गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति सम्मान - 2025

          संघर्ष जीवन के रीढ़ की हड्डी है। जो सफलता का रास्ता दिखाती है। यानि संघर्ष की गाथा सुनातीं है। बिना संघर्ष के जीवन अधूरा माना जाता है। फिर भी लोग संघर्ष से घबरातें हैं। ऐसे में संघर्ष की कीमत को समझना चाहिए। यही कुछ जैमिनी अकादमी की चर्चा परिचर्चा का प्रमुख विषय है। अब आयें विचारों में से कुछ विचार पेश हैं:-
         सभी जानते हैं कि जीवन संघर्ष से भरा एक सफर है जिसमें विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और संघर्ष के माध्यम से ही हम अपनी कमियों को पहचानते हैंऔर उन्हें  सुधारने का प्रयास करते हैं,यह एक ऐसी अवस्था है जो हमें दिशाओं की और प्रेरित करती है तो आईये आज की चर्चा इसी बात पर करते हैं कि जिंदगी में जो कुछ मिला है सिर्फ संघर्ष का परिणाम है, यह परखी हुई बात है कि संघर्ष का परिणाम ही फलदायक होता है क्योंकि संघर्ष ही हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है जिससे हमारा अनुभव और ज्ञान  बढता है यही नहीं यह हमें धैर्य, सहनशीलता और आत्मनियंत्रण सिखा कर अपने सपनों के प्रति गंभीर और समर्पित बनाता है इसके बिना विकास संभव नहीं इसलिए जिंदगी में जो कुछ भी मिलता है सिर्फ संघर्ष के कारण ही मिलता है, यह भी अटूट सत्य है कि संघर्ष ही चुनौतियों का सामना करना सिखाता है और जो इसे स्वीकार करते हैं वोही विजेता  बनते हैं और संघर्ष से जो सफलता मिलती है उससे अलग तरह की संतुष्टि मिलती  है ,यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो हमें सिखाती है कि असली खुशी कठिनाइयों का सामना करने और उनसे उभरने में है,अक्सर देखा गया है कि हरेक सफल इंसान के पीछे संघर्ष की कहानी छिपी होती है,माना की संघर्ष एक कठिन पाठयक्रम है लेकिन जो लोग अपने लक्ष्य को निधारित कर लेते हैं  और असफलता से हताश नहीं होते उन्हें संघर्ष पर ही भरोसा होता है वो लोग अपनी गलतियों को सुधार कर नये सिरे से संघर्ष करने में जुट जाते हैं जिससे उन्हें आत्मविश्वास, मानसिक और भावनात्मक मजबूती मिलती है और आखिरकार अपने लक्ष्य को पाने में कामयाबी हासिल कर लेते हैं अन्त में यही कहुंगा कि जीवन में वोही व्यक्ति सफल हो सकता है जिसने संघर्ष की ताकत को पहचाना हो क्योंकि बिना संघर्ष जीवन का विकास संभव नहीं  खुशी की कीमत क्या होती है यह सिर्फ वोही लोग  समझते हैं जिन्होंने अपने जीवन में संघर्ष किया है इसलिए जिंदगी में जिसने जो कुछ भी हासिल किया है वो सिर्फ संघर्ष का परिणाम है।

- डॉ सुदर्शन कुमार शर्मा

जम्मू - जम्मू व कश्मीर 

      ज़िन्दगी में सब कुछ मिलना  संतोष का परिणाम है संतोषी सबसे सुखी हो आत्मनिर्भर हो । जीना जानता है ! कुढ़न और असमंजस की स्थिति में सब कुछ नही मिलता है !  यदि इंसान अपने जीवन कर्म में व्यस्त हो विश्वास के साथ क्रोध छोड़ देना ,लेना जनहित परहित में निः स्वार्थ सेवा समर्पण दान त्याग करना सीख जाए जो तो वर्तमान की स्तिथि में बहुत से ज्ञानी ध्यानी साधु महात्मा हुए जो स्वयं के कृत वाक् पटुता वैचारिक बुद्धिमता से समाज राज्य राष्ट्र में अपना स्थान बनाते हैं जो उनके एक संघर्ष का परिणाम हो सकता है ! यदि किसी इंसान के शरीर में एक से अनेक घाव उत्पन्न हो जाए तो तो उसे कष्टनिवारक दवा दे पीड़ा को हर लेता है जबकि उसका निवारण इलाज जड़ से खत्म करना चाहिए जो बहुत कठिन जटिल प्रक्रिया है 

