क्या एक लक्ष्य के अनेंक रास्ते हो सकते हैं ?

जीवन में लक्ष्य बहुत जरूरी है । लक्ष्य को पाने के लिए अनेक रास्ते अवश्य होते हैं । उनमें सही रास्तें का चुनाव करना होता है । सही रास्ते का मतलब सफलता है । ऐसे बहुत से रास्तों पर चलना होता है । यही कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है। अब आये विचारों को देखते हैं : -
जी हां,एक लक्ष्य के अनेक रास्ते हो सकते हैं।
होते भी हैं। इन रास्तों में से अपने अनुकूल मार्ग को चुनकर लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है। इस मार्ग के साथ साथ उचित संसाधन होना भी 
अनिवार्य होता है। मान लीजिए,लक्ष्य है किसी निश्चित स्थान पर पहुंचना। अब हम मार्ग चुन लें , फिर यात्रा का उचित संसाधन भी ले। बस,ट्रेन, हवाई जहाज,मोटरबोट आदि। 
यदि किसी का लक्ष्य चिकित्सा क्षेत्र में जाना है,और नीट क्वालीफाई हो नहीं पा रहा, तो वह फार्मेसिस्ट,पैथोलोजिस्ट जैसे मार्ग चुन सकता है। ऐसे कई उदाहरण हो सकते हैं।
हर क्षेत्र में यह बात लागू होती है। कुछ अपवाद हो सकते हैं लेकिन अधिकतर कई राह मिलती ही हैं।
इसमें एक यह भी तथ्य है कि कोई अच्छा लक्ष्य निर्धारित कर लेने पर उसकी प्राप्ति में प्रकृति भी भरपूर मदद करती है। बस अपनी क्षमताओं का आकलन कर लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत है। बहुत से मार्ग सामने दिखाई देने लगते हैं।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
 धामपुर - उत्तर प्रदेश
जी हां एक लक्ष्य के अनेक रास्ते हो सकते हैं  कहने का अभिप्राय है  कि एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाकर  उसे असल रूप दिया जा सकता है लेकिन वो रास्ते गलत दिशा की ओर ले जाने वाले नहीं होने चाहिए । लक्ष्य प्राप्ति के लिए संघर्ष और प्रयास विशेष गुण माने गए हैं ।लक्ष्य हमारे समय को उपयोगी बनाकर उसकी कीमत बढ़ाता है। हर व्यक्ति के मन में कोई ना कोई लक्ष्य अवश्य होता है । लक्ष्य हमारा ध्यान अपनी ओर खींचता है । लक्ष्य का पहला चरण सपना देखना होता है ,उस सपने को वास्तविक रूप देना ही लक्ष्य प्राप्ति है।  लक्ष्य पूर्ति के लिए अनेक रास्ते हो सकते हैं मगर वो नेक होने चाहिए। 
- शीला सिंह 
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
मनुष्य एक चिंतनशील प्राणी है सदा वह जीवन में आगे बढ़ना चाहता है। इसी कारण वह अपने दृढ निश्चय लगन और साहस से सदैव अपने कार्य क्षेत्र में प्रयासरत रहता है। किस दिशा में प्रयास करना है इसका निर्णय लक्ष्य के आधार पर  जीवन सुखमय कर सकता है।
मनुष्य का जीवन एक ऐसी धारा है जिसे लक्ष्य निर्धारण द्वारा उसे उचित दिशा में मोड़ सकता है।
लेखक का विचार:--जीवन में सफलता पाने के लिए अनेक रास्ते हैं उनमें सही मार्ग को चुनकर लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, तथा माता-पिता एवं शिक्षक के दिशा निर्देश को भी पालन करना कर्तव्य समझें।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए अर्थात लक्ष्य प्राप्ति के लिए इंसान हर तरह से प्रयास करता है। उद्देश्य केवल लक्ष्य को प्राप्त करना ही होता है पर कई तरह के तरीके आजमाए जाते हैं या कहें अपनाए जाते हैं। उन्हीं तरीकों पर आगे चलकर प्रयत्न करके सफलता पाने की कोशिश की जाती है। सही ढंग से सही दिशा में लिया गया निर्णय एवं किये गये कार्य से ही सफलता हासिल होती है। कार्य हमेशा लक्ष्य केंद्रित होना चाहिए। थोड़ी सी भी चूक लक्ष्य प्राप्ति में बाधक हो सकती है। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हुए लगन पूर्वक किए गए प्रयास से लक्ष्य साधा जा सकता है।
