क्या मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असम्भव है ?

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बहुत से उपाय है । सरकार ने भी बहुत से नियम बनाये है । इन्हीं में चेहरे पर मास्क कितना सार्थक साबित हो सकता है । यहीं " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : - 
नहीं। मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है या संभव है यह नितान्त परिस्थितियों पर निर्भर करता है।  मास्क लगाने का मुख्य उद्देश्य है जिस वातावरण में हम हों वहां पर यदि कोरोना के संक्रमण का प्रभाव है तो हम मास्क अवश्य लगायें और मास्क लगाने से संबंधित सभी नियमों का पालन करें। यदि आप घर में हैं और आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को कोरोना से मिलते जुलते लक्षण नहीं हैं तो आपको मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं है। यदि आपको या किसी सदस्य को खांसी, जुकाम या बुखार है तो मास्क अवश्य लगायें और दूरी बना कर रखें। वर्तमान स्थितियों में कोरोना के संक्रमण से बचने के अनेक उपाय सुझाये जा रहे हैं जिसमें मास्क पहनना भी एक उपाय है। मास्क पहनने की आवश्यकता पड़ जाये तो उचित मानक वाला मास्क पहनें या साफ रुमाल या गमछा इस्तेमाल कर सकते हैं।  कुछ मास्क विशेष रूप से डाॅक्टरों के लिए बनाए जाते हैं।  साधारण नागरिकों को ऐसे मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है। मास्क के सीमित प्रयोग के बाद उसे बदलना भी जरूरी है और बेकार हो चुके मास्क का उचित निष्पादन भी जरूरी है।  मास्क लगाते समय पूरी ईमानदारी बरतें यानि ठीक से लगायें।  किसी से बात करते समय मास्क को बार-बार हटाना और फिर लगाना भी मास्क लगाने का उद्देश्य खत्म कर देता है। सामान्य स्वास्थ्य वाले व्यक्ति के लिए मास्क लगाने का अर्थ है निरोधक उपाय करना। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार पब्लिक प्लेस पर, कार्यालयों में, मास्क लगाना अनिवार्य है। अनेक लोगों को मास्क लगाने में बहुत असुविधा होती है और उन्हें दम घुटता सा प्रतीत होता है अतः वे माज्ञक न लगाएं और घर पर ही रहें। आवश्यक होने पर दूरी बना कर रखें। निष्कर्ष यह है कि मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है यह कहना न्यायसंगत नहीं है क्योंकि यह पूर्णतः परिस्थितियों पर निर्भर करता है। 
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
       असम्भव कुछ नहीं होता। अकेला मास्क क्या कर लेगा? जिस संक्रमण को फुलड्रेस भी नहीं रोक सकी। जिसकी प्रमाणिकता स्वास्थ्य विभाग के रोगग्रस्त स्वास्थ्य कर्मी हैं।
     लाॅकडाउन का पालन किया।मूंह पर मास्क भी लगाया। गर्मियों की प्रतीक्षा भी की गई है। फिर भी कोरोना विषाणु बढता जा रहा है।
     अभी-अभी दसवीं कक्षा के परिणाम घोषित हुए हैं। जिसमें छात्रों ने 99 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। किन्तु एक बात समझ नहीं आती कि छात्र-छात्राएं इतने-इतने अंक लेते हैं और विकास का इतिहास रचते हैं। किन्तु सम्पूर्ण विश्व में कोरोना का वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में असफल क्यों हो रहे हैं? कमीं कहां है? यह शोध का विषय अवश्य है कि पढ़ाई और पढ़ाने में कमीं या मस्तिष्क में कमीं है या अंक फर्जी प्राप्त होते हैं।
     चिकित्सालय में लाशों के ढ़ेर हैं। जहां रोगियों को हृदय आघात का डर सता रहा है। किन्तु ऐसे में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर होने के चर्चे चारों ओर हैं। जिसके कारण रोगी चिकित्सकों और चिकित्सालय में जाने से कतरा रहे हैं।
     ऐसे में मास्क का महत्व कहां रहता है। मौत से पहले मरने से अच्छा है कि अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर बल दिया जाए।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
कोरोना  संक्रमण  से अभी  बचाव  ही  उपचार  है  ऐसी  स्थिति  में  मास्क  सुरक्षा  कवच  का  काम  करता  है  । 
       संक्रमण  मुंह, नाक, हाथों  के  जरिए  फैलता  है  ।  यदि  हम खांसते, छींकते  हैं  या  सामने  वाला  ऐसा  करता  है  तो  संक्रमित  होने  की  आशंका  बनी  रहती  है  अतः  घर  से  बाहर  निकलने  से  पहले  मास्क  लगा  लेना  उपयुक्त  रहता  है  । 
       इसे  लगाने  के  उपयुक्त  तरीके  का  स्तेमाल  करना  चाहिए  ।  कपड़े  के  मास्क  को  उपयोग  में  लेने  के  पश्चात  गर्म  पानी  से  धोना  उचित  रहता  है  । 
        ऐसा  तो  नहीं  कहा  जा सकता  है  कि  मास्क  के  बिना  कोरोना  संक्रमण  से  बचना  असंभव  है  हाँ, सुरक्षा  की  दृष्टि  से  ये  बहुत  उपयोगी  कहा  जा  सकता  है ।  
       मास्क  के  साथ-साथ  आवश्यक  है  इम्यून  सिस्टम  का  मजबूत  होना  ।  इसे  बढ़ाएं  ।  संक्रमण  से  बचाव  के  नियमों  का  पालन  करते हुए  कोरोना  के  साथ  चलते  हुए  इसे  हराकर  इस  पर विजय  प्राप्त  करें, सुरक्षित  रहें  व  दूसरों  को  भी  रखें  । 
       - बसन्ती  पंवार 
        जोधपुर  - राजस्थान 
जी बिल्कुल मास्क के बिना बाहर निकलने पर कोरोना संक्रमण से बचना असंभव ही है हां घर के अंदर मास्क लगाना सही नहीं है लेकिन बाहर निकलने पर मास्क लगाए बगैर संक्रमण का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है सैनिटाइजर का प्रयोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग यह तीन अहम पहलू हैं कोरोना संक्रमण से बचाव के तो यह आज की डेट में लगभग पूरे विश्व को पता होना चाहिए कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क सोशल डिस्टेंसिंग एवं हाथों की सफाई परम आवश्यक है । पूरी दुनिया चिल्ला रही है की मास्क के बगैर न निकलो ,तो अब भी किसी को न समझ आया हो ये बात हजम नही हो रही । सरकार दिनरात मास्क बनवाने मे लगी है दूसरे देशो तक से मास्क मंगाए जा रहे है ।जरूरी नही की रेडीमेड मास्क का ही प्रयोग किया जाय ,घर पर ही साफ कपड़े के मास्क बनाकर पहने जा सकते हैं ।
- सुषमा दिक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
जब हम पब्लिक प्लेस में जाते हैं या एक इंसान से दूसरे इंसान के संपर्क में आते हैं तब हमें मुंह पर मास्क पहनना बहुत जरूरी होता है क्योंकि वायरस संक्रमण हमें हो सकता है वैसे भी सर्दी जुखाम होने पर भी हमें एक को होना हो तो दूसरे को भी हो जाता है।
अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे ऊपर स्वयं हैं अपने आप को सुरक्षित रखना है तो अकेले में मांस पहने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन जब हम घर से बाहर निकले या ऑफिस में कई लोगों के बीच में रहे तब हमें मांस पहनना बहुत जरूरी है खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