- अनिता शरद झा

रायपुर - छत्तीसगढ़ 

      सच यही है कि जीवन में जो कुछ भी मिलता है, वह संघर्ष से ही मिलता है। इसलिए बच्चों को समझाया जाता है कि अभी वे पढ़ाई में जितनी मेहनत कर लेंगे, बाद में यही मेहनत आराम देगी। यहाँ मेहनत का आशय संघर्ष से ही है।कहा भी गया है," घड़ी भर का दुख, सब जन्म का सुख। " मैथली शरण गुप्त जी की एक कविता की पंक्तियां हैं,  "जितने कष्ट-कंटकों में है, जिनका जीवन-सुमन खिला। गौरव गंध उन्हें उतना ही यत्र-तत्र सर्वत्र मिला। " अत:  कभी भी संकटों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि हिम्मत और धैर्यपूर्वक  उनका सामना करना चाहिए। हर समस्या , हर कठिनाई का निदान होता है। बस हमें विचलित न होकर धैर्य और दृढ़तापूर्वक निदान के रास्ते खोजना चाहिए। कहते हैं " जितना गुड़ ,उतना मीठा।" कठिनाईयां, मुश्किलें, मेहनत  ये सभी संघर्ष के हिस्से होते हैं। हम इस संघर्ष में जितने सजग और निडर होंगे, उतने आगे चलकर सफल होंगे। यही सफलता हमारी मंजिल होती है।जिंदगी में जिसके पास जो होता है, वह उसके संघर्ष का ही परिणाम होता है। अत: सदैव उत्साही ही रहें , मेहनत के संघर्ष से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। असंभव कुछ भी नहीं।

 - नरेन्द्र श्रीवास्तव

गाडरवारा - मध्यप्रदेश 

          जिंदगी मैं जो कुछ भी मिलता है , सब कुछ संघर्ष के परिणामस्वरूप , ही मिलता है ! संघर्ष के बिना , भी कुछ लोग , इतने संपन्न होते हैं कि उन्हें सब कुछ प्राप्त हो जाता है , पर ऐसे अपवाद कम होते हैं ! दुनियां मैं आए हैं तो कर्म करना ही पड़ेगा , संघर्ष करना ही पड़ेगा , तभी व्यक्ति को वांछित फल की प्राप्ति होगी ! बैठे बैठे कुछ नहीं मिलता संसार में!!

 - नंदिता बाली 

सोलन - हिमाचल प्रदेश

        संघर्ष ही जीवन है। इस मृत्यु लोक में बिना संघर्ष के कुछ भी प्राप्त नहीं होता। यह प्रति स्पर्धा का जमाना है इसलिए व्यक्ति को और भी अधिक परिश्रम करना पड़ता है। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। और असफलता सफलता की सीढ़ी है। असफल होने पर हमें  कमियों पर चिंतन करना चाहिए और पूरे जोश तथा धैर्य के साथ काम कर सफलता की ओर बढ़ना चाहिए। निरंतर संघर्ष हमें इच्छित वस्तु प्रदान करता है। श्रीराम ने, श्री कृष्ण ने भी संघर्ष किया तब वे सफल हो पाये। संघर्ष शील व्यक्ति ही इस धरती पर जी पाते हैं। डार्विन का सिद्धांत - सर्वाइवल आफ दि फिटेस्ट को सदैव ध्यान में रख कर हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए। सफलता आपके कदम चूमेगी। रुको नहीं, डरो नहीं - आगे बढ़ो वाक्य का अनुगमन करो।

- डॉ. अवधेश कुमार चंसौलिया 

 ग्वालियर - मध्यप्रदेश 

        जिंदगी में सब कुछ मिला है जो सिर्फ संघर्ष का परिणाम है....  जिंदगी है तो संघर्ष है... और इसमें कोई दो राय नहीं है "संघर्ष ही जीवन है"। प्रकृति का नियम है जो भी जीवधारी पृथ्वी पर आया है उसे, अपने आप को जीवीत रखने के लिए, अपनी आपूर्ति को पूर्ण करने के लिए संघर्ष तो करना ही है। संघर्ष हमें चुनौतियों का सामना करने एवं उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। बिना मेहनत, परिश्रम और बिना संघर्ष सफलता प्राप्त करना ही असंभव है। कभी कभी कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिलती तो क्या हुआ हम संघर्ष करते रहते हैं हार नहीं मानते। कठोर संघर्ष के बाद जब हम सफल हो कुछ हासिल करते हैं तो उसकी खुशी की सीमा नहीं होती,खुशी का अहसास बढ़कर दुगुना हो जाता है एवं हमारी मेहनत और संघर्ष से हमारा आत्म-विश्वास भी बढ़ जाता है। संघर्ष हमें कभी हारने और हार मानने नहीं देता। यूं कह सकते हैं " संघर्ष ही जीवन है अथवा जिंदगी ही संघर्ष है"।

