क्या कड़ी मेहनत का कोई विकल्प होता है ?

कड़ी मेहनत का स्वाद ही अलग होता है । जो जीवन को सार्थकता की ओर लेकर जाता है । विभिन्न क्षेत्रों की कामयाबी कड़ी मेहनत पर आधारित होती है । कड़ी मेहनत का विकल्प सिर्फ आपका दिमाग या किस्मत पर निर्भर करता है । यही कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। कार्य  चाहे शारीरिक हो या मानसिक उसमें सफलता कड़ी मेहनत से ही मिलती है। कई साल पूर्व देश में एक नारा खूब प्रचलित हुआ था- कड़ी मेहनत,दूर दृष्टि,पक्का इरादा। हालांकि यह राजनीतिक नारा था लेकिन इसकी महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता।आज जो भी हमें सफल नजर आता है,जो भी अपने लक्ष्य को
 प्राप्त कर रहा है, उसके पीछे उसकी कड़ी मेहनत ही तो है। चाहे वो विद्यार्थी हो,व्यवसायी हो,नेता हो या कोई भी। हां इस कड़ी मेहनत में एक बात अवश्य ध्यान देने की है कि मेहनत सही दिशा में की जाएं।निरर्थक यानि अपने लक्ष्य के विपरीत दिशा में मेहनत करने से सफलता नहीं विफलता ही मिलेगी। मेहनती व्यक्ति हर जगह सफल रहता है।जीवन की हर परिस्थिति को अपने अनुकूल बना लेता है।मेहनत के बल पर किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर- उत्तर प्रदेश
मेहनत हमारा सबसे बडा़ धन है ! 
हां प्रश्न है कि कडी़ मेहनत का कोई विकल्प ... हम अपनी मेहनत किसमें खर्च करते हैं पहले यह हम देखते हैं ! यदि किसान अपने खेत  बैलों को लेकर जोतता है तो उसे काफी परिश्रम तो करना पड़ता है साथ ही समय भी गवाता है किंतु विकास और टैक्नीकली हम आज बहुत आगे आ गये हैं !खेत में ट्रेक्टर चला हम कम मेहनत लगा समय भी बचा सकते हैं ! आज के दौर में अनेक कामों के लिए ऐसे विकल्प हैं जिससे हमें अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती एवं समय की भी बचत होती है जिसे हम दूसरे कार्य में खर्च कर सकते हैं ! 
किंतु इसकी खोज करने वाले ने भी तो कडी़ मेहनत की होगी जिसका मीठा फल हम ले रहे हैं !
हां योजनाएं एवं लक्ष्य को लेकर यदि कुछ करने का हमें अवसर मिलता है  तो कडी़ मेहनत कर लक्ष की प्राप्ति हो सकती है ! लाल बहादुर शास्त्री गरीब होकर भी प्रधानमंत्री बने ! उन्होंने शिक्षा को अपना लक्ष्य बनाया !आगे बढ़ने के लिए अपनी  कडी़ मेहनत के सिवा उनके पास कोई विकल्प नहीं था ...ठीक उसी तरह अब्दुल कलाम जी भी पेपर बांटते थे ,खेतों में काम करते थे दिनभर कडी़ मेहनत करने के बाद ही शिक्षा प्राप्त कर सके एवं एक सफल वैज्ञानिक और राष्ट्रपति बन अपना और देश का नाम रौशन किया ! 
अवसर हमें कडी़ मेहनत करने के बाद ही मिलते हैं ! हमें सफलता एक ही दिन में नहीं मिलती ! लंबे समय की कडी़ मेहनत से हमें मिलती है ! 
कोई भी सपना अचानक जादू से हकीकत नहीं बनता ...इसमें  पसीना ,दृढसंकल्पता और  हमारी कड़ी मेहनत के साथ हमारा आत्म-विश्वास ,जूनून ,हिम्मत आदि सभी निहित होते हैं ! 
परीक्षा में पास होने के लिए मेहनत करते हैं ! कडी़ मेहनत से ही हम अपनी भाग्य का सितारा चमका सकते हैं !
