क्या स्वस्थ जीवन का आधार पेड़ - पौधे हैं ?

पेड़ - पौधे के बिना प्राकृतिक में जीवन सम्भव नहीं है । पेड़- पौधे से पता नहीं , कितने जीवों का पालन पोशन होता है । इंसान भी जीवन के कितने क्षेत्रों में पेड़ पौधे का उपयोग करता है ।खाने पीने से लेकर मरने तक पेड़ पोधे का उपयोग होता है । यही कुछ " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : - 
पेड़ पौधे हमारे जीवन मित्र है ये जीवन जीने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर के प्राण वायु के रूप में ऑक्सीजन उपलब्ध करवाते है जो जीवन के किसी भी उद्देश्य से बड़ा काम है पेड़ पौधे जीवन का आधार अतीत में ही थे ऐसा नही, वर्तमान में ही है ये भी नही, *स्वस्थ जीवन का आधार पेड़ पौधे हैं ये बात तो जब तक धरती पर जीवन है तब तक सही साबित होती रहेगी *। पेड़ पौधे जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त जीवन के लिए प्रयोग होते हैं कभी फल फूल तो कभी भोजन, कभी औषधिय रूप में और तो और इंधन के रूप में जीवितों के काम आते हैं तो मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए अपने महत्व को रेखांकित करते हैं । पेड़ जीवन भर हमें कुछ ना कुछ देते ही रहते है, फिर भी हम अपने निजी स्वार्थ के लिए पेड़ों को काट देते है ।यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जो पेड़ पौधे हमें जीवन दे रहे है हम उन्हीं को नष्ट करने पर तुले हुए है । हमें पेड़ों से जुड़े कुछ तथ्यों को ध्यान से समझना होगा-
50 पेड़ों का समूह है प्रतिवर्ष 80 पाउंड प्रदूषण को अवशोषित कर लेता है।
इमारतों के आसपास पेड़ लगाने से इमारतें 30% अधिक ठंडी रहती है।
एक पेड़ एक साल में एक कार के 26000 किलोमीटर चलने पर जितना प्रदूषण होता है उतना अवशोषित कर लेता है ।
एक पेड़ अपने पूरे जीवन काल में 1 टन से भी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेता है ।
पेड़ प्रति वर्ष लगभग 260 पाउंड ऑक्सीजन पैदा करता है ।
उपरोक्त महत्वपूर्ण बिंदुओं को जीवन से भला कैसे अलग किया जा सकता है । पेड़ पौधे केवल मानव जीवन का ही आधार नही है ये तो सभी प्राणियों के लिए समान रूप से उपयोगी होते हैं । 
- डॉ भूपेन्द्र कुमार 
धामपुर - उत्तर प्रदेश
स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ प्राणवायु की आवश्यकता होती है और स्वस्थ प्राणवायु के लिए पेड़-पौधों का होना नितान्त आवश्यक है। इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि स्वस्थ जीवन का आधार पेड़-पौधे ही हैं। यदि हमें अपने जीवन में हरियाली लानी है तो अपनी इस पावन धरा को हरा-भरा रखना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। क्योंकि.... 
"पृथ्वी पर चहुं ओर जब हरियाली होगी, 
हर मानव के जीवन में तब खुशहाली होगी। 
पेड़ों की महत्ता अब समझनी ही होगी, 
जीवन धारा हरी-भरी अब करनी ही होगी।।" 
प्रकृति ने हमें जीवन देने के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माध्यम भी दिए, पेड़-पौधे उनमें सर्वोत्तम माध्यम हैं। हमारी जीवनरुपी बगिया निरन्तर महकती रहे इसलिए ही प्रकृति अपनी गोद में पेड़ - पौधों को जन्म देती है और इन्हीं से मानव सभ्यता युगों-युगों से संजीवनी प्राप्त करती है। इसीलिए कहता हूं कि... 
"पेड़ों से बचती हैं धरा पर मानव संस्कृतियां, 
पेड़ों से बनती हैं जीवन में सांसों की अनुकृतियां। 
बैठकर पेड़ों की छांव में होती नई अनुभूतियां, 
गौर से देखो तो सही कभी पेड़ों की आकृतियां।।" 
यदि अपनी लालसाओं को पूरा करने के लिए मानव पेड़ों को काटता रहेगा तो विश्वास कीजिए कि अरुण बेला में भी ताजी हवा उपलब्ध नहीं होगी। स्वस्थ जीवन की बात तो दूर, जीवन को भी मानव तरस जायेगा। 
"विचार करो काट-काट कर पेड़ों को क्या पाओगे, 
हवा जब रुकेगी सांसों को गिनते रह जाओगे।
अमूल्य संपदा का जब तिरस्कार करते जाओगे, 
पेड़ विहीन धरा को देखकर तब पछताओगे।।" 
इसलिए मनुष्य को यदि स्वस्थ जीवन चाहिए तो दिन-प्रतिदिन पेड़ों के स्थान पर जो कंक्रीट के जंगल खड़े किए जा रहे हैं, उनको रोकना होगा, नहीं तो पछताने के लिए भी समय नहीं बचेगा। 
"जब दूर तक कंक्रीट का आसमान होगा, 
केवल रंगीन दीवारों का जंगल बियांबान होगा। 
गर्म हवा के थपेड़ों से मानव जब परेशान होगा, 
भूल का अपनी तब मानव को अहसास होगा।।" 
निष्कर्षत: कहा जा सकता है कि अभी तो पानी ही बिकना शुरू हुआ है यदि पेड़ - पौधों का संरक्षण नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब हमें प्राणवायु भी खरीदनी होगी।इसलिए यथासंभव प्रयास करें कि..... 
"पावन धरा पर पेड़ों की श्रृंखला बनायें, 
प्रकृति के वरदानों से जीवन को सजाये। 
पेड़ लगाकर अपनी मां भारती को महकायें, 
जीवनदायक पेड़ों के साये में जीवन बिताये।।" 
- सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड
     जीवन को दीर्घायु बनायें रखना हैं, तो प्रातःकाल दिनचर्या से निवृत्त होकर खुली हवा में पेड-पौधे समीप दुब के ऊपर घुमना चाहिए, जिससे आंखों की रोशनी, आक्सीजन, नमी प्रदान करते हैं  तथा स्वास्थ्य लाभदायक होता हैं। लेकिन वर्तमान में पेड़-पौधों की कटाईयां हो रही हैं, वहां बड़ी-बड़ी रोड़े बन रही हैं, उद्योगों  का विकास हो रहा हैं और चारों ओर प्रकृति का पूर्ण रूपेण विनाश होता जा रहा हैं, प्रदूषण फैल रहा हैं? जिसका परिणाम हमने बद्रीनाथ-केदारनाथ में प्रत्यक्ष रूप से देखा हैं। आज चारों ओर प्रकृति की क्षति से ॠतुएं परिवर्तित होती जा रही हैं, जहाँ-वहाँ टाॅवर लगाए जा रहे हैं। जिसके कारण जनजीवन के साथ ही साथ जीवन यापन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। एक समय था, पक्षियों का झुण्ड आकाश में चारों ओर विचलित करता था, उनकी कमियां हो गई। प्रातःकाल से ही वाहनों का आवागमन प्रारंभ हो जाता हैं। घुमने का वह मजा नहीं रहा? पेड़-पौधों में प्राकृतिक दवाईयां मिली करती थी, ये सब अब दुर्लभ हो गई। ॠषि-मुनी वनच्छाचंलो में दीर्घ काल तक तपस्या किया करते थे, जीव जंतु स्वतंत्र विचलन किया करते थे, ये सब विलोपित हो गये। आज वर्तमान परिदृश्य में भाग दौड़ की जिंदगी में, देर रात तक मोबाईल, व्हाटसाप, फेसबुक, कम्प्यूटर, लेपटाप, मालों में फिल्म, टीवी चैनलों पर व्यस्ततम जिंदगी जी रहे हैं, देर तक प्रातः सोयें रहते हैं, खानपान का कोई ठिकाना नहीं हैं। फिर स्वास्थ्य ठीक कैसा होगा। आज भी आदिवासी-बैगा जनजातियों के आमजन प्राकृतिक संसाधनों को अपनाते हुए स्वस्थ्य हैं, शहर की तुलना में?  वन सम्पदा के साथ ही साथ खनिज सम्पदा, रेत सम्पदा का  भी विनाश होता जा रहा हैं। दिनों दिन जल स्तर घटते जा रहा हैं। क्या अच्छे स्वास्थ्य के लिए इन चीजों की आवश्यकता नहीं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