-  गायत्री ठाकुर "सक्षम" 
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
       संभवतया एक ही लक्ष्य प्राप्ति के अनेक रास्ते होते हैं। जैसे स्वतंत्रता संग्राम में हमारे स्वतंत्रता प्रेमी शूरवीरों ने स्वतंत्रता के लिए अनेकों मार्ग बनाए थे। जिनमें से गर्म दल और नर्म दल प्रमुख हैं। ताकि ब्रिटिश सरकार से नर्म दल वार्ता कर सके और गर्म दल उनकी क्रूरतापूर्ण करतूतों का दंड देते हुए लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सके।
       उल्लेखनीय है कि "लक्ष्य" अढ़ाई अक्षरों से निर्मित शब्द एक जन्म में तो क्या बार-बार जन्म लेने पर भी चुनौती ही बना रहता है। जिसे साधने के लिए चौरासी लाख योनियों में भटकना पड़ता है। परन्तु मानव जीवन का निर्धारित एकमात्र लक्ष्य "मोक्ष" की प्राप्ति होता है‌।जिसे परमपिता परमात्मा की प्राप्ति और उन्हीं में समा जाने को कहते हैं।
       अतः मानव को अपना एक लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए। जैसे मैंने सम्पूर्ण न्याय प्राप्ति का पवित्र लक्ष्य निर्धारित कर रखा है और विभिन्न सरकारी माध्यमों एवं संस्थानों से जूझते हुए पुनः माननीय जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में अपने निर्धारित इकलौते लक्ष्य "सम्पूर्ण न्याय" हेतु माननीय मुख्य न्यायाधीश के समक्ष नतमस्तक हूं।
       क्योंकि मैं अपना अनमोल जीवन "देशभक्ति" के साथ-साथ देश की चरमराई संवैधानिक न्याय व्यवस्था को सुधारने एवं मानव कल्याण के लिए अर्पित कर चुका हूं।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
एक लक्ष्य के अनेक रास्तें हो सकते हो जिस पर चलकर हम मंजिल तक पहूंच सकते हैं।जीवन की गतिविधियों में अनेक प्रकार के रास्तों का उपयोग किया जा सकता है और लक्ष्य की ओर आकर्षित हो सकते है।एक लक्ष्य पंरतु राह अनेक हैं हम जीवन की हर राह पर चल कर लक्ष्य को पा सकते है।हम विपरीत परिस्थितियों में भी अनेक राहों से गुजर सकते हैं लक्ष्य प्राप्ति के अन्य राह जिसे हम जीवन की खुशियों को पा सकते हैं ।लक्ष्य की सीढियों पर चलकर जीवन की उच्चतम स्तर के मंजिल को प्राप्त करने की भूमिका निभा सकते हैं।लक्ष्य का होना जिंदगी के लिए अनमोल उपहार हैं जिसे हमें पाने के लिए विभिन्न प्रकार के कठिनाइयों से हम गुजरते है और अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते है।मानवता को एक आधार देने हेतू लक्ष्य की सीमा होती हैं जिसे मानव को हर प्रकार से प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।
हमारी संस्कृति को मंजिल तक ले जाने हेतु तथा खुद को लक्ष्य तक ले जाने के रास्तों का सही उपयोग करना चाहिए।जीवन की गाडियां धीमी आंच और तेज आँच पर मिलकर चलती हैं उसी प्रकार लक्ष्य के अनेक प्रकार रास्तों का होना तय है ।संबल संयम से कार्य करने की संवेदनशीलता हो।लक्ष्य खुद वखुद चौखट तक दस्तक देती हैं ।हम मानव संसाधन प्रबंधन के रूप में बेहद गलतियों को करते है जिसकारण लक्ष्य पीछे छोड़ देते हैं।पंरतु लक्ष्य को प्राप्त करने के विभिन्न रास्तों को अपना कर मंजिल की ओर बढ़ सकते हैं।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर -  झारखंड