कडी़ मेहनत का कोई विकल्प नहीं है !
कोई भी कार्य करें हमें मेहनत तो करनी होगी ! 
               - चंद्रिका व्यास
             मुंबई - महाराष्ट्र
     शारीरिक और मानसिक रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाये तो अधिकांशतः मेहनत का अपना एक अलग महत्व हैं, पशीना दोनों में ही निकलता हैं, जिसका कोई भी विकल्प ही नहीं दिखाई देता हैं और दिलचस्प भी पंसग प्रत्यक्ष एकाधिकार के साथ ही साथ जीवन यापन प्रभावित होता हैं। शारीरिक और मानसिक कड़ी  मेहनत जो किसानों, श्रमिकों, वैज्ञानिक और अभियंताओं आदि में होती, उसका आंकलन नहीं किया जा सकता हैं। उन्हीं के कारण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहा हैं। नहीं तो वे भी हैं, जो जीवित अवस्था में रहकर जो किसी भी तरह की कड़ी मेहनत नहीं करते हुए, भी अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं, जो दूसरों को कष्टदायक बनाने में अनुकरणीय भूमिकाएं निभाई हैं। खैर जो भी हो बिना कड़ी मेहनत किये बिना सार्थकता परिणाम सामने भी नहीं आते?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
जिसने स्वेद का स्वाद नहीं चखा उसके लिए सफलता सपना ही होगा।
आपके दिए प्रश्न का उत्तर लिखने के लिए मैं देर रात जैसे अभी रात्रि के एक बजे लिख रही हूँ। अगर कैलिफोर्निया की रात में समय पर सो जाऊँ तो आपके प्रश्न आये ही नहीं होते हैं।
विश्वविख्यात एप्पल कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स कहते हैं, "कोई भी सफलता एक रात में नहीं मिलती है। उसके पीछे जाने कितने वर्षों की कड़ी मेहनत होती है।" सौ फीसदी सही बात है।
लालबहादुर शास्त्री जी ने एक बार कहा था कि "मेहनत तो प्रार्थना करने के समान है।"
विश्व विख्यात वैज्ञानिक एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन भी कड़ी मेहनत की प्रेरक दास्तान है।
अतः कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है।
- विभा रानी श्रीवास्तव
पटना - बिहार
      इतिहास साक्षी है कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। जबकि कठोर परिश्रम तो दूर की बात है "अल्प से अल्प" परिश्रम से बहाया पसीना भी कभी व्यर्थ नहीं जाता। चूंकि सफलता प्राप्ति के लिए परिश्रम के अलावा विश्व में दूसरा कोई विकल्प होता ही नहीं है।
      उदाहरणार्थ मेरे विभागीय भ्रष्ट उच्च अधिकारी मेरे ऊपर देशद्रोही गतिविधियों का कलंकित आरोप लगाने और न्यायालय में "पागल" सिद्ध करने के बावजूद मेरे सत्य को दबाने में सफल नहीं हो सके। चूंकि मेरे निरंतर प्रयास रूपी कठोर परिश्रम के आगे उनकी पेश नहीं चली। हालांकि उन्होंने एक सत्य को दबाने के लिए सौ झूठों का सहारा भी लिया। यही नहीं उन्होंने मेरे अधिवक्ताओं से लेकर डाॅक्टरों तक अपने पदों के प्रभाव एवं भ्रष्टाचार के बल पर अपने पक्ष में कर लिए और न्यायधीशों को गुमराह/मूर्ख बनाकर अपनी इच्छानुसार निर्णय लेने में भी सफल हुए।
      परंतु मेरी देशभक्ति और बलिदान से परिपूर्ण धीमी गति के कठोर परिश्रम के आगे उनको हारना ही नहीं बल्कि धुटने टेकने पर विवश होना पड़ा। उनके साथ-साथ उनके सहयोगी भी अपराधिक श्रेणी में आते गए। जबकि मुझे पहले एक पेंशन फिर दूसरी पेंशन के रूप में सफलताएं प्राप्त होती गईं और अब नौकरी पर जाने के पूरे-पूरे आसार बने हुए हैं। 
