परीक्षा के समय कैसा रखें खानपान ?

परीक्षा के दिनों में मस्तिष्क अधिक सक्रिय रहता है । मस्तिष्क के लिए विशेष प्रकार का खानपान होना चाहिए । जिससे दिमागी थकान , तनाव व अन्य प्रकार की समस्याओं  से बचा जा सके । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख मुद्दा है। आये विचारों का अध्ययन करते हैं : - 
परीक्षा यानी हमारे साल भर की पढ़ाई के नतीजे का इंतहान !
 इस समय परीक्षा के नाम से ही मानसिक तनाव विद्यार्थियों का बढ़ जाता है जिसने साल भर पढ़ाई की हो उसका भी और जिसने पढ़ने के नाम पर महीने भर पहले गड्ढा खोदा हो उसका भी !हां दोनों के मानसिक तनाव का पलड़ा कुछ कम ज्यादा जरूर हो सकता है !जिस तरह शरीर के सिस्टम में खराबी आ जाती है जैसे शुगर का बढ़ना , बी.पी की तकलीफ आदि आदि तो बाकी सब भी धीरे-धीरे पैर पसारने लगते हैं ! उसी तरह परीक्षा में मानसिक तनाव की वजह से बच्चों को नींद ना आना ,उल्टी उल्टी महसूस होना ,पेट खराब होना, डर से बुखार का आना आदि आदि बहुत से लक्षण दिखाई देने लगते हैं ! बच्चों से ज्यादा माता-पिता टेंशन पाल लेते हैं उनकी परीक्षा में उनके खानपान का खास ख्याल रखते हैं वैसे रखना भी चाहिए वरना बीमार होने से पेपर न दे पाए अथवा कम नंबर भी आ सकते हैं वैसे इस समय मार्च में मौसम में भी तब्दीली आती है गर्मी बढ़ जाती है और खाना ठीक से पचता नहीं !गैस का होना ,पानी कम हो जाना आदि आदि की परेशानियां होती है ऐसे समय में हमें समय सर ताजा भोजन लेना चाहिए बासी और ठण्डा भोजन नहीं ! फास्टफूड तो कदापि नहीं पानी की मात्रा भी बराबर लेनी चाहिए धूप में जरूरत हो तो ही निकले और दिन में कम से कम 5 घंटे की नींद ले ! छास दही ,जूस आदि का सेवन ज्यादा करें जरूरी नहीं सभी यह सब ले सकते हैं साधारण घर के बच्चे गुड़ का पानी और भोजन हम करते हैं दाल चावल सब्जी रोटी ताजा गरम खाएं ! ठण्डा भोजन गरमी में गैस करता है ! रात का भोजन जल्दी ले लेना चाहिए!दरम्यान इन दोनों समय के बीच हल्का फुल्का नाश्ता फ्रूट, जूस अन्यथा रुचि के अनुसार सुपाच्य नाश्ता ले सकते हैं ! अक्सर बच्चे तनाव में होने से घबराहट में नींद नहीं लेने की वजह से उन्हें ऐसा लगता है कि पढ़ा हुआ सब भूल गया ,ऐसा कुछ नहीं होता हम जब लिखने बैठते हैं तो हमें सब याद आता जाता है ! हां यदि आपने ठीक से तैयारी की हो ! हमेशा सकारात्मक सोच रखो मैंने जितनी परीक्षा की तैयारी के लिए मेहनत की है न्याय पूर्वक मैं कर सकता हूं मेरा पेपर अच्छा होगा !
