साप्ताहिक कार्यक्रम : विधार्थी जीवन

जैमिनी अकादमी द्वारा साप्ताहिक कार्यक्रम में इस बार " विधार्थी जीवन  " पर कविता का कार्यक्रम रखा है । जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के कवियों ने भाग लिया है । विषय अनुकूल कविता के कवियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है । इस बार सम्मान पानीपत के जाने माने " कवि कृष्णदत्त तूफान पानीपती " के नाम पर रखा गया है । सम्मान के साथ कविता का भी आनन्द ले : -

विधार्थी जीवन
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एक 
तपस्या है
विधार्धी
जीवन
संयम से
जीने की 
अवस्था है
और देश के
बेहतर 
नागरिक
निर्माण 
की प्रावस्था
जो कर सकें
देश के लिए
बेहतर
योगदान
दें सके अपना
बलिदान 
भी 
समय आने पर
बन सकें
मजबूत
स्तम्भ भारतीय
संस्कृति के
आधार

- डा. प्रमोद शर्मा प्रेम 
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
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विधार्थी जीवन
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नई उमंग 
नई तंरग
नव चेतना
नव सर्जन को
व्याकुल मन
विधार्थी का 
कुछ एसा जीवन।
नई उड़ान
नई मंजिल
नव खवाबों का
नव संसार
विधार्थी का
कुछ एसा जीवन।
नई सोच 
नई उर्जा
नव निर्माण
नव क्रांती
विधार्थी का
कुछ एसा जीवन।
नई उम्र 
नई लगन
नव संयम
नव संचार
विधार्थी का
कुछ एसा जीवन।
नई डगर
नई तपस्या
नव आकाश
नव अवस्था 
विधार्थी का
कुछ एसा जीवन

- कुन्दन पाटिल 
देवास - मध्य प्रदेश
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सुबह पाठशाला चलो
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पाठशाला चलो पाठशाला चलो 
हो गई सुबह पाठशाला चलो
पाठशाला पढ़ने से बने स्याने
बनाओ ना तुम कोई बहाने
बन ठन के पहनो वर्दी, उठाओ बस्ता
नापो अपने पाठशाला  का रस्ता
पाठशाला चलो पाठशाला चलो
हो गई सुबह पाठशाला चलो
सीखने हैं काम हज़ार
बनाने हैं नए तकनीकी ओजार
क्षमता बढ़ा के सुखी करो संसार 
विद्यार्थी जीवन ना मिले बार बार
सीख के गुरुजन से करो नए अविष्कार
करो नाम रोशन बनो अवतार
सीखने में ही है शक्ति
विद्यार्थी जीवन सबसे बड़ी भक्ति
पाठशाला चलो पाठशाला चलो 
हो गई सुबह पाठशाला चलो.........

- मोनिका सिंह
डलहौजी - हिमाचल प्रदेश
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विद्यार्थी जीवन है ये 
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सबसे अच्छा आँगन है ये 
विद्यार्थी      जीवन है   ये 

काम हमारा केवल पढना 
और जीवन में आगेबढ़ना 

कल के हम ही चाँद -सितारे 
बनेंगे संबल     और सहारे 

अपना जीवन सादा    जीवन 
करते हैं हम नव -नव सृजन 

अल्पहारी  हैं हम सब   बच्चे 
मन के भोले   तन   के सच्चे 

अगर और   जो पढ़     पाएंगे 
सबको उन्नत    कर     पाएंगे 

- डा. जियाउर रहमान जाफरी 
गया - बिहार
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विद्यार्थी जीवन
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जीवन की नींव है विद्यार्थी जीवन
नीव की मजबूती मेहनत और परिश्रम

अर्जुन की भांति लक्ष्य बनाना
लक्ष्य पाने हेतु अटल विश्वास होना

अनेकों भटकाव विरक्ति
मनचले का रास्ते में मिलना

फिर भी शांत एकाग्र चित्त होकर
लक्ष्य पर निगाह रखना

समय अध्ययन का नियोजन कर
लक्ष्य पाने की अटल निर्णय रखना

आंधी तूफान अनेकों विघ्न मिलते जाएंगे
नहीं घबराना यह सब समय गुजर जाएगा

विद्यार्थी जीवन की एक सफलता
जीवन भर चार चांद लगा देती

- कुमकुम वेद सेन 
मुम्बई - महाराष्ट्र
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विद्यार्थी
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बहुत कठिन विद्यार्थी जीवन,
सोना, पीना, खाना हो हराम,
पास अव्वल नंबर पर आना,
पढऩा लिखना होता है काम।

