क्या हम समय का बेहतर इस्तेमाल कर पाते हैं या नहीं ?

बीता हुआ समय कभी वापिस नहीं आता है। यह आप सब जानते हैं । फिर भी हम समय का बेहतर इस्तेमाल करने से चूक जाते हैं । यदि हम सब समय का सही इस्तेमाल करना सीख जाऐं तो कम समय में अधिक काम करने में सफल हो सकते हैं । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब देखते हैं आये विचारों को : - 
समय प्रबंधन बहुत आवश्यक है क्योंकि समय का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है ! आजकल स्लोगन लिखी हुई घड़ी मिलती है जिसमें लिखा होता है "मैं समय हूं तुम्हारी खबर लेता रहूंगा "! जीवन रुपी महल घंटे ,मिनिट ,सेकेंड के ईंटों से ही बना है ! समय का उपयोग धन के उपयोग से अधिक महत्वपूर्ण है ..खोया धन पुन: प्राप्त किया जा सकता है किंतु समय खो जाने से पश्चाताप ही हाथ आता है ! उचित समय प्रबंधन के लिए हमें धन की तरह समय के बचत और खर्च को लेकर चलना होगा ! यदि किसी कार्य को हम मिले समय से पहले कर लेते हैं तो थोड़े समय की हम बचत कर लेते हैं और वही बचा समय हम किसी सार्थक कार्य में खर्च कर सकते हैं ! अनावश्यक कार्यों में समय का खर्च नहीं करना चाहिये ! समय और सागर की लहरे किसी की प्रतिक्षा नहीं करती ! समय का चक्र तीव्र गति से चल रहा है !जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करता है वह अवश्य सफलता की राह पर चलता है !प्रबुद्ध व्यक्ति समय के महत्व को स्वीकार करते हैं और कहते हैं जीवन में सफल होना है तो समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सीखो ! समय एक एैसा स्थिर दोस्त है जो हमेशा हमारे साथ खड़ा रहता है और स्वयं की तरह हमें गतिमान बनाता है एवं सही दिशा देता है !अत: सर्वदा समय के महत्व को जानें और समय प्रबंधन को लेकर चलें तो सफलता तो मिलनी ही मिलनी है !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
"समय बड़ा बलवान है" ये कहावत युगों से चली आ रही है ।समय अपनी गति से ही चलता है ।हम अपनी सुविधानुसार इसे अपने काम के लिए निर्धारित करने का प्रयास अवश्य करते हैं लेकिन कुछ परिस्थितियाँ ऐसी आ जाती हैं कि हमारी रफ्तार में व्यवधान आ जाते हैं और हम समयानुसार अपना कार्य नहीं कर पाते ।समय का बेहतर इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति हर व्यक्ति की भिन्न होती है ।मनुष्य के जीवन में हजारों काम हैं, विचार हैं, भावनाएँ हैं कर्तव्य है जिन्हें पूरा करने के लिए हमें निरंतर परिवर्तनशील रहना पड़ता है ।समय की गति तो एक धुरी पर समान रूप से चलती रहती है ।कई बार हम आलस्य, अज्ञानता अव्यवस्था के कारण समय का बेहतर इस्तेमाल नहीं कर पाते ।इसीलिए कहा जाता है कि जो समय के साथ चलता है, वही जित्वर कहलाता है ।लेकिन ये संभव नहीं ।
- सुशीला शर्मा
जयपुर - राजस्थान
जीवन के एक एक पल का बेहतर इस्तेमाल करना ही सफलता की कुंजी है । मनुष्य के जीवन में समय की महत्वपूर्ण भूमिका है । वह व्यक्ति जो समय के महत्व को समझता है वही इसका सही इस्तेमाल कर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है । परंतु दूसरी तरफ वे लोग जो समय की महत्ता की अनदेखी करते हैं अथवा समय का सही इस्तेमाल नही करते हैं वे जीवन पर्यत असफलता ही पाते हैं ।