     जीवन-यापन करने के लिये एक जो सबसे बड़ी विशेषताओं की ओर ध्यानाकर्षण करना जरूरी हैं, कि एक लक्ष्य निर्धारित होना अति आवश्यक हैं, जिसके परिपेक्ष्य में हम अग्रसर नहीं हो सकते। जैसा अर्जुन ने अपना वर्चस्व स्थापित करने में  लक्ष्य किया और सफल हो गये, भले ही उन्होंने अनेकों साम्राज्यों से विवाहिता संबंध स्थापित किया हो। इसी परिदृश्य में मानव को भी अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए, अनेकानेक कार्यों को सम्पादित करने विभिन्न रास्तों का चयन करना चाहिए।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
लक्ष्य एक होता है परन्तु रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। रास्ते चुनना व्यक्तिगत आचार-विचार पर निर्भर होता है। यह काम करने की प्रकृति पर भी निर्भर है। 
एक व्यक्ति वैष्णव देवी की यात्रा पैदल करता है। लेकिन कुछ लोग खच्चर के सहारे यात्रा करते हैं और अब तो गाड़ी के द्वारा भी माता के दर्शन करने की सुविधा प्राप्त हो जाती है। 
इसलिए अपनी क्षमता का सही आकलन कर ही मंजिल तक पहुँचने की राह का चुनाव करना बुद्धिमानी है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
कई व्यक्तियों का लक्ष्य एकसमान हो सकता है और उनकी अपनी-अपनी समझ के अनुसार लक्ष्य प्राप्ति के उनके रास्ते भी अलग-अलग हो सकते हैं। 
परन्तु एक व्यक्ति के सन्दर्भ में इस प्रश्न का उत्तर तो यही है कि यदि "लक्ष्य एक है, रास्ते अनेक हैं तो फिर भटकाव निश्चित है।" 
एक उदाहरण देता हूँ कि यदि मनुष्य ज्ञान प्राप्ति के लक्ष्य को साधने हेतु अनेक गुरुओं की शरण में जाता है तो सबकी अलग-अलग विचारधारा के कारण वह भटकता ही रहेगा।"
जीवन की प्रत्येक अवस्था में किसी-न-किसी लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु मनुष्य को साधना करनी होती है। विभिन्न साधन को अपनाकर साध्य करने वाले एक दिन चौराहे पर खड़ें होते हैं, जहाँ पर उन्हें सूझता ही नहीं कि अब जायें तो जायें कहाँ। 
लक्ष्य जब मछली की आँख के जैसा हो तो अर्जुन के समान एकमात्र सीधे रास्ते पर ही दृष्टि गड़ानी होती है। यदि मनुष्य ने लेशमात्र भी दाँये-बाँये देखा तो लक्ष्य की प्राप्ति असंभव है। 
इसीलिए कहता हूँ कि...... 
निष्ठा, लगन, मेहनत से लक्ष्य सारे मिल जाते हैं। 
मन को नियन्त्रित कर एक राह जो चलते जाते हैं।।
सफलता का वरण करेगा अवश्य समर्पण उनका, 
लक्ष्य पर जो आँख टिकाते वही 'अर्जुन' बन जाते हैं।।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड
 जी हां मनुष्य का  लक्ष्य एक ही होता है लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनेक रास्तेअर्थात अनेक पडाव हो सकते हैं। चाहे कितने भी रास्ते हो सभी को लक्ष्य तक पहुंचना होता है। लक्ष्य तक पहुंचने से ही मनुष्य संतुष्ट होता है और इसी लक्ष्य को पाने के लिए मनुष्य शरीर यात्रा कर रहा है। जब तक यह रास्ता नहीं मिल जाता और लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाता तब तक यह शरीर यात्रा होता ही रहता है अतः लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कोई भी रास्ता हो चुनकर पहुंचा जा सकता है।
 - उर्मिला सिदार
 रायगढ़ - छत्तीसगढ़
बिना लक्ष्य के जीवन आधारहीन और बोझ लगता है ! प्रथम तो हमें लक्ष्य का निर्धारण अपनी योग्यता एवं रुचि के अनुसार करना चाहिए! हां लक्ष्य  भिन्न भिन्न हो सकते हैं किंतु प्राप्ति का मार्ग एक ही होना चाहिए !
