क्या समस्या से बड़ा समाधान नहीं खोजना चाहिए ?

जीवन में समस्याओं का भण्डार है । जो समस्याओं से लड़ना सिख गया है । वह कामयाब इंसान कहा जाता है । समस्या से समाधान हमेशा ब़ड़ा होना चाहिए । तभी समस्या बार - बार खड़ी नहीं होती है । कोई भी ‌समस्या जब तक ‌हल नहीं होता है। जब तक समस्या मानी जाती है । अतः समस्याओं का समाधान पर " आज की चर्चा " केन्द्रित है :-

समस्या से बड़ा समाधान खोजना   कठिन हो सकता है परंतु असंभव नहीं है और समझदारी एवं प्रयास  यही होना चाहिए कि  समस्या का बड़ा समाधान खोजा जावे। इसके लिए समस्या को सूक्ष्मता से उसकी मूल और विस्तार के पहलुओं को भी समझना चाहिए और फिर सारे विकल्पों की समीक्षा कर हरेक बिंदुओं के निदान की समुचित उपाय उपलब्ध सजगता, तन्मयता तत्परता और सुगमता से रखना होंगी।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
 जीवन  में  आए  दिन  समस्याओं  से  रूबरू  होना  पड़ता  है  जिससे  एक  बार  तो  इंसान  तनाव  में  आ  ही  जाते  हैं  ।  ये  समस्याएं  भी  कई  प्रकार  की  होती  है  जैसे--शारीरिक,  मानसिक,  पारिवारिक,  व्यवसायिक  आदि  ।  इनसे  बड़ा  समाधान  खोजने   के  लिए  धैर्य  की  आवश्यकता  होती  है  ।  धैर्यपूर्वक  समस्या  की  तह  तक  जाकर,  उसके  कारणों  पर  विचार  कर, उसके    समाधान  के  सकारात्मक,  नकारात्मक  बिन्दुओं  पर  मंथन  कर  शीघ्र  ही  समस्याओं  का  समाधान  खोजा  जाना  चाहिए  ।  कई  बार  समस्या  का  हल  हमारे  सामने  होता  है,  कई  बार  साधारण  सी  समस्या  को  तूल  देकर  बड़ा  समझ  लिया  जाता  है  ।
       - बसन्ती पंवार
       जोधपुर  - राजस्थान
यदि संयमित ,वेदानुकूल जीवन जीने की कला आ जाये,तो समस्या आयेगी ही नहीं।यदि फिर भी कुछ समस्या लगता है तो वहाॅ निदान भी अवश्य है।
- नरेन्द्र आर्य
सम्पादक : चरित्रवान
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
समस्या से बड़ा समाधान खोजना ही समस्या सुलझाने का पहला कदम है न कि केवल रोना या अगले-पिछले पर इल्जाम लगाना।जीवन है तो राहे है राहे हैं
तो पड़ाव भी हैं उनमें कभी धूप तो कभी छाँव भी हैं अतः समस्या  से बड़ा समाधान उसी तरह है जिस तरह खिंची लकीर के आगे बड़ी लकीर खींचकर उस पहले वाली लकीर को छोटा करना।
- रश्मि लता मिश्रा
जीवन है तो धूप-छाँव की तरह समस्या का जीवन में आना-जाना लगा रहता है। कठिनाई तब होती है जब ध्यान न देने, कमतर समझने और लापरवाही के चलते उसे बढ़ा दिया जाता है। समस्या छोटी हो या बड़ी.. समाधान तो हर स्थिति में उससे बड़ा ही होगा तभी तो वह उसे दूर करने में सहायक होता है। हाँ, यह अवश्य होना चाहिए कि समस्या के उजागर होते ही उसका समाधान ढूँढ कर, उसे अपना कर समाप्त कर दिया जाय।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
   देहरादून - उत्तराखंड
जीवन है तो समस्याएं एवं संघर्ष भी होंगे . समस्या छोटी हो या बड़ी, समस्या तो समस्या ही है. समस्या का समाधान करने में हम कहाँ तक सफल हो पाते हैं यह हमारे विवेक और धैर्य पर निर्भर करता है. जीवन में ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका कोई हल न हो. हम अनवरत बुद्धि और विवेक से कार्य करके प्रत्येक समस्या का समाधान कर सकते हैं. जो व्यक्ति समस्या को होआ समझ लेते हैं, वह जीवन में फेल हो जाते हैं, निराशा का आवरण सेघिर जाते हैँ.
- डॉ छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
