वरिष्ठ लघुकथाकार आनंद बिल्थरे नहीं रहे


 बालाघाट : इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान के आजीवन सदस्य, साहित्य विद्श्री वन विभाग से सेवा निवृत्त वयोवृद्ध आनंद बिल्थरे अब नहीं रहे,  वे कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। स्व. बिल्थरे प्रतिष्ठित लेखक,लघुकथा, कहानीकार, कवि थे, जिनकी रचनाएँ देश की लब्ध पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर  प्रकाशित होती रहती थी, आकाशवाणी तथा मंचों पर रचनाएँ प्रस्तुत कर रसावादन करते थे हुए अमिट छाप छोड़ गए। आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार "वीर", श्रीमती कविता गहरवार, श्रीमती प्रमिला विजेवार, हरिलाल नगपुरे, कंचन सिंह ठाकुर, गणेश प्रसाद यादव, उदेलाल नागेश्वर आदि ने   उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा मृतात्मा को शांति तथा परिवार जनों को ब्रजपात सहन करने की शक्ति दे ईश्वर से प्रार्थना की गई।

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