      चूंकि मेरे तप और तपस्या से परिपूर्ण कठोर परिश्रम से प्रसन्न न्याय के देवता "शनिदेव" जी की कृपादृष्टि से मेरी एलपीए पर माननीय उच्च न्यायालय के दो विद्वान न्यायमूर्ति सुनवाई कर रहे हैं। जो मेरे अनमोल जीवन में अब तक की प्राप्त सर्वश्रेष्ठ सफलताओं में से एक है।
- इन्दु भूषण बाली
पटना - बिहार
कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता उसका विकल्प स्वयं कड़ी मेहनत ही होती है। हां कुछ लोग दुरुपयोग करके कड़ी मेहनत की बजाए सरल रास्ता खोजने की कोशिश करते हैं और इसी वजह से गलत रास्तों को अख्तियार कर लेते हैं। जिसका अंजाम गाहे-बगाहे उन्हें भुगतना ही पड़ता है। कुछ लोग चापलूसी का, कुछ रुपयों का, कुछ अनेक तरह के प्रलोभनों का प्रयोग करते हैं ताकि कड़ी मेहनत न करना पड़े। पर इसमें भी नुकसान उन्हीं का होता है क्योंकि वे सत्य से अछूते रह जाते हैं जबकि ईमानदारी से कड़ी मेहनत करने वाला हर तरह के ज्ञान एवं जानकारियों की प्राप्ति कर लेता है। हां कभी कभी दुर्भाग्य से कड़ी मेहनत का सही अंजाम समय पर नहीं मिलता ।किंतु फिर भी कड़ी मेहनत बेकार नहीं होती क्योंकि उससे वस्तुस्थिति का सही ज्ञान तो प्राप्त होता ही है।
- गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
कठोर परिश्रम मनुष्य की असली पूंजी है।
सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
मेहनत से ही लोग साधारण रहते हुए वो धीरे धीरे असाधारण ऊंचाइयों पर पहुंच जाते हैं।
*मेहनत का फल मीठा होता है*। कर्म और फल के चिरपरिचित संबंध है।
देश के दो महान *रत्न* हैं जो अपने जीवन में कड़ी मेहनत के बलबूते साधारण से असाधारण बनकर इतिहास रचा।
पहले देश के दूसरे प्रधानमंत्री *श्री लाल बहादुर शास्त्री* जी है। दूसरे विख्यात वैज्ञानिक एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति *एपीजे अब्दुल कलाम*। यह दोनों अपने कड़ी मेहनत से जीवन में सफलता पाएं।
इनकी जीवनी पढ़ने से यह साबित होता है की कठोर परिश्रम मनुष्य की असली पूंजी है।
लेखक का विचार:--अवसर अक्सर कड़ी मेहनत के भेस में छुपे होते हैं। इसीलिए इसे जानिए कड़ी मेहनत का फायदा उठाइए। कड़ी मेहनत ही काम को सरल बनाती है। कड़ी मेहनत करना इंसान का कर्तव्य है। मेहनत के बिना जिंदगी में  कुछ नहीं मिलती है।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
 अवश्य होता है कड़ी मेहनत का विकल्प होता है अर्थात कड़ी मेहनत सार्थक मेहनत को कहा जाता है जिसका कोई अर्थ हो कोई भी मेहनत बिना अर्थ का नहीं होता अर्थ अर्थात मनुष्य के पास तीन अर्थ होता है मन तन धन इन तीनों का सदुपयोग कर लक्ष्य को प्राप्त कर लेना ही कड़ी मेहनत है कड़ी मेहनत अर्थात सार्थक मेहनत से लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है लक्ष्य तक पहुंचना है मनुष्य कार्य है इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत अर्थात सार्थक मेहनत करने की आवश्यकता है यही सार्थक मेहनत की विकल्प है बिना सार्थक मेहनत से कोई भी व्यक्ति विकास नहीं कर पाता विकास और जागृति के लिए ही कड़ी मेहनत की जरूरत होती है चाहे वह मेहनत सारिक हो चाहे मानसी लेकिन दोनों मेहनत सार्थकता के अर्थ में होगा तभी मनुष्य लक्ष्य को प्राप्त कर सुखी हो सकता है यही मेहनत का विकल्प है इसी विकल्प को अपनाना और अपने गति को सार्थकता की ओर ले जाकर  जागृति को पाना है जागृति से ही मनुष्य लक्ष्य को प्राप्त करता है यही सार्थकता है। 