 - चंद्रिका व्यास 

 मुंबई - महाराष्ट्र 

      संघर्ष ही मेरी निष्ठा व सौभाग्य है और इसी सौभाग्यशाली जीवन ने मुझे सब कुछ दिया है। प्रत्येक उपलब्धि, प्रत्येक सम्मान, प्रत्येक पहचान और यहाँ तक कि असहनीय निरंतर अपमान भी मेरा अनुशासन, आत्मबल और कर्मनिष्ठा का परिणाम रहा है। मैं यह भी मानता हूॅं कि कठिनाइयाँ किसी को तोड़ती नहीं, बल्कि गढ़ती हैं जैसे अग्नि में तपकर सोना अपनी शुद्धता सिद्ध करता है। तथापि, यह भी सत्य है कि ऐसा लिखना जितना सहज प्रतीत होता है, उतना ही कष्टदायक उसे जीना पड़ता है। मेरा जीवन इस बात का साक्ष्य है कि जब निष्ठा, सत्य और कर्म एक साथ खड़े हों, तो कोई भी विपरीत परिस्थिति मानव को झुका नहीं सकती। मैं उन सभी संघर्षों को नमन करता है जिन्होंने मुझे यह सामर्थ्य प्रदान की कि वह अन्याय के विरुद्ध, राष्ट्रहित के पक्ष में तथा सत्य के समर्थन में निर्भीकता से खड़ा हूॅं। अतः मैं विनम्रता से निवेदन करता है कि जीवन में प्राप्त प्रत्येक अनुभव चाहे वह सम्मान हो या अपमान हो, संविधान के अनुच्छेद 51(ए) के अंतर्गत नागरिक कर्तव्यों की पूर्ति का साक्ष्य है। यही मेरा गौरवमय जीवन सूत्र है क्योंकि संघर्ष ही सफलता की कुंजी है। 

- डॉ. इंदु भूषण बाली

ज्यौड़ियॉं (जम्मू) -‌ जम्मू और कश्मीर

         यह वाक्य जीवन-दर्शन का सार प्रस्तुत करता है। इसमें यह स्पष्ट भाव निहित है कि सफलता, संतोष या उपलब्धि—सबका मूल संघर्ष है। जीवन में कुछ भी आकस्मिक नहीं होता; हर प्राप्ति के पीछे निरंतर परिश्रम, आत्मबल और धैर्य का योगदान होता है। संघर्ष का अर्थ केवल कठिनाई झेलना नहीं, बल्कि परिस्थितियों से जूझते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचने का साहस रखना है। जब कोई व्यक्ति अपनी असफलताओं से सीखकर, निरंतर प्रयास करते हुए आगे बढ़ता है, तब जीवन उसे “सबकुछ” प्रदान करता है—अर्थात संतोष, अनुभव और उपलब्धि तीनों। समाज में भी यह विचार प्रेरक है। जो व्यक्ति संघर्ष को जीवन का अंग मानकर चलता है, वह कभी निराश नहीं होता। वह जानता है कि संघर्ष ही सफलता का द्वार है। बिना संघर्ष के मिली सफलता क्षणिक होती है, जबकि संघर्ष से प्राप्त फल स्थायी और मधुर होता है। इस वाक्य के भीतर छिपा संदेश हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा है कि जीवन में यदि कुछ बड़ा पाना है, तो कठिनाइयों से भागना नहीं, उन्हें अपनाना सीखो। “संघर्ष ही जीवन का सौंदर्य है। जिसे यह समझ आ गया, वह जीवन के हर चरण में विजयी होता है।