निःसंदेह स्वस्थ जीवन का आधार पेड़-पौधे हैं।  पेड़-पौधों से न केवल हमें अपितु पक्षी और पशु जगत को भी जीवनोपयोगी आवश्यक आहार मिलता है। हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए शुद्ध पर्यावरण की आवश्यकता होती है और पर्यावरण को शुद्ध रखने में पेड़-पौधे जबर्दस्त भूमिका निभाते हैं।  पेड़-पौधों की हरियाली मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बचपन से पढ़ते आये हैं कि पेड़-पौधे हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बनडाइआक्साइड को ग्रहण कर हमें जीने के लिए आवश्यक आक्सीजन देते हैं।  इसके अतिरिक्त पेड़-पौधों  से हमें रोग निदान के लिए बहुत सी महत्वपूर्ण वस्तुएं प्राप्त होती हैं।  सम्पूर्ण आयुर्वेद शास्त्र पेड़-पौधों से मिलने वाली दवाओं पर आधारित है। राम-रावण युद्ध में मूर्छित हो चुके श्री लक्ष्मण को मृत्यु से बचाने के लिए संजीवनी बूटी ही काम आई थी जिसे रामभक्त हनुमान हिमालय की कंदराओं से लेकर आये थे। आज भी जितने वनवासी लोग हैं वे अपने रोगों का निदान पेड़-पौधों से मिलने वाली अमूल्य वस्तुओं के उपयोग से करते हैं।  
हमारे बुजुर्गों के पास भी यह ज्ञान बहुत था और अभी भी है परन्तु आधुनिकता के आवरण में हम इस ज्ञान को भूलते जा रहे हैं। आधुनिक जीवन शैली के चलते हम ग्रामीण परिवेश को त्याग कर गगन चुम्बी अट्टालिकाओं में रहने लगे हैं।  इन गगनचुम्बी भवनों के निर्माण के लिए पेड़-पौधों की तिलांजलि दी जा रही है।  उन्हें बेरहमी से काटा जा रहा है।  हैरत तो यह है कि हमें ही सांसों को देने वालों को काटा जा रहा है।  जिस पेड़ को लक्कड़हारा काट रहा होता है थक जाने के बाद उसी पेड़ की छांव में आराम करता है। कैसी विडम्बना है यह? एक तरफ निर्बाध गति से पेड़-पौधों का काटा जाना और दूसरी तरह वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ जैसी मुहिम चलाना कितना विरोधाभास है।  मानव समाज ही आपस में विभक्त हो गया है। पेड़-पौधे काट कर हम उपजाऊ भूमि को बंजर बनाये चले जा रहे हैं।  पेड़-पौधों से मिलती स्वच्छ और शीतल वायु को त्याग कर मशीनी हवा में रहकर आधुनिक कहला स्वयं को नुक्सान पहुंचा रहे हैं।  न जाने हम कब जागेंगे और कब इस बात का हमें एहसास होगा कि स्वस्थ जीवन का आधार पेड़-पौधे ही हैं। आओ हम सभी मिल कर भीष्म प्रतिज्ञा करें कि पेड़-पौधों का नाश नहीं करेंगे और प्रकृति प्रेमी मित्र बनेंगे।  
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
स्वास्थ्य जीवन का आधार पेड़-पौधे हैं। एक पेड़ से 20 लोगों को ऑक्सीजन मिलता है। जल की ही तरह पेड़-पौधे हमारे जीवन का अविभाज्य अंग हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वास्तु में इनका खास महत्व है। वास्तु के अनुसार पेड़-पौधे  हमें सुख-संवृधि प्रदान करते हैं। वातावरण को शुद्व बनाएं रखने के लिए पेड़-पौधों की अहम भूमिका होती है। पेड़-पौधे हैं तो जीवन है। इनके बिना जीने की कल्पना नही की जा सकती। पेड़-पौधों को सहेजना, उनका संरक्षण और संवर्धन करना हमारी जिम्मेदारी है। ये मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और नमी बनाए रखते हैं। जहां पेड़-पौधों की संख्या अधिक होती है वहाँ बरिस भी अच्छी होती है। भविष्य में शुद्व वातावरण के लिए पौधरोपण करना जरूरी है। पेड़-पौधे कुछ दवाइयों का भी काम करती हैं। यदि धरती पर पेड़-पौधे नही होंगे तो वह वीरान हो जाएगी। शुद्ध वातावरण में ही जीवन स्वस्थ्य व सुखमय होगा  आधुनिकता की दौड़ में हरियाली को बढ़ावा देना हम सबका दायित्व है। प्रकृति मुफ्त में ऑक्सीजन देकर मानव जीवन की रक्षा करती है। पर्यावरण की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है और पर्यावरण की सुरक्षा में पेड़-पौधों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
- अंकिता सिन्हा साहित्यकार
जमशेदपुर - झारखंड
हां स्वस्थ जीवन का आधार पेड़ पौधे ही हैं क्योंकि इनसे हमें ऑक्सीजन प्राप्त होती है फल व फूल हरी सब्जियां प्राप्त होती हैं। हम चारों ओर जिस घर में रहते हैं उसे पर्यावरण कहते हैं भौतिक रासायनिक और जैविक पदार्थों के तत्वों का समावेश हो जाता है दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि वायु जल प्रकाश पृथ्वी यह सारे वनस्पति मिलकर पर्यावरण बनाते हैं पर्यावरण हमारे जीवन में बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं हमारी क्रियाकलाप और स्वभाव का विकास बहुत गहरा इन पर पड़ता है सारे जीवन इससे हम से जुड़े रहते हैं पृथ्वी ही एक ऐसा मात्र ग्रह है जहां पर जीवन है पृथ्वी अनुपम है यही वातावरण पर्यावरण में पाया जाता है जिसमें जीव की उत्पत्ति विकास पोषण संभव हो सके अद्भुत धरोहर है इसकी हमें रक्षा करनी चाहिए। हमारा शरीर भी पंच तत्व से बना हुआ है।लेकिन आज हमारा पर्यावरण संकट में इसीलिए हमें भीषण समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पर्यावरण प्रदूषण करने से पशु पक्षी वनस्पति कई प्रजाति भी इसके कारण लुप्त होती जा रही हैं कई अन्य लोग तो पूरा होने की और कगार पर खड़ी हुई हैं प्रदूषण हमारी एक बड़ी समस्या है इससे यदि तीव्र गति से नहीं रोका गया तो इसका बहुत भयंकर परिणाम हमें भोगना पड़ेगा प्रदूषित जल पीने से भी हमें बहुत तरह तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
इसीलिए बरसात में सड़क के किनारे घरों में चारों ओर पेड़ पौधे लगाए जाते हैं जिससे हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध रहे स्वच्छ ऑक्सीजन मिले। इसीलिए अपने आसपास को पेड़ लगाएं और इस पर्यावरण को सुरक्षित रखें यदि पेड़ पौधे नहीं लगाएंगे किसान खेती ना करें तो हमें भोजन फल कहां से मिलेंगे इसलिए चारों और प्रकृति को हरा-भरा बनाए।
