रंजना हरित से साक्षात्कार

जन्म : 12 अक्टूबर 1969
जन्मस्थान : पुरैनी,  नगीना , बिजनौर - उत्तर प्रदेश 
माता : श्रीमती विद्यावती  कौशिक
 पिता : डॉक्टर ताराचंद कौशिक
 शिक्षा : इंटर साइंस , बीटीसी, एम .ए .,बी .एड.
संप्रति : जूनियर हाई स्कूल अध्यापिका 
विधा : लघुकथा, कविता, कहानी,संस्मरण, लेख आदि।

साझा संकलन : -
लघुकथा - 2020 ( ई - लघुकथा संकलन )

सम्मान : -

- प्रो. उत्तम चन्द शरर स्मृति सम्मान - 2020 
- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर सम्मान - 2020
- गोस्वामी तुलसीदास सम्मान - 2020
- बिजनौर - रत्न सम्मान - 2020
- 2020 - रत्न सम्मान ( एक सौ एक साहित्यकार )
- विश्व कविता दिवस सम्मान - 2021

पता : रंजना हरित  w/o श्री संजय हरित
बी -14 नई बस्ती , निकट सेंट जॉन स्कूल 
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
प्रश्न न.1 -  लघुकथा में महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है?
उत्तर - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व  भाषा  शैली ,शिक्षाप्रद संदेश, संक्षिप्तता  तथा संप्रेषण है।

प्रश्न न.2 - समकालीन लघु साहित्य में कोई पांच नाम बताओ ? जिनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है?
उत्तर -  समकालीन लघुकथा साहित्य में पांच नाम -
 आदरणीय बीजेन्द्र जैमिनी जी , डॉ अनिल शर्मा "अनिल ", मीरा जैन, मंजू गुप्ता जी ,सतेंद्र शर्मा तरंग जी ।
           
प्रश्न नं 3 - लघुकथा की समीक्षा में कौन-कौन से  मापदंड होने चाहिए?
उत्तर -  लघु कथा की समीक्षा के मापदंड  लघुकथा की  भाषा शैली ,वर्तमान समस्या के विषय अनुकूल, सक्षिप्तता तथा संदेश प्रद के साथ शिक्षाप्रद भी हो।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है?
उत्तर -  लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के फेसबुक ,व्हाट्सएप, यूट्यूब,  ब्लॉग आदि प्लेटफार्म की महत्वपूर्ण भूमिका है।

प्रश्न न. 5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की 
क्या स्थिति है?
उत्तर - आज के साहित्यिक परिवेश में व्यस्त जीवन   
 चर्या के कारण लघुकथा समस्त पाठको व साहित्यकारों की पहली पसंद बन चुका है ,क्योंकि लघुकथा लिखने में मात्राओं व लय  आदि का ध्यान नहीं रखना पड़ता। तथा कम शब्दों व कम समय में गागर में सागर भर जाता है।

प्रश्न न. 6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप संतुष्ट हैं?
उत्तर - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से अभी मैं संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि लघुकथा को अभी अपने पूरे मुकाम पर पहुंचना है ।
              
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं शिक्षित, मध्यम परिवार की पृष्ठभूमि से हूं बचपन में भी मुझे नंदन,चंपक वगैरहा पढ़ना अच्छा लगता था ,वर्तमान की पीढ़ी पुस्तकीय ज्ञान से दूर हो गई थी मेरा प्रयास रहेगा कि अपनी लघुकथा में परिवार व समाज से जुड़े हर पहलुओं की समस्याओं के समाधान के संदेशप्रद
 लघुकथा लिखूं।
 
प्रश्न न.8 - आपके लेखन में आपके परिवार की क्या भूमिका है?
उत्तर - मेरे लेखन में परिवार व समाज महत्वपूर्ण भूमिका
 है क्योंकि परिवार व समाज से जुड़कर ही मैं लघुकथा लिख पाती हूं।
 
प्रश्न न.9 - आपकी आजीविका में आपके लेखन की क्या
स्थिति है?
 उत्तर -  मेरा लेखन मेरी आजीविका के लिए टॉनिक का काम करता है ,क्योंकि मेरी कलम मेरे जीवन में नई ऊर्जा का संचार कर जीविकोपार्जन के लिए तैयारी भी तो करती है।
 
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का  भविष्य कैसा
 होगा?
उत्तर  - मेरी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य साहित्य जगत   
में प्रमुख विधा के रूप में चमकेगा। क्योंकि यह विधा   
ही वो विधा है जिसमें शिक्षाप्रद संदेश व प्रेरणा दायक  ऊर्जा  संक्षेप में मिल जाती है।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य में आपको क्या प्राप्त हुआ है?
उत्तर - लघुकथा साहित्य से मुझे समाज की छोटी-बडी घटना से लेकर शिक्षाप्रद संदेश भी मेरी कलम को  ऊर्जा तथा साहित्य जगत में जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है ।
 तथा जो बातें हम प्रत्यक्ष रूप से किसी के सामने नहीं रख सकते अप्रत्यक्ष रूप से लघु कथा के रूप में समाज के सामने प्रस्तुत कर देते हैं।

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