िया का उदाहरण आशा की लो को जगाता है ।चिड़ियाँ ने वृक्ष पर अपना घोंसला बनाया । तभी आँधी ,तूफानों ने चिड़ियाँ के घोंसले को नीचे धरा पर गिरा दिया । यह देख कर चिड़िया थोड़ी घबरायी और फिर हिम्मत , साहस जुटा के अपनी चोंच से बिखरे तिनकों को जुटाकर उसी पेड़ पर फिर से घोंसला बना लिया ।  यह अहसास हमारे अंदर आशा को जगाता है ।
  बचपन आप सबने ' हमारा विद्यालय ' पर निबंध या 10 पंक्तियाँ जरूर लिखी होंगी । क्योंकि ये विषय आसान होने के साथ हमारा परिचित भी है । हर बच्चा पढ़ने के लिए स्कूल जाता ही है । कक्षा पांचवीं के एक बच्चे रोहन ने लिखा हमारे  स्कूल में  हरे - भरे बाग - बगीचे हैं ।स्कूल की  इमारत बड़ी भव्य है । हम सब मिलजुल कर खूब पढ़ाई करते हैं  आदि 
उसी कक्षा के छात्र विजय ने लिखा - हमारा स्कूल  तो दो  ही कमरे में चलता है । वहीं के एक कमरे में पहली , दूसरी , तीसरी कक्षाएँ चलती हैं । बाकी कमरे चौथी , पाँचवीं कक्षा  चलती है ।ऐसे छोटे से स्कूल में बच्चों के शोर में पढ़ाई कर नहीं पाते हैं ।
अब रोहन की सोच आशा और सकारात्मकता , व्यापकता  को दर्शाती है । विजय की सोच हकीकत , नकारात्मकता  को बताती है ।
रोहन की सोच में आशा साथ में  है । कभी तो स्कूल हरा  - भरा , भव्य  होगा । 
इसलिए हमें अपनी सोच को आशावादी बनाए रखनी चाहिए । क्योंकि हमारे मन को वहीं आशा से ऊर्जा , ताकत मिलती है । कहावत भी है 
मन के हारे हार है ,  मन के जीते जीत ।
मैंने तो बचपन से ही यह सूत्र को हृदय में धार लिया है । इसी आशा ने मुझे पाल - पास के बड़ा किया है । विपरीत परिस्थितियों में आशा मेरे संग चलती है । मुझे असफल नहीं होने देती है । आशा मेरे जीवन की खुराक है ।
जब हम दुखी होते हैं । पीड़ा से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखता है । तब हमें आशा का ही सहारा होता है । आशा ही हमें उस अँधेरे में उजाला बन के बाहर निकाल देती है । 
इसलिए हमारे सार्थक जीवन जीने के लिए आशा का होना जरूरी है । क्योंकि आशा ही हमें लक्ष्य के करीब लाती है । 
आज के समाज में  युवा आत्महत्या ज्यादा कर रहे हैं । कारण सिर्फ तनाव है । आजका  युवा अपने आपको इतना अकेला मानता है कि अपना दुख दर्दकिसी को बाँट नहीं पा रहा है । उसे जो  लक्ष्य नहीं मिला तो , या परीक्षा में फेल हो गया तो  निराशा से साथ रहती है ।समझता है कि बस कुछ खत्म हो गया। माँ - बाप का दवाब होने की वजह से आत्महत्या कर लेना ही उचित समझता  है । 
कितनी बड़ी -बड़ी युवा शख्शियत ने निराशा से आत्महत्या का दामन हाथ में थामा ।  
मेरा यह आशा के दीप की प्रेरणात्मक आलेख की पंक्तियाँ किसी के अँधेरे निराश  जीवन में रोशनी भरे और  आशा बनाए रखने के लिए यह आशा का दीपक दसों दिशाओं को प्रकाशित करें । 
- डॉ मंजु गुप्ता
 मुंबई - महाराष्ट्र
उम्मीद पर ही दुनिया कायम है । आशावादी दृष्टिकोण ही  सभी अविष्कारों की जननी है । बल्ब का अविष्कार करते समय एडिसन सौ बार असफल हुए किन्तु उनके आशावादी स्वभाव ने प्रयोग करना नहीं छोड़ा और अंततः वो सफल होकर ही माने । इसी तरह अब्राहम लिंकन कई बार चुनाव हारे पर आशा की ज्योति उनके मन में जलती रही अंततः अमेरिका के राष्ट्रपति बन कर ही माने । छोटा बच्चा भी जब चलना सीखता है तो न जाने कितनी बार गिरता है पर हिम्मत नहीं हारता ; उसके अबोध मन में भी आशा छुपी रहती है कि मेरी माँ मेरे साथ है वो मुझे उठा कर गोदी में ले लेगी । इसी सोच के साथ वो शीघ्र ही चलना सीख जाता है । गाड़ी चलाते समय न जाने कितनी बार हम लोग गिरते हैं पर आशा हमें पुनः ऊर्जावान कर देती है और हम गाड़ी सीख कर ही दम लेते हैं ।अंतः कहा जा सकता है कि जीवन में आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत है ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
 हां ! हम जब किसी भी कार्य को अंजाम देते हैं और सफलता नहीं मिलती तो पुनः कोशिश करते हैं और कहते हैं "आशा अमर है" दुगने उत्साह के साथ सफलता की सीढ़ी चढ़ने की कोशिश करते हैं हार नहीं मानते क्योंकि आशावादी व्यक्ति अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करता है !आशा निर्माण के तत्वों की खोज करती है साथ ही आशा उत्साह की जननी है यदि हममें उत्साह कम हो जाए तो आशाएं धुंधली पड़ जाती है और व्यक्ति की अथवा मनुष्य की आकांक्षाएं क्षीण होकर नष्ट होने लगती है ! जीवन है तो मुश्किल है या कठिनाइयां भी हैं! उससे बाहर निकलने की आशा रखने वाले ही आगे बढ़ते हैं संघर्ष एवं विपत्ति से लड़ कर आशातीत व्यक्तित्व धारण करने वाला व्यक्ति ही स्वयं अपने आगे कार्य की सफलता का मार्ग निर्धारित तो करता है अपितु दूसरों के लिए मार्गदर्शक बन मार्ग निर्धारण कर उन्हें आत्मविश्वास के साथ कार्य करें सफलता अवश्य प्राप्त होगी ऐसी आशा दिलवाता है ! निराशावादी अपनी असफलता को ही अपना भाग्य समझ लेते हैं किंतु आशावादी उसी असफलता को सफलता की सीढ़ी बना जीवन में सकारात्मकता लिए आगे बढ़ते हैं जीवन में असफलता अंतिम पड़ाव नहीं है ऐसी दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति किसी भी असंभव कार्य को संभवता की ओर लाकर एक रचनात्मक मोड़ देते हैं ! आशा और आत्मविश्वास दोनों पक्की सहेली है यदि आत्म विश्वास है तो आशा है आशा है तो आत्मविश्वास ! आत्मविश्वास से आंतरिक शक्तियां जागृत होती है और इन शक्तियों को किसी भी कार्य में जब हम लगाते हैं तो इसमें कोई शक नहीं हमें सफलता अवश्य मिलनी ही है! एक डॉक्टर किसी मरीज की जान बचाने के लिए अथक प्रयास करता है वह जानता है कि उसका बचना असंभव है किंतु वह हार नहीं मानता और अंतिम क्षण तक प्रयास करता है आशा की एक किरण भी उसे दिखती है वह पुनः जोश और उत्साह के साथ प्रयत्न करता है !कहीं ना कहीं वह अपने प्रयत्नों का फल मिलने की आशा रखता है और कामयाब भी होता है जरूरी नहीं असफल होने पर वह थंब जाए आशा पूरे संसार की संचालक सकती है क्योंकि निराशावादी तो प्रत्येक क्षण हतोत्साहित ही होता है तो वह जीवन में संसार का क्या संचालन कर पाएगा ? अंत में कहूंगी अपने सफलता और बढ़ते उन्नति के प्रवाह को तेज धार के साथ संसार रूपी नदी में तीव्र गति से बहते आशा की किरणों को लेकर आत्मविश्वास के साथ बहना होगा चूंकि आशा मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है जिसका निवेश हम पूरे आत्म विश्वास के साथ किसी भी कार्य की सफलता पाने के लिए खर्च करते हैं!
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र

