साप्ताहिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन : भारत की नज़र में चीन

जैमिनी अकादमी द्वारा " भारत की नजर में चीन " विषय पर साप्ताहिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन रखा गया । जिसमें बीस से अधिक विभिन्न राज्यों के कवियों ने भाग लिया । सभी रचनाएं एक से बढ कर एक है । परन्तु उन सब में से एक का चुनाव करना बहुत ही मुश्किल कार्य को आसान बनाने के लिए जैमिनी अकादमी के कार्यकारिणी अध्यक्ष मदन मोहन ' मोहन ' को सौंपा गया । फिर उन में से एक को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया  : -

साप्ताहिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन : -                            
 26 जून 2020                                     

                  भारत की नजर में चीन
                   =============

चीन तू तो निकला बहुत ही विश्वासघाती है। 
छुरा घोंपता  पीठ में  और  बताता साथी है।। 
            सीमा पर आकर अपना, 
             डेरा     जमा     लिया। 
            सिंहों  की  मांद में हाथ, 
             सिंह  को  जगा  दिया। 
समझा हमारी जमीं को क्या अपनी थाती है। 
चीन तू तो  निकला बहुत ही विश्वासघाती है।। 
             व्यापार  करता है आकर, 
              हमारे    ही    देश    में। 
              नाग बन डस रहा हमें ही, 
               मानव   के   भेष     में। 
भारत- वीरों के समक्ष दानवता  भी थर्राती है। 
चीन तू तो  निकला  बहुत ही विश्वासघाती है।। 
               छल कपट करता आया, 
               शस्त्र  हीन  पर  वार करे। 
               यह भूमि सिंहों  का डेरा, 
               शत्रुओं   का संहार  करे। 
अनल विशिख बन बरसे सेना यह धूल चटाती है। 
चीन  तू  तो  निकला  बहुत  ही   विश्वासघाती है।। 

                    -डा. साधना तोमर डी. लिट.                   
                   बड़ौत (बागपत ) - उत्तर प्रदेश                    

अन्य कवियों की रचनाओं की कुछ पक्तियां : -
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    गलवान नदी की धारा तक,
    पूरा लद्दाख हमारा है। 
    याद दिला दो दूध छठी का,
    गद्दार चीन ललकारा है ।
    अब न बचेगी डूब जाएगी , 
     जिनपि'ग तेरी नाब।
     मन में है विश्वास।
     हमारे उर में है विश्वास।
     सफलता चरण चूमेगी।
     सफलता चरण चूमेगी।
    जय बजरंगबली।बोलो जय बजरंगबली....
- रधुनाथ सिंह कर्म योगी
        कोटा  - राजस्थान

तेरी अकड़ को प्यारे तोड़ कर रख देंगे हम,
घमण्ड यहाँ टिकता नही किसी का ,
तुझे चूर -चूर कर देंगे हम।
जो तुझे है अपनी सेना पर घमण्ड,
 तो हम भी हटने वाले नहीं।
जो भिड़ंत इस बार यदि होगी,
तो तू कहीं दिखने वाला नहीं।।
- जितेन्द्र शर्मा
धामपुर (बिजनौर) - उत्तर प्रदेश


धोखे से  हमला कर देता
बदनीयती इसके रग- रग में ।
कथनी करनी भेद अलग है
चालाकी इसके पग- पग में ।।
हिंदी - चीनी  , भाई - भाई
ऐसा कहीं नही  दिखता है।
कटुता को धारे वो हिय में
दुश्मन के सम ही दिखता है ।।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश


हे वीरों!शपथ तुम्हें,
जो भारत पर नजर डाले, 
उसको लोहे के चने चबवा दो तुम, 
यह वीरभूमि है भारत की,
यह शौर्य पराक्रम की भूमि है,
कोई धोखा नहीं चलेगा, 
लेना है अब प्रतिशोध केवल,
प्रतिशोध ही है बाकी।
- प्रज्ञा गुप्ता
बाँसवाड़ा - राजस्थान


मेरा देश, मेरा मुल्क, मेरा वतन
सैनिकों की आन, बान, शान, है।
अपनी जान की बाजी लगाकर
हमें अमन चमन  सदा देते है ।
जब हम अपने घरों में दीपावली
रमजान, होली, नाताल  मनाते हैं।
तब मेरा फौजी भाई सरहद पर
ठंडी, गर्मी, बारिश, में खड़ा रहता है। 
शांति, उन्नति  प्यार की चिड़िया 
भारत मेरा वतन मेरे सैनिक है।
               - शैलेष वाणिया " शैल"
               आणद - गुजरात

बच जा बच जा मौका,
आदत तेरी देना धोखा,
भारत समक्ष जो बोला,
उसको मारपीट ठोका।
बहुत हो चुका दुष्ट सुन,
युद्ध की है तेरे सिर धुन,
देखना मजा जब आयेगा,
वीर मारेंगे तुझे चुन चुन।।
- होशियार सिंह यादव
 महेंद्रगढ़ - हरियाणा

देख सस्ता रोज बेचे चीन अपने माल को
काम उसने तो निकाला नित जरूरत के लिए
है  खडी़  सेना  हिफाजत के लिए ये रात दिन
कर इबादत सैनिकों की तू सलामत के लिए
आज दीपा कह रही तुमने बहाया खून तो
माफ कैसे अब करे तुमको इस बगावत के लिए
- दीपा परिहार
जोधपुर - राजस्थान


