क्या पूरा दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित है ?

कोरोना के चलते सब को अपने चेहरे पर मास्क लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ।अब प्रश्न उठता है कि चेहरे पर मास्क अधिकतम कितनी देर तक लगाना चाहिए । यहीं " आज की चर्चा "  का प्रमुख विषय है। अब देखते है आये विचारों को : - 
      जिस प्रकार डूबते को तिनके का सहारा होता है।उसी प्रकार स्वस्थ व्यक्ति को कोरोना विषाणु से बचाने का मास्क एक सहारा है। इसके अलावा भारत के शिरोमणि प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी के आह्वान का मान-सम्मान रखने का भी मास्क एक विशेष चिन्ह है।
      अन्यथा विशेषज्ञों का कहना है कि जो व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं है और न ही कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो ऐसे में मास्क पहनना आवश्यक नहीं है। यदि आप भीड़भाड़ वाले स्थान पर नहीं हैं और न ही सार्वजनिक स्थलों पर हैं तो भी मास्क पहनना आवश्यक नहीं है।आप अकेले हैं और अपने ही परिवार में हैं तो भी मास्क पहनना आवश्यक नहीं है। सरकार भी सांस फूलने वालों को मास्क पहनने से छूट दे रही है।
      छींक इत्यादि से बचने के लिए मास्क अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है। चूंकि छींक जुकाम का लक्षण है। जो कोरोना रोग से मिलता जुलता है। इसलिए ऐसे हालात में मास्क रामबाण की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
      दूसरे शब्दों में डाॅक्टर पूरी सावधानियों को अपनाने के बावजूद कोरोना विषाणु से संक्रमित हो रहे हैं तो यह मास्क किसी को क्या बचाएगा? मास्क ताजा हवा के स्थान पर दूषित सांस लेने पर विवश करता है इसलिए विशेष परिस्थितियों को छोड़कर पूरा दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित नहीं है।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान परिस्थितियों में सुरक्षा की दृष्टि से मास्क लगाने की आवश्यकता बढ़ गई है। पूरे दिन चेहरे पर मास्क लगाया जाये या नहीं यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।  यदि आप घर में रहते हैं और बाहर नहीं जाते तो मास्क लगाने की आवश्यकता सामान्य परिस्थितियों में नहीं है।  परन्तु यदि आपको या घर में किसी सदस्य को खांसी-जुकाम रोग है तो सभी सदस्य अवश्य लगायें।  यदि आप नौकरीपेशा हैं या दुकानदार हैं या बड़े व्यापारी हैं और आपका अधिकारियों या ग्राहकों से सीधा सम्पर्क रहता है तो मास्क अवश्य लगायें और जिन ग्राहकों ने मास्क लगाया है केवल उनसे ही संवाद करें। आपके आसपास अन्य को भी मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें।  मास्क उचित प्रकार का होना चाहिए।  ऐसा न हो कि आप सांस ही न पायें या अपने द्वारा छोड़ी गई कार्बनडाइआक्साइड को सांसों द्वारा अन्दर ले लें।  यह खतरनाक स्थिति हो सकती है। यदि किसी को मास्क लगाने से उलझन होती है तो बेहतर है वह घर पर ही रहे। मास्क से जुड़ी अन्य बातें भी हैं कौन सा लगाएं, कैसे लगाएं, पर यहां प्रश्न यह है कि क्या पूरे दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित है तो मैं कहूंगा कि परिस्थितियों के अनुसार आवश्यकता होने पर मास्क अवश्य लगायें। 
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
पूरे दिन मास्क लगाना आवश्यक नहीं है जब आप घर पर रहते हो तो मास्क नहीं लगा सकते हैं और लगाना भी नहीं चाहिए चुकी शुद्ध और ताजी हवा तथा ऑक्सीजन शरीर में मिलना अति आवश्यक है कुछ केसेस में देखा गया है की मास्क लगाने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जा रही है जिससे इंसान जल्दी थक जा रहा है और सुस्त होने लगता है।
मास्क लगाने का मुख्य उद्देश्य है बाहर निकलने पर आसपास के लोगों से डिस्टेंस बनाए रखना ताकि किसी दूसरे के सीखने खांसने मैं दूरी बनी रहे रास्ते में निकालिए तो अवश्य मास्क लगा लीजिए घर के बाहर किसी से बात करना हो तो मास कवर से लगाइए इसलिए मास्क लगाना पूरे दिन आवश्यक नहीं है घर में भी यदि किसी को सर्दी खांसी या तबीयत गड़बड़ हो तो सभी मास्क लगा सकते हैं मास्क लगाने का मुख्य उद्देश्य है संक्रमण को रोकना तो अगर घर में संक्रमण किसी वजह से हो गया है तो घर में भी लगाना पड़ेगा और यदि किसी व्यक्ति को नहीं है सारे परिवार के किसी भी लोग को नहीं है तो कोई आवश्यक नहीं है कि घर में भी मास्क लगाया जाए तो मास्क लगाने का उद्देश्य स्पष्ट है कि दूरी बनाए रखना और संक्रमण से स्वयं को बचा कर रखना
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
मास्क कितनी देर लगाना है, यह तय न करके यह तय किया जाना महत्वपूर्ण है कि मास्क कब और कहां लगाना आवश्यक है। आप दिनभर घर में रहें और मास्क लगाये रखें किंतु रात में किसी काम से घर से निकले और मास्क नहीं लगाया तो ऐसा करना महत्वहीन ही हुआ। मास्क लगाना कोरोना से बचाव के उपायों में से एक सहज उपाय है। उपाय जितने  हैं ,सभी का पूरी निष्ठा से पालन करना है।यदि मास्क तो लगाया है परंतु दूरी बनाये रखने का पालन नहीं किया और दूरी भी बनाकर रखी परंतु हाथ नहीं धोये गये तो किये कराये पर पानी फेरने जैसा हुआ। कोरोना आपदा गंभीर मामला है इसके बचाव में औपचारिकता नहीं ,ईमानदारी से पालन किया जाना है। उचित यही होगा कि अति आवश्यक कार्य से ही बाहर निकलें ताकि बचाव के उपायों का अधिक से अधिक उपयोग करने की आवश्यकता न पड़े। क्योंकि ज्यादा देर तक मास्क लगाये रहना, लगातार हाथ धोते रहना भी अन्य परेशानियां दे सकता है।
इसीलिए तो कहा गया है
" घर में रहें,सुरक्षित रहें "
यह सुझाव घर के सभी सदस्यों के लिए है। क्योंकि यदि आप में से किसी एक से भी कोई असावधानी हुई तो शेष सदस्यों के द्वारा किये गये बचाव बेकार हो जायेंगे। अतः सभी पालन करें तो उचित होगा, सुरक्षित रहेगा।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
 गाडरवारा - मध्यप्रदेश
किसी भी बात की अति हमेशा खराब होती है।मास्क लगाने से कोरोना नामक बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है,लेकिन हर वक़्त मास्क लगाना न उचित है और न ज़रूरी।जब लोगों के संपर्क में आएं वो भी करीब से तभी मास्क लगाना ठीक है,संक्रमण से बचने के लिए हाथ धो कर एवं सैनिटाइजर लगा कर भी हम सुरक्षित रह सकते हैं।हर वक़्त मास्क लगाने से कभी कभी ऑक्सीजन की कमी भी महसूस होती है जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है इसलिए मेरे विचार से मास्क का उपयोग जगह के अनुसार ही करना चाहिए।
                      -  संगीता सहाय
                         राँची -  झारखंड
पूरे दिन मास्को हम अपने चेहरे पर नहीं लगा सकते हम जब घर में हैं या अकेले हैं तो हमें माफ लगाने की कोई जरूरत नहीं है जब हम घर से बाहर निकलते हैं या ऑफिस में काम करते हुए किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं या बाहर बाजार में सब्जी यह सामान खरीदने के लिए जाते हैं तब हमें मांस लगाना उचित है वह हम अपने दुपट्टे का भी बना सकते हैं या रुमाल गमछा आदि किसी भी चीज से बांध सकते हैं। ज्यादा देर हमें बंद करके रख कर सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और कानों में दर्द भी हो सकता है। हमें बीमारी से बचाव करने के लिए हम गर्मी से बचने के लिए वैसे भी सर पर कपड़ा बांधे थे घर से बाहर निकल कर अगर मुंह पर कपड़ा लगाएंगे तो हमारे मुंह पर धूल मिट्टी आदि कुछ लगेगी भी नहीं हम वैसे भी बाहरी संक्रमण से बचे रहेंगे इसे हमें अपने आदत में लाना चाहिए मास्क लगाने का मकसद ही वही है कि हमारे मुंह वायरस ना जाए।जीव हत्या ना हो इस कारण से जैन धर्म में भी लोग श्वेतांबर लोग अपने मुंह पर पटिया बनते हैं। अच्छी चीजें अपनाने में कोई बुराई नहीं होती है।इस बीमारी से हमें बचाओ के लिए  ही तरीका है, कि हम सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन रखें।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारे ही हाथों में हैं या और हमें स्वस्थ रहना चाहिए।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
मास्क हर समय लगाना उचित नही ,है इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है और। कार्बन डाइऑक्साइड बँढ जाता है ।
इंसान अकेली एक ऐसी जाति है जो कि बिना जाने अपने हाथों से चेहरे छूने के लिए जानी जाती है. उसकी या आदत नये कोरोना वायरस (कोविड-19) जैसी बीमारियों को फैलने में मदद करती है.
