क्या कोरोना देने वाला चीन अब कायराना हरकतों पर आ गया है ?

चीन ने दुनियां  को  कोरोना दिया है । जिससे लाखों लोग मौत के मुँह चलें गये हैं । उसके बाजूबंद भी दुनियां को आँखें दिखाने के साथ - साथ कायराना हरकतें कर रहा है । इतिहास गवाह है कि तानाशाही का अन्त अवश्य होता है । शायद वो समय चीन का गया है । यहीं सब कुछ " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
यह  चीन तो पहले से कायर हरकतें करता चला आया है  इसको श ह  देने वाले हमारे देश के अंदर ही चीन और पाकिस्तान बसे हुए हैं जोकि आस्तीन के सांप है  जिन्हें हमारा भारत दूध पिला पिला कर विषैला कर रहा है और यह हमारे देश में पीने वाले सपोलिये ही चीन और पाकिस्तान को भारत पर हावी करना चाहते हैं  जैसा पिछले 70 सालों से करते चले आए हैं परंतु  अब इनको जवाब देने का वक्त आ गया है जिसमें हमें अपनी सेना और सरकार की हौसला अफजाई करनी चाहिए  ।
भारत देश तो अपने में ही समर्थ देश है परंतु गांधीवादी विचारधारा अहिंसा परमो धर्मा के चक्कर में हमारा देश वसुदेव कुटुंबकम की भावना   से ओतप्रोत है।
इसी कमी के कारण चीन देश बनाम नीच देश अपनी कायराना हरकतें बढ़ा रहा है।
- रंजना हरित        
बिजनौर -  उत्तर प्रदेश
चीन दग़ाबाज की कहानी कहाँ से शुरू करें l पंचशील के सिद्धांत -जिसमें दोनों देश एक दूसरे की सीमाओं का अतिक्रमण नहीं करेंगे, एक दूसरे के घरेलू मामलों में हस्ताक्षेप नहीं करेंगे आदि को ताक में रख भारत से तिब्बत प्रदेश हासिल किया l फिर बौद्ध मतावलम्बी तिब्बतियों के साथ चीन ने जो व्यवहार किया उसकी कहानी अलग है l उसके बाद चीन ने भारत के उत्तर पूर्वी सीमांचल प्रदेश को चीन से अलग करने वाली सीमा रेखा के भीतर तक के कई हिस्सों को अपने नक्शे में चीन का भाग दर्शाना आरम्भ किया, विरोध करने पर गलती से हो गया है सुधार कर लेंगे ऐसा कितनी ही बार हुआ l अंत में सन 1962 में टिड्डी दल सी सेनाएँ निहत्थे सीमांचल प्रहरियों पर चढ़ आई और मैत्री में विश्वास घात किया और इस घटना के बाद भारत चीन के सभी तरह के रिश्ते समाप्त हो गये l यहाँ तक कि दूतावास तक निरस्त हो गये फिर भी भारत चीन को राष्ट्रसंघ में प्रवेश दिलाने का प्रयास करता रहा और सफल भी हुआ l 
          सन 1962में जो रिश्ते टूटे लगातार 20वर्षो तक टूटे रहें l भारत के प्रयासों से उन रिश्तों को पुनः बहाल किया l शांति बनाये रखना, सेनाएँ कम करने जैसी बातों पर सहमती बनकर दोनों देशों में मतैक्य दिखाई देने लगा l 
        इस प्रकार संबंध सुधारना, शांति बनाये रखना अच्छी बात है पर कौन कह सकता है कि उत्तर पूर्वी सीमांचल के बहुत सारे इलाके हथियाने और पाकिस्तान से समझौता कर कश्मीर का कुछ भाग हड़प जाने वाला चीन इस प्रकार आगे भी शांत बना रहेगा? निश्चय ही कभी नहीं l 
     चीन क्या दुनियाँ में किसी का हो सका है? चीन ने 75दिन तक   कोरोना वायरस को छिपाये रखा l इसका गुनहगार कौन? स्पष्ट है चीन जिसने दुनियाँ में 21,500 लोगों के लिए मौत लेकर आया l सच तो यह है कि चीन दुनियाँ में किसी का सगा नहीं l अमेरिका आक्रोश में हैं l ये चीन की लापरवाही है या साज़िश? मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि चीन की खुराफातों से आज पूरी दुनियाँ आहत है, वह अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आरहा है l अतः चीन के साथ संबंध बनाते -बढ़ाते समय भारत को हमेशा बहुत फूँक फूँक कर कदम उठाने की आवश्यकता है l 