अदृश्य दुश्मन से लड़ने के लिए खुलेआम तो उसका मुकाबला नही किया जा सकता है । जो दुश्मन अंदर ही अंदर बिना दिखे लोगो को मौत के घाट उतार रहा हों , और हम ये सब देख कर उससे सीख लेने के बजाय खुलेआम मैदान में कूद रहे हो तो ऐसे लोगो का इस संक्रमण से बचना तो लाजमी नही है ।
रही बात मास्क की तो मास्क इस लिए कोरोना से लड़ने में कारगर साबित है कि मास्क हमारे मुह को कवर करता है , जो कोरोना के लक्षणो को मुह के अंदर जाने से बचाता है । जिससे काफी हद तक हम लोग इस वायरस से बचे रहते है । दरसल रोजमर्रा की जिंदगी में काम करते हुए, लोगो से बात करते हुए , अथवा मिलते जुलते वक़्त किसी भी तरह न केवल कोरोना बल्कि अन्य कई तरह की बीमारियों के वायरस मानव शरीर पर घातक मारक साबित होते है । जिनको खुद तक आने के लिए रोका तभी जा सकता है , जब हम मास्क और हैंड ग्लब्स का इस्तेमाल करेंगे । बहुत से वायरस हवा में काफी समय के लिए मारक होते है , जो सफर के दौरान भी हमे ग्रसित कर सकते है , जिससे बचने के लिए मास्क ही केवल कारगर उपाय साबित हो सकता है ।
- परीक्षीत गुप्ता
बिजनौर -  उत्तरप्रदेश
कोरोना से बचाव के अनेक साधनों के साथ-साथ मास्क के प्रयोग का महत्व सर्वविदित है। जैसा कि विभिन्न माध्यमों द्वारा बताया जा रहा है कि कोरोना हवा में भी कुछ देर तक रहता है, साथ ही कोरोना किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के पश्चात उसके पास खड़े व्यक्ति के नाक, आंख, मुंह के माध्यम से उसे भी संक्रमित कर सकता है इसलिए अपने मुंह को ढकना अनिवार्य हो गया है और इसके लिए मास्क या गमछे का प्रयोग संक्रमण से बचा सकता है।
कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक/शारीरिक दूरी सबसे कारगर उपाय है परन्तु इसके पालन में व्यवहारिक तौर पर कहीं न कहीं असावधानी हो ही जाती है। कार्यस्थल, बाजारों आदि में सामाजिक/शारीरिक दूरी का पूर्ण रूप से पालन करना सहज, सरल नहीं है। इसलिए कहीं इसका पालन करने में कठिनाई आ रही है तो मास्क का प्रयोग अति आवश्यक है। 
निष्कर्षत:  कार्यालय, व्यापारिक संस्थान अथवा अपने घर से बाहर भीड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन कर रहे हैं तो  मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असम्भव है।
- सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
     कोरोना महामारी एक पहली बन कर रह गयी हैं। अभी दवाईयों का इंतजार किया जा रहा हैं, मात्र सामान्य दवाईयों का सेवन करते हुए, जीवित अवस्था में हैं।  वर्षा ऋतु में सामान्यतः   अनेकों संकमण फैलते हैं, अभी कोरोना महामारी से ग्रसित होकर अस्पतालों में पहुँच चुके हैं। मास्क पहनकर निकलने अनिवार्य तो कर दिया हैं, कितना आमजन महत्व दे रहे हैं, वे ही जानते हैं, अधिकांशतः आमजन मास्क पहनकर नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि मास्क पहनकर निकलने से उनके कानों में दर्द महसूस हो रहा हैं, बंकल बांधकर ज्यादा देर तक रह नहीं सकते, लम्बा वाहनों पर सफर नहीं कर सकते, मास्क पहनकर हेल्मेट लगा नहीं सकते। वर्षा ॠतु में बरसाती पहनकर, मास्क लगा नहीं सकते। मास्क पहनकर निकलने से सबसे ज्यादा परेशानियां का सामना पान-तंबाकू-ध्रूमपान के शौकीन तथा  महिलाओं को हो रहा हैं, अपनी इच्छानुसार जीवन यापन नहीं कर पा रहे हैं। बाहर आवागमन में प्रशासन का रवैया? आत्मनिर्भरता की जगह आत्मग्लानी होने लगी, उन्हें क्या मालूम कौन आमजन किस परिस्थितियों से गुजर रहा हैं। मास्क एक पहलू हैं, हर कोई वर्ग चाहता हैं, कि स्वतन्त्र रूप से मास्क पहनकर संकमणों से बचाव कर स्वस्थ रहें?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
 बालाघाट - मध्यप्रदेश
  मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है यह बात इतना सटीक नहीं है क्योंकि जो  मास्क लगाते हैं वह भी संक्रमित हो जाते हैं और जो नहीं लगाते हैं वह भी संक्रमण से बचे हैं मस्का लगाना एक सुरक्षा है स्थिति परिस्थिति के अनुसार मास्क का सदुपयोग नियम के अनुसार करने से ही मास्क संक्रमण से सुरक्षित  रखाता है। अति संक्रमण क्षेत्र में मास्क लगाना जय भी होता है। अगर घर के अंदर अकेले हैं तो मास्क लगाने की कोई जरूरत नहीं है। मास्को संक्रमण को रोकने में सहयोग करता है मास्टर के बिना बचना असंभव है यह बात उचित नहीं है हां कुछ हद तक संक्रमण को फैलाने में संभव है संक्रमण को एकदम से रोक देता है ऐसी बात नहीं है संक्रमित व्यक्ति के  संपर्क में आने से सुरक्षा पर सावधानी न बरतने पर संक्रमण होने की संभावना रहती है सहयोग मास्क लगा है या नहीं लगा है संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण होने का भय बना रहता है इससे यही कहते बनता है कि करोना संक्रमण से बचना असंभव है यह बात  सटिक नहीं है।   मास्क संक्रमण को कम करने मे सहयोगी है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
जहां तक यह प्रश्न है कि क्या मास्क  के बिना कोरोना से बचना असंभव है तो इसे शत प्रतिशत सही नहीं कहा जा सकता क्योंकि किसी भी व्यक्ति में किसी भी रोग का संक्रमण होना या न होना व्यक्ति   के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है यदि व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी है तो रोगों के होने की संभावना भी बहुत ही कम होती है और ऐसे व्यक्ति बिना  मास्क के भी कोरोना के संक्रमण से बचे रह सकते हैं परंतु प्रतिरोधक क्षमता किसी व्यक्ति की कितनी है इसे निर्धारित करने की कोई निश्चित प्रक्रिया भी नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि अमुक व्यक्ति को संक्रमण होगा अथवा नहीं होगा  परंतु मास्क एक अच्छा उपाय है जिससे संक्रमण को बहुत हद तक रोका जा सकता है  लेकिन  मास्क लगाकर भी प्रत्येक समय तो नहीं रहा जा सकता सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग करना बहुत ही लाभकारी है तथा आवश्यक है इस कोरोना संकट काल में  मास्क की उपयोगिता से इनकार नहीं किया जा सकता और यह एक आवश्यक उपाय है जो हमें संक्रमण से बचा सकता है परंतु इसी के साथ साथ हमें अपनी इम्यूनिटी अर्थात शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले पदार्थों का सेवन भी करना होगा इसके लिए लौंग पीपली शॉट गिलोय इत्यादि का सेवन हम कर सकते हैं दालचीनी भी एक ऐसा ही घरों में प्रयोग किया जाने वाला मसाला है इसी के साथ साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना आवश्यक है इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि मास्क के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से बचने का एक महत्वपूर्ण कारक है. 