समय उन्हें पतन की ओर धकेल देता है । अत: मनुष्य की सफलता और समय का बेहतर इस्तेमाल दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं प्रसिद्‌ध उक्ति है:
” का वर्षा जब कृषि सुखाने,
समय चूकि पुनि का पछिताने? ”
प्रतिस्पर्धा के आधुनिक युग में तो समय की महत्ता और भी बढ़ गई है । आज समय गँवाने का अर्थ है प्रगति की राह में स्वयं को पीछे धकेलना । प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि जो पल एक बार गुजर जाते हैं वे कभी भी वापिस नहीं लौटते ।
सफलता के लिए यदि व्यक्ति समय रहते प्रयास नहीं करता तो वह जीवन पर्यंत ठोकरें खाता रहता है और उसकी सफलता मृगतृष्णा की भांति उससे मीलों दूर रहती है । अत: यह आवश्यक है कि यदि संसार में हम एक अच्छा और सफल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो हम समय के महत्व को समझें और हर क्षण को उसकी पूर्णता के साथ जिएँ ।
समय को यदि हम और विस्तृत रूप में समझें तो कह सकते हैं कि समय ही विश्व का निर्माता और विनाशक है । यह सदैव गतिमान है । किसी विशेष व्यक्ति के लिए यह कभी नहीं रुकता है । उसकी यह शाश्वत प्रकृति इस सृष्टि के आदि से है और भविष्य में शाश्वत बनी रहेगी ।
. समय अमूल्य धन है इसके समक्ष कोईं धन बड़ा नहीं है सब कुछ मिट्टी के समान है इसलिए हमें समय का महत्व समझते हुए इसका सही इस्तेमाल  करना चाहिए जिस इंसान ने समय सही इस्तेमाल किया इसे अमूल्वसमझा वह वाकई में एक सफल व्यक्ति होता है जो व्यक्ति समय का महत्व नहीं समझ पाता वह अपना वक्त बर्बाद करता है क्योंकि जो समय हमारे जीवन से निकल गया उसे मरणों उपरांत भी इंसान चाह कर नहीं पा सकता इसलिए समय एक अमूल्य धन है
समय अमूल्य धन क्यों है क्योंकि समय एक बार इंसान के जीवन से बीत जाने के बाद दोबारा नहीं आता हम सभी को चाहिए कि इसके महत्व को समझें और इसका एक ही मिनट का बेहतर इस्तेमाल  करें और अपने जीवन को सही रूप एवं सार्थक रूप दे
समय का सही इस्तेमाल नही कर पाने से हानियां होती है जीवन बड़ा मूल्यवान है , उसका निर्माण समय के छोटे-छोटे परमाणु के द्वारा होता है जो जीवन का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं उन्हें समय के छोटे-छोटे परमाणु  का सही इस्तेमाल  करने के लिए सावधान रहना चाहिए आमतौर से लोगों का अधिकांश समय व्यर्थ की गपशप आलस प्रमाद फैशन प्रशस्ति आदि में खर्च हो जाता है जो समय कासही इस्तेमाल न कर समय का दुरुपयोग करने का का परिचायक है इससे मनुष्य को हानि उठानी पड़ती है जिससे कुंठा तनाव डिप्रेशन की चिड़िया देखने को मिलती है जब एक बार आप समय का दुरुपयोग कर लिए तो उसके फल स्वरुप इंसान को अफसोस और आने के अलावा कुछ शेष नहीं रह जाता है तथा अंततः उस इंसान का व्यक्तित्व समूल नष्ट हो जाता है इसलिए हम सभी को समय के दुरुपयोग से बचना चाहिए और इसका सही इस्तेमाल करना चाहिए साथ ही साथ ईश्वर परम पिता ईश्वर को इस जीवन के लिए धन्यवाद देना चाहिए