अंत में कहूंगी परीक्षा को हौवा ना बना मानसिक तनाव ना लें और माता-पिता भी परीक्षा के अंतिम दिनों में ही नहीं साल के शुरू से बच्चों की पढ़ाई एवं खानपान पर ध्यान दें !सकारात्मकता के भाव लाएं और बच्चों में बोयें !परीक्षा में तनाव ना आने से स्वास्थ्य भी अच्छा होगा और रिजल्ट भी अच्छा होगा !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
परीक्षा के दिनों में, पाठ्यक्रम पूर्ण करने एवं उसकी पुनरावृत्ति के साथ ही महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विशेष ध्यान देने का समय होता है । प्रश्न पत्र अनुकूल आए, इस बात का तनाव विद्यार्थी को रहता ही है । रात दिन एक करके वह ज्यादा से ज्यादा पढ़ लेने की मानसिकता में रहता है । चूंकि इस समय अध्ययन ही प्राथमिकता होती है ; अतः एक ही स्थान पर घंटो बैठे रहने तथा अध्ययन में एकाग्र होने के कारण, वह वह पूरी नींद नहीं ले पाता और खाना-पीना भी भूल जाता है । ऐसे में उसकी ऊर्जा  क्षीण होने लगती है , मानसिक तनाव से भूख मर जाती है । इन दिनों मौसम का परिवर्तन भी स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता । ऐसे समय में विद्यार्थी के शरीर और मस्तिष्क को ताकत देने वाले पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है । उसकी स्मरण शक्ति भी अच्छी रहे, इसका भी ध्यान रखते हुए उसे- स्वच्छ, ताजा, सुपाच्य और पौष्टिक भोजन देना चाहिए। तला हुआ गरिष्ठ भोजन हजम न होने के कारण, आलस्य पैदा करने के साथ ही पाचन खराब करता है, वायुविकार और एसिडिटी बढने से अध्ययन में बाधा उत्पन्न होती है ; अतः हल्का आसानी से हजम होने वाला रुचिकर भोजन ही उसे दिया जाए । सादे भोजन के साथ ही ,मौसमी फलों के जूस, मेवे, अंकुरित अनाज, दूध आदि एक निश्चित अंतराल के बाद एक निश्चित प्रमाण में ही उसे दिये जाएँ । 
- वंदना दुबे 
  धार - मध्य प्रदेश
   परीक्षा शब्द ही ऐसा है कि क्या बच्चे और क्या बड़े... सबके छक्के छुड़ा देता है है। खाना-पीना, खेलकूद सब छूट जाते हैं, नींद भी आने से मना करने लगती है। जो विद्यार्थी पूरे वर्ष नियमित पढ़ाई करते हैं वे परीक्षा के दिनों में विशेष विचलित नहीं होते, पर जो पूरे वर्ष अनियमित रहते हैं और परीक्षा से महीने-बीस दिन पूर्व पढ़ना आरंभ करते हैं उस समय ईश्वर ही उनका सहायक हो सकता है।
      ऐसे में इस पर विचार करना अति आवश्यक हो जाता है कि परीक्षा के समय खानपान कैसा होना चाहिए।
      परीक्षा के दिनों में कुछ बातों का सख्ती से पालन किया जाये तो अच्छा रहता है।
    १- जंक फूड से एकदम दूरी रहे, होटल में खाना खाने  
        से भी दूर ही रखें।
    २- ड्राई फ्रूट्स यानी सूखे मेवे और उनमें भी बादाम और 
        अखरोट रात को भिगो कर सुबह दिये जायें।
    ३- नाश्ता भी हल्का जैसे पोहा, उपमा, नमकीन दलिया,  
        इडली आदि हो, मैगी नहीं।
    ४- दिन के भोजन में दाल,चावल, सब्जी,रोटी और 
        दही या छाछ अवश्य हो।
    ५- फल, जूस , दूध अंतराल पर दिये जाते रहें।
    ६- रात का भोजन हल्का हो।
    ७- जो भी दिया जाये वह सुपाच्य हो, पानी की शरीर 
         में कमी न हो, सब मौसम के अनुसार हो।
     इन सन बातों का ध्यान रखा जाये तो परीक्षा के दिनों में स्वास्थ्य भी रहेगा और किसी तरह का व्यवधान भी नहीं आयेगा।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
     देहरादून - उत्तराखंड