दूसरी बात हमारा ध्यान हमारे लक्ष्य की सफलता की दिशा में ही होना चाहिए! अलग अलग तरीके से लक्ष्य प्राप्त करने की सोचने से हम भटक जाते हैं! एकबार में हम एक ही रास्ते पर चल सकते हैं! 
लक्ष्य निर्धारित कर चलने से सफलता अवश्य मिलती है इसका यह मतलब नहीं कि यदि हमें चुने हुए तरीके से लक्ष्य में सफलता प्राप्त नहीं होती तो हम नए रास्ते और नए तरीके अपनाएं हमें संघर्ष और कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ पुनः प्रयत्न करना चाहिए ! 
लक्ष्य में सफलता प्राप्ति के लिए  हमें रास्ते बदलने की नहीं संघर्ष, परिश्रम, आत्मविश्वास  की जरुरत है !
एक लक्ष्य के लिए एक ही रास्ता होना चाहिए वरना हम रास्ते से भटक जाते हैं! 
              - चंद्रिका व्यास
              मुंबई - महाराष्ट्र
एक लक्ष्य के अनेक रास्ते हो सकते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं।  प्रश्न यह है कि हम उस लक्ष्य को पाने के लिए कौन-सा मार्ग अपनाते हैं?  ईमानदारी का या बेईमानी का, सत्य का या असत्य का, विवेकपूर्ण या विवेकहीन, किसी को दुःख देकर या सुख देकर, किसी को रुलाकर या हंसाकर ! यह निर्णय हमारा होता है।  
- सुदर्शन खन्ना 
 दिल्ली
       जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरूरी है।जब हम लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो उस लक्ष्य के प्राप्त करने के अनेक रास्ते हो सकते हैं। सही रास्ते का चुनाव करना ही सब से बड़ी उपलब्धि है। अगर एक बार सही पथ पर चल पड़े तो हम रास्ते की बाधाओं को भी आसानी से दूर कर लेते हैं। 
              कई बार जल्दी मंजिल पाने के चक्कर में लोग शार्ट कट के रास्ते को अपनाते हैं, चाहे वो कितना भी गंदगी भरा हो। हमें लक्ष्य को पाने के लिए ठीक रास्ते का चुनाव करना चाहिए। "सहज पके सो मीठा हौय" पर चलना चाहिए। यह बात सही है कि लक्ष्य पाने के अनेक रास्ते हो सकते हैं। जल्द बाजी की बजाय हौसले, सब्र-संतोष, बुद्धि और विवेक से काम लेना चाहिए। 
- कैलाश ठाकुर 
नंगल टाउनशिप - पंजाब
अपने अंतर्मन की खोज कर, शक्तियों को पहचान कर कौशलपूर्ण प्रबंधन ही लक्ष्य प्राप्ति का एकमात्र रास्ता है l अलग अलग रास्ते लक्ष्य में भटकाव ही देंगें, मंजिल नहीं l
       अपने आप से पूंछे मैं कौन हूँ? क्या करना चाहता हूँ? मेरा जन्म किसलिए हुआ है? यह लक्ष्य निर्धारण व प्राप्ति की पहली सीढ़ी है l मेरे दृष्टिकोण में लक्ष्य निर्धारण के बाद एकाग्रता, अनुशासन, धैर्य, सहयोग भाव, प्रेम और सदभावना आदि जीवन प्रबंध के सूत्र ही लक्ष्य प्राप्त कराते हैं l
                चलते चलते ----
लक्ष्य की ओर बढ़ने में और प्राप्ति में शरीर और मन से अधिक योगदान अपनी आत्मा का है l
  - डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
