क्या आत्मविश्वास से हमारी शक्तियों का प्रदर्शन होता है ?

आत्मविश्वास से ही जीवन में तरक्की मिलती है । अपने कत्तर्व्य का निर्वाह भी आत्मविश्वास के बिना सम्भव नहीं है । अपनी शक्तियों का निर्वाह करने के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है । यहीं कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को भी देखते हैं : -
विश्वास से ही बड़ी से बड़ी उपलब्धियां हासिल होती है और उस की कुंजी है आत्मविश्वास।
आत्म विश्वास ही हर लड़ाई को लड़ने की ताकत देती है और मनुष्य एक नई ऊर्जा का संचार करता है
विश्वास से ही हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं और आत्मविश्वास के बल पर ही एक व्यक्ति लक्ष्य को निर्धारित करने के बाद उसे पद और प्रतिष्ठा भी मिलती है।
आत्मविश्वास से बहुत बल मिलता है और आपने विश्वास के कारण बड़ी से बड़ी समस्या भी छोटी लगती है।
विश्वास से ही हमारा मन बुद्धि और कार्य करने की ऊर्जा मिलती है और हमारी इंद्रियां भी हमारे वश में ही रहती है।
टेंशन में सही काम भी गलत हो जाता है शरीर के अंग भी स्थल पर जाते हैं और सोचने समझने की शक्ति भी नष्ट हो जाती है नकारात्मक सोच उत्पन्न हो जाती है परीक्षा तो साल भर की मेहनत का परिणाम है मेहनत के बल पर बड़े से बड़े काम भी आसान हो जाते हैं चींटी पहाड़ चढ़ जाती है छोटा मनुष्य पर आत्मविश्वास रखें तो वह एवरेस्ट पर चढ़ सकता है हमेशा सोच ऊंची रखनी चाहिए करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात है सिल पर परत निशान रोज अभ्यास करने से हमारे मस्तिष्क में सब चीजें याद हो जाएगी और परीक्षा में हमारे अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा तनाव हमारे लिए फायदेमंद भी है और मुस्कान दे दी है किसी भी कार्य की चिंता का होना उस कार्य को करने के लिए एक दबाव डालता है महावीर ओं की वीरता का यही स्रोत उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है वैज्ञानिक भी आत्मविश्वास के बल पर बड़ी से बड़ी खोज करते हैं उस परीक्षा में वह भी उस दिन होते हैं उसी परीक्षा के बल पर मानव ने चांद पर कदम रखा और उसी आत्मविश्वास के बल पर भगवान ईश्वर को हम मानते हैं। आत्मविश्वास के बल पर बड़ी से बड़ी जंग जाती है। इतिहास में अनेकों उदाहरण है। परीक्षा के समय हमें अपने आत्मविश्वास को बनाए रखना चाहिए विश्वास व अमुक अचूक ब्रह्मास्त्र है जो जीवन की जगत की हर जंग को जीत सकता है चाहे वह भौतिक हो चाहे आध्यात्मिक जगत हो विश्वास की महत्वता सर्वोपरि होती है।
- प्रीति मिश्रा
 जबलपुर - मध्य प्रदेश
     जब तक मेहनत नहीं करेंगे, तब तक आत्मविश्वास जागृत नहीं हो सकता। जहाँ तक प्रश्न उत्पन्न होता हैं, आत्मविश्वास सर्वोपरि के कारण हमारी शक्तियों का विकेन्द्रीकरण होता जाता हैं और उसी के आधार पर कार्य करने की अभिलाषाऐं होती जाती हैं, अन्य जनों को भी कार्य करने कहा जाता हैं। शिशु को भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु नाना प्रकार से माँ शक्ति एवं अपनी सामर्थ्य अनुसार आकर्षित करनी होती हैं,  तभी जाकर वास्तविक तथ्यों का पता चल पाता हैं।  जितना हमारा हौसला अफजाई होगा, उतनी ही हमारी शक्तियों का संचार होगा। इसीलिए बड़े बुजुर्ग, ॠषि मुनियों को देखिये किस तरह से असिंचित को सिंचित करने का प्रयास करते थे, आत्मविश्वास से शक्तिओं का प्रर्दशन करते थे। लेकिन आज आत्म विश्वास की जगह नकारात्मक सोच में परिवर्तित हो गया हैं। जो मन में आता हैं, उसे करने में सफलता अर्जित करने में दिलचस्पी दिखाने का प्रयास करते हैं और अंत में बुरी तरह से सामना करना पड़ता हैं। क्या हम भविष्य से दुरियां बनाते हुए नहीं जा रहे हैं और अपना वर्चस्व स्थापित करने में असफल हो रहे हैं। यह सब हमारी नि:संकोच का ही परिणाम हैं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