परीक्षा के समय बच्चों के खाने पीने का विशेष ध्यान देना पड़ता है , ताकी विघार्थी  लोग बिमार न हो नींद बराबर आये यह सब खानपान पर निर्भर करता है । परीक्षा का समय विघार्थी  का ऐसा समय होता है जिसमें वह सब कुछ भूल जाता है यहां तक अपने खान पान का भी ध्यान नहीं रख पाता है | परीक्षा के समय बच्चो को सिर्फ अपनी पढाई पर ही ध्यान न करके अपने खान-पान पर भी ध्यान जरूरी होता है | यह समय विघार्थी  के जीवन में तभी आता है जब परीक्षा  चल रहें हो या आने वाले होते हैं | इसी समय विघार्थी काध्यान खाने को छोड़कर पूरा पढाई पर हो जाता है |
परीक्षा के समय अपने खाने में फ़ास्ट फ़ूड से तो दूर ही रहना बेहतर होता है क्योंकि फ़ास्ट फ़ूड से स्मरण शक्ति कमजोर होती है और आपकी एकाग्रता को कम करता है इसलिए फ़ास्ट फ़ूड से दूर ही रहे तो ही अच्छा है खासकर परीक्षा के समय बच्चे बैलेंस डाइट ही  ले | इसके साथ यदि तरल पदार्थो का सेवन करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा | यदि विघार्थीनबाहर का फ़ास्ट फ़ूड को छोड़कर घर के हेल्थी फ़ूड का सेवन करता है तो स्टडी भी अच्छे से हो सकेगी |
अभिभावकों को भी अपने बच्चे पर परीक्षा  के समय खाने का ध्यान देना आवश्यक होता है कि बच्चो के खाने में अंतराल का ध्यान रखें साथ ही ये भी ध्यान दे कि खाना ज्यादा ऑयली नही होना चाहिए | विघार्थी को खाने-पीने में प्रोटीन अधिक लेना चाहिए | यह भी जरूरी होता है कि वह जितनी बार पहले खाना खाता हो उतनी ही बार खाए खाना छोड़े नहीं 👎👎👎 गगगगग| यदि बच्चे थोड़े-थोड़े समय में नाश्ता लेता है तो फायदेमंद होगा | नाश्ते में पोहा , भुना चना और पॉपकॉर्न आदि ले सकते है 
·        दूध , दही , अंडा का सेवन भरपूर मात्र में करें|
·        नास्ते में घर की बनी भेलपुरी , टोस्ट , पनीर , सलाद, शहद के साथ सूखे मेवें ले सकते है |
·        फ़ास्ट फ़ूड कम-से-कम ही ले तो अच्छा होगा |
·        फल , फलों का जूस , और निम्बू पानी बार-बार लिया जा सकता है |
·        खाना छोड़ने से एकाग्रता में कमी आती है और शरीर में कमजोरी सी लगने लगती है |
·        रात का खाना हल्का लें , जिसमें दलियां या रोटी सब्जी लें सकते है |
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
बच्चे, किशोर, युवाओं के जीवन में परीक्षा का समय महत्वपूर्ण होता है। वैसे तो अध्ययन करने वाले विद्यार्थी के लिए शास्त्रों में बताया गया है कि पूरे वर्ष विद्यार्थी को ऐसा जीवन जीना चाहिए ।
 यथा---
 " काक चेष्टा, बको ध्यानम , स्वान निद्रा, तथैव च
 अल्प हारी ,गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणम्"।
 तात्पर्य है कि एक विद्या ग्रहण करने वाले को ऐसा होना चाहिए -कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह सोना, यानी निद्रा, अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला और गृहत्यागी। ऐसा जीवन जीने वाले विद्यार्थी असफल नहीं होते। फिर भी जिन दिनों परीक्षा भवन में बैठकर हम परीक्षा देते हैं; उन दिनों में हमारा खानपान बहुत ही स्वस्थ एवं संतुलित होना चाहिए जिससे शरीर में आलस्य तथा किसी प्रकार का रोग न हो। विशेषकर इन दिनों में स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए हमें पेय पदार्थ, दूध, नींबू- पानी एवं फलों के जूस अधिक लेना चाहिए। भोजन समय से तथा सुपाच्य ले। गरिष्ठ  एवं चटपटा न खाएं; इससे पाचन शक्ति ठीक रहेगी तथा पढ़ाई में एकाग्रता भी बढ़ेगी। यह सर्वविदित ही है कि जैसा खानपान होता है वैसा ही स्वास्थ होता है।