 - डाॅ. छाया शर्मा

अजमेर - राजस्थान

    जिंदगी में सब कुछ मिला है, जो सिर्फ संघर्ष का परिणाम है। यह सच है, त्याग, तपस्या, स्वविवेक, सुनों सबकी, करों मन से, पूर्वजों का आशीर्वाद, घर संसार का आत्म विश्वास, अपनी कर्मवीरता, साहस, बुद्धिमता, जब तक अपना कार्य सिद्ध न हो जाए, तब तक अपने-अपनत्व को भी नहीं बताना शत प्रतिशत अच्छा रहता है। जिस तरह आंग में लोहा तपता है, फिर आकृति दी जाती है, इसी सोना-चांदी को सुव्यवस्थित रूप से सुसज्जित करना अपने हाथ में है,  उसी तरह जीवन है। हम जैसा कर्म करेंगे वैसा फल मिलता है। किसी वृक्ष के नीचे बैठ कर ध्यान केंद्रित करने से सिद्धी प्राप्त होती है, नहीं तो वृक्ष के नीचे बैठकर समय भी पास होता है। अंहकार और अवसर अपने कर्मो से मिलते है, कोई देता नहीं बल्कि इंतजार करना पड़ता है।

- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार "वीर"

      बालाघाट - मध्यप्रदेश

     जिंदगी में सब कुछ मिलता है जिसको कभी कर्म का परिणाम माना जाता है तो कभी भाग्य का! वास्तव में सब कुछ मिलना संघर्ष का परिणाम है. कुछ भी पाने के लिए सबसे पहले सपना सजाना और लक्ष्य निर्धारित करना होता है. लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने के लिए प्रयत्न करना आवश्यक हो जाता है. कभी-कभी अत्यधिक प्रयास भी करना पड़ता है, बाधाओं का सामना भी करना पड़ता है. यही संघर्ष है और बिना संघर्ष के कुछ भी नहीं मिलता. इसलिए जिंदगी में जो कुछ मिला है, वो सिर्फ संघर्ष का परिणाम है 

 - लीला तिवानी 

सम्प्रति - ऑस्ट्रेलिया

        दुनिया में जो कुछ भी मिलता है सब संघर्ष के द्वारा ही संभव होता है. ये दुनिया संघर्ष पर ही चलती है. पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है उसमें संघर्ष का ही योगदान है. आगे बढ़ने के लिए पैरों को भी जमीन के साथ संघर्ष करना पड़ता है. दुनिया का हर कर्म संघर्ष से ही होता है. चाहे वह अच्छा हो या बुरा हो. यहां तक कि पेड़-पौधे, कीड़े मकोड़े ,मनुष्य जानवर सबको धरती पर आने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है. पढ़ाई लिखाई नौकरी अच्छा पद प्रतिष्ठा सब संघर्ष के बदौलत ही प्राप्त होता है. 

 - दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश "

कलकत्ता - प. बंगाल 

        मनुष्य जन्म लेने के उपरांत जो जीवन जीता है उसमें भाग्य और कर्मों का लेखा संग संग चलता है कभी वह राजा कभी रंक जैसी स्थिति से भी गुजरता है जिसके लिए उसे बहुत कुछ जीवन में संघर्ष करना पड़ता है। बचपन से ही यदि कोई व्यक्ति धनी परिवार में जन्म लेता है तो उसके पास सब कुछ होता है लेकिन कभी-कभी व्यक्ति के जब कर्म अच्छे नहीं होते हैं तो सब कुछ होकर भी वह गंवा बैठता है फिर जब उसको समझ आती है तो या तो बहुत अधिक समय निकल चुका होता है या फिर वह एक सुघर जीवन जीने के लिए पुनः परिश्रम और संघर्ष करता है तो कुछ प्राप्त कर भी लेता है। अधिकतर देखा गया है की सभी ने संघर्ष के फलस्वरुप जीवन में सब कुछ प्राप्त किया है। राजनीति के क्षेत्र में महात्मा गांधी , लाल बहादुर शास्त्री , भीम राव अंबेडकर , बल्लभ भाई पटेल , डाॅ.राजेंद्र प्रसाद,मोदी जी स्वयंसिद्ध जीता जागता उदाहरण हैं। सादा जीवन उच्च विचार परिश्रम के प्रति लगन मुसीबत से हार ना मानना यह सब स्थितियों से ही व्यक्ति जिंदगी में सब कुछ प्राप्त कर लेता है। शास्त्रों में भी कहा गया है शास्त्रों में भी कहा गया है " परिश्रमेण कारयाणि सिध्ययन्ति "

- डाॅ.रेखा सक्सेना

मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश 

" मेरी दृष्टि में " जीवन में सब कुछ हासिल किया जा सकता है। सिर्फ संघर्ष से पीछे नहीं हटना चाहिए। यही मूल मंत्र जीवन में बहुत काम आता है। जो संघर्ष करना जानता है। उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। 

             - बीजेन्द्र जैमिनी 

           (संचालन व संपादन)


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