स्वस्थ रहे और मस्त रहें।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
प्रकृति में हर वस्तु का अपना महत्त्व है l जहाँ ये वस्तुएँ परिवर्तन और भिन्नता के कारण जीवन को सुंदर बनाती हैं, वहीं ये मनुष्य के उपयोग में भी आती हैं l पेड -पौधे मानव जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक ही नहीं अपितु पूज्य हैं l 
     पेड -पौधे सदियों से मनुष्य के स्वस्थ्य जीवन का आधार रहे हैं l सृष्टि के आरम्भ से ही ये मनुष्य को उसके जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन वायु देते आये हैं और वातावरण से हानिकारक कार्बन  डाइआक्साइड गैस को ग्रहण करते आये हैं l पेड -पौधे प्राणदायिनी ऑक्सीजन तो देते ही हैं इसके साथ ये मानवकी मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा करते हैं l जलाने के लिए लकड़ी हो या घर बनाने के लिए फर्नीचर, विटामिन और प्रोटीन युक्त फल हो या अन्य सभी अनाज -हमारे जीवन के हर पहलू में स्वास्थ्य की दृष्टि से इनका महत्त्व है l पेड पौधों से मानव के स्वास्थ्य के लिए अनेक ओषधियाँ निर्मित की जाती हैं l इन्हीं औषधियों के बल पर संजीवनी बूटी से लक्ष्मण के प्राण बचे थे l
प्राचीन भारत के वनों में आश्रम और तपोवनों, सुरक्षित अरण्यों की संस्कृति को बढ़ावा मिला l  
पेड -पौधे वर्षा का कारण बनकर पर्यावरण की रक्षा करते हैं, स्वास्थ्य विरोधी और घातक कही जाने वाली प्राकृतिक गैसों का चोषण और शोषण करने की भीपेड -पौधों में  बहुत अधिक शक्ति रहा करती है l 
कल्पना कीजिए उस बुरे दिन की (जो कभी न आये )जब ओजान परत टूट कर टूक टूक हो गई है l धरती पर सूर्य की किरणें अग्नि वर्षा करने लगी हैं और उनके ताप से पिघलकर धरती खौलते लावों का दरिया बनती जा रही है l पेड -पौधों का अभाव स्पष्टतः इस धरती पर आबाद समूची सृष्टि की प्रलय का कारण बन सकता है l 
       घरों के निर्माण से पहले ये पेड ही मनुष्य के घर थे l तेज वर्षा हो या कड़ाके की धूप, आंधी आये या पाला पड़ता हो, आरम्भ में मनुष्य पेड के नीचे ही बैठकर इनका सामना करता था l शेर के आक्रमण का सामना भी मनुष्य ने इसी वृक्ष पर चढ़कर किया l वृक्ष भूमि के कटाव को रोकते हैं जिससे धरातल पर आवश्यक उपजाऊ परत बनी रहे l पेड वर्षा लाने में भी सहायक हैं l 
आज प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है l पेड़ों के कटने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हुई है, जो मनुष्य स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है l पेड़ों के बिना शुद्ध हवा मिलना भी मुश्किल है l 
          मनुष्य को अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए उचित मात्रा में ऑक्सीजन का प्रबंध करना चाहिए l "बच्चा एक, पेड अनेक "के सिद्धांत पर चलकर हर किसी के लिए स्वास्थ्य के द्वार खोलने चाहिए l 
       चलते चलते --
पेड -पौधे रहेंगे तो हम रहेंगे 
क्या मानव तू भूल गया -
मरुभूमि की अमर कहानी 
अमृता देवी थी दीवानी 
मातृभूमि को पूर्ण समर्पण 
तन मन धन जीवन कर अर्पण 
कह गई वृक्षों की अमर कहानी 
       उसका बलिदान आज भी अखिल विश्व के अन्तःस्थल में अंकित है l
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
पेड़ों का रिश्ता मनुष्य के जन्म से जुड़ा होता है पहले तो हम लोग आयुर्वेदिक दवाओं का ही उपयोग करते थे जो वनस्पतियाँ हमें पेड़ों से ही प्राप्त होती थी ,
पेड़ हमारे लिए बेहद जरूरी हैं। यह पौधों और पेड़ों की वजह से है कि हम इस ग्रह पर जीवित रहने में सक्षम हैं। पेड़ जीवन देने वाली ऑक्सीजन को बाहर निकाल देते हैं जिसके बिना मनुष्य या अन्य प्रजातियों के लिए जीवित रहना संभव नहीं होगा। हालांकि, यह एकमात्र कारण नहीं है कि पेड़ हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके पास पर्यावरण के साथ-साथ जीवित प्राणियों के लिए बहुत कुछ है। ऑक्सीजन देने के अलावा, पेड़ पर्यावरण से विभिन्न हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं जिससे ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव कम होता है।
पेड़ हमें भोजन और आश्रय भी प्रदान करते हैं। कई पेड़ फलों को सहन करते हैं जो पक्षियों और जानवरों के भोजन के रूप में काम करते हैं। मनुष्य विभिन्न फलों जैसे कि आम, सेब , अमरुद , अनार , चीकू और केला को भी कुछ नाम देते हैं। पेड़ों की पत्तियों, जड़ों और छाल का उपयोग दवाओं को तैयार करने के लिए किया जाता है।
पेड़ जानवरों और मनुष्यों को भी आश्रय प्रदान करते हैं। विशाल, घने वृक्षों से भरे जंगल जंगली जानवरों के आवास के रूप में काम करते हैं और समृद्ध जैव विविधता के लिए योगदान करते हैं। पेड़ों से निकाली गई लकड़ी और अन्य सामग्री का उपयोग कई चीजों को शिल्प करने के लिए किया जाता है जो एक आरामदायक जीवन के लिए आवश्यक हैं।
प्रदूषण हटाने में पेड़ पौधों की अहम भूमिका है . पर्यावरण बचाओगे तो ही जीवन पाओगे, 
प्रयावरण बचाने के लिए हर व्यक्ति ने वृक्षारोपण करना चाहिए । 
पेड़ पर्यावरण को शांत और शांत भी बनाते हैं। वे लोगों से मिलने और समाजीकरण में मदद करते हैं। छोटे हरे पेड़ों और पौधों के साथ पार्क छोटे बच्चों और बुजुर्ग लोगों के बीच पसंदीदा हैं। वे अक्सर यहां विभिन्न बाहरी गतिविधियों में शामिल होने के लिए इकट्ठा होते हैं।पेड़ों की हरियाली हर एक का मन आकृष्ट करती है , पेड़ों की लकड़ी का विभिन्न तरह से उपयोग होता है फ़र्निचर , बनाने चुल्हा जलाने , शो पीस बनाने भवन निर्माण , आदि में 
फल फूल हमारे दैनिक जीवन में बहुत काम आते है ,पौष्टिकता और विटामिन आदि फलों से मिलता है , हमें स्वस्थ रखने में पेड़ों की अहम भूमिका है उनसे हमें आक्सीजन के साथ साथ शीतल हवा मिलती है , हर पेड़ का महत्व है , वृक्षो के कारण ही बादल बरसते हैं व धरा का सौन्दर्य परवान चढ़ता है । 
फूलों से भगवान की आराधना करते हैं फूल सजावट व कई बार औषधी में भी काम आते है । 
हम रोज़ पेड़ों के द्वारा दी जाने वाली चीजों से खाना बनाते है । 
दाल चीनी लौंग , हिंग , कालीमिरी अनगिनत औषधी , मसाले , फूल , फल न जाने क्या क्या नयाब चीजों से हमें नवाज़ा है . हमें पेड़ लगाते रहना चाहिए व उनकी सेवा करते रहना चाहिए वो हमें ज़िंदगी देते है ! 
