मिल्खा सिंह स्मृति सम्मान - 2025
जिंदगी के सफर की बात की जाए तो जिंदगी का हर पल कीमती है मगर हम इसे गहराई से नहीं समझते क्योंकि जो पल गुजर जाता है वो पल दोबारा वापिस नहीं आता मगर बीते हुए पल की याद हमारे दिमाग में तरो ताजा रहती है कि कल हमने क्या सही किया क्या गलत मगर फिर भी हम बीते हुए कल से सीख नहीं लेते ताकि हमारा आने वाला कल बेहतर हो तो आईये आज इसी पर चर्चा करते हैं कि बिता हुआ कल हमारे दिमाग में होता है और आने वाला कल हमारे हाथ में , मेरा मानना है कि बीता हुआ कल इतिहास है जो हमें अपनी गलतियों से सिखने का अवसर देता है जबकि आने वाला कल एक रहस्य है जो हमारे आज के कर्मों पर निर्भर करता है,यह सच है कि बीते हुए कल को हम बदल नहीं सकते लेकिन उससे सीख लेकर आज को बेहतर बना कर आने वाले कल को और बेहतर बना सकते हैं क्योंकि आने वाला कल हमारे आज पर निर्भर करता है कहने का भाव वर्तमान ही एकमात्र नियंत्रण है कल को बेहतर करने का इसलिए हमें आज पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए बीता हुआ कल तो सीखने का स्रोत होता है इसलिए आने वाला कल इस बात पर निर्भर करता है की हम आज क्या करते हैं,अगर हम अपने आज को बेहतर बना लें तो हमारा आने वाला कल उज्ज्वल होगा ,क्योंकि बीता हुआ कल इतिहास है और आने वाला कल रहस्य और आज ही सबसे महत्वपूर्ण है, यह सच है की बीता हुआ कल हमें भूलता नहीं और आने वाले कल हमारे हाथ में होता है बशर्ते की हम वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें तो बीता हुआ कल अनुभव बन जायेगा जिससे आने वाले कल के लिए नए अवसर पाने की संभावना जन्म लेगी जिससे हमें आज के कर्मों को मजबूत करना पडेगा क्योंकि बीते हुए कल की प्रेरणा वर्तमान की नींब बनती है जिससे आने वाले कल की शुरूआत होती है और आने वाला कल हमें उज्वल दिखता है,अन्त में यही कहुंगा की जीवन की कुंजी वर्तमान में जीने में है इसलिए हमें अपने आज को पूरी तरह से उज्ज्वल बनाने में भलाई है कि हमारा आने वाला कल और भी शानदार दिखे क्योंकि आने वाला कल हमारे वर्तमान पर निर्भर है कहने का मतलब हमारे हाथ में है तभी तो कहा है,आज जो तकलीफ है वही आने वाले कल का सुकून है।
- डॉ सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू व कश्मीर
बीते हुए कल जिस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं, जिसे हम चाह कर भी नहीं बदल सकते वह केवल हमारी सोच, हमारे दिमाग़ में रहता है। उसके बारे में अधिक सोचने से वह केवल हमारी ऊर्जा नष्ट करता है अथवा पश्चताप का कारण बन सकता है । तभी तो कहा गया है, बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध ले, अर्थात जो बीत गया उसे भूल कर आगे अर्थात भविष्य की सुध लो। आने वाला कल पूर्णतः हमारे हाथ में होता है। हाँ वर्तमान से भविष्य का सर्जन कर सकते हैं ।भूतकाल से सीख कर सुखद भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।अतः हमारा पूरा ध्यान वर्तमान में केंद्रित होना चाहिए। भविष्य अपने आप सुखद वह सफ़ल हो जाएगा।