भागदौड़ कर वो नहा पाता,
स्कूल देरी मन  दर्द सताता,
हँसी खुशी मिले सब गायब,
मन के सपने वो रोज सजाता।

मां बाप का दाब सदा मिले,
मन की कलियां नहीं खिले,
कहना चाहे कह नहीं पाता,
उसके होठ बस मिले सिले।

फेल हो जाये  जीना हराम,
दर्द में डूबे जाएगी वो शाम 
किसे कहे क्या  देगा पैगाम,
हो जाता कभी नाम बदनाम।

पास होता प्रसन्नता मिलती,
नौकरी की  चाहत  खिलती,
कभी  मिले  नहीं  उसे नाम,
विद्यार्थी को  काम ही काम।।

- होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ - हरियाणा
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         विद्यार्थी जीवन
         ************

मानव जीवन के क्रम में
विद्यार्थी जीवन भाता है।
विद्या को अर्जित कर वह
जीवन सफल बनाता है।

यह जीवन ही संस्कार के
पाठ सिखाया करता है। 
तब जाकर वह धरती पर 
कर्तव्य निभाया करता है। 

विद्या की संजीवनी पाकर 
जीवन को उत्कर्ष मिले। 
विद्यार्थी जीवन से आगे 
मानव को अति हर्ष मिले। 

- गजेंद्र कुमार घोगरे 
वाशिम - महाराष्ट्र
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विद्यार्थी जीवन
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सुबह 08 बजे टीयूशन जाना
उसके बाद
10 बजे विद्यालय जाना।
लेट हो जाने पर 
गुरुजी जी के हाथों
मार खाना।
कक्षा में गुरु जी के
आते ही
खड़े हो जाना।
नमस्ते बोलकर
आभार जताना।
फिर पढ़ाई में ध्यान लगाना।
आधी छुट्टी में 
पेड़ के  नीचे बैठकर
दोस्तो के साथ
रोटी चटनी खाना।
शाम को छुट्टी होते ही
तेजी से कक्षा से बाहर आना।
घर मे आकर फिर खाना
शाम को  दोस्तो के संग
खेलने जाना।
इसके बाद 
माता पिता के साथ बैठकर
रात का भोजन करना
फिर सो जाना
यही विद्यार्थी जीवन है।

- राम नारायण साहू "राज"
रायपुर - छत्तीसगढ़
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विद्यार्थी जीवन 
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विद्यार्थी   जीवन  तपसी  सा
तपना  पड़ता   है  दिन  रात। 
बिनातपे कोई सफल न होता
पक्की  है  मानो   यह   बात।। 

काग सदृश चेष्टा हो जिसकी,
 बगुले  सम  नित  ध्यान रहे।
मात पिता गुरु चरणों में नित, 
सादर  नम जिसका बान रहे। 

जिसकी निद्रा श्वान समान हो,
लेता  हो   बस  अल्प अहार।
सदन त्याग जो  बाहर  रहता,
पाता विद्याका असीमउपहार। 

विद्यार्थी  का   मतलब  होता, 
जो  विद्या  का  सम्मान  करे।
मानवीय मूल्यों  को अपनावै
अपनी संस्कृति का मान करे।

साक्षरता अरु शिक्षा का जो, 
अन्तर   ठीक   समझता  है।
सही मायने  में वही विद्यार्थी
सद्गुण का साधक  बनता है।

जो विद्यार्थी पढ़ लिखकर भी,
सदाचार   वाहक  ना  होता। 
उसकी  विद्या  व्यर्थ है  मानो,
व्यर्थ समय वह अपना खोता।।


 - महेन्द्र सिंह राज 
चन्दौली - उत्तर प्रदेश
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विद्यार्थी हेतू सफलता के मंत्र
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सफल जो होना इस जीवन में, मूल मंत्र हैं चार।
हरदम रखना याद इन्हें औ बढ़ना आगे यार।।

पहला मंत्र ज्ञान का प्यारे, इतना रखना याद।
बिना ज्ञान तो शून्य जगत है, है ये निर्विवाद।।

