क्या कोरोना के चलते आवश्यक वस्तुओं पर नियन्त्रण चाहिए ?

कोरोना वायरस के चलते अनेक आवश्यक वस्तुओं की मांग गई है । जिससे कीमतें बढना स्वाभाविक है । लोगों ने तथा जमाखोरों ने आवश्यक वस्तुओं  को जमा कर महेंगी कीमतों पर समान बेचने शुरू कर दिया है । जिससे गरीब परिवार की मुश्किल बढ गई । सरकार नियन्त्रण कर भी रही है। परन्तु इस का लाभ गरीब परिवार तक नहीं पहुंच रहा है । आज भी मास्क साधारण लोगों को नहीं मिल रहा है ।  यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को भी देखते हैं : -
परिवार में जब किसी एक पर जब संकट आता है तो पूरा परिवार उससे प्रभावित होता है, तो जब पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट का सामना कर रहा है, तब निश्चित ही हमारा देश भी इस संकट का सामना करने की पूरे जी-जान से तैयारी करने में लगा हुआ है।  ऐसे में हर व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं पर नियंत्रण करना चाहिए। जो लोग भेड़ चाल से प्रभावित होकर मास्क, सैनिटाइजर, डिटॉल आदि को स्टॉक करने के लिए खरीदने चल पड़ते हैं वे एक तरह से कालाबाजारी को बढ़ाते हैं। सरकार ने कीमतें निर्धारित की है। इसी तरह सभी दुकानदारों को उचित मूल्य में वस्तुएँ इन साधारण को सुलभ करवानी चाहिए ताकि सभी को आवश्यकता की वस्तुएँ मिलती रहें। देशहित में संकट के समय बुद्धि, सहयोग, समझदारी से सभी को समस्या का हल करने में अपना सहयोग देना चाहिए। सामूहिक प्रयास ही ऐसे बड़े संकटों का समाधान बन सकते हैं। स्वयं सहयोग करें और औरों को भी प्रेरित करें... इस समय यही सबसे आवश्यक है।
-डा० भारती वर्मा बौड़ाई
    देहरादून - उत्तराखंड
 
 फिर हाल वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते आवश्यक ।वस्तुओं पर नियंत्रण होना चाहिए। जितनी कम आवश्यक सामान में दिनचर्या गुजर जा रही है उतना ही समान का इस्तेमाल कीजिए। कोरोना वायरस के मुक्ति के बाद मानव जाति को अनावश्यक समान पर भी नियंत्रण करना चाहिए यह धरती आवश्यकता की पूर्ति के लिए है ना कीअनावश्यक वस्तुओं का फालतू मनोरंजन और खर्चे के लिए इस्तेमाल करना चाहिए यही मनोरंजन की दुनिया से हमें समस्या खड़ी हो रही है ।आज मनुष्य अपने  भोजन को नहीं पहचान पा रहा है जबकि मनुष्य का भोजन वनस्पति है क्योंकि मानव की कोशिकाएं वनस्पति कोशिकाओं से ही बने हैं । कोशिकाओं का पोषण के लिए वनस्पति की आवश्यकता होती है ना कि जीव जंतुओं के मास की। आवश्यकता को  ना समझ कर मनमानी , दुनिया के वस्तु को मनोरंजन   समझ  कर आज विश्व में इतना बड़ा कोरोना वायरस का समस्या खड़ा हो गया है यह सब मानव जाति का ही करतूत  है ।जैसे-जैसे मानव प्रकृति को ना समझी मैं विनाश करेगा वैसे वैसे मानव का भी विनाश होगा  ।प्रकृति अपने  व्यवस्था बना लेती है  और मानव  अव्यवस्थित हो जाता है। जिसका परिणाम आज कोरोना वायरस के रूप में विश्व में तबाही मचा है। किस तरह कोरोनावायरस  से मुक्ति मिल जाए इस पर पूरे संसार के लोग अपना दिमाग चला रहे हैं आज  प्रकृति को विनाश करने वाले लोग खुद समस्या में फसे हैं अतः प्रकृति की वस्तु को मनोरंजन नहीं आवश्यकता के लिए इस्तेमाल करें ।दुरुपयोग नहीं?