    चीन के नापाक मंसूबों के चलते सभी देशों की मनोभावना यही है अब चीन के नापाक इरादों को जवाब देने का उपयुक्तसमय आ गया है l कोरोना कोड में चीन की पोल खुल चुकी है l भारत को चक्रव्यूह बनाकर उसको घेरना होगा l 
जो भारत पर आँख उठाएगा, चूर चूर हो जायेगा l 
हो जाओ तैयार साथियों हो जाओ तैयार l 
चलते चलते ---
हम अर्जुन हम भीम शांति के लिए जगत में जीते हैं 
मगर शत्रु हट करे अगर तो लहू वक्ष का पीते हैं l
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
      कोरोना देने वाला चीन अब नहीं बल्कि हमेशा से कायराना हरकतों का कुख्यात सरताज रहा है। वह मानवता का तो क्या जानवरों, पक्षियों एवं कीट पतंगों का भी सर्वथा शत्रु रहा है। कोरोना भी उसी का जीवित पारदर्शी परिणाम है।
      वह भाई कहने के योग्य ही नहीं है। क्योंकि उसने हमेशा मित्रता एवं भाई बंधुत्व के पवित्र रिश्तों की पीठ में खंजर घोंपने के सिवाय कुछ नहीं किया। वह परले दर्जे का मक्कार एवं बेईमान राष्ट्र है।जिसे सबक सिखाना अति आवश्यक हो गया है।
      वह मानवता को कलंकित करते हुए दूसरे देशवासियों को तो क्या अपने देशवासियों को भी क्रूरता की मौत देने से नहीं चूकता। क्रूरता और बेईमानी उसकी नस-नस में समाई हुई है। सत्य तो यह है कि वह मानवता पर कलंक के अलावा कुछ नहीं है।
      चूंकि उस कायर ने प्रमाणित कर दिया है कि वह जिस थाली में खाता है उसी में छेद करता है। क्योंकि उसके उत्पादन का सबसे बड़ा खरीदार भारत है। जिससे वह आर्थिक लाभ लेकर धनवान बना हुआ है और हमीं पर बंदूक तान रहा है।
      जिसके लिए उसे सबक सिखाते हुए उसके समस्त उत्पादन का वहिष्कार करते हुए भारत और भारतीयों ने बिगुल बजा दिया है। जिससे उसकी बुद्धि ठिकाने पर आ जाएगी और भविष्य में कायराना हरकतों से तौबा करेगा और यदि फिर भी बाज नहीं आया तो उसे हवा से हवा में मार कर संन्यासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के नेतृत्व वाले 2020 के आत्मनिर्भर भारत का परिचय दिया जाएगा।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
कोरोना देने वाले चीन ने संभवतः यह कभी नहीं सोचा होगा कि उसका दांव उस पर ही उल्टा आ पड़ेगा।  लगभग सम्पूर्ण विश्व में अपनी खिल्ली उड़ते देख चीन बौखला गया है।  कोरोना के चलते विश्व के देशों ने जिस प्रकार चीन से अपने सामरिक संबंधों में बदलाव किया है उससे चीन की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई।  विदेशी कम्पनियों द्वारा चीन से हट कर विएतनाम, दक्षिण कोरिया और भारत का रुख करने पर चीन ने इसे अपनी हार मानी।  विएतनाम जैसे देश से बुरी तरह हारकर आया चीन अभी भी विएतनाम पर टेढ़ी आंख से देखने में घबराता है।  चीन से विदेशी कम्पनियों के हटने पर वहां का रोजगार काफी प्रभावित हुआ।  चीन की साख को भी धक्का पहुंचा।  यदि आरम्भ में ही चीन विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अपना वर्चस्व दिखाने का प्रयास नहीं करता और कोरोना संबंधी कयासों में विश्व की मदद करता तो बात कुछ और होती।  विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अपना दबाव बना कर उल्टा उसने जगहंसाई करवाई है।  अमेरिका द्वारा एकतरफा शर्तें रखते हुए चीन के साथ स्वतंत्र व्यापार समझौता सहमति पर हस्ताक्षर किए गए हैं।  