आत्मविश्वास हमारी शक्तियों का प्रदर्शन है l विवेक प्रदान करने का श्रेय इसी को जाता है l आत्मविश्वास से हमारी संकल्प शक्ति और संकल्प हमें विकल्प के भँवर से बचाती है l जब हम संकल्प कर लेते हैं तो शक्ति प्रदर्शन स्वतः हो जाता है l नेपोलियन बॉर्ट ने इसी शक्ति के बल पर अपने सेनापति को कहा कि -अगर पर्वत हमारा रास्ता रोकता है तो उसे भी हटा दिया जायेगा l विशाल पर्वत को हटाकर रास्ता बना लिया, यह हमारी शक्ति का प्रदर्शन ही तो है l
आत्मविश्वास हमारे अंदर होता है आवश्यकता है, आंतरिक शक्तियों को एकाग्रीत कर उसे मजबूत करने की l
"यदि आत्मविश्वास है तो आपने आधी बाजी खेलने से पहले ही जीत ली l "
महाभारत में सुभद्रा पुत्र अभिमन्यु ही था जिसनेआत्मविश्वास और साहस के कारण  अकेले ही कौरवों से लोहा लिया l जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ सकते है परन्तुबहादुर वह हैं कि  हार निश्चित थी, फिर भी मैदान नहीं छोड़ा l
     -----चलते चलते
अधोगामी पतन के दौर में 
अधोगामी पतन के दौर में -
अब हवायेँ ही करेंगी, रोशनी का फैसला l
जिस दिये में जान होगी, वही दीप ज्योति बनेगा ll
      - डॉ. छाया शर्मा
 अजमेर - राजस्थान
जी सही है यह बात आत्मविश्वास से ही शक्ति का प्रदर्शन होता है। यह शक्ति शारीरिक ही नहीं, मानसिक और आर्थिक भी होती है। आपने खबरें पढ़ी होंगी कि भिखारी की मौत के बाद उसके पास से लाखों की नकदी मिली।उस धन का उपभोग न कर, दीन हीन जीवन उसने
आत्मविश्वास के ही अभाव में ही जिया। इसके अभाव में कितने ही कलाकार,वक्ता, अभिनेता, नेता,चित्रकार, अधिकारी, व्यापारी,लेखक,कवि सफलता से दूर हो जाते हैं। कारण वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन ही नहीं कर पाते। आत्मविश्वास के बल पर ही, कम योग्यता होते हुए भी व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुंच जाता है। आत्मविश्वास की कमी से व्यक्ति किसी प्रतियोगिता में,आयोजन में सक्रिय सहभागिता करता ही नहीं,तो शक्ति का प्रदर्शन कैसे होगा?और सफलता कैसे मिलेगी? इसलिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
आत्मविश्वास अपने आप में बहुत बड़ी शक्ति है. आत्मविश्वास के बिना न कोई कार्य सम्पन्न हो सकता है और सफलता का तो प्रश्न ही नहीं उठता है. आत्मविश्वास वस्तुतः एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है. आत्मविश्वास से ही विचारों की स्वाधीनता प्राप्त होती है और इसके कारण ही महान कार्यों के सम्पादन में सरलता और सफलता मिलती है. इसी के द्वारा आत्मरक्षा होती है. जो व्यक्ति आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है, उसे अपने भविष्य के प्रति किसी प्रकार की चिन्ता नहीं सताती. दूसरे व्यक्ति जिन सन्देहों और शंकाओं से दबे रहते हैं, वह उनसे सदैव मुक्त रहता है. यह प्राणी की आंतरिक भावना है. इसके बिना जीवन में सफल होना अनिश्चित है. जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मानव के लिए ऑक्सीजन तथा मछली के लिए पानी. बिना आत्मविश्वास के व्यक्ति सफलता की डगर पर कदम बढ़ा ही नहीं सकता. आत्मविश्वास वह ऊर्जा है, जो सफलता की राह में आने वाली अड़चनों, कठिनाइयों एवं परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है. अंत में हम यही कहेंगे, कि आत्मविश्वास से महज हमारी शक्तियों का प्रदर्शन ही नहीं होता है, आत्मविश्वास से शक्तियों का पुंज प्रकट होता है, जो जीवन में सफलता के लिए अत्यावश्यक है.
- लीला तिवानी 
दिल्ली
महान कवि श्री दुष्यन्त कुमार जी की ये पंक्तियां मनुष्य के आत्मविश्वास से उत्पन्न शक्ति को प्रदर्शित करती हैं....... 
"कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता। 
   एक  पत्थर  तो  तबियत  से  उछालो  यारो।।" 
आत्मविश्वास अर्थात स्वयं की क्षमता और शक्ति पर विश्वास करना। किसी भी कार्य की सफलता हेतु मनुष्य में आत्मविश्वास का होना अनिवार्य है क्योंकि प्रत्येक मनुष्य की आंतरिक शक्तियों को अपना प्रदर्शन करने हेतु आत्मविश्वास रूपी संबल की आवश्यकता होती है। मनुष्य के चिंतन को साकार रूप देने में आत्मविश्वास एक सीढ़ी की तरह कार्य करता है। 
आत्मविश्वासी की प्रमुख विशेषता यही है कि वह असफलताओं से टूटकर बिखरता नहीं है। वह सतत् परिश्रम करता है और अंततः सफल होता है। यह सफलता उसके मन-मस्तिष्क की शक्ति का प्रदर्शन करती है, जो उसके आत्मविश्वास के कारण ही फलीभूत होता है। 
"स्वय पर विश्वास, स्वयं की ताकत, स्वयं का हौसला, 
करके, आजमाके, परखके देख चमत्कार होगा।
मंजिले पुकारेंगी खुद, दूर करेगा रब हर फासला, 
कामयाबी का ताज तेरे सर का तलबगार होगा।।"
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड 
आत्मविश्वास किसी भी व्यक्ति के अंतर्निहित  एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति रुपी हथियार हैं  जो उसकी रक्षा भी  करती हैऔर सफल जीवन जीने के लिए उत्साहित भी करती है। आत्मविश्वास से भरा हुआ व्यक्ति चिंता रहित होकर भविष्य की योजनाओं में भी सफलता प्राप्त करता है। आत्मविश्वास के बिना जीवन नगण्यता की ओर चला जाता है । हमारी शक्तियों का प्रदर्शन नहीं हो पाता। व्यक्ति घबराहट में घिरा रहता है ,उसका मन  ही हारा रहता है और हारा हुआ मन कभी क्रियाशील नहीं बन पाता । जीवन में क्रियाशीलता नहीं तो सफलता कैसे ? अतः आत्मविश्वास ही मन की शक्ति है ,प्रेरणा है।  आत्मविश्वास से हमारी संकल्प शक्ति बढ़ती है और संकल्प शक्ति से ही हमारी आत्मिक शक्ति  उपजती है।  उस आत्मशक्ति के बल पर ही हम मेहनत, परिश्रम और अथक प्रयास करते हैं , अपनी योजनाओं को पूर्णता प्रदान करते हैं। आत्मविश्वास की भावना स्वयं पर भरोसा करना सिखाती है। यह आत्मविश्वास ही है जो मनुष्य को कभी बाधाओं के समक्ष झुकने/चूकने नहीं देता । चाहे वह परीक्षा भवन में बैठा हुआ परीक्षार्थी हो या सीमा पर युद्ध लड़ने की लिए तत्पर सैनिक हो । आत्मविश्वास के बिना भीतरी शक्तियां कभी उजागर नहीं हो पाती। अतः जीवन में सफलता पाने के लिए,अपनी शक्तियों का मूल्यांकन करने के लिए आत्मविश्वास बहुत ही जरूरी है।
- शीला सिंह 
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
        आत्मविश्वास से ही शक्तियों का प्रर्दशन सम्भव होता है। इतिहास साक्षी है कि बड़े-बड़े युद्ध आत्मविश्वास से जीते गये। 
        उदाहरणार्थ राजा रावण वनवासी श्रीरामजी से हर प्रकार से बलशाली था। कहते हैं कि राजा रावण महापंडित और शिव भक्त होने के साथ-साथ हर प्रकार की सुविधाओं से सम्पन्न था। जबकि श्रीरामजी मात्र वनवासी। फिर भी श्रीरामजी ने युद्ध को जीता। क्योंकि उनके पास सत्य का आत्मविश्वास था। इसी प्रकार श्रीकृष्ण जी ने अपनी समस्त लीलाएं आत्मविश्वास से ही प्रर्दशित की थीं।
        उल्लेखनीय है कि राजा पोरस ने अपना आत्मविश्वास उस समय दिखाया था। जब उसने हमलावर सिकंदर से हारने के बाद सिकंदर क
की कैद में उसके द्वारा यह पूछने पर कि बोल तुम्हारे साथ क्या सलूक किया जाए? जिसके प्रतिउत्तर में पोरस ने निडरता एवं आत्मविश्वास से कहा था कि जो एक राजा दूसरे राजा से करता है। ऐसी जिंदादिली से प्रसन्न होकर सिकंदर ने राजा पोरस को राज्य सहित स्वतंत्र कर दिया था। 
      आत्मविश्वास का ही उदाहरण "मन के जीते जीत है" पर मेरा स्वयं का संघर्ष दाव पर लगा है और 26 वर्षों से निरंतर अंतर्मन से संघर्षरत हूं। गीता का उपदेश भी आत्मविश्वास और कर्म पर आधारित है। अतः मेरे अंदर के अधिवक्ता अर्थात वकील अर्थात एडवोकेट की जो शक्ति बिना कानून की पढ़ाई के उदय हुई है और 237 पृष्ठों की एलपीए अंक 139/2020 दायर कर चुका हूं। वह आत्मविश्वास द्वारा प्रर्दशित अकल्पनीय अद्वितीय शक्ति ही तो है।
- इन्दु भूषण बाली
जम्म् - जम्म् कश्मीर
आत्मविश्वास एक देवीय शक्ति है।इसे मनुष्य के शक्तियों से नहीं आँकना चाहिए।