लेकिन हम ये क्यों करते हैं और क्या हम अपनी इस आदत को रोक सकते हैं?
ख़ुद को छूने से समस्या ये होती है कि इससे हर तरह की ख़राब चीज़ हमारी आँखों, नाक और मुंह से होते हुए हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों में पहुंचती हैं.
कोरोना वायरस के लिए फेस मास्क भले ही प्रभावी हो पर भी कोरोना वायरस से बचने के लिए अन्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव करने के लिए बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। अपने पास हैंड सैनिटाइजर रखें। एल्कोहॉल युक्त हैंड वाॉश का इस्तेमाल करें और जितना हो सके घर पर ही रहें। डब्‍ल्‍यूएचओ का कहना है कि अगर आपको सर्दी-जुखाम जैसे लक्षण हैं, तभी फेस मास्क का इस्तेमाल करें। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि चेहरे और मास्क के बीच में गैप न हो। मास्क का इस्तेमाल करते समय उसके ऊपरी हिस्से को न छुएं। मास्क खराब होते ही नए फेस मास्क का इस्तेमाल करें। मास्क को आगे से पकड़कर उतारने के बजाय कानों में फंसी डोरी से पकड़कर हटाएं और खराब मास्‍क को एक बंद कूड़ेदान में ही डालें। डॉक्‍टर्स का कहना है कि सामान्‍य सर्जिकल मास्क दो तरफ से लगभग खुला होता है। ऐसे में यह वायरस से बचाने में पूरी तरह कारगर नहीं हो सकता है।
चीन में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का उपचार करते हुए एक नर्स की तस्वीर कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। महिला नर्स की तस्वीर में साफ देखा जा सकता था कि फेस मास्क का अधिक समय तक इस्तेमाल करने के कारण उसके चेहरे पर सूजन आ गई थी। नर्स का कहना था कि उसने लगातार 18 घंटों से अधिक समय के लिए फेस मास्क का इस्तेमाल किया था। दूसरी तरफ सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री गन किम योंग (Gan Kim Yong) का भी दावा है कि कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए फेस मास्क पर निर्भर होना सुरक्षित नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि बिना हाथ धुले चेहरे, आंख या नाक को न छुएं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना वायरस के लिए फेस मास्क का इस्तेमाल सिर्फ उन्हें ही करना चाहिए जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण हैं या सर्दी-जुखाम है। अगर कोई व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ है, तो वह इसका इस्तेमाल न करें। इसके अलावा कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के आस-पास जाने पर भी फेस मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, संक्रमित व्यक्ति से जितना हो सके दूरी बनाए रखना ही सुरक्षित होता है।
N95 रेस्पिरेटर मास्क सर्जिकल मास्क के मुकाबले ज्‍यादा मोटे फैब्रिक से बने होते हैं।
N95 रेस्पिरेटर मास्क पूरे चेहरे को कवर करता है।
N95 रेस्पिरेटर मास्क हवा में मौजूद बहुत छोटे-छोटे कणों को भी फिल्टर कर सकता है।
हालांकि, आपको किस तरह का फेस मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए इसके बारे में अपने डॉक्टर की परामर्श अवश्य लें।
फेस मास्क लगाने से पहले, अपने हाथों पर एल्कोहॉल युक्त हैंड वॉश या साबुन रगड़ें, फिर उसे पानी से धो लें।
अब फेस मास्क से मुंह और नाक को कवर करें। ध्यान रखें कि मुंह और फेस मास्क के बीच कोई गैप न हो।
फेस मास्क लगाने के बाद बार-बार उसे छूने से बचें।
चेहरे पर लगाए गए फेस मास्क को छूने से पहले हाथों को पहले एल्कोहॉल युक्त हैंड वॉश या साबुन से धोएं।
फेस मास्क खराब होने पर तुरंत एक नया मास्क पहनें।
एक फेस मास्क का इस्तेमाल सिर्फ एक ही व्यक्ति को करना चाहिए। घर के अन्य सदस्यों का किसी और के साथ इसे शेयर न करें।
चेहरे से फेस मास्क हटाने के लिए कानों के पीछे फंसे फंदे को पकड़ कर इसे हटाएं।
फेस मास्क को मुंह से सामने से न छुएं।
समय के अनुसार मास्क का इस्तेमाल करे।अति।हर चीज की खराब ही होती है। 
पुरा दिन तो मास्क उपयोग कतई न करे ! 