- डॉ अलका पाण्डेय
 मुम्बई - महाराष्ट्र
पेड़ पौधों के बिना तो इस पृथ्वी पर जीवन ही अकल्पनीय है। हमारे जीवन के समस्त मूलभूत आधार हमें पेड़ पौधों से ही प्राप्त होते हैं। मनुष्य के जीवन में रोटी, कपड़ा और मकान को जीवन आधार माना जाता है और ये तीनों ही चीजें हमें पेड़ पौधे ही प्रदान करते हैं। तत्पश्चात ही हम सुगमतापूर्वक अपना जीवनयापन कर सकते हैं। इन बातों के अलावा जिंदगी का सबसे आवश्यक आधार हमारी साँसें, इसमें भी पेड़ पौधों का अत्यंत महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। इनके  प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से वातावरण में आक्सीजन की अधिकता संभव होती है और तभी हमारी साँसों के लिए स्वच्छ वायु उपलब्ध होता है। इतना ही नहीं अपनी जड़ों के सहयोग से मिट्टी के क्षरण को रोकने, पानी के बहाव को रोककर भूगर्भ के जलस्तर को बढ़ाने के साथ ही साथ धरा पर अच्छी बारिश में भी इनका सहयोग होता है। अतः हमारे आसपास वृक्षों की अधिकता से पर्यावरण शुद्ध होगा तथा हमें स्वच्छ वायु प्राप्त होगा और हम एक स्वस्थ जीवन जी सकेंगे। अतः ये कथन पूर्णतया सत्य है कि पेड़ पौधे हमारे स्वस्थ जीवन का आधार हैं।
- रूणा रश्मि "दीप्त"
राँची  -झारखंड
स्वास्थ्य जीवन का आधार पेड़ पौधे ही है। पूर्वजों के समय से ही हम भारतीय लोग को  जानकारी है।लेकिन विकास की रफ्तार और जनसंख्या की वृद्धि के कारण इसे नजरअंदाज कर रहे थे।
जब वातावरण दूषित होने लगा जिसके कारण स्वास्थ गिरावट की ओर अग्रसर होने लगा। तब हम सब भारतीय हरियाली के प्रति हर कोई जागरूक होने लगे।
जागरूक पर्यावरण प्रेमियों को उत्साहित करने लगे। अब तक उदासीन रहे लोगों में भी "पर्यावरण के प्रति और भविष्य की चिंता साफ दिखने लगा"।
क्या गांव,क्या नगर, पंचायत, कार्यालय,सार्वजनिक स्थल,स्कूल, नए बसे कॉलोनी, हर क्षेत्र में पौधारोपण आमजन तत्पर  हो गए। अब हर जगह हरा-भरा दिखने लगा। जनमानस में पर्यावरण को लेकर एवं उत्साह यूँ बने रहे तो भविष्य में सकारात्मक असर होगा। आधुनिकता के इस दौड़ में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए हमसब को भी  बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
लेखक का विचार:- इस धरोहर को संजोए रखना है पर्यावरण की सुरक्षा में पेड़-पौधों को बहुत महत्व है। पर्यावरण को संतुलित करने का फिक्र बड़ा है तो हरियाली दिखने लगी है पौधारोपण कर पृथ्वी का अस्तित्व बचाने में सहयोग करें। यह महत्वपूर्ण जानकारी है:- हर एक पेड़ या पौधे रोजाना 60 किलोग्राम ऑक्सीजन उत्पादित करता है।
- विजेंयेद्र मोहन
बोकारो - झारखंड
इस बात में तो कोई संदेह ही नहीं। मैंने एक गीत में लिखा था- 'वृक्षों के बिना जीवन कल्पना ये व्यर्थ है/ वृक्ष ही जीवन दाता,जीवन का अर्थ है।'
जीवन के लिए सबसे अधिक आवश्यक तत्व है शुद्ध हवा,जल और भोजन।क्या इनमें से एक भी वृक्षों के बिना मिलना संभव है? नहीं, नहीं, नहीं।तो फिर ये ही तो स्वस्थ जीवन का आधार हुए। आधार तो हैं ही,प्रदूषण दूर करने और वर्षा को बुलाने वाले प्राकृतिक यंत्र भी है। शुद्ध अॉक्सीजन, अनाज, दाल,फल,सब्जी, मसाले और इनसे बनने वाले भांति भांति के व्यंजन,पदार्थ पेड़ पौधों की ही तो देन है। जब मानव शरीर में विजातीय द्रव्य जमा होने लगते हैं,वह बीमार पड़ता है तो खानी पड़ती है दवाईयां। कैमिकल साल्ट से बनी दवाई त्वरित लाभ तो देती है किंतु उसके दुष्प्रभाव से अन्दर समस्या पैदा होने लगती है। तब पेड़ पौधों पर आधारित पद्धति आयुर्वेद ही काम आता है। इससे आगे बढ़कर पेड़ पौधों की जीवनी शक्ति से निर्मित इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की दवाईयां चमत्कारी  असर दिखाते हुए शरीर से सभी विजातीय द्रव्य बाहर कर पूर्ण स्वास्थ्य देती है। इसलिए यह कथन सत्य है कि पेड़ पौधे, स्वस्थ जीवन का आधार है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
जनसंख्या बढ़ने कंक्रीट के जंगल बढते जा रहे हैं ।
 जलवायु परिवर्तन हो रहा है । कुदरत अपनी प्रकृति का रूप बदल रही है । हाल ही में असम के ब्रह्मपुत्र , गुजरात में आई बाढ़ , मुम्बई में अतिवृष्टि इसी बात का सबूत है कि पेड़पौध के वनों को विनाश करना है ।
पेड़पौधे की जड़ें  ही भू क्षरण को रोकते हैं । वृक्ष ही हमें जीने के लिए  आधार हैं ।चुनोतियों से लड़ता हुआ  अन्नदाता हमारे लिए फल,  सब्जी अन्न आदि की खेती करके  जीवन को जिंदा रखने के लिए प्रबंध करता है ।
 पेड़पौधों से  हर  चेतन को ऑक्सीजन मिलती है । बिना पौधों के कोई भी प्राणी जिन्दा नहीं रह सकता है ।
स्वास्थ्य जीवन का आधार पेड़ पौधे हैं
जुलाई के प्रथम सप्ताह को वृक्षारोपण महोत्सव के रूप में  पूरा देश मनाता है । 
मैं भी जब स्कूल में पढ़ाती थी वहाँ भी  विद्यार्थी वृक्ष लगाके इस महोत्सव को मनाते थे । अब मैं अपनी सोसाइटी में वृक्ष लगाने का काम करती हूँ।
भारतीय संस्कृति में पेड़ों को इसलिए पूजा जाता है । क्योंकि यही हमारे पूर्वज , भाई - बहन , प्रभु हैं । प्रकृति हम पर परोपकार करके हमें जीने के लिए तरह - तरह के फल , अन्न आदि देती है ।  प्रकृति हमारे संग मित्रता का व्यवहार करती है । प्रदूषित पर्यावरण बचाने के लिए हमें अपने आस - पास के पौधों की सेवा अवश्य करनी चाहिए । क्योंकि इन पेड़ पौधों में इंसान की तरह चेतना होती है । यह गतिशील अपने भोजन बनाने , अपने कार्यों में रहते हैं । लेकिन यह चल नहीं सकते हैं । ये स्थावर होते हैं । 
मानवीय धर्म हमें वृक्ष लगाने  की बात कहता है। आज भौतिकवादी संसार में सुख सुविधाओं का अंबार लगा हुआ है । वहाँ विकास क्रम में  मशीनों से सब काम होते हैं । भला कौन अपने आस - पास के परिवेश में पौधों की सेवा , देखभाल करना पसंद करेगा । पर्यावरण प्रेमी , समाज सेवी या पौधों के प्रति जो सेवा भाव रखता होगा । वही इनकी सेवा करेगा ।
हरियाली आँखों को सुंदर लगती है ।  हमारे पूर्वजों ने वृक्षों - वनस्पतियों  पर प्रेम किया था , उनमें ईश दर्शन किए थे ,  उन्हें सहोदर मान कर स्नेह से सिंचन किया था  . शकुन्तला वृक्षों को सगे भाई मान कर पानी पिलाती थी .  आज भी भारतीय स्त्रियों का वट  सावित्री का व्रत पति की दीर्घायु की कामना करते हुए वट की पूजा करती हैं . पेड़ - पोधे वर्षा का कारण बन कर पर्यावरण की रक्षा करते हैं और कार्बन - डाई - आक्साइड जैसी विषैली गैस का शोषण कर  शुद्ध वायु आक्सीजन का निर्माण करती है . हमें आस -पास के पेड़ों को अंधाधुंध काटना नहीं चाहिए बल्कि इन  का संरक्षण करें .पेड़  हैं तो नदियाँ जीवित रहेंगी , नदियों के किनारे वृक्ष लगाएं . तभी नदियाँ पहले की तरह हो जाएंगी .मानवीय सभ्यता , संस्कृति नदियों के किनारे जन्मी है . 