- डॉ. रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
परीक्षा के समय बच्चों को सात्विक आहार लेना चाहिए खानेमें दही फल और खिचड़ी दाल चावल घर की बनी हुई सब्जी रोटी अच्छे से खाना चाहिए दूध ड्राई फ्रूट लेने चाहिए बादाम तो जरूर खाना चाहिए जिससे याददाश्त अच्छी रहे स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास रहता है हम को सही रूप से पढ़ाई करने के लिए एकाग्र चित्त होकर एक संतुलित आहार लेना चाहिए हो सके तो भीगे हुए चने मूंग की दाल अंकुरित अनाज लेना चाहिए परीक्षा देने जाते समय हमें दही शक्कर खाकर जाना चाहिए।अगर हमने ज्यादा गरिष्ठ भोजन खा लिया तो परीक्षा में हम लिख नहीं पाएंगे हमें नींद आ जाएगी या बार-बार गैस बनेगी तो दिक्कत हो जाएगी वह 3 घंटे हमें एकाग्र चित्त होकर शुद्ध मन से सोचकर प्रश्न को दो बार पढ़ना चाहिए।अच्छे से शांति से सोचें तो हमें कक्षा में पढ़ाया हुआ भी याद आ जाएगा विद्यार्थी के लक्षण भी कहे गए हैं कि कुत्ते की तरह सोना बगुले की तरह ध्यान रखना और अल्प आहार लेना चाहिए।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
परीक्षा के समय बच्चे के ऊपर मानसिक दबाव रहता है जिससे वह थकान का अनुभव करते हैं। ऐसे में आपको उनके खानपान का भी ध्यान रखना चाहिये। जिससे वह परीक्षा में बेहतर परिणाम दे सकें। परीक्षा के दौरान बच्चों को ऐसा खाना देना चाहिये जो जल्दी पच जाये और पोषक तत्वों से भरपूर हो जिससे मिली उर्जा से उनका दिमाग भी तरोताजा रह सके। आपको यह अजीब लग सकता है कि अच्छे खानपान से कैसे पढ़ाई में मदद मिल सकती है लेकिन यह सही है कि सेहतमंद खाने से शरीर में ऐसे हॉर्मोन निकलते हैं जिससे मूड बेहतर होता है और दिमाग भी सही तरीके से काम करता है। सेहतमंद आहार में सूखे मवे और फल मुख्य होते हैं। परीक्षा का समय जैसे-जैसे नजदीक आता है, बच्चों का तनाव बढ़ता जाता है। इसका असर उनकी सेहत पर भी पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक परीक्षा में अच्छा परफॉर्म करने के लिए तनाव को कम करने और खानपान को सुधारने की जरूरत होती है। आपके बच्चे को पूरा पोषण मिले, तनाव कम हो और वह परीक्षा में अपना बेस्ट दें, इसके लिए जरूरी है कि एक मां के रूप में आप अपनी भूमिका सही तरीके से निभाएं। फोर्टिस हॉस्पिटल की डाइटीशियन डॉक्टर मानसी चौधरी का कहना है कि इस दौरान बच्चों को ब्रेनी डाइट देनी चाहिए। मतलब ऐसी डाइट, जो हेल्दी हो और उनका एनर्जी लेवल भी बनाए रखे। एग्जाम के दौरान बच्चे अक्सर रात में देर तक जागते हैं। डॉक्टर मानसी का कहना है कि परीक्षा के दौरान बच्चों को रात में 9 बजे सो जाना चाहिए। सुबह वे जल्दी, तकरीबन 4 बजे तक उठकर पढ़ाई करें तो अच्छा रहेगा।
इनका रखें ध्यान : 
बच्चों को नाश्ते में अंडा, पोहा, ओट्स, उपमा, इडली व स्प्राउट्स खिचड़ी या दलिया दे सकते हैं। उनकी डाइट में आयरन व विटामिन बी वाली चीजें ज्यादा शामिल करें, जो शारीरिक व मानसिक ऊर्जा बरकरार रखती हैं।
परीक्षा के दौरान बच्चों को फ्रूट शेक या सीरेल्स वाला दूध पीना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन की वजह से एकाग्रता कम हो जाती है और ऊर्जा कम होने लगती है। बादाम, सेब, अखरोट, किशमिश, अंगूर, संतरा, अंजीर, केला, सोयाबीन व मछली में याददाश्त बढ़ाने की क्षमता होती है। मछली खाने से दिमाग तेज होता है।