जिसने समय का बेहतर इस्तेमाल कर लिया वह जग जित गया । 
- डॉ. अलका पाण्डेय 
मुम्बई - महाराष्ट्र
समय बड़ा बलवान है|हमें वक्त रहते इसकी क़ीमत पहचान कर समय का सदुपयोग करना चाहिए |गुजरा हुआ वक़्त कभी लौट कर नहीं आता |जो व्यक्ति समय का सदुपयोग समय पर कर लिया उसे कभी पछताना नहीं पड़ता |
      “का वर्षा जब कृषि सुखाने 
        समय चूकि पुनि का पछताने”
जो व्यक्ति समय का महत्व नहीं समझता समय भी उसे महत्वहीन कर देता है | लेकिन हमारे देश में कई  बार व्यक्ति परिस्थिति जन्य अवरोध,कठिनाइयाँ जैसे -आर्थिक ,पारिवारिक,सामाजिक या अन्य कई तरह के बंधनों में ऐसे जकड़ जाता है कि वह चाह कर भी समय का सदुपयोग करने से वंचित रह जाता है| लेकिन यह भी कटु सत्य है समय किसी विशेष के लिए नहीं रूकता है |विधार्थी जीवन समय का सदुपयोग करने का मूल्यवान वक्त होता है जिसे कभी गँवाना नहीं चाहिए |
                      - सविता गुप्ता 
                     राँची - झारखंड
समय जो हर पल आगे बढ़ता है पर लौट कर नहीं आता है। बिता हुआ समय हजारों कोशिश करने पर, ईश्वरीय शक्ति, जादू किसी प्रकार भी नहीं आता है। आज कल हम समय का  उपयोग कम ही कर पाते हैं। अधिकतर तो मोबाईल, इंटरनेट, ट्वीटर पर बर्बाद करते हैं। जो व्यक्ति समय का सद-उपयोग करते हैं सफलता उनके कदम चूमती है पर समय को मजाक समझते हैं उन का आज कल और भविष्य भी बर्बाद ही समझे।
- ड़ा.नीना छिब्बर
जोधपुर - राजस्थान
नहीं, अधिकतर मनुष्य समय का बेहतर उपयोग नहीं कर पाते हैं |मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है | मानव जीवन में समुदाय में जनमानस के बीच रहकर अधिकांश व्यक्ति ~
 काम करना, हँसना, रोना, खेलना, खाना, पीना, सोना जैसे कार्यों में ही समय बिता देते हैं | बहुत से व्यक्ति केवल कार्यनीति की योजना बनाकर सोचते ही रह जाते है और अमूल्य मुट्ठी से रेत की मानिंद रीत जाता है | 
समय का प्रबन्धन न करने वाले व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकते | 
" चलता जाये रे समय का घोड़ा 
कर बन्दे उपयोग वरना होगा रोना | "
कई बार व्यक्ति कार्य प्रारम्भ करने के बाद जीवन पथ में आने वाली विघ्न बाधाओं से घबराकर बीच में ही कार्य को छोड़कर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाते हैं | ऐसे व्यक्तियों का सम्पूर्ण जीवन काल का समय निठल्ले रहकर ही बीत जाता है | हमारे मानव जीवन में वे व्यक्ति अत्यन्त पूजनीय एवं अनुकरणीय हो जाते हैं | जो समाज में लीक से हटकर जीवन की राहों के काँटे चुनकर बंजर जमीं पर भी पुष्प खिला देते हैं | समय का प्रबन्धन करने वाले हमारे अद्वितीय महापुरूषों ने काल के परों पर स्वर्णाक्षरों में हस्ताक्षर अंकित किये हैं | 
और मानव जीवन के सामने उदाहरण प्रस्तुत कर जीने की सार्थक कला को मानव समुदाय के सामने आदर्श रूप प्रस्तुत किया है | किंतु, अधिकतर लोग व्यर्थ की बहसबाजी करना दूसरों से गप्पें लडाने में समय बर्बाद करना, इंटरनेट का बेहद अन्धाधुन्ध प्रयोग करते हैं | जिससे व्यक्ति की आयु के धन रूपी खजाने में से अनमोल समय खर्च होता रहता है | 