- उर्मिला सिदार 
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। कहा जाता है कि परिश्रम का फल मीठा होता है तो कड़ा परिश्रम का फल तो और मीठा ही होगा। कोई विद्यार्थी रात दिन पढ़ाई में मेहनत करता है तभी वो आई पी एस या आई ए एस बनता है। इंजीनियर और डॉक्टर बनता है। जो ऐसा नहीं कर पाता है यानी कड़ी मेहनत नहीं करता है वो कुछ नहीं बन पाता है।
किसान खेतों में रात दिन कड़ाके की ठंढ, भीषण गर्मी , भरी बरसात में कड़ी मेहनत करता है तभी उसे भरपूर फसल का लाभ मिलता है। अगर वो बरसा पानी ठंढ गर्मी से डर कर मेहनत न करे तो उसके खेतों में पैदावार ही न हो। इस तरह से जीवन के हर क्षेत्र में परिश्रम की आवश्यकता है। मेहनत तो सभी करते हैं पर सफल वही होते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। कड़ी मेहनत करने वाला सफल होगा ही होगा।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" 
कलकत्ता - पं. बंगाल
 यूँ तो कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता लेकिन कड़ी मेहनत के स्थान पर यदि समय का प्रबंधन करके विवेक से काम लिया जाए तब भी सफलता हाथ लगती है। जहाँ एक मजदूर दिन भर कड़ी मेहनत करके दो वक्त की रोटी जुटा पाता है वही एक शिक्षित, ज्ञानवान व्यक्ति बुद्धि विवेक से काम लेता हुआ कम समय में कम मेहनत करके कई गुना ज्यादा कमा लेता है। इसलिए कड़ी मेहनत के अलग- अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग विचार होंगे। सेहत का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।
- संतोष गर्ग 
 मोहाली - चंडीगढ
मेरे विचार में कड़ी मेहनत को लक्ष्य प्राप्ति और प्रगति से जोड़ा जाए तो काफी नहीं होगा। कड़ी विकल्प के साथ-साथ बुद्धि प्रयोग भी आवश्यक है। यूं तो रिक्शा चलाकर धनार्जन करने वाला या बोझा ढोने वाला दिन-भर कड़ी मेहनत करता है पर उसे वांछित फल प्राप्त नहीं होता। अतः कड़ी मेहनत के साथ-साथ अक्ल का भी प्रयोग आवश्यक है।  
- सुदर्शन खन्ना 
दिल्ली 
किसी भी व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। कड़ी मेहनत थी व्यक्ति को लक्ष्य तक पहुंचाता है। मेहनत ही है जिससे साधारण लोग भी असाधारण ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं। मेहनत का फल मीठा होता है ऐसा सभी कहते हैं, जानते और मानते भी हैं। कर्म और फल के चिर परिचित रिश्ते के विषय में सभी को मालूम है। यह सभी जानते हैं कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। क्रिकेट से लेकर कब्बड्डी तक संगीत से लेकर नृत्य तक चिकित्सा विज्ञान से लेकर अंतरिक्ष विज्ञान तक हर क्षेत्र में सफलता का झंडा गाड़ने वाले लोगों की जीवन यात्रा कड़ी