- रेनू चौहान
नई दिल्ली
बीता हुआ कल तुम्हारे दिमाग में होता है और आने वाला कल आपके हाथ में होता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि जो बीत गया, सो बीत गया। बीते हुए कल, जो भूत हो गया है।जो कहने में ही भूत है! दिमाग में तो रहेगा ही। लेकिन उससे भयभीत नहीं होना चाहिए। उसमें निहित बुरी यादें और सुकून देने वाली जो यादें हैं। उनसे चिपके रहना कहीं भी न्याय संगत नहीं है। भूत से केवल आप सबक सीख सकते हैं कि जो विगत में की हुई गलतियां हैं। उनको आज दोहराने के लिए वह मना करता है। इसी से आपका कल सुरक्षित होता है और वर्तमान आनंददायक बनता है। वैसे वर्तमान ही सब कुछ है या यूं कहें कि जीवन का आनंद वर्तमान में ही है। भविष्य तो एक रहस्य है। उसके गर्भ में क्या छिपा है, मालूम नहीं। केवल सोच करके आशावादी बनकर के एक सुख की अनुभूति कर सकते हैं। इसलिए कह सकते हैं कि बीते हुए कल से शिक्षा (सबक) लेते हुए आने वाले कल को वर्तमान में एक व्यावहारिक रूप देकर करके सुरक्षित बना सकते हैं। इसलिए कह सकते हैं कि आने वाला कल तुम्हारे हाथ में है।
- डॉ रवीन्द्र कुमार ठाकुर
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
यह बात बिल्कुल सच्ची है कि बीता हुआ कल दिमाग में होता है क्योंकि हम उसे भुला नहीं पाते हैं, जबकि बीता हुआ कल या तो कुछ अच्छा दे जाता है, वरना सबक तो दे ही जाता है. इसलिए बीते हुए कल का शुकराना करना चाहिए या सबक को याद रखना चाहिए. बीता हुआ कल एक सपना है. इसी तरह आने वाला कल हमारे हाथ में होता है. हम जिस तरह का लक्ष्य निर्धारित करेंगे, जिस तरह की योजना बनाएंगे, जिस तरह का काम करेंगे. उसी के हिसाब से हमारा कल बनेगा. भले ही आने वाला कल कल्पना है, पर हमारे हाथ में होता है. इसलिए बीता हुआ कल सपना समझ कर भुला देना चाहिए, उससे सबक सीखना चाहिए, आने वाले कल की भलीभांति तैयारी करनी चाहिए.
- लीला तिवानी
सम्प्रति - ऑस्ट्रेलिया
बीता हुआ कल हमारे मस्तिष्क में अनुभवों और स्मृतियों के रूप में संचित रहता है, जबकि आगामी कल हमारे निर्णयों, प्रयासों और कर्मों के माध्यम से आकार लेता है। इस पर मेरी सकारात्मक राय यह है कि अतीत मात्र यादों का संग्रह नहीं है, बल्कि वह जीवन की दिशा निर्धारित करने वाला एक मूल्यवान पाठ है। क्योंकि बीते हुए अनुभव चाहे सुखद हों या दुःखद परन्तु प्रत्येक अनुभव हमें सीख, चेतना और समझ प्रदान करता है जिनसे हम असफलताओं को सफलताओं में परिवर्तित कर सकते हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि जो लोग यह कहते हैं कि बीते हुए दुख, असफलताएँ या कठिनाइयाँ भूलकर ही भविष्य को सुखमय बनाया जा सकता है, वे जीवन की गहन सच्चाइयों और सुधार की प्रक्रिया को नहीं समझते। उदाहरणार्थ वास्तविक जीवन में स्थायी और न्यायपूर्ण प्रगति वही लोग कर सकते हैं, जो अतीत से मिली सीखों को आत्मसात करके आगामी कल को संवारने के लिए अथक परिश्रम करने का प्रयास करते हैं। इस दृष्टि से कहा जा सकता है कि अतीत का मूल्यांकन और उससे प्राप्त शिक्षा ही भविष्य की नींव है, और वही हमें सही, संतुलित और सार्थक जीवन की ओर अग्रसर करती है।