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
 हां अवश्य चाहिए ! आज जब कोरोनावायरस वैश्विक महामारी बन गया है तो प्रत्येक देश में भय का आतंक बन जाना स्वाभाविक है ऐसे समय में हर व्यक्ति देश के प्रति श्रद्धा और चिंता का भाव तो अवश्य रखता है किंतु जब अपने परिवार की बात आती है तब उसका स्वार्थी होना स्वाभाविक है वह ऐसी स्थिति में अपने परिवार को हर तरह से महफूस रखना चाहता है आई हुई आपत्ति जाने कितनी गहरी है उसका अनुमान नहीं होता ! वह दवाइयां ,राशन पानी आदि आदि अनेक जीवनापयोगी चीजें जो रोजमर्रा की है कुछ दिनों ,सप्ताह ,अथवा महीनों के लिए संग्रहित कर लेते हैं क्या पता बंद दुकानें मॉल को कब तक खुलने की अनुमति नहीं मिलती उनकी यह सोच कुछ हद तक उनके हिसाब से ठीक होती है वह केवल अपना ही सोचते हैं किंतु उन गरीबों का क्या जो रोज कमाते हैं और खाते हैं ! हमें ऐसी स्थिति में समझदारी से काम लेना चाहिए !प्रशासन ने कई तरह की सेवाएं दी है और कई संस्थाएं भी सामने सेवा में आ रही है फिल्म टीवी वाले भी जो उनके प्रोडक्शन में काम करते हैं उन्हें राशन पानी फ्री में दे रहे हैं तो हम क्यों नहीं ?यदि आवश्यक चीजों पर नियंत्रण नहीं लगाएंगे तो कालाबाजारी होगी जिससे चीजें महंगी होगी और मिलावटी होगी दवाइयां समय पर नहीं मिलेंगे आज सेनीटाइजर डेटॉल और मास्क संग्रहीत करने की वजह से बाजार में उपलब्ध नहीं है और यदि मिल भी रहे हैं तो नकली और हमें नुकसान भी पहुंचा सकते हैं !हमें समझना चाहिए केवल हम अकेले नहीं है यदि बाजार में डिटॉल सेनीटाइजर मास्क नहीं मिलता तो क्या सभी जमा करके भी आप बच जाएंगे कदापि नहीं क्योंकि इन सब चीजों के अभाव में जो लोग है उनसे बीमारी फैलती जाएगी और सभी चपेट में आ सकते हैं !आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण बहुत ही जरूरी है देश की स्थिति को देखते हुए हमें मानवता तो दिखानी होगी !लोग अलग-अलग प्रकार की सेवा दे रहे हैं सफाई कर्मचारी ,फौजी ,डॉक्टर जिनकी सेवा के सम्मुख हमारी आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण कर जो सेवा हम देंगे कहीं भी फीकी नहीं पड़ती है अतः सभी को सब मिले यह भावना रख देश के इस कठिन स्थिति में सभी एक दूसरे का साथ दें! प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो आश्वासन दिया है और देशवासियों का साथ पाने के लिए जो अपील की है वह सभी के लिए समान है। अंत में कहूंगी आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण रखें !