इससे साबित होता है कि चीन झुकता है पर इसके लिए अमेरिका जैसा राष्ट्र चाहिए पर भारत को भी कम शक्तिशाली नहीं आंका जा सकता।  चीन कायर है और दगाबाज है। उसके साथ मित्रता की जितनी भी पींगें बढ़ा लो पर दगाबाजी और अहसान फरामोशी उसके स्वभाव में है।  बौखलाए चीन ने भारत की सीमा में घुसने की हिमाकत की है। अपनी कायरता का परिचय देते हुए उसने शांतिप्रिय भारत की सेना के तीन बड़े अफसरों के साथ बीस जवानों को शहीद किया है। इधर रूस ने भी भारत का साथ दिया है। पर हमें विश्लेषण करना होगा कि काफी विदेशी कम्पनियां क्यों विएतनाम और दक्षिण कोरिया का रुख कर रही हैं और भारत में आने में क्या हिचकिचाहट है। कुल मिलाकर सब तरह से पिटता देख कर कोरोना देने वाला चीन कायरना हरकतों पर आ गया है और इससे उसकी विश्व में साख गिरी है। 
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
हां , चीन की ग़लत हरकतें और कूटनीति दिन _प्रतिदिन बढ़ती हीं हीं जा रहीं हैं।भारत क्या बहुत से देशों के साथ चीन अब उल्टी _सीधी हरकतें कर रहा है ।पिछले जो भी समझोते भारत और चीन के बीच हुए थे , चीन उन सब का उल्लघंन किए जा रहा है और सबसे ग़लत क़दम तो ये कि हमारे सीमा का भी वो उलंघन कर घुसपैठ करने को तत्पर है।ना जाने आजकल कितनी बार छोटी_ मोटी झड़पें हमारे सीमा के प्रहरी के साथ लगातार कर रहा है । चीन इन दिनों नेपाल से अपने क्षेत्र तक सड़क निर्माण करवा रहा है ताकि वो हमारे देश के और निकट हो जाए और हम पर खुफिया  नजर  रखे।हाल हीं में हेलिकॉप्टर के लिए सीमा पर हेलिपैड का बनाना ये सब चीन की किसी बड़ी साज़िश की ओर इशारा कर रहे हैं । पाकिस्तान और नेपाल को हमारे विरूद्ध भड़काने की लगातार कोशिश की जा रही है चीन द्वारा। चीन की सारी कायराना हरकतों पर हमारे प्रधानमंत्री की नज़र है । हमें हर हाल में सचेत रहने की अति आवश्यकता है ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
कोरोना देने वाला चीन राक्षसों जैसा ब्यौहार करने पर उतर आया है। और अपने सभी ताकतों का प्रयोग करेगा। और विश्व में शक्तिशाली बनने की कोशिश करेगा। चाहे भाले हारकर समाप्त हो जाये।किन्तु सुधरेगा नही। एक कहावत है कुत्ते की पूंछ तभी तक सीधी रहती है जब तक पाइप के अंदर रहती है। वैसे ही चीन भी कुत्ते की टेढ़ी पूंछ है। मेरे हिसाब से ऐसे पूंछ को काट देना है। चीन की कायराना हरकत से सभी वाफिक है कि चीन गद्दार ही नही धोखेबाज भी है। मेरा व्यक्तिगत विचार है इच्छा भी है कि अब चीन के नापाक इरादों को सहन न करके खत्म करने की बीड़ा उठा ही लेना चाहिए। चीन के कायराना हरकत का एक ही जबाब है कि चीन द्वारा निर्मित सभी प्रकार के वस्तुओं का त्याग कर नए देशों का सहयोग करे जो कमजोर और साफ और स्वच्छ है। 
- राम नारायण साहू "राज"
रायपुर - छत्तीसगढ़
जब कोई व्यक्ति जानबूझकर कोई गलत करता है और फिर उस गलती पर समाज मे घिर जाता है , तब उसका बौखलाना तो लाजमी है । परंतु अपनी गलती को गलती न मानकर लगातार खुद को सही साबित करते हुए गलती करते जाना न स्वयम के लिए बल्कि ओरो के लिए भी खतरे भरा हो सकता है । ऐसा व्यक्ति खुद भी मरता है और दूसरों को भी ले मरता है । जिस देश का मुखया अपने ही देश के लोकतंत्र का हनन कर सकता हो और अपने ही देश वासियों को मौत के मुह में धकेल सकता हो । जहां की मीडिया भी उसी के इशरे पर काम करती हो ऐसे देश व ऐसे देश के मुखिया से कायरता के अलावा और क्या उम्मीद रखी जा सकती है । 
