सुशीला जोशी से साक्षात्कार

जन्म : 5सिम्बर 1941
पिता : स्व०काशीनाथ शर्मा 
माता : स्व०रामकली देवी 
पति : डॉ०  आर०  डी०  जोशी

शिक्षा :- 
MA -हिंदी ,अंग्रेजी। BEd।  संगीतप्रभाकर -सितार ,तबला , कथक ,गायन 
(प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद)

व्यवसाय : -
Engilsh Medium Residancial Public  Schools 
सैनिक स्कूल कुंजपुरा करनाल,
पंजाब पब्लिक स्कूल नाभा ,
 यादवेंद्र पब्लिक स्कूल पटियाला ,
 एपीजे पब्लिक स्कूल फरीदाबाद , 
मोतीलाल नेहरू स्पोर्ट्स स्कूल राई , 
दयावती मोदी पब्लिक स्कूल मोदीनगर  में अध्यापन व प्रिंसिपल ।

प्रकाशन -
9पुस्तकें प्रकाशित 
2 ईबुक -अमेजोन ,किल्डल पर उपलब्ध 
 68 साझा संकलन 
                             
सम्मान :-

अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन संस्था के दूसरे अधिवेशन बंगलौर में कर्नाटक के महामहिम श्री डी०,एन० तिवारी द्वारा सम्मानित 2006 ।
 कृषि औद्योगिक प्रदर्शनी में जनपद मुजफ्फरनगर के जिलाध्यक्ष द्वारा सम्मानित 
 उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य संस्थान लखनऊ द्वारा अज्ञेय पुस्कार 
 जनपद प्रशासन द्वारा *मलाला* सम्मान के लिये चयनित । 
  आगमन संस्था हापुड़ द्वारा विशिष्ट अतिथि सम्मान 
   नेहरू युवा केन्द्र द्वारा विशिष्ट अतिथि सम्मान 
अर्णव कलश द्वारा प्रदत्त सम्मान: -
  डॉ कमलेश भट्ट " कमल" सम्मान --,हाइकु 
  रामचरन गुप्त सम्मान -लघुकथा 
  मुंशी प्रेमचंद कहानीकार सम्मन -कहानी 
  श्रीमती महादेवी वर्मा सम्मान -संस्मरण 
  राहुल सांकृत्यायन सम्मान-   यात्रा वृतांत 
  जयशंकर प्रसाद सम्मान -एकांकी 
  काका हाथरसी सम्मान -व्यंग 
  प्रताप नारायण मिश्र सम्मान-निबन्ध 
  बलकृष्ण भट्ट सम्मान -,साक्षत्कार 
  गिरधर कविराय सम्मान-कुंडलिया 
  रोला शतकवीर सम्मान -रोला लेखन 
   मुक्तक शतकवीर कलम की सुगंध सम्मान -मुक्तक 
  मनहर शतकवीर कलम की सुगंध सम्मान -घनाक्षरी 
   श्रेठ हाइकुकार सम्मान -,हाइकु 
  स्वर कोकिला सरोजिनी नायडू वार्षिक साहित्य सम्मान 
  मात्सुओ "बासो"कलम की सुगन्ध सम्मान -,हाइकु
   
अन्य संस्थाओं द्वारा प्रदत्त सम्मान:-

काव्य रंगोली हिंदी साहित्यिक पत्रिका द्वारा -- काव्य रंगोली दादी माँ सम्मान 
 अखिल भारतीय साहित्यिक कला मंच मुरादाबाद द्वारा - साहित्य श्री
 राष्ट्रीय कवि चैपाल द्वारा -*रामेश्वर दयाल दुबे* साहित्य सम्मान 
 जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति पीलीभीत द्वारा प्रदत्त - *वागेश्वरी -पुंज अलंकरणज़*  
 नव सृजन कला साहित्य एवं संस्कृति न्यास द्वारा - *नवसृजन हिंदी रत्न* सम्मान 
  के० बी०हिंदी साहित्य समिति द्वारा साहित्यकार सम्मान के अंतर्गत - *गौरा पन्त शिवानी स्मृति* सम्मान 
मधुशाला साहित्यक परिवार द्वारा - *साहित्य रत्न 2018सम्मान*
 शिवेत रक्षिति साहित्य मंच द्वारा- *सहित्य सृजक* 
  मधुशाला साहित्यिक परिवार द्वारा -- *काव्य दिग्गज अलंकरण* सम्मान 