"जियो और जीने दो" !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
कोरोना वायरस जो महामारी बन कर पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया है और न जाने अभी कितने दिनों या महीनों तक यह ख़तरनाक वायरस मनुष्य को ग्रसित करेगा|धीरे- धीरे इस वायरस का फैलाव कई देशों में लाखों लोगों में फैल चुका है|ऐसी परिस्थिति में लोगों में दहशत की स्थिति उत्पन्न हो गई है और लोग आवश्यक वस्तुओं की जमाख़ोरी करने लगे हैं |दुकानदार भी इस मौक़े का फ़ायदा उठाने में लगे हुए हैं आवश्यक वस्तुओं को ज़्यादा क़ीमत में बेच रहे हैं |वस्तुओं की कालाबाज़ारी कर रहे हैं |सौ रूपये के मास्क छ:सौ में यहाँ तक की आलू प्याज़ जैसी खाद्य सामग्रीयों का भी कालाबाज़ारी हो रहा है|ऐसी परिस्थिति में सरकार का या दुकानदारों का यह दायित्व बनता है कि आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण करे |ताकि जनता को उचित दाम और मात्रा में आसानी से आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध हो सके।
               -  सविता गुप्ता 
               राँची - झारखंड
जी हाँ , हर जगरूक नागरिक  की तरह कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ने के लिए हम आवश्यक चीजों पर नियंत्रण , सावधानी करके कोरोना से जीत सकते हैं। यह अपने आप में अपना बचाब होगा । हम बाजार से दूध की थैली , सब्जी , फल आदि लाते हैं उन्हें धोकर रखना होगा । कोरियर को  अलग ट्रे में रख के 24 घण्टे के बाद छुएं । मुँह को हम बार - बार नहीं छुएं ।  अधपका मांस , बाजार में खाना नहीं खाएँ । अपने पेटस को अलग जगह , कमरे में रखे । इस वायरस के संक्रमण रोकने के लिए मिलने  मिलाने की  सामाजिक दूरी एक मीटर की रखनी चाहिए। ऑन लाइन सामान नहीं मंगवाए । जिन्हें संक्रमण नहीं हैं । वे लोग मॉस्क नहीं लगाएँ । 
एक बार प्रयोग करने के बाद मॉस्क को कचरे डिब्बेमें बंद कर दें । कनिका की तरह संक्रमित व्यक्ति पार्टी में नहीं जाए । सीधे अस्पताल में जाए । परिवार में सभी लोग अलगाव में रहें । 
आफिस , बाहर से जो काम करतेहैं । वे आते ही अपने कपड़े अलग रखे ।प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट   विटामिन सी के फल , सब्जी खाएँ ।जैसे मौसमी , संतरा ,  एरोकेडो , नारियल पानी , सेब   स्ट्राबेरी ,अन्नास नीबू , गाजर , तुलसी , नीम के पत्ते आदि । हमें अपने वेलनेस पर ध्यान देना होगा ।जनभागीदारी
जरूरी है । मोदी जी के द्वारा दिया रविवार तारीख 22 मार्च को जनता कर्फ्यू 14 घण्टे का कर्फ्यू अपने आप में समाज में सेनिटाइजर का काम करेगा । जनता घर से बाहर से नहीं निकले ।  जो डाक्टर , कर्मचारी , लोग इस संक्रमणकाल में अपने कार्यक्षेत्र में काम कर रहे हैं । उनका मनोबल , आत्मविश्वास बढ़ाने के सभी भारतवासी ताली , शंख , थाली बजाकर कृतज्ञता शाम 5 बजे करे । अभिनेता  अभिताभ बच्चन जी  ने भी कोरोना के खिलाफ कविता से वीडियो  से आवाज उठाई है । 
हाथ मिलाना अब बन्द हुआ है । 
मनोवैज्ञानिकता , सामाजिकता , आध्यात्मिकता ,  वैज्ञानिकता और दार्शनिकता  के आधार पर  भारतीय परंपरा का ' नमस्ते  ' की भारतीय संस्कृति को सारी दुनिया मान रही है । मुझे गर्व होता नमस्ते करने की पद्धति , भारतीय संस्कृति पर क्योंकि मुझे नमस्ते करने की विरासत मुझे मेरे माता - पिता से मुझे मिली है । मैं छोटे - बड़े जनमानस को आदर , सम्मान से  हाथ जोड़ के नमस्ते कर  एकाकार हो जाती हूँ । हाथ मिलाने कोरोना  का संक्रमण  हाथों में आ जाता है । जबकि नमस्ते करने पर हाथ में नहीं आ सकता है । वालीबुड सितारे   प्रियांका , सलमान भी नमस्ते करके कोरोना के खिलाफ जागरूकता जगा रहे हैं ।हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए । मास्क लगाएँ । मास्क नहीं है , तो मलमल का कपड़ा मुँह पर बाँधे । हैंड सेनिटाइजर से हाथ साफ रखें । अपना परिवेश साफ - सुथरा रखना होगा । हम तभी इस छुआछूत की संक्रमित बीमारी से बच सकेंगे ।
