सर्दी में बुजुर्गों को क्या - क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?

सर्दी में बुजुर्गों को बहुत अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है । विशेष रूप से जब अपनी देखभाल रखने में असर्मथ होते हैं । ऐसी स्थिति में बिल्कुल अकेला नहीं छोड़ना चाहिए । बुजुर्गों की दवाईयों से लेकर हर स्थिति पर ध्यान देना चाहिए । कई बार ऐसी स्थिति भी आती है । जब वह अपनी रजाई भी अपने ऊपर करने में असर्मथ होते हैं । सर्दी अपने आप में बुजुर्गों के लिए भयानक मौसम साबित होता है । विषय भी " आज की चर्चा " यही है । अब जागरूक लोगों के विचारों को देखते हैं : - 

सर्दी के दिनों में बुजुर्गो को खास ख्याल यह रखना चाहिए यदि हार्ट के मरिज हैं तो ठण्ड से पूरी तरह बचें !अधिक ठण्ड में बाहर मत जायें !घर में ही हल्की फुल्की एक्सरसाइज़ करें ! सुबह रोज दो बादाम एवं अखरोट लें ! यदि टोपी मफलर से कान ढ़के हों तो रस्ते में वाहन से सावधानी बरतें ! धूप का सेवन भरपूर करें !  ठण्ड में काफी हरी सब्जियां , फल बाजरे की रोटी आदि खाना चाहिए  यानिकी अपनी रुचि का गरम खाना खायें !अदरक का सेवन बहुत ही फायदे मंद होता है !स्नान धूप आने के बाद करें तो अच्छा है चूंकि बुजुर्गों को सर्दी और कफ जल्दी होता है !वैसे भी 65-70 की उम्र में कफ बनते रहता है इस उम्र में निमोनिया होने का खतरा बना रहता है ! सर्दी की सारी दवाईयां पास में रखनी चाहिए !ठण्ड में सरदी कफ से लगती तकलीफ हो तो लापरवाही नहीं बरतना चाहिए घरघत्तु इलाज पहले चालु कर देने चाहिये वर्ना डा0 को दिखाना चाहिये ! पैर में घर पर मोजे और चप्पल पहनना चाहिए ताकि ठण्ड ना लगे !गिरने से बचें ! 
रात सोते समय हल्दी वाला दूध पीवें !
उनके इन सभी बातों का खयाल हमें ही रखना चाहि़ए !सैर को जाते हैं तो घर का पता और फोन नं उनके कुर्ते की जेब में डाल देना चाहिए !खुश रहना चाहिए !
- चन्द्रिका व्यास 
मुम्बई - महाराष्ट्र
सर्दी के दिनों में बुजुर्गो में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है इसलिए उन्हें अपनी सेहत की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए ।हालांकि उनका ध्यान घर के अन्य युवा वर्गो को करना चाहिए ।सर्वप्रथम उन्हें प्रातः जल्दी उठने की आदत होती है लेकिन ये ध्यान रहे कि एक दम कमरे से बाहर ना निकलें, नहाने की जल्दी न करें ।शरीर पर तेल की मालिश अवश्य करें या किसी से करवाएँ ।ठंडे खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें ।सूर्यास्त के बाद यदि कहीं जाना आवश्यक हो तो ऊनी कपड़े, सिर पर टोपा या स्कार्फ बाँधें ।पीने के लिए गुनगुने पानी का सेवन करें ।यदि संभव हो तो हल्का फुल्का व्यायाम भी कर सकते हैं।दूध में अदरक, हल्दी डालकर दो तीन दिन के अंतराल में अवश्य लें ।जरूरी दवाओं का सेवन समय पर करें।
- सुशीला शर्मा
जयपुर - राजस्थान