चीन कायराना हरकतों पर अब से नही आया बालकु पीठ में खंजर घोपना तथा कायराना हरकत करना चीन के स्वाभव में शामिल हो चुका है । स्वयम को मजबूत बनाने के लिए दुनिया का विनाश चाहने वाले चीन से ओर उम्मीद भी क्या की जा सकती है । 
- परीक्षीत गुप्ता
बिजनौर -  उत्तरप्रदेश
अब चीन अपने कायराना हरकतों पर उतर आया है क्योंकि उसने पूरे संपूर्ण विश्व को महामारी के रूप में वायरस होते ही दिया है अब सीमा में अपने विस्तार करने के लिए वाह सैनिकों को भेज रहा है।
विस्तार वादी नीति के कारण भारत के अधिकांश हिस्सों में अपना कब्जा करना चाहते हैं उसने तो बहुत कुछ छीन लिया वैसे वह सोचता है कि मैं सब जाकर अपना कब्जा कर लूंगा ।
संपूर्ण विश्व हमें उसका विरोध हो रहा है इसीलिए कायराना हरकतों पर उतर आया है।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
भारत में लद्दाख के गलवान में हिंसक झड़प। उसके बाद बातचीत के लिए पेश करना एक तरफ बातचीत हो रहा है और दूसरे तरफ सैनिक शक्ति सरहद पर बढ़ा रहा है। भारत भी अपने सैनिक शक्ति के साथ आधुनिक यंत्र को बढ़ाया।साथ-ही साथ चीनी के सामान को भारतीय नागरिक बहिष्कार करना शुरू कर दिए है।
यह देखकर चीनी लोग बोखला गया है। तब चीनी ने गलत प्रोपेगेंडा और प्रभाव संबंधी अभियान शुरू कर दियाहै।भारत के कुछ राजनीतिक पार्टी और पत्रकार से सरोकार बना कर उकसाया की, आज के भारत के नीति निर्माण बनाने बालो पर हमला बोलने के लिए ।
ड्रैगन अपने चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। अब वह एक साजिश के तहत चीन हिंद महासागर पर अपना प्रभाव जमाने की कोशिश में जुट गया है अगर ऐसा होता है तो इसका असर भारत समेत कई देशो पर पड सकता है।
चीनी पनडुब्बिया स्टे्ट ऑफ मलक्का के जरिए से हिन्द महासागर मे प्रवेश कर सकती है। अगर चीन ऐसा करता है तो दुनिया के दूसरे देश देशों समेत भारत के लिए चिंता का विषय है। हलॉकी भारत पूरी तरह तैयार है, चीन के नापाक इरादों को लेकर।
दुनिया के सारे व्यापार समुद्र पर निर्भर है इसलिए चीन चाहता है आर्थिक रूप से इसका फायदा उठाया जाय।
साउथ चाइना से से करीब एक तिहाई व्यापार होता है।
पूरे दुनिया को परेशान किए हुए हैं। समाचार सूत्रों से यहजानकारी मिला है,ऑस्ट्रेलिया भी कोरोनावायरस  के निष्पक्ष परीक्षण और मूल स्थान का स्वतंत्र जांच की मांग की है। चीन के कम्युनिस्ट पार्टी अपनी बात मनवाने के लिए ऑस्ट्रेलिया से कृषि उपजओ की खरीद बंद कर दी एवंम चीनी विद्यार्थी और पर्यटन पर ऑस्ट्रेलिया जाने से रोक लगाने की धमकी दी।
लेखक का विचार:- ड्रैगन पूरा नकाब हो गया है दुनिया के सामने, अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए कारनामा हरकतों पर आ गया है। चीन के आर्थिक नीति की भी कमर टूटने वाली है इसकी चिंता चीन के प्रेसिडेंट को खाए जा रहा है।
- विजयेंद्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
चीन की कायरता का गलवान से बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है भारत के बीस जवान शहीद हुए जवानों की पीठ पर वार कर दिया रात के अंधेरे में छुप कर वार करना चीन की कायरता है । ये एक ही हरकत नहीं है और भी हैं कोरोना काल के दौरान शुरू से ही एक के बाद एक हरकत करना चीन की आदत में शुमार है चीन का कहना है कि वह अपनी सेनाओं को प्रशिक्षण देने के लिए बीस मार्शल आर्ट ट्रेनर तिब्बत भेज रहा है.