मेरे घर के आस - पास आम , कटहल , गुलमोहर , नीम , जामुन , बाँस, नारियल , बादाम , सुपारी के हरे -भरे पेड़ हैं । सारे मौसमी फल हैं ।  मुझे पौधे लगाने , बाँटने का बहुत शौक है । इसलिए इनकी सेवा करना मुझे बहुत पसंद है । वाचमैन के साथ मैं इन पेड़ों का पोषण खुद रसोई के कचरे से खाद बनाकर इनमें डालती हूँ । पानी से सींचना मुझे भाता है । जिससे ये  खूब फलों से ये लद जाते हैं । फिर इन्हें बाँट के खाना भारतीय संस्कृति की पहचान है ।
- डॉ मंजु गुप्ता
 मुंबई - महाराष्ट्र
स्वस्थ रहने  के लिए जलवायु और प्रकृति का योगदान सर्वाधिक होता है या यों कहें कि अभिन्न होता है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।जब प्रकृति इतना महत्वपूर्ण योगदान देती है तो पेड़ पौधे स्वस्थ जीवन का आधार निश्चित रूप से हैं।पेड़ पौधों को हम स्वस्थ जनक भी मान सकते हैं।इस जीवन को प्रवाहमान बनाने के लिए शुद्ध वायु का होना अतिआवश्यक है जो हमें पेड़ पौधों से ही  मिलती है।हमें अपनी पर्यावरण में इनका ख़ास रूप से संरक्षण करना चाहिए ताकि इनका भरपूर उपयोग हम खुद को स्वस्थ रखने के लिए कर सकते हैं।
          हमें खुद को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी स्वयं ही लेनी चाहिए ताकि हम अपने जीवन को सुचारू रूप से पूरी ऊर्जा के साथ जी सकें।केवल हवा ही नहीं बल्कि हमें पेड़ पौधों से ताज़ा फल फूल व खाद्यान्न भी उपलब्ध होते हैं।इनमें कुछ प्रकृति में हमेशा मौसमी रूप से विद्यमान रहते हैं जो कि ज्यादातर जंगल में पाए जाते हैं और कुछ को हम समयानुसार लगाते हैं।जिनमें अगर मुख्य रूप से देखें तो फसलें,फल फूल और अनाज आते हैं।यदि ये ना हों तो मानव जीवन और स्वास्थ्य दोनों ही लड़खड़ा जायेगा।
      सिर्फ इतना ही नहीं इनमें औषधीय पेड़ पौधे और जड़ी बूटियां भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।इसलिए यह कथन बिल्कुल सत्य व सार्थक है कि पेड़ पौधे स्वस्थ जीवन का आधार हैं।
- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड
  पेड़-पौधों के आने के बाद ही सृष्टि को पृथ्वी पर प्रकृति ने भेजा था। आदि मानव का जीवन वन आधारित था। उनके जीवन -यापन का साधन फल और जंगली जानवर थे । आग के आविष्कार ने उसे पेड़ों के झुरमुट से बाहर निकाला। अभी भी आदिवासी जनजाति जंगलों में ही रहती है । वे पेड़-पौधों की महत्ता जानते हैं। उन्हें डॉक्टर की आवश्यकता नहीं पड़ती है। वे पौधों की जड़ों, फूलों व पत्तियों से ही इलाज कर लेते हैं।
प्राचीन काल का मानव ज्यादा परिश्रमी और प्रकृति को पहचानने वाला था। जैसे-जैसे वनों से दूरी बढ़ती गई मानव उनके द्वारा किये गए उपकारों को भूलता गया। अपनी सुविधा के लिए वह प्रकृति के प्रति निर्दयी व्यवहार करने लगा। 
 प्रकृति से अलग होने का प्रभाव मानव के जीवन में होते उथल-पुथल हैं। कई बीमारियों का प्रभाव भी उसी का परिणाम हैं । फेफड़ों की बीमारी, शारीरिक पीड़ा व अन्य बीमारियां पेड़ों की कमी के कारण हो रही है। 
 पेड़-पौधे हमेशा से हमारे मित्र रहे हैं। नीम, बरगद, आंवला सभी की पूजा की जाती है। हमारी परंपरा में भी पेड़ों को देवता माना गया है। कितनी ही पौराणिक कहानियों में पेड़ की विशालता का बखान है। हमें यह समझना पड़ेगा कि पेड़ हैं तो हम हैं।
- संगीता गोविल 
पटना - बिहार
पेड़ पौधों के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नही की जा सकती है , इसलिए इन्हें अधिक से अधिक मात्रा में न केवल लगाना चाहिए बल्कि इन्हें बचाना भी चाहिए । बढ़ता लकड़ियों का व्यापार , गायब होता जंगल आने वाली पीढ़े के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आने वाला है । आने वाली पीढ़ी को हम क्या देकर जाएंगे ये हमारे ऊपर निर्भर करता है । इसीलिए आज हमें समाज मे आगे आकर बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयासरत होने की आवश्यकता है । वहीं अधिक से अधिक पौधरोपण कर भी हम वातावरण को बचाने के लिए कारगर सिद्ध होंगे ।
यदि हम आज के वातावरण पर ही जाएं तो हम आज भी कोई शुद्ध वातावरण में सांस नही ले रहे है । न जाने कितनी ही बीमारियों का घर हमने अपने शरीर मे स्वयं द्वारा रचे इस अशुद्ध वातावरण के कारण बनाया हुआ है । जो हमारे लिए चिंता का विषय है । आने वाला समय हमारे लिए कितना घातक होगा इसका अंदाजा अभी दे लगाया जा सकता है । इसीलिए आने वाले समय मे बेहतर कल की उम्मीद तभी की जा सकती है , जब हम प्रकृति के लिए कुछ करें , प्रकृति को अपना समय व योगदान दें ।
- परीक्षीत गुप्ता
बिजनौर - उत्तरप्रदेश
यह बात शत-प्रतिशत सही है। पेड़-पौधे जीवन और स्वास्थ्य का सबसे उत्तम और आवश्यक आधार हैं। पर्यावरण की शुद्धता में पेड़-पौधों का ही हाथ रहता है। इनसे ही हमें आक्सीजन मिलती है। पशु-पक्षियों को भी अपना भोज्य पदार्थ इन्हीं से मिलता है। जंगली जानवर जंगलों में रहते हैं। एक तरह से तो वही उनका घर होता है। बहुत पुराने समय में तो आदमी भी जंगल में रहता था।
        आयुर्वेद चिकित्सा तो पूरी तरह जड़ी-बूटियों पर ही आधरित है। पर जैसे-जैसे मनुष्य विकसित होता गया उसने प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ करनी आरंभ कर दी। इसका परिणाम दूषित पर्यावरण, दूषित भूमि, दूषित अन्न, हवा, पानी के रूप में सामने आया। जंगल काट कर घर, मॉल, अपार्टमेंट्स, कार्यालय बनाये जाने लगे तो जंगली जानवर सड़कों पर उतर आये। तरह-तरह की बीमारियों से लोग ग्रसित होने लगे।
        अब जबकि बहुत क्षति मनुष्य अपने हाथों कर चुका है....तो उसे सही करने की ओर मनुष्य प्रवृत्त हो रहा है। जंगल लगाये जा रहे है, पेड़-पौधे लगाने की प्रवृत्ति जोर पकड़ रही है। लोग अपने घरों, लॉन, छतों पर दवाई के रूप में काम आने वाले पौधे लगा रहे हैं, जैविक कृषि करने में लोगों की रूचि बढ़ रही है तो यह इसी बात का सुखद संकेत है कि रास्ता भूले-भटके लोग मार्ग पर आ गये हैं और वह अच्छी तरह समझने लगे हैं कि प्रकृति को स्वस्थ रखना, प्रकृति के संपर्क में रहना, पेड़-पौधे लगाते रहना, उनकी देखभाल करना अच्छे जीवन और अच्छे, उत्तम स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखंड
पेड़ पौधे मानव जीवन का आधार ही नहीं बल्कि प्राण दायिनी है हर दिन पेड़ पौधों को देखती रहती हूं और ईश्वर के इस कृति पर सोचती हूं कितने तरह के पेड़ हैं पौधे हैं रंग बिरंगे फूल हैं देखने से ऐसा लगता है की मानव सृष्टि के पहले इन पेड़ पौधों काही सृष्टि हुआ था तभी तो इंसान इन पेड़ पौधों के बीच रहना सीखा और पेड़ पौधों से निकलने वाले ऑक्सीजन मानव शरीर अपना रहा है और पेड़ पौधे मानव द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइऑक्साइड को अपना रहा है क्या विडंबना है जिसे हम कार्बन कहते हैं अर्थात बेकार उसे हमारा पेड़ पौधा अपनाकर ऑक्सीजन में परिवर्तित कर दे रहा है।
अब या स्पष्ट है कि पेड़ पौधे हमारे पर्यावरण हैं और इनसे हमें ऑक्सीजन मिलता है जो हमारे शरीर के लिए जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इन पेड़ पौधों से भोजन मिलता है फल मिलते हैं सब्जियां मिलती हैं औषधियां मिलते हैं साथ ही साथ लकड़ियां भी मिलते हैं अब सोच लीजिए क्या इन पेड़ पौधों के बिना मानव जीवन की जिंदगी की कल्पना की जा सकती है बिल्कुल नहीं।
हर दिन इंसान को इन पेड़ पौधों की सेवा करनी चाहिए चुकी सबसे बड़ा हितैषी हमारा पेड़ पौधा ही है
एक कहानी याद आ रही है चेन्नई की चेन्नई की एक महिला जिन्हें कोई भी बच्चे नहीं थे समाज उन्हें तिरस्कृत कर रहा था लेकिन उन्होंने अपने मन में विचार किया कि हर दिन में एक पेड़ लगाऊंगी और उसकी सेवा करूंगी वह पेड़ उस मां के बाल बच्चे बन गए उनकी सेवा करते रहने में इतना आनंदित रहती थी और जब फल फूल लगते थे तो कहते थे कि यह सिर्फ मुझे ही नहीं पा रही है हमारे इस संसार के कितने लोगों की सेवा करेगी इससे बड़ा सपूत और कोई हो ही नहीं सकता है
पूरी मानव जाति इन पेड़ पौधों के बदौलत ही सुखी संपन्न जीवित और खुश है इसलिए हर छोटे से छोटे पेड़ पौधों का मान सम्मान आदर करना हमारा कर्तव्य बनता है इसलिए हम लोग सबसे पहले प्रकृति की पूजा करते हैं पेड़ पौधों की पूजा करते हैं
- कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
पेड़ पौधो के बिना पृथ्वी पर जीवन सम्भव ही नही हैं खेती क्या हैं ? हमारे आहार भोजन का प्रबन्ध ही न वैसे ही पेड़ पौधे भी हमे कई प्रकार के फल  खुश्बु के लिये तरह तरह के फुल यह सब हमें पेड़ पौधों से ही प्राप्त होते हैं आज से सैकड़ो वर्ष पुर्व में जब मानव सभ्यता भी विक्शीत नही हुई थी तब का मानव भी पेड़ पौधों की पत्तीयां छाल खाकर समय जीवन बिताता था धिरे धिरे जब मानव कुछ सभ्य हुवा उसने फल पहचानना सुरू किया ओर भोजन के रूप में फल खाने लगा हमारे समाज में तो उपवास या रोजा रखते हैं तो वे भी फलाहार ही करते हैं जब हम अस्वस्थ होते हैं तो डाॅक्टर भी हमें फलाहार करने की सला देते हैं। यहा तक तो ठिक हैं पर यही पेड़ पौधे हमें मन को सितलता प्रधान करने वाली छाया देते हैं शुद्ध वायु देते हैं जल कटाव रोकते हैं और न जाने क्या क्या लाभ हमें इन पेड़ पौधों से प्राप्त होते हैं।
- कुन्दन पाटिल
 देवास - मध्यप्रदेश
स्वास्थ्य जीवन के अलावा जीने के लिए भी पेड़ पौधों की जरूरत है। इसके बिना जीवन असंभव है। बिना हवा के संसार में जीवन किसी का नही चल सकता है। अतः जीवन के लिए और प्रकृति के खुशहाली के लिए पेड़ों  का होना जरूरी है। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए यदि पेड़ नही लगाए गए तो जीवन कठिन हो जाएगा । अतः जीवन और स्वास्थ्य के लिए पेड़ लगाना जरूरी है।
- राम नारायण साहू "राज"
रायपुर - छत्तीसगढ़
जी हां, इसमें कोई दो राय नहीं कि स्वस्थ जीवन के आधार हैं पेड़-पौधे। पेड़-पौधे वातावरण में मौजूद हानिकारक कार्बन सोखकर शुद्ध जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं जो कि हमारे जीवन के लिए संजीवनी बूटी समान है। आपके आसपास जितने अधिक पेड़ होंगे उतना ही प्रदूषण कम होगा। पर्यावरण की सुरक्षा में पेड़-पौधे का बहुत अधिक महत्व है। प्रकृति मुफ्त में ऑक्सीजन देकर मानव जीवन की रक्षा करती है।
     एक औसत आकार का पेड़ 1 वर्ष में इतनी ऑक्सीजन देता है जिससे 4 लोगों का परिवार पूरे साल सांस ले सकता है। पेड़ों की वजह से बारिश भी होती है और बारिश से कृषि-उद्योग फलता- फूलता है। साथ ही अधिकांश पेड़ औषधीय गुणों की वजह से स्वास्थ्य सुधार में भी सहायक होते हैं।
पेड़ों को देखने से भी स्वास्थ्य ठीक होता है। जिन अस्पतालों में पेड़ होते हैं वहां मरीज जल्दी स्वस्थ होते हैं।
    औद्योगिकरण और शहरीकरण के वजह से जिस तीव्रता से अंधाधुंध वनों की कटाई हुई उस क्षति को पूर्ण करने के लिए सरकार और जनता जागरूकता के साथ वृक्षारोपण अभियान पर बल दे रही है। लगातार बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग का असर कम करने के लिए शहरों के बीचो-बीच बड़े-बड़े पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं।
  जापान में लकड़ी से बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बनाई जा रही है। 350 मीटर ऊंची इस इमारत के हर माले पर पेड़ लगाए जाएंगे।
      भारत में भी वृक्षारोपण अभियान के कारण वातावरण का स्वास्थ्य सुधर रहा है जिसके फल स्वरुप भारतीयों का भी स्वास्थ्य सुधर रहा है।
     इस तरह हम कह सकते हैं कि पेड़-पौधे स्वस्थ जीवन के आधार हैं। हमें अत्यधिक पौधारोपण कर वातावरण को प्रदूषण रहित बनाना है। पौधारोपण जीवन के जरूरी कार्यों में समाहित कर जीवन को स्वस्थ व खुशहाल बनाना है।
                                   - सुनीता रानी राठौर 
                             ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
जी बिल्कुल ही अक्षरसः सत्य है कि स्वस्थ जीवन का आधार पेड़-पौधे ही होते हैं ।
पत्ती से लेकर जड़ों तक न जाने कितने फायदे होते हैं एक पेड़ के । दवाइयां ,भोजन ,कपड़े से सुरक्षा तक पेड़ों के बहुत फायदे हैं ।
पेड़ों की खासियत यह है कि इसका कोई भी हिस्सा अनुपयोगी नहीं होता ,चाहे पत्तियां हो ,तना हो , बीज ,फल ,फूल सब कुछ इंसान और प्रकृति के लिए फायदे से भरे होते हैं ।
ये हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं इसके बारे में कक्षा 3 के बच्चे हम से बेहतर जानते हैं।
 पहले दुनिया में पेड़ों और हरी भरी वनस्पति का राज था।
 आदिमानव ने हरे भरे साथियों से दोस्ती कर ली थी।
उनका खाना ,पहनना , ओढ़ना ,रहना सब कुछ उन्हें यह पेड़ ही उपलब्ध कराते थे।