अन्य गतिविधियां :-

अखिल भरतीय कविसम्मेलनों में काव्य पाठ 
1961 में दिल्ली आकशवाणी से ध्वन्यात्मक नाटको में ध्वनि प्रसारण 
नजीबाबाद आकाशवाणी केंद्र से कवितापाठ 19 65 
1969 व  2009 में रंगमंच अभिनय 
मंच पर शास्त्रीय गायन व कथक की प्रस्तुती 1968 से 2000 तक 

पैदल पर्वतीय भ्रमण : -

काठगोदाम से नैनीताल 
 नैनीताल से रानीखेत 
 रानीखेत से काठगोदाम 
चकरौता से व्यास शिला ,वापसी 35किलोमीटर 
चकरौता से मसूरी 90 किलोमीटर
कुल्लू से मनाली 
मनाली से रोहतांक पास 
रोहतांक पास से कुल्लू 

पता : -
948/ 3 योगेंद्र पुरी ,रामपुरम गेट
मुजफ्फरनगर -251001 उत्तर प्रदेश

प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर - लघुकथा सबसे महत्वपूर्ण तत्व उसका यथार्थ जो पाठक को उसके लघुसमय में घटित घटना से जोड़ता है ।लघुकथा स्वयं यथार्थ के लिये प्रतिबद्ध है ।

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - चित्रा मुद्गल, हरिशंकर परसाई, विष्णु प्रभाकर , युगल , पृथ्वीराज अरोड़ा

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 
उत्तर - यथार्थ और प्रस्तुति इसके मुख्य मापदंड है इसके अतिरिक्त जीवन से जुड़ा कथ्य, कथोपकथन , संयत चरित्र और विशिष्ट शैली भी लघुकथा की समीक्षा के मापदंड है

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - लघुकथा साहित्य में प्रिंट मीडिया ,व्हाट्सएप , लाइव वाचन में तो पहले से अपने पैर जमाये थी लेकिन अब तो इनके ऊपर लघु फ़िल्म भी बनने लगी है । फ़िल्म और लाइव- वाचन  दो मीडिया बहुत सशक्त है जी लघुकथा के प्रसार प्रचार में बहुत सहायक सिद्ध हो सकती है ।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज की लघुकथा ने कहानी लेखन को  पिछाड़ दिया और तेजी से आगे बढ़ रही है ।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - उपन्यास कहानियों में सिमटे और कहानियाँ लघुकथाओं में जिन पर आज जम कर लिखा जा रहा है ।इसीलिए लघुकथा नव विधा के रूप में विकसित हो रही है ।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं एक बहुत ही शिक्षित व सुसंस्कृत पृष्ठभूमि से हूँ । कुछ परम्पराएँ तोड़ के आगे बढ़ी और अपनी बहनों को भी उसी पथ पर बढ़ने में मदद की । ससुराल में आ कर परिवेश में आमूलचूल परिवर्तन किया । अपने परिवार को प्रगतिशील बनाया ।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 
उत्तर - लेखन तो 13 वर्ष की अवस्था से आरम्भ हुआ ।पति ने बहुत उत्साहित किया ।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तम - शून्य । मैने लेखन  को कभी व्यापार नही बनाया क्योकि मुझे व्यापार करना आता ही नही । लेखन पाठकों के लिए किया और आत्मतुष्टि के लिए किया ।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 
उत्तर - आज की भागमभाग वाली जिंदगी में किसी गम्भीर घटना को लघुकथा के रूप में प्रस्तुत कर सार्वजनिक करने का एक उत्तम माध्यम ।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - संतुष्टि कि साहित्य की एक नई विधा लिखना सीख गए ।

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