चीन ने अपने इस फ़ैसले की कोई वजह तो नहीं बताई है लेकिन ये ट्रेनर ऐसे समय में भेजे जा रहे हैं जब भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है ऐसे संवेदनशील समय में ये फ़ैसला लेना कायराना हरकत ही है । 
15-16 जून की रात लद्दाख के गलवान घाटी क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में बीस भारतीय सैनिकों की मौत हुई जबकि चीन के सैनिक भी निश्चित तौर पर हताहत हुए लेकिन उनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी जारी नहीं की गई है ये अपने सैनिकों के परिवारों के साथ कायराना हरकत है जो अपने सैनिकों के सम्मान की अनदेखी कर रहा है वह कायर नहीं तो और क्या है ।
पिछले कुछ साल पहले भारत और चीन के बीच 1996 में हुए समझौते के तहत लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के जवानों के हथियारों या विस्फोटकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है चीन ने वह समझौता खंडित कर कायराना हरकत की है । 
सीमा पर सैनिकों की संख्या में इज़ाफ़ा करना और पीछे हटने का नाटक करना एक बड़ी कायराना हरकत है ।
रूस को ये कहना कि भारत को संवेदनशील समय में शस्त्रों की पूर्ति न करे जबकि रूस ने अनसुना कर दिया । पाकिस्तान को, नेपाल को जो भी भारत के सीमावर्ती देश हैं उन्हें क़र्ज़ देकर अपने दबाव में लेकर भारत के ख़िलाफ़ लड़ाने की साज़िश करना भी चीन की कायराना हरकत ही है ।
- डॉ भूपेन्द्र कुमार धामपुर 
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
सारी दुनिया को कोरोना की त्रासदी में झोंक देने जैसा  बेहद कायरतापूर्ण कार्य चीन पहले ही कर चुका है। चीन की कोरोना वाली हरकत जब विश्व की समझ में आ गयी और विश्व के अधिकांश देश चीन के विरूद्ध घेराबंदी करने लगे तब चीन ने विश्व का ध्यान भटकाने के लिए भारत की सीमाओं पर कायरतापूर्ण साजिशें रचनी शुरू कर दीं। यहां तक कि गलवान घाटी में उसके 40 से अधिक सैनिक मौत के शिकार हुए परन्तु भारतीय सेना के इस कठोर प्रत्युत्तर के बावजूद चीन है कि मानता ही नहीं और लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी सैन्य कार्रवाई में वृद्धि करते हुए युद्ध जैसे हालात पैदा कर रहा है जबकि वर्तमान कोरोना काल से जूझ रही दुनिया में कोई देश युद्ध की स्थिति नहीं चाहता है। 
वास्तविकता यही है कि अपनी कुत्सित महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पहले तो चीन ने कोरोना वायरस की आग में दुनिया को झोंका और अब भारतीय सीमाओं पर अपनी कायरना हरकतों से अपने कुटिल चरित्र का परिचय दे रहा है। 
- सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड
     चीन में संकुचित रुप से कोरोना महामारी प्रारंभ हुई थी, जो शनैः-शनैः 
क्रमशः सम्पूर्ण राष्ट्रों में संख्याओं की बढ़ोतरी होती जा रही हैं। दवाईयों का इंतजार किया जा रहा हैं। चीन ने कोरोना की चिंगारी लगा दी, सबका ध्यानाकर्षण कोरोना महामारी की ओर  आकर्षित तो कर दिया तथा अपनी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त होते देख, अब भारत पर सोची समझी रणनीति के साथ अचानक युद्ध स्तर पर घेराव किया गया हैं। जहाँ दोनों पक्षों की सैन्य बलों को आघात होना पड़ा हैं।