मेहनत का प्रतिफल होता है। कठोर परिश्रम या कड़ी मेहनत मनुष्य के असली धन होता है। बिना कठिन परिश्रम के सफलता पाना असंभव है। इस दुनिया में जो व्यक्ति कठिन परिश्रम करता है सफलता उसी का कदम चूमती है। कड़ी मेहनत करने वाले लोग मिट्टी को भी सोना बना देते हैं। यह तो एक साधारण तथ्य है कि जो आज दुनिया भर में हर एक सफल व्यक्ति कुछ ना कुछ कष्ट सहने के बाद ही ऊंचाइयों तक पहुंच पाया है। हमको अपनी शिक्षा के समय से उदाहरण लेना चाहिए जैसे हम अगर पढ़ाई मेहनत से करते हैं तो हमारा  परीक्षा फल भी अच्छा होता है। और अगर हम पढ़ाई में आलस करते हैं तो परीक्षा फल बहुत बुरा होता है यह स्वाभाविक है। सभी महान व्यक्तियों ने कठोर परिश्रम पर अपने अनमोल कथन प्रस्तुत किए हैं। जीवन में सफलता पाने के लिए लोगों को आलस्य छोड़ना जरूरी होता है। जो जागरूक होता है वह कठिन परिश्रम करता है और अपने लक्ष्य को हासिल करके ही रहता है।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
कड़ी मेहनत,लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने आप में एक बहुत ही बढ़िया आदर्श और सशक्त माध्यम है। जो तारीफ के काबिल भी है। परंतु सिर्फ़ कड़ी मेहनत करने से ही लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता। हमें इसके साथ में लक्ष्य की उचित दिशा का ज्ञान होना भी आवश्यक है। हम मेहनत खूब करें किंतु वह मेहनत उस लक्ष्य के लिए न तो उचित है और न ही आवश्यक, तब इस कड़ी मेहनत का औचित्य ही नहीं रह जाता। हाँ, यदि हम लक्ष्य प्राप्ति की सही दिशा में है तब यह कड़ी मेहनत हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और सफलता प्राप्ति के लिए मील का पत्थर साबित होगी। क्योंकि लक्ष्य प्राप्ति के लिए जो भी साध्य आवश्यक होते हैं, इस मेहनत के अंतर्गत ही होते हैं याने इसी में समाहित हैं। अतः यह कहना कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता, तभी सार्थक और उचित होगा, जब दिशा सही हो।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
      सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह कड़ी मेहनत ही है जिस से साधारण लोग भी ऊचाईयों की बुलंदियों को छूते हैं। हमारे देश और दुनिया में बहुत सारे लोगों ने कड़ी मेहनत के बलबूते साधारण से असाधारण बन कर इतिहास रचा और दुनिया में देश का नाम ऊंचा किया।जैसे हमारे देश के दूसरे प्रधान मंत्री श्री  लाल बहादुर शास्त्री जी। 
          कड़ी मेहनत का भाव यह नहीं कि आप सारा दिन काम करते रहें चाहे उस में हमारा मन लगे या नहीं। कड़ी मेहनत का भाव यह है कि हमें अपना लक्ष्य मालूम हो और फिर जुनून के साथ उस में जुट जाएं। हमें सोते जागते वो जुनून टिकने ना दे।ऐसी कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता और सफलता भी आवशय मिलती है। इस तरह मेहनत तभी फल देगी जब सही दिशा का समीकरण होगा ।सही दिशा और कड़ी मेहनत को मिला कर सफलता प्राप्त् करने का कोई विकल्प नहीं है। 
- कैलाश ठाकुर 
नंगल टाउनशिप-  पंजाब
जी नहीं, कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। सच्चे मन से की गई मेहनत का कोई तोड़ नहीं होता।  उसका फल अवश्यंभावी होता है। इसी के संदर्भ में संस्कृत का एक श्लोक प्रसिद्ध है-