- आश्विन पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
कोरोना के चलते कुछ ऐसे नियम है जिनका पालन नितांत आवश्यक है क्योंकि नियम ही ‌तब तक इसका वेक्सिन हैं जब तक इस महामारी की सफल वेक्सिन का परिक्षण नहीं होता
अब बात उठती है कि मास्क व सेनेटाइजर का इस्तेमाल किस सीमा तक हो अब हम यह भी जानते हैं कि" अति सर्वत्र वर्जते"
 क्योंकि सेनेटाइजर का अत्यधिक इस्तेमाल चर्म रोग पैदा कर देगा और माक का अधिक उपयोग सांस संबंधी रोग पैदा कर देगा तो इन सबके साथ कैसे जिया जाएगा तो इसके लिए जब तक आप घर से नहीं निकलते मास्क ‌का प्रयोग ना करें।
बाहर जाएं तो ‌ही मास्क‌ लगाएं।
पूरा दिन मास्क को लगाने से बचें
उसके लिए बहुत आवश्यक हो तो ही घर से बाहर निकले।
किसी से बात करें तो बराबर दूरी बनाए रखें।
 घर पर रहें तो हाथ पर ‌सेनेटाईजर की जगह हेंडवाश का इस्तेमाल करें
घर से निकलने पर ही सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
इस प्रकार नियमों का कठोरता से पालन भी बखूबी होगा और अनावश्यक रोगों से बचाव भी।
- ज्योति वधवा"रंजना"
 बीकानेर- राजस्थान
     विशेष समुदायों द्वारा मास्क पहनकर निकलने की एक परम्परा चली आ रही हैं, ताकि संकमणों से बचाव किया जा सकें। वर्तमान परिदृश्य में कोरोना महामारी के कारण आमजनों के लिए मास्क पहनकर निकलना अनिवार्य तो कर दिया हैं,  जो पहनकर नहीं जाता उसे रोक कर उठा बैठक तथा जुर्माना भी वसूला जा रहा हैं। विभिन्न सामुदायिक केन्द्रों, संगठनों द्वारा नि:शुल्क मास्क वितरित कर जन सेवा तो कर रहे हैं, साथ ही अपना प्रचार-प्रसार भी? असामाजिक तत्वों को देखिये वे मास्क पहनकर आमजनों के बीच सामने प्रदर्शित होते हैं, जहाँ अनेकों प्रकार की घटनाओं को अंजाम देते हुए दिखाई देते हैं। लेकिन मास्क पहनना स्वास्थ्य के लिए  दूरगामी परिणाम भी देखने को मिल रहा हैं, छोटे से बड़ों तक मास्क सहजता के साथ पहनने हुए दिखाई देते हैं। अनेकों जनों द्वारा अब एक फैशन सा करने लग गए हैं, जैसी वेशभूषा वैसा मास्क का कलर? जहाँ पूरे दिन तक मास्क पहनकर विभिन्न प्रकार के कार्यों को सम्पादित करने से आक्सीजन की कमी भी हो सकती हैं,  मास्क वही प्रभावशाली हैं, जहाँ भीड़ भाड़ वाली जगहों पर पहनकर संकमणों से बचाव किया जा सकता हैं। प्रतिदिन चेहरों पर मास्क पहनने से चेहरे की त्वचा का रंगों में विपरीत परिणाम  होने की संभावनाएं भी हैं। वैसे भी ईश्वर ने शरीर की संरचना जो की हैं, सोच समझ कर ही, शरीर के विभिन्न अंगों में बालों का होना, वे वैसे ही संकमणों से सुरक्षित कर दिया हैं। हम एक वैज्ञानिक, परिकल्पना समूह के तहत चिकित्सा पद्धति से ईलाज कर रहे हैं। इस पर भी चिंतन-मनन की अत्यंत आवश्यकता हैं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
 बालाघाट - मध्यप्रदेश
मास्क किसी के थूक हो या छीकों की  बूंदों को रोकने का उपाय मात्र है  जिसे मनुष्य की त्वरित बुद्धि और सावधानी  से भी रोका जा सकता  है । मास्क भले हो अधिक  प्रदूषण  में इस कोविद जैसी महामारी में एक पहचान बन गया हो लेकिन सात आठ घण्टे मास्क लगा कर रखना शरीर मे  ऑक्सीजन की कमी तो लाता ही है । यही कारण है कि मास्क लगाए कई  व्यक्तियों के बेहोश होने के केस सामने आए है । डॉक्टर्स की किट से तो कई घण्टे मास्क लगे रहने के कारण नाक घायल तक पाई गई । खून टपकता भी देखा गया है ।
   मास्क यदि किसी महीन व नरम कपड़े का हो तो उससे साँस लेने में कठिनाई से निजात मिल सकती  है लेकिन शायद वह संक्रमण की बूंदों को साँस में ,मुँह में या आँख में पहुँचने से बचाने में सक्षम न हो पाए ।  पूरे दिन मास्क लगाए रखने का  अर्थ महामारी के प्रति सावधानी दिखाना नही वरन स्वयं  को सनकी दिखना मात्र है साथ ही शरीर मे प्राणवायु को कम रखने में मदद करना भी है । 
     मास्क के दौरान फेफड़ों को साँस के द्वारा ऑक्सीजन को स्वयं तक पहुँचाने में बहुत  मेहनत करनी पड़ती है जिससे जल्दी थकान महसूस होने लगती है और दम घुटने का अहसास होने लगता है । ऑक्सीजन की कमी से हृदय  को भी शुद्ध खून देर में मिलता है जिसके कारण उसे भी मेहनत करनी पड़ती है और  एक घण्टे बाद ही दिल घबराने लगता है ।
      अतः पूरे दिन मास्क न लगा कर तभी लगाना चाहिए जब कोई सार्वजनिक स्थान पर जा कर कार्य करना पड़े ।
- सुशीला जोशी
मुजफ्फरनगर - उत्तर प्रदेश
पूरा दिन मास्क पहना बिमारीयों को न्यौता देना है 
आओ देखो मास्क किसे और कब पहनना है 
किसे पहनना चाहिए मास्क?
अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क की जरूरत नहीं है.
अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा.
जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
मास्क पहनने का क्या है तरीका?
मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए.
अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए.
मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे.
मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़क कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए.
हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए.
कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं.
अपने हाथ अच्छी तरह धोएं.
खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढक लें.
हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के अनुसार कई मामलों में फेस मास्क का लंबे समय तक इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। एनआईएच का कहना है कि कार्बन डाइऑक्साइड के उच्च स्तर पर सांस लेना जानलेवा हो सकता है। कार्बन डाइऑक्साइड में मौजूद हाइपरकेनिया (विषाक्तता) के कारण सिरदर्द, सिर का चक्कर, दोहरी दृष्टि, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, टिनिटस (कान बजना) और दौरा पड़ने जैसी समस्या हो सकती है।
मास्क का इस्तेमाल करे पर बहुत आवश्यक होने पर 
हर चीज के अपने फायदे व नुकशान है , हमें विवेक से काम लेना है ! 
दिन भर बिना काम मास्क नही पहनना है 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
पूरे दिन मास्क लगाना बिल्कुल उचित नही है।आप घर मे नही लगाइए।अकेले हो तो भी ज्यादा जरुरी नही है।लेकिन इन्फेक्शन वाली जगह तो निश्चित ही लगाना बनता।या भीड़ वाली जगह हो।इन सबके बीच जो सबसे इम्पोर्टेन्ट बात छूट रही है वो है hand sanitization.इसको भी ध्यान में रखना चाहिए।करेंसी एक्सचेंज करते वक़्त।कुछ सामान लेते या देते।हाथ साफ करने चाहिए।मास्क के पीछे बहुत विज्ञापन हो रहा है लेकिन और बाते भी जरूरी हैं।जिन डॉक्टर्स पुलिस वालों को कोरोना हुआ है वो सब मास्क उसे करते थे। अपने हाथ बार बार मुह पर लगाने से बचना चाहिए। मास्क को बार बार छूना भी नही चाहिए। बाहर की चीज जब गजर लाते हैं तो उसको धूप में रखना भी जरूरी है।दिन में कई बार हाथ धोते रहें।