चीन की सोच मात्र अपनी इच्छानुसार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की हैं। भारत को युद्ध से मजबूर कर पुनः व्यापार को सुदृढ़ करने की थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि भारत पूर्णतः शक्ति बलों के साथ उभरकर सामने आया। भारत को चाहिए तीनों शक्तियों के साथ, चीन की कायराना हरकतों का हमेशा के लिए स्थाई जवाब देकर, अपनी अर्थव्यवस्था, सैन व्यवस्था तथा सीमाओं को तटस्थ  करने की आवश्यकता प्रतीत होती हैं।
तभी जाकर चीन के साथ ही पड़ौसी राष्ट्र भी भविष्य में आक्रमण करने की सोचेगा?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
     बालाघाट - मध्यप्रदेश
यह बात बिल्कुल सही है की दुनिया को कोरोना देने वाला चीन अब कायरता पूर्ण हरकतों पर उतर आया है उसकी स्वार्थपरता अनाधिकार दूसरे के क्षेत्रों पर कब्जा करने की प्रवृत्ति और हठधर्मिता झूठ फरेब और चाल बाजियां किसी से छिपी नहीं है कोरोना संकट में उसका असली चेहरा दुनिया के सामने उजागर कर दिया है परन्तु चीन है कि मानता ही नहीं वह अपनी सभी गतिविधियों को तमाम दुनिया के देशों से छुपा कर रखना चाहता है जबकि अपने आसपास के क्षेत्रों में अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है भारत के साथ होने वाला उसका यह संघर्ष उसकी कुत्सित मानसिकता का परिचायक है वह भारत को दबाव में लेना चाह रहा है परंतु यह भूल रहा है कि यह भारत सन 62 का भारत नहीं है यह 2020 का भारत है जिसे समूचा विश्व देख रहा है मान रहा है और समझ रहा है शिवाय एक चीन के चीन को भी समझना होगा परंतु चीन जैसा कायर और अपनी आर्थिक ताकत के भर्म में रहने वाला देश चीन भूल रहा है कि यदि भारत ने उससे होने वाली व्यापारिक गतिविधियो पर रोक लगा दी तो चीन को कितना नुकसान होगा इसका अन्दाजा लगाना बहुक आसान नही है  यह सब चीन समझेगा तो जरूर परंन्तु मुँह की खाकर समझेगा इसमें कोई संशय नहीं है कि वह कायरता पूर्ण कार्य ही करता रहा है और अब भी यही कर रहा है उसे सबक सिखाना ही होगा । 
- प्रमोद कुमार प्रेम
 नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
चीन की कायराना हरकत पर जनता का फूटा गुस्सा, चाइनीज सामानों का करेंगे बहिष्कार
केनारे गूंज रहे है गली चौबारे व चौराहे पर समान जलाना व नारे लगा
लद्दाख के पास गलवन घाटी में चीन की हरकत से शहर के लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों ने कहा कि चीन भारत को हमेशा आंख दिखाने की कोशिश करता रहा है, पर भूल गया है कि यह 2020 का भारत है। इस समय अपने जवानों का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। लोगों ने चाइनीज सामान के बहिष्कार की अपील की। शहर के लोगों ने अपने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल करना चाह रहा है। कभी नेपाल तो कभी पाकिस्तान की आड़ में अपनी कायराना हरकत से बाज नहीं आ रहा। अभी सबको एकजुट होने की जरूरत है। चाइनीज उत्पादों का बहिष्कार करें। चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। -
चीन को हमारे जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। उसे और कड़ा जवाब देना होगा। अभी सभी दलों को राजनीति छोड़कर देश हित में एकजुट होने की  जरूरत है। हमलोग एकजुट होंगे, तभी दुश्मन देश पीछे हटेगा। हम चाइनीज सामानों का बहिष्कार करें सबको करना चाहिए।यह आवाजें उठने लगी है । 
