रंजना सिंह से साक्षात्कार

जन्म तिथि : 19 मार्च
माता : प्रभावति देवी
पिता : रणजीत बहादुर सिंह
पति : भूपेन्द्र नाथ सिंह
शिक्षा :  एम. ए.समाजशास्त्र , पटना विश्वविद्यालय
विधा : लघुकथा, आलेख

 साझा संकलन : - 
  मुठ्ठी मे आकाश
  
 विशेष : - 
 
- आ. मधुदीप जी द्वारा लिखित "नमिता सिंह "लघुकथा का चारित्रिक वर्णन
 - जैमिनी अकादमी द्वारा पेश आज की चर्चा पर "अटल रत्न सम्मान"
- लेख्य -मंजूषा के अन्तर्गत हिन्दी को बढावा देना ।
- त्रैमासिक पत्रिका "स्पंदन"मे आलेख प्रकाशित होते रहते हैं।
      
पता - फ्लेट न.-302 , साकेत अपार्टमेंट
         पटेल नगर , पटना - बिहार 
प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर - लघुकथा मे महत्वपूर्ण तत्व है - (कथा)वस्तु , (कथा) नायक.संवाद ,वातावरण, शैली, उद्देश्य 

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - योगराज प्रभाकर जी ,सतीश पुष्करणा जी ,बीजेन्द्र जैमिनी जी कांता राय जी और सुकेश साहनी जी  का लघुकथा साहित्य मे बहुत  महत्वपूर्ण योगदान है। इस संबंध मे मैं आदरणीय पुष्करणा जी का नाम लेना चाहूंगी जिनके सानिध्य में मैंने लघुकथा लेखन की राह पर पहला कदम रखा और उनके मार्ग दर्शन मे सतत आगे बढने की प्रयास कर रही हूँ।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 
उत्तर - किसी भी विधा की समीक्षा के लिए जरूरी है - निष्पक्षता, तटस्थता, गुणवत्ता। लघुकथा की समीक्षा के लिए कथा की शीर्षक उपयुक्तता, पंच लाइन और छिपे संदेश को भी पहचान कर समीक्षीय दायित्व निभाने की जरुरत है।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - लघुकथा साहित्य मे सोशल मीडिया के प्लेटफार्म  की बहुत ही महत्वपूर्ण है  जैसे- फेसबुक, वाट्सएप, वेबसाइट, ब्लग, ई पत्रिकाएं, ई पुस्तक, यू  ट्यूब।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ? 
उत्तर - आज के साहित्यिक परिवेश जिसमें डिजिटल दुनिया का अच्छा खासा प्रभाव है। इस दौर मे लघुकथा अपनी संक्षिप्त विवरण मे सफल प्रतीत हो रहा है।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
 उत्तर - यह सत्य है कि वर्तमान मे लघुकथा को जो अहमियत मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए और प्रयत्न करने आवश्यकता मेरी तरफ से महसूस की जा रही है।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं समाजशास्त्र के पृष्ठभूमि से हूँ ।साहित्य से भी प्रभावित हूँ।संस्थाओं के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र मे जागरूकता का प्रयास करती हूँ।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 
उत्तर - परिवार का कहीं से भी कोई विरोध नहीं रहता है।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - मेरे लेखन मे आजीविका का कोई महत्व नही है।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 
उत्तर - लघुकथा का भविष्य मुझे उज्जवल लगता है। आजकल के भाग दौड़ की जिंदगी मे समय का समय का अभाव सब के पास है।लम्बी कहानी ,उपन्यास इत्यादि के लिए समय निकलना मुश्किल है।ऐसे मे छोटी रचना अगर सारगर्भित एवं समकालीन हो तो युवाओं के साथ साथ सभी वर्गों का लघुकथा के प्रति आकर्षण बढ़ सकता है।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - लघुकथा रचना एक कला है जिसमें कम से कम शब्दों मे बड़ी बातें कही जाती है। प्रयास करने से कला मे निखार आता है। मैं ने भी लघुकथा लिखना जब शुरू किया तब काफी परेशानियाँ आ रही थी ,शब्द बढ़ जाते थे,कथा लम्बी हो जाती थी। धीरे धीरे अभ्यास करने से मैने जाना कि शब्दों के उचित प्रयोग से हल्के वाक्यों का सहारा लेते हुए लघुकथा को लिखा जा सकता है।और समय के साथ प्रयास करते हुए कई लघुकथा मैनै लिखा भी ।

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