सर्दी के दिनों में बुजुर्गों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।खान-पान में गरिष्ठ भोजन नहीं लेना चाहिए |गरम पानी ,सूप ,हल्के भोज्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए |कसरत ,योग करें |बाहर न जा सके तो घर के अंदर ही नियमित टहलना चाहिए |रात के वक्त झटके से उठकर तुरंत बाथरूम जाने से बचे,हो सके तो दरवाज़े नहाते या बाथरूम उपयोग करते समय बंद ना करें|दवाई समय पर लें ,ब्लड प्रेशर आदि का चेकअप कराते रहे|बच्चों या जिस पर आप आश्रित हैं उनका कहना ज़रूर माने|खुश रहें |
                 - सविता गुप्ता 
                राँची - झारखंड
सर्दी  में  तापमान  गिरने  के  कारण  वायरस  पनपने  लगते  हैं  जो  बुजुर्गों  एवं  बच्चों  को  अधिक  प्रभावित  करते  हैं  जिसके  कारण  वे  बीमारियों  की  चपेट  में  जल्दी  आ  जाते  हैं  ।  ऐसे  में  बुजुर्गों  को  चाहिए  कि  किसी  बात  की,  काम  की  जल्दबाजी  न  करें  ।  हो  सके  तो  धूप  निकलने  के  बाद  ही  उठें  ।  गर्म  कपड़े  पहने  रहें  ।  घर  में  ही  टहलें  ।  कमरे  में  ही  हल्का-फुल्का  व्यायाम,  ध्यान  आदि  करें  ।  गुनगुना  पानी  पिएँ  ।  नमक  का  प्रयोग  कम  करें  ।  गर्म  दलिए  का  सेवन  नाश्ते  में  करें  ।  मौसमी  फल  खाएं  । फैट  वाली  चीजें  कम  से  कम  खाएं  ।  अच्छा  साहित्य  पढ़ें  ।  परिवार  के  साथ  सामंजस्य  रखते  हुए  खुश  रहें  और  अपने  अनुभवों  से  सभी  को  लाभान्वित  करें  ।
        - बसन्ती पंवार 
          जोधपुर - राजस्थान 
बुजुर्ग बौद्धिक रूप से अनुभवी और ज्ञानवान होते हैं, उन्होंने इतना जीवन बिताया होता है कि वे सामाजिक विशेषताओं,कमियों और  खामियों को सुक्ष्मता से जानते- समझते हैं। उनमें व्यवहारिकता, रीति- रिवाज, संस्कृति और संस्कार का अच्छी समझ होती है। इसीलिए परिवार और समाज में बुजुर्गों की उपस्थिति और उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण होता है। बस,उनका अपना एक ही पक्ष कमजोर होता है,वह है उनकी शारिरिक असमर्थता। जो उनको हर पल बैचेन और हताश करती रहती है। खानपान ,उठने-बैठने या चलने-फिरने में जरा भी चूक हुई कि कोई नई परेशानी शुरू।
इसीलिए बुजुर्गों का ध्यान जितना उनके परिजनों और आत्मीयों को रखना होता है,उससे कहीं ज्यादा उन्हें स्वयं रखना होता है या यूँ कहें कि रखना चाहिए। अलग-अलग मौसम में कुछ सावधानियां सामान्यतः समान रखनी होती हैं,परंतु कुछ हर मौसम की अलग होती हैं। सर्दी में बुजुर्गों को सबसे महत्वपूर्ण सावधानी ठंड से बचने की होती है। उन्हें सदैव गरम कपड़े मगर चुस्त नहीं बल्कि ढीले पहने रहना चाहिए। हमेशा गुनगुने पानी का उपयोग करें। नित्यकर्म एवं नहाते समय ज्यादा देर तक खुले बदन न रहें। नहाते समय पैरों से सिर की ओर नहाने का क्रम रखें याने पहले पैर के तलुवे,पिंडली, जांघ, कमर, पीठ, पेट,कंधे,गले,मुँह और अंत में सिर को गीला करें। नहाने के पहले गुनगुना पानी पियें। नींद के बाद या रात में पानी पीने या पेशाब करने के लिये जाना हो तो पहले कुछ देर के लिये लेटें रहें,फिर कुछ देर बैठें फिर उठकर जायें।एकदम से बिस्तर से उठकर न जायें। बासा या खुला खाना एवं देर तक कटे-फटे फल रखे गये फल न खायें। फ्रिज में रखी खाने-पीने की चीजों का सेवन न करें। जो दवायें ले रहे हों,पास में रखें। खाली पेट न लेवें। जितनी और जैसे बताई गयीं हों, उसके अनुसार ही लेवें। दवायें पहचान कर लेवें। जल्दबाजी में ,अंदाज से कोई दवा का सेवन न करें।