उद्यमेन हि  सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः । न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥
जैसे शेर के मुँह में अपने आप हिरन प्रवेश नहीं करते, उसी प्रकार उद्यम अर्थात परिश्रम से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं केवल मनोरथ करने से नहीं।
रवीन्द्रनाथ टैगोर के अनुसार 'सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते।“
अभिप्राय यह है कि केवल कल्पना करने से नहीं बल्कि मेहनत करने से ही कार्य सिद्ध हो सकते हैं।उन्हीं की मेहनत रंग लाती हैं जो बोलते कम हैं और काम अधिक करते हैं।
कहा भी गया है कथनी नहीं,  करनी चाहिए ।
कबीर जी कहते हैं कि परिश्रम करने से ही सब कार्य 
पूरे होते हैं ,बस मन में धैर्य होना चाहिए। बहुत
परिश्रम करने से कुआँ खोदा जाता है तो पानी निकल ही आता है।
श्रम ही ते सब होत है, जो मन सखी धीर
श्रम ते खोदत कूप ज्यों, थल में प्रगटै नीर
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है,”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन: ।” यह मेहनत के संबंध में महामंत्र है इसे जीवन में धारण करना चाहिए और मनुष्य को परिश्रमी और कर्मठ बनकर जीवन यापन करना चाहिए।
- डाॅ.सुनील बहल 
चंडीगढ़
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥
कोई भी काम कड़ी मेहनत से ही पूरा होता है सिर्फ सोचने भर से नहीं । कभी भी सोते हुए शेर के मुंह में हिरण खुद नहीं आ जाता ।
बिना परिश्रम के कुछ भी संभव नहीं है । हाँ ये अलग बात है कि किसी को शारीरिक मेहनत अधिक करनी पड़ती है तो किसी को मानसिक । 
- पूनम झा
कोटा - राजस्थान 
कडी मेहनत का विकल्प नही होता इमानदारी से लेकिन बहुत कुछ उसके बिना भी होता है जीवन में RESULTS मायने रखते है - करोडो बच्चे सयाने या अन्य परीक्षा में उतरते है - लेकिन results जो आते है वो 100 प्रतिशत कडी मेहनत का परिणाम बिलकुल भी नही होते दुसरी बात सफलता कडी मेहनत से आती है लेकिन ये भी 100 प्रतिशत नही // जीवन में कडी मेहनत के विकल्प दिन भर देखने को मिल सकते है जैसे उपर के 2 उदाहरण फिर हर प्रकार के कार्य जैसे - मैने खूब मेहनत से भोजन बनाया प्रक्षेप व अन्य सामग्री सब उमदा डाली  लेकिन खाने वाले का मुह बन गया ऐसा क्या हुआ हमारी महिलाये हर घर में ये सब रोज झेलती है // तीसरा उधाहरण //  मैने office में जान लगा के काम किया कडी मेहनत से कोई भी काम किया फिर भी बोस के नाक भो चढे के चडे // अर्थात १०० % कूछ  नही 
विकल्प तो जीवन के भी है / कोई इन्सान देह छोड गया उसके बाद भी काम चल रहे // सच तो यही है साहिब अब और कमाल देखिये मैने मेहनत से ये सब लिखा लेकीन आलोचना / समालोचना / प्रतिक्रिया // zero ///  या नाक भो चडा के या झुटी सच्ची कथा मतलब सब बे मानी हा हां हां हा कृपया मेरे दोस्तो अन्यथा न लेना ऐसा ही नाशुक्रा जीवन है ये 
एक मुहाबरा - उर्दू का --  यहां मुरगी हलाल होकर जान से गई खाने वाले को मजा नही आया - तो साहिब - मेहनत तो मेहनत है - अब विकल्प तो राम जाने .....।
