अनिल शर्मा अनिल से साक्षात्कार

जन्म : 19 जून 1969 , धामपुर - उत्तर प्रदेश
पिता : श्री कृष्ण कुमार शर्मा
माता : श्रीमती मुनेश बाला शर्मा
शिक्षा : एम.ए.हिन्दी साहित्य,बी.टी.सी.,
एल -ं बी, आयुर्वेदरत्न,बी.ई.एम.एस.,
डी.एन.वाई.एस.,सी.एक्यू.,कहानी लेखन, पत्रकारिता प्रशिक्षण
मानद उपाधि :  विद्यावाचस्पति, विद्यासागर

विधाएं :  कविता,गीत, गीतिका, कहानी, आलेख, लघुकथा, व्यंग्य,परिचर्चा,समीक्षा, साक्षात्कार व अन्य विधाएं 1986 - 87 से निरंतर लेखन।

प्रकाशित कृतियां :-

मुझको जग में आने दो,
प्रकृति का ऐसे न शोषण करो,
जिंदगी गीत हो जाएगी ,
शिक्षा जगत की लघुकथाएं,
धामदेव की नगरी धामपुर,
प्राकृतिक रंग-उर्जा चिकित्सा ,

सम्पादन : -

अनुभूतियां,
अभिव्यक्ति,
अन्तर्मन,
अनुगूंज अभिप्राय,
अर्पण,
अनुसंधान (कार्य संकलन),
अविरल प्रवाह (स्मारिका).

संप्रति: - ई पत्रिका अभिव्यक्ति का संपादन प्रकाशन

सम्मान : -
विभिन्न साहित्यिक, सामाजिक संस्थाओं द्वारा शताधिक सम्मान

अन्य : -
विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संकलनों,परिचय ग्रंथों, अभिनन्दन ग्रंथों और सन्दर्भ कोशों  में प्रकाशित

पता :  82, मुहल्ला-गुजरातियान,
         धामपुर-246761,जिला - बिजनौर ,उत्तर प्रदेश


प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर - लघुकथा का कथ्य और उसकी संप्रेषणीयता।

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - बीजेन्द्र जैमिनी, महेश राजा, कांता राय, बलराम अग्रवाल, सुकेश साहनी।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 
उत्तर - लघुकथा में कथ्य,संवाद योजना और उसका उद्देश्य।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - वाट्स एप, फेसबुक,यू  ट्यूब, ब्लाग।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - बहुत सशक्त माध्यम है यह अभिव्यक्ति का। लघुकथा के बढ़ते चरण अब विभिन्न विश्वविद्यालयों में पंहुचा चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लघुकथा लोकप्रिय हो रही है।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - संतुष्ट होना विकास की प्रक्रिया को बाधित कर जाता है। इसलिए हम संतुष्ट नहीं। इसके विविध आयाम और विकास की अपार संभावनाएं हैं।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की पृष्ठभूमि से हूं मैं।जब पैंतीस साल पहले  लेखन शुरू किया तब से अब तक बहुत परिवर्तन हुए हैं,शिक्षा जगत से जुड़े होने के कारण इससे जुड़ी लघुकथाएं अधिक लिखी। मुझे विश्वास है निश्चित रुप से उन का प्रभाव पाठक पर पड़ा होगा।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 
उत्तर - परिवार का भरपूर सहयोग मिला,मिल रहा है,तभी तो लेखन सृजन को पर्याप्त समय दे पा रहें हैं।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आजीविका तो लेखन नहीं है, लेकिन आजीविका के लिए लेखन उर्जा देता है।लेखन जारी है।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 
उत्तर - बहुत ही उज्ज्वल भविष्य है। प्रिंट मीडिया, इलैक्ट्रोनिक मीडिया हर मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। अब तो लघुकथा पर लघु फिल्म भी बन रही है।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर- अभिव्यक्ति की संतुष्टि मिली। पहचान मिली। जैमिनी अकादमी जैसी विशेष संस्था का सान्निध्य मिला है। आदरणीय बीजेन्द्र जैमिनी जैसे उर्जा के भंडार से उर्जा मिल रही है।


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