जीवन में सबसे जरूरी चीज है कि अपने लक्ष्य का होना । लक्ष्य एक होता है और रास्ते अनेक ।
कभी रास्ता बंद हो जाए तो रास्ता बदलना चाहिए लक्ष्य नहीं ।अगर खोजेंगे तभी तो रास्ते मिलेंगे , वरना मंजिलों की तो  फितरत ही होती है कि कभी खुद चलकर आती नहीं ।
हमें ही अपनी मंजिल की तरफ कदम बढ़ाने होते हैं ।
आप कितने सफल होंगे आपका लक्ष्य महत्वपूर्ण रोल निभाता है। फुटबॉल के जैसे जिंदगी में भी आप जब तक आगे नहीं बढ़ सकते तब तक आप अपने लक्ष्य न सेट कर ले ।
यह नितांत सत्य है कि जीवन का महत्व तभी है जब वह किसी महान लक्ष्य के लिए समर्पित हो।सच तो यह है कि मुट्ठी भर दृढ़ संकल्प वाले लोग जिनको अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है वह इतिहास की धारा को बदल सकते हैं ।
अतः हम कह सकते हैं कि लक्ष्य के पहुँचने का  एक रास्ता बंद होने से दूसरा तलाशें ।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
हाँ ! एक लक्ष्य के अनेक रास्ते हो सकते हैं। मानलीजिए किसी नदी के उस पार जाना है तो उसके कई रास्ते हो सकते हैं। पहला तैर कर उस पार जा सकते हैं। दूसरा पुल के द्वारा भी जा सकते हैं। तीसरा आकाश मार्ग से भी जा सकते हैं। ठीक उसी तरह किसी लक्ष्य को पाने के लिए अनेक रास्ते हो सकते हैं।
- दिनेश चन्द्र प्रसाद "दीनेश" 
कलकत्ता - पं.बंगाल
एक लक्ष्य के अनेक रास्ते हो सकते हैं ...ये कथन सत्य है
हर व्यक्ति अपनी पसंद से अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करता है व उसे प्राप्त करने के लिए कोई भी रास्ता चुनता है व उस राह पर चलकर अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास करता है
यदि उसे ससफलता मिलती है तो उसके प्रयास समाप्त हो जाते हैं और यदि वह असफल होता है तो लक्ष्य प्राप्ति के लिए वह अपनी गलतियों से सीख लेते हुए और अपनी कमियों को दूर करते हुए अन्य राह ढूंढता है
उसके ये प्रयास तब तक जारी रहते हैं जब तक वह अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेता
- नंदिता बाली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
"कुछ पाने का जूनून है, 
इसलिए कोशिश हर रोज करता हुं, 
एक रास्ता बंद हुआ तो क्या हुआ, 
मैं उठकर नए रास्ते की खोज करता हुं"।  
देखा जाए हर किसी के जीवन में कुछ बनने के सपने होते हैं, सपने छोटे हों या  वड़े इनका सबके जीवन में अपना महत्व होता है लेकिन सपनों को पूरा करने के लिए किसी लक्ष्य को आधारित  करना जरूरी है क्योंकी बिना लक्ष्य हम अपने सपनों को साकार नहीं कर सकते, 
जब तक हम अपने मन में एक लक्ष्य बना कर नहीं चलेंगे तब तक हम अपनी मंजिल हासिल नहीं कर सकते, 
तो आईये बात करते हैं कि क्या  एक लक्ष्य को प्राप्त करने के अनेक रास्ते हो सकते हैं? 