- डॉ. इंदु भूषण बाली
ज्यौड़ियॉं (जम्मू) - जम्मू और कश्मीर
बीता हुआ कल तुम्हारे दिमाग में होता है, आने वाला कल तुम्हारे हाथ में होता है.... हम कहते हैं ना...जो बीत गई सो बात गई,अब वह तुम्हारी सोच में भले हो किंतु लौट कर तो नहीं आएगा तो आगे की सोचो.... इसका मतलब है यदि हम आज अच्छे कर्म करते हैं तो आने वाला कल सुखद ही होगा, और यदि बीते हुए कल में हमसे कुछ अनुचित हुआ है अर्थाथ गलती हुई है तो उसे हमें अपना अनुभव समझ आने वाले कल को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। चूंकि बीता हुआ समय लौट कर तो नहीं आता फिर जो समय हाथ में है, जो दुखद अनुभव है उससे कुछ सीखकर उसका उचित उपयोग कर आने वाले कल को सुंदर एवं बेहतरीन क्यों न बनाएं। सार यही है कि बीते हुए समय को भुलकर, उससे कुछ सिखकर जो समय हमारे हाथ में है,सामने है उसका उचित उपयोग करें और आने वाले कल को बेहतरीन बनाएं। समय कभी ठहरता नहीं....।
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
समय चक्र बलवान होता है, जो बताकर नहीं आता है, हम भविष्य की ओर सोचकर काम नहीं करते बल्कि जो बिता कल के बारे में अत्यधिक सोचकर समय बर्बाद करते है, यह सचमुच सत्य है बिता हुआ कल तुम्हारे दिमांग में होता है, आने वाला कल तुम्हारे हाथ में होता है। अभिप्राय: हम कल के समय को पहचान नहीं पाते, ऊंची ऊड़ान की ओर अग्रसर होना चाहते है। हम देखते है, कोई मेहनत नहीं करता, परन्तु अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर शीघ्र हो जाता है, क्योंकि हो सकता है, उसने पूर्व जन्म में कोई अच्छा कार्य किया होगा, इसलिए शीघ्र फल मिला होगा। हम यह भी देखते है, कई कोशिशों के बावजूद भी अपने शिखर तक भी नहीं पहुंच पाते। यह सब हमें सिखाता है, क्या करे या न करें।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार "वीर"
बालाघाट-मध्यप्रदेश
जो बीत गया पल , वो बीत गया ! वो दोबारा जिंदगी में लौटकर नहीं आता , लौटकर आती है केवल याद ! हर बीते हुए पल की एक कहानी होती है , जो व्यक्तिगत होती है हर व्यक्ति के लिए ! होती है तो केवल याद , उस प्रिय या अप्रिय , सुखद या दुखद पल की ! बीते हुए कल को वापिस अतीत में लौटकर , सुधारना , किसी के वश मैं नहीं होता ! बीते हुए कल से सीख लेकर जिंदगी मे आगे बढ़ा जा सकता है !! ये इसलिए संभव है क्योंकि आनेवाला कल पूर्णतः हमारी हाथ में होता है और उसे हम अतीत के अनुभव के आधार पर संशोधित कर सकते हैं , और आगे बढ़ सकते हैं जीवन में !
नहीं लौटेगा बीता हुआ कल ,
बेहतर बना लो आनेवाला कल !!