आयु के यूँ निरर्थक बीत जाने पर जब जीवन की संध्या बेला आती है | तब सम्पूर्ण आयु केवल भोग विलास और भौतिकता में रम कर बिता दी होती है | 
और हीरे जैसे इस अनुपम जीवन के समाप्त हो जाने का दुःख मन पर लिये  व्यक्ति पछताता एवं हाथ मलता रह जाता है | 
- सीमा गर्ग मंजरी 
मेरठ - उत्तर प्रदेश
जो मनुष्य समय को बेहतरीन तरीके से अपना लेता है, उसका जीवन सार्थक हो जाता है । समय को बाँध करके नही रखा जा सकता है, लेकिन समय का सही उपयोग किया जा सकता है। समय के साथ जो भी परिश्रम कर लेता है, वही समय का बेहतर इस्तेमाल कर पाता है। समय गवाना, टालना, व्यक्ति की सबसे बड़ी कमजोरी है । समय के अनुसार अपने आप को परिवर्तित कर लेना ही बेहतरीन प्रदर्शन है ।
- डाँ.अर्चना दुबे 'रीत'
     मुम्बई - महाराष्ट्र
 इसका सीधा सा उत्तर है अधिकांश नहीं ।कुछ का समय तो खाने सोने व आपसी कलह में अधिकांश समय गंवा देते हैं ।समय बेहतर इस्तेमाल कर सकने वाले समय का भरपूर लाभ ही नहीं उठाते अपितु समय से अपने लक्ष्य को भी पा लेते हैं ।कई बार यह लोग दूसरों के लिए अनुकरणीय भी होते हैं ।हमे यह स्मरण रखना चाहिए कि बीता हुआ समय वापस नहीं आता अतः अपने जीवन के सीमित समय को व्यर्थ न बितायें ।यह अमूल्य है ।
                                     - शशांक मिश्र भारती 
                                      शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
सांसों  की  गति  और  समय  की  चाल  को  रोका  नहीं   जा  सकता  ।  कुछ  लोग  गपशप .....तेरी-मेरी.......मोबाइल  पर इधर  के  मेसेज  उधर ......आदि  करते  रहते  हैं  और  कहते  हैं  कि  टाइम  पास   कर  रहे  हैं,  वे  यह  नहीं  जानते   कि  वे  टाइम  पास  नहीं  कर रहे  हैं  बल्कि  टाइम  उन्हें  पास    कर  रहा  है  ।  ऐसे  ही  फालतू  समय  गवांने  वालों  को  जब  हौंस  आता  है,  उस  समय  वे  स्वयं  वहीं  खड़े  पाते  हैं  और  वक्त  आगे  निकल  जाता  है ।  मगर  " अब  पछताए  होत  क्या   जब  चिड़िया  चुग  गयी  खेत  ।"  यदि  हम  चाहें  तो  दृढ़निश्चय  के  साथ  समय  प्रबंधन  कर  एक-एक  पल  का  उपयोग  कर  सकते  हैं  ।  वरना   अंत  में  पश्चाताप  के  सिवाय  कुछ  भी  नहीं  बचता  । " आगे  भी  जाने  न  तू, पीछे  भी  जाने  न  तू,  जो  भी  है  बस  यही  एक  पल  है ।"
         - बसन्ती पंवार 
           जोधपुर - राजस्थान 
प्रत्येक का व्यक्तिगत दैनिक जीवन जिजीविषा की दृष्टि से एक दायरे में भले ही सिमटा हुआ नजर आये परंतु उसका प्रतिदिन का जीवन भिन्नता लिये हुये गुजरता है। ऐसा होना उसकी न तो लाचारी है,न बेबसी और न ही इच्छा की वजह से। 