मनुष्य की शक्तियों का प्रदर्शन तन ,मन ,धन ,बुद्धि से होता है ।परंतु यदि आप में आत्मविश्वास का अभाव होगा तो आप कितना भी बुद्धिमान ,ताक़तवर या पैसे वाले हों ,आप आगे नहीं बढ़ पाते ।डर ,संकोच ,हीन भावना,जैसी कुंठाएँ आत्मविश्वास की कमी के कारण  आपको आगे बढ़ने से रोक देती हैं ।वहीं यदि आप में आत्मविश्वास है तो आप अपने मेहनत और क़ाबिलियत से आम से ख़ास बन जाते हैं।अत:आत्म विश्वास बुद्धि और ताक़त से भी बड़ा होता है ,हमारी सफलता की कुंजी हमारी शक्तियाँ नहीं बल्कि हमारा आत्मविश्वास ही है;तभी हम जीवन में सफल हो पाते है।
- सविता गुप्ता
राँची - झारखंड
किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए मोटिवेशन की जरूरत होती है। जिससे कार्य करने की शक्ति मिलता है तब आत्मविश्वास जागेगा तो वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी विजय प्राप्त कर सकता है।
*मिटा दो मन के डर को हासिल करो आत्मविश्वास को जीत लो जमीं को झुका दो आकाश को*।
इस काम के लिए आत्मविश्वास नहीं होगा तब तक कोई सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं चाहे आप की तैयारी शत-प्रतिशत क्यों ना हो। जीवन में हर काम अपने आत्मविश्वास के बलबूते पर ही किया जाता है इससे हमारा सकारात्मक दृष्टिकोण अगर अंदर नहीं होगा तो आत्मविश्वास तो दूर की बात है उसकी झलक भी हमारे अंदर नजर नहीं आएगी। जिसके कारण हम अपनी सफलता पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं कर सकते।
लेखक का विचार:-आत्मविश्वास एक मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति है जिसके बलबूते पर हम कठिन कार्य को स्वच्छता और सरलता से सिद्ध करके सफलता प्राप्त करते हैं।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
आत्मविश्वास व्यक्ति में तभी उत्पन्न होता है जब उसके द्वारा किये गए कार्य में सफलता मिलती है। यह शक्तियों का नहीं बल्कि सही निर्णय क्षमता का द्योतक है। शारीरिक शक्तियाँ तो बहुतों में पाई जातीं हैं, परन्तु उसका सही उपयोग कहाँ करना है यह समझदारी ही आत्मविश्वास की कुंजी है। 
मेरे विचार से आत्मविश्वास हमारी निर्णय क्षमता को प्रदर्शित करता है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
किसी के भी शक्तियों का प्रदर्शन उसके आत्म विश्वास से ही होता है। जिसके अंदर आत्म विश्वास होगा वही
अपने शक्ति को प्रदर्शित करेगा। जिसके अंदर आत्म विश्वास नहीं वो कुछ नहीं कर पायेगा। शक्ति प्रदर्शन तो दूर की बात है। किसी भी क्षेत्र का खिलाड़ी अपने शक्ति का प्रदर्शन अपने आत्म विश्वास के कारण ही करता है। कोई वजन उठाना हो, कोई मुश्किल कार्य करना हो, पहाड़ पर चढ़ना हो,दरिया पार करना हो, तो जिसके पास आत्म विश्वास होगा कि मैं ये काम कर सकता हूँ तो वही वो कार्य कर सकता है। कोई भी कार्य बिना आत्म विश्वास के नहीं हो सकता है। आत्म विश्वास रहेगा वही जीवन के  हर क्षेत्र में अपने शक्ति के प्रदर्शन को तैयार रहेगा। इसलिए हम ये बात कह सकते हैं कि आत्म विश्वास से ही शक्तियों का प्रदर्शन होता है।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" 
कलकत्ता - पं.बंगाल
आत्मविश्वास वह ऊर्जा है जो सफलता की राह में आने वाले हर अड़चनों कठिनाई और परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को बल देता है। एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारों ठोकरें खाने के बाद भी होता है।इसका अर्थ है कि मनुष्य को अपनी असफलता से प्रेरणा लेकर सफलता की ओर अग्रसर होते रहना चाहिए। यह सही है कि आत्मविश्वास ही हमारी शक्तियों का प्रदर्शन होता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा हुआ है, जिसका प्रदर्शन पूरे विश्व में हो रहा है। यह आत्मविश्वास का ही परिणाम है कि भारत में कोविड-19 की दो तरह के वैक्सीन का निर्माण कर पूरे विश्व में अपनी पहचान बना कर एक छाप छोड़ दिया है। आत्मविश्वास कहीं और से नहीं आता है, बल्कि व्यक्ति के अंदर ही समाहित होता है। बस जरूरत है अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को इकट्ठा कर अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने की। जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मनुष्य के लिए ऑक्सीजन और पानी। बिना आत्मविश्वास के मनुष्य सफलता की ऊंचाइयों पर कदम बड़ा ही नहीं सकता। आत्मविश्वास व ऊर्जा जो सफलता की राह में आने वाली हर अर्चना कठिनाइयों और परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को बल देती है। आत्मविश्वास से मतलब होता है स्वयं पर विश्वास होना। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत ही जरूरी है। कुछ लोगों का मानना है कि पैसा जुगाड़ और अच्छी शक्ल सूरत के साथ ही अपनी मंजिल को आसानी से पा सकते हैं, लेकिन यह काफी नहीं है। जब तक आप में आत्मविश्वास नहीं होगा तब तक अपनी मंजिल को पाना असंभव है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अमीरों कि सूची में टॉप पर स्थान रखने वाले मुकेश अंबानी शक्ल से बहुत सुंदर नहीं है, लेकिन करोड़ों अच्छे चेहरे वाले उनके अंडर में काम करते हैं। इसलिए आत्मविश्वास वह पूंजी है जिसके कारण हमारे शक्तियों का प्रदर्शन समाज परिवार देश और विदेश में होता है।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
    व्यक्ति के निजी जीवन के लिए जो प्रधान और महत्वपूर्ण गुण होता है, वह है उसका आत्मविश्वास। यह सच भी है कि जिस व्यक्ति का आत्मविश्वास जितना सशक्त होता है, वह उसके जीवन में उतना ही सफल होता है और इसके विपरीत जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है वह भले ही विविध गुणों से सम्पन्न हो, उतना सफल नहीं हो पाता, जितना वह सफल होने की योग्यता रखता है। आत्मविश्वास की कमी उसके उन्नत जीवन के लिए सबसे बड़ी विवशता और बाध्यता बनती है। इसीलिए व्यक्ति को स्वयं ही इसके लिए भरसक प्रयास करना चाहिए कि उसका आत्मविश्वास सशक्त बने। आत्मविश्वास सशक्त होने से उसमें निहित प्रतिभा के निखरने और सँवरने का पूरा-पूरा अवसर मिलता है। उसमें न कोई झिझक आड़े आती है, न भय। वह निसंकोच और निर्भीकता से अपने ज्ञान, कौशल को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने का दमखम रखता है। वह अवसर को खोज भी लेता है और उसका पूरा-पूरा लाभ भी ले लेता है। जबकि जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती है वे योग्य होते हुए भी पीछे रह जाते हैं।
सार यही कि आत्मविश्वास से हम इतने सामर्थ्यवान बन जाते हैं कि हम हममें निहित हमारी शक्तियों का प्रदर्शन सहज और सरलता से करने में सक्षम होते हैं। 
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
आत्मविश्वास शब्द हमारी आत्मा की अन्तरिक शक्ति को दर्शाता है ।जब हमारे अन्दर ,सत्य ,आत्मसंयम ,धीरता और मेहनत जैसे अनेक सद्गुण इकठ्ठा होते हैं ।तब हम आत्मविश्वास को पाते हैं कहने का अर्थ है अच्छे कर्मों को करके 
आत्मविश्वास की शक्ति आती है  जो लोगों को साफ दिखाई पड़ती है  ।कर्म के जरिए अपने अन्दर हम कई तजुर्बे  संजो लेते हैं  जो धीरे -धीरे बढ़ते ही रहते हैं और हम  पराजय में भी ,जय ढूँढ़ लेते हैं ।
मुश्किल को मुस्कुरा कर हल करना  हमारी आदत बन जाती है । आत्मविश्वासी वयक्ति को अपने  ही नहीं दूसरों के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए  ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
देखने वालों को तो यही लगता है क्यों कि सदा से दूसरे की थाली में लड्डू बड़ा नजर आता है।  मेरा आत्मविश्वास मेरे द्वारा अनन्य अभ्यासों का फल होता है जो आमतौर पे सामान्य प्राणियों को जिनसे हमारा साबका सीधा २ नहीं होता, न ही हमारी दिनचर्या जीवन शैली उन्होंने कभी देखी होती है ऐसे लोग जब हमारे श्रम से अर्जित आत्मविश्वास का दीदार करते हैं या उस आत्मविश्वास से अर्जित उपादेयों से *डाह व्याधित होते हैं तो यही कहते है रहने दे  क्यों ख़ामख़ा *फूंड मार रहा है पंजाबी में फूंड मारने का मतलब अकड़ दिखाना *खामख्वाह अपनी *शक्ति का प्रदर्शन* करना या अपनी शान दिखाना आदि आदि।  कहलाता है 
ऐसे व्यक्ति कभी भी किसी के गुणों का / एटीएम विश्वास का  आदर तो क्या दूर तक एक सम्मान का शब्द भी इस्तेमाल नहीं कर सकते / असल में हमारा *आत्म विश्वास * हमारी पांचभौतिक क्षमताओं का मानसिक आत्मिक सामर्थ्य कपरिचयक है न कि शक्ति का प्रदर्शन।  - डॉ. अरुण कुमार शास्त्री
दिल्ली
साँप काटने से जितनी मौत नहीं होती होगी उससे कहीं ज्यादा मौत इस भय से हो जाती है कि,"मुझे साँप ने काट लिया।"