जी बिल्कुल!समस्या से बड़ा समाधान खोजना ही अपनी समस्या को दर किनार करना है!जीवन है, तो समस्या तो किसी न किसी रूप में आती ही है!समाधान बिना कोई भी समस्या हल नही हो सकती।और समस्या को मिटाने के लिए तत्काल समाधान ढूंढा जाता हैं!समस्या कभी भी समाधान से बड़ी नही हो सकती।हमे समस्या से बड़ा समाधान खोजना ही चाहिए।
- वन्दना पुणतांबेकर
किसी भी कार्य का हल यदि बिना विवेक या प्रज्ञा के किया जाता है तो वह समस्या बन जाता है। अतः दूरदर्शिता के साथ उचित- अनुचित का भली प्रकार से सोच विचार कर किया गया कृत्य या कोई भी योजना अपने आप में हर प्रश्न का स्वयं समाधान सिद्ध होती है। यथा-" सीता की खोज" श्री रामऔर हनुमान जी  के लिए कोई बड़ी समस्या नहीं थी;  फिर भी उन्होंने प्रज्ञा (विवेक) से सीता- प्राप्ति का समाधान योजनाबद्ध तरीके से खोजा। अत: समस्या से बड़ा समाधान खोजना आवश्यक है।
- डाॅ.रेखा सक्सेना
समाधान समस्या क्या है उसपर निर्भर करता है ।समस्या का समाधान होना ज्यादा जरूरी है ,उसका आकार कितना बड़ा है या छोटा, कोई मायने नहीं रखता ।समस्या का उचित समाधान हो ,उसे अत्यधिक बड़ा करने की मेरे ख्याल से कोई आवश्यकता नहीं है ।
     - रंजना वर्मा
रांची - झारखण्ड
समस्या है तो समाधान है  और जीवन है तो समस्याएं हैं !समाधान की जननी ही समस्या है !समस्या से निपटने के लिए हमें धैैर्य एवं शांति से अपने मानसिक तंत्र को स्थिर रखते हुए सकारात्मक विचारों के साथ उसका तोड़ ढूंढना चाहिए ! शीघ्रता से लिए निर्णय धातक सिद्ध होते हैं !
 यही कहूंगी समस्या है तो समाधान हैं ! हां समाधान के बाद भी यदि हमें सोचा फल नहीं मिलता तो हमें निराश न होते हुए दृष्टिकोण को विकास की ओर लेजाते हुए सकारात्मक विचार के साथ पुन:  सफलता प्राप्त करने के लिए नए समाधान को अंजाम देने की कोशिश धैर्य एवं विश्वासके साथ करनी चाहिए ! समस्या का निवारण अवश्य होगा !
- चन्द्रिका व्यास
जीवन मैं समस्या व समाधान , दोनों निहित हैं 
समस्या बड़ी है या समाधान , ये देखने वाले के नज़रिये पर भी निर्भर करता है 
ऐसी कोई भी समस्या नहीं जिसका समाधान न हो !!
समस्या का जन्मदाता व समाधान का खोजकर्ता भी मनुष्य ही है 
कई बार सामने समाधान देखते हुए और समाधान को समझते हुए भी मनुष्य अनजान बनकर अप्रिय स्थिति से गुज़रता है 
समस्या को यदि समस्या न समझकर नियति मान ले मनुष्य तो न रहेगी समस्या न समाधान की आवश्यकता होगी !!
- नंदिता बाली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
जहाँ समस्या है वहाँ समाधान भी है। जीवन मे सुख -दुःख लगा  रहता हैं। लोग दुःख के समय मे घबरा जाते हैं। दुःख के समय जो सकारात्मक सोच रखते हैं तो उनको समस्या का समाधान कही- न -कहीं नजर आ जाता हैं।  इसलिए दुःख के समय भी इंसान को धैर्य से रहना चाहिए।
      -  प्रेमलता सिंह
पटना - बिहार
समस्या पैदा होगी तो उसका समाधान खोजा जाना आवश्यक है अन्यथा समस्या मुँह बाये खडी रहेगी तथा समय के साथ साथ विकराल रुप धरण कर लेगी ।।
     इसलिये समय रहते समस्या का प्रभावी और सटीक समाधान खोजा जाना आवश्यक है ।।
  -  सुरेन्द्र मिन्हास
 बिलासपुर - हि प्र
समस्या और समाधान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं |जहां समस्या होगी वहाँ समाधान भी निश्चित है चाहें छोटा हो या बड़ा | समस्या कैसी भी हो सही मशवरा और वक्त हर समस्या का समाधान ढुंढ लेता है 
                             -  सविता गुप्ता 
                                  राँची - झारखण्ड
ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान न हो बस आवश्यकता है धैर्य के साथ उसका सामना करने की । जैसे किसी परीक्षा में आप बार- बार असफल हो रहें हैं तो कारण ढूंढिए कि क्यों आपको मनोबांछित परिणाम नहीं मिल पा रहा । यदि पूरे मनोयोग से आप चिंतन करेंगे तो अवश्य ही सुखद परिणाम मिलेगा । 