 इन पेड़ों ने हमारे पूर्वजों तक का यहां का आगमन देखा है ,लेकिन के विकास की प्रक्रिया शुरू हुई तबसे पेड़ों  के बुरे दिन शुरू हो गए ।
पेड़ों के काटने से हमारी सभ्यता का नुकसान हुआ है ।
पेड़ो का सब कुछ हमारे लिए हर क्षेत्र में उपयोगी होती है। अधिकतर पेड़ों की पत्तियां हरे रंग की होती है यह पत्तियां मुख्य रूप से पेड़ के लिए सूर्य की रोशनी की उपस्थिति में भोजन बनाते हैं। इसके लिए यह वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड जहरीली गैस लेती है और ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं ।इस तरह पत्तियां ऑक्सीजन के रूप में जीवो को प्राणवायु देती हैं ।
सारे अनाज जो हमे जीवित रखते है अन्न देव इसी लिए कहे जाते हैं गेंहू चावल ,चना, जौ ,दालें तिलहन वह सब हमे इन पौधों से ही तो बीज के रूप मे  मिलते है चाय ,काफी, चीनी ,गुड़ , के अलावा सारे मसाले कौन देता है ,,ये पेड़ ,ये पौधे ,,,
जरा सोचो हम कितना निर्भर है इन पेड़  पौधों पर ,,।
कई पौधों की पत्तियां पालक,मेथी ,चौलाई , सोया ,नारी साग चने का साग बथुए का साग आदि भोजन के रूप में की  ग्रहण की जाती हैं जिनमें अत्यंत मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और आयरन पाया जाता है ।और भी सारी सब्जियां कोई  पत्ती तो कोई  फूल ,कोई तना तो कोई फल या फूल भी भोजन का एक एक मुख्य प्रकार है जो अनगिनत गुणों से युक्त होता है ,,।
औषधि के रूप में तो पौधों का जवाब नहीं ।
पूरा आयुर्वेद सिद्धांत की प्रकृति पर निर्भर है ।
एक से एक गंभीर और असाध्य रोग का इलाज भी पेड़ पौधों से ही करते हैं ।तुलसी ,पुदीना ,एलोवेरा गिलोय सहित हजारों पेड़ पौधे जो कि एक से एक जटिल बीमारियों, लाइलाज बीमारियों को ठीक करते हैं।
यह इन पौधों की ही देन है  कि दवाई से लेकर भोजन में प्रयोग किए जाते हैं । खाए जाने वाला आना है जो मनुष्य के भोजन का एक मुख्य अंग है जिसे प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट मिलते हैं एक पौधा ही तो है शकरकंद मूली गाजर आदि के रूप में हम कुछ पौधों की जड़े खाते हैं ,जिनमें अत्यंत मात्रा में विटामिन प्रोटीन आयरन और कैल्शियम होता है।
 फलों का क्या कहना आम, केला, अमरूद ,अनार ,रसभरी सेव  समेत पता नहीं कितने फल जो हमें जीवन देते हैं ।
कहते हैं एक अनार सौ बीमार।
 एक अनार कितना उपयोगी है कि सौ बीमार उससे ठीक हो सकते हैं  कितने मिनरल विटामिन्स होते है इन फलो मे,,ये फल पेड़ पौधों की दी सौगात है।
 और सब्जियां ,,,  जो मनुष्य की भोजन का एक बहुत बड़ा हिस्सा  हैं  ,,, हम लोग रोज ही ग्रहण करते हैं ।हरी सब्जियां  पेड़ पौधों की ही देन है ,चाहे वह उनके फल, फूल के रूप में उनकी पत्तियों के रूप में उनकी जड़ों के रूप में हो।
 हमारे इको सिस्टम की बुनियाद हैं पेड़ पौधे ।
 अगर हम भोजन बनाने वाले व खाने वाले के आधार पर एक पिरामिड बनाए तो इकोसिस्टम में पेड़-पौधे ही सबसे बुनियादी रोल में होते हैं ।
सूरज की रोशनी से भोजन बनाने की कला पेड़ पेड़ों के अलावा किसी जीव के बस में नहीं होती।
 शाकाहारी जीव इन्हें खाते हैं शाकाहारी जीवो को मांसाहारी जीव खाते हैं ।
यदि पेड़ न होंगे तो सिर्फ वातावरण प्रदूषित नहीं होगा बल्कि हर छोटे-बड़े सभी जीव मर जाएंगे ।
पेड़ों के बीज, फूल ,पत्ती, तना,फल जड़ें सब कुछ हमें भोजन देते हैं ।दवाएं भी देते हैं।
 पूरा वातावरण दुरुस्त रखते हैं वर्षा देते हैं ,जल देते हैं ,तो पेड़ पौधों का कितना रोल है जिसकी जिसको लिख पाना मुश्किल हो रहा ।
स्वस्थ जीवन का आधार  पेड़ पौधे ही हैं।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
 अवश्य स्वस्थ जीवन का आधार पेड़ पौधे हैं। इसके अतिरिक्त आ और बहुत से तत्व स्वस्थ जीवन के आधार हैं स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को मूलभूत तत्वों की अनिवार्य आवश्यकता होती है। मनुष्य पंच तत्व से बना है वह में गगन वायु अग्नि अमीर पंच तत्व से बना मानव शरीर को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी जीवन अर्थात मन की होती है। अतः मन स्वस्थ होने से ही शरीर का स्वच्छता संभव है क्योंकि जीवन मन में समझ होने से ही शरीर को स्वस्थ रखने हेतु किन किन वस्तुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है इसका निर्णय मन अर्थत जीवन करता है। शरीर स्वस्थ कैसे कुछ आराम है १. जीवन में समझ होना २. संयम होना३. शुद्ध भोजन, शुद्ध जल, शुद्ध वायु और साथ मे ताप संतुलन होना४.श्रम,योगा,खेल, व्यायाम ५.स्वच्छ वातावरण। यह सभी तत्व शरीर के लिए अनुकूल है। अस्तित्व में चार अवस्था दृश्य है एक पदार्थ अवस्था दो प्राण अवस्था अर्थात वनस्पति 3 युवावस्था 4 ज्ञान अवस्था अर्थात मानव। मानव तो वास्तविकता हूं की संयुक्त स्वरूप से बना है एक जीवन अर्थात मन +शरीर दोनों के  सहअस्तित्व से मानव स्वरूप  दृष्टव्य है। अतः स्वस्थ जीवन का आधार पदार्थ पेड़-पौधे जीव जंतु मानव है। मानव में समझ होने से ही मानव तत्वों की उपयोगिता को समझकर शरीर की स्वच्छता हेतु आवश्यकता अनुसार सदुपयोग करेगा। सभी स्वस्थ जीवन रह पाएगा। पेड़ पौधे मानव शरीर की स्वच्छता का अभिन्न अंग है ।पेड़ पौधे स्वस्थ जीवन जीने के एक महत्वपूर्ण आधार है। मनुष्य को पेड़ पौधे की उपयोगिता को पहचान कर उसकी सही उपयोग कर शरीर को स्वस्थ रखकर खुशियाली जिंदगी जी सकता है ।पेड़ पौधे के बिना  जीवन की कल्पना करना निरर्थक है  संसार में जो भी  वस्तुएं  है व्यवस्था के स्वरूप में  क्रियाशील है उपयोगिता पूरक ता के अर्थ में वह सभी वस्तुएं  मनुष्य के  सुखद जिंदगी जीने का आधार है ।अर्थात संसार स्वस्थ शरीर और सुखी  मन को प्रमाणित करने का एक व्यवस्था है ।निष्कर्ष मे यही कहते बनता है,कि स्वस्थ जीवन का आधार के अंतर्गत जो भी संसार में है। उसका सदुपयोग, संरक्षण ,सुरक्षा, संवर्धन कर अपराध मुक्त हो पुण्यशील बने। यही मानत्व है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
स्वस्थ जीवन का आधार पेड़-पौधे ही हैं। क्योंकि पेड़-पौधे वायुमंडल को आॅक्सीजन देते हैं और नाइट्रोजन सहित अन्य हानिकारक तत्वों को लेते हैं। जिससे जीवन को शुद्ध प्राणवायु मिलती है और जीवन स्वस्थ रहता है।
     यही नहीं पेड़-पौधे हमें औषधियां एवं फल देते हैं। जिनसे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उदाहरणार्थ संजीवनी बूटी भी एक अद्वितीय औषधि है। जिसने त्रेता युग में लक्ष्मण जी को जीवनदान दिया था।      