- प्रमोद कुमार प्रेम 
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
 हमने देखा  कि भारत के साथ-साथ और भी कई देशों में  लॉकडाउन खोलना शुरू  हुआ है|  परंतु भारत में यह निर्णय लिया गया  कि हर व्यक्ति  मास्क का प्रयोग  करें| जनता से सावधानी बरतने के लिए कहा गया  और यह भी समझाया गया  कि वे  साफ सफाई का  विशेष ध्यान रखें| हाथों को बार-बार साफ करें| मास्क पहने और एक दूसरे के संपर्क में कम आयें  अर्थात  सामाजिक दूरी का निश्चित रूप से पालन करें| लेकिन इस सब के बीच एक प्रश्न उठता है कि क्या मास्क पहनने से हम सुरक्षित हो सकते हैं| इस प्रश्न का उत्तर देना इतना सरल नहीं है| कई देशों के लोगों को तो  उनकी सरकार ने यह  परामर्श दिया कि अगर वे स्वस्थ है तो उन्हें मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं | यही कारण है कि कई देशों में मास्क का प्रयोग नहीं किया गया|
 जो लोग मास्क का प्रयोग नियमित रूप से कर रहे हैं उनका यह कहना है कि मास्क पहनना बहुत आवश्यक है| क्योंकि हो सकता है कि जो लोग हमें स्वस्थ प्रतीत हो रहे हैं उनमें भी वायरस हो| दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि जो लोग स्वस्थ हैं और मास्क का उपयोग कर रहे हैं तो ऐसे लोगों के कारण दूसरे लोगों को मास्क खरीदने में कठिनाई का अनुभव हो रहा है| लेकिन ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनसे यह पता चला है कि मास्क पहनने वाले लोगों में भी वायरस पाया गया| एक बात और स्पष्ट रूप से सामने आई कि अस्पतालों में काम कर रहे लोगों को और जहां पर संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा है वहां के लोगों को मेडिकल ग्रेड का  मास्क प्रयोग करने के लिए कहा गया |
 इसका एक और कारण यह भी है कि मनुष्य जाति को हाथों से चेहरा छूने की आदत है और यह आदत  कोरोनावायरस से  संक्रमित कर सकती है |कहीं-कहीं अध्ययन से यह भी पता चला है कि कई लोग 1 घंटे में 23 बार अपने चेहरे को  छूते  हैं| इसमें मुंह नाक और आंखें भी शामिल है| खुद को छूने से कोई भी वायरस हमारी आंखों नाक और मुंह के रास्ते से हमारे शरीर में पहुंच सकता है इसलिए भी मास्क पहनना बहुत आवश्यक है|
 इसके साथ साथ हमें चेहरे को छूने वाली आदत के प्रति भी   सतर्क रहना  होगा |दो ही उपाय हैं कि हम अपने हाथों को धोते रहें और अपने चेहरे को कम से कम छुएं|
 मास्क पहनने से पहले अपने हाथों को जरूर धोना चाहिए|
 मास्क ऐसे  पहनना चाहिए कि मुंह और नाक पूरी तरह से ढक जाएं||
 मास्क पहनते समय मास्क को नहीं छूना चाहिए मास्क की बेल्ट से ही पहनना चाहिए|
 मास्क हमेशा पीछे की ओर से उतारना चाहिए|
 जो भी हम कर सकते हैं हमें उन्हीं सुविधाओं के बीच में रहते हुए अपना विशेष ध्यान रखना है |इसलिए जो भी हम कर सकते हैं वह हम करें| निष्कर्ष यह निकलता है कि  बहुत हद तक कोरोना के संक्रमण को मास्क पहनने से रोका जा सकता है
-  चंद्रकांता अग्निहोत्री
पंचकूला - हरियाणा
जी, सही बात है यह। मास्क के बिना कोरोना के संक्रमण से बचना असंभव है।मैं तो कहता हूक कि इसमें चश्मा भी शामिल कर लीजिए। कोरोना संक्रमण की गंभीरता समझिए। यह वायरस नाक और मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है। खुली आंख में भी इसका संक्रमण हो सकता है‌। इसीलिए हमें मास्क का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। हाथों को बार-बार सेनेटाइज करने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि अक्सर हमारे हाथ, हम नाक, मुंह, आंखों पर  लगा लेते हैं और इससे हाथों पर चिपके वायरस नाक मुंह के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। रोज बढ़ रहे संक्रमण आंकड़ों के बीच, सार्वजनिक स्थान पर जाने पर मास्क लगाना बहुत आवश्यक है। समझ लीजिए कोरोना कोविड-19 का अभी तक कोई भी इलाज न होने के कारण, बचाव ही सुरक्षा का साधन है। इसमें मास्क का प्रयोग अति महत्वपूर्ण है। हाथों का धोना और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना भी कोरोना संक्रमण से बचाए रख सकता है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर -  उत्तर प्रदेश
भारत सहित दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट और स्टडीज बता रही हैं कि जब तक इस बीमारी का इलाज नहीं मिलता है, सोशल डिस्टेंसिंग ही इसके बचाव का सबसे कारगर उपाय है. इसके अलावा फेस मास्क और आई प्रोटेक्शन भी उतना ही जरूरी है. इस बारे में हाल ही में लैसेंट मैगजीन ने भी एक रिपोर्ट छापी है. इसमें साफ कहा गया है कि 1 मीटर से कम दूरी रहने पर कोरोना के संक्रमण का खतरा 13 फीसदी रहता है, जबकि 1 मीटर या ज्यादा दूरी बनाए रहने पर यह खतरा 3 फीसदी रह जाता है. यह स्टडी डबल्येूएचओ द्वारा की गई है. इसमें 16 देशों की 172 स्टडीज को आधार बनाया गया है. स्टडी में क्या मिला….
सर्वे के अनुसार जिन देशों में कोविड 19 का असर ज्यादा है, वहां सोशल डिस्टेंसिंग के पालन न करने से कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा हो सकता है. वहां अगर लोग आपस में 1 मीटर से कम दूरी रखते हैं तो कोरोना के वायरस से संक्रमण का खतरा 13 फीसदी होता है. जबकि 1 मीटर या ज्यादा दूरी रखते हैं तो यह खतरा 3 फीसदी ही रह जाता है. 1 मीटर के बाद हर मीटर की दूरी बढ़ने से यह खतरा आधा होता चला जाता है. 3 मीटर से ज्यादा दूरी पर कोई खतरा नहीं है 
फेस मास्क न पहनने से भी संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है. स्टडी के अनुसार अगर आपने फेस मास्क (N95 मास्क) नहीं पहना है तो बीमारी का खतरा 17.4 फीसदी होता है. जबकि आपने प्रोटेक्शन लिया है तो यह घटकर 3.1 फीसदी ही रह जाता है.
आंखों के लिए प्रोटेक्शन
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आंखों के लिए भी प्रोटेक्शन जरूरी है. अगर आपने प्रोटेक्शन नहीं लिया है तो बीमारी का खतरा 16 फीसदी होता है. लेकिन सुरक्षा उपाय किए हैं तो यह घटकर 5.5 ही रह जाता है. प्रोटेक्शन में फेस शील्ड, चश्मा आदि हो सकते हैं.
छींकने या खांसने से क्या 
सर्वे के अनुसार जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है तो संक्रमण की बूंदें करीब 8 मीटर तक जा सकती हैं. इस संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क पहना जरूरी है. अगर लोग 1 मीटर से ज्यादा दूरी बना कर रखते हैं तो संक्रमण फैलने का खतरा 3 फीसदी तक कम हो सकता है.
मास्क पहने या न पहने पर शारीरिक दूरी बनाना बहुत जरूरी है!
मास्क पुरी सतर्कता के साथ रहने व सहीढंगसे पहने , 
हाथो को साफ रखना बहुत जरुरी है । चेहरा बचाना बहुत जरूरी है ! 