एक ही समय खायी जाने वाली दवाओं को एक-एक कर थोड़े-थोड़े अंतराल से सेवन करें।  दवाओं की एक्सपायरी डेट का ध्यान रखें। मोबाइल में अपने खास लोगों के नंबर साथ में इस तरीके से रखें कि जरूरत पर तुरंत लगा सकें। सोते समय मोबाइल थोड़ी दूर रखें और इस ढंग से रखें कि उठाते समय छूटकर नीचे न गिरे। अँधेरे में न सोयें। कमरे में हल्का प्रकाश जरूर रहे। हड़बड़ी और जल्दबाजी से बचते हुये आनंद के साथ चिंता विहीन जीवन जियें।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
 गाडरवारा - मध्यप्रदेश
बुजुर्गो को तो हर मौसम में सावधानी बरतने की जरूरत है। सर्दियों में तो सबसे ज्यादा असर बुजुर्गो पर   ही होता है, इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।दवा, गर्म कपड़े, गर्म दूध हल्दी वाला, सूप, धूप का सेवन,,तेल मालिश सब नियमित रूप से सुचारू रखना चाहिए । 
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
सर्दी के मौसम में तापक्रम बहुत तेजी से घटता है । ठंडी हवाओं  व कोहरे से सूर्य  किरणों की तीव्रता कम हो जाती है जिसका सर्वाधिक असर बुजुर्गों व बच्चों पर पड़ता है । शीत लहर के चलते  साँस लेने में भी मुश्किल आती  है । उम्र बढ़ने से रोगप्रतिरोधक क्षमता  क्षीण होती है इसलिए उन्हें देर से उठना चाहिए, गर्म भोजन  करना चाहिए, रात्रि में बहुत हल्का भोजन व  गुनगुना दूध, या सूप पीना चाहिए ।समय- समय पर डॉक्टर  से जाँच भी करवाते रहें । प्रातः उठने से पहले कुछ देर  बिस्तर पर बैठ कर चिंतन करें उसके बाद उठें ताकि शरीर में ब्लड सप्लाई सुचारू रूप से हो सके । कानों को ढाँक कर रखें , रूम हीटर या आग जलाकर आस- पास के वातावरण को  गर्म रखें ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
सर्दी के मौसम में बुजुर्ग लोगों को सावधानी बरतनी अति आवश्यक है खानपान में उसे ठंडे चीज नहीं खाना चाहिए खास करके ठंडी के दिनों में विशेष तरीका से ख्याल रखना चाहिए ताकि उनको कोई परेशानी ना हो आजकल के समय में बुर्जुगों की कोई देखभाल नहीं करता है उनके लिए खानपान की व्यवस्था बढ़िया से नहीं हो पा रही है की देखभाल के लिए भी व्यवस्था बढ़िया से नहीं हो पा रही है  जिसके जिम्मेदार घर के लोग ही होते हैं उनका ख्याल नहीं रख पाते हैं हम सभी लोगों से निवेदन करूंगा कि  बढ़िया से ख्याल रखा जाए उनको कंबल ओढ़ने के लिए  आदि सामानों की पूर्ति की जाए और उन्हें गरमा गरम खाना दिया जाए ताकि उनकी सर्दी के साथ-साथ और कोई भी परेशानी ना हो क्योंकि बुढ़ापे में  मैं ही कई रोगों को सामना करना पड़ता है और उनका ख्याल रखना बड़े लोगों को अति आवश्यक है क्योंकि यह  समय हम सबकी आएगी
- लक्ष्मण कुमार
सिवान - बिहार