    हर दिन नयापन लिये होता है।नये तरीके, नई समस्याएं, नई जरूरतें ,नई अभिलाषाएं,नई मनः स्थितियां, नई परिस्थितियां लिये हुये होता है। जिनसे होकर हमारा जीवन या यूँ कहें कि हमारा समय गुजरता है। अतः हर समय का बेहतर इस्तेमाल कर पाना असंभव भले ही ना हो,कठिन जरूर होता है। हाँ,इस गुजरते समय को ' बेहतर ' की परिभाषा से जोड़ना चाहें, तब यह समय यदि अपने दायित्वों और कर्तव्यों को निष्ठा,नेकी,प्रेम,शांति, सौहार्द मय  से निर्वहन करते हुये गुजर रहा है तो इसे 'बेहतर' ही मानेंगे। लेकिन स्वभाव ,कार्य शैली, व्यवहार, आदतें, आवश्यकताएं, समय सीमा आदि में अनेक भिन्नताएं रहने की वजह से यह संभव नहीं है।
अतऐव संक्षेप या निष्कर्ष के तौर पर हमें इस बात को लेकर दृढ़ संकल्पित हो सकते हैं कि हर समय न सही,अधिक से अधिक समय का बेहतर इस्तेमाल करें।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
 गाडरवारा - मध्यप्रदेश
जो व्यक्ति समय का बेहतर इस्तेमाल करता है ,, सफ़लता  भी उसके कदम चूमती है । परन्तु आज के समय में  हम समय का दुरुपयोग ज्यादा करते हैं । बहुत हद तक व्यक्ति सोशल मिडिया, मोबाइल फोन के मकड़जाल में फंसता जा रहा है । जरूरी काम तो सब को करना हीं पड़ता है,, लेकिन उसके बाद का समय कुछ लोग यूं हीं गंवा देते हैं । आज हाई-टेक का जमाना है तो अपडेट रहना भी जरूरी है। व्यक्ति अगर सामंज्सय बना कर सब कुछ  बैलेंसड तरीके से करें तो बहुत अच्छा है। मगर ऐसा विरले ही हो पाता  है । व्यक्ति को समयानुसार हीं हर काम करना चाहिए ।  "समय बड़ा बलवान होता " है ये हम सब जानते हीं इसलिए हम सब को भी समय का  "सदुपयोग" करना है ,, "दुरूपयोग" से बचना है ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
समय अर्थात- TIME,  काल, अवधि, पल से है । पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है जिससे दिन रात होते हैं , एक दिन में 24 घण्टे होते हैं, एक वर्ष में 365 दिन । किसी भी कार्य को करने में लगने वाली अवधि समय  है । अक्सर लोग समय के महत्व को नहीं समझते इसे यूँ ही व्यर्थ करते चले जाते हैं । समय प्रबंधन एक महत्वपूर्ण कौशल है । जिसने भी इसके महत्व को समझा वो अवश्य ही सफल हुआ है ।
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब्ब ।
पल में परलय होयगा, बहुरि करेगा कब्ब ।।
कबीर दास जी द्वारा  रचित ये दोहा सदैव ही मार्गदर्शक का कार्य करता रहा है । समय अनमोल होता है ,  अधिकांश लोग  इसका सदुपयोग नहीं कर पाते हैं । इसे ऐसे ही व्यर्थ करते चले जाते हैं और बाद में रोते हुए कहते हैं कि मेरा समय खराब चल रहा है । जाहिर सी बात है कि आपने आलस, लक्ष्य विहीन जीवन व अज्ञानता के चलते इसे बर्बाद किया अब ये आपको बर्बाद कर रहा है ।जो भी लोग समय की कद्र करते हैं , एक भी क्षण बेकार नहीं जाने देते वे अवश्य ही एक नया इतिहास रचते हैं  । बहुत ही कम लोग समय का बेहतर इस्तेमाल कर पाते हैं क्योंकि समय प्रबंधन एक कला है जिसके द्वारा समय को  नियंत्रित किया जा सकता है । हर व्यक्ति को  एक दिन में 24घण्टे ही मिलते हैं कोई इसी पल में निखर जाता है तो कोई बिखर जाता है । यदि सारे लोग इसका बेहतर उपयोग कर पाते तो दुनिया में कोई असफल होता ही नहीं ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
