राम मूरत ' राही ' से साक्षात्कार

जन्म : 08 अक्टूबर 1959 को बस्ती - उत्तर प्रदेश
लेखन : 1980 से सतत् बाल कहानियाँ, पत्र , गज़लें, कविताएँ, लघुकथाएँ, व्यंग्य, समीक्षा एवं संस्मरण लेखन में सक्रिय।

संप्रति : म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त होकर स्वतंत्र लेखन।

प्रकाशित कृतियाँ :-

‘अंतहीन रिश्ते’ (लघुकथा संग्रह, 2019) ‘
भूख से भरा पेट’ (लघुकथा संग्रह, 2021)
संपादन : 'अनाथ जीवन का दर्द' लघुकथा संकलन -2021

पुरस्कार/सम्मान : -

- अखिल भारतीय माँ शकुंतला कपूर स्मृति लघुकथा प्रतियोगिता – 2019 (फरीदाबाद, हरियाणा) में ‘श्रेष्ठ लघुकथा’ का पुरस्कार।
- सामाजिक आक्रोश , सहारनपुर (उ.प्र.) द्वारा आयोजित अ.भा.लघुकथा प्रतियोगिता – 2020 में द्वितीय पुरस्कार।
- कथादेश अ.भा.लघुकथा प्रतियोगिता -12 (नई दिल्ली) में पुरस्कृत।
- क्षितिज साहित्य मंच, इंदौर व्दारा 2019 में ‘लघुकथा विशेष उपलब्धि सम्मान’।
- विश्व हिन्दी रचनाकार मंच, दिल्ली व्दारा ‘अटल हिन्दी सम्मान’।
-  डॉ.एस.एन. तिवारी स्मृति साहित्य सम्मान-2020 । कहानीकार स्व.कमलचन्द वर्मा की स्मृति में ‘मालव मयूर’ सम्मान-2021

विशेष : -

- अनेक लघुकथाएँ अंग्रेजी, पंजाबी, उड़िया, गुजराती, नेपाली, बांग्ला, उर्दू, मालवी बोली एवं मराठी में अनूदित।
- लघुकथा ‘माँ के लिए’ का नेपाली भाषा में, नेपाल में अभिनयात्मक वाचन।
- चार लघुकथा संकलन एवं चार कविता संकलन में साझेदारी

संप्रति : म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त होकर स्वतंत्र लेखन।
संपर्क :
पता :168–बी, सूर्यदेव नगर, इंदौर - 452009 मध्यप्रदेश

प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व है 'कथानक', इसके अलावा शिल्प, भाषा, पंचलाइन इत्यादि। भाषा सहज, सरल होना चाहिए, जिसे आम पाठक आसानी से समझ सकें।  

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - सिर्फ पांच नाम बताकर मैं उन बाकी लोगों के साथ नाइंसाफी नहीं कर सकता, जो लघुकथा को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।  
 
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा समाज के लिए हितकारी हो। आलोचक ईमानदारी से अपनी भूमिका निभायें, अगर लघुकथा में कोई कमी हो तो लेखक को उचित मार्गदर्शन भी दे, सिर्फ प्रशंसा न करें।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - फेसबुक, वाट्सएप, यूट्यूब, ई-पत्रिका, ब्लॉग, आनलाइन गोष्ठी, रेडियो इत्यादि।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - लघुकथा आकर में छोटी होने के कारण बनिस्बत दूसरी विधाओं के,  पाठकों में काफी लोकप्रिय है। इसलिए पत्र-पत्रिकाओं में इसे उचित स्थान दिया जारहा है। यही नहीं अनेक पत्रिकाएं समय-समय पर लघुकथा विशेषांक भी निकालती रहती हैं। लघुकथा प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जारही हैं। नित्य नये संग्रह/संकलन भी प्रकाशित हो रहे हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि लघुकथा आज मजबूत स्थिति में है।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप संतुष्ट हैं ?
उत्तर - संतुष्ट तो हूं, लेकिन थोड़ा दुःख इस बात का होता है कि लघुकथा के नाम पर लोग रिपोर्टिंग कर रहे हैं, चुटकुला लिख रहे हैं। इससे लघुकथा का भला होने वाला नहीं है। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे वरिष्ठ लघुकथाकारों से मार्गदर्शन लें।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं मध्यमवर्गीय परिवार से हूं। छठी कक्षा से ही मुझे कहानी-कविताएं पढ़ने का शौक था। परिवार में लेखन सिर्फ मैं ही करता हूं। जब भी कोई मार्गदर्शन चाहता है तो उसे मैं अवश्य देता हूं और मित्रों को लघुकथा लेखन के लिए भी प्रेरित करता हूं।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में, आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरे लेखन में परिवार की सिर्फ इतनी ही भूमिका है कि मुझे उनका सहयोग प्राप्त है।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में, आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - मेरी आजिविका का साधन मेरी सरकारी नौकरी रही है, लेकिन लेखन से जो पाठकों का प्यार मिलता है, मान-सम्मान मिलता है, वो किसी धनराशि से भी बढ़कर है।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 
उत्तर - इसमें कोई संदेह नहीं कि लघुकथा का भविष्य उज्जवल है, क्योंकि पहले की तुलना में लघुकथाएं ज्यादा लिखीं और पढ़ी जारही हैं।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - लघुकथा लेखन से मुझे आत्म संतुष्टि और पहचान मिली है। साथ ही इससे मेरी सोच बदली है एवं सोचने- समझने की शक्ति भी बढ़ी है।

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