स्वस्थ रहे,घर में रहे 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
कोरोना संक्रमण से बचना है तो मास्क लगाना जरूरी है। यदि आप घर पर हैं तो मास्क लगाने की कोई जरूरत नही है पर सुरक्षित रहने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। हर समय मास्क  लगाना भी नुकसानदेह है, क्योंकि जब हम सांस छोड़ते है तो मास्क लगाने के कारण वह बाहर नहीं जाता है तो फिर हम उसी को दुबारा अपने शरीर मे लेते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि हम कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ते हैं और फिर उसी को दुबारा शरीर मे वापस लेते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक है। इसलिए जब हम घर पर रहते हैं तब मास्क लगाना बिल्कुल ही जरूरी नहीं है। पर साबुन से समय समय पर हाथ धोते रहना होगा। घर और आस पास में सफाई जरूरी हैं। देश मे कोरोना के मामले बहुत ही तेजी से बढ़ रहे है। इस स्थिति में जब भी घर से बाहर निकले तब मास्क हर हाल में लगाएं,  क्योंकि कोरोना संक्रमण से बचना है तो बाहर निकलने पर मास्क जरूरी है। देश मे कोरोना केश तो तेजी से जरूर बढ़ रहे हैं पर मरीज भी तेजी से स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं जब तक कोरोना संक्रमण की दवा नहीं बन जाती है तब तक हमें कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना, साबुन से हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, घर व आस पास में सफाई रखना जरूरी है। 
- अंकिता सिन्हा साहित्यकार
जमशेदपुर - झारखंड
यदि कोई कोरोना संक्रमित है तो मास्क क्या पीपीई किट होने के बाद भी कई डॉक्टर संक्रमित हो गये? सबसे आवश्यक यह है कि कहीं कोई  कोरोना संक्रमित है या वह क्षेत्र कोराना संक्रमित क्षेत्र है तो उस से बचना आवश्यक है। 

छोटा सा दिखने वाला मास्क अपनी भूमिका के लिए महान है चूँकि  इस से सर्वप्रथम नाक ढ़क जाती है जहाँ  से संक्रमण तीव्रता से फैलता है। दूसरी बात इस से मुँह ढ़क जाता है जिस से खाँसने  के संक्रमण से बच सकते हैं। खाँसना व छीकना इस रोग के
संक्रमण के प्रमुख लक्षण हैं ।कोरोना वायरस एक अदृश्य शत्रु है इसलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मस्क महान साधन है।
इस से आप संक्रमित होने से बचेंगे , परिवार के लोग संक्रमण से बचेंगे साथ ही साथ दोस्त समाज अौर यह देश । क्योंकि इसकी श्रृंखला इतनी मजबूत होती  जो संक्रमित के संपर्क में आने भर से आप रोगी हो सकते हैं।
मास्क के उपयोग के साथ साथ समाजिक दूरी व बार-बार हाथ धोना न भूलें। बाहर से आने के बाद अवश्य हाथ बीस सेकेण्ड तक धोयें। सेनेटाइजर का उपयोग भी संक्रमण से बचा सकता है। स्वच्छता का विशेष ध्यान आपको संक्रमण से बचा सकता है। 
मास्क मुँह पर रहने से हाथ भी चेहरे पर जाने के लिए आपको सजग करते रहता है जिससे हाथों के माध्यम से जाने अनजाने हमें संक्रमित न कर दे।वैसे सजगता समाजिक दूरी व स्वच्छता कोरोना संक्रमण का रामवाण उपाय है ।थोड़ा विचार कीजिए अौर उपयोग कीजिए ।
- डॉ. विनोद नायक 
नागपुर - महाराष्ट्र
मास्क  के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है यह नहीं कह सकते ,मगर मास्क कोरोना संक्रमण से बचने में उत्तम सहायक है ,यह निसंदेह मान सकते हैं। कोरोना से बचना है तो मास्क को एक अनिवार्य आवरण मानकर इसे धारण किए बिना कदाचित अपने कदम बाहर नहीं निकालना चाहिए ।
   कोरोना का संक्रमण हमारे नाक मुंह के द्वारा इस रोग के जीवाणुओ के प्रवेश से होता है ।मास्क से हमारे नाक ,मुँह ढ़क जाते हैं और यह एक सुरक्षित आवरण जैसा काम करता है।
     देश में लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है और सारी स्थिति पहले जैसी लागू की जा रही है। लेकिन करोना संक्रमित लोगों की संख्या में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जनजीवन समान होता जा रहा है और लोग इसके प्रति बेफिक्र होते नजर आ रहे हैं ।बाहर में समाजिक दूरी को भूल, भीड़ भाड़  और बिना मास्क पहने भी लोग नजर आ रहे हैं। यह बहुत चिंताजनक है। अभी हमें और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जनजीवन सामान्य हो रहा है लेकिन पर परिस्थिति सामान्य नहीं है। यह रोग तेजी से बढ़ रहा है और लोगों की जान ले रहा है ।अभी बहुत जरूरी है कि हम बिना मास्क के या अपने मुँह  को अच्छी तरह ढके बिना घरों से बाहर ना निकले और अपने हाथों को बार-बार निरंतर धोते रहे, सैनिटाइज करते रहे ।तभी हम इस संक्रमण से अपने को बचा सकते हैं।
               - रंजना वर्मा "उन्मुक्त "
              राँची - झारखण्ड
मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असंभव तो नहीं  है किंतु हमारी सुरक्षा के लिए यह जरुरी भी है! घर पर मास्क लगाने की जरुरत नहीं है ,भीड़ भाड़ वाले इलाका अथवा जहां कोरोना मरीज है वहां हमें मास्क पहनना जरूरी है! इसका इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए  !
मास्क से हमारा मुंह और नाक अच्छी तरह से ढँका होना चाहिए  चूंकि जब हम नाक से छिंकते हैं अथवा श्वास लेते हैं तो हमारे नाक के अंदर जो लोम होते हैं उससे कोरोना बैक्टीरिया तुरंत हमारे अंदर प्रवेश कर हमें संक्रमित करता है! नाक और मुंह दोनों मास्क से पूरा ढ़का  होना चाहिए! 
मास्क को बारबार हाथ से छूना नहीं चाहिए! 
बारिश में गीला होने पर मास्क उतार देना चाहिए! 
जहाँ जरुरत है मास्क जरूर पहने अतिरिक्त कोरोना से बचने के उपाय हैं अपनाए! 
स्वयं सुरक्षित रहें औरों को सुरक्षित  रखें!