- रोहन जैन 
देहरादून - उत्तराखंड
कोरोना काल में महामारी से बचने के लिए चेहरे पर मास्क लगाना जरूरी है, लेकिन पूरे दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित नही है। जरूरत के अनुसार ही मास्क लगाना है। जब आप घर सर बाहर किसी काम, ड्यूटी या बाजार जाते हैं। तब चेहरे पर मास्क लगाए।  पर जब आप घर पर हों तब चेहरे से मास्क को हटा दे। दिन भर चेहरे पर मास्क लगाने से शरीर को नुकशान पहुँचेगा, क्योंकि मास्क लगाने से जब आप सास छोड़ेंगे तब कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ेंगे और वह मास्क लगे रहने के कारण जो सास से कार्बनडाइऑक्साइड निकलेगा  उसे फिर शरीर मे वापस लेना पड़ेगा। कारण की मास्क के कारण  हवा बाहर नहीं निकलेगा और फिर नाक के जरिए शरीर  में प्रवेश करेगा। इससे शरीर को नुकसान होगा।
हालांकि जिस तरह से देश मे कोरोना के केश बढ़ रहे हैं। उस  स्थिति में मास्क पहनना जरूरी है।  वैसे जिस रफ़्तार से कोरोना केश बढ़ रहे है, उसी रफ्तार में मरीज ठीक भी हो रहे हैं। यह सावधानी तब-तक बरतनी पड़ेगी, जब-तक कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन नहि निकल जाता है। वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में स्पेन को भी पछाड़कर चौथे स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि भारत में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या स्पेन से पांच गुना कम है। वैसे कोरोना से बचने कर लिए हम सभी को मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रहने, हाथ को सेनेटरिईज करते रहने और साबुन से हाथ धोते रहने की आदत को बनाए रखना आवश्यक है, तभी जाकर कोरोना से जंग भारत जीतेगा।
- अंकिता सिन्हा साहित्यकार
जमशेदपुर -  झारखंड
मनुष्य को जिंदा रहने के लिए आॅक्सीजन की बहुत  ही आवश्यकता होती है । आॅक्सीजन को प्राणवायु भी कहते हैं । मनुष्य भोजन खाए बिना कई दिनों तक जीवित रह सकता है लेकिन आॅक्सीजन के बिना एक क्षण भी जिंदा नहीं रह सकता । शरीर विज्ञान के मुताबिक एक व्यस्क प्रति मिनट सात से आठ लीटर आॅक्सीजन इनहेल व एक्सहेल करता है । वह 20 प्रतिशत आॅक्सीजन इनहेल और 15 प्रतिशत आॅक्सीजन एक्सहेल करता है । इस तरह पाँच प्रतिशत आॅक्सीजन शरीर में कनज्यूम हो जाती है  । शरीर में आॅक्सीजन का स्तर 99 प्रतिशत होना अति आवश्यक है यदि यह घटकर 96 प्रतिशत से कम हो जाए तो मनुष्य बीमार हो जाता है और जिस बीमारी से वह शिकार होता है उसे हाइपोआॅक्सिया कहते हैं  । कम आॅक्सीजन की वजह से मस्तिष्क , लीवर , किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंग खराब हो सकते हैं । आॅक्सीजन का स्तर और कम हो जाए तो कान के पर्दे फट जाते हैं । ' आज की चर्चा ' में आज उचित सवाल पूछा गया है । निःसंदेह वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हिदायतों में मास्क लगाना भी एक है । क्या पूरा दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित है  ? बहुत ही वाजिव सवाल है । मास्क लगाने से कम शुद्ध वायु मिल पाएगी । शरीर को आॅक्सीजन की पूरी आपूर्ति होती रहे इसलिए लगातार लम्बे समय तक मास्क लगाना घातक है । मास्क का प्रयोग भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर करना ही अनिवार्य हो । अन्यथा स्वसन संबंधी रोगों सहित कई गम्भीर बीमारियां होने का खतरा बढ सकता है । दमा , हांफना , अरक्तता , कमजोरी  जैसी बीमारियों से जूझना पड़ सकता है । अतः पूरा दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित नहीं है ।
- अनिल शर्मा नील 
 बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
पूरे दिन चेहरे पर मास्क को ऊची नही बताया जा सकता है । इसके बधुत ही दुष्प्रभाव भी होते है । मुह पर निशान पड जाने व इससे होने वाला इंफेक्शन आम बात है । साथ ही सांस जैसी बीमारी का भी इससे खतरा बना रहता है , जिसे पूरे दिन लगाए रखने के लिए किसी भी दिशा में सही नही बताया जा सकता । 
इसीलिए इसका इस्तेमाल या तो तभी करें जब घर से बाहर घण्टे दो घण्टे के लिए कहीं जा रहे है अथवा फिर कपड़े , और मुह पर बढ़ने वाले कपड़े गमछा का प्रयोग करें  । जो न केवल इसी बीमारी के मद्देनजर अनुकूल है बल्कि बढ़ती गर्मी में उसका मुह पर बंधे रहना और सैकड़ो तरह से मनुष्य के हित में है ।
- परीक्षीत गुप्ता
बिजनौर -  उत्तरप्रदेश
कहते हैं कि 'उपचार से अच्छा बचाव है'। कोरोना के सन्दर्भ में अन्य सावधानियों के साथ-साथ मास्क लगाना कोरोना से बचाव की एक महत्वपूर्ण सावधानी है। अब प्रश्न यह है कि मास्क का उपयोग पूरे दिन करना उचित है? मेरी दृष्टि में जब भी हम अपने घर से बाहर जायें तो मास्क लगाना उचित ही नहीं अनिवार्य है।
वर्तमान समय इस प्रकार का है कि हमारी सावधानी ही हमारी रक्षा कर सकती है क्योंकि स्थान-स्थान पर लापरवाह लोग हमारे दांये-बांये बहुतायत से खड़े हैं जो मास्क लगाने में अपना अपमान समझ रहे हैं और इस प्रकार ऐसे लोग स्वयं के साथ-साथ दूसरों के लिए भी खतरे का सूचक हैं।
इसलिए यदि हम अपने घर से बाहर पूरे दिन रहते हैं तो प्रत्येक समय मास्क लगाना कोरोना से स्वयं का बचाव करने हेतु एक सावधानी भरा कार्य है। इस गर्मी के मौसम में यदि मास्क की वजह से कुछ परेशानी भी उत्पन्न हो रही है तो वह हमारे जीवन से बड़ी नहीं है।
- सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
कोरोना वायरस से बचने के लिए फेस मास्क पहनना जरूरी है।   घर से बाहर निकलते समय मा स्क  अवश्य पहने । अगर हम घर में ही हैं तो मास्क पहनने की कोई आवश्यकता नहीं है।
              अगर किसी व्यक्ति को खांसी ,जुकाम ,बुखार आदि की समस्या हो तो उससे बचने के लिए भी मास्क अवश्य होना चाहिए ।
यदि हम  कोरो ना पॉजिटिव व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तब ही मास्क  को  अवश्य  ही  पहनना चाहिए । वरना मास्क जरूरी नहीं है।
संक्रमित व्यक्ति  की खांसी जुखाम  बुखार आदि  से बचने के लिए मा स्क  अवश्य पहनना है।
क्योंकि किसी को भी हो सकता है                घर से बाहर निकलते समय  मास्क  से चेहरा अगर ढका हो तब हम काफी हद तक संक्रमित होने से बच सकते हैं। ।      परंतु  फिर  भी 2 फीट की दूरी का फासला अवश्य रखना चाहिए ।
 यदि हां अगर आप अपनी गाड़ी से कहीं पर जा रहे हैं और  A.C. चला रखा हो तो मा स्क बिल्कुल भी नहीं पहनना चाहिए।
गाड़ी से उतरकर चेहरे पर मास्क  लगाना आवश्यक है।
 यदि आप अपने कार्यालय में अलग अलग केबिन में बैठे हैं त ब  भी मास्क लगाना आवश्यक है।     
और यदि अगर कार्यालय में अलग-अलग  रूम हो आपके पास बार-बार कोई नहीं आता जाता हो तब भी मास्क लगाना आवश्यक नहीं है   ,