समय  का बेहतर  इस्तेमाल  हर  इंसान  से नही हो पाता  है।5 प्रतिशत इंसान समय  का  सदुपयोग  करते  हुए  जीवन  को सार्थक  बनाया  है। लेकिन  अन्य प्रतिशत  लोगो  को  भिन्न  भिन्न  वर्ग  मे रख  सकते  है एक  ऐसा वर्ग  है जो समय  का बहाना  बनाकर  आवश्यक  कामो  को  भी  पूरा  नही  करते  है ठीक  इसी  तरह  एक  ऐसा  वर्ग  है जो समय  को आलस  मे बिता  देते  है एक ऐसा  वर्ग  है जिसके  पास  करने  को  कुछ  नही  है सिर्फ  सोने  खाने  और निन्दा  करने  मे  समय  बिता  देते  है समय प्रबंधन  एक कला है एक दिन  मे  24 घंटे  ही  होते  है पर यदि समय  प्रबंधन  किया  जाए  तो  हर काम सुचारू  रूप  से  सुलझ जाएगे  और एक  खुशी  मन  मे होगी  ।सूर्य  चंद्र  तारे और प्रकृति  सभी  समय  प्रबंधन  का  संदेश  देते है।
- डाँ. कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
समय गतिमान है और जीवन क्षणभंगुर है, तो हर पल का सदुपयोग, क्यों न बेहतर तरीके से करें? जीवन की अवस्था के अनुरूप जिम्मेदारियों से उनका ठीक समय पर निर्वहन ही समय का बेहतर इस्तेमाल है ।यह ठीक है। परंतु क्या हम ऐसा कर पाते हैं या नहीं। समय की महत्ता का ज्ञान, ,कर्म करने की लगन, एकाग्रता, परिस्थितियों की अनुकूलता और साथ ही साथ ईश्वरीय अनुकंपाएं जब हमारे अनुरूप होती हैं तो हम समय से और बेहतर ढंग से सारे कार्यों को संपन्न कर लेते हैं । समय की गतिमानता और व्यक्ति की *सकारात्मक* तथा *रचनात्मक* सोच विकास के पथ उजागर करती है ।जिसको मैंने भी स्वयं व्यवहारिक तौर पर महसूस किया है।  चरैवेति- चरैवेति, जीवन चलने का नाम है।फिर कोई भी व्यक्ति यदि अपने समय का दुरुपयोग करता है तो वह  जीवन के हर क्षेत्र में पिछड़ जाता है ।कहा भी गया है_ "उठ जाग मुसाफिर भोर भई/ अब रैन कहां जो सोवत है/ जो सोवत है सो खोवत है जो जागत है सो पावत है ।" इससे यही तात्पर्य है कि समय के अनुसार कार्य करें। सूरज उगने से रात्रि-विश्राम तक की दिनचर्या को ,जब साधारण कार्य हो या विशिष्ट, समय प्रबंधन द्वारा बेहतर तरीके से पूर्ण किया जाता है तो  इससे सारे कार्य समय पर पूर्ण हो जाते हैं। जब हर पल महत्वपूर्ण है तो हर पल का सही प्रकार से उपयोग करें। इसके लिए रचनात्मक रहें। व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, धार्मिक कार्यों का प्रबंधन व समय प्रबंधन का समुचित तालमेल अति आवश्यक है ।इससे बेहतर कुछ नहीं है।
- डॉ रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
समय नियोजन एक ऐसी कला है जिसने यह सीख ली समझो उसका जीवन सफल हो गया। प्रत्येक व्यक्ति को २४ घंटे मिलते हैं। उन्हीं २४ घंटो का सदुपयोग कर कई लोग नियमित होकर जीवन में बड़े-बड़े काम कर जाते हैं और कई लोग उन्हीं २४ घंटो का दुरुपयोग करते हुए कुछ नहीं कर पाते, समय नहीं मिलता का रोना रोते रहते हैं।