नेपोलियन ने आतविश्वास में डूबकर अपनी शक्ति से ओतप्रोत होकर कभी अपने सेनापति से कहा था कि "यदि आल्पस पर्वत हमारा मार्ग रोकता है तो वह नहीं रहेगा और सचमुच उस विशाल पर्वत को काटकर रास्ता बना लिया गया।"
दशरथ मांझी जिन्हें "माउंटेन मैन" के रूप में भी जाना जाता है, बिहार में गया के करीब गहलौर गाँव के एक गरीब मजदूर थे। केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। 
अतः हमारी शक्तियों का प्रदर्शन हमारे आत्मविश्वास से भी होता है...।
- विभा रानी श्रीवास्तव
    दिल्ली
आत्मविश्वास से हमारी शक्तियों का प्रदर्शन हो यह बात सौ प्रतिशत सही नहीं है।  शक्तियों से तात्पर्य हमारे अन्तर्निहित गुण हैं।  ऐसे भी उदाहरण हैं कि अत्यधिक गुण होने पर भी उसमें आत्मविश्वास नहीं झलकता। वर्ष 1904 में सर विलियम रामसे को निष्क्रिय गैसों की खोज तथा पीरियाडिक टेबल में उनके स्थान के बारे में बताने के लिए रसायन शास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एक बार रायल सोसायटी में राजपरिवार के सामने उन्हें भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपना भाषण तैयार किया पर जिस दिन उन्हें भाषण देना था उस दिन वे बहुत नर्वस हो गए। खचाखच भरे हाल में उनके नाम की घोषणा की गई। जैसे ही स्टेज पर आने के लिए दरवाजा खोला गया तो उनके स्टेज पर आने के कोई संकेत नहीं मिले। मालूम करने पर पता चला कि वे दूसरे दरवाजे से भाग गए थे और फिर स्टेज पर लौट कर नहीं आये। नोबेल पुरस्कार विजेता होने के बावजूद उनमें आत्मविश्वास की झलक नहीं मिली। दूसरा उदाहरण है अल्बर्ट आइंस्टीन के ड्राइवर का जिन्हें अल्बर्ट आइंस्टीन के अधिकतर भाषण याद थे। एक बार ड्राइवर ने जिद पकड़ी कि एक आयोजन में जहां अल्बर्ट आइंस्टीन को लोग चेहरे से नहीं जानते थे वह भाषण देगा। अल्बर्ट आइंस्टीन ने हैरान होते हुए हामी भर दी। भाषण हुआ। तालियां बजीं। एक प्रोफेसर ने ड्राइवर से एक प्रश्न पूछ लिया। अल्बर्ट आइंस्टीन इसी मौके की तलाश में थे। परन्तु ड्राइवर में गजब का आत्मविश्वास था। उसने अल्बर्ट आइंस्टीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरा ड्राइवर ही आपको समझा देगा।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
जी बिल्कुल आत्मविश्वास एक बहुत बड़ी ताकत है ।
जीवन में आत्मविश्वास का कितना महत्व है या इसके पहले शब्द आत्मा से ही पता चलने लगता है ।
आत्मविश्वास कहीं न कहीं आत्मा की शक्ति को परिलक्षित करता है। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन का आत्मविश्वास बढ़ा कर ही उनको विजय हासिल करवाने में सक्रिय भूमिका निभाई। आत्मविश्वास  वाकई बहुत बड़ी शक्ति है ।
कहते हैं कि मन के जीते जीत है मन के हारे हार ,,,,।
आत्मविश्वास से हमें विवेक प्राप्त होता है जो हमें चुनौतियों से जूझने की ताकत देता है और लक्ष्य के मार्ग पर अग्रसर करता है।
 आत्मविश्वास हमारे संकल्प शक्ति को बढ़ाता है और हर संकल्प शक्ति में कोई न कोई खास बात होती ही है। आत्मविश्वास एक मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति है, यह हमारे जीवन को बहुत में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है ।
आत्मविश्वास एक ऐसी पूंजी है जो कभी खत्म ना होने वाली हो, जिसके पास यह पूंजी है वह कभी पराजित हो ही नहीं सकता ।
यह हमारी शक्तियों का द्योतक है।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
"चलता रहुंगा पथ पर चलने में माहिर बन जाऊंगा, 
            या
तो मंजिल मिल जायेगी
             या 
अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा"
 ऊपर लि़खी  पंक्तियों से आत्मविश्वास साफ झलकता नजर आ रहा है, 
यह सच है कि  किसी भी कार्य में सफल होने के लिए मेहनत की जरूरत होती है, 
मगर कईबार हम मेहनत से पहली बार सफल नहीं भी हो सकते  तब हमारे मन में शंका सी पैदा होने लगती है, कि क्या हम उस कार्य में सफल हो पांयेगे या नहीं, 
उस समय हमें एक ही शक्ति जाग्रित करती है वो है  हमारा आत्मविश्वास, 
तो आईये आज आत्मविश्वास पर ही चर्चा करते हैं कि क्या ़आत्मविश्वास से ही हमारी शक्तियों का प्रदर्शन होता है? 