- डॉ. अरुण कुमार शास्त्री
दिल्ली
कड़ी मेहनत का  कोई विकल्प  नहीं  होता है लेकिन मेहनत के साथ सामने लक्ष्य और दूर दृष्टि भी होनी चाहिए ।कड़ी मेहनत इन दोनों के बिना सफल नही होती ।हर क्षेत्र में ज्ञान का होना आवश्यक होता है । सफलता मेहनत ,दूरदृष्टि ,ज्ञान और लक्ष्य सभी को एक होने से होती है जैसे जब हाथों की सभी अंगूली क्रियाशील होती है तभी हम कार्य करने में सफल होते हैं ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
किसी भी कार्य में सफलता हेतु कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं हो सकता। हां! कड़ी मेहनत के साथ-साथ सही दिशा, कार्य के प्रति समर्पण, धैर्य, विवेक और अनुशासन की भी आवश्यकता होती है क्योंकि इनके अभाव में कड़ी मेहनत भी विफल हो सकती है। परन्तु ध्यान रहे कि ये सभी गुण कड़ी मेहनत के साथी हैं, विकल्प नहीं। 
मनुष्य स्वयं अपने जीवन पर गौर करें तो उसका वर्तमान स्थान स्वयं के द्वारा की गयी कड़ी मेहनत के कारण ही संभव होता है। परन्तु यह भी सत्य है कि हवा में लाठी चलाने के परिणाम अच्छे नहीं हो सकते। मात्र कड़ी मेहनत से ही पूर्ण सफलता का वरण नहीं हो सकता। इसके लिए धैर्ययुक्त प्रतिभा के साथ सही दिशा का ज्ञान और सकारात्मक उद्देश्य का संग होना अनिवार्य है। 
"लगन, मेहनत, समर्पण, निष्ठा पूंजी हो तेरी, 
किस्मत स्वयं की स्वयं लिखना कला हो तेरी। 
तृण सी लचकता, शैल सी अडिगता हो तेरे पास, 
धैर्य, निष्ठा, बुद्धि के संगम से मेहनत रंग लायेगी तेरी।।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड
रूठ जाये अगर तस्वीर तो
     मनाकर देखो
फूल कड़ी मेहनत के, हथेली पर
         उगाकर देखो l
  निश्चित ही कड़ी मेहनत का कोई विकल्प ही नहीं हैl
हमारा भाग्यवादी होना एक दुर्भाग्य है, ऐसा अभिशाप है जो हमें गलत और अपने प्रति कमजोर विचारों की गुप्त, अलक्षित जंजीरो में बांधे रखता
 है l जो व्यक्ति कड़ी मेहनत का विकल्प ढूंढ़ते हैं और भाग्यवादीविचारों  की गुलामी के
परावलम्बन पर जीता है, किसी न किसी दिन गिरेगा ही l
कठोर परिश्रम मनुष्य की असली पूंजी है l जीवन में सफलता हेतु श्रम के अलावा कोई विकल्प नहीं है l कर्म और फल के मध्य एक सकारात्मक रिश्ता है l शास्त्री जी ने कहा -कड़ी मेहनत तो एक प्रकार की प्रार्थना है, उपासना है या यूँ कहूँ कि -भाग्य का अर्थ है, जो कड़ी मेहनत करते हैं, जिन्होंने अवसर को पहचाना है, भाग्य उन्हीं के साथ है l
हेनेरी फोर्ड अपने काम के दौरान 
कई बार विफल हुए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, सफलता प्राप्त करने तक कड़ी मेहनत
 की l अंत में कहा -हम जितनी कड़ी मेहनत करेंगे भाग्य उतना ही हम पर मेहरबान होगा l
       ----चलते चलते
मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता
सपनों के फूल यूँ ही नहीं खिलता
जब तक मेहनत के दिये नहीं जलते
तब तक मुश्किलों का अँधेरा नहीं मिटता l
2. मेहनत हमारा जीवन, मेहनत हमारा नारा
मेहनत से जगमगादो, तकदीर का सितारा l
करके जो हम इरादे, पत्थर पे गुल खिलादें
हिम्मत है दिल में इतनी, आकाश को झुकादें
मेहनत से जो भी हारा वो जिंदगी से हारा.....