भीड़वाले  सार्वजनिक स्थानों में जैसे पार्क , मॉल , पिक्चरहॉल आदि में नहीं जाए। महाराष्ट्र जिम , पिक्चरहॉल , मॉल बंद कर दिए हैं ।  सरकारी डॉक्टर तक को  सरकार मॉस्क नहीं दे रही है । वे अपने बचाब में खुद ही खरीद के प्रयोग  में ला रहे हैं । मैंने खुद सूती मलमल के कपड़े से मास्क बनाकर , निःशुल्क बाँट रही  हूँ ।भारत में अब तक 18 हजार लोगों की जाँच हुई है । फेफड़ों से प्रभावित करने वाली इस बीमारी से लोग तैयार नहीं है । इस बीमारी से बचने के लिए हम अपने घर की जिम्मेदारी लें । सरकार बाहर की जिम्मेदारी ले रही है । हम इस कोरोना की चपेट में नहीं आए । हम सावधानी बरतें । इस पर नियंत्रण करना मुश्किल हो रहा है ।ये बीमारी काल हमारे लिए  परीक्षा की घड़ी है । सरकार के प्रयास  को हम साथ , सहयोग दें । इसी अवस्था में वायरस रोकने का प्रयास करें । हमारे परिवेश में कोई संक्रमित व्यक्ति है तो उसे दूरी बनाएँ । तब मास्क पहनना जरूरी हो जाता है । किसी को खाँसी हो तो कोविड - 19 की  जाँच होनी चाहिए । 
सरकार के प्रयास जमीनी स्तर पर खरे नहीं उतरे । लोग छुट्टी के नाम पर  मस्ती ,  घूमने जा रहे हैं । पार्टी कर रहे हैं । घर को सेनिटाइजिग करें । पूरे भारत को बंद करना चाहिए ।
3  संक्रमित कश्मीरी छात्र अलीगढ़ से भाग जाते हैं । 
यही संक्रमण चारों तरफ फैलेगा । जनता कर्फ्यू से वायरस के जीवन चक्र  को ब्रेक लगेगा । सरकार सही तरीके से जाँच करें , आईसीयू फेसिलिटी बढ़ाए ।
- डॉ मंजु गुप्ता 
 मुंबई - महाराष्ट्र
आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण अति आवश्यक है नहीं तो कालाबाजारी बढ़ेगी । लोग समान संग्रहित करेंगे व दुकानदार ऊँची कीमतों पर खाद्य पदार्थों को बेचनें लगेगें । आज ही केंद्रित  स्वास्थ्य मंत्री जी ने उचित खुदरा मूल्य निर्धारित कर दिया कि मास्क 8 रुपये  में व 200 ml की हैंड सेनेटाइजर की बोटल 100 रुपये में । ऐसे ही सभी वस्तुओं के लिए भी सचेत होना चाहिए । जब कोई संकट की घड़ी हो तो जन मानस को भी देशहित की भावना से सोचना चाहिए । जिस तरह स्वयं की जरूरतें हैं वैसी अन्य की भी होंगी अतः पढ़े लिखे , जागरुक लोगों को समझदारी से कार्य करना चाहिए । केवल सरकार पर सब कुछ छोड़ने से समस्या का हल नहीं होगा । हम लोगों को आपस में एक दूसरे से संपर्क में फोन के माध्यम से बने रहना चाहिए । ऐसे लोग जिनकी मदद की जा सकती हो उन्हें भी यथा संभव मदद करते रहें जिससे आपसी सौहार्द भी बढ़ेगा और हम इस आकस्मिक संकट से भी शीघ्र बाहर आ जायेंगे ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