मेरा मानना है कि  हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनेक रास्तों से ही गुजरना पड़ता है तब जा कर हमैं कामयाबी मिल सकती है, 
यह सच्चाई है कि लक्ष्य अपने आप नहीं मिल जाते इनके के लिए अनेक रास्ते अपनाने पडते हैं जिनमें एक तो आदमी को जूनुनी होना बहुत जरूरी है कि आप क्या बनना चाहते हो उसके प्रति सजग रहें, अपनी कारवाई के लिए खुद को हर पल तैयार रखें, इंतजार करना छोड़ दें तरूतं कार्य शूरू करें, समय की कदर करें, 
अच्छी सलाह को पढ़ें व सुनें
इसके साथ साथ अपने लक्ष्य की कल्पना करें कि जो मैं सोचता हुं बैसा ही कर रहा हुं
हर बात को करने के बाद अपनी गल्ती को सुधारें व एकाग्र होकर अपने लक्ष्य को पूरा करने की प्रतीज्ञा लें तभी जाकर आप अपने लक्ष्य को पा सकते हैं
कहने का भाव अपने लक्ष्य को पाने के लिये अगर आप को  कई रास्ते अपनाने पडें तो भी पीछे मत हटना आप को मंजिल अवश्य मिलेगी, 
सच कहा है, 
"चलता रहुंगा रास्ते पर
चलने में माहिर बन जाऊंगा
या तो मुझे मंजिल मिल जाएगी या मैं अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा"। 
मनुष्य एक चिंतनशील प्राणी है वह सदा जीवन मैं आगे बढना चाहता है लेकिन मनुष्य के जीवन को लक्ष्य निर्धारित द्वारा उचित दिशा में मोड़ा जा सकता है जिसको पाने के लिये अनेक रास्तों सै गुजरना पड़ता है क्योकी मनुष्य का जीवन एक यात्रा के समान है, जीवन रूपी चौराहे पर खड़ा होकर मनुष्य भिन्न भिन्न दिशाओं मे़ जाने का लक्ष्य सामने रखता है व उसका अपना विशेष लक्ष्य अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए होता है जिसे पाने के लिए उसको कई बाधाओं से गुजरना पड़ता है तब जा कर वो अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है, 
आखिरकार यही कहुंगा कि जिंदगी जीने का मजा तब ही आता है जब जीवन में जीने का कोई  मकसद हो बिना मकसद की जिंदगी तो जानवर भी जीते हैं लेकिन लक्ष्य की और बढ़ने वाले लोग अपने सपनों के लिए जीते हैं  और लक्ष्य प्राप्ती के लिये वो लक्ष्य के कठिन से कठिन रास्तो़ को पार करके अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं क्योंकी लक्ष्य को पाने के  अनेक रास्ते हैं  जिनको पार करके ही इसे पाया जा सकता है, 
सच कहा है, 
"इतनी शिद्दत से मशगूल हो जाओ, 
कि मंजिल भी दौड़ पड़े तुम्हारे कदम चूमने पर, "। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
यह बात सही है कि एक ही लक्ष्य को पाने के लिए अनेक रास्ते हो  सकते हैं । सबका मकसद जीवन चलाना है लेकिन सबके जीवन यापन के रास्ते अलग -अलग हैं ।
बहुत से रिषियों ने ईश्वर के दर्शन चाहे ,लेकिन सबके रास्ते अलग -अलग थे । बहुत से लोग परोपकार को जीवन का उद्देश्य बनाते हैं । लेकिन उनके परोपकार करने का ढ़ंग अलग -अलग होता है । एक लक्ष्य पाने के अनेक रास्ते हो सकते हैं ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
किसी भी व्यक्ति को लक्ष्य को चूमने के लिये अनेक विकल्प रहते हैं । लक्ष्य के लिये विकल्प यानी रास्ते विभिन्न होते हुए भी एक रास्ते का चुनाव करना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है । रास्ते कठिन और सरल दोनो प्रकार के होते हैं व्यक्ति जैसा भी रास्ता चुने पर लक्ष्य प्राप्ति के लिये उसे कठिन परिश्रम तो करना ही पडेगा ।यदि रास्ता चुनने से ही लक्ष्य मिल जाता तो कोई कठिन मेहनत ही ना करता । कहने का तात्पर्य ये कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अनेक रास्तों में से सुविधा अनुसार एक रास्ता चुन कर कड़ी मेहनत करके ही लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है ।।
    - सुरेन्द्र मिन्हास 
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश

" मेरी दृष्टि में " एक रास्ते में रूकावट आ रही है तो दूसरे रास्तें पर चलना चाहिए । जिससे सफलता की रूकावट को दूर हो जाता है । क्योंकि रास्तें अनेंक हो सकतें हैं ।
- बीजेन्द्र जैमिनी 

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