और यदि आपके पास बार-बार कोई आता है तब चेहरे पर मास्क लगाना आवश्यक है ।
जरूरी नहीं कि हम पूरे दिन ही चेहरे पर मास्क लगाएं जहां तक संभव हो सोशल डिस्टेंस  का  भी  नियम अपनाएं तथा आवश्यकता अनुसार चेहरे पर  मास्क लगाएं ।
इस बात का भी ध्यान रखना है की बार-बार मास्क  को ऊपर नीचे भी ना करते रहें यह स्थिति और ज्यादा संक्रमित करने वाली होती है क्योंकि मास्क उपर _ नीचे करने से गले  से संक्रमित तथा ऊपर बढ़ने से आंखों द्वारा संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। 
सौ बात की एक बा त
लॉ क डाउन में रहे रहेंगे तो चेहरे पर मास्क लगाना जरूरी नहीं है ।
                घर से बाहर रहेंगे तो चेहरे पर मा स्क लगाना जरूरी है।
               - रंजना हरित              
  बिजनौर  - उत्तर   प्रदेश
                  यह बात कोविड 19 के    संक्रमण से बचाव के संबंध में प्रायः लोगों के दिमाग में पैदा होती है ।यह निश्चित है कि यदि हमें संक्रमण से अपने आप को बचा कर रखना है तो उससे संबंधित रोकथाम के सभी उपाय हमें जीवन में करना होंगे और उन उपायों में से एक उपाय चेहरे पर मास्क लगाना भी है ।यह देखा जाता है कि संक्रमण का प्रभाव मुंह और नाक के द्वारा बहुत तेजी से होता है। यदि इन दोनों स्थानों की मास्क के द्वारा सुरक्षा की जाती हो तो संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है। अब प्रश्न यह  पैदा होता है कि क्या पूरे दिन चेहरे पर मास्क लगाकर रखना चाहिए। इस संदर्भ में यह कहना चाहूंगा कि जब भी हम घर के बाहर निकले ;किसी सार्वजनिक समारोह में जाएं ;किसी सार्वजनिक स्थल पर जाएं ;बाजार जाए या इसी तरह के किसी अन्य कार्यक्रम स्थल पर जाए तो उस समय संक्रमण के प्रभाव  में आना स्वभाविक है और ऐसी स्थिति में हमें अपने चेहरे पर मास्क अवश्य ही लगाना चाहिए। यदि चेहरे पर मास्क होगा तो हम संक्रमण  से बचे रहेंगे। जब हम घर पर हैं तो हमें पूरा दिन मास्क लगाने की कोई भी आवश्यकता नहीं है लेकिन घर के बाहर होते हमें चेहरे पर मास्क लगाना पूरी तरह उचित है और यह हमारी सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। धन्यवाद 
- डॉ अरविंद श्रीवास्तव 'असीम '
दतिया - मध्य प्रदेश
विश्व स्वास्थ्य  संगठन ने मास्क पहनने को बाध्यकारी बनाने की सलाह नही दी है लेकिन ये जरूर कहाँ है
अगर आप बिमार है तो दूसरो को संक्रमित ना करें इसलिए मास्क जरूरी है घर से बाहर निकले मास्क पहने। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए देश मे मास्क पहनना जरूरी कर दिया था दुकाने बाजार सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहनना जरूरी हैै अधिक भीड़भाड़ वाले स्थान पर मास्क जरूर पहने दुकाने बाजार खोल दिये गये है लेकिन सरकार ने कहा है कि दुकानो के लिए मास्क पहनना बाध्यकारी है। हम दिन मे न जाने कितनी बार अपने मुँह को छु ते  है संक्रमण फैलने से बचने के लिए मास्क अवश्य लगाये पुरा दिन मास्क नही लगाना हैै सिर्फ घर से बाहर निकले। या बिमार हो तब लगाना है अपनी सुरक्षा स्वयं करनी है मास्क संस्क्रमण से हमारी सुरक्षा करता है।
- नीमा शर्मा हंसमुख
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
 हर कार्य का एक दायरे क्षेत्र होता है। दायरे  क्षेत्र में रहने से ही उपलब्धि होता है नहीं तो कभी-कभी हानिकारक भी हो जाता है इसी तरह मास्क  लगाना तो अनिवार्य है लेकिन उसका भी दायरे क्षेत्र है। पूरा दिन मस्का लगाने से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जब जब जरूरत पड़ती है तभी मस्का लगाना चाहिए घर में रहने से मास्क की जरूरत नहीं होती हां इस स्थिति में हो सकती है अगर घर में कोई सदस्य का तबीयत ठीक नहीं है ऐसी स्थिति में है जब तक उसका तबीयत ठीक नहीं हो जाता घर के पूरे सदस्य मास्क लगा सकते हैं क्योंकि मास्क ना लगाने से संक्रमण की भय बना रहता है अतः ऐसी स्थिति में मास्क लगा सकते हैं लेकिन घर से बाहर जाने से अनिवार्य है मास्क लगाना क्योंकि घर के बाहर अनेक प्रकार के व्यक्ति मिल सकते हैं अतः बाहर जाने से  मस्का लगाना  जरूरी है । मास्क नहीं लगाने से शंका बनी रहती है अतः संकट दूर करने के लिए अनिवार्य रूप से मास्क लगाना चाहिए जब बाहर से आते हैं तो मार्च का को नियम के तहत निकाल कर हाथ को धोना चाहिए एवं कपड़े को बदल कर कपड़े को धोकर सुखाना चाहिए मास्को को भी धो कर सुखा ना चाहिए इस तरह देखा जाए तो पूरा दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित नहीं है आवश्यकता पड़ने पर ही मास्क लगाना चाहिए ताकि मस्का लगाने का उद्देश्य पूरा हो सके ना कि दिनभर मास्क का लगाकर शरीर को स्वस्थ था बना ले अतः जब भी हम मास्क का  उपयोग करते हैं तो नियम के अनुसार  करना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार का समस्या ना आए। मांस का समझदारी के साथ ही लगाना चाहिए नहीं तो अर्थ का अनर्थ अभी हो सकता है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
कोरोना संकट के चलते चेहरे पर मास्क लगाना बहुत आवश्यक है लेकिन पूरे दिन मास्क लगाए   रखना उचित नहीं है बल्कि यह कई प्रकार से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां उत्पन्न कर सकता है पूरा दिन मास्क लगाए रखने से त्वचा से समबन्धित परेशानियां हो सकती हैं सिर में दर्द की शिकायत हो सकती है उल्टी आने की शिकायत भी हो सकती है चक्कर आ सकता है क्योंकि मास्क को चेहरे पर लगाए रखने के समय हम जो CO2 बाहर निकालते हैं वही पुन:फेफड़ों तक पहुँचती है और यह क्रम चलता रहता है जिससे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है इसलिए पूरे दिन मास्क लगाए रखना बिल्कुल भी उचित नहीं है बल्कि मास्क का उपयोग तभी करें जब आप घर से बाहर कहीं जाए किसी सार्वजनिक स्थान पर हों या अन्य किसी ऐसे स्थान पर जहँं दूसरे लोग भी हो और संक्रमण का खतरा हो यथासंभव एक डेढ़ घंटे बाद मास्क को हटाकर भी साँस लेनी चाहिए जिससे ऑक्सीजन का सही स्तर बना रहे पूरे दिन मास्क लगाए रखने से या अधिक समय तक मास्क का उपयोग करने से साँस से  समबन्धित एवं हृदय से जुडी हुई समस्याएें हो सकती हैं जिसे हाइपरकेपनिया के नाम से जाना जाता है अत: यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि पूरे दिन मास्को लगा कर रखना किसी भी दृष्टि से लाभकारी नहीं है मास्क  का उपयोग करने की इस कोरोना काल में बहुत आवश्यकता है परन्तु कुछ सावधानियां जरूर रखनी चाहिए जिससे शरीर पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े - प्रमोद कुमार प्रेम 
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