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
मास्क के बिना कोरोंना संक्रमण से बचना असंभव सा ही है।क्योंकि अब तक तो हम घरों में थे तो सुरक्षित थे।हम अपने ही परिवार के संग थे और कार्य भी घरों से ही चल रहा था।जैसे ही लॉकडॉउन को अनलॉक 1.0 में तब्दील किया तो स्थितियां तुरन्त  बदलने लगी। पॉजिटिव संक्रमण के जो आंकड़े चल मात्र रहे थे वो मानो दौड़ने लगे हैं।उनमें बहुत तेज़ी आ गई।
        अब जब सारे कार्यालय खुल गए हैं ।लोगों का आनाजाना प्रारम्भ हो गया है तो मास्क पहनना और भी आवश्यक हो गया है।हम ये नहीं जानते कि सामने वाला कहां से और किन परिस्थितियों से आया है।यहां हम केवल खुद को ही नहीं बल्कि मास्क पहनकर खुद के परिवार को,ऑफिस के लोगों को अपने आस पड़ोस की भी संक्रमित होने से बचा रहे हैं।इसे हमने अपने वस्त्रों के संग शामिल कर लेना चाहिए।ताकि कभी भी किसी भी प्रकार की भूल से बचा जा सके।मास्क भी इतने प्रकार के आ गए हैं कि हमें पता ही नहीं चलता है कि कौनसा पहने।परंतु आप कोई भी पहनो पर घर से एक कदम भी बाहर रखो तो मास्क जरूर पहनो।
      अर्थात सारे उपायों के साथ मास्क का पहनना ही हमें कोरोणा संक्रमण से बचाता है और इसके बिना बचना असंभव लगता है।
- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड
कोरोनो संक्रमण से यदी बचना हैं तो हमें सतर्क रहना ही होगा ओर मास्क लगाना भी होगा हा! मैं कहता हु की मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असम्भव हैं!हमें मास्क लगाना ही होगा । जब डाॅकटरो से पुछा गया की कोरोना से बचने का सबसे सरल उपाय क्या हैं तो उन्होने कहा था की मास्क लगाना सबसे सस्था ओर कारगर उपाय हैं जो हर व्यक्ती खरीद कर उपयोग कर सकता हैं मैं तो कहता हु कोरोना संक्रमण से बचना हैं तो मास्क से दोस्ती करनी होगी उसे हमेसा पास रखना हैं ओर उपयोग करना हैं अतः मैं मानता हुँ की कोरोना संक्रमण से बचना असम्भव हैं।
- कुन्दन पाटिल
 देवास - मध्य प्रदेश
मास्क का उपयोग कोरोना से बचाव का एक कारगर उपाय ज़रूर है पर इसके बगैर कोरोना से बचना असंभव ये कहना भी सही नहीं होगा।भीड़ भाड़ वाले जगह या फिर किसी मरीज के पास हों तो यकीनन मास्क लगाना जरूरी है वरना बिना मास्क के भी सोसल डिस्टेंसिनग से कोरोना से बच जा सकता है। 
 -  संगीता सहाय
रांची - झारखण्ड
कोरोना संक्रमण का का कारण है सूक्ष्म वायरस जो नजरों से नहीं देखा जा सकता! ये हवा में व्याप्त है और मानव शरीर में प्रवेश पाते ही सक्रिय हो जाता है और मानव के गले, फेफड़ों को संक्रमित करता है।इसका संक्रमण तेजी से फैलता है जिसकी वजह से इंसानों के गला और फेफड़ों में जकड़ने लगता है। इंसान की श्वांस लेने की क्षमता कम होने लगती है और कभी कभी समाप्त हो जाती है। अतः इस वायरस का शरीर में प्रवेश ना हो इसके लिए मास्क आवश्यक है।हम अगर छींकते हैं,खांसते हैं तो एक दूसरे को संक्रमित होने का भय बना रहता है।मास्क ऐसे में हमें सुरक्षित रखती है।मास्क है छोटा सा पर बड़े काम का चीज है। साथ ही हाथ की सफाई नितांत आवश्यक है क्योंकि हाथों से ही चेहरे के किसी भाग को छूने से भी हम संक्रमित हो सकते हैं। साथ ही खाना पीना सब हाथों से ही सम्भव है। हमें सबसे पहले सांसों को स्वच्छ और सुरक्षित रखना होगा क्योंकि जीवन सांसों का खेल है क्योंकि जीवन की गति सांसें ही तय करती हैं। इसलिए सांसों के संक्रमण को रोकने के लिए मास्क आवश्यक है घर में हम बिना मास्क के आराम से रह सकते हैं लेकिन बाहर निकलने पर हम हवा के साथ लोगों के सम्पर्क में भी आते हैं और उनमें से कोई संक्रमित हो तो हम खुद संक्रमित हो जाएंगे। इसलिए एक दूरी बनाए रखना जरूरी है।बिना मास्क हम सांसें लेते हैं तो वायरस सीधे तौर पर हमारे फेफड़े में प्रवेश पा जाएगा और फिर हम स्वतः संक्रमित हो जाएंगे।अतः मास्क का प्रयोग आवश्यक ही नहीं अति आवश्यक है।मास्क का प्रयोग ऐसा हो की मूंह और नाक अच्छी तरह से ढक जाय। ये हमारे जीवन रक्षक की श्रेणी में है।
       आज-कल लाॅक डाउन खुलने के बाद लोग मास्क के बिना घूमते हुए नजर आते हैं जो सही नहीं है।ये तो बीमारी को दावत देने बाली बात है। हमें समझना होगा कि ये सारी हिदायतें ,एहतियात बरतने की सलाह हमारी जीवन रक्षा के लिए है।सम्हल कर रहना होगा।और संक्रमण से बचने के लिए मास्क का प्रयोग आवश्यक है।
       -  रेणु झा       
 रांची -  झारखंड
            आज पूरे विश्व में कोरोना की महामारी चल रही है । इस वायरस ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है, अतः हम सबको इस वायरस के साथ में जीना भी है तो साथ में इसकी कड़ी को तोड़ने का काम भी करना हैं। हमें अगर जिंदा रहना है तो हमको इन वायरस के कीटाणुओं से बचकर रहना है। इसके लिए अपने मुंह पर मास्क लगाना अति आवश्यक है ,क्योंकि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि मुंह पर मास्क नहीं होगा तो आपके नाक और मुंह के द्वारा यह संक्रमण आसानी से प्रवेश कर सकता है, अतः अपनी सुरक्षा हेतु एवं अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अपने को हर समय, जब भी घर से बाहर निकलें तो उस समय अपने मुंह पर मास्क लगाना अति आवश्यक है । जिससे किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर  छींकते समय या खांसी करते समय हमारा बचाव हो सकेगा।  अगर बिना मास्क हम गए तो कई वायरस अपने में प्रवेश कर पाएंगे ।अतः यदि मास्क पहना हुआ होगा तो हमारी सुरक्षा हो सकेगी और कीटाणु हमारे अंदर नहीं जाएंगे । इसलिए अब यह जीवन का हिस्सा बन गया है कि हमको जीना है तो हर वक्त मास्क पहनकर ही जीना  है । लगातार वायरस के संक्रमण का बढ़ना खतरनाक है , पूरा विश्व आज परेशान है। इसलिए सभी सावधानियां रखना हमें अति आवश्यक है । 
             यदि हम लापरवाही रखते हैं कि  ऐसा कुछ नहीं होने वाला तो यह बहुत बड़ी भूल होगी । कहने का मतलब यही है कि बिना मास्क के जीवन जीना असंभव है । अर्थात हमको जीना है तो मास्क पहनना अति आवश्यक है ।
आप बचोगे तो घर बचेगा
घर बचेगा तो शहर बचेगा
शहर बचेगा तो देश बचेगा
और देश से ही पूरा विश्व बच सकता है।
             अपने जीवन का हिस्सा मास्क को बनाना अति आवश्यक है । हर वक्त सावधानी रखना जरूरी है। जब भी बाहर निकलो तो मास्क होना अति आवश्यक है- 
" सबके जीवन का है यह टास्क 
  पहन के रखना है हर वक्त मास्क""