- नंदिता बाली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
बिता हुआ कल सभी के दिमाग में होता है पर आने वाला कल सबके हाथ में नहीं होता है. दुनिया में सभी आदमी चाहते हैं उसका आने वाला कल अच्छा हो. पर सबका नहीं हो पाता है. अच्छी-खासी पढ़ाई करने के बाद भी कितने बच्चों को एक या दो नंबर से पिछड़ जाते हैं उन्हें नौकरी नहीं मिलती है. किसान भी पूरी मेहनत कर के फसल लगाता है कि उसे कल अच्छी पैदावार मिलेगी. लेकिन कभी बारिस तो कभी सूखा उसके फसल को बर्बाद कर देते हैं तो हम कैसे कह सकते हैं कि कल हमारे हाथ में है. आने वाला कल तो कभी होता ही नहीं है वह कभी किसी के हाथ नहीं आता है. इसलिए यह कहना कि कल हमारे हाथ में है कुछ जंचता नहीं है. हाँ आने वाला कल जो कि आज मे बदल जाता है उसे अपने ढंग से जीने के लिए हम अपने अच्छे कर्मों से बेह्तरीन बनाने की कोशिश कर सकते हैं और करनी भी चाहिए. बिता हुआ कल तो हमेशा दिमाग में रहेगा ही. जो अच्छी बुरी यादों के रूप में जिंदा रहता है. हमें हर पल अच्छा ही करना चाहिए क्योंकि अच्छे का परिणाम अच्छा ही होता है. लेकिन भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है ये कोई नहीं जानता है.आज हम अच्छा बोयेंगे तो कल अच्छा ही फल मिलेगा. यही हमारे हाथ में है.
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश "
कलकत्ता - प. बंगाल
यह वक्तव्य मानव जीवन के तीन महत्वपूर्ण आयामों—अतीत, वर्तमान और भविष्य—का गहरा विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह कहता है कि अतीत केवल स्मृति है, जिसे सोचकर हम दुखी या खुश हो सकते हैं, लेकिन उसे बदला नहीं जा सकता। इसलिए अतीत से सीख ली जा सकती है, पर उसके बोझ से दबकर जीना बुद्धिमानी नहीं। इसके विपरीत, भविष्य पूरी तरह से हमारे कर्मों और निर्णयों पर निर्भर करता है। "तुम्हारे हाथ में होता है" का अर्थ है कि आने वाले समय पर तुम अपनी मेहनत, नीयत, योजना और प्रयास के माध्यम से प्रभाव डाल सकते हो। यह संकेत देता है कि मनुष्य निष्क्रिय नहीं, बल्कि घटनाओं का निर्माता है। यह वाक्य वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देता है। जब अतीत दिमाग में और भविष्य हाथ में है, तो यह दोनों को जोड़ने वाला सेतु वर्तमान क्षण ही है। यदि वर्तमान में सही निर्णय और सही कर्म किए जाएँ, तो बीते हुए कल का पछतावा घटेगा और आने वाला कल उज्ज्वल होगा।इस विचार पर यह भी कह सकते हैं कि मनुष्य अक्सर अतीत में फँस जाता है ,गलतियों को सोच-सोचकर परेशान होता है, या भविष्य की चिंता में खो जाता है। यह वाक्य मन को संयम सिखाता है और कहता है कि मानसिक ऊर्जा को सही दिशा में लगाओ। अंततः यह सूक्ति हमें जीवन के प्रति सकारात्मक, सक्रिय और आशावादी बनने की प्रेरणा देती है। यह दर्शन दर्शनशास्त्र और मनोविज्ञान दोनों के स्तर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बताता है कि मनुष्य परिस्थिति का शिकार नहीं, बल्कि अपने भाग्य का निर्माता है।
- डाॅ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