अच्छा बोलो प्यारा बोलो, यही मंत्र है दूजा।
खुद तू भी ये समझ ले प्यारे, औरों को भी समझा।।

कर मेहनत तू इतनी प्यारे, हो कर्मों में लीन।
फल चखेगा मधुर औ मीठे,मंत्र यही है तीन।।

बिना धैर्य के काम हो कोई, सफ़ल कभी न होता।
याद इसे भी रखना प्यारे, मंत्र यही है चौथा।।

- प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़
गोधरा - गुजरात
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विद्यार्थी जीवन
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न पैसे की चिंता न फिक्र न कोई डर
बहुत आसान लगती है तब ज़िन्दगी की डगर
खाना खेलना मौज मस्ती करना नहीं कोई काम
बहुत कठिन हो जाती है राह चूक हो जाये थोड़ी अगर
पहले सब स्कूल पैदल ही आते जाते थे
रोटी के भी लाले थे रूखी सुखी खाते थे
बिजली की कोई व्यवस्था नहीं होती थी पढ़ने के लिए
लालटेन व दीपक की रोशनी से ही काम चलाते थे
फटे कपड़े होते थे नंगे पांव स्कूल जाते थे
स्कूल से लौट कर घर का सारा काम करवाते थे
खेलने के लिए कंचे,गुली डंडा,पत्थर मिट्टी होते थे
इन्हीं से खेलते खेलते बच्चे जवान हो जाते थे
उर्दू की क्लास नहीं भूलता वो दहशत का माहौल
गुरु जी के आते ही सबके हलक सूख जाना
प्रश्न पूछना न आना और गुरुजी का सबको मुर्गा बनाना
पीछे से ज़ोर ज़ोर से दस दस बेंत टकाना
आज बच्चे पैदल नहीं चलते गाड़ियों में स्कूल जाते हैं
खुद जेब में हाथ डालते हैं बस्ता मां बाप से उठवाते हैं
प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं अंग्रेज़ी में बात करते हैं
मातृभाषा हिंदी में बात करने से कतराते हैं
आज विद्यार्थी का जीवन हैं बहुत आसान
माता पिता पूरे कर देते है उसके सभी अरमान
चूक हो रही माता पिता से कहीं
जो दे नहीं पाते आज उसकी तरफ ध्यान
संस्कार भूल बैठे बच्चे जो थी भारत की शान
गुरुओं व बड़ों की न कोई इज़्ज़त न सम्मान
नशे की लत में लिपटी है आज हमारी युवा शक्ति
कैसे बनेगा मेरा यह भारत महान

- रवींद्र कुमार शर्मा
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
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समाप्त नहीं होता 
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जन्म लेते ही 
सीखना आरंभ हो जाता है 
जो जीवन भर चलता है 
जीवन की पाठशाला में 
लिया प्रवेश कभी 
निरस्त नहीं होता,
विद्यालय/महाविद्यालय की पढ़ाई तो 
एक समय पर 
पूर्ण हो जाती है 
पर जीवन की पाठशाला 
सदा खुली रहती है 
सदा चलती रहती है 
जीवन भर 
विद्यार्थी बने रहने का 
सुख/आनंद मिलता है,
तभी तो 
जन्म लेने के साथ 
आरम्भ हुआ विद्यार्थी जीवन 
मरते दम तक 
समाप्त नहीं होता।

- डॉ. भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखंड
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विद्यार्थी
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विद्यार्थी ज्ञान-पिपासु बनकर
रतजगा करते अति दुख सहते
कुछ बनना है बड़ा होकर
ये सीख हमेशा याद रखते

प्रतिदिन प्रातः उठकर पढ़ते
श्रम से तनिक नहीं कतराते
संकल्प व पुरुषार्थ से अपने
ज्ञानका विपुल भंडारण करते

वे ज्ञान-ध्यान का साधनकर
विद्या-बुद्धि में पारंगत बनते
सम्यक निष्ठा सम्यक बिधि से
दुर्लभ विद्या अर्जित करते

खामोशी से नितकर्म पूर्ण कर
महापुरुषों के जीवनवृत्त पढ़ते
स्वाध्याय में ही मस्त रह कर
इरादों में जीत की गूँज रखते

अहर्ता अपनी विकसित कर
विद्या का चिंतन-मनन करते
हौंसलों को नयी उड़ान देकर
आसमां छूने की जिद्द करते