जी हां, कोरोना वायरस जैसी संक्रामक महामारी से देश को बचाने के लिए जिस प्रकार शिक्षण संस्थाओं से लेकर ट्रेन, हवाई उड़ान, होटल, मॉल, दुकाने ,पर्यटन, आवश्यक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा देना, सामूहिक कार्यक्रमों का बहिष्कार कर देना इत्यादि पर जबरदस्त नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा आवश्यक कदम  उठाए गए हैं। विदेशों के  भयंकर दुष्परिणामों  को देखते हुए  यह सावधानी  अति आवश्यक तथा एक अच्छा कदम है ।जब तक हम भारतीय  कोरोना वायरस का खात्मा नहीं कर लेते ;तब तक हमें संयम ,धैर्य एवं सूझबूझ से तो काम लेना ही होगा। आवश्यक वस्तुएं जीवन उपयोगी होती हैं। खाद्य सामग्री से जुड़ी वस्तुओं पर भी नियंत्रण आवश्यक है। इसके लिए सरकार यह आश्वस्त करें कि लोगों को निर्धारित कीमत और मात्र आवश्यकतानुसार ही यह सब उपलब्ध हो। क्योंकि आपद काल में लोग वस्तुओं का संग्रह आवश्यकता से अधिक करके कालाबाजारी की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं जिससे निम्न वर्ग बेहद दुखी हो जाता है ।आपत्ति काल में इन सब बातों का भी ध्यान रखना हम सब का कर्तव्य होना चाहिए ।
- डॉ रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
हां करो ना वायरस के चलते आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण होना चाहिए क्योंकि अगर नियंत्रण नहीं रहेगा तो कालाबाजारी बहुत होगी लोग जरूरत के समय मनमाने ढंग से वस्तुओं की कीमत लगाएंगे और लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए खरीदना पड़ेगा जैसे माँक्स बांधने का कपड़ा और सैनिटाइजर हाथ धोने के लिए साबुन डिटॉल दवाइयां इन सब चीजों के लिए मनमाने ढंग से पैसा लूट रहे हैं।जल संकट की स्थिति रहती है तो लोग तरह-तरह की अफवाहें उड़ आते हैं अफवाहों का बाजार गर्म रहते हैं इस चक्कर में भोले-भाले लोग फंस जाते हैं और जैसे सब्जियां राशन जरूरत के सामान दवाइयां फल आदि चीजों पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए आदरणीय हमारे प्रधानमंत्री जी ने भी यही बात अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में शुक्रवार को भी कही है कि लोग भयभीत ना हो इस वायरस से सुरक्षा स्वच्छता है खुद भी स्वच्छ रहें और दूसरों को भी स्वच्छ रखें इसी के कारण सिर्फ रविवार के दिन जनता कर्फ्यू के नाम से सब लोगों को अपने अपने घरों में रहना है और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए लोगों का धन्यवाद करना है। कालाबाजारी को रोकने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। सभी नागरिकों कभी यह कर्तव्य है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसा कर रहा है तो आप उसका साथ ना दे वह सामान ना खरीदें सरकारी दुकानों से और विश्वासपात्र दुकानों से ही सामान लें क्योंकि जरूरी नहीं है कि वह आपको सही सामान ही दे व मिलावटी सामान भी दे सकता है स्वयं की सुरक्षा हमारे हाथ में हैं जैसे कहते हैं सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।
स्वस्थ रहें अपने आसपास के लोगों को भी स्वस्थ रखें।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
बिमारी हमारी व्यक्तिगत रूप से भी हानि करती है. अगर परिवार का एक व्यक्ति भी बीमार होता है तो उसके उपचार में हमें धन का व्यय करना ही होता  है, जो हमारे घर के बजट को खराब करता है. उस धन को बचा कर हम निवेश कर सकते थे या अन्य आवश्यकताओँ के लिये उपयोग कर सकते थे. पर संक्रमण तो पूरे विश्व को प्रभावित करता है. यद्यपि अभी तक कोरोना वायरस से भारत को कोई विशेष खतरा नहीँ है. पर सावधानी जरूरी है, इस दिशा में मीडिया भी अच्छा काम कर रहा है. हम पूर्व में सार्स वायरस से भी बच गये थे और अब भी सरकार द्वारा इसे गम्भीरता से लिया जा रहा है, इसलिये हम कोरोना वायरस से भी बचे ही रहेंगे ऐसा मेरा विश्वास है.