" मेरी दृष्टि में "  आशावादी इंसान हमेशा जीवन में तरक्की 
करता है । यही इंसान दुनियां में बड़े - बड़े आदमी बनते है अधिकारी बनते हैं । यही जीवन में आशावादी होना बहुत महत्वपूर्ण हैं । 
                                                           - बीजेन्द्र जैमिनी





Comments

  1. विषय और विचार एक विवेकपूर्ण बौद्धिकता का माध्यम आज की चर्चा समूह साधुवाद को रेखांकित करता है बधाई है
    - सुषमा शर्मा
    ( WhatsApp ग्रुप से साभार )

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  2. व्यक्ति को आशावादी भी होना चाहिये
    और सकारात्मक सोच का भी होना चाहिये
    - मुरारी लाल शर्मा
    पानीपत - हरियाणा
    ( WhatsApp से साभार )

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  3. बहुत- बहुत धन्यवाद आदरणीय बीजेंद्र जी 🙏
    आप एक उत्तम कार्य कर रहे हैं। आपके द्वारा प्रति दिन विषय देने के कारण ही रचनाकारों के नवसुप्त विचार लेखन के रूप में सामने आ पाते हैं। दूसरी बात लेखक की लेखनी को संतुष्टि मिल जाती है कि आज उसने अपनी रचना-धर्मिता को सार्थक कर लिया और तीसरी सबसे बड़ी बात है कि आप तुरंत उसी दिन उन विचारों को सचित्र ब्लाग पर प्रकाशित करते हैं। आपकी साहित्य साधना में रूचि व निरंतर परिश्रम को नमन ..🙏💐🙏
    संतोष गर्ग,
    अध्यक्षा
    राष्ट्रीय कवि संगम इकाई
    चंडीगढ़
    ( WhatsApp ग्रुप से साभार )

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