     सर्वविदित है कि आयुर्वेद पूरे का पूरा पेड़-पौधों पर निर्भर करता है। किसी पेड़-पौध के फूल, किसी के फल, किसी की टहनियां, किसी के छिलके एवं किसी की जड़ें उपचार करने में सक्षम हैं। जो अत्यंत प्राचीन, महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ गुणवत्ता से परिपूर्ण हैं।
     अन्ततः यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि जब तक पेड़-पौधे हैं। तब तक जीवन है। वह जीवन जिसे पेड़-पौधे स्वस्थ रखते हैं। अर्थात सत्य यह है कि स्वस्थ जीवन का आधार पेड़-पौधे ही हैं।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
धरती पर जीवन इन पेड़ पौधों की ही देन है। बिना पेड़ पौधों के जीवन संभव ही नहीं है पेड़ पौधे हमें शुद्ध वायु तो देते ही है हमारा पेट भरते है। अनेकों किस्म की वनस्पति हमारे भोजन में कसम आती है। इन से हमें दवाइयां, कपड़े, कागज़, तेल, इत्र,फर्नीचर और भी  अनगिनत चीज़े मिलती है। पेड़ो के कारण वर्षाआती है। मिट्टी उपजाऊ होती है। नदियों में फिर से पानी भरता है। इस तरह पूरा जीवन चक्र इस के इर्दगिर्द घूमता है। और  आज पेड़ कम होने से ही अनेको श्वसन तंत्र की बीमारियां है।लोग शाकाहार रहेंगे तो स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और प्रकृति का संतुलन भी नहीं बिगड़ता है।
- सीमा मोंगा
रोहिणी - दिल्ली
क्या स्वस्थ जीवन का आधार पेड  पौधे है जहाँ तक यह प्रश्न है तो वास्तव में पेड पौधे ही वह आधार है जिसे जीवन की रीढ कहना उचित कहना बहुत उचित होगा पेड पौधे ही वाता वरण मे प्राण वायु प्रदन करते है जिसे प्राप्त करके प्राणी सभी जैविक क्रिया ओ को करते हैं प्राण वायु से ही जीवन है इसके अतिरक्त औषधी भोजन मसाले वस्त्र पशु पक्षियों को आश्रय भूअपरदन से उपजाऊ भूमि की सुरक्षा प्रदूषण को कम करने में सहयक है वर्षा मे सहायक है वातावरण की कार्बनडाई आक्साईड को निरन्तर आक्सीजन में परिवर्तित करे वातावरण मे आक्सीजन की उपलब्धता को सुनिश्चित करते दो श्वसन मे काम आती है और निकलने वाली कार्बन डाईआक्साईड का उपयोग प्रकाश संश्लेषण करके अपना भोजन बनाते है इसी क्रिया से वातावरण को आक्सीजन प्राप्त होती है और सभी को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भोजन भी प्राप्त होता है इस प्रकार कहा जा सकता है हमारे स्वस्थ जीवन का आधार पौधे ही है.              
 - प्रमोद कुमार प्रेम 
नजीबाबाद - बिजनौर
हां बिल्कुल , हमारे जीवन का आधार पर्यावरण है और जो कि पेड़ _पौधे पर हीं निर्भर है।आज वृक्षविहीन धरती होती जा रही है निरंतर कटाई के कारण ।जिसके फलस्वरूप समय_समय पर प्रकृति का रौद्र रूप हम सबको दिखता है। पेड़_पौधे हमारे जीवन के आधार पहले भी थे , हैं,और आगे भी  रहेंगे। पेड़ हमें सदैव देते हीं हैं ।हमारे लिए जीवन दायिनी आक्सीजन देकर बदले में विषाक्त कार्बन डाइऑक्साइड को पेड़ वापस लेकर प्राकृतिक सामंजस्य बनाए रखते हैं। पेड़ _ पौधे अपने में ना जाने कितने प्रकार के औषधि छुपाए हुए हैं जिनका हम सदियों से उपयोग करते आ रहें हैं। अनगिनत प्रकार के फल हमें पेड़ से आपरूपी प्राप्त होता है।तनिक देख _भाल  से पेड़ _पौधे हमें आजीवन देते हीं रहते हैं। पेड़_ पौधों वातावरण के साथ हमें भी शुद्ध कर जातें हैं। हमारे देश की पौराणिक परम्पराओं में बहुत से वृक्षों की पूजा होती है जो आज तक चली आ रही है।हरियाली पेड़ _पौधो से हीं है जिसके कारण हमारे जीवन में भी हरियाली और खुशहाली बनी रहती है।कहावत है कि नीम का पेड़  घर के सामने अगर खड़ा हो तो उस घर में बीमारी भी प्रवेश करने से डरती है। इसलिए यह सही है कि स्वस्थ जीवन का आधार पेड़_ पौधे भी हैं।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
पेड़ ,पौधे सृष्टी का एक हिस्सा है ।पेड़ पौधों ने ही मनुष्य को विकास की राह दिखाई ।आदिमानव भी फल खाके जीवित रहे ।वृक्षों की छाल पहन कर तन को ढ़कना सीखा ।धीरे -धीरे लकड़ी काट कर आग जलाना सीखा ।हमारी सभ्यता का विकास पेड़ पौधों के साथ ही हुआ ।पहले हमारी औषधि केवल पेड़ पौधों से ही मिलती थी ,आज भी आयुर्वेद के रुप में वही पुरानी परम्परा जीवित है ।विश्व की बढ़ती जनसंख्या वातावरण को दूषित कर रही है ,पर्यावरण संभालने का काम पेड़ पौधे ही कर रहे हैं ।आक्सीजन ,जो हमारे जीवित रहने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है ,वह हमें पेड़ पौधों से ही मिलती है ।आज विश्व की भयंकर बिमारियाँ वृक्षों के कटाई का ही परिणाम है ।आज हमलोग पौध रोपण पर ध्यान केवल अच्छे स्वास्थ की चाह में ही दे रहे हैं ।वृक्ष हैं तो हम है वरना हमारा अस्तित्व खतरे में होगा ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
पेड़ पौधें मनुष्य जीवन का मूल आधार है । इसलिए पेड़ों को धरती के पूर्वज कहा गया ।इस तथ्य को हम इस प्रकार समझ सकते हैं प्रकृति अपनी संतानों पर एंव सभी तरह के जीवों पर सभी तरह के जीवों पर अपनी ममता न्योछावर परोपकार करती है ।पेड़-पौधें हमारे पर्यावरण के भी बहुत बड़े संरक्षक हैं, पेड़ पौधों की पत्तियाँ और ऊपरी शाखाएँ सूर्य किरणों की सहकर पौधें की जड़ों से जल का अन्वेषण कर आस पास के तापमान को नियंत्रित करते हैं ।पत्तियों में मौजूद जल का वाष्पोंतसर्जन होता है और यही वाष्प बाद में वर्षा की बूंदो के रूप में धरती पर बरसता है पेड़-पौधें हमारे लिए बेहद उपयोगी है इनमें विषैली स्वास्थय विरोधी और घातक कही जानेवाली प्राकृतिक गैसों का शोषण करने की भी बहुत अधिक शक्ति रहा करती है ।
अतः हम यह कह सकते हैं कि मनुष्य के स्वास्थय को निरोगी एंव स्वस्थ रखने के सभी तत्व पेड़ पौधें में उपलब्ध हैं ।हम पेड़-पौधें के बीच ही स्वस्थ जीवन यापन कर सकते हैं ।
- डॉ. आशा सिंह सिकरवार
 अहमदाबाद - गुजरात 

" मेरी दृष्टि में "  पेड़ पौधे ही स्वास्थ्य जीवन की आधारशिला है । बिना पेड़ पोधे के जीवन की कल्पना करना असम्भव है । फिर भी पेड़ पौधे प्राकृतिक की सभी बड़ी देन है । जो दुनियां को चलाने में अपनी भूमिका निभातै हैं । 
                                               - बीजेन्द्र जैमिनी
सम्मान पत्र 


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