चीन हताश हो गया है। चीन के इस कायरतापूर्ण हमले से हमें घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय सेना ने चीन को करारा जवाब दिया है। हमलोग इतना करें कि चाइनीज उत्पादों को नहीं खरीदें। सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होने की जरूरत है। देश के जवानों का मनोबल ऊंचा करें। 
चीन की कायरतापूर्ण कार्रवाई का भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया है। चीन हमारे देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करना चाहता है। अभी सभी दलों को राजनीति भूलकर देश के नेतृत्व का साथ देना चाहिए। जवानों का हौसला बुलंद करें , नेता अभिनेता जनता सबने सिर्फ देश का हित की सोचे अपना स्वार्थ भूल कर देश हमारा देश रहेगा तो हम रहेगे
आज जरुरत है हम सब को एक होने  की देश बचाने की   
- डॉ अलका पाण्डेय
 मुम्बई - महाराष्ट्र
कोरोना संक्रमण फैलाने के  बाद चीन कायराना हरकतों पर आ गया है। जैसा कि अमेरिका सहित कई देशों का आरोप है कि चीन ने अपने ही लैब में जीवडू बनाने के बाद दुनियाभर में कोरोना महामारी के रूप में फैलाकर तबाही मचा रखा है। कोरोना से सबसे अधिक मौते अमेरिका में हुई है। चीन के इस कायराना हरकत से अमेरिका, भारत, जापान, आस्ट्रेलिया सहित कई देश अपना कारोबार समेटना शुरू कर दिए हैं। कोरोना फैलाने की रणनीति चीन पर उल्टा पड़ गई। कोरोना फैलाकर चीन दुनियाभर में अपने कारोबार को फैलाकर एकछत्र राज कायम करना चाहता था। पर यह वार उल्टा पड़ गया। दुनियाभर के देश चीन से अपना कारोबार समेटना ही शुरू नही किए है, बल्कि कोरोना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार भी ठहरा रहे है। इतना ही नही अमेरिका सहित कई देश कोरोना पर चीन पर दंडनात्मक कार्यवाही की मांग भी कर रहे हैं। वह दिन अब दूर नही की चीन आर्थिक रूप से पंगु हो जाएगा। कोरोना को लेकर दुनियाभर से घिरे चीन ने इससे ध्यान भटकाने के लिए पिछले दिनों लद्दाख के गलवान घाटी में कायराना हरकत करते हुए भरत्तीय सेना पर हमला कर दिया, जिससे भारत के कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए। चीन के इस कायराना हरकत का भारतीय सैनिकों ने भी करार जवाब दिया, जिसमे चीन के 43 सैनिक मारे गए। इतना ही नही भारतीय सैनिकों ने चीन के 18 सैनिकों का गर्दन को ही मरोड़ दिया। फिलहाल चीन के इस हरकत से दोनो ही देश के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं। सीमा पर दोनों ही दर्श ने युद्ध की आशंका को देखते हुए सैन्यबल को तैनात कर दिया है। कोरोना फैलाने वाले चीन की बुरी नजर 23 देशों की
जमीन व समुद्री इलाके पर कब्जा करने की है। कोरोना महामारी फैलाकर चीन वैश्विक स्तर पर बुरी तरह से घिर कर मुसीबत में फस गया है।
- अंकिता सिन्हा साहित्यकार
जमशेदपुर - झारखंड
श्यानी बिल्ली खम्बा नौचे हमारे यहा यह कहावत हैं। यही बात चीन पर भी लागु होती हैं यही हाल आज चीन का हैं अपना रूतबा बढाने के लिये दुनियां में अपना रोब जमाने के लिये हर दिन कुछ न कुछ कारनामें करता रहता हैं कोरोना वायरस फैलाकर वह बच निकलना चाहता था पर अब वह पुरी तरह फस चुका हैं। दुनियां चीन को सबक सिखाने के मुड़ में हैं।अपनी हर कतो से बचने के लिये चीन रह दिन कुछ न कुछ कायराना हरकतों उतर आया हैं। पर चीन को इससे कुछ हासिल नही होने वाला हैं। उसे अपने दुश करमों की सजा भुगतने को तयार रहना ही होगा दुनियां चीन के मामले में दुध की जली हैं वह अब चीन की हर हरकत पर पुरी नजर रखे हुये हैं।
- कुन्दन पाटिल