धोखेबाज़ है ड्रेगन तू यह सारी दुनिया जानती है
तेरे इरादे भरे फ़रेब से यह भी दुनिया मानती है
दो दमदार दोस्त है मिलकर करेंगे तेरा काम तमाम
मिट जायेगा ड्रेगन फिर इस दुनिया से तेरा नामोनिशान
- सुदेश मोदगिल नूर
 पंचकूला -  हरियाणा 



भारतकी नजर में है चीन 
एक बड़ा अपराधी नामचीन... ...टेक
बैठता है बाते करता है
पीठ पीछे वार करता है
नफ्फट बड़ा, नीच बड़ा
नंगा हो के रहे खडा 
 - श्री जयंती भाई आई. परमार 
आणंद - गुजरात



शीर्षक की संज्ञा गायब होगी
फिर ढूंढता फिरता वजूद अपना
शरहद पर ही तेरे धड़ से
तेरे लहू की धार बह रही होगी
और भारत की आबादी
जयकारा लगाते नांच रही होगी।
 - नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड

चीन रोग है, शोक है, कर्ज है
ठीक न हो सके ऐसा मर्ज है
चिकना चुप डा पड़ोसी बहुत खुदगर्ज है।
 -  प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़
  गोधरा -  गुजरात


एक पग बैरी बढन ना  दूँ
देहरी पार अब करन न दूँ
विनती लाख करे बन दीन
हे सखि-- साजन? 
ना सखि-- चीन! 
- हेमलता मिश्र "मानवी"
 नागपुर - महाराष्ट्र

जोश दिल में था भरपूर
डरकर मुंह मोड़ा नहीं
सरज़मीन से हिले नहीं
जब तक साँस छोड़ा नहीं
अड़े रहें वे डटे रहें
सैनिक शहीद माटी में
खूं से लिख गये नाम वे
वीर गलवान घाटी में
माँ भारती की लाज को
बचाने को ओढ़ा कफ़न
भारत के रण वीरों को
शत शत करता आज नमन
- छगनराज राव "दीप"
जोधपुर - राजस्थान


चीन युद्ध में भारत के बीस जवान शहीद,
देश में पसरा मातम चीन मना रहा ईद,
चीन मना रहा ईद व्यर्थ नहीं जाने देंगे बलिदान,
बदला लेंगे टक्कर देंगे सुन कर पक गए कान,
कह ए के कविराय समय को यूं न टारिए,
हमारे हुक्मरान कह रहे हैं अब के मारिए।
                 - ए के खतौलवी
                      खतौली - उत्तरप्रदेश


         आँख उठाकर जो भी देखे ऐसे अरि के सिर से 
          भारत माँ, श्रंगार करेंगे अरि मुण्डों से फिर से 
          हम दीवाने रुक न पाये ग्रहण लगायें उनको.... 
          नहीं रहा अभिमान रावण का, चीन तू क्या है चीज 
          रीढ़ की हड्डी तोड़ के रख दी क्रोधानल ने आज 
          चालबाज़ शैतान को मारा, वाह !रे हिंदुस्तान.....
 - डॉ. छाया शर्मा
 अजमेर - राजस्थान


ड्रैगन को क्या मालूम नही, शेरावाली की धरती है।
भारत में छोटी सी बच्ची भी शेर सवारी करती है।।
रावण जैसे लोगों को हम, राम की तरह समझाते हैं।
गर नहीं मानता है तो फिर,हाथों में तीर उठाते हैं।।
हमला हमने जो बोल दिया , तो आँखे ये खुल जाएगी।
हस्ती तेरी है मिट्टी से और मिट्टी में मिल जाएगी।
- कमल पुरोहित "अपरिचित"
कोलकाता - पश्चिम बंगाल


भारत एक विश्वगुरु है
भारत एक पुण्यभूमि है
भारत के सपूत तत्पर है
दुश्मन ऊर रणभूमि है ॥
भारत मुकर्रर नहीं सिकंदर है 
बीस का बदला बीस लाख है
ऊपरवाले हमारे साथ हैं
हमारा कर्म धर्म सदा पाक है ॥
- डॉ. सुनील कुमार परीट
 बेळगांव - कर्नाटक

चीन को समझा उसने हमेशा अपना हितैषी,
एक बार नहीं क‌ई बार चीन बन गया विरोधी,
बार-बार समझा-समझाकर, हाथ मिलाकर,
बात कभी बनती-बात कभी बिगड़ती।
भारत की नज़र में चीन है एक,
दोस्त कम! व्यापारिक साथी ज्यादा,
जिसने साथ निभाया कम, 
पर धोखा दिया ज्यादा।
- नूतन गर्ग
देहली

तुम मान जाओ दगाबाज चीन
भारत कर देगा तुम्हें छिन्न भिन्न
छेड़ देंगे यदि हम तुमसे युध्द 
मकसद न होगा कहीं तेरा सिद्ध 
कवि गुलाब का ये नजमा सुन 
लगा दे तू भारत में आकर राम धुन 
- डॉ गुलाब चंद पटेल 
गांधी नगर - गुजरात

भारत के पास है,
तुझसे लड़ने को चाणक्य-नीति।
ए धूर्त चला जा खेमे में अपने,
हम हैं हिंदुस्तानी,
 जानते ईंट का जबाव,
पत्थर से देना।
छ्ल-कपट करने वाले,
खुद ही अपने मकड़-जाल में फँसते जाते।
- डॉo विजय लक्ष्मी

अतः सभी कवियों का बहुत - बहुत धन्यवाद । उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा ।
                                            - बीजेन्द्र जैमिनी




Comments

  1. मेरा काव्य इतना अच्छा नहीं था जो ईसे ब्लॉग में भी स्थान नहीं मिला ?!!!

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