राजश्री से साक्षात्कार

नाम:- राजश्री गौड़
साहित्यिक नाम:- राजश्री
पिता : श्री भीमसेन पराशर( पिता)
जन्मतिथि:- 24 नवम्बर 1956
शिक्षा:-BA Bed.,( M A prev Hindi)

व्यवसाय: लेखन, समाज सेवा
रचना की विधा : कविता, गज़ल, लेख,लघुकथा ,
बाल-गीत व बाल-कविता

प्रकाशित पुस्तकें : -

काव्य-संग्रह 'धनक'
ग़ज़ल-संग्रह ' तुमको भुलाया कहाँ है '    
 
                                    
सांझा संकलन : -

कविता-कोश,
साहित्य-पीडिया,
कागज-दिल. कॉम
लघुकथा - 2019 ( ई - लघुकथा संकलन )
कोरोना ( ई - काव्य संकलन ) - 2020
हरियाणा के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - 2021

सम्मान : -

हिन्दी प्रचार प्रसार समिति द्वारा सम्मानित,1.नारी गौरव सम्मान, 2.श्रेष्ठ हिन्दी रचनाकार सम्मान, 3.प्रेम-काव्य सम्मान, 4.भारत के प्रतिभाशाली रचनाकार सम्मान, 5.साहित्य-शिरोमणि सम्मान (साहित्य की 7मुख्य श्रेणी की  24 उप-श्रेणियों में उत्कृष्ट सृजन)
6.सिद्धी साहित्य सम्मान।7. अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण मंच द्वारा सम्मानित, 8.जैमिनी अकादमी हिन्दी भवन पानीपत' द्वारा गणतंत्र दिवस पर भारत गौरव सम्मान - 2021
9. अंतरराष्ट्रीय क्राईम रिफोर्म समिति द्वारा सम्मानित।
10. *द ग्रेट वूमैन ऑफ द ईयर*- *2020.*

विशेष : -
- दैनिक भास्कर, हरिभूमि, सौराष्ट्र भारत व अन्य पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
- अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण सभा की (भूतपूर्व) जिला-अध्यक्ष (सोनीपत),
  -  अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण मंच की प्रदेशाध्यक्ष (हरियाणा प्रदेश)

पता : मकान न. 1131 , सैक्टर - 15 , सोनीपत - 131001 हरियाणा

प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौनसा है?
उत्तर -  कथानक, कथ्य-शिल्प और सम्प्रेष्णीयता किसी भी लघुकथा के मुख्य तत्व होते हैं। कथानक अथवा कथ्य सबसे महत्वपूर्ण है। इसके बिना कथा को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।

प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पाँच नाम बताओ?
उत्तर - आदरणीय बलराम अग्रवाल जी, मेरी प्रिय सुश्री कान्ता राय जी, आदरणीय मधुदीप गुप्ता जी, आदरणीय पवन जैन जी व एक और महत्वपूर्ण नाम आदरणीय बीजेन्द्र जैमिनी जी, जो कि लघुकथा-साहित्य को अपने अथक प्रयासों से आगे बढ़ाने में प्रयास-रत हैं।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन-कौन से मापदंड होने चाहिए?
उत्तर - लघुकथा कहानी का ही लघु रूप अथवा सारांश रूप होता है ऐसा मेरा मानना है।उसे कसौटी पर कसने के लिए कोई भी संदेशात्मक या प्रेरणात्मक कथ्य, कसी हुई किन्तु सरल भाषा में कथ्य-शिल्प, क्लाईमैक्स और अंतिम पंच जो पाठक पर अपनी छाप छोड़ते हुए सोचने पर मजबूर कर दे।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन-कौन-से प्लेटफार्म बहुत ही महत्वपूर्ण है?
उत्तर - मैं " लघुकथा के परिंदे " तथा "भारतीय लघुकथा विकास मंच" को ही जानती हूँ जिनसे मैं जुड़ी हुई हूँ। अन्य मंचों का मुझे पता नहीं है।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - ये आज के साहित्यिक परिवेश में सबसे अधिक पढ़े जाने वाली लोकप्रिय विधा है। लम्बी-लम्बी कहानियां व उपन्यास से ज्यादा लघुकथाएं ही पढ़ना लोग पसन्द करते हैं। ये मनोरंजक व शिक्षाप्रद होती हैं।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप संतुष्ट हैं?
उत्तर - जी हां मैं संतुष्ट हूँ।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार की पृष्ठभूमि से आए हैं? बताएं आप किस प्रकार के मार्ग दर्शक बन पाए?
उत्तर - मैंने एक शिक्षित परिवार में जन्म लिया। बचपन से ही दादी को गीता,रामायण का पाठ करते देखा, माँ को भजन गुनगुनाते घर के काम करते व पिता जी को साहित्य से लगाव,सोने से पहले हमेशा शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय व मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास पढ़ते देखा। घर में "वीर प्रताप" , "वीर अर्जुन" समाचार पत्र व बाल पत्रिका चन्दामामा आती थी । जिसने नन्हे हाथों में कलम थमा दी। मैं बी ए, बी एड, एम ए ( Prev. हिन्दी) हूँ किन्तु जॉब नहीं की। अपने तीनों बच्चों को स्वयं पढ़ाया और सुसंस्कारित किया,एक अच्छा इंसान व देश का अच्छा नागरिक बनाया।आज सभी उच्च-पदासीन महानगरों व विदेश में स्थापित हैं।

प्रश्न न. 8 - आपके लेखन में आप के परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - विवाह के बाद मैंने परिवार को सर्वोपरि रखा अत: लेखन थम- सा गया। बच्चे बड़े होकर सब अपने अपने कैरियर को संवारने व विवाह के पश्चात बारी बारी से मेरा घरोंदा छोड़ चले गए। मैं बहुत अकेला-पन महसूस करती तब बच्चों ने ही मुझे दोबारा लिखने व समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ने को प्रेरित किया। आज उसी की बदौलत मुझे बहुत सी संस्थाओं ने मेरे लेखन और समाजसेवा के लिए सम्मानित किया और "ग्रेट वूमन ऑफ द ईयर-2020" का सम्मान भी मिला। मेरे पति जो रिटायर्ड पशु-चिकित्सक हैं ने हर कदम पर मेरा साथ दिया।

प्रश्न न.9 - आपकी जीविका में आपके लेखन की क्या स्थिति है?
उत्तर - मेरी जीविका से लेखन का कोई सरोकार नहीं है। मैं पूर्ण समर्पित गृहिणी रही हूँ।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा है ?
उत्तर - मेरी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य बहुत ही उज्जवल है। समय बदल रहा है लोगों के पास समय के अभाव के कारण उपन्यास, कहानियां पढ़ने में रुचि कम हो रही है। अतः कम समय में ही साहित्य प्रेमियों को मन-बहलाव,शिक्षा, प्रेरणा एक लघुकथा ही दे सकती है।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ?
उत्तर - जब लघुकथा में अपने भावों को उकेरती हूँ तो आत्म-संतुष्टि प्राप्त होती है और जब दूसरे लेखकों को पढ़ती हूँ तो ज्ञान, शिक्षा, प्रेरणा मिलती है और लेखन में अपनी कमियां दूर करने का अवसर भी।



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