 मेरा मानना है कि आत्मविश्वास से हमारी  संकल्प शक्ति वढ़ती है और  संकल्प शक्ति से वढ़ती है हमारी आत्मिक शक्ति, 
आत्मविश्वास वह अद्भुत शक्ति है जिससे मानव हजारों मुसीवतों का सामना अकेला कर सकता है, 
महान कार्यों को करने के लिए आत्मविश्वास सबसे एहम होता है, और आत्मविश्वास ही इंसान को काम करने की शक्ति प्रदान करता है व इसकी कमी से इंसान नाकारात्मक सोच वाला बन जाता है, 
इसलिए हमें स्वंय के महत्व को जानना चाहिए, 
आत्मविश्वास  का धनी  व्यक्ति समय पर पके फलों को खाता है और उनके बीज से पुना फल उतपन्न करता है, 
लेकिन जो इंसान आत्मविश्वास को खो देता है  वो कहीं का नही रह जाता, 
यहां तक की आत्मविश्वास भरा होने से सारे सपने व इच्छाएं सम्पूर्ण होती हैं, इसलिए असफलता मिलने पर भी आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए, 
यह सच है विहार के मांझी ने आत्मविश्वास के बलबूते लोगों की परवाह  न करते हुए अकेले ही २२बर्ष तक पहाड़ पर रास्ता बना कर दिखाया जिसकी सराहना सारी दूनिया करती है, यह सब उसका आत्मविश्वास ही था, 
यही नहीं संसार में वड़े से वड़े कार्य आत्मविश्वास के बलबूते से हुए हैंऔर हो रहे हैं व होते रहेंगे, 
आखिर यही कहुंगा आत्मविश्वास वीरता का सार है व दृढ आत्मविश्वास सफलता की एकमात्र कुन्जी है, जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास इतना ही जरूरी है  जितना मानव के लिए आक्सीजन तथा मछली के लिए जल, 
आत्मविश्वास वह ऊर्जा है जो सफलता की रा़ह मेंआने वाली अड़चनों, कठिनाइयों एंव परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है, 
इसलिए वर्तमान मेंअगर हमें कुछ करना व पाना है  व किसी भी क्षेत्र में कुछ कर दिखाना है तो इन सब के लिए आत्मविश्वास का होना परम आवश्यक है, इसी आत्मविश्वास ने कोलंबस की अमेरिका की खोज में सहयोग दिया था, आत्मविश्वास मनुष्य के अन्दर ही समाहित होता है इसे कहीं से लाने की जरूरत नहीं, बस जरूरत है अपने अन्दर की आंतरिक शक्तियों को इक्टठे करके अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने की, 
सच है, 
सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो, 
जिन्हें छत तक , 
            जाना है
मेरी मंजिल तो आसमान है, 
रास्ता मुझे खुद बनाना है। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मु कश्मीर
अवश्य हम कह सकते हैं चूंकि जब हमारे आसपास का वातावरण सकारात्मकता लिए हुए रहता है तो हमारा आत्म- विश्वास बढ़ जाता है  ! किसी भी कार्य को अंजाम देने के लिए आत्म विश्वास का होना अत्यंत आवश्यक है किंतु आत्म-विश्वास के साथ संघर्ष ,मेहनत ,लगन ,जूनून का होना भी आवश्यक है इससे हमारी संकल्पता बढ़ती है ! 
आत्म विश्वास तो होना चाहिए किंतु बहुत बार जब हम ओवर कोन्फिड़ेंस हो जाते हैं तब हमे यह शक्ति भारी पड़ जाती है ! 
आज कोविद को लेकर हम सभी कितने परेशान थे किंतु कहीं न कहीं हमें पूर्ण विश्वास था कि हम  इसे भगाने में सफल होंगे और पूरी ताकत ,मेहनत ,लगन और जूनून के साथ काफी संघर्ष के बाद आखिर सफलता मिल गई ! इसका कारण हमारी सोच सकारात्मक थी !
मोदी जी ने चीन के हर सामान का बहिष्कार कर आत्मनिर्भर बन स्वयं अपने ही देश में सामान बनाने का बीड़ा लिया उन्हें पूर्ण विश्वास था कि हमारा देश अवश्य सफल रहेगा !लोगों को प्रोत्साहित कर उनमे आत्म विश्वास जगाया और आज कोविद की वैक्सीन भी हमारी अपनी देन है ,स्वदेशी है ! आज हम किसी के मोहताज नहीं हैं ! नकारात्मकता हमें पगु बनाती है वहीं सकारात्मक सोच हमारी शक्ति बन हममें आत्म -विश्वास जगा हमें आत्म निर्भर बनाती है !
वयस्क होने पर व्यक्ति का आत्म विश्वास ही होता है जो उसकी ताकत होती है एवं वह जब तक जीवन जीता है अपने इसी आत्म विश्वास के साथ कदम दर कदम कार्यरत रहता है !
आत्म विश्वास से हमारी सफलता के झंडे जो गड़ रहे हैं उससे हमारी शक्ति का प्रदर्शन विनम्रता लिए हुए दिखाई तो दे रही है !