कोरोना ने खुद से बचाने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। मास्क अब अनिवार्यता हो गई है। लेकिन इसका उपयोग भी समझदारी के साथ करना है, तभी यह लाभकारी सिद्ध होगा।
पहली शर्त है कि आप जब बाहर निकलें तो मास्क लगा कर निकलें। रास्ते पर गुजरने वालों का भरोसा नहीं है। दूसरी बात है अगर आप खांसी या कफ के शिकार हैं तो दूसरों के सामने जाने से पहले मास्क पहनें। तीसरी बात बाहर से लौटने पर हाथ सैनिटाइज कर लें । चेहरे वगैरह को अच्छी तरह से धोएं। घर में होने पर मास्क की कोई जरूरत नहीं है, अगर कोई मरीज आपके घर में नहीं हो । 
मास्क की जरूरत आस-पास के वातावरण से कीटाणुओं का प्रवेश रोकने के लिए पड़ती है। अगर आपका पड़ोस साफ-सुथरा है तो घर में रहते हुए मास्क की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है।  ज्यादा देर तक मास्क का प्रयोग भी हानिकारक होता है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
यह प्रश्न बहुत ही समझदारी वाली है। महामारी के समय अपने चेहरे पर मास्क प्रयोग करना है या नहीं। इंसान की अमूमन आदत है हर आधे - एक घंटे मैं अपने चेहरे को छूते हैं। इंसान अकेली ऐसी जाती है उसकी आदत बनी हुई है। इस आदत के चलते, कोरोनावायरस के फैलने की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए इससे बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है। अगर इस आदत को बदलाव करें या रोके तो कुछ समय तक मास्क नहीं पहना जा सकता है। आप ध्यान दे,
अस्पताल में डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मचारी मास्क पहनते है,मरीज के सेवा देने के समय, कारण कौन मरीज कौन सा रोग लेकर आया है इसकी जानकारी तो नहीं है। इसलिए सेवा के समय पहनते हैं।
मास्क पहनने इस समय बरतें सावधानियां:- मास के बाहरी सतह को न छूए। अगर छूते हैं तो आपके हाथों में वायरस लग सकता है। सावधानियों के बावजूद आप आंख नाक मुंह छू लेंगे। इसे दोबारा प्रयोग करने से पहले गर्म पानी से धो लें।
7/6/2020 को लेखक अपना मंतव्य प्रकट कर चुके हैं की WHO के गाइडलाइन के बारे में यह संस्था ने कहा है कि भीड़- भाड़ की जगह पर मास्क पहने जहॉ नया कोरोनावायरस काफी फैला हुआ है क्योंकि यह घातक वायरस है और फैलता जा रहा है।
WHO भी अपना रुख बदला है, कि किसे मास्क पहनना है और कब पहनना है किसका बनाया हुआ होना चाहिए।
WHO ने यह भी कहां है ज्यादा समय तक मास्क पहनना हो सकता है खतरा क्योंकि ज्यादा समय तक मास्क पहनने से ऑक्सीजन की कमी होने लगता है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा खून में बढ़ जाती है। आप समय-समय पर एकांत जगह में इसे हटा दे। तेज चलने के समय ना पहने ।ताकि आप शुद्ध वातावरण में सांस ले । घर पर न प्रयोग करें। जब घर से बाहर जाएं  तो मास्क जरूर प्रयोग करें।
WHO ने इन सब नियमों के साथ भारत में मास्क अनिवार्य कर दिया है।
लेखक का विचार:- घर से बाहर जाने के समय मास्क का प्रयोग करें। घर से कम समय तक बाहर रहे। भीड़ -भाड़ मैं सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखें। अगर आप कार्यालय या व्यापार में व्यस्त हैं तो, नियम को पालन जरूर करें।
- विजेंयेद्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
पूरे दिन चेहरे पर, मास्क लगाना सर्वथा उचित नहीं है। माना कि कोरोना वायरस, मास्क से ढ़के चेहरे को ,पहचान लेता है और अपनी आक्रामकता में, शिथिलता बरतता है। 
  परंतु सत्य तो यह भी है कि चेहरे में नाक होती है, जिससे हम आक्सीजन प्राप्त कर जीवित रहते हैं। 
  चेहरे में व्यक्ति का मुंह भी होता है, जिससे हम भोजन ग्रहण करते हैं। पानी पीते हैं। मुंह की,चेहरे की सफाई करते हैं और ये सभी क्रियायें, व्यक्ति के जीवन के लिए आवश्यक होती हैं। 
  परिवार के साथ, घर पर रहते हुए चेहरे पर,मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं होती बशर्ते घर में कोई ,बाहर का व्यक्ति आये या घर का कोई व्यक्ति, कोरोना से संक्रमित हो। 
  हाँ, चेहरे पर मास्क लगाना, सर्वथा उचित है ,जबकि --
1/_आप घर से बाहर जा रहें हों। 
2/_किसी कार्य से गये और वहां भीड़ भाड़ हो।
3/_अपने आसपास कोई ,कोरोना से संक्रमित व्यक्ति उपस्थित हो। 
4/_घर पर किसी भी कार्य से,बाहर से व्यक्ति आया हो ,तो मास्क धारण करना चाहिए या हम थोड़े समय के लिए ही सही,किसी से बात कर रहे हों।
5/_जहाँ भी सामाजिक दूरी बनाये रखनें की आवश्यकता हो,वहां मास्क पहनना ही चाहिए। 
  वस्तुतः व्यक्ति का चेहरा अतिसंवेदनशील होता है और अनावश्यक चेहरे पर, मास्क लगाना एलर्जी (रोग)को आमंत्रित करने जैसा होता है। 
  जिस तरह से कोरोना वायरस का ,विश्व समुदाय में विस्तार हो रहा है, उसके मद्देनजर सुरक्षा आवश्यक है। 
   फिर भी हमें अपनी प्राण वायु, अपने खानपान का भी ध्यान रखना होगा कि कहीं मास्क के कारण ,हमारा चेहरा त्वचा रोग से प्रभावित तो नहीं हो रहा है। 
   मास्क पहनने के परिप्रेक्ष्य में, हमें इन बातों का भी,ख्याल रखना होगा।
  अन्ततः घर पर रहें और सुरक्षित रहें तथा कोविड 19से लड़ने ,एक -दूसरे का सहयोग करें। ।
 - डॉ मधुकर राव लारोकर 
  नागपुर  - महाराष्ट्र
मास्क लगाना बहुत जरूरी है इसमें कोई संदेह नहीं परन्तु  हमेशा मास्क पहनना या लगाना उचित है?यह एक बहुत बड़ा प्रश्नवाचक बना हुआ है।अगर हम वर्तमान की स्थिति देखें तो लगता है बहुत जरूरी है और हमेशा पहनना चाहिए।क्योंकि इस वैश्विक महामारी कोरोना का दंश और संक्रमण दिन प्रति बड़ता ही जा रहा है।हर तरफ कोई न कोई और कहीं न कहीं संदेह और संदिग्धता फैली है कि  न जाने कहां से संक्रमित हो जाएं। सावधानियां अति आवश्यक होती जा रही हैं।
            परंतु हम जब मास्क के उपयोग और उससे होने वाले असर कि अच्छाइयों तथा बुराइयों पर नजर डालें तो हम उत्तर के बहुत करीब होते हैं।मास्क हमारी सांसों के जरिए अंदर जाने वाली वायु को प्रभावित करता है या कम करता है।जब कि दूसरी तरफ हमारे शरीर को स्वस्थ रहने और अपनी क्रियाएं पूर्ण करने के लिए प्रचूर मात्रा में ऑक्सीजन चाहिए होती है जो कि वायु के माध्यम से हमारे शरीर को मिल पाती है।जिस से हमारा स्वास्थ्य संतुलित बना रहता है।जो लोग कसरत के दौरान मास्क का इस्तेमाल करते हैं वो तो खुद को और भी जोखिम में डाल रहे होते हैं।कसरत करने की वजह से उन्हें ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत होती है।
       अब हम पाते हैं कि इस संक्रमण में उन्हीं को मास्क पहनना अनिवार्य है जो लोग इस कोरोना के संक्रमण से संक्रमित हैं।इसलिए हम यह कह सकते हैं कि जब ज्यादा से ज्यादा समय हम एक  स्थान पर ही गुजारते हैं तो हमेशा मास्क लगाए रहना उचित नहीं है।
- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड
कोरोना काल में सही गलत की बहुत कुछ परिभाषा बदल गई हैं कोरोना काल में जो सुरक्षा के उपायो के निर्दैस मिले हैं उसका पालन करना बहुत जरूरी हैं जहा तक मास्क लगाने का सवाल हैं तो जब जब हम बाहर मार्केट में या सर्वजनीक जगहों पर हो या हमारे आस पास एक से अधिक लोग हो तब हमें अनिवार्य रूप से मास्क लगाना ही चाहिये डाॅकटरो का भी यही कहना हैं की कोरोना से बचाव का सबसे सरल सहज तरिका मास्क लगाना हैं मास्क लगाने से जहा हम सवयं सुरक्षित हो जाते है वही सामने वाला भी सुरक्षित रहता हैं यदी हम या सामने वाला कोरोना पाजिटिव हैं तब भी हम मास्क लगाने से सुरक्षित रह सकते हैं ओर सामने वाले को भी सुरक्षित कर सकते हैं।हा यदी हम घर पर है  या अकेले हैं तो बिना मास्क के रह सकते हैं फिर भी अधिकांश समय मास्क लगाना हमरी ओर सामने वालो की सुरक्षा के लिये जरूरी हैं।
- कुन्दन पाटिल 
देवास - मध्य प्रदेश
जी नहीं,कतई उचित नहीं। जब घर से बाहर है उस समय मास्क लगाएं।घर के भीतर भी इसे लगाना या पूरे दिन लगाए रखना ठीक नहीं। मास्क हमारी सुरक्षा के लिए है, परेशानी बढ़ाने के लिए नहीं।अब यदि घर में भी असुरक्षित वातावरण है तो फिर लगाए रखना मजबूरी है।हाल ही में  ब्रिटिश स्टडी जर्नल की एक रिपोर्ट में आया है कि मास्क लगाए रखने से सांस छोड़ते वक्त आंखों में हवा चली जाती है।जिससे आंखों में परेशानी होने लगती है, खाज आने लगती है,फिर बार-बार उंगली आंख में लगाई जाती है और यह उंगली लगाना ही कई समस्याओं को पैदा कर देता है। इसके अलावा नाक ठोड़ी चेहरे पर मास्क बांधे रखने से निशान पड़ने जैसी समस्या भी सामने आयी है।मास्क लगाकर व्यक्ति सुरक्षा के प्रति ज्यादा आश्वस्त हो जाता है और वह फिर हैंड वॉश कैसे अनिवार्य कार्य में लापरवाही भी कर देता है।
केजीएमयू के डा. वेदप्रकाश के अनुसार श्वास छोड़ते वक्त मुंह से निकले वायरस मास्क में भीतर चिपक जाते हैं।मास्क नम कर देते हैं। जब दोबारा सांस लेते हैं तो यह शरीर में फिर प्रवेश कर सकते हैं। जिससे शरीर में वायरस लोड बढ़ जाता है। श्वांस के मरीजों को भारी कष्ट हो सकता है। केजीएमयू के डॉ सूर्यकांत जी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोगों में सिर दर्द जैसी समस्याएं  पैदा हो रही है।  विशेषज्ञों की सलाह है कि मास्क का प्रयोग तब ही करें जब घर से बाहर भीड़ भाड़ वाली एरिया में,कार्यालय में हो घर में इसका प्रयोग आवश्यक नहीं।और में एक बात और यूज किए मास्क को इधर उधर न डालें।जलाकर नष्ट कर दें। कपड़े वाले मास्टर को प्रतिदिन धोएं और धूप में सुखाएं।समझ लीजिए और एन-95 मास्क भी धोकर चार दिन यूज करने के निर्देश चिकित्सकों को है यानी एक मास्क दोबारा पांचवें दिन ही उपयोग होगा।तो साधारण मास्क के प्रयोग की सावधानी का अंदाज आप स्वयं लगा सकते हैं।
- डॉ अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर- उत्तर प्रदेश
             आज मास्क लगाना हमारे लिए बहुत आवश्यक हो गया है। हम घर पर तो मास्क नहीं लगा रहे हैं लेकिन अगर घर से बाहर जा रहे हैं तो मास्क लगाना बहुत अनिवार्य है। यह हमारे लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। लेकिन घर पर भी अगर बहुत छोटे या बुजुर्ग या बीमार लोग हैं तो हमें उनके  पास मास्क लगाकर ही जाना चाहिए। ये मेडिकली भी साबित हो चुका है। क्योकि बुजुर्गों और बीमार लोगो को इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता हैं।
लेकिन अगर हम घर से बाहर काम पर है तो हमें लगातार कई घन्टे मास्क पहनना पड़ता हैं। जिससे हमारे शरीर मे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है।
इसके लिए जब भी आप वाशरूम जाएं, मास्क उत्तर सकते हैं। मुँह पर ठंडे पानी के छींटे डालिए। और बाहर आने से पहले ही मास्क लगा लीजिए। घर आके पहले नहाधोकर ही अपनो से मिले और उस समय मास्क पहनना आवश्यक नहीं है। थोड़ी देर घर की बालकनी में गहरे हरे सांस लीजिए।सुबह भी स्वशन सम्बधी योग क्रियाएं करनी आवश्यक है। तभी इस मास्क का पूरा लाभ आप उठा पाएंगे।।
                                - सीमा मोंगा
                                रोहिणी - दिल्ली
कोरोना से बचाव के लिए कई उपायों में से मास्क भी है l लेकिन यह जानकर आश्चर्य होगा कि मास्क सतह पर वायरस आठ दिन तक जिन्दा रह सकता है उसी प्रकार लकड़ी की सतह पर दो दिन, कॉपर की सतह पर चार दिन, घास फूस पर नौ दिन रह सकता है l कोई भी मेडिकेटेड मास्क हो उसे बार बार हाथ से नहीं छुए l ऐसा करने से आसानी से यह वायरस शरीर में प्रवेश कर सकते हैं l मास्क पहनने से पहले हाथों को सेनेटाइजर करें और आठ घंटे बाद डोरी को पकड़कर उतारकर रख दें l तीन दिन बाद यदि यह N-95 मास्क है तो उसे सेनेटाइज करके प्रयोग करें, यूँ कहे कि पूरे दिन चेहरे पर मास्क लगाना उचित प्रतीत नहीं होता l वर्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार आप पूर्ण स्वस्थ्य है तो मास्क नहीं पहनें, यदि आप संक्रमित की सेवा कर रहे है तो मास्क अवश्य लगाएं l यदि फ़्लू, तेज सर्दी, ज़ुखाम, खांसी है तो मास्क पहनें l स्वस्थ्य व्यक्ति यदि मास्क पहनते है तो वायरस को निमंत्रण देते है l केवल नियमित हाथों की सफाई ही पर्याप्त है l यदि मास्क पहन ही रहे हैं तो सामने से हाथ नहीं लगाये l मास्क इस प्रकार लगाये कि नाक, मुँह, दाढ़ी का हिस्सा ढका रहे l दिनभर हमें मास्क नहीं लगाना है l केवल घर से बाहर निकलते समय ही मास्क लगाये l मास्क के साथ यदि फेश कवर लगाये तो चेहरे को छूने की समस्या से निज़ात मिल सकती है l कुछ विशेषज्ञ ऐसा मानते है कि चेहरे को छूना शरीर की मांग हो जाये तो दाएँ हाथ की अपेक्षा बाएँ हाथ का प्रयोग करें ऐसा करने से थोड़ा बचाव संभव है l आँखों पर धूप का चश्मा लगायें l दस्तानों को बार बार कीटाणु मुक्त करके न पहनें वरना ये भी हानिकारक हो जाते हैं l इन्हें चार दिन बाद सेनेटाइज करके ही प्रयोग में लें l
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
   मास्क लगाना जब जीवन शैली में शामिल हो जाएगा तो उसमें कोई बुराई नहीं है कि पूरे दिन ना सही समय-समय पर मास्क लगा लिया जाए। अपनी जीवन शैली में हम आठ घंटे सोते हैं। छःघंटे घर में रहते हैं और आठ से दस घंटे सिर्फ बाहर रहते हैं जीवनयापन के कार्यों के लिए। तो ये समझौते करने ही होंगे कि जब भी घर से बाहर निकलें मास्क लगाएं। जब तक बाहर रहें कार्य स्थल की स्थिति के अनुसार थोड़ी सी देर के लिए मास्क उतार दें। लेकिन ख्याल रहे ग्रुप में लंच ना ही लें तो बेहतर--अन्यों को भी यही समझाएं।
    कोरोना सबसे अधिक फैलता है खाँसने छींकने बोलने के दौरान निकलने वाले ड्राॅपलेट्स से। इसीलिए जब भी कुछ लोगों के साथ हों मास्क कभी ना उतारें मगर स्वास्थ्य की दृष्टि से खुले स्थान पर थोड़ी देर के लिए जरूर उतार दें।