अक्सर कई लोगों को ये कहते सुना जाता है कि मेरा समय खराब चल, मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है, लगता है संसार के सारे दुःख भगवान ने मेरी झोली में ही डाल दिये हैं ।  क्या आपने गौर किया कि ऐसी शब्दावली का प्रयोग वे लोग ही करते हैं जो निकम्मे व  कामचोर होते हैं । बस दोषारोपण के अतिरिक्त उन्होंने कुछ सीखा ही नहीं होता है ।  वहीं सफ़ल व्यक्ति अपने चारो ओर सकारात्मक वातावरण बना कर रखता है जिससे उनके सम्पर्क में आने वाला हर व्यक्ति लाभन्वित होता है ।
बस हमें आवश्यकता है पूरे मनोयोग से कार्य करने कि जिससे समस्या छोटी होकर लुप्तप्राय हो जाए व समाधान बड़ा होकर शिखर पर विराजित हो ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
जी बिल्कुल, समस्या से बड़ा समाधान हम खोज लेते हैं तो समस्या खुद-ब-खुद छोटी हो जाती है और फिर आसानी से हल भी। पर इसके लिए हमें धैर्यपूर्वक समाधान की खोज करनी चाहिए। अन्यथा जल्दबाजी और घबराहट में समाधान मिलना तो दूर  छोटी समस्या भी बड़ी लगने लगती है।
           -  गीता चौबे
            रांची - झारखंड
हम यदि विचारें तो पायेंगे कि समस्या जितनी बड़ी होती है उसका समाधान उतना ही छोटा व हमारे नजदीक होता है लेकिन चिंता की चादर ओढ़े होने के कारण समाधान नजर नहीं आता है।
-  दर्शना जैन 
खंडवा - मध्यप्रदेश 
समस्या के साथ ही उसका समाधान भी जन्म ले लेता बस उसको पहचानने की आवश्यकता रहती है ।जो जितनी जल्दी समझ लेता है उतनी शीघ्रता से समाधान भी पा लेता है ।समाधान की विशालता उसके क्रियान्वयन में बड़ी  सहायक होती है ।असफलता को साध्य साधन के बीच फंसा देना या इनका रोना रो देना कोई हल नहीं मात्र बहाना होता है ।
- शशांक मिश्र भारती 
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
हां,, समस्या से बड़ा हमें समाधान खोजना हीं चाहिए। लेकिन हम‌ समस्या से बहुत बार विचलित हो जातें हैं । जीवन है तो समस्या भी आती हीं  रहेगी, इसी समय से हमें धैर्य और संयम से समस्या का हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए । जब समस्या‌ है तो कहीं ना कहीं ‌उसका समाधान भी निश्चित ही है  । कहा हीं गया है , जिंदगी हर कदम एक नई जंग है ।  हमारी बुद्धि , सहनशीलता , और परिश्रम तीनों के समावेश से किसी भी समस्या का हम बड़ा से बड़ा समाधान ढूंढ हीं लेते हैं ।
- डॉ पूनम देवा
 पटना - बिहार
समस्या का समाधान हो सकता है पर समय के साथ समस्या का रूप भी बदलता है ।आज देश में कितनी बड़ी बड़ी समस्याएँ हैं ।उनके समाधान प्रयासरत हैं फिर भी नहीं निकल पा रहे हैं । कोई समाधान एक समूह या समाज के लिए नहीं लिया जा सकता है पूरे देश के हित की बात ही समस्या का बडा समाधान हो सकता है जो आसान नहीं है, जब हम एक समस्या का समाधान खोज लेते हैं तब दूसरी समस्या उपस्थित हो जाती है ।क्यों कि समस्या कभी व्यक्तिगत नहीं होती, उद्भव बेशक घर हो पर वह मूलतः समाज की एक हिस्से के रूप में होती है, समाज, समूह देश से जुड़ कर एक व्यापक रूप धारण करता है जिसका समाधान बहुत कठिन होता है । एकदम से कुछ नहीं बदला जा सकता है धीरे-धीरे समस्या का समाधान होता है ।
- डॉ.आशा सिंह सिकरवार 
अहमदाबाद -गुजरात


" आज की चर्चा " में Twitter पर विचार आये हैं । पढ़ने के लिए लिंक को क्लिक करें :- 



हरियाणा साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक डा जय नारायण कौशिक के जन्मदिन ( 2000 ) पर अभिनंदन करते हुए बीजेन्द्र जैमिनी

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