हर दिन कुछ कर दिखाने के लिए होता है और हर बीता दिन कुछ सीखने के लिए होता है। यानी सीखो, समझो और बेहतर करो। यही जीवन है। यही जिन्दगी है। वर्तमान ही हमारे पास होता है। जो भी कर सकते हैं, अभी ही संभव है। आज और अभी का समय बीते कल में समाहित हो जाएगा। यादों में रह जाएगा। इसलिए आज ऐसा कुछ करना चाहिए जो अतीत में मधुर यादें बनकर रहे और आने वल कल के लिए स्वर्णिम स्वागत करे। सिर्फ सोचने और सपने देखने से कुछ नहीं हासिल होता। प्रयास और कार्य तो करना ही करना है।समय जिसे मूल्यवान माना गया है, वह वर्तमान ही होता है।यादें हों या सपने दोनों यानी दोनों भूतकाल और भविष्यकाल हैं जो हमारे हाथ में नहीं हैं। हाथ में तो केवल वर्तमान। अत: अत: अतीत के अनुभव लेकर भविष्य के सपने पूरा करने के लिए आज में जुट जाना ही बुद्धिमानी है। ऐसा भी नहीं कि सब कुछ आज में शुरू और आज ही खत्म। एक क्रम बनाकर, योजनाबद्ध तरीके से आज को आने वाले कल से जोड़ते चलना है। हिम्मत और हौसला के साथ। लगन और मेहनत से। धैर्य और निष्ठा से। सफलता का मूलमंत्र यही है और जीवन का भी।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
बीते हुए कल को याद कर ख़ुश हो सकता है ! आने वाला कल सोच भयभीत भी हो सकता है बिता हुआ कल हमारे दिमाग़ सचेतना के माफ़िक़ होता है जो हमेशा सचेत करता है अपने अच्छे बुरे कर्म जो दिमाग़ में इंसान रखता है ! पर कभी कभी इंसान अच्छे कृत याद रखता बुरे कर्म भूल जाता है ! स्वभाव गत जो हमें वर्तमान में जीने और भविष्य को सँवारने के महत्व को समझाता । की आने वाला कल तुम्हारे हाथ में होगा भूल कर भी वो ग़लतियाँ ना करे जिससे पछतावा हो ! सुधारने सुधरने का मौक़ा आने वाले कल भी होता है ! जिसमें मानवता होती है! उसके लिए प्रयासरत होना चाहिए! जिससे इंसान ख़ुद को सुधार बेहतर बना ख़ुश रख अपने और दूसरों को ख़ुश रख सकता है इसे कहना बहुत सरल है आज में जियो कल को भूलो जीवन सफल होगा ! अमल में लाना मुश्किल होता है ! जब तक इंसान जीवित रहता है भविष्य की योजनाओं में मन लगा ये सोच खुश रहता की आने वाला कल तुम्हारे हाथ में होगा है ! ये सोच अपनी सत्ता को सहर्ष स्वीकार कर हंस्तरांत्रित करे यही मुक्ति का सरल उपाय भी है !
- अनिता शरद झा
रायपुर - छत्तीसगढ़
" मेरी दृष्टि में " आने वाला कल भी पूर्व कर्म का परिणाम है। जो निर्धारित होता है। परन्तु सुधार की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। तभी आने वाले कल का सुधार किया जा सकता है। ऐसे प्रयास करते रहने चाहिए। बाकि समय - समय का खेल है।
बीत गयी सो बात गयी। अब जो समय आ रहा है उसे पकड़ कर रखना चाहिए और नये भविष्य के निर्माण में पूरी निष्ठा से संलग्न हो जाना चाहिए। यदि पूरी ईमानदारी से मेहनत की जाये तो सफलता अवश्य मिलेगी।
ReplyDelete- डॉ अवधेश कुमार चंसौलिया
ग्वालियर - मध्यप्रदेश
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🙏🙏🇮🇳🕉️🌹भारतवर्ष की महान विभूति के सम्मान से अलंकृत करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय बिजेंद्र जैमिनी जी। आपकी अकादमी के हिंदी भाषा उत्थान, प्रचार-प्रसार के अथक प्रयासों के लिए आपको और अकादमी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपके इस क्षेत्र के कार्य अनवरत जारी रहे, मंगल कामनाओं के साथ आदर सहित डॉक्टर रवीन्द्र कुमार ठाकुर।🌹🇮🇳🕉️🙏🙏👍
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