निदिध्यास से तर्क-शक्ति बढ़ती
दुर्गुणों का होता है वर्जन
होते रहते सद्गुण विकसित
विकारों का होता समूल दमन

एकाग्र-शक्ति विकसित कर
विद्वान तथा पंडित बनते
विद्या के बल विश्वास से भर
सहज सफलता अर्जित करते

जो अतिकठोर तप-साधन कर
विद्या-विवेक अर्जन करते
उस छात्र-धर्म को है नमन
उन तपसी छात्रों का है वंदन
              -  ब्रजेश नंदन
                  नागपुर - महाराष्ट्र
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सफल हर विद्यार्थी
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विद्यार्थी  जीवन में, आलस प्रमाद का तो,
किसी भी तरह नहीं,कभी नाम चाहिए।
दिनचर्या नियमित, जरुरत हो सीमित,
नियम अनुसार ही,सही काम चाहिए।
नियमित खान-पान, नियमित ईश ध्यान
पठन पाठन नित ,भोर शाम चाहिए।
जीवन हो संतुलित,चाहे सबका ही हित
सफल हर विद्यार्थी, मेरे राम चाहिए।।

- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
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विद्यार्थी जीवन
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विद्यार्थी जीवन है कठिन डगर, 
जीवन का स्वर्णिम काल है मगर, 
विद्यार्थी जीवन पर ही निर्धारित, 
होती जीवन दशा परिभाषित, 
इस समय परीक्षा में खरा उतरकर। 
विद्यार्थी तब श्रेष्ठ बनता निखरकर।। 

कोरे कागज पर कलम चलाकर, 
अक्षर-अक्षर से ज्ञान सजाकर, 
माँ सरस्वती की कर आराधना, 
धैर्य और निष्ठा से कर साधना, 
चलता जब नित-नित पठन पथ पर।
विद्यार्थी तब श्रेष्ठ बनता निखरकर।। 

जिन्दगी जिसकी हो तपस्वी सी,
चाह नहीं जिसे भौतिक सुखों की, 
पूँजी जिसकी मेहनत है सदा, 
स्वभाव विनम्र, कर्मठ रहे सदा, 
शिक्षा का रहे आँचल पकड़कर।
विद्यार्थी तब श्रेष्ठ बनता निखरकर।।

मिट्टी की अनगढ़ मूरत होता है, 
विद्यार्थी अज्ञानी सूरत होता है, 
गुरुजनों का सम्मान करे वह, 
विद्या को देवी सा मान दे वह, 
शिक्षा को माने स्वयं से बढ़कर। 
विद्यार्थी तब श्रेष्ठ बनता निखरकर।। 

अरुण बेला जिसे सुहाती हो, 
श्वान समान नींद जिसे आती हो, 
सात्विक आहार जिसे प्यारा लगे, 
अभ्यास रीति पर जो सदा चला करे 
भूषण समान कर्म अग्नि में तपकर। 
विद्यार्थी तब श्रेष्ठ बनता निखरकर।। 

नदी की कल-कल सा बहता रहे, 
आये पठन में कष्ट तो सहता रहे, 
दृढ़ता हो जिसकी शिखर समान, 
सफलता छुए चरण वह बने महान, 
चरैवति के सिद्धांत से रहे जुड़कर। 
विद्यार्थी तब श्रेष्ठ बनता निखरकर।।

लक्ष्य साधकर जो मेहनत से, 
स्वप्न अपने साकार करता है, 
हौसलों की नींव पर खड़े होकर, 
विद्यार्थी जीवन सार्थक करता है, 
मन-वचन-कर्म के भावों से बँधकर। 
विद्यार्थी तब श्रेष्ठ बनता निखरकर।। 

- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड
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विद्यार्थी जीवन 
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विद्यार्थी जीवन बहुत अनमोल 
आंका ना जा सके इसका मोल