लोग अगर घर में ही रहेंगे, तो सिनेमा उद्योग भी प्रभावित होगा. हवाई अड्डे पर रेल के प्लेटफार्म पर भी हम शुल्क देते हैं उसमें भी कमी आनी स्वभाविक है. रेस्टोरेंट में लोग भोजन के लिये नहीं जायेंगे. अब इन सबसे प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी तो प्रभाव होगा ही. यह तब है जबकि हमारे देश में अभी तक कोरोना वायरस से चार लोगों की मृत्यु हो चुकी है । 
पता नहीं कब तक हमें इस महामारी से जुझना पडेंगा  
तो हम सभी की यह नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है कि अपनी आवश्यकता को नियंत्रित करे कम से कम में काम चलाए ताकी सब  आवश्यक वस्तुएँ मिल सके । हम सब को इस कठिन दौर में सबको सहयोग कर के चलना व सरकार को सहयोग करना चाहिए । 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई -महाराष्ट्र
   आवश्यक वस्तुओं पर ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था पर कड़ा नियन्त्रण चाहिए?क्योंकि कोरोना से कहीं अधिक भ्रष्टाचार घातक है।जो राष्ट्र को दीमक की भांति अंदर ही अंदर खाए जा रहा है। रही बात आवश्यक वस्तुओं की तो जान से अधिक कुछ भी आवश्यक नहीं है।परंतु यह भारत है,जो सदियों से दूसरों के अधीन रहा है और दासता का अभ्यस्त हो चुका है।जो 70 वर्ष की स्वतंत्रता के बावजूद दासता का भूत हृदय में समाया हुआ है।इसलिए काला बजारी आम बात है।जिससे अछूता कोई-कोई है और जो अछूते हैं,उन्हें दुत्कारा हुआ है।स्वार्थ अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।जिसके चलते राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा में कमीं आ रही है।पैसा मां,पैसा बाप और पैसा ही सब कुछ माना जा रहा है।जो स्वार्थ के लिए गधे को बाप बनाने से भी पीछे नहीं हटते।इसलिए 'कोरोना' कोहराम मचाते हुए विश्व को संदेश दे रहा है कि प्रकृति से मत खेलो।अन्यथा प्रकृति आपसे खेलेगी।कोरोना यह संदेश भी दे रहा है कि आधुनिक विज्ञान कितना भी विकास कर चुका है।किंतु प्रकृति से शक्तिशाली नहीं है।अतः भ्रष्टाचारियों को भ्रष्टाचार से तौबा कर मानवता व न्याय की ओर अग्रसर होना चाहिए।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर

" मेरी दृष्टि में " सरकार को आवश्यक वस्तुओं को पूर्णतः अपने नियन्त्रण में ले लेना चाहिए । इस से काला बजारी पर नियन्त्रण किया जा सकता है । सरकारी राशन डिपो के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं का वितरण करना चाहिए ।
                                                         - बीजेन्द्र जैमिनी





Comments

  1. कुण्डलिया
    जनता करे स्वयं करे सोच समझ से अपनी सुरक्षा.
    तोडेगी अमल करके कोरोना की श्रृंखला जनता.
    जनता को कोरोना से बचने बढिया मोदी ने मंत्र सुरक्षा.
    खुद को सुरक्षित कर ले स्वयं को अपने कर्फ्यू में ले जनता..
    वाईस मार्च को सुबह सात से रात नौ बजे तक न निकले जनता.
    आपदा के कामगारों के लिए शाम पांच बजे ताली घंटी बजाये जनता..
    जनता के लिए यह बनाया मोदी ने छतीस घंटों का मंत्र वैज्ञानिक सुरक्षा.
    लापरवाही मत बरतना सभी ने अमल करना तभी सुरक्षित होगी जनता..


    हीरा सिंह कौशल
    गांव व डा महादेव तहसील सुंदर नगर
    जिला मंडी हि प्र 9418144752

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