 देवास - मध्यप्रदेश
जी हां,अब चीन कायराना हरकतों पर उतर आया है। भारतीय स़ैनिकों पर हमला उसकी ताजा कायराना हरकत है। इसके पहले नौ मई को नार्थ सिक्किम के नाकूला सेक्टर में हमले की कार्रवाई करना भी तो कायराना हरकत ही थी। पूरे विश्व को कोविड -19 जैसी बीमारी परोसकर ही इसने कौन सी बहादुरी का काम किया है? विश्व स्वास्थ्य संगठन को धोखा देते हुए विश्व को महामारी में झोंकने का षड्यंत्र करने वाला चीन अपनी हरकतों के चलते अब विश्व में साइबर हमला भी कर सकता है,ऐसी आशंका भी व्यक्त की जा रही है। उसके उत्पादन जो विश्व बाजार में छाये,हुए थे, उनका जबरदस्त विरोध और बिक्री न होने से चीन अब साइबर हमला करने जैसी हरकत पर उतर रहा है। चीन सीमाओं पर सैनिक गतिविधियों को बढ़ाकर हमारी भूमि कब्जाने के प्रयास में है।उसकी हरकतें दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। विश्वव्यापी विरोध के चलते चीन  भारी दबाव में है और इस तरह की हरकतें कर वह यह दर्शाना चाहता है कि वह डरता नहीं, जबकि वास्तविकता यह है कि वह भयग्रस्त है।उसे विश्व में अपना प्रभाव नष्ट होता नजर आ रहा है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
चीन की जान अब शाशत में आ गई है। उसकी अपनी आकांक्षाओं ने उसे सभी मोर्चों पर खड़ा कर दिया है। जिसने हमेशा वैश्विक आपदाओं, जापान की तबाही के बाबजूद अमेरिका से भिड़ना या क्यूबा मिसाइल संकट में उलझे विश्व के समय भारत पर आक्रमण करना उसके उदाहरण हैं। 
चीन कमजोर होते हुए भी खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहता है। इसलिए भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है । गिलगिट-बलूचिस्तान पर पहले भी वह अनेकों बार मुश्किल खड़ी कर चुका है। अब गलवन में भी कर्नल  संतोष बाबू ने उनके घुसपैठ को रोकने की कोशिश की तो देखा सभी सैनिक बदल चुके हैं। एकाएक बर्बर हथियारों से हमला किया। यह कायराना हरकत ही है। भारत की भूमि को तिब्बत में मिलाने की साजिश के अंतर्गत उसे जो भी करना पड़े वह करेगा। 
  कम्युनिस्ट पार्टी के यह नियम हैं कि किसी भी नीति से जीत हासिल करनी है। इतने बड़े आपातकाल के बीच सीमा पर होने वाली कार्यवाही बहुत ही शर्मनाक है। कश्मीर से धारा 370 हटने से पाकिस्तान-चीन दोनों ही मुश्किल में पड़ गए हैं। आवाम ने उन्हें आईना दिखा दिया है। उनके वर्चस्व भी खतरे में है। उनकी इस कायरता पर भारत की विजय उन्हें उठने के काबिल नहीं छोड़ेगी। इस बात का भान उन्हें नहीं है। एक रूस को अपने मोहजाल में फँसा कर वह विश्व विजय का सपना सँजो रहा है। उसे सपना टूटने का अभ्यास है, फिर भी बाज नहीं आता। उसके देश के लोगों का आक्रोश, सेना में हुई मौत के सही आँकड़े न मिल पाने के कारण बढ़ता जा रहा है।
अब उसे करारे जवाब की जरूरत है। वह भारत को अपनी प्रभुता कायम करने में मदद कर रहा है। ऐसा न हो कि फिर वह अपने अपंगता को ही दावत दे बैठे यह भविष्य बताएगा।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार

" मेरी दृष्टि में "  इतिहास गवाह है कि तानाशाही का अन्त अवश्य होता है । समय का इंतजार तो होता है । शायद चीन की तानाशाही के अन्त का समय आ गया हैं । बस सही समय पर सही वार बाकी है ।
                                           - बीजेन्द्र जैमिनी
सम्मान पत्र



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