          मौज मस्ती अठखेलियां की उम्र 
          जोश के साथ गर होश रखें, जाए संवर 

जो इस समय को संभाल लेगा
खुशियों की झोलियाँ  भर लेगा

         नई उमंगें, नई तरंगें हिलोरें लेती
         नव चेतना हर पल सपने संजोती

इस अवस्था के बहुत गहरे रंग 
ताउम्र रहते हमारे संग संग

        जिंदगी में वो कुछ न कर पाता
          समय को जो व्यर्थ है गंवाता 

फूंक फूंक कर कदम जो रखते
जीवन में ऊंची उड़ान वो भरते

        पल पल को सृजना में लगाओ
        मन चाहे सपनों को तुम पाओ

विद्यार्थी जीवन बहुत अनमोल 
आंका न जा सके इसका मोल

- कैलाश ठाकुर 
नंगल टाउनशिप - पंजाब
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विद्यार्थी जीवन
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रंगबिरंगा जरा सा अटपटा,
होता है विद्यार्थी जीवन ,
बिन मोजे जूते ,
बिन स्त्री पैंट,
बिन पैसे रहना,
दोस्त की हर चीज को,
हक से अपना मानना,
ऐसा ही तो होता है,
सबका विद्यार्थी जीवन,
ना टीस बहुत देर की,
ना ही रीस लंबे समय की,
पड़ोसी का फल अपना,
बगीचा मैदान अपना ,
ऊंचे महल से भवन सपना अपना,
बिन भूख खा लेना ,
भूख में कुछ न मिलना ,
पानी पीकर सो जाना,
पानी न होने का बहाना कर,
पूरे सप्ताह तक स्नान न करना ,
उसके दोस्त को अपना बताना,
या दूसरे की दोस्त से,
दिल लगा लेना ,
सब विद्यार्थी जीवन में ही तो होता है,
परीक्षाओं से पहले रात रात भर जागना,
पूरे साल केवल सोते रहना ,
स्कूल में सीधा बनना,
कॉलेज में क्लास गुल करना,
फिर नौकरी का हर फॉर्म भरना ,
हो गया तो ठीक ,
वरना फिर फॉर्म भरते रहना,
निमंत्रण किसी का भी हो,
बिन बुलाए पहुंच जाना,
कुछ हामी भटकाव देती है,
विद्यार्थी जीवन बड़ा अनमोल झेल गए तो कॉलेज और दाखिला,
ये विद्यार्थी जीवन बड़ा निराला।

- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड
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विद्यार्थी जीवन 
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जीवन की होती चार अवस्थाएं,
विद्यार्थी जीवन है श्रेष्ठ उनमें, 
गीली मिट्टी सा होता मस्तिष्क बचपन में, 
विद्या अर्जन से गढ़ा जाता सुंदर सुखद भविष्य उसमें,
एक साधारण विद्यार्थी बन जाता है श्रेष्ठ उससे, 
यही है विद्यार्थी जीवन का रहस्य, 
विद्यार्थी कौए की तरह करता यदि चेष्टा, 
बगुले की तरह दृष्टि लगा करता है ध्यान, 
कुत्ते की सी नींद सोता हो, 
मित भोजन करता हो अगर,   
चंचलता  का कर दिया हो त्याग,
वही  सुपात्र बन जाता है विद्या अर्जन का, 
जीवन श्रेष्ठ तैयार होता विद्यार्थी का,
इसी काल में,
और होता जाता है अग्रसर,
नित जीवन के पथ पर, 
सही मायनों में हर व्यक्ति रहता, विद्यार्थी,
उसके संपूर्ण जीवन में, 
सीखता नित्य नूतन,खट्टे-मीठे अनुभवों से,
होता जाता भविष्य उज्जवल।

- प्रज्ञा गुप्ता
बाँसवाड़ा - राजस्थान
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विधार्थी जीवन
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जीवन का है वो सुनहरा पल,
 बनाये विद्यार्थी का सुंदर कल।
 है यह जीवन का नींव आधार, 
बनाता है सुंदर भविष्य सफल।

 जिसने किया मेहनत इस पल,
 जीवन में पाया वो मीठा फल।
 बना उनका सर्वदा सुखी संसार,
 निकाल लेते हर समस्या का हल।

 सुनहरे भविष्य का है आधार,
 जीवन को देता नया आकार।
  ज्ञान,बुद्धि से परिपक्व बनाकर,
 खुशहाल बनाता सबका संसार।

लग्न,तप,साधना, कठोर परिश्रम,
विद्या पाने में लगाया जो तन-मन।
छुआ वह ऊंचाई और बुलंदियों को,
सफल सार्थक हुआ उसका हर स्वप्न।

               - सुनीता रानी राठौर
             ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
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