- डॉo छाया शर्मा 
अजमेर - राजस्थान
"पांव जमी पर और ख्वाब आशमान के रखना, 
बदल देना किस्मत अपनी, 
सफलता का स्वाद मेहनत से  चखना"। 
कठिन परिश्रम वो कीमत है जो हमें सफलता के लिये चुकानी पड़ती है, 
अवसर अक्सर कड़ी मेहनत  के भेस में छिपे होते हैं लेकिन हम इन्हें पहचानने में अक्सर देर कर देते हैं, 
हम अपने जीवन में बड़े से बड़ा लक्ष्य तय कर सकते हैं बस ध्यान रखना लक्ष्य जितना बड़ा होगा मेहनत भी उतनी ज्यादा लगेगी और उस मेहनत को खुद ही करना पड़ेगा, 
तो आइयै आज का रूख कड़ी मेहनत की तरफ करते हैं कि क्या कड़ी मेहनत का कोई विकल्प होता है? 
 मेरा मानना है कि कड़ी मेहनत का कोई दुसरा विकल्प नहीं होता क्योंकी कुछ कर दिखाने का सपना या लक्ष्य पाने का सपना केवल परिश्रम के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है, 
कठोर परिश्रम मनुष्य की अपनी पुंजी है इसलिए सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत के अलावा दुसरा कोई विकल्प नहीं, 
मेहनत एक ऐसी कुन्जी है जिससे साधारण लोग भी आसाधारण ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हैं, यह सच है कि विना कड़ी मेहनत के जीवन के किसी भी क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करना संभव नहीं, सच कहते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है। 
मामला अध्ययन का हो या खेलकूद का या अन्य कैरियर का सभी के लिये कड़ी मेहनत की जरूरत है, जिस प्रकार श्रम करने से शरीर मजबूत  होता है  उसी प्रकार से कठिनाइयों से मस्तिक इसलिए लक्ष्य प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करना पड़ता है, कोई भी सफलता एक रात में नहीं मिल जाती उसके पीछे न जाने कितने वर्षों की कड़ी मेहनत होती है, 
याद रहे जीवन में सफलता के उच्च सपनों की उपलब्धि तभी होती है जब व्यक्ति पूर्ण उत्साह से परिश्रम करे क्योंकी श्रमपूर्वक किया गया प्रत्येक कर्म सदैव हितकारी होता है, 
सफलता देखने वालों के लिये सरल सुन्दर सराहानिय लगती है लेकिन पाने वालों  के लिए यह कठोर परिश्रम का परिणाम होती है, 
यह भी सच है कि दो मिन्ट की शोहरत के पीछे आठ घंटे की  कड़ी मेहनत होती है, 
याद रखें आप अपनी जिंदगी में बड़ा लक्ष्य तय करें तो उसके लिये उतनी ही बड़ी मेहनत की जरूरत होगी, 
कठोर परिश्रम एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है इसे हमे प्रतिदिन करते रहना चाहिए कामयाबी मिलने के पहले भी और बाद भी क्योंकी जब तुम मेहनत करना बंद कर दोगे आप फिर वापिस पीछे हो जाओगे, 
आखिरकार यही कहुंगा की  कठिन परिश्रम का  कोई दुसरा विकल्प  नहीं होता क्योंकी सम्पूर्ण जीवन संघर्ष की मांग करता है, कुछ कर दिखाने का सपना केवल परिश्रम के  द्वारा ही पूरा किया जा सकता है क्योंकी जो तुम आज हो वो तुम वीते हुए कल के कारण हो और जो तुम आने वाले कल में होंगे वो तुम्हारे आज के काम पर निर्भर करता है, 
हमे चाहिए की हम अपनी उपलब्धि के मुताबिक कड़ी से कड़ी मेहनत करें क्योंकी  कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं, 
सच कहा है, 
"जब टूटने लगे हौंसला तो बस यह याद रखना, 
विना मेहनत  के हासिल तख्त ओ ताज नहीं होते, 
ढूंढ लेते हैंअंधेरे मे ही मंजिल, 
क्योंकी जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते"। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर

" मेरी दृष्टि में "  कड़ी मेहनत का परिणाम कुछ भी हो सकता है । सकारात्मक सोच वाले अच्छा परिणाम निकाल ही लेते है। कहते हैं मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है । 
- बीजेन्द्र जैमिनी 

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