         विद्यालयों में समय सारिणी बनाई जाती है। उसी के अनुसार प्रार्थना, हर विषयों की पढ़ाई, मध्यावकाश, व्यायाम सभी कुछ होता है। इसी प्रकार यदि हम भी अपने लिए एक समय सारिणी बना लें और उसके अनुसार कार्य करते चलें तो हमारे सभी काम सही ढंग से होते रह सकते हैं। पर होता यह है कि हम दो-चार दिन तो अपने बनाये नियमों पर चलते हैं, फिर आलस्य रूपी शत्रु के वश में होते ही अनियमित होने लगते है। इस तरह हम अपने ही समय का सही उपयोग करने से वंचित रह जाते है। समय का बेहतर इस्तेमाल तो बहुत ही कम लोग कर पाते हैं। यदि हम अपने आलस के अवगुण को दूर कर लें तो समय का बेहतर इस्तेमाल करने में समर्थ हो सकते हैं।इसके लिए हमें बहुत सजग और चेतन रहना होगा ।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखंड
आज के दौर में पचास प्रतिशत लोग पढ़े लिखे हैं और वे अपने समय का प्रबन्धन अच्छी तरह करते हैं ।वक्त पर हर काम करना मनुष्य की आदत बनती जा रही है कारण है आज पर्तिस्पर्धा का युग है ।हर कोई एचीवमेंट पाना चाहता है ।मेरे विचार से पचास प्रतिशत आबादी अपने समय का इस्तेमाल बेहतरी के लिए कर रही है ।हमें करना भी चाहिए, बीता वक्त कभी लौट के नहीं आता ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
शेक्सपीयर ने कहा है -"अगर आप समय को नष्ट कर देंगे, तो समय आप को नष्ट कर देगा l वक्त को जिसने न पहिचाना, उसे मिटना पड़ा है l बच गया तलवार से तो क्या? फूलों से कटना पड़ा है ll ऐसे अनमोल समय का हम बेहतर इस्तेमाल कर ही नहीं पाते हैंl जीवन में मुक़ाम हासिल करने के लिए समय का प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है -
पुरुष बलि नहीं होत है,
        समय होत बलवान. 
भीलहि लूटी गोपिका, 
        वही अर्जुन, वही बाण. 
जो लोगवक्त का बेहतर इस्तेमाल करते हैं उसे वक्त सिकंदर बना देता हैऔर इसे बर्बाद करने वालों को बंदर बना देता हैअर्थात वह गुलाटी तो खूब मारते हैं लेकिन पहुंचते कहीं पर भी नहीं. वक्त का बेहतर इस्तेमाल के लिए हम जो भी कार्य करते हैं, वह आज और अभी की तर्ज पर करना होगा. 
आज दुनियाँ मोबाईल में सिमट गई है. हमें समय का प्रबंधन करना ही होगाऔर समय के साथ चलना नहीं अपितु दौड़ना होगा,अन्यथा हम लोगों की भीड़ में अपनी प्रांसगिकता खो देंगे. समय का सदुपयोग के अभाव में कार्य में जीतने की पाबंदी और हारने का भय होगा. दोनों ही िस्थति में हम केवल बंदर बन जायेंगे और हमें कहना पड़ेगा -
हम पर उन गलतियों के इल्जाम लगे, जिन गलतियों में मेरा कोई हाथ न था. अपनी बेगुनाही भी साबित कैसे करते, जब वक्त ही मेरे साथ न था।
- डाँ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान


" मेरी दृष्टि में " समय का बेहतर इस्तेमाल भी एक कला है । जो कम समय में अच्छे व अधिक परिणाम देने मे सक्षम होते हैं । ऐसे इंसान सफलता बहुत जल्दी प्राप्त करते हैं । अतः सफल इंसान कहलाते हैं 
                                                         - बीजेन्द्र जैमिनी


पद्मश्री डाँ. श्याम सिंह शशि से सम्मानित होते हुए 
बीजेन्द्र जैमिनी
अखिल भारतीय राष्ट्रभाषा विकास संगठन
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
28 अप्रैल 2002


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