इनसे करें परहेज :
अधिक तेल में बनने वाली चीजें जैसे कि पूरी, पराठे से परहेज करें क्योंकि इसे खाने से बच्चे को थकावट और नींद महसूस हो सकती है। परीक्षा के दौरान जंक फूड से परहेज करना चाहिए। बच्चों को परीक्षा के दौरान चाय या कॉफी देने से बचना चाहिए। इनमें मौजूद कैफीन में अस्थायी उत्तेजक तत्व होते हैं, जो शरीर के ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करती है। शरीर में कैफीन की मात्रा अधिक होने से तनाव व घबराहट बढ़ सकती है। बच्चों को खाने में स्टार्च वाली सब्जियां जैसे आलू, अरबी देने से बचें, क्योंकि इनसे थकावट व नींद महसूस होती है। बच्चों को ख़ुश रखें तनाव रहित रखे और हमेशा कहे कुछ भी रिज़ल्ट आये डरे नहीं, ईमानदारी से मेहनत करो परीक्षणों जो भी रिज़ल्ट आये हंस कर स्वीकार करो , बहुत जरुरी है खान पान के साथ उनको दिमाग़ की खुराक देना , हर हाल में साकारत्मक  सोच जरुरी है 
- अश्विनी पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
वार्षिक मूल्यांकन का समय सभी के लिए बहुत आवश्यक होता है । अक्सर ऐसे समय में याद किए गए उत्तर भूलने लगते हैं  या कम नींद लेने की वजह से उल्टी आना,  घबराहट होना आम बात है ।  परीक्षार्थियों के भोजन का इन दिनों खास ध्यान रखना चाहिए -
- भोजन मौसम के अनुकूल  हो ।
- हल्का व सुपाच्य हो ।
- तरल पदार्थों की अधिकता हो ।
- ड्राई फ्रूट्स, दूध , दही, छाँछ को आहार में शामिल करें ।
- ताजे व मौसमी फलों का सेवन सदैव ही लाभदायक होता है ।
- थोड़ी - थोड़ी मात्रा में भोजन व स्नैक्स लेने से न केवल पढ़ाई के बीच में ब्रेक मिलेगा वरन पचने में भी आसानी होगी ।
- रात को हल्का भोजन करें जिससे नींद कम आयेगी ।
- बाहर के भोजन, डब्बा बन्द पदार्थों, तेल युक्त पदार्थों  को खाने से बचना चाहिए ।
- इन दिनों पार्टी , उत्सव आदि में भी  भोजन न करें क्योंकि इससे फ़ूड पॉइज़निंग का खतरा रहता है ।
सावधानी ही बचाव है क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही आपका वर्ष खराब कर सकती है । जब तन हल्का होगा तो अवश्य ही मन हल्का होगा और पढ़ाई में ध्यान एकाग्रचित्त होगा ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
        पूरा जीवन ही एक परीक्षा है और खानपान प्राकृतिक ही होना चाहिए।जैसे हम मानव हैं तो शुद्ध शाकाहारी भोजन ही हमारा खानपान होना चाहिए।जीव्हा का स्वाद शाकाहारी वयंजनों में भी कहां कम होता है? स्वास्थ्य को ठीक रखने हेतु पौष्टिक आहार अति आवश्यक होता है।जिसे हमेशा भूख से कम और चबा-चबा कर खाना चाहिए।
               - इन्दु भूषण बाली
               जम्मू - जम्मू कश्मीर
सादा जीवन ,सादा भोजन  यही विद्यार्थी की सही पहचान होती है । परीक्षा का समय साल भर की मेहनत का परिणाम निर्धारित करता है  । अतः विद्यार्थी पूरे दम _ खम से लगे रहते हैं । खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है । स्वस्थ रहना भी जरूरी है । इसलिए समय समय पर थोड़ा खाना, खाना चाहिए जो पोष्टिक भी हो ।भारी और गरिष्ठ भोजन से परहेज़ करना चाहिए , नहीं तो शरीर भारी और आलस्य भी आ जाता है । जो भी खायें  मन से खाये तभी मन और तन दोनों को लगेगा । स्वस्थ शरीर होगा ,तभी स्वस्थ मन भी रहता है ,तभी एक विद्यार्थी पढ़ाई में भी मन लगायेगा और परीक्षा में  सफ़लता भी मिलने की संभावना बढ़ जाती है । 