     वैसे कुछ कार्यों जैसे डाॅक्टर वैज्ञानिक अनुसंधान कर्ता इनका तो जीवन ही छिपे चेहरे से गुजरता है।
   पंचतत्वों से बना शरीर हर प्राकृतिक अप्राकृतिक स्थिति के अनुसार अपने आपको ढाल लेता है। मास्क भी ढल जाएगा माहौल और वातावरण की स्थिति के अनुसार और नकाब की तरह कवियों लेखकों का प्रिय प्रयोग हो जाएगा कुछ समय पश्चात। ऐसा मुझे लगता है।
- हेमलता मिश्र "मानवी " 
नागपुर -  महाराष्ट्र 
 जी नहीं! पूरे दिन चेहरे पर मास्क लगाना बिल्कुल भी उचित नहीं है। हम सब जानते हैं जहां भीड़ हो जहां पर कोई खांसी वाला व्यक्ति बैठा हो अथवा हमें खांसी जुकाम हो.. उसी समय मास्क लगाना आवश्यक है।
बंद गाड़ी में आप अकेले मास्क लगाकर गाड़ी चला रहे हैं उचित नहीं है। इसी प्रकार घर में भी मास्क लगाना कोई जरूरी नहीं है। एकांत में तो बिल्कुल भी नहीं। 
जैसे हमारे आदरणीय मोदी जी कहते हैं कि अपना गमछा बाँध के रखो। उसी प्रकार मैंने तो अपने बेटे को एक सूती कपड़ा सफेद रंग का दिया हुआ है
वह उस कपड़े को बांधकर ही ड्यूटी पर चला जाता है। 
अगर हम लगातार मास्क लगाकर रखते हैं तो बार-बार ऊपर नीचे करने से इंफेक्शन होने का डर रहता है और गले के नीचे लाल निशान भी पड़ जाते हैं। मुझे लगता है सदा मास्क पहनकर नहीं रहना चाहिए, जहां भीड़ हो कोरोना के संक्रमित होने का डर हो वहीं पर मास्क पहनना आवश्यक है ।
- संतोष गर्ग
मोहाली - चंडीगढ़
ये सही है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिये बार बार हाथ धोना और मास्क का प्रयोग करना बहुत ही आवश्यक है किन्तु चौबीस घन्टे मास्क लगाना और लगातार ही हाथ धोते रहना भी कतई ठीक नहीं है ।।
जब किसी को घर से बाहर किसी काम से जाना पडे तो मास्क अवश्य लगाना चहिये और सैनी टाईजर से बार बार हाथ साफ करते रहना चहिये ।
किन्तु जब आप घर पर हों या एकान्त में हों तो मास्क उतार देना चहिये ।
यदि आप अधिक समय तक मास्क पहन कर कार्य करते हैं तो आप को कई प्रकार के अन्य रोग होने का भी अंदेशा रहेगा ।इसलिये घर पर रहने वाले लोगों को मास्क नहीं पहनना चहिये ।।
     - सुरेन्द्र मिन्हास 
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
मास्क संक्रमण से बचने के लिए लगाया जाता है परंतु यदि मास्क ही संक्रमण फैलाने लगे तो उसका क्या फ़ायदा? पूरे दिन मास्क लगाना उन्हें ही जरूरी है जो कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच हैं अथवा घरों से बाहर आवश्यक कार्यों के लिए जाते हैं। यदि आप घर पर हैं तो मास्क लगाना उचित नहीं। मेडिकेटेड मास्क भी उसकी दी हुई गाइड लाइन के अनुसार ही लगाने चाहिए।
आज कोरोना वायरस के कारण मास्क की उपयोगिता बढ़ गई है। इसके पहले भी रोजाना घर से निकलने वाली अधिकतर महिलाएं अपने दुपट्टे से मुंह-सिर ढककर निकलतीं थी ताकि धूल,धुँए, धूप से चेहरे की त्वचा को नुकसान न पहुंचे। वही उपाय अभी भी करना चाहिए। घर पर बने पतले सूती कपड़े के मास्क लाभकारी,सस्ते और आरामदायक होते हैं जिन्हें आप धोकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस लॉकडाउन काल में मैंनें बहुत सारे मास्क घर पर बना कर बाँटे हैं। इसे आप अपनी सुविधानुसार बना सकते हैं जैसे यदि कान के पीछे लगाने वाले कभी कुछ तकलीफ़ देते हों तो सिर के पीछे बांधने वाले भी बना सकते हैं।जो सरदार पुरुष पगड़ी बांधते हैं उन्हें कान पर फंसाना मुश्किल होता है अतः बांधने वाले मास्क सभी के लिए आरामदायक होते हैं।
मास्क को बार बार छूना हानिकारक है। उतारते वक्त भी पीछे गांठ खोल कर उतारें।साफ सफाई का खयाल रखना ही कोरोना से बचाव है।
अतः अपने हाथों को हमेशा साफ रखें। जरूरी हो तभी मास्क लगाएं।
- डॉ सुरिन्दर कौर नीलम
राँची - झारखंड
     कोरोना महामारी एक संक्रामक बीमारी है। यह  पूरे विश्व मे फैला हुआ है। यह बहुत तेजी से फैलता है। इस बीमारी से  विश्व मे दो लाख से ऊपर लोग मर चुके हैं। भारत भी इस बीमारी से अछूता नही है। यहाँ भी इस बीमारी से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। अभी तक इस बीमारी से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नही बना है। वैज्ञानिकों के द्वारा खोज जारी है।
      इस बीमारी से बचने के लिए कुछ नियम और कायदे बताये गए हैं। जैसे - सोशल डिसटेन्सींग, चेहरे पर मास्क,  सैनिटाइजर एवं साबुन से हाथ बार बार धोना।
      गौरतलब है कि बार बार हाथों को सेनेटाइज करने से खुजली होती है तथा स्कीन की दूसरी बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। जहाँ तक मास्क लगातार पहनने की बात है तो उससे भी घुटन महसूस होती है तथा पर्याप्त आक्सीजन की कमी शरीर को होती है। नियमतः जब घर मे हो तो मास्क का प्रयोग न करें। परन्तु बाहर जब भी निकले तो मास्क जरूर लगाकर निकले।
- रंजना सिंह
पटना - बिहार
 कोरोना एक संक्रमित वायरस है इससे बचने के उपायों में मास्क की भी सहभागिता है ! सारा दिन मास्क लगाना जरूरी नहीं है मास्क कहां और कब लगाना है यह महत्व रखता है ! डॉक्टर नर्स को मास्क ड्यूटी परंत अंत तक लगाए रखना पड़ता है इससे आक्सीजन की कमी आ जाती हैं और आठ 9 घंटे मास्क लगाए रखने से अपने हाथों से मास्क को बारबार छूते रहने की वजह से उनकी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है !यदि हम घर पर हैं तो मास्क लगाना जरूरी नहीं छींक आती है सर्दी है तो अवश्य मुंह पर कपडा रख सकते हैं किंतु सारा दिन नहीं ! सुरक्षित स्थान पर तो कतई नहीं !
किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती हम कहते हैं ना "अति भक्ति जोर लक्षणम " उसी तरह सुरक्षा के लिए मास्क उचित है जैसी भीड़ भाड़ वाली जगह में, बाहर जाते हैं तभी वरना मास्क को सारा दिन लगाने से हानिकारक भी हो सकता है (ऑक्सीजन की कमी) हमें बाहर से आकर साबुन से हाथ जरूर धोना चाहिए!
 मास्क के रूप में हम सुरक्षा के लिए रुमाल अथवा कॉटन का गमछा भी उपयोग में ले सकते हैं !
-चंद्रिका व्यास
 मुंबई - महाराष्ट्र

" मेरी दृष्टि में "  चेहरे पर मास्क सुरक्षित की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी है । फिर भी बहुत ही सावधानी बरतनी आवश्यक है । ज्यादा देर तक या लगातार लगाने से सांस लेने में समस्या हो सकती है । इस का अवश्य ध्यान रखना चाहिए ।
                                                      - बीजेन्द्र जैमिनी
सम्मान पत्र 





Comments

  1. वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर अलका जी पांडे को जैमिनी अकादमी द्वारा आयोजित आज की चर्चा में गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर सम्मान से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई शुभ मंगलकामनाएं👏👏👏👏👏🙏🌹🙏

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