मिन्नी मिश्रा से साक्षात्कार

जन्म : 06 जनवरी 1965 , दरभंगा - बिहार
पति- श्री गजानन मिश्रा
शिक्षा : स्नातकोत्तर
सम्प्रति : गृहणी व स्वतंत्र लेखन

प्रकाशित रचनाएं : -

दृष्टि , किस्सा कोतहा ,लघुकथा कलश , अट्टहास,चंद्रहास कहानियाँ,चुनिंदा लघुकथाएँ, साहित्य कलश ,कलमकार मंच, क्षितिजऔर संगिनी, मधुरिमा, अहा! ज़िंदगी, हंस, सुरभि, लोकचिंतन ,अविराम साहित्यिकी,लघुकथा काॅम, अक्षरा, समाज्ञा, हिन्दुस्तान, सलाम दुनिया , आदि कई पेपर व पत्रिकाओं में

सम्मान : -

लघुकथा लेखन में ...
लघुकथा श्री सम्मान,
कलमकार मंच ,
भाषा सहोदरी ,
लघुकथा स्टोरी मिरर प्रतियोगिता ,
साहित्य विचार प्रतियोगिता आदि से सम्मानित किया जा चुका है |

पता : Minni Mishra
Shivmatri Apartment,
Flat no.- 301,  Road Number---3,
Maheshnagar, Patna - 800024

प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - पंच (अंतिम पंक्ति)

प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - बलराम अग्रवाल, सुकेश साहनी, कमल चोपड़ा सतीशराज पुष्करणा , कान्ता राॅय ।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - कथानक , पंच पंक्ति, शीर्षक , कथ्य, शैली ।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - गद्य कोश, लघुकथा डाॅट काम, जनगाथा, भारतीय लघुकथा विकास मंच , नया लेखन नये दस्तखत ग्रुप , लघुकथा के परिंदे ग्रुप , साहित्य संवेद ग्रुप ।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - यद्यपि लघुकथा लेखन में बाढ़ आ गई है, फिर भी मुझे लघुकथा की स्थिति बहुत अच्छी नजर आती है ।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - जी बिल्कुल । एक तरफ जहाँ हमें दिग्गज लघुकथाकार की रचना, आलेख आदि को पढकर सीखने का मौका मिलता है तो दूसरी तरफ , नये- नये लेखकों को पढने का अवसर भी प्राप्त होता है ।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ?
बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं गृहणी हूँ । नौकरीपेशा परिवार मेरी पृष्ठभूमि रही है। मैं लगभग विगत चार सालों से लघुकथा विधा को जान रही हूँ और लिख भी रही हूँ । अभी मैं मार्गदर्शक के काबिल नहीं हूँ। साधारण सी लेखिका हूँ, लेकिन जो भी लिखती हूँ आसपास के परिवेश को देख कर। ईमानदारी से कलम बद्ध करने का भरसक प्रयास करती हूँ ।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - परिवार के लोगों को लघुकथा लेखन में कोई रूचि नहीं है, फिर भी सभी लोग मुझे बहुत प्रोत्साहित करते रहते हैं । जरूरत पड़ने पर मदद भी करते हैं ।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर- लेखन मेरा व्यक्तिगत शौक है । आजीविका से इसका कोई लेना-देना नहीं है ।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर- लघुकथा का भविष्य बहुत सुनहरा है। क्योंकि, आजकल के भागम-भाग जिंदगी में , समयाभाव के कारण लोग लघुकथा पढना पसंद करते हैं ।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - बहुत कुछ प्राप्त हुआ । सामाज और पारिवार के लोग अब मुझे एक लेखिका के रूप में देखने लगे हैं । मुझे अहसास हुआ कि अब मैं केवल गृहणी, माँ, पत्नी, भाभी और चाची ही नहीं एक सम्मानित लेखिका भी हूँ । अनेक मंच पर जाकर मैंने लघुकथा पाठ भी किया है । लघुकथा लेखन विधा में कई बार मुझे सम्मान मिल चुका है । जिससे बहुत संतुष्ट मिली। मेरे अंदर का आत्मसम्मान जगा । मुझे साहित्य जगत में अभी बहुत आगे जाने की अभिलाषा है ।



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