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
 परीक्षा का समय  बहुत ही महत्वपूर्ण होता है खान-पान के साथ साथ बातचीत घर का माहौल भी सरल सहज होने की आवश्यकता है खान-पान में हल्का सुपाच्य और मन के लायक भोजन अतिउतम होता है थोड़ी थोड़ी देर पर फल  या तरल पदार्थ का सेवन होने से विद्यार्थी स्वय को उर्जा वान महसूस करते  हैं  विशेष बात यह है कि विद्यार्थी का सेहत और मिजाज प्रफुल्ल रहे ।  खान-पान ऐसा हो जिससे नींद ज्यादा न आए .शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा इससे मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा
- डाँ.कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
 परीक्षा के समय विद्यार्थी को सात्विक एवं हल्का भोजन करना  चाहिए। पानी थोडा थोडा पीते रहना चाहिए ।बासी भोजन एवं दुकान का अनावश्यक चीज नही खानी चाहिए।हरी सब्जी और फल लेना चाहिए। क्योकि गरिस्ट भोजन लेने   से सरलता से नही पच पाता है।तबियत खराब होने की संभावना रहती है।अतः परीक्षा के समय खान पान पर विशेष ध्यान  देना आवश्य होता है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
परीक्षा जीवन का वह महत्वपूर्ण पड़ाव है जिससे भविष्य का निर्धारण होता है। यह सुनहले भविष्य की नींव है । इसलिए इस वक्त सामान्य भोजन करना ज्यादा उचित होगा, साथ में थोड़ा स्वाद भी जरूरी है। संतुष्टि होने से पढ़ाई में भी आनंद की अनुभूति होती है। हल्का भोजन हो तो उत्तम है। क्योंकि इस वक्त समय की बर्बादी व स्वास्थ्य बहुत मायने रखती है। अगर बच्चे शारीरिक रूप से परेशान रहेंगे तो पढ़ाई तो नही ही हो पाएगी, पेपर पर भी गंभीरता से विचार नही कर पाएंगे ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
परीक्षा जीवन का महत्वपूर्ण समय होता है और सावधानी वाला भी ।इस समय पर कैसी भी असावधानी किये कराये पर पानी फेर देती है ।साल भर जो कुछ मेहनत की है अपने आप को तैयार किया है समाप्त हो जाता है ।इसलिए परीक्षा के समय अपनी दिनचर्या व्यवस्थित रखने की सलाह दी जाती है ।किसी प्रकार के भय उतावले पन को दूर करने की बात होती है साथ सबसे महत्वपूर्ण होता है खानपान यह सादा और हल्का रहे वह भी समय पर तभी परीक्षा में स्वस्थ रहने की समस्या से मुक्त रहा जा  सकता है ।समय से सोना समय से जागना भोजन को सुपाच्य बनाने में सहयोगी बनेगा ।अधिकांश परीक्षा का समय मौसम के बदलाव का संधि काल होता है इसमें दिन में सोना पूर्णतया वर्जित है ।कफ बढाने वाली वस्तुओं के सेवन से दूर रहना चाहिए ।पानी न अधिक ठण्डा और न ही अधिक गरम ऐसी मौसम की मांग रहती है ।तेल घी की मात्रा धीरे-धीरे कम करना चाहिए । कुल मिलाकर परीक्षा के समय खानपान के महत्व को नकारा नहीं जा सकता ।क्योंकि  हमारे स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन के निवास का आधार है ।
- शशांक मिश्र भारती 
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश

" मेरी दृष्टि में " परीक्षा के दिन सामान्य दिनों से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं । देर रात तक पढाई व सुबह - सुबह उठना ही बहुत महत्वपूर्ण होता है । परीक्षा के अनुसार ही खानपान की सूची तैयार करने चाहिए ।
                                                        - बीजेन्द्र जैमिनी



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