               - चंद्रिका व्यास
              मुंबई - महाराष्ट्र
            यह सत्य है कि आत्मविश्वास मानव का एक महत्वपूर्ण गुण है। आत्मविश्वास  से हमारी मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति प्रकट होती है। यदि व्यक्ति में आत्मविश्वास नहीं है तो अपनी सामान्य बात भी दूसरों के सामने अच्छी तरह या मजबूती से नहीं रख पाता है। अपनी बात को मजबूती से रखने के लिए, अपनी बात को दूसरों से मनवाने के लिए, अपनी बात को एक महत्वपूर्ण आधार देने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत आवश्यक है । हमारे विचारों की स्वाधीनता भी हमारे आत्मविश्वास पर निर्भर करती है।दुनिया में हर क्षेत्र में विकास  आत्मविश्वास की ही देन है। यदि व्यक्ति में आत्मविश्वास नहीं होगा तो  फिर वह अपने  कदम किसी महान कार्य के लिए कभी नहीं बढा पाएगा और अगर बढ़ाता भी है तो  आत्मविश्वास की कमी के कारण पीछे हट जाएगा ।आत्मविश्वास के बिना किसी भी कार्य को संपन्न करने में उसे  बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है ,इसलिए यह कहना नितान्त   सत्य है कि आत्मविश्वास से ही हमारी शक्ति का प्रदर्शन होता है आत्मविश्वास से रहित व्यक्ति किसी भी उच्च कोटि के कार्य को संपादित करने में सफल नहीं हो पाता है।आत्मविश्वास से हमारी शक्ति का प्रदर्शन होता है ।
- डॉ अरविंद श्रीवास्तव 'असीम'
 दतिया - मध्य प्रदेश
        मन के जीते जीत है, मन के हारे हार "अर्थात सफलता की जीत उसे मिलती है जिसे सफलता पर विश्वास होता है अथवा आत्मविश्वासी होते हैं और जिन्हे अपनी शक्ति पर विश्वास है। बहुत से लोग अपनी आत्मविश्वास की शक्ति से असंभव लगने वाले काम करके दुनिया को चमत्कृत कर देते हैं। जब मन हार जाएगा ,विश्वास डगमगाने लगे तो हार निश्चित है। 
            आत्मविश्वास मनुष्य की शक्तियों को संगठित करके उन्हें एक दिशा में लगाता है फिर शारीरिक और मानसिक शक्तियां आत्मविश्वासी के नियंत्रण में रहती हैं। उत्साह, साहस,स्फूर्ति, आशा,उमंग के साथ जीना ही जीवन है। यह सब वहीं रहते हैं, यहां आत्मविश्वास होता है ।इब्राहीम लिंकन  आत्मविश्वास के कारण अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए थे।मनुष्य जितना भी विद्वान, गुणवान, शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन यदि उसके में आत्मविश्वास नहीं तो वह विद्वान होकर भी मूर्ख कहलाएगा ।आत्मविश्वास वह ज्योति है जिस से मनुष्य के व्यक्तितव के गुण,स्वभाव सब प्रकाशयुकत बन जाते हैं। आत्मविश्वास से हमारी भीतर की शक्तियों का प्रदर्शन होगा ।हमें अपने अंदर की शक्तियों को पहचानना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर कोई न कोई खास बात होती है। बस जरूरत होती है अपने अंदर की उस खास शक्ति को पहचान कर आत्मविश्वास को मजबूत करने की। आत्मविश्वास इतना शक्तिशाली  और मजबूत साधन है जो हमें मंजिल तक पहुँचा सकता  है ।आत्मविश्वास भावी उन्नति की पहली सीढ़ी है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त हो सकती है यदि हम आत्मविश्वास से लबरेज़ हैं।कई लोग आत्मविश्वास के अभाव के कारण  अपने भीतर की शक्तियों को प्रदर्शित नहीं कर पाते।जब तक आत्मविश्वास नहीं होगा तब तक हम कोई भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। आत्मविश्वास से ही हमारी भीतर की शक्तियों का प्रदर्शन होगा।
- कैलाश ठाकुर 
नंगल टाउनशिप - पंजाब
आत्मविश्वास एक अद्भुत शक्ति है जो हर मुश्किल को आसान कर देती है यदि मन में हो विश्वास तो पूरे होंगे पूरे काम।
यह एक ऐसी ऊर्जा है जो इंसान को सिर्फ प्रेरणा ही नहीं देती लग्न की ताकत देती है हौसला बुलंद करती है कार्य करने के लिए हिम्मत भी झुका देती है और आत्मविश्वास के बल पर नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिया जाता है आत्मविश्वास को पैदा करने के लिए विचारों में सकारात्मकता लाना होगा।
मन से डर को भगाना होगाआत्मविश्वास शारीरिक और मानसिक दोनों शक्तियों का प्रदर्शन करती है
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
जी ,आत्मविश्वास से हमारे कार्य में कार्य में प्रगति होती है ।हम अधिक मन लगाकर काम करते हैं और दृढ़ विश्वास से उसे हर हाल में पूर्ण करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। जब कार्य पूर्णतया समर्पित होकर आत्मविश्वास के साथ किया जाएगा तो निश्चित रूप से व्यक्ति की शक्तियों का प्रदर्शन भी होगा और उसमें निखार भी आएगा। आत्मविश्वास हमारी परिपक्व मानसिकता का प्रदर्शक है जिसके बलबूते पर हम कार्य पूर्णता का विश्वास रखते हैं और भली-भांति संयोजित करके पूर्णता लाते हैं। उसमें कोई  दंभ नहीं होता बल्कि अपनी कार्यक्षमता लगन और विश्वास सहित अपनी कार्यविधि पर नियंत्रण होने की आशा रहती है ।अतः कह सकते हैं कि आत्मविश्वास हमारी शक्तियों का प्रदर्शक भी होता है या यूं कहें कि आत्मविश्वास से हमारी शक्तियों का प्रदर्शन होता है।
- श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
 नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश

" मेरी दृष्टि में " आत्मविश्वास से परिपूर्ण जीवन ही सर्वश्रेष्ठ कहा जाता है । बिना आत्मविश्वास के जीवन नीरस है ।अपनी शक्तियों का प्रर्दशन भी आत्मविश्वास से होता है । यही जीवन का राज भी है।
- बीजेन्द्र जैमिनी 

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