           आप स्वयं पहनें, अपने घर वालों को भी सलाह दें, अपने गांव,गली, मोहल्ले, और शहर वालों सभी लोगों को मास्क की उपयोगिता हेतु प्रेरित करें ताकि हम सभी का बचाव हो सके और इस महामारी से हमको लड़ने की प्रेरणा मिल सके।
            अंत में यही कहना चाहता हूं कि 'यह जिंदगी बड़ी अनमोल है, इससे हारना नहीं हैं बल्कि जीना जरूरी हैं। हम जब भी बाहर निकलें घर से तो मास्क पहनना जरूरी है।' इसलिए अब मास्क के बिना बिना कोरोना संक्रमण से बचना असम्भव है।
- छगनराज राव "दीप"
जोधपुर - राजस्थान
हमारे विचार से मास्क के  बिना कोरोना से बचना असम्भव है ।हम हर पल क्रिया करते हैं ,कोरोना का बैक्टिरिया किस वस्तु के साथ आ गया है इसकी हमें जानकारी नहीं होती ।हाथों से संक्रमण मुँह तक जाता है फिर पूरे शरीर में फैलता है ।चेहरे का मास्क मुँह और संक्रमण के बीच दीवार बन के खड़ा होता है ।कोरोना का वायरस श्वास के जरिए फैलता है ।मास्क से श्वास की नमी बाहर दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुँच पाती है ।कोरोना संक्रमण से  बचाव होता है । ऐसे तो सभी नियमों का पालन जरुरी है लेकिन चेहरे का मास्क बाकी नियमों के पालन की याद दिलाता रहता है ।शिव खेड़ा की पुस्तक के अनुसार " जीवन इतना छोटा है कि हम सारे अवुभव  अपने ही ऊपर नहीं कर सकते ।हमें समाज से मिले तजुर्बों  से भी फायदा उठाना चाहिए ।"
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी तरीकों को अपनाना ही बेहतर है । दुर्भाग्यवश कोरोना वायरस बिना मास्क के चेहरे पर लग सकता है अगर चेहरे पर मास्क लगा होगा तो कोरोना वायरस पर हमारे मुंह के द्वारा फेफड़ो त क पहुंचना आसान नहीं होगा ।
अगर हम बाहर हैं ऐसा भी नहीं है कि चेहरे पर मास्क लगा हो और हम कोरोना की संक्रमण से  बच जाएं मुंह पर मास्क लगाना तो जरूरी है ही परंतु मुंह से बार-बार मास्क ऊपर नीचे करना यह स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक है । मास्क  को कभी ऊपर नीचे नहीं करना चाहिए  तब ही कोरोना के संक्रमण से बच सकते हैं ।
अगर हम  बिना मास्क के घर से बाहर  निकले हुए हैं  यदि कि सी  ने खास या छींक दिया  हम उससे  कितनी दूर तक हट सकते हैं ? हमारे शरीर पर तो वायरस आकर चिपक ही जाएगा और  हाथ हमारे शरीर पर  लगकर  कभी भी चेहरे पर लग सकता है ।
हम कितना ही सोच ले  कि मुंह पर हाथ नहीं जाएगा , तो यह असंभव है क्योंकि कितनी बार तो हम फोन सुनते हैं हमारा हाथ फोन पर लगता है तथा  फोन का हिस्सा हमारे मुंह के आस-पास लग जाता है।
 यह सही है कि बिना मास्क के कोरोना संक्रमण से बचना कुछ हद तक असंभव ही  है ।
असंभव है मा स्क  के बिना भी ,हां अगर हम कहीं घर से बाहर ही न जाए केवल अपने घर में आइसोलेशन में ही रहे परंतु ऐसा हो नहीं सकता ।
 हमें कोरोना के साथ तो चलना ही पड़ेगा हमें आवश्यकता है कि प्रतिदिन  योग  अपनाए आयुष का  काढ़ा  आदि से अपने शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत कर करना   तभी हम संक्रमण से दूर रह सकते हैं ।
बिना मास्क  के कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है यदि हम सावधानीपूर्वक मास्क को चेहरे पर लगाएं तथा उसे बार-बार हाथों से ऊपर नीचे करने के लिए न छुए।
- रंजना हरित 
 बिजनौर - उत्तर प्रदेश
जानवर और इंसान में एक फर्क यह भी है कि बीमारियों के फैलने की स्थिति में अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित रहता है और यह ऐसा प्राणी है जो बिना जाने अपने हाथों से चेहरे को छूने के लिए जाना जाता है औरउसकी यही आदत कोविड -19जैसी महामारी को फैलाने में मदद कर रही है l 
         कोविड -19से जुडी सलाह में हाथों को साफ रखना और उनके धोने पर प्रमुख जोर दिया गया है l कोविड -19से संक्रमित व्यक्ति के मुँह से ड्रॉप्लेट्स दूसरों के चेहरों तक नहीं पहुँच सकें इसके लिए मास्क पहनना बचाव का एक सशक्त माध्यम हो सकता है l इससे हमें एक प्रकार का सुरक्षा कवच मिलता है l मास्क के बिना भी कोरोना संक्रमण से बचाव संभव है l 
1. दिन में चार पांच बार बीस सेकेण्ड तक हाथों को रगड़कर धोये l 
2. खाँसते छींकते समय टिसू पेपर का इस्तेमाल करें l 
3. अपने हाथों से अपना चेहरा न छुए l 
आज की चर्चा का विषय है कि क्या मास्क पहनने से बचाव संभव है इसका जवाब इतना आसान नहीं जितना हम सोच रहे हैं l जैसे बहुत से देश अमेरिका, बिट्रेन, सिंगापुर में लोगों को सलाह दी गई कि वह स्वस्थ्य है तो मास्क न पहनें, यह सलाह W. H. O. के आधार पर दी गई l W. H. O. ने नई गाइड लाइन में बताया कि
1.  जहाँ संक्रमण और भीड़भाड़ वाली जगह हो वहाँ मास्क अवश्य पहनें l 
2. सभी स्वस्थ्य लोग तीन परतों वाला फैब्रिक मास्क तथा जो संक्रमित है वह मेडिकल ग्रेड मास्क पहनें तथा मास्क पहनने से पहले अपने हाथों को 80% एल्कोहल से सेनिटाइज करें l ध्यान रखें मास्क और आपके चेहरे के मध्य कोई गेप न रहे l मास्क को पहनते समय बेल्ट का ही उपयोग करें उसे न छुए l मास्क उतारे तो उसे पीछे की तरफ से उतारे l उसके सामने की तरफ हाथ न लगायें और री यूज वाला मास्क तो उसे सेनेटाइज करें औरदूसरे दिन पहनें l उपयोग में लिए गये मास्क को ढक्क्न वाले कूड़ेदान में डालें l मास्क छींक या खांसी की बड़ी बूंदो को रोक सकते है अतः बचाव में इनकी कुछ उपयोगिता तो है ही l जहाँ संक्रमण ज्यादा है वहाँ के लिए सी. डी. सी. की सलाह है कि रंगीन चश्में तथा फेश फिल्ड की अतिरिक्त ऐतिहात बरतनी चाहिए l एशिया को छोड़ अन्य देशों में मास्क को लेकर दुविधा का माहौल है l वहाँ के अधिकारी, मीडिया यह कह रहे हैं कि मास्क लगाने से कोरोना से बचाव संभव नहीं है, इसके स्थान पर लोगों में हाथ धोने व सामाजिक दूरी बनाये रखने पर ध्यान देना चाहिए l अमेरिकी सर्जन जनरल जेरोमेडमये तो फ़रवरी में ट्वीट कर मास्क नहीं खरीदने की अपील कर दी  तथा  सी. डी. सी. सेंटर फॉर डिसिजकण्ट्रोल end प्रिवेंसनस के निदेशक वॉवर्ड वेनीफिड अमेरिकी सांसदों के प्रश्न पर स्पष्ट जवाब दिया कि मास्क नहीं पहनना चाहिए लेकिन बाद me उन्होंने कहा कि सी. डी. सी. अपने निर्देशों की समीक्षा कर रहा है तथा शीघ्र ही मास्क के उपयोग की सिफारिश कर सकता है l यूरोप और उत्तरी अमेरिका ये मास्क न लगाने से कोरोना का प्रसार तेज हुआ जिसे हांगकांग सहित एशियाई देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों को मास्क लगाने की सलाह दी कि वे चाहें संक्रमित हो या न हों मास्क लगायें l दक्षिण कोरिया और चीन में महामारी के समय संक्रमण कम करने में मास्क ने अहम भूमिका निभाई l  