उम्र बढ़ने के साथ साथ शरीर कमजोर हो जाता है।साथ ही बुजुर्गों में रोग निरोधक क्षमता भी कम हो जाता है।शरीर में वो गर्माहट नहीं रह जाता है साथ ही स्वास्थ्य संबंधी कई समस्या होने लगती हैं।जो ठंड में बढ़ते ही जाते हैं। इसलिए ठंड में इन्हें विशेष सावधानी की आवश्यकता है। गर्म कपड़े सदा पहनकर रहें।भोजन सदा गरमागरम ही खाएं।बासी भोजन से सदा परहेज करें। पीने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें।स्नान भी गर्म पानी से ही करें।शाम में हीटर या आग जलाकर कमरा गरम रखा जाय तो और भी बेहतर।रजाई कंबल ओढ़े, ताकि शरीर का तापमान बना रहे। गुनगुने तेल की मालिश करना फायदेमंद होता है।सब कुछ ये खुद करें ये सम्भव नहीं हो पाता अतः घर के अन्य सदस्यों का दायित्व है कि इनका ध्यान रखें।
- रेणु झा 
रांची - झारखण्ड
सर्दी बुजुर्गों के लिए खतरनाक ऋतु है । इस वक्त सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए । बच्चों जैसी जिद तो हरगिज नहीं करनी चाहिए । अपने अनुभव और अपनी क्षमता बुज़ुर्ग अच्छे से जानते हैं । इसलिए ज्यादा जीने के लिए कुछ जिह्वा को भी समेटना पड़ता है । जो चीज हानि पहुंचाती है उसे तो बिल्कुल छोड़ दें । पर छुप कर थोड़ी आइसक्रीम तो बनती है ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
मेरे विचार से बुजुर्गों के द्वारा यथा संभव सावधानी रखी ही जा रही होती है आवश्यकता है उस सावधानी की जो उनकी देखभाल करने वालों के लिए आवश्यक है ।हर मौसम उनके लिए सावधानी देखभाल मांगता है पर सर्दियों कुछ अधिक अन्यथा स्वयं की लापरवाही या घर सदस्यों द्वारा अनदेखी कभी-कभी भारी पड़ जाती है कुछ बुजुर्गों की देखभाल छोटे बच्चों जैसी भी करनी पड़ती है ।
- शशांक मिश्र भारती 
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
सर्दी में बुजुर्गों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। धूप निकलने के बाद थोड़ा टहलना चाहिए। रोज नहाने के बजाए थोड़े से गुनगुने पानी से बदन पोंछ कर कपड़े बदलें तो अच्छा है। तले भुने चीजों की अपेक्षा सादा और गरम खाना खाएं। नियमित दूध जरुर पीयें। अपना आप का ख्याल रखें।
- कल्याणी झा 
रांची - झारखण्ड
बुजुर्गो को सर्दी में सबसे ज्यादा समस्या बदन दर्द और कफ,श्वास रोग की होती है अतः उन्हें प्रात: एक चम्मच शहद खाली पेट चाटना चाहिए और ठीर खुले(hot water) पानी का सेवन करना चाहिए!गर्म कपड़े पहने खासतौर पर ऊनी और कम्बल के कवर वाली रूई(कपास)की रजाई ओढ़कर सोना चाहिए और कंबल को बिस्तर पर बिछाना चाहिए। और दिन में एक बार नींबू वाली चाय पीनी चाहिए। जिसमें दूध की जगह नींबू की दो तीन बूंद डालें। और रात को भोजन की बजाय स्वीटकोर्न का सूप पिएं दिन में एक बार बाजरे की रोटी या खिचड़ी खाएं नाश्ते में मेथी का सेवन जरूर करे रात को पानी में आधा चम्मच भिगोकर रखें सुबह खाली पेट सेवन करें तो उसके बाद एक घंटे तक भोजन ना करें। और भोजन कर लें तो एक घंटे बाद मेथी खाएं ।
- देवेन्द्र दत्त तूफान
पानीपत - हरियाणा

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स्व. कृष्ण दत्त तूफान पानीपती की पुस्तक " हरियाणवी कुण्डली " का विमोचन करते हुए बीजेन्द्र जैमिनी , संदीप शर्मा व बीच में मदनमोहन ' मोहन ' 
स्थान
शहीद भगतसिंह स्मारक सभागार
दिनांक : 16 मार्च 2008 
पानीपत साहित्य अकादमी
द्वारा
होली मिलन के अवसर पर
स्व. कृष्ण दत्त तूफान पानीपती स्मृति सम्मान समारोह

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