        मेरी दृष्टि में मास्क वास्तव में न केवल कोरोना वायरस के खिलाफ अपितु इन्फ्लुएंजा वायरस के खिलाफ भी संरक्षण देने में मदद करते हैं l अतः सारांशतः हम कह सकते है की संक्रमण के बचाव के अन्य तरीकों के साथ मास्क की भी अहम भूमिका है l फैसला आपके स्व विवेक के अध्याधीन है l 
              चलते चलते ---
भ्रांतियाँ अफवाहों के मध्य आपका विवेक ही तय करे कि मास्क पहनें या नहीं --
जिंदगी जीने को यहाँ एक ख़्वाब मिलता है 
यहाँ हर  सवाल का छोटा जवाब मिलता है 
किसे समझे अपना किसे पराया
यहाँ हर चेहरे पर एक नक़ाब मिलता है l
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान

जहां तक इस विषय पर मेरा विचार है कि कोई भी चीज असंभव नहीं है संभावना हर जगह बनी रहती है मास्क का प्रयोग करना व्यक्तिगत सुरक्षा पारिवारिक सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा है अगर सभी व्यक्ति ऐसे विचार लेकर के आगे बढ़े मास्क के बिना ही घर के बाहर मार्केट में स्टेशन पर एयरपोर्ट पर मॉल में चले जाएं तो निश्चित है कोरोनावायरस इसी रूप में किसी को भी संक्रमित कर ही देगी
व्यक्ति मास्क लगाकर सिर्फ स्वयं को ही नहीं बचाता है बल्कि उसके इर्द-गिर्द रहने वाले सभी इंसान की सुरक्षा होती है चाहे वह परिवार हो घर हो या कोई भीड़भाड़ वाला इलाका हो एक कहावत है सावधानी हटी दुर्घटना घटी तो क्यों ना इंसान सावधानी काही हाथ थाम कर आगे बढ़े दुर्घटना घटने पर कितनी हानि होती है शारीरिक हानि मानसी हानि आर्थिक हानि  यह 3 मुश्किलों से बचा जा सकता है एक मास्क लगाने पर।
यह वायरस आंखों से दिखता नहीं है नहीं दिखने वाला सुख सुख जीव से मास्क लगाकर आसानी से बचा जा सकता है मास्को को बार-बार छूना भी नहीं है हर दिन मास्को सैनिटाइज करना है और दूसरा लगाना है जिससे संक्रमण की संभावना बिल्कुल नहीं रहे।
थोड़ी सी सावधानी बड़ी आफत से बच्चा देती है इसलिए यह सोचना भी नहीं है कि बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकले यह कड़ा से कड़ा नियम है पालन अवश्य किया जाए।
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
मेरे दृष्टि से मास्क एक मजबूत हथियार है कोरोनावायरस से बचने के लिए। इसको प्रयोग करने से संक्रमण होने की खतरा कम होता है। मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है।
WHO की मास्क संबंधी सरकार के पास एक गाइडलाइंस आया है।
1) जहां संक्रमण ज्यादा है वहां लोगों को हर हाल में मास्क प्रयोग करना है। भीड़ -भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
2) सभी स्वस्थ लोगों को तीन परतो वाला फैब्रिक मास्क पहनना चाहिए। जो लोग बीमार है वो मेडिकल ग्रेड का मास्क पहने।
3) जिन जगहों पर संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा है वहां सभी लोग मेडिकल ग्रेड का मास्क प्रयोग करें।
4) अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मरीजों और वहां मौजूद सभी लोग को मेडिकल ग्रेड का मास्क पहनना जरूरी है।
* कैसे पहने और इस्तेमाल करें*
मास्क पढ़ने से पहले आप  जरूर हाथ धोएं मास्क ऐसे पहने की मुंह और नाक पूरी तरह से ढके। कोशिश करें मास्क पहनने के समय उसका ऊपरी सतह ना छुएं।
इंसान की आदत है हर आधे-एक घंटे मे मुहँ-नाक-ऑख पर हाथ फैरने का इसे रोकने का काम करता है मास्क।
लेखक का विचार:-कोरोना
 संक्रमण से बचने के लिए
 "मोस्ट इफेक्टिव है।"मास्क मजबूत हथियार है कोरोना संक्रमण से बचने के लिए। अतः समय की पुकार है:- हर व्यक्ति को मास्क प्रयोग करना जरूरी है ताकि संक्रमण से बचा जा सके। आप सुरक्षित हैं तो देश सुरक्षित रहेगा।
- विजयेंद्र मोहन 
बोकारो - झारखण्ड
कोरोनावायरस से बचाव ‌हेतु मास्क या किसी अन्य तरीके से चेहरा , मुंह ढंक कर बहुत हद तक हम इस बीमारी से खुद का बचाव कर सकते हैं । वैसे तो कोरोनावायरस दूसरे तरीके से भी कभी_ कभार संक्रमित कर देता है । लेकिन मास्क लगाने के कारण आप अपना और दूसरों का भी भला करते हैं क्योंकि यह वायरस स्वांस के द्वारा लोगों में आता भी है और वातावरण या पास वाले व्यक्ति को जा भी सकता है । इसीलिए इसमें मास्क,और हाथों को धोते रहने से कुछ हद तक हम अपना भी और दूसरों का भी बचाव करते हैं इस बीमारी से।इसके अलावा जब तक अति आवश्यक ना हो लोग घरों में रहें और अगर बाहर जाएं भी तो सारे एहतियात बरतने की अति आवश्यकता है।आजकल लाॅक डाउन खुलने के बाद बहुत से लोग नियमों का उल्लघंन कर रहे हैं जो सही नहीं है और शायद इस कारण से भी आज-कल पहले से ज्यादा केसेज लगातार बढ़ते जा रहे हैं । लोगों में जागरूकता की कमी है अभी भी लोग इसकी भयावहता से अंजान और बे‌ _खौफ घूमते रहते हैं ।
- डॉ पूनम देवा
पटना -  बिहार
अगर बीमारी को पकड़ना होगा तो चाहे कितने ही मास्क लगा लो अंगोछा वगैरा बांध लो पकड़ेगा।
मास्क लोग एहतियातन लगा रहे हैं ताकि सुरक्षित रहें। मास्क की भी कई कैटेगरी है। एक लेयर,दो लेयर, तीन लेयर और पांच लेयर सबसे सुरक्षित तीन और पांच लेयर मास्क है। फैक्ट्रियों, शापिंग मॉल दुकान वगैरा में काम करने वाले कर्मचारी को एक या दो लेयर मास्क मिलता है जबकि मालिक तीन लेयर और पांच लेयर वाले इस्तेमाल करते हैं। सेनिटाइजर का तो भगवान मालिक है। बेईमान मालिक सिक्युरिटी गार्ड ससुरे सेनिटाइजर में भी पानी मिला देते हैं। दुनिया जाएं भांर में कुछ तो बचा लें। मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि मजदूर फौलाद के बने होते हैं।उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा अपनी चिंता करो रसूखदार मालिकों उसकी लाठी चलती है तब सभी मास्क और सेनिटाइजर यहीं धरे रह जाएंगे। अभी भी गरीब और लाचार लोगों को बिना मास्क के अथवा कोई सुरक्षा उपाय का उपयोग नहीं कर रहे हैं।वो अपना जान जोखिम में डाल रहे हैं। मास्क कोरोनावायरस से सुरक्षा के लिए बेहतरीन उपाय है। तथास्तु
- भुवनेश्वर चौरसिया "भुनेश"
गुड़गांव - हरियाणा
 आज के परिपेक्ष्य में हम देखे तो हम सभी जब कोरोना काल में जी रहे ,हैं ,तो मेरे नजरिए से मास्क लगाना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है |क्योंकि जैसे कि डॉक्टर बता रहे हैं कि सांस लेने में तकलीफ होना जुकाम, खांसी यह सारे लक्षण कोरोना के हैं जो सभी मुंह के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में है बहुत जल्दी लोगों तक पहुंच जाते हैं |इसलिए हमें मास्क पहनना बहुत जरूरी है |पहनने से हालांकि व्यक्ति को घुटन महसूस होती है |सांस लेने में तकलीफ होती है |परंतु अगर हमें कोरोना से या उसके संक्रमण से बचना है तो मास्क को अपनाना हीं पड़ेगा|
                  अगर हम मास्क पहनकर कहीं भी जा रहे हैं आ रहे हैं तो इंफेक्शन हमारे तक कम पहुंचेंगे और कोरोना से हमारा बचाव होगा मास्क पहनना जीवन का हम एक हिस्सा समझकर इसे अपनाएं |
तो शायद हम स्वयं का ही बचाव कर रहे हैं अगर कुछ चीजें जीवन को बचाने के लिए जरूरी है तो उसे हमें अपनाना चाहिए थोड़ा सा बदलाव तो जिंदगी में होगा लेकिन उस बदलाव के साथ जीने में वक्त तो लगता है |लेकिन  इसे अपनाकर शायद इस बीमारी से कुछ हद तक निजात पा सकते हैं |    
         हम सभी इसे अपना हम बीमारी से बचना चाहते हैं | बीमारी से बचने के लिए हमें मास्क का प्रयोग करना चाहिए उसके साथ ही संक्रमण के इस दौर में अगर इसे सरकार अनिवार्य करती है तो एक अच्छे नागरिक की भांति हमें इसे अपनाना चाहिए |
                मास्क के बिना मेरे हिसाब से संक्रमण जो फैल रहा है कुछ हद तक हम सभी इससे बच सकते हैं |यह हमारे जीवन शैली को परिवर्तित कर रहा है लेकिन शायद आप हम सभी को दि इसे अपनाकर एक  नवीन जागृति पैदा करनी है इस संक्रमण से हम किस प्रकार रोक सकते है |
                      जो हमारी सांसे हैं एक दूजे के निकट नहीं पहुंचा पाकर  कर हम इस संक्रमण को रोक सकते हैं |मेरी राय से इसे अपनाकर मास्क को जरूर पहनना चाहिए और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए मास्क के बिना कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है |
          - दीपा परिहार
           जोधपुर - राजस्थान
कोरोना संक्रमण में मास्क के उपयोग से कुछ हद तक बचा जा सकता हैं। बाकी तो स्वयं के विवेक पर निर्भर करता हैं कि इस संक्रमण काल मे हम भीड़ भाड़ वाले जगहों पर कम जाएं, सोशल डिस्टेंस का पालन, सफाई पर ध्यान और बेहद जरूरी हो तो बाहर निकले ।आते ही अपने दोनों हाथों को साबुन सेअछि तरह से धो ले। 
ये अवश्य ध्यान रखें अगर आप संक्रमित होंगे तो अपने परिवार को भी संक्रमित कर देंगे। इसलिए खुद का और अपने परिवार की रक्षा स्वयं करें। जान है तो जहान हैं।
   - प्रेमलता सिंह
पटना -  बिहार
कोरोना संक्रमण से बचने के अनेक उपायों में से एक महत्वपूर्ण उपाय है मास्क पहनना। जैसा कि हम सब अभी जान चुके हैं कि घरों में रह कर इसकी चेन को तोड़ना जरूरी है ताकि यह फैले नहीं। हाथों की सफाई सबसे अधिक जरूरी है क्यों कि कोरोना संक्रमित किसी वस्तु या व्यक्ति को छूने से यह तुरंत फैलता है और वही हाथ जब मुंह,नाक और आँखो पर लगाते हैं तो यह शरीर के अंदर प्रवेश हो कर अपनी जड़ें फैलाने लगता है। इसलिए मास्क पहनना जरूरी है ताकि हमारे हाथों द्वारा संक्रमण भीतर न पंहुच पाए। इसके अलावा यदि सामने वाला व्यक्ति छींके या खाँसे तो उसके अंदर की वायु और छींटों का असर हमारे मुंह,नाक और आंखों तक न पहुंच पाए। जब तक इसकी कोई दवा और वेक्सिन नहीं आ जाती तब तक इससे बचने के सभी उपायों का पालन करना चाहिए। मास्क पहनने से कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है
- डॉ सुरिन्दर कौर नीलम
राँची - झारखंड
   जैसा कि हम सब को पता है कि कोरोना एक संक्रामक महामारी है। यह चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया मे फैला है।कोरोना पूरे विश्व को अपने चपेट मे घेर लिया है। इस रोग से लाखों की संख्या मे लोगों की मृत्यु हो गई है। कोरोना बीमारी से भारत अछूता नही है। इस बीमारी के कारण भारत विश्व मे चौथे स्थान पर है।
         कोरोना से निजात पाने के लिए अभी तक कोई ठोस दवा या वैक्सीन नही बना है। हाँ , इतना जरूर है कि इससे बचने के लिए कुछ तरीके बताए गए हैं जैसे - हाथ 20 सेकेंड तक साबुन से धोना ,सोशल डिसटेन्सिग मेनटेन करना, ग्लोव्स पहनना, मुँह पर मास्क लगाना, सैनिटाइजर का प्रयोग करना ।
      लेकिन सारे उपायों मे से मुँह पर मास्क लगाना सबसे अधिक कारगर है। बिना मास्क के कोरोना संक्रमण से बचना असंभव है क्योंकि कोरोना मुँह के लार ,आँख और नाक के म्यूकस से ही फैलता है। इस लिए मुँह, नाक और आँख को छुना बिलकुल मना है। सबसे बढ़िया होगा कि चेहरे को हाथ से नही छूआ जाय। कोरोना से बचने का सबसे कारगर उपाय मुँह पर मास्क लगाना है। सोशल डिसटेन्सिग और 20सेकेण्ड तक साबुन से हाथ धोना  कोरोना के बचाव मे अहम् भूमिका निभाता है।
- रंजना सिंह
पटना - बिहार
मास्क को कोरोना काल ने चर्चित कर दिया है। इस अभियान के तहत उसने रोजगार के नए आयाम दिए हैं । बिक्री और निर्माण दोनों का बाजार गर्म है । आगे भी उम्मीद की किरण जाग उठी है। प्रश्न यह है कि यह कितनी कारगार है और कितनी सुरक्षा प्रदान करता है?
पहले इसकी उपयोगिता पर नजर डालें तो  यह अपने मुँह को ढक कर दूसरे को संक्रमण से बचाता है साथ ही दूसरे का संक्रमण हम तक नहीं पहुंचने देता। लेकिन दूरी बना कर रहना भी तो एक उपाय है। 
 कोरोना संक्रमण  से  बचने के लिए मास्क   एक तरीका हो सकता है। लेकिन पूरी तरह बचाव नहीं। दवा तो अभी निकली नहीं है , इसलिए सावधानी खुद में रखने से भी कोरोना से बचा जा सकता है। सफाई व अन्य चीजों को नहीं छूना भी बचने के तरीके हैं।
- संगीता गोविल
पटाना - बिहार

" मेरी दृष्टि में "  मास्क प्रारंभिक उपाय है । जिससे वायरस के फैलने से रोका जा सकता है । इसलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सबसे बड़ा उपाय भी कहाँ जाता है । सरकार भी इसको सख्ती से लागू कर रही है ।मास्क अहम उपाय है ।
                                               - बीजेन्द्र जैमिनी
सम्मान पत्र 




Comments

  1. विश्व में फैली कोरोना वायरस की महामारी के बचाव हेतु आप ने मास्क की अनिवार्यता हेतु चर्चा करने के लिए सबको विषय दिया। और सबने अपने अपने विचारों से इसकी उपयोगिता के बारे में लिखा है, जिससे दुनिया भर के लोग पढ़कर अनुसरण करेंगे। अतः आपको इस मुहिम के लिए साधुवाद।

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  2. आज का विषय सभी के लिए जानकारी देने वाला व सभी के काम आने वाला है|मास्क हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है इसे अपनाकर हम कोरोना के संक्रमण से बचाव कर सकते है|
    कभी कभी कुछ नयापन अखरता है पर अपने को बचाने के लिए हमे नयापन अपनाना चाहिए|
    स्वस्थ्य रहे|मस्त रहे|बाहर जाये तो मास्क जरुर